धान की खेती के लिए बेहतर साबित हो सकता है बिपरजाॅय उत्तर प्रदेश में माहभर लगातार अच्छी बारिश का अनुमान
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
अरब सागर में उठे सवाल से गुजरात और राजस्थान के कुछ हिस्सों में क्षति अवश्य हुई है, लेकिन दूसरा पहलू है कि धान की खेती के लिए यह वरदान साबित होने वाला है। चक्रवात के चलते उत्तर - मध्य भारत में निम्न दाब का क्षेत्र विकसित होने लगता है। इसके बंगाल खाड़ी में अटकें मानसून को गति मिलेगी, जो धान उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ एवं हरियाणा समेत देश के लगभग आधे हिस्से में अगले एक महीने तक अच्छी बारिश के अनुकूल माहौल तैयार करेगा।
इन राज्यों में बारिश बहुत कम हुई है। जून में अभी तक उत्तर प्रदेश में 93 प्रतिशत , बिहार में 83 और मध्य प्रदेश में 81 प्रतिशत कम बारिश हुई है। हालांकि यहां प्री - मानसून बारिश की भी स्थितियां अब बन रही है। मौसम विभाग ने बताया कि चक्रवात के चलते आने में बिलंब होने से धान की फसल लगने में थोड़ी देर जरुर हुई है , किंतु अब रोपाई का काम तेजी से
बढ़ सकता है। गर्मी से झुलस रहे बिहार व पूर्वी उत्तर प्रदेश की फसलों को 20 जून से राहत मिलने की उम्मीद है। भारतीय मौसम विभाग आईएमडी का कहना है कि चक्रवात के बाद वायुमंडलीय परिस्थितियां अनुकूल हो गई है। 20-21 जून के आसपास यूपी में निम्न दाब का काम बनेगा। इससे बंगाल की खाड़ी में रुकी हुई हवा पूर्व की ओर बढ़ेगी। 20 जून तक बिहार - झारखंड में बारिश होने लगेंगी। 23 जून तक पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी
मानसून पहुंच सकता है।स्काईमेट वेदर प्रवक्ता महेश पलावत का आकलन हैं कि चक्रवाती हवाओं के दिल्ली में पश्चिमी से उत्तर प्रदेश की तरफ बढ़ते ही बंगाल की खाड़ी का मानसून तेजी से आगे बढ़ेगा। दिल्ली एवं आसपास के क्षेत्रों में मानसून के चलते अच्छी बारिश होगी। राजस्थान में 20 से 21 जून तक चक्रवात का असर खत्म हो जाएगा।
Jun 18 2023, 19:02