सरकारी अस्पताल में डॉक्टरों की कमी के कारण गरीब मरीजों को इलाज हेतु जाना पड़ता है पटना, रिक्त पदों पर जल्द बहाली करे सरकार : आनंद चंद्रवंशी
जहानाबाद : भाजपा जिला उपाध्यक्ष सह पूर्व जिला पार्षद आनंद कुमार चंद्रवंशी ने प्रेस ब्यान जारी कर कहा कि अरवल जिले के स्वास्थ व्यवस्था पर नजर डाला जाए तो पता चलता है कि यहां की स्वास्थ व्यवस्था में बिहार सरकार पुरी तरह उदासीन है।
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जिले के मरीजों की रक्षा भगवान के भरोसे ही है। जिले के आठ लाख से ज़्यादा आबादी पर 168 रेगुलर डॉक्टर का पद सृजन है, जिसमें मात्र 87 डॉक्टर की नियुक्ति है, उसमें भी 36 डॉक्टर लगातार छुट्टी पर है ,यानि पूरे जिले के स्वास्थ महकमा में केवल 51डॉक्टर ही कार्यरत है। वही अनुबंध पर 79डॉक्टर को नियुक्त करना था, जिसमें 2 डॉक्टर की नियुक्ति हुआ है, 77डॉक्टर का पद खाली है।
आयुष डॉक्टर के 28पद सृजन है, जिसमें 18डॉक्टर की ही प्रतिनियुक्ति है, 10पद खाली है। 278 रेगुलर नर्से में 167नर्सें ही काम पर है बाकी 111 नर्सें का जगह खाली है। अनुबंध के 74नर्सें में से 60की ही नियुक्ति है बाकी 14खाली है। 33फार्मासिस्ट में 13की नियुक्ति है 21पद आज भी खाली है। लैब टेक्नीशियन 38 के जगह केवल 13 है, 25पद अभी भी खाली है। आशा दीदी 749में 732 कार्यरथ हैं, शायद आशा दीदी के कंधे पर ही स्वास्थ महकमा चल रही है।
जिले के सदर अस्पताल से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक कही भी अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था नहीं। जिले में 20पंजीकृत अल्ट्रासाउंड में केवल दो चल रहा है, बाकी केंद्रों को बेवजह बंद करवा दिया गया है। जिले के लगभग सभी जॉच घर को बंद करवा दिया गया है। अब सवाल उठता है कि जिले के आठ लाख से ज्यादा आबादी को अल्ट्रासाउंड, खून जॉच या अन्य जरुरते के लिए कहा जाएगा। यहां के मरीज छोटे- छोटे बीमारी में पटना जाएंगे है तो गरीब के पैसे का दोहन होगा। इसके लिए बिहार सरकार ही जिम्मेदार है।
जहानाबाद से बरुण कुमार








Jun 07 2023, 20:44
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