औरंगाबाद में बोले भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता- गीता प्रेस का विरोध कर रहे जयराम रमेश पहले पढ़ ले गीता, तब करे बात : सरदार आरपी सिंह


औरंगाबाद भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंजाब के पूर्व विधायक सरदार आरपी सिंह ने गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार देने की तुलना सावरकर एवं गोडसे को सम्मान देने के समान कहे जाने पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। श्री सिंह ने सोमवार को औरंगाबाद में प्रेसवार्ता में कांग्रेस नेता के इस बयान की कड़ी भर्त्सना करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता को यह पता होना चाहिए कि गीता प्रेस कांग्रेस के बनने से पहले 1860 में स्थापित हुई है। गीता प्रेस सिर्फ़ सनातम धर्म की किताबें भागवत गीता, रामायण, रामचरितमानस और अन्य ग्रंथ ही नही छापती बल्कि इस्लाम और उर्दू की किताबें भी छापती है। जयराम रमेश का गीता प्रेस को देखने का नजरिया गलत है। वें इसे किस चश्में से देखते है,

ये वें जाने लेकिन उनका नजरियां बेहद गलत है। उन्हे पता होना चाहिए कि गीता प्रेस का नाम जिस भागवद् गीता को छापने कारण गीता प्रेस है, वह गीता कोई मजहबी ग्रंथ नही है। यह ग्रंथ किसी मजहब का नही बल्कि नीति का ग्रंथ है, जिसके प्रति लोगों में अगाध सम्मान है। इनका काम सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करना है। इन्हे मोदी विरोध के लिए किसी न किसी बहाने से मतलब है। ये कभी राम का नाम लेकर मोदी का विरोध करते है, अब गीता का नाम लेकर मोदी का विरोध कर रहे है।

इनके पूरे बयान का मकसद भाजपा और मोदी का विरोध करना है। उनकी सलाह है कि जयराम रमेश गीता प्रेस से भागवत गीता की एक प्रति मंगाकर पढ़ ले। उनकी सारी भ्रांतिया दूर हो जाएंगी और अपने चश्में से देखने का उनका नजरिया भी बदल जाएगा। राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि गीता प्रेम सिखाती है, वें उस प्रेम को सीखे। कहा कि कांग्रेस की तो यह पुरानी आदत है कि इसके लोग कभी खुद को हिंदुवादी कहने लगते है।

कभी खुद को जनेउधारी ब्राहम्ण बताते है। यह सब करते हुए कांग्रेस देश में हिंदु और हिंदुत्व के नाम पर वैमनस्य फैलाने का काम करती है। यही काम जयराम रमेश गीता प्रेस और भागवत गीता का विरोध के बहाने कर रहे

तालाब में डूबकर दो सगे भाईयों समेत तीन बच्चों की मौत, परिवार मे मचा कोहराम

औरंगाबाद : सदर प्रखंड के जम्होर में आज सोमवार को कचहरी तालाब में डूबकर तीन बच्चों की मौत हो गयी हैं। मृतकों में आयुष (6), तेजस्वी (5) एवं पीयूष(6) वर्ष शामिल है। मृतकों में तेजस्वी अपने पिता गोविंद का इकलौता संतान था। वही आयुष और पीयूष सगे भाई है, जो गोपाल के पुत्र थे। तीनों जम्होर के निवासी थे। 

बताया जाता है कि तीनों बच्चें स्नान करने गये थे। इसी दौरान तीनों की डूबकर मौत हो गई।

बताया जाता है कि तीनों बच्चें मित्र है और तीनों ही बुधवार को सुबह एक साथ घुमने निकले थे। घुमने के दौरान ही वे कचहरी तालाब पर चले गये, जो चार दिन पहले बना था। उसी तालाब के पास एक पुराना दलदली वाला है, जो नये तालाब से बिल्कुल ही सटा हुआ है। 

बच्चें तालाब में नहाने के साथ ही तालाब के मेड़ पर खेल रहे थे। इसी दौरान तीनों का पैर फिसला और तीनों ही तालाब से सटे बगल वाले दलदली वाले तालाब में गिर गए। ज्यादा गहरा होने के कारण तीनों बच्चें डूबने लगे। 

स्थानीय लोगों ने बच्चों को तालाब में डूबता देख आनन-फानन में तालाब से निकालकर इलाज के लिए जम्होर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया, जहां चिकित्सकों ने प्रारंभिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया, जहां इलाज के दौरान तीनों की मौत हो गई। 

मृतकों में दो बच्चे आयुष और पीयूष दोनो सगे भाई है, जो जम्होर कचहरी मुहल्ले के निवासी गोपाल यादव के पुत्र थे। 

हादसे के बाद पिता ने रोते हुए कहा कि उसके दो ही बेटे थे। दोनों के मरने के बाद वह संतानहीन हो गए है। 

तीनों बच्चों की हादसे के बाद जम्होर कचहरी मुहल्ले में मातम पसरा है। परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। इधर मामले की जानकारी मिलने के बाद जम्होर थाना की पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है। 

थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने बताया कि पुलिस तीनों शवों का पोस्टमार्टम कराने में जुटी है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में बदलेगा मौसम का मिजाज : कल से बारिश का अनुमान, गर्मी से लोगों को मिलेगी राहत

औरंगाबाद :- जिले में हीट वेव तांडव मचा रहा है। इस भीषण गर्मी के बीच लोगों के लिए राहत की खबर है। हीट वेव का असर कम रहेगा, लेकिन तीखी धूप निकलेगी। मौसम विभाग के मुताबिक औरंगाबाद में मंगलवार से बारिश का आसार हैं।

20 से 22 जून तक बारिश की संभावना

जिले के बारूण प्रखंड के सिरिस स्थित कृषि विज्ञान केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे ने बताया कि जिले में आज से मौसम बदलने का अनुमान है। मंगलवार से जिले के कुछ इलाके में बादल के साथ-साथ बूंदाबांदी बारिश भी हो सकती है। 22 जून तक जिले में अच्छी बारिश की संभावना है। इसके बाद जिले वासियों को गर्मी से निजात मिलेगी।

24 जून तक सभी स्कूल हुए बंद

जिले में जारी भीषण गर्मी व लू को देखते हुए जिले के सभी स्कूलों को 24 जून तक बंद कर दिया गया है। इस संबंध में डीएम सुहर्ष भगत ने आदेश जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि भीषण गर्मी व लू को देखते हुए जिले के सभी स्कूल बंद रहेंगे। संबंधित अधिकारियों को आदेश का पालन करवाने का निर्देश डीएम द्वारा दिया गया है। जिन संस्थाओं द्वारा उक्त आदेश का पालन नहीं किया जाएगा। उनके खिलाफ कार्रवाई होगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

किसान सलाहकार व कोर्डिनेटर हड़ताल पर, बीज वितरण की गति धीमी*


औरंगाबाद :- समायोजन तदनुरूप मानदेय भुगतान की मांग को लेकर किसान सलाहकार हड़ताल पर चल रहे हैं। लिहाजा अनुमंडल के इलाके में किसानी प्रभावित है। बीज वितरण की प्रतिशत धीमी है। आकड़े के लिहाज से औरंगाबाद जिले में अब तक 1 दशमलव 07 प्रतिशत बीज का वितरण हुआ है। किसानों की माने तो बीज बोवाई को लेकर रोहन नक्षत्र को उत्तम माना जाता है। परंतु इस नक्षत्र में इलाके में बीज बोवाई एक तरह से सिफर ही रहा। मृगदाह चल रहा है। 

आद्रा नक्षत्र भी अब आने ही वाला है। बावजूद खेती में धुर उड़ रहे हैं। किसानों के माथे पर पसीना है। किसान सलाहकार और सरकार के बीच बात बन नहीं रही है। बेचारे किसान चिंतित हैं। बीज बुआई समय पर नहीं हुई तो खरीफ फसल की किरकिरी तय है। देहात में एक कहावत है- "आगे खेती आगे-आगे, पीछे खेती भागे-योगे। दाउदनगर इलाके के किसानों की चिंता इसी बात की है। 

इधर किसान सलाहकार और संघ के दाउदनगर मीडिया प्रभारी आलोक टंडन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर मांगे पूरी होने तक हड़ताल पर डटे रहने की बात कही है। कहा है कि हम किसान सलाहकारों की यह मांग 13 वर्षों से लंबित है। हम खेतों में खून-पसीना बहाते हैं बावजूद सरकार हमारी सुन नहीं रही है। लिहाजा आंदोलन के सिवा हमारे पास कोई और रास्ता रह नहीं गया है। 

बहरहाल कुछ भी हो सरकार और सलाहकारों के बीच ठनी लड़ाई में बेचारे किसान पीसने को बाध्य हो गए हैं। खेती पीछे पड़ने की संभावना तेज दिख रही है। पूछे जाने पर दाउदनगर बीएओ विजय रजक ने बताया कि न सिर्फ किसान सलाहकार कोर्डिनेटर भी हड़ताल पर हैं। लिहाजा ऑनलाइन का काम भी ठप है। हमारे यहाँ बीज उपलब्ध नहीं है। बीज वितरण अब तक नहीं हुआ है। इक्का-दुक्का किसानों के ऑनलाइन करने की सूचना है। अब बीज आएगा। कहा कि वे मजबूर हैं। कुछ कर भी नहीं सकते।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद में हिट वेव ने मचाया तांडव, जिले में 24 घंटे के अंदर लू से 5 की गई जान, कई इलाजरत

औरंगाबाद :- जिले में हीट वेव तांडव मचा रहा है। पिछले 24 घंटे के अंदर लू से पांच लोगों की जान चली गई। वहीं कई लोग सरकारी व निजी अस्पताल में इलाजरत हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की नजर में एक भी हीट वेव से मौत नहीं हुई है। जो समझ से परे है। 

तेज बुखार लगने के बाद परिजन सदर अस्पताल लेकर पहुंच रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है। अस्पताल में बुखार से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ी है। हीट वेव से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई तैयारी नाकाफी साबित हो रही है।

रविवार की दोपहर एक युवक बधार में खेत देखने के लिए निकला था, लेकिन वह देर तक घर नहीं लौटा। कुछ देर बाद गांव के लोग बधार में पहुंचे तो एक पेड़ के युवक को मृत पड़ा देखा। जिसके बाद इसकी सूचना परिजनों को दी गई। परिजनों व ग्रामीणों ने लू से मौत की आशंका जतायी है। मृतक 32 वर्षीय लवकुश शर्मा ओबरा प्रखंड के खुदवां गांव का रहने वाला था। 

घटना के बाद इसकी सूचना पुलिस को दी गई। जिसके बाद पुलिस शव को अपने कब्जे में लेकर कागजी प्रक्रिया पूरी कर पोस्टमार्टम के लिए औरंगाबाद सदर अस्पताल भेज दिया। जहां से पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

वहीं रविवार को बुखार लगने के बाद सदर अस्पताल पहुंचते ही एक वृद्ध समेत दो लोगों ने दम तोड़ दिया। मृतकों में कुटुम्बा प्रखंड के लोहा बिगहा निवासी 36 वर्षीय सतीश सिंह व मदनपुर प्रखंड के गैवाल बिगहा निवासी 65 वर्षीय वृद्ध रामेश्वर यादव शामिल है। मृतक सतीश सिंह के परिजनों ने बताया कि रात में तेज बुखार आयी। जिसके बाद घरेलू उपचार किया गया। तबीयत ठीक नहीं होने पर सुबह सदर अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां इलाज के दौरान ही कुछ देर बाद मौत हो गई।

हालांकि परिजन शव को बगैर पोस्टमार्टम कराए ही घर लेकर चले गए। इधर मृतक वृद्ध के परिजनों ने बताया कि अचानक तेज बुखार आयी। जिसके बाद दोपहर करीब 03:00 बजे सदर अस्पताल इलाज के लिए लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद मृत घोषित कर दिया गया। 

इस संबंध में सदर अस्पताल प्रबंधक हेमंत राजन ने बताया कि सदर अस्पताल में फिलहाल हीट वेव के तीन मरीज इलाजरत हैं। जिन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। रविवार को हीट वेव से एक भी मौत नहीं हुई है।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद:-लोजपा(रामविलास) चिकित्सा प्रकोष्ठ के आयोजित मगध प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक सह प्रशिक्षण शिविर में पार्टी के नेता जमकर गरजे।

 नेताओं ने राज्य के सभी जिलो में ग्रामीण चिकित्सकों के प्रति सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के रवैये की आलोचना की। सीधे तौर पर चेतावनी देते हुए कहा कि वें ग्रामीण चिकित्सकों के खिलाफ छापेमारी करना बंद करे अन्यथा सड़क पर आरपार की लड़ाई होगी। 

यह भी कहा कि काबिलियत के मामले में हम भी दूसरे चिकित्सकों से कम नही है। हमें कम नही आंके। हमने भी एनआइओएस से प्रशिक्षण लिया है और कोरोना काल में भी अपना दम खम दिखाया है।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. अजय कुमार ने कहा कि पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ से पूरे राज्य में बहुतायत संख्या में ग्रामीण चिकित्सक जुड़े हुए है। ग्रामीण इलाकों में ये सर्वाधिक योग्य चिकित्सक है।

 इन्ही के हाथों गांवों में इलाज का सारा सिस्टम चलता है। कोरोना काल में जब डॉक्टर्स घरों में छिपे थे। मरीजों को देखने से कतरा रहे थे। उस वक्त इन्होने गांव गांव में लोगो की जान बचाने का काम किया। इन्हे नवीनतम जानकारियों से अवगत कराने के लिए पार्टी ने यह प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया है। 

कहा कि पार्टी अपने हर प्रकोष्ठ को मजबूत बनाने में लगी है क्योकि हम बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट के विजन पर काम कर रहे है। हमे अपने नेता चिराग पासवान को 2025 में बिहार का मुख्यमंत्री बनाना है। इसपर पार्टी मजबूती से काम कर रही है। कार्यक्रम में प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. शैवाल ने बतौर विशेषज्ञ बेसिक लाइफ सपोर्ट एवं ओरल कैंसर से बचाव व उपचार की विस्तार से जानकारी दी। 

कार्यक्रम में प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. डॉ. भूपेंद्र कुमार, प्रधान महासचिव डॉ. ममता मिश्रा, प्रदेश सचिव डॉ. दीपक सिंह, एलजेपीआर के प्रदेश महासचिव प्रमोद सिंह, पार्टी संसदीय बोर्ड के प्रदेश उपाध्यक्ष चंद्रभूषण कुमार उर्फ सोनू सिंह, पार्टी के प्रदेश सचिव विजय यादव एवं जिलाध्यक्ष अनूप ठाकुर आदि ने प्रमुख रूप से विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रकोष्ठ के औरंगाबाद जिलाधयक्ष सह मगध प्रमंडल प्रभारी डॉ. रामविलास पासवान ने की। कार्यक्रम में प्रकोष्ठ के मगध प्रमंडल स्तरीय संगठन के पदाधिकारी, सभी जिलो एवं प्रखंडो के अध्यक्ष के अलावा कार्यकर्ता तथा ग्रामीण चिकित्सक मौजूद थे।

औरंगाबाद में दो दिवसीय नाइट वॉलीबॉल टूर्नामेंट का हुआ शुभारंभ, एलजेपीआर के प्रदेश महासचिव प्रमोद सिंह ने किया उद्घाटन

औरंगाबाद : शहर के में इंडोर स्टेडियम के खेल परिसर में शनिवार को देर शाम समाजसेवी व औरंगाबाद वॉलीबॉल एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने दो दिवसीय नाईट वॉलीबॉल टूर्नामेंट का फीता काटकर आगाज किया। कार्यक्रम में सर्वप्रथम समाजसेवी प्रमोद कुमार सिंह ने खेल परिसर में मौजूद सभी खिलाड़ियों से मुलाकात करते हुए परिचय प्राप्त किया। इसके बाद परंपरा अनुसार विधिवत तरीके से फीता काटकर दो दिवसीय वॉलीबॉल खेल नाईट टूर्नामेंट का आगाज किया। तत्पश्चात समाजसेव ने अपने हाथों ही वॉलीबॉल उछाल कर खेल प्रारंभ कराया जिससे खेल परिसर में मौजूद सभी खिलाड़ी एवं टीम में शामिल लोग भी काफी उत्साहित हुए।

टूर्नामेंट में कुल 08 टीम भाग ले रही है, जिसमें बिहार राज्य के पड़ने वाली औरंगाबाद जिला टीम, बारुण प्रखंड की कदोखरी टीम, गया जिला टीम, बेगूसराय, कटिहार, समस्तीपुर एवं उत्तर प्रदेश राज्य के वाराणसी, गाजीपुर की टीम शामिल है। 

इस मौके पर औरंगाबाद जिला वॉलीबॉल खेल टूर्नामेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह ने कहा कि जब युवाओं के मनोबल को बढ़ाने की बात होती है। तब मैं हमेशा उपस्थित रहता हूं। वॉलीबॉल एसोसिएशन का अध्यक्ष होने के नाते मुझे और उत्साह बढ़ गया है। मेरा सोच भी है कि औरंगाबाद जिला वॉलीबॉल में नाम रौशन करे। ग्रामीण क्षेत्रों में भी छिपी हुई टीम की प्रतिभा बिहार के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी खेलें, और औरंगाबाद जिला का नाम रौशन करें।

इसके बाद वॉलीबॉल टूर्नामेंट के अध्यक्ष, प्रमोद कुमार सिंह एवं उपाध्यक्ष अमरनाथ सिंह उर्फ कान्हा सिंह ने बताया कि विजेता बनने वाले खिलाड़ियों को 21,000 रुपया प्रथम पुरस्कार तथा उपविजेता बनने वाले खिलाड़ियों को 11,000 रुपया का द्वितीय पुरस्कार दिया जाएगा। तृतीय विजेता बनने वाले खिलाड़ी को मैन ऑफ द सीरीज के साथ-साथ शिल्ड भी प्रदान किया जाएगा। सभी खिलाड़ियों को पुरस्कार वितरण करते हुए मनोबल भी बढ़ाया जाएगा।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

औरंगाबाद के लोगों को हीट वेव से मिलेगी राहत, 20 से 23 जून तक हल्की बारिश के साथ मेघ गर्जन व आकाशीय बिजली गिरने की संभावना


औरंगाबाद : भयंकर गर्मी और हीट वेव का प्रकोप झेल रहे औरंगाबाद के लोगो के लिए राहत भरी खबर है। जल्द ही जिले में बारिश की संभावन है। जिससे लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत मिलेगी। 

कृषि विज्ञान केंद्र, सिरिस के कृषि मौसम वैज्ञानिक डॉ. अनूप चौबे ने बताया कि 19 जून से लोगों को हीट वेव से राहत मिलेगी। 20 से 23 जून तक हल्की बारिश के साथ मेघ गर्जन व आकाशीय बिजली गिरने की संभावना है। 

उन्होने बताया कि मौसम के पूर्वानुमान के अनुसार आगामी पांच दिनों-19, 20, 21, 22 व 23 जून को अधिकतम तापमान 43, 41, 39, 38, व 37 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 30, 29, 28, 27 व 27 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है।

20 जून से आसमान में मध्यम बादल छाए रहेंगे एवं मेघ गर्जन के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है। 19 जून से हीट वेव (लू) का असर भी कम होने की संभावना है। फिर भी तेज धूप में निकलने से परहेज करना है। 22 जून से अच्छी बारिश की संभावना है।

किसानो को सलाह है कि पहली बारिश में खुद व अपने पशुओं को न भींगने दे। जिन किसानों ने मूंग की फसल लगाई है, वे तैयार फलियों की तुड़ाई कर ले। मौसम खराब होने पर पशुओं को भी बाहर निकालने से परहेज करें।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

शादीशुदा युवक ने कच्ची उम्र में लड़की को प्रेमजाल में फांसा, सात साल तक किया यौन शोषण

दिखावें के लिए मांग में सिंदूर नही लगाने के शर्त पर किया गंधर्व विवाह, गर्भपात भी कराया, ओरिजनल शादी की बारी आने पर घर छोड़ हुआ फरार, न्याय की आस में दर-दर भटक रही प्रेमिका 

औरंगाबाद : शहर के एक मुहल्ले के एक आशिक ने प्रेमिका के साथ लव, सेक्स और धोखा का बेहद ही घिनौना खेल खेला है। पहले से ही शादीशुदा उस युवक ने युवती को पहले तो प्रेमजाल में फांसा। प्रेम जाल में फंसकर युवती युवक की प्रेमिका बन गई। प्रेमिका को वह एक-दो साल नही बल्कि पूरे सात साल तक बहलाता-फुसलाता रहा। उसके शरीर से खेलता रहा यानी प्रेमिका को शादी का झांसा देकर यौन शौषण करता रहा। इतना ही नही जब प्रेमिका प्रेगनेंट हो गयी तो उसका गर्भपात भी करा दिया। फिर भी प्रेमिका भरोसा करती रही।

 मंदिर में किया गंधर्व विवाह-

बर्दाश्त करने की भी एक सीमा होती है। आखिरकार बर्दाश्त की सीमा टूटने लगी और प्रेमिका ने जब शादी के लिए दबाव बनाया तो प्रेमी ने भरोसा जताने के लिए दिखावा किया और मंदिर में गंधर्व विवाह भी रचा लिया। कुछ महीनों तक यह भी चला। 

पहले से ही शादीशुदा निकला प्रेमी, प्रेमिका के हांथों के तोतें उड़े-

इस बीच उसे पता चला कि उसका प्रेमी पहले से ही शादीशुदा है। यह पता चलते ही उसके हांथों के तोतें उड़ गए। वह जमीन पर आ गई। वह तो अपना सब कुछ पहले ही लुटा चुकी थी। 

मजबूरी में धोखेबाज प्रेमी से ही शादी करने का लिया फैसला

-नतीजा कोई और चारा न दिखने पर प्रेमिका ने शादीशुदा होने के बावजूद धोखेबाज प्रेमी से ही शादी करने का इरादा किया क्योकि उसका धैर्य जवाब दे गया था और सब कुछ लुटाने के बाद मक्खी वाली दुध निगलने के समान शादीशुदा प्रेमी की दूसरी बीवी बनने के लिए ब्याह रचाना ही खुद को सेटल करने का एकमात्र विकल्प बचा था। लिहाजा मन मारकर इस विकल्प का इस्तेमाल करने के लिए उसने प्रेमी पर ओरिजनल वाली शादी करने का दबाव बनाया। 

ओरिजनल शादी का दबाव बनाते ही प्रेमी फरार-

यह दबाव बनाते ही प्रेमी शादी करने से मुकर गया और अपना घर छोड़कर कही फरार हो गया। प्रेमी की बेवफाई से आहत हुई प्रेमिका अब घायल नागिन बनी फुफकारती हुई न्याय के लिए दर-दर भटक रही है और जमाने की ठोकरें खा रही है।

 

न्याय की उम्मीद लेकर एसपी से मिली प्रेमिका-

न्याय की ही उम्मीद लिए प्रेमिका शनिवार को औरंगाबाद की पुलिस कप्तान स्वपना गौतम मेश्राम से मिली। उसने एसपी से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि आप महिला है। एसपी होने के साथ ही एक महिला होने के नाते भी आप मेरी मदद कीजिएं। आपसे ही मुझे न्याय की उम्मीद है। आप न्याय की देवी के रूप में मुझे न्याय दिलाइएं। युवती से आवेदन लेने और उसकी दुःख भरी कहानी जानने के बाद पुलिस अधीक्षक ने उसे न्याय दिलाने का भरोसा दिलाया है। 

प्रेमी वार्ड पार्षद का बेटा, प्रेमिका के साथ खेला बेहद घिनौना खेल-

वही प्रेमिका ने एसपी को दिए आवेदन में कहा है कि उसके साथ बेहद घिनौना खेल खेलने वाला कोई और नहीं बल्कि शहर के एक वार्ड पार्षद का बेटा है। 

नाबालिग थी तो प्रेमजाल में फांसा, अब बालिग-

वार्ड पार्षद के बेटे ने ही उसे अपने प्रेमजाल में उस वक्त फंसाया जब वह नाबालिग थी। वह उसके प्रेम में पागल होकर उसे अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। 

मांग में सिंदूर नही लगाने के शर्त पर मंदिर में की शादी-

इतना ही नहीं वार्ड पार्षद के पुत्र ने उसके साथ इस शर्त पर मंदिर में शादी कर ली कि वह सिंदूर नहीं लगाएगी। जब वास्तविक शादी होगी तब वह अपनी मांग में सिंदूर लगाएगी। 

प्रेगनेंट होने पर कराया गर्भपात-

वर्ष 2020 में जब प्रेमी को पता चला कि वह गर्भवती हो गई है तो उसने बहला-फुसलाकर गर्भपात भी करा दिया। इसके बाद से प्रेमी के व्यवहार में परिवर्तन आने लगा। सब कुछ जानते हुए प्रेमिका ने जब प्रेमी पर शादी करने का ज्यादा ही जोर जमाया तो अंततः प्रेमी शादी के लिए रजामंद हुआ।  

निबंधन कार्यालय में दिया मैरिज करने के लिए आवेदन, शादी के डेट पर नही आया प्रेमी-

फिऱ दोनो ने मिलकर पटना के निबंधन विभाग में शादी के लिए आवेदन दिया। आवेदन के बाद पहली तारीख इसी साल के 27 मई की पड़ी। फिर दूसरी तिथि 15 जून की पड़ी लेकिन दोनों में से किसी भी तारीख पर वह रजिस्ट्रार के समक्ष शादी के लिए हाजिर नहीं हुआ।

 

फोन करने पर प्रेमी के छोटे भाई ने उठाया, कहा अपशब्द

इसके बाद प्रेमिका ने जब प्रेमी से बात करने के लिए फोन लगाया तो फोन उसके छोटे भाई ने उठाया और काफी गाली गलौज करते हुए जान मारने की धमकी दी। 

महिला थाना में भी लगाई गुहार जहां प्रेमी के परिवार वालों ने दी जान मारने की धमकी-

प्रेमिका ने बताया कि न्याय के लिए वह 16 जून को औरंगाबाद महिला थाना गई तो वहां भी प्रेमी के परिवार वालों ने इशारों-इशारों में जान मारने की धमकी दी। प्रेमिका ने एसपी को कई साक्ष्य की भी जानकारी दी है और कहा है कि जब भी जरूरत पड़ेगी, वह उसे प्रस्तुत कर सकती है। उसने एसपी से न्याय दिलाने की प्रार्थना की है। 

प्रेमी पहले से ही शादीशुदा व बच्चें का बाप*-

यह भी बताया जाता है कि आरोपित प्रेमी पहले से ही शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। अब देखना यह है कि प्रेमिका को न्याय मिलता है या वह न्याय की आस लिए यूं ही दर-दर भटकती रहेगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र

बिहार में एक अक्तूबर से नयी बंदोबस्ती के आधार पर होगा बालू खनन

डेस्क : बिहार राज्य की नदियों से बालू खनन पहली जुलाई से 30 सितंबर तक बंद रहेगा. इसके बाद एक अक्तूबर से नयी बंदोबस्ती के आधार पर बालू खनन होगा. इसे लेकर खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी जिलों को बालू का बफर स्टॉक रखने का निर्देश दिया है. अब तक करीब 84 हजार सीएफटी बालू का बफर स्टॉक सुरक्षित कर लिया गया है, इसे बढ़ाने के लिए कहा गया है. 

सूत्रों के अनुसार प्रदेश में फिलहाल 18 जिलों की नदियों से बालू का खनन हो रहा था. अब नयी बंदोबस्ती में 29 जिलों के करीब 900 बालू घाटों से खनन की व्यवस्था की जा रही है. 

खनन निगम के माध्यम से 29 जिलों के करीब 900 बालू घाटों की नये सिरे से बंदोबस्ती की प्रक्रिया पिछले वर्ष ही शुरू कर दी गयी थी.

एक जुलाई से बंद होगा नदियों से बालू खनन

नियमों के अनुसार बंदोबस्त के लिए पर्यावरणीय स्वीकृति के अभाव में खनन कार्य अब तक शुरू नहीं हो सका है. 

जिलाधिकारियों के माध्यम से बालू घाटों की बंदोबस्ती इस बार भी पांच साल के लिए होनी है. नये सिरे से घाटों की बंदोबस्ती होने और खनन शुरू होने से लोगों को निर्माण कार्य के लिए सहजता से बालू मिलने लगेगा, साथ ही सरकार के राजस्व में भी वृद्धि होगी।

औरंगाबाद से धीरेन्द्र