*कथावाचक मीना बौद्ध ने हिरण्यकश्यप की सुनाई कथा*
कमलेश मेहरोत्रा लहरपुर (सीतापुर)। विकास खण्ड परसेंडी की ग्रामसभा ऊंचाखेरा सरैया में चल रही पंच दिवसीय बौद्ध कथा में सोमवार रात्रि के समय कथावाचक मीना बौद्ध ने हिरण्यकश्यप के बारे में बताते हुए कहा कि कश्यप और उनकी पत्नी दिति के दो पुत्र हुए। जिसमें पहला हिरण्यकश्यप और दूसरा हिरण्याक्ष था, दिति के बड़े पुत्र हिरण्यकश्यप ने कठिन तपस्या करके ब्रह्मा को प्रसन्न करके यह वरदान प्राप्त कर लिया था कि वह ना किसी मनुष्य द्वारा मारा जा सकेगा ना पशु के द्वारा मारा जा सकेगा, ना दिन में मारा जा सकेगा और ना ही रात में मारा जा सकेगा।
ना घर के अंदर ना घर के बाहर और ना ही किसी अस्त्र-शस्त्र के प्रहार से मरेगा. ब्रह्मा जी द्वारा दिए गए वरदान के कारण हिरण्यकश्यप अंहकारी बन गया और वह अपने आप को अमर समझने लगा. उसने इंद्र का राज्य छीन लिया और तीनों लोकों को प्रताड़ित करने लगा, वह चाहता था कि सब लोग उसे ही भगवान माने और उसकी पूजा करें. उसने अपने राज्य में विष्णु की पूजा को वर्जित कर दिया था।
कथा में कथा वाचक मीना बौद्ध ने अपनी टीम के साथ डा भीमराव अम्बेडकर झांकियों का सजीव प्रदर्शन किया एवं उपस्थित लोगों को डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के सिद्धांतो पर चलने का उपदेश देते हुए शिक्षा और अच्छाई की रह पर चलने की अपील की जिससे समाज का स्तर ऊंचा हो सके उन्होंने धम्म का उपदेश भी दिया।
इस मौके पर ग्राम प्रधान चंदाअली, कमेटी के अध्यक्ष श्री राम भारती,उपाध्यक्ष मुसुरुद्दीन,कोषाध्यक्ष राम प्रसाद,असलम, इमामुद्दीन,आजम,राम सहाय,प्रेमनाथ राज,विनोद गौतम,रामपाल गौतम,राकेश गौतम,ओमकार राजवंशी,धुर्वराजवंशी,हरिश गौतम,रामशेवक राजवंशी,संतोष राजवंशी,जमुना,श्यामकिशोर गौतम कमलेश गौतम,राधेश्याम गौतम,रामलाल गौतम, सत्रोहान लाल,गौतम,रामपाल बाबा,रामहेत भारती सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित थे।
May 30 2023, 18:44