जेएनयू में आधी रात में कार सवार लड़कों ने की दो छात्राओं के अपहरण की कोशिश, पुलिस ने दर्ज की FIR, कैंपस में छात्रों का प्रदर्शन जारी

दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू (जेएनयू) कैंपस में मंगलवार की आधी रात को दो छात्राओं के अपहरण की कोशिश का मामला सामने आया है। हरियाणा नंबर की HR 26DN2623 की स्विफ्ट कार में सवार नशे में धुत लड़कों ने कैंपस के अंदर छात्राओं से छेड़छाड़ और अपहरण की कोशिश की। 

घटना रात 12.30 हुई। घटना के बाद छात्रों का गुस्सा फूट गया। छात्रों का हंगामा जारी है। जेएनयू सिक्योरिटी ने दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है। कैंपस में अभी छात्रों का प्रदर्शन जारी है। छात्रों ने कुलपति से जेएनयू प्रशासन की ओर से मामला दर्ज करवाने और कैंपस में सुरक्षा की मांग की है।

दिल्ली पुलिस ने जानकारी देते हुए कहा कि जेएनयू कैंपस में लड़की से हुई छेड़छाड़ मामले में एफआईआर दर्ज हो गई है। आरोपी की पहचान भी हो गई है। जो जेएनयू का छात्र नहीं है। लेकिन लड़की जेएनयू की छात्रा है। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।

नई दिल्ली में मनीष सिसोदिया का नाम लेकर मंच पर रो पड़े CM केजरीवाल, कहा- आज उसकी बहुत याद आ रही है


नई दिल्ली के दरियापुर गांव में बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का उद्घाटन किया। इस दौरान एक ऐसा भी क्षण आया जब वह मंच पर मनीष सिसोदिया का नाम लेकर रो पड़े।

जब वह मनीष सिसोदिया की शिक्षा क्रांति के बारे में बता रहे थे तब उनका गला रुंध गया था और आंखें लाल हो गईं थीं। हालांकि उन्होंने खुद को संभालते हुए पानी पिया और आगे बोलना शुरू किया।

पाकिस्तान की ओर से बाड़मेर में उठा 80 फीट ऊंचा रेतीला बवंडर, सिहरन पैदा कर रहा वायरल वीडियो, ग्रामीण इलाकों में हुई भारी बर्बादी

 पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर से उठे करीब 80 फीट ऊंचे रेतीले बवंडर से सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण इलाकों में हुआ है। ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकान, पेड़ और बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो गए। डिस्कॉम को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है।

राजस्थान में अब तूफान और भीषण गर्मी का दौर शुरू हो गया। मंगलवार शाम बाड़मेर शहर से सामने आया रेतीले बवंडर का वीडियो रोंगटे खड़े कर दे रहा है। वीडियो देखकर ऐसा लगता है कि रेतीली आंधी घर-मकानों को लीलने के लिए बढ़ी चली आ रही है। आसमान को छूती हुई रेत की ऐसी दीवार इससे पहले किसी ने नहीं देखा था।

मंगलवार को आए रेतीले बवंडर ने एक बार फिर जनजीवन प्रभावित कर दिया है। करीब 70 से 80 फीट ऊंचे उठे रेतीले बवंडर ने तबाही मचा दी है। रेत का यह बवंडर धीरे-धीरे बड़ा होता चला गया। उसके बाद तेज हवा के कारण आसपास के पूरे इलाके में रेत फैल गई है। रेत का तूफान पूरे आसमान को ही अपनी चपेट में ले लिया है। तूफान की वजह से आसमान धूसरा पड़ गया है, सूरज की रोशनी मद्धम पड़ गई है और तूफान अपने विकराल रूप में आगे बढ़ा जा रहा है। पाकिस्तान की सीमा से सटे जैसलमेर से उठे इस रेतीले बवंडर को कई लोगों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया।

ग्रामीण इलाकों में हुआ नुकसान

करीब 80 फीट ऊंचे उड़े रेतीले तूफान से सबसे ज्यादा नुकसान ग्रामीण इलाकों में हुआ है। ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकान, पेड़ और बिजली के पोल क्षतिग्रस्त हो गए। डिस्कॉम को भी करोड़ों का नुकसान हुआ है। राजस्थान में पिछले एक माह में बेमौसम बारिश, आंधी और तूफान के कारण करोड़ों रुपयों का नुकसान हो चुका है। बारिश और अंधड़ के कारण कई लोगों की जान जा चुकी है। उसके अलावा इलेक्ट्रिसिटी सिस्टम को बहुत ज्यादा नुकसान हुआ है।

रेतीले बवंडर की वजह

बताया जाता है कि रेगिस्तान में वायुमंडलीय दबाव बहुत होता है। सूरज की सीधी किरणें हवा की नमी समाप्त कर देती है। इससे धूल के कणों की आपस में पकड़ नहीं रह पाती है, ऐसे में धूल कण एक बवंडर का रूप धारण कर लेते है।

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में औरंगजेब संबंधी पोस्ट को लेकर दो गुटों में भारी तनाव, स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने किया लाठीचार्ज, पुलिस अधीक्षक

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में कई ठिकानों पर मंगलवार को व्हाट्सएप पर औरंगजेब संबंधी पोस्ट को लेकर दो गुटों में तनाव फैल गया। इस पोस्ट के विरोध में बड़ी संख्या में लोग लक्ष्मीपुरा पुलिस स्टेशन के सामने एकत्र होकर अपना विरोध जताने लगे। बाद में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस घटना के विरोध में हिंदुत्ववादी संगठनों ने बुधवार को कोल्हापुर बंद का ऐलान किया है। पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित के अनुसार स्थिति नियंत्रण में है। लोगों से शांत रहने की अपील की गई है। अब तक कोई अप्रिय घटना नहीं हुई है।

जानकारी के अनुसार कोल्हापुर में कुछ युवकों ने औरंगजेब के समर्थन में एक पोस्ट किया था। इससे विवाद खड़ा हो गया है। संबंधित युवकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर हिंदुत्व संगठन के कार्यकर्ता आक्रामक हो गए और कोल्हापुर के लक्ष्मीपुरा थाने के सामने एकत्र हो गए। साथ ही कार्यकर्ताओं ने कोल्हापुर शहर के दसहरा चौक, टाऊन हॉल, लक्ष्मीपुरी आदि इलाकों में पथराव करते हुए प्रदर्शन भी किया। इससे पूरे जिले में स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी। पुलिस ने तत्काल एकत्र भीड़ को लाठीचार्ज कर तितर-बितर किया और स्थिति पर काबू पाया।

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस अधीक्षक महेंद्र पंडित मौके पर पहुंचे और दोनों गुट के लोगों से चर्चा कर शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस अधीक्षक पंडित ने बताया कि स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। बताया जा रहा है कि लक्ष्मीपुरा पुलिस स्टेशन में व्हाट्सएप पोस्ट को लेकर दो लोगों पर मामला दर्ज किया गया है। इस मामले की गहन छानबीन जारी है।

बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह बहुत जल्द ही शादी करेंगे, नहीं लिया सन्यास, यहां पढ़िए, कौन होगी लड़की

अपने बयानों और कथा के लिए चर्चित धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी शादी को लेकर साफ कर दिया है। मशहूर कथावाच और बागेश्वर धाम के प्रमुख धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह बहुत जल्द ही शादी करने वाले हैं। हालांकि, उनकी शादी किसके साथ होगी इसको लेकर उन्होंने खुलासा नहीं किया है। एक इंटरव्यू के दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने ये बातें बताई हैं। बता दें कि धीरेंद्र शास्त्री का नाम मशहूर कथावाचक जया किशोरी से भी जोड़ा जाता रहा है। हालांकि, इस मामले में पूछे जाने पर जया किशोरी ने साफ कर दिया था कि बागेश्वर बाबा से कभी उनकी मुलाकात नहीं हुई है। इस दौरान बागेश्वर धाम प्रमुख से सवाल किया गया कि क्या उन्होंने लड़की देख ली है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अभी लड़की नहीं देखी है।

कहा-पक्का करेंगे शादी

बागेश्वर धाम प्रमुख सोमवार को एक टीवी चैनल को इंटरव्यू दे रहे थे। इसी दौरान उनसे सवाल किया गया कि वो हिंदुओं को बढ़ाने की बात तो करते रहते हैं, अपना परिवार कब बढ़ा रहे हैं? इस सवाल का जवाब देते हुए धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि जल्द ही वह शादी करेंगे और परिवार बढ़ाएंगे। इससे पहले भी कई बार उनकी शादी को लेकर चर्चा होती रही है। हालांकि, उन्होंने हर बार अपनी शादी को लेकर साफ कहा है कि वो शादी करेंगे और जल्द ही करेंगे।

नहीं लिया है सन्यास: धीरेंद्र शास्त्री

अपनी शादी को लेकर बातचीत करते हुए धीरेंद्र शास्त्री काफी मुखर नजर आए। शादी को लेकर बातचीत करते और सवालों का जवाब देते हुए शास्त्री ने कहा कि उन्होंने सन्यास धारण नहीं किया है इसलिए वो शादी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि वह धर्म के खिलाफ कोई काम नहीं कर रहे हैं, क्योंकि उन्होंने किसी से झोली नहीं ली है यानी कि सन्यास नहीं ग्रहण किया है।

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर साधा निशाना, बोले, बेवकूफों से घिरे हैं, विपक्षी नेताओं से ऐसे

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने एक बार फिर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है। समस्तीपुर में एक कार्यक्रम के दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार की हालत अंधों में काना राजा जैसी है, उन्‍हें लगता है कि वे सब जानते हैं। इसलिए नीतीश ने अपने इर्द गिर्द जितने बेवकूफ हैं, सबको बैठा लिया है। प्रशांत किशोर ने यहां तक कह दिया कि बिहार देश का सबसे फिसड्डी राज्य है और नीतीश कुमार दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ऐसे मिल रहे हैं जैसे बिहार को अमेरिका बना दिया हो। 

प्रशांत किशोर ने कहा कि आज बिहार में ऐसे भी नेता हैं, जिसको नाम तक लिखना नहीं आता है और वहीं नीतीश कुमार को नाम लिखना आता है तो लोगों को लगता है वो बहुत बड़े विद्वान आदमी हैं। बिहार में नेता ऐसा ही बनता आया है जो शर्ट के ऊपर गंजी पहनता हो और अपने को जमीनी नेता कहलवाने का दावा करता हो। आज नीतीश कुमार गंजी के ऊपर शर्ट पहन रहे हैं तो सबको लग रहा है कि वो विद्वान आदमी हैं।

उन्होंने ने नीतीश कुमार की विपक्षी एकता की मुहिम पर निशाना साधा। कहा कि आप देश में सबसे गरीब हैं, लेकिन अंहकार राजा महाराजाओं जैसा है। आप देश में सबसे फिसड्डी हैं, लेकिन घमंड ऐसा जैसे कि आप सबसे आगे हों। उन्होंने कहा कि राजद का लोकसभा में एक भी सांसद नहीं है, लेकिन बात प्रधानमंत्री से नीचे की नहीं करते हैं।

आचार्य किशोर कुणाल बनवा रहे भव्य रामायण मंदिर, विश्व का सबसे बड़ा शिवलिंग भी, डिटेल में पढ़िए, मंदिर की क्या होगी विशिष्टता

 पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया-चकिया पथ पर स्थित कैथवलिया-बहुआरा में विराट रामायण मंदिर का निर्माण 20 जून से प्रारंभ हो जाएगा। वर्ष 2025 के सावन तक मंदिर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की स्थापना और इसी वर्ष के आखिर तक विराट रामायण मंदिर तैयार होगा। यह बातें मंगलवार को महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने पत्रकारों से कहीं। 

उन्होंने बताया कि मंदिर के 12 शिखरों का निर्माण होना है। इनकी साज-सज्जा 2027 तक संभावित है। मंदिर तीन मंजिला होगा। इसमें प्रवेश के बाद सबसे पहले गणपति के दर्शन होंगे। इसके बाद काली ग्रेनाइट की चट्टान से बने 33 फुट ऊंचे और 33 फुट गोलाई के 210 टन वजनी विशाल शिवलिंग के दर्शन होंगे। इसके लिए महाबलिपुरम में 250 टन वजन की काली ग्रेनाइट पत्थर की चट्टान को तराशकर मुख्य शिवलिंग के साथ सहस्रलिंगम तैयार होगा। इतने वजन के शिवलिंग को लाने के लिए चकिया से कैथवलिया की 10 किलोमीटर लंबी सड़क व पुल-पुलिया के चौड़ीकरण, सुदृढ़ीकरण का अनुरोध राज्य के मुख्यमंत्री व पथ निर्माण मंत्री से किया गया है। बताते चलें कि आठवीं शताब्दी के बाद सहस्रलिंगम का निर्माण भारत में नहीं हुआ है। इस मौके पर मंदिर निर्माण करने वाली एजेंसी के अधिकारी भी मौजूद रहे।

हजार टन स्टील से बनेंगे 3 हजार पिलर 

रामायण मंदिर में साढ़े दस सौ टन स्टील से 3102 पिलरों का निर्माण होगा। पाइलिंग कार्य में 15 हजार क्यूबिक मीटर कंक्रीट की भी खपत होगी। निर्माण में लगने वाली सामग्रियां महावीर मंदिर उपलब्ध कराएगा। विराट रामायण मंदिर निर्माण समिति के सचिव ललन सिंह ने बताया कि दस वर्षों के निरंतर प्रयास से जमीन का प्रबंध किया गया। विराट रामायण मन्दिर अयोध्या से जनकपुर तक बन रहे राम जानकी मार्ग पर अवस्थित है।

पांच साल बाद शुरू हुआ काम

  

कंबोडिया सरकार की आपत्ति के कारण विराट रामायण मंदिर का काम बीते पांच वर्षों से शुरू नहीं हो सका था। कंबोडिया सरकार ने मंदिर के पहले के नाम विराट अंकोरवाट मंदिर पर वर्ष 2012 में आपत्ति जताई थी। आपत्ति के बाद महावीर मंदिर न्यास ने मंदिर का नाम विराट रामायण मंदिर कर दिया। बाद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने रामायण मंदिर का निर्माण अंकोरवाट मंदिर से अलग होने की रिपोर्ट के बाद मामला सुलझा। निर्माण के लिए अनापत्ति नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल से भी मिल गयी है।

270 फुट ऊंचा होगा शिखर 

आचार्य किशोर कुणाल ने बताया कि मंदिर का क्षेत्रफल 3.67 लाख वर्ग फुट होगा। सबसे ऊंचा शिखर 270 फुट का होगा। इसके बाद 198 फुट का एक, 180 फुट के चार, 135 फुट का एक, 108 फुट के 5 शिखर बनेंगे। मंदिर की लंबाई 1080 फुट और चौड़ाई 540 फुट होगी। निर्माणाधीन मंदिर में शैव और वैष्णव देवी-देवताओं के कुल 22 मन्दिर होंगे। मंदिर निर्माण के लिए 120 एकड़ जमीन की व्यवस्था की गई है। मंदिर जानकी नगर के रूप में विकसित होगा। यहां कई आश्रम, गुरुकुल, धर्मशाला भी बनाए जाएंगे।

हवीबगंज है देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन, 45 साल के लिए दिया गया है लीज, धीरे धीरे बढ़ेगी निजी रेलवे स्टेशन की संख्या

 रेलवे भारत की जीवन रेखा है। जितनी आस्ट्रेलिया महादेश की जनसंख्या है, उतने लोग तो हर रोज भारतीय रेल के ट्रेनों से यात्रा करते हैं। इसके पास 7,000 से भी ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं। पर एक को छोड़ कर सभी स्टेशन सरकार के हैं। इस समय देश में मात्र एक स्टेशन ही प्राइवेट है। आप जानते हैं कि देश का पहला प्राइवेट रेलवे स्टेशन कौन-सा है।

रेलवे इन दिनों खूब चर्चा में है। चर्चा में रहने की वजह ओडिशा में हुआ कोरोमंडल एक्सप्रेस हादसा है। इसमें 280 से भी ज्यादा लोगों की जान चली गई है। इस हादसे के बाद भी रेलगाड़ियों से हर रोज करोड़ों लोग इससे यात्रा करते हैं। दरअसल, रेलगाड़ी यात्रा की सबसे सस्ती और भरोसेमंद सुविधा है। दुनिया के कई देशों में में रेलवे प्राइवेट कंपनी के हाथों में है। लेकिन भारत में यह अभी तक सरकारी है। हालांकि धीरे धीरे इसमें भी प्रावइेट को बढ़ावा दिया जा रहा है। एक स्टेशन का प्राइवेटाइजेशन भी किया जा चुका है।

रेल मंत्रालय के दो पीएसयू IRCON and RLDA ने मिल कर Indian Railway Stations Development Corporation (IRSDC) का गठन किया है। इसी संगठन ने मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित हबीबगंज रेलवे जय जय जय स्टेशन को रिडेवलपमेंट के लिए दिया है। इस रेलवे स्टेशन को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) फार्मूले पर अंतरराष्ट्रीय स्तर के रेलवे स्टेशन के रूप में विकसित किया गया है। इसे जर्मनी के Heidelberg रेलवे स्टेशन के तर्ज पर विकसित किया गया है।

कौन है इस स्टेशन का डेवलपर

इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन ने हबीबगंज रेलवे स्टेशन के रिडेवलपमेंट के लए एक Developer Consortium का चयन किया है। इस कंसोर्टियम में M/s Bansal Construction Works Pvt. Ltd. लीड मेंबर के रूप में शामिल है। इसके साथ ही कंसोर्टियम मेंबर के रूप में M/s Prakash Asphaltings & Toll Highways (India) Ltd. शामिल है।

कितने साल की लीज पर मिला 

हबीबगंज रेलवे स्टेशन पर जो कामर्शियल डेवलपमेंट हुआ है, उसका लीज पीरियड 45 साल के लिए है। इसके साथ ही रेलवे स्टेशन का ऑपरेशन एंड मेंटनेंस भी इस समय प्राइवेट पार्टी के पास ही है। इसकी अविध कुल आठ साल की है। इनमें तीन साल की कंस्ट्रक्शन अवधि और पांच साल की बाद की अवधि शामिल है।

आठ रेलवे स्टेशनों का हो रहा है रिडेवलपमेंट

इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेशन इस समय आठ रेलवे स्टेशनों का रिडेवलपमेंट कर रहा है। इनमें चंडीगढ़, भोपाल के पास हबीबगंज, पुणे के पास शिवाजीनगर, नई दिल्ली के पास बिजवासन, नई दिल्ली के पास ही आनंद विहार, गुजरात का सूरत, पंजाब का एसएएस नगर (मोहाली) और गुजरात का गांधीनगर शामिल है।

इन स्टेशनों पर क्या मिलेगी सुविधा

प्रावइेट स्टेशनों पर वर्ल्ड क्लास रेलवे स्टेशन जैसी सुविधा मिलने का दावा किया गया है। इनमें रेस्तरां, शॉपिंग स्टोर, केटरिंग शॉप व पार्किंग शामिल है। इसके अलावा महिला यात्रियों के लिए अलग से कुछ अन्य सुविधाओं का भी जिक्र है। इन स्टेशनों पर नवीकरणीय ऊर्जा पर जोर दिया गया है। साथ ही इन स्टेशनों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी विशेष व्यवस्था होगी।

हबीबगंज का अब बदल गया है नाम

हबीबगंज रेलवे स्टेशन का जब रिडेवलपमेंट वर्क पूरा हो गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवंबर 2021 में इसका उद‌घाटन किया था। उसी समय हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया है। रानी कमलापति एक गोंड रानी थीं, जिनका विवाह गिन्नोरगढ़ के राजा निजाम शाह के साथ हुआ था। वह निजाम शाह की 7 पत्नियों में से एक थी।

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की आठ बोगियां पहुंची बिहार, पटना स्टेशन पर लोगों ने ताली बजाकर किया स्वागत, सेल्फी लेने वालों की लगी भीड़

पटना से रांची के बीच चलने वाली पहली वंदे भारत एक्सप्रेस के ट्रेन की आठ कोच मंगलवार की शाम 6:35 बजे पटना जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या 7 पर पहुंची। बोगियां के पहुंचते ही वहां उपस्थित लोगों में खुशी का माहौल देखा गया। बताया गया कि देर रात यह ट्रेन पटना जंक्शन से राजेंद्र नगर टर्मिनल के कोचिंग कॉम्प्लेक्स में पहुंची। इस ट्रेन का ट्रायल पटना से रांची के बीच बुधवार या गुरुवार को किया जाएगा। 

आईएफसी चेन्नई के सीनियर अभियंता और अधिकारी भी ट्रायल में शामिल रहेंगे। इसमें 5 सामान्य और 1 लग्जरी कोच है जिसमें 530 यात्रियों के बैठने की क्षमता है। 2 चालक कोच में यात्रियों के साथ दिव्यांग के बैठने के विशेष सुविधा है। लग्जरी कोच में 52, सामान्य कोच में 78 और चालक कोच में 44 यात्रियों के बैठने की सुविधा है। यह ट्रेन 128 से 130 के स्पीड में चलेगी। ट्रेन पूरी तरह से फायर प्रूफ है।

वंदे भारत एक्सप्रेस के पटना जंक्शन पहुंचते ही स्टेशन पर मौजूद लोगों ने ताली बजाकर स्वागत किया और ट्रेन रुकते ही सेल्फी लेने का सिलसिला शुरू हो गया। वंदे भारत एक्सप्रेस चेन्नई के इंटीग्रल कोच फैक्ट्री से पटना के लिए 3 जून को 5:10 बजे शाम में रवाना हुई थी।

महासागर में महासमर की तैयारी कर रहा हिंदुस्तान, नौसेना की स्वदेशी टॉरपीडो ने पानी में लाया तूफान

डेस्क: तेजी से बदले वैश्विक परिवेश और युद्ध की आशंकाओं के मद्देनजर भारत ने भी अपनी तीनों सेनाओं को सशक्त बनाने की जिद ठान ली है। जल, थल और वायु तीनों ही सेनाओं को मोदी सरकार हथियारों से सुसज्जित, आत्मनिर्भर और ताकतवर बना रही है। 

इस क्रम में भारतीय नौसेना को महासागर में महासमर के लिए तैयार किया जा रहा है। आइएनएस विक्रांस से लेकर, कलावरी पनडुब्बियां और बैलिस्टिक मिसाइलें, परमाणु पनडुब्बी समेत अन्य घातक युद्ध पोत दुश्मनों को ललकार रहे हैं। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने स्वदेशी टॉरपीडो विकसित किया है, जिसने समुद्र के भीतर सफलतापूर्वक अपने लक्ष्य को भेद कर सबको चौंका दिया है।

बता दें कि भारतीय नौसेना के स्वदेश में विकसित भारी वजन वाले टॉरपीडो ने पानी के भीतर एक लक्ष्य को सफलतापूर्वक निशाना बनाया। नौसेना ने इस सफलता को ‘‘महत्वपूर्ण मील का पत्थर’’ करार दिया है। नौसेना ने मंगलवार को एक संक्षिप्त बयान में कहा कि टॉरपीडो के अचूक निशाने से आत्मनिर्भरता के जरिए भविष्य की उत्कृष्ट युद्ध तैयारियों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता का पता चलता है।

टॉरपीडो सफलता मील का पत्थर

नौसेना के अनुसार स्वदेशी रूप से विकसित भारी वजन वाले टॉरपीडो द्वारा पानी के भीतर लक्ष्य को निशाना बनाया जाना पानी के नीचे के क्षेत्र में लक्ष्य को नष्ट करने संबंधी आयुध की सटीक प्रदायगी की भारतीय नौसेना और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की ललक को दिखाने वाला एक ‘‘महत्वपूर्ण मील का पत्थर’’ है। 

नौसेना ने कहा, ‘‘यह आत्मनिर्भरता के माध्यम से भविष्य की युद्ध तैयारियों के प्रमाण के प्रति हमारी वचनबद्धता को प्रदर्शित करता है।’’ पिछले कुछ वर्षों से नौसेना संबंधित क्षेत्र में चीनी नौसेना की बढ़ती आक्रामकता के मद्देनजर विशेष रूप से हिंद महासागर में अपनी युद्ध तैयारी बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।