नए संसद भवन के उद्घाटन पर मचे घमासान के बीच ओवैसी का नया “शिगूफा”, न पीएम मोदी-न महामहिम मुर्मू, जानें कौन है एआईएमआईएम चीफ की पसंद*
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नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर लगातार सियासी बवाल मचा हुआ है। 28 मई को होने वाले समारोह का कई राजनीतिक दलों ने बहिष्कार किया है।नए संसद भवन के उद्घाटन पर मचे सियासी बवाल के बीच अब एआईएमआईएम के चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है। उन्होंने नए संसद भवन के उद्घाट को लेकर अपना अलग रुख सामने रखा है। ओवैसी ने कहा कि नए संसद का भवन का उद्घाटन न तो राष्ट्रपति के हाथों होना चाहिए और न ही पीएम मोदी के हाथों। नए संसद भवन का उद्घाटन लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के हाथों होना चाहिए।
मैंने नई लोकसभा बनाने का प्रस्ताव दिया था- ओवैसी
नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विपक्षी दलों की ओर से मचे घमासान के बीच एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि देश को इसकी जरूरत थी, इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता, क्योंकि मौजूदा संसद भवन को फायर डिपार्टमेंट की एनओसी ही नहीं है। उन्होंने बताया कि 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद पीएम ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी, जिसका एजेंडा एक राष्ट्र, एक चुनाव था. तकरीबन सभी पार्टियां इससे सहमत थीं। हालांकि मैंने और सीताराम येचुरी ने इसका विरोध किया था। मैंने नई लोकसभा बनाने का प्रस्ताव दिया था। उस वक्त पीएम मुझ पर बहुत नाराज हुए थे।
प्रधानमंत्री को इससे पीछे हट जाना चाहिए-ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि हमारा बस इस बात पर विरोध है कि पीएम नरेंद्र मोदी इसका उद्घाटन क्यों कर रहे हैं। ओवैसी ने कहा है कि प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति दोनों को ही नए संसद भवन का उद्घाटन नहीं करना चाहिए। ओवैसी के मुताबिक प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति कार्यपालिका का हिस्सा हैं, जिस वजह से नए संसद भवन का उद्घाटन स्पीकर को करना चाहिए। ओवैसी ने साफ कहा, अगर प्रधानमंत्री नए संसद भवन का उद्घाटन करते हैं तो हम उस समारोह में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने ये भी कहा कि प्रधानमंत्री को इस वक्त इससे पीछे हट जाना चाहिए।
19 विपक्षी दलों ने पीएम मोदी की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन का किया विरोध
ओवैसी को यह बयान ऐसे समय में आया जब कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस समते कुल 19 विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से नए संसद भवन के उद्घाटन का विरोध किया है। विपक्षी दलों का कहना है कि नए भवन का उद्घाटन पीएम की ओर से किया जाना देश की लोकतंत्र पर हमला है।नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति को नहीं बुलाने पर सवाल उठ रहे हैं। नेताओं का कहना है कि भवन का उद्घाटन द्रौपदी मुर्मू के हाथों न कराकर पीएम मोदी से कराना राष्ट्रपति का अपमान है। इसलिए ही एक के बाद एक राजनीतिक दल समारोह का बहिष्कार करते जा रहे हैं।कांग्रेस नेताओं और कई अन्य विपक्षी नेताओं का मानना है कि पीएम की बजाय राष्ट्रपति को उद्घाटन करना चाहिए। कांग्रेस का कहना है कि नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति के हाथों ही होना चाहिए। मुर्मू द्वारा नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा।
May 24 2023, 16:27