*लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति ने प्रधानमंत्री को भेजा सुझाव*
सीके सिंह(रूपम)
सीतापुर। लोकतंत्र सेनानी कल्याण समिति, उप्र के संगठन मंत्री आर पी अवस्थी ने प्रधानमंत्री को भेजे सुझाव में आगामी 25जून को मन की बात या अलग से आपातकाल पीड़ितों को राष्ट्रीय स्तर पर लोकतंत्र सेनानी घोषित करने की मांग की है। नमो पोर्टल पर प्रेषित सुझाव में उन्होंने कहा है कि जहां उप्र सहित कई राज्यों ने आपातकाल पीड़ितों को लोकतंत्र सेनानी घोषित कर रखा है वहीं तमाम राज्यों ने या तो आज तक उनकी खोज खबर नहीं ली अथवा वहां सरकार बदलने पर कांग्रेस की नई सरकारों ने इसे स्थगित कर दिया है। हालांकि प्रयागराज उच्च न्यायालय की लखनऊ बेंच ने दस वर्ष पूर्व अपने ऐतिहासिक निर्णय में स्पष्ट कहा था कि इस तरह के सम्मान को तब तक रोका नहीं जा सकता जब तक कोई आपराधिक मामला न हो।
उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि यदि आपातकाल पीड़ितों को सम्मानित किया जाता है तो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उदाहरण होगा अन्यथा आगे से लोग लोकतंत्र की रक्षा में संघर्ष में हिस्सा नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि केरल उच्च न्यायालय भी स्पष्ट कर चुका है कि चूंकि आपातकाल तत्कालीन केंद्रीय सरकार ने लगाया था जिसे उच्चतम न्यायालय भी अनपेक्षित करार दे चुका है। अतः इस बाबत केन्द्र सरकार को विचार करना चाहिए। आपातकाल ने अनेकों लोगों को नुक्सान पहुंचाया है और यह वास्तव में एकराजनैतिक दुर्घटनाहै।जिस तरह अन्य दुर्घटनाओं में क्षतिपूर्ति का प्रावधान है उसी तरह आपातकाल में हुई हानि की प्रतिपूर्ति अपरिहार्य है।
उन्होंने मांग की कि भले ही किसी को केन्द्र आर्थिक सहायता न दे परन्तु कम से कम पूरे देश के आपातकाल पीड़ितों को लोकतंत्र सेनानी घोषित कर एकरुपता स्थापित करे। उन्होंने कहा कि बीते 48 वर्षों से भाजपा 25 जून को काला दिन बताते हुए आपातकाल के लिए कांग्रेस को कोसती रही है परन्तु आपातकाल पीड़ितों को आज तक न्याय नहीं मिल पाया है। दिलचस्प बात यह भी है कि आपातकाल की विभीषिका झेलने वालों में 90 प्रतिशत संघ या भाजपा (तब जनसंघ) से जुड़े रहे हैं।
Jun 18 2023, 15:35