जेल में बंद आप नेता सत्येंद्र जैन की बिगड़ी तबीयत, अस्पताल में भर्ती, करीब 35 किलो वजन हो गया है कम

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हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आप सरकार के पूर्वमंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत बिगड़ गई है। पूर्व मंत्री की तबीयत बिगड़ने की शिकायत के बाद उन्हें सफदरजंग अस्पताल लाया गया है। बताया जा रहा है कि सत्येंद्र जैन का वजन करीब 35 किलो कम हुआ है।

इससे पहले सत्येंद्र जैन ने 11 मई को एक पत्र के जरिए अधीक्षक से अधिक कैदियों के साथ रहने का अनुरोध किया था और अपने पत्र में अकेलेपन के कारण डिप्रेशन और अधिक सामाजिक संपर्क की आवश्यकता का हवाला दिया था। इस चिट्ठी में लिखा था कि वो काफी अकेलापन महसूस कर रहे हैं, और मनोचिकित्सक ने उन्हें अकेला नहीं रहने की सलाह दी है।सत्येंद्र जैन के चिट्ठी लिखने के बाद जेल संख्या-7 के सुपरिटेंडेंट ने उनके सेल में दो कैदियों को ट्रांसफर भी किया था, लेकिन जैसे ही तिहाड़ जेल के प्रशासन को इस बात की जानकारी हुई थी तो तुरंत ही उन दोनों कैदियों को वापस भेज दिया गया था और इसी के साथ ही जेल नम्बर-7 के सुपरिटेंडेंट को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जिसके बाद सुपरिटेंडेंट का तबादला भी कर दिया गया था।

जमानत के लिए जैन की सेहत का दिया था हवाला

वहीं, 6 अप्रैल को दिल्ली हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।वकील अभिषेक एम सिंघवी ने सत्येंद्र जैन की गिरती सेहत का हवाला दिया था। सिंघवी ने कहा था कि वो आदमी कंकाल हो गया है, जेल में 35 किलो वजन घट गया है। सेहत लगातार बिगड़ रही है और उनका केस वेटिंग लिस्ट में 416 नंबर पर है।

केजरीवाल ने ईश्वर से अच्छे स्वास्थ्य की कामना की

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर के जरिए कहा कि सत्येंद्र जैन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं। भाजपा सरकार के इस अहंकार और ज़ुल्म को दिल्ली और देश के लोग अच्छे से देख रहे हैं। भगवान भी इन अत्याचारियों को कभी माफ नहीं करेंगे। इस संघर्ष में जनता हमारे साथ है, ईश्वर हमारे साथ हैं, हम सरदार भगत सिंह जी के चेले हैं। जुल्म, अन्याय और तानाशाही के खिलाफ हमारी ये लड़ाई जारी रहेगी।

किस मामले में जेल में हैं जैन

बता दें कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 की धारा 19 के तहत जैन को 30 मई, 2022 को गिरफ्तार किया था। ईडी ने 2017 में सीबीआई द्वारा जैन, उनकी पत्नी पूनम, और अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन और अंकुश जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 13(2) सहपठित धारा 13(1)(ई) के तहत दर्ज एफआईआर के आधार पर धन शोधन की जांच शुरू की थी।सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 14 फरवरी, 2015 से 31 मई, 2017 के दौरान दिल्ली सरकार में मंत्री के पद पर रहते हुए सत्येंद्र जैन ने अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित की।सीबीआई ने 3 दिसंबर, 2018 को चार्जशीट दायर की थी।इससे पहले, ईडी ने 31 मार्च, 2022 को सत्येंद्र जैन के स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था।

बजरंग पूनिया नार्को टेस्ट कराने को तैयार, बोले- हम तैयार पर सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में लाइव टेस्ट हो

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जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे देश के दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने भारतीय कुश्ती संघ के चीफ और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। बृजभूषण शरण सिंह ने पहलवानों का भी नार्को टेस्ट कराने की चुनौती दी थी।बृजभूषण शरण सिंह की नार्को टेस्ट की चुनौती को स्वीकार करते हुए बजरंग पूनिया ने कहा कि हम सभी किसी भी टेस्ट के लिए तैयार हैं, लेकिन इसे सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में कराया जाए। नार्को टेस्ट लाइव हो ताकि सवाल और जवाबों को पूरा देश सुने।

पता चल जाएगा किसकी चुनरी में दाग है-पुनिया

बजरंग पुनिया ने बृजभूषण सिंह को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि हमने तो पहले ही बोल रखा है। उन्होंने अब बोला है। उन्होंने कहा कि अगर फेडरेशन के घोटाले गिनाना है तो मैं नार्को करवाने के लिए तैयार हूं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि लेकिन, उनके साथ विनोद तोमर, जीतेंद्र (महिला पहलवानों के चीफ कोच), फीजियो धीरेंद्र प्रताप का भी नार्को टेस्ट होना चाहिए।। उन्होंने कहा कि जिन लड़कियों ने शिकायत दी है, वो कह रही हैं कि हमारा नार्को हो, तो लड़कियां करवाएंगी नार्को। नार्को टेस्ट करवा लीजिए, पता चल जाएगा किसकी चुनरी में दाग है।

लाइव होना चाहिए नार्को टेस्ट- विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने कहा कि उन्होंने (बृजभूषण) मेरा और बजरंग का नाम लिया है। जितनी भी लड़कियां हैं, वो सब रेडी हैं। पूरे देश को दिखना चाहिए उसने कितनी दरिंदगी की। नार्को टेस्ट लाइव होना चाहिए।साक्षी मलिक ने कहा कि मंगलवार को इंडिया गेट आकर हमारा समर्थन करें। जिसे जहां रोका जाए वो वहां कैंडल मार्च करे।। हमने सब शांतिपूर्वक किया है।

क्या कहा था बृजभूषण ने

इससे पहले बृजभूषण ने रविवार को कहा था कि मैं अपना नार्को टेस्ट, पॉलीग्राफी टेस्ट तथा लाई डिटेक्टर टेस्ट कराने के लिए तैयार हूं। मगर मेरी शर्त है कि मेरे साथ ही विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का भी यही टेस्ट होना चाहिए। वह मीडिया बुलाकर इसका ऐलान करें।

30 दिनों से जंतर-मंतर पर डटे पहलवान

बता दें कि रेसलर्स पिछले 30 दिनों से जंतर-मंतर पर बृजभूषण सिंह के खिलाफ जांच और गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।23 अप्रैल से दिल्ली के जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक की अगुआई में रेसलर्स बृजभूषण के खिलाफ धरना दे रहे हैं। पहलवानों की मांग है कि बृजभूषण को पद से हटाया जाए और गिरफ्तार किया जाए। इससे पहले पहलवान सुप्रीम कोर्ट गए थे। यहां उनके मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को सांसद पर केस दर्ज करने का आदेश दिया था। दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ छेड़छाड़ और पोस्को एक्ट के तहत 2 केस दर्ज किए हैं।

आरबीआई के गवर्नर ने कहा, दो हजार के नोट बदलने की जल्दबाजी न करें, बैंकों को सुविधाएं बढ़ाने के दिए गए हैं निर्देश

 कल से 2000 रुपये के नोट एक्सचेंज होना शुरू हो जाएंगे। आरबीआई ने बैंकों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। गर्मी को ध्यान में रखते हुए सभी बैंकों को सुविधाएं बढ़ाने को कहा है। आरबीआई की ओर से 2,000 रुपये के नोट बदलने को एक लेकर नोटिस भी जारी कर कहा गया है कि 2000 के नोट एक्सचेंज करने की सुविधा सामान्य रहेगी। आरबीआई द्वारा बैंकों को निर्देश दिए गए बैंक गर्मियों को ध्यान में रखते हुए वेटिंग एरिया और पीने के पानी का भी उचित प्रबंध किया जाए।

केंद्रीय बैंक की ओर से बैंकों को 2000 को नोट एक्सचेंज करने का प्रतिदिन का डाटा एकत्रित करने को भी कहा गया है।

 आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नोटों को बदलने की जल्दबाजी न करें। केंद्रीय बैंक की ओर से इसे बदलने के लिए 4 महीने का समय दिया गया है। इसी समय सीमा में लोगों को नोट एक्सचेंज कराने होंगे। अगर बिना समय सीमा के इसे ऐसे ही छोड़ दिया गया तो यह एक एंडलेस प्रोसेस बन जाएगा। 

 कहा कि हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर तक 2000 के वापस लिए जा चुके ज्यादातर नोट बैंकों के पास आ जाएंगे। 2000 के नोट बाहर किए जाने का काफी कम प्रभाव होगा, क्योंकि ये कुल करेंसी सर्कुलेशन का 10.8 प्रतिशत है।

कल से एक्सचेंज होंगे 2000 के नोट

आरबीआई द्वारा 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का ऐलान 19 मई को किया गया था। कोई भी एक बार में अधिकतम 20,000 रुपये या 10 नोट एक्सचेंज करा सकता है। नोट बदलने के लिए किसी भी प्रकार के स्लिप/फॉर्म भरने या आईडी दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी।

2000 रुपये के नोटों को वापस लेने पर आरबीआई गवर्नर का बयान, कहा- लोगों को पैनिक होने की जरूरत नहीं

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 2,000 रुपये का नोट वापस लेने की घोषणा की है। इसे बदलने या जमा करने की प्रक्रिया 23 मई यानी मंगलवार से शुरू हो जाएगी। इस बीच आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज कहा कि 2000 रुपये के नोट को बदलने को लेकर पैनिक की जरूरत नहीं है। शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई के 2000 रुपये के नोट लाने का मकसद पूरा हो गया है। आम जनता को किसी तरह की दिक्कत ना हो, ऐसी व्यवस्था के तहत ही 2000 रुपये के नोट बदले और जमा किए जाएंगे। साथ ही बैंकों को इसके लिए पूरी तरह तैयार रहने का निर्देश दे दिया गया है।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि 2000 रुपये के नोट मुख्य रूप से नोटबंदी के बद वापस लिए गए नोटों की भरपाई के लिए पेश किए गए थे। अब चूंकि बाजार में और वैल्यू के नोटों की कोई कमी नहीं है, तो इन्हें चलन से बाहर करने का फैसला लिया गया है। हालांकि 2000 रुपये का नोट लीगल टेंडर बना रहेगा और 30 सितंबर 2023 तक ये बैंकों में आसानी से जमा और एक्सचेंज किए जा सकते हैं।

शक्तिकांत दास ने कहा नोट बदलने के लिए चार महीने का वक्त दिया जााएगा। दास ने कहा कि दो हजार रुपये के नोटों को चलन से बाहर करने का फैसला क्लीन नोट पॉलिसी के तहत लिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने कहा है कि दो हजार रुपये के नोट बदलने की पूरी तैयारी की गई है। 23 मई से किसी भी बैंक में एक समय में 2000 रुपये के नोटों को अन्य मूल्यवर्ग के बैंकनोटों में बदलने की सीमा 20,000 रुपये तक होगी। दास ने कहा, हम नोट बदलने में आने वाली मुश्किलों को लगातार मॉनिटर कर रहे हैं।

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि जिस किसी के पास 2,000 रुपये का नोट है वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है। बैंकों को 2,000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2,000 के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे। दास ने कहा, ‘प्रणाली में पहले ही पर्याप्त नकदी है। सिर्फ रिजर्व बैंक ही नहीं, बैंकों के संचालन वाले करेंसी चेस्ट में भी पर्याप्त नकदी है। चिंता की कोई बात नहीं है।’ उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक लोगों की परेशानियों को लेकर संवेदनशील है। यदि लोगों को किसी तरह की परेशानी आती है, तो जरूरत होने पर केंद्रीय बैंक रेगुलेशन लेकर आएगा।

यूपी से आए तीर्थयात्री की यमुनोत्री धाम में हार्ट अटैक से मौत, अब तक 17 श्रद्धालुओं की हो चुकी मौत, जानिए, यात्रा से पहले क्या बरतें सावधानी

उत्तरकाशी में यमुनोत्री धाम की यात्रा पर आए उत्तर प्रदेश के एक तीर्थयात्री की जानकीचट्टी में मौत हो गई। धाम की यात्रा के दौरान हार्टअटैक से मरने वालों की संख्या 17 पहुंच चुकी है। लंबी पैदल यात्रा के दौरान ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ऑक्सीजन की कमी होती है। पैदल यात्रा से अचानक शारीरिक तनाव भी बढ़ जाता है।

ऐसे में दिल के पुराने रोगी, उच्च रक्तचाप, डायबिटिज, धूम्रपान करने वाले, गंभीर रोगों से पीड़ित मरीजों और 60 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में अटैक की आशंका बढ़ जाती है। कुछ दूर चलने पर सांस फूलना और छाती में दर्द जैसे लक्षणों पर तत्काल यात्रा स्थगित कर देनी चाहिए। यात्रा के पहले पड़ाव ऋषिकेश में स्क्रीनिंग की व्यवस्था से उच्च जोखिम वाले तीर्थयात्रियों की समय पर पहचान की जा सकती है। इसके लिए स्क्रीनिंग फार्म में केवल 10 सवालों को शामिल करने और कुछ जांच की जरूरत होगी।

चारधाम यात्रा के दौरान हार्टअटैक से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एम्स ऋषिकेश ने स्क्रीनिंग फार्म भरवाने की व्यवस्था को पुख्ता तरीके से लागू करने का सुझाव दिया है। एम्स के हृदय रोग विभाग के डॉ. अभिमन्यु निगम का कहना है कि स्क्रीनिंग फार्म में 10 सवालों के जवाब और कुछ प्राथमिक जांच से यात्री के स्वास्थ्य व जोखिम का पता लगाया जा सकता है।

इन 10 सवालों के जवाब अनिवार्य

मरीज की उम्र (60 से अधिक उच्च जोखिम)

उच्च रक्तचाप

डायबिटिज

धूम्रपान

पारिवारिक इतिहास

पूर्व में हृदयाघात या लकवा का अटैक

सांस फूलना

छाती में दर्द

गंभीर या एक साथ कई बीमारियों से ग्रस्त

अत्याधिक वजन

यात्रा से कराएं ये जांचें

ईसीजी, ब्लड प्रेशर और शुगर की जांच

दवाएं, उपकरण और सावधानी

दिल, उच्च रक्तचाप और डायबिटिज के मरीज दवा साथ रखें।

पल्स ऑक्सीमीटर, ऑक्सीजन सिलिंडर रखें, ठंड से बचाव करें।

रोजाना 1.5 से 2 लीटर पानी पीएं (हृदय रोगी चिकित्सक की सलाह पर)

इनको अधिक खतरा

हृदय की पंप कैपेसिटी 60 फीसदी से कम हो।

एंजियोग्राफी, ब्लॉकेज या स्टंट लगे हों।

 पूर्व में हृदयाघात हुआ हो।

पीएम मोदी को मिला फिजी का सर्वोच्च सम्मान, जानें भारत के लिए इस सम्मान का क्या है महत्व

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फिजी के सर्वोच्च सम्मान से नवाजा गया है। फिजी के प्रधानमंत्री सित्वनी राबुका द्वारा फिजी के सर्वोच्च सम्मान: कम्पेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से पीएम मोदी को सम्मानित किया गया है। गौर करने वाली बात ये है कि आज तक गिने-चुने गैर-फिजी लोगों को ही यह सम्मान मिला है। ऐसे में भारत के लिए इस सम्मान का अलग महत्व है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जापान में जी-7 और क्वाड बैठकों में शामिल होने के बाद रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। यहां उन्होंने फोरम फॉर इंडिया-पैसिफिक आइलैंड्स को-ऑपरेशन (एफआईपीआईसी) के तीसरे शिखर सम्मेलन में भाग लिया। बैठक के बाद पीएम मोदी ने प्रशांत क्षेत्र के कई देशों के नेताओं से मुलाकात कर दोस्ती की ओर एक और कदम बढ़ाया है। एक वैश्विक नेतृत्वकर्ता के तौर पर भारत के इन्हीं कदमों के लिए फिजी के प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी को अपने देश का सर्वोच्च सम्मान- 'कंपैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी' प्रदान किया। 

इसी के साथ रिपब्लिक ऑफ़ पलाऊ ने भी पीएम नरेंद्र मोदी को सम्मानित किया। रिपब्लिक ऑफ़ पलाऊ ने पीएम मोदी को एबाक्ल अवॉर्ड से सम्मानित किया।। पीएम मोदी को ये दोनों अवॉर्ड पापुआ न्यू गिनी में ही दिए गए हैं। पीएमओ इंडिया ने ट्वीटर पर एक पोस्ट शेयर की। जिसमें लिखा है कि पलाऊ के राष्ट्रपति सुरंगेल व्हिप्स जूनियर ने प्रधानमंत्री को भेंट दी। पीएम नरेंद्र मोदी एबकल के साथ। यह पलाऊ के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है और इसका स्थानीय संस्कृति से गहरा संबंध है जो कि नेतृत्व और ज्ञान का भी प्रतीक है।

बता दें, पीएम मोदी शनिवार शाम को हिरोशिमा से पापुआ न्यू गिनी पहुंचे थे। इस दौरान उनका राजकीय सम्मान किया गया। उनके स्वागत के लिए पापुआ न्यू गिनी की परंपरा भी तोड़ी गई।। पापुआ न्यू गिनी की परंपरा है कि सूर्यास्त के बाद अगर कोई मेहमान आता है तो उस दिन उसका स्वागत नहीं किया जाता। हालांकि पीएम मोदी के लिए ये परंपार बदली गई और राजकीय सम्मान के साथ उनका स्वागत किया गया। इस दौरान पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारेपा उनके पैर छूते भी नजर आए। इसके बाद एयरपोर्ट पर ही उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया।

दिल्ली-एनसीआर में गर्मी ने दिखाया प्रचंड रूप, पारा 45 के पार, कई राज्यों में हीटवेव को लेकर यलो अलर्ट

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दिल्ली -एनसीआर समेत देश के अधिकांश राज्यों में लोग बीते कुछ दिनों से प्रचंड गर्मी झेल रहे हैं। उत्तर भारत की बात की जाए तो इस वक्त भीषण गर्मी लोगों को झुलसा रही है। ज्यादातर राज्यों में तापमान भी 40 डिग्री पार कर चुका है। दिल्ली में मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है तो वहीं आने वाले दिनों में झुलसाने वाली गर्मी के लिए तैयार रहें। 

इन राज्यों में लू चलने की संभावना

मौसम विभाग की माने तो अभी इस गर्मी से राहत मिलनेन के आसार नहीं दिख रहे हैं। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दिल्ली-एनसीएर, दक्षिण हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड और गंगीय पश्चिम बंगाल के लोगों को आज भी भीषण गर्मी झेलनी होगी। मौसम विभाग ने कहा है कि इन राज्यों में लू चलने की संभावना बनी हुई है। आईएमडी की मानें तो यूपी में आने वाले इस हफ्ते भीषण गर्मी पड़ने के आसार है. आज हरियाणा, पंजाब, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और तेलंगाना के कुछ स्थानों पर तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहने की संभावना है। इसके अलावा मध्य प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में गर्म हवा चलने के आसार है।

प्रचंड गर्मी के बाद राहत वाली बारिश की संभावना

मौसम विभाग के मुताबिक, इस झुलसाने वाली गर्मी के बाद उत्तर पश्चिम भारत में आने वाले दिनों में बारिश के बाद मौसम साफ होगा और लोगों को गर्मी से निजात मिलेगी। वहीं आने वाले दिनों में उत्तराखंड के उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, पिथौरागढ़, चम्पावत और अल्मोड़ा में हल्की बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा इस राज्य के बाकी इलाकों में मौसम शुष्क रह सकता है। 

जानें कब से मिलेगी राहत 

आईएमडी ने 21 से 25 मई के दौरान असम और मेघालय में कुछ जगहों पर भारी बारिश की संभावना जताई है। इसके साथ ही राजस्थान, छत्तीसगढ़, गंगीय पश्चिम बंगाल में अलग-अलग जगहों पर बिजली, तेज हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटे की गति) और गरज के साथ बारिश हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस दौरान हवाओं की गति 40 से 50 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है। इससे तापमान में काफी हद तक कमी आएगी।

एफआईपीआईसी समिट में बोले पीएम मोदी-भारत अपनी क्षमताओं के हिसाब से सभी देशों की मदद करता रहा है

#pmnarendramodipapuanewguineafipic_summit 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की अपनी यात्रा के दूसरे चरण के लिए रविवार को गिनी पहुंचे। पीएम नरेंद्र मोदी पापुआ न्यू गिनी में एपीईसी हाउस पहुंचे। यहां प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे के साथ द्विपक्षीय बैठक की। साथ ही सोमवार को पापुआ न्यू गिनी में भारत-प्रशांत द्वीप समूह सहयोग (एफआईपीआईसी) शिखर सम्मेलन में शामिल हुए।

समिट में अपनी बात को रखते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए पूरा विश्व एक परिवार की तरह है। वन फैमिल, वन फ्यूचर हमारा मूल मंत्र है। हमारे लिए पूरी दुनिया एक परिवार की तरह है। कोरोना काल में भई भारत ने कई देशों की मदद की। पीएम मोदी ने कहा कि कोविड महामारी का प्रभाव ग्लोबल साउथ देशों पर सबसे अधिक पड़ा। जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाएं, भुखमरी, गरीबी और स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियां पहले से ही थी अब नई परेशानियां उत्पन्न हो रही हैं जैसे, फ्यूल, फर्टिलाइजर और फार्मा। इसकी सप्लाई में भी बाधाएं आ रही हैं। जिन्हें हम अपना मानते थे पता चला कि जरूरत पर वे हमारे साथ नहीं थे। इस कठिनाई के समय पुराना वाक्य सिद्ध हुआ कि 'ए फ्रेंड इन नीड इज ए फ्रेंड इन डीड'। 

भारत अपनी क्षमताओं के हिसाब से सभी देशों की मदद करता रहा- पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, भारत अपनी क्षमताओं के अनुरूप सभी साथी देशों की मदद करता रहा है। मैंने पहले भी कहा है मेरे लिए आप बड़े महासागरीय देश हैं, छोटे द्वीप राज्य नहीं। आपका महासागर ही भारत को आपके साथ जोड़ता है। इसके अलावा उन्होंने कहा, भारत ग्लोबल साउथ की चिंताओं उनकी अपेक्षाओं और उनकी आकांक्षाओं को जी20 के जरिए विश्व के समक्ष पहुंचाना अपना दायित्व मानता है। पिछले 2 दिनों में जी7 समिट में भी मेरा यहीं प्रयत्न था। जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत ने महत्वाकांक्षी लक्ष्य आगे रखे हैं। मुझे खुशी है कि हम इन पर तेजी से काम कर रहे हैं।

भारत बहुपक्षवाद में विश्वास करता है-पीएम मोदी

विकास और भागीदारी की बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आप एक विश्वसनीय पार्टनर के रूप में भारत पर भरोसा कर सकते हैं। हम बिना किसी हिचकिचाहट के आपके साथ अपने अनुभव और क्षमताओं को साझा करने के लिए तैयार हैं। भारत बहुपक्षवाद में विश्वास करता है और एक स्वतंत्र, खुले और समावेशी इंडो पैसिफिक का समर्थन करते हैं।

पीएम मोदी के स्वागत के लिए तोड़ी परंपरा

पापुआ न्यू गिनी में पीएम मोदी के दौरे के दौरन रोचक बात है कि यह किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री की पापुआ न्यू गिनी की पहली यात्रा है। आम तौर पर वहां सूरज ढलने के बाद आने वाले किसी भी नेता का औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता है, मगर मोदी के लिए यह अपवाद रहा और उनका औपचारिक स्वागत किया गया। यही नहीं, मोदी के समकक्ष (उम्र में 20 बरस छोटे) जेम्स मारापे ने हवाई अड्डे पर भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया और सम्मान के तौर पर उनके पैर भी छुए।

क्या है एफआईपीआईसी?

भारत-प्रशांत द्वीप सहयोग मंच (एफआईपीआईसी) का गठन 2014 में प्रधानमंत्री मोदी की फिजी यात्रा के दौरान किया गया था। एफआईपीआईसी शिखर सम्मेलन में 14 देशों के नेता भाग लेंगे। आम तौर पर कनेक्टिविटी और अन्य मुद्दों के कारण ये सभी शायद ही कभी एक साथ मिलते हैं। पीआईसी में कुक आइलैंड्स, फिजी, किरिबाती, मार्शल आइलैंड्स, माइक्रोनेशिया, नौरू, नीयू, पलाऊ, पापुआ न्यू गिनी, समोआ, सोलोमन आइलैंड्स, टोंगा, तुवालू और वानुआतु शामिल हैं

श्रीनगर में G20 मीट आज से, मेहमानों की मौजूदगी के बीच मल्टी-टियर सुरक्षा के इंतजाम

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जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद घाटी के हालात काफी तेजी से बदले हैं। धीरे-धीरे वहां अमन-चैन बहाल हो रहा है। इस बीच सरकार की ओर से आज से श्रीनगर में जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की बैठक का आयोजन किया जा रहा है।22 से 24 मई तक जी-20 शिखर सम्मेलन होने जा रहा है।विदेशी मेहमानों के लिए खास इंतेजामात किए गए हैं। मल्टी-टियर सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। 

मार्कोस और एनएसजी कमांडोज के हाथों सुरक्षा

बता दें कि, धारा 370 खत्म किए जाने के बाद जम्मू कश्मीर में यह पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय इवेंट है। आतंकी चुनौतियों और तमाम विकट परिस्थितियों के बीच इस बैठक के लिए भारत सरकार ने श्रीनगर को चुना है, ऐसे में दुनिया के तमाम देशों की नजरें इस समय भारत की ओर है। भारत सरकार ने भी इस बैठक के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके लिए सबसे खतरनाक मार्कोस और एनएसजी के कमांडोज को उतारा गया है। ऐसे में इनकी निगेहबानी में होने जा रही बैठक में परिंदे का भी पर मार पाना काफी मुश्किल है।

आकाश से लेकर जमीन तक निगहबानी

डल झील किनारे शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (एसकेआईसीसी) में आयोजित तीन दिवसीय तीसरी बैठक में विभिन्न राष्ट्रों के 60 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होंगे। आकाश से लेकर जमीन तक निगहबानी है। डल झील में मार्कोस कमांडो का पहरा है।लालचौक समेत शहर के कई इलाकों में एनएसजी कमांडो ने डेरा डाल रखा है। डल झील के किनारे बुलवर्ड रोड पर तीन दिनों तक यातायात प्रतिबंधित रहेगा। इस बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से लेकर नियंत्रण रेखा (एलओसी) तक अलर्ट है। सीमावर्ती जिले कठुआ, सांबा, जम्मू, राजोरी, पुंछ, बारामुला, कुपवाड़ा व बांदीपोरा में आईबी व एलओसी पर जवानों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की हिदायत दी गई है।

थ्री-टियर में सुरक्षा के इंतजाम

जम्मू कश्मीर के एडीजी विजय कुमार ने बताया कि थ्री-टियर में सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। यहां शुक्रवार को सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) के जवानों ने मॉक ड्रिल भी किया। एंटी-ड्रोन टेक्नोलॉजी को भी यहां तैनात किया गया है। इसके एसिस्टेंस के लिए एनएसजी और सेना के जवान तैनात होंगे. एडीजी ने बताया कि मार्कोस टीम की भी तैनात हैं। इनके अलावा पुलिस, बीएसएफ, सीआरपीएफ और एसएसबी के जवान भी तैनात हैं।

इन देशों ने किया बैठक से किनारा

जम्मू कश्मीर में आयोजित होने वाली इस मीटिंग से चीन समेत कई देशों ने किनारा किया है। चीन ने जम्मू कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताते हुए मीटिंग से दूर रहने का ऐलान किया। तुर्की भी उन देशों में है जो केंद्रशासित प्रदेश में मीटिंग का विरोध कर रहा है। माना जा रहा है कि पाकिस्तान के अनुरोध पर चीन मीटिंग का विरोध कर रहा है। तुर्की ने पहले भी जम्मू कश्मीर पर बयानबाजी करता रहा है।

बेंगलुरु में बारिश से भारी तबाही, जगह-जगह उखड़ गए पेड़, कई इमारत धराशायी

डेस्क : कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में रविवार की दोपहर मूसलाधार बारिश के साथ ओलावृष्टि भी हुई है। इस तरह की बारिश से अचानक कर्नाटक में मौसम का मिजाज बदल गया है। बीते कई दिनों से चिलचिलाती गर्मी झेल रहे लोगों को बारिश ने हालांकि काफी राहत दी है लेकिन जगह-जगह पेड़ उखड़ गए हैं और एक इलाके में बहुमंजिला इमारत धराशायी हो गया है। 

जानकारी के मुताबिक, राजधानी बेंगलुरु में तेज आंधी और बारिश के चलते बड़ा नुकसान हुआ है। बेंगलुरु के कई इलाकों में ओलावृष्टि भी हुई है। शहर में भारी बारिश के बाद बेंगलुरु के कई हिस्सों में गंभीर जलभराव देखा गया।