नीतीश के बाद केजरीवाल को मिला अखिलेश का समर्थन, कहा- दिल्ली का अध्यादेश जनादेश की हत्या है

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बाद अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सपा प्रमुख का भी साथ मिल गया है।सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा, "दिल्ली का अध्यादेश न्यायपालिका का अपमान है। ये भाजपा की नकारात्मक राजनीति का परिणाम है और लोकतांत्रिक-अन्याय का भी। भाजपा जानती है कि लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सीटों पर उसकी करारी हार होगी, इसीलिए जनता से पहले से ही बदला ले रही है। बता दें कि इसी मामले में बिहार के बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी रविवार को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की।

दिल्ली के अध्यादेश पर सियासी घमासान छिड़ गया है। आम आदमी पार्टी इसे न्यायालय का अपमान बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। अध्यादेश के खिलाफ वह गैरभाजपा दलों के नेताओं से मिलकर समर्थन जुटा रहे हैं। विपक्षी दल इस मामले को लेकर केंद्र की भाजपा सरकार पर हमलावर हैं। अब इस फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का। रविवार को उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा कि अध्यादेश के नाम पर ये जनादेश की हत्या है।

केजरीवाल को नीतीश का भी मिला समर्थन

बिहार के बिहार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली में अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की और अध्यादेश के मुद्दे पर उन्हें समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि "एक निर्वाचित सरकार को दी गई शक्तियों को कैसे छीना जा सकता है? यह संविधान के खिलाफ है। हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं।" इस दौरान उन्होंने भविष्य में विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की बात भी कही। वहीं, तेजस्वी यादव ने कहा कि बीजेपी गैर-बीजेपी सरकारों को परेशान कर रही है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। 

अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटा रहे केजरीवाल

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह हर गैर बीजेपी शासित राज्यों में और विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्यों में जाएंगे और हर विपक्षी दल के प्रमुख से मिलकर इस अध्यादेश के खिलाफ समर्थन जुटाएंगे। इस कड़ी में वह उड़ीसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना के मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मिलेंगे। 23 मई को कोलकाता में वह ममता बनर्जी से, मुंबई में 24 मई को उद्धव ठाकरे से और 25 मई को शरद पवार से भी मुलाकात करेंगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और तमिलनाडु के नेता स्टालिन से भी मिलेंगे। सूत्रों की मानें तो बीजेपी को बैकफुट पर धकेलने के लिए कांग्रेस भी केजरीवाल का समर्थन कर सकती है। 

तो क्या एकजुट हो पाएगा विपक्ष?

लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी दल एकजुट होंगे? यह सवाल का सही-सही जवाब दे पाना उतना ही कठिन है जितना की एक तराजू में मेंढकों का तोलना। कमोबेश सभी विपक्षी पार्टियां बीजेपी को हराना चाहती हैं। इसके लिए सभी विपक्षी एका की वकालत भी करते हैं लेकिन जैसे ही अगुआई की बात होती है तो कई नाम सामने आ जाते हैं, या फिर कोई हाथ खींच लेता है। फिलहाल, नीतीश कुमार जोर-शोर से इस मुहिम को अंजाम देने में जुटे हैं अब तक वह कई नेताओं से मिल चुके हैं और कइयों से मिलने का शेड्यूल है। वहीं, ममता बनर्जी भी खुद को सबसे आगे मानती हैं। कांग्रेस शायद ही किसी दूसरे के नाम पर सहमत हो। फिलहाल, राजनीति में कुछ भी असंभव नहीं होता, इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है।

पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री ने छुए पीएम मोदी के पैर, वीडियो वायरल

डेस्क: ग्रुप ऑफ सेवन (G7) के शिखर सम्मलेन में हिस्सा लेने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को पापुआ न्यू गिनी पहुंचे। पीएम मोदी ने पापुआ न्यू गिनी की धरती पर कदम रखते ही एक रिकॉर्ड बना दिया। पीएम मोदी भारत के पहले प्रधानमंत्री हैं जो इस छोटे से देश की यात्रा पर गए हैं। यहां हवाई अड्डे पर कुछ ऐसा घटा कि इसका वीडियो वायरल हो गया है। यहां पीएम मोदी का स्वागत करने पहुंचे पापुआ न्यू गिनी के प्रधानमंत्री जेम्स मारापे ने प्रधानमंत्री के पैर छू लिए। इस दौरान पीएम मोदी भी हैरान रह गए। 

पीएम मोदी के स्वागत के लिए पापुआ न्यू गिनी ने तोड़ दी परम्परा 

इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए पापुआ न्यू गिनी ने अपनी परम्परा को भी तोड़ दिया। वहां आमतौर पर सूर्यास्त के बाद आने वाले नेताओं के लिए औपचारिक स्वागत नहीं किया जाता है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए इस प्रोटोकॉल को तोड़ दिया गया। पापुआ न्यू गिनी की सरकार ने उनका पूर्ण औपचारिक स्वागत किया। मोदी की पापुआ न्यू गिनी की यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ? उस ट्वीट में मोदी ने केंद्र सरकार से पूछा था कि ‘अध्यादेश क्यों ?’ मोदी का यह ट्वीट 2013 का है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए केजरीवाल ने पूछा, अध्यादेश क्यों, सर ?

मोदी ने 14 जुलाई 2013 को किए गए एक ट्वीट में लिखा, संसद सत्र वैसे भी होने वाला है। केंद्र संसद को भरोसे में लेकर एक अच्छा विधेयक क्यों नहीं बना सकता? अध्यादेश क्यों? नरेंद्र मोदी पूछते हैं। पीएम मोदी, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे, ने एक मुद्दे पर केंद्र में मौजूद कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए ट्वीट पोस्ट किया था।

उसी ट्वीट को रीपोस्ट करते हुए केजरीवाल ने वही सवाल मोदी सरकार से पूछा है – अध्यादेश क्यों, सर? दिल्ली के मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए एक अध्यादेश जारी करने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लगभग सभी सेवाओं से जुड़े अधिकार दिल्ली की राज्य सरकार के पास हैं।

केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ के नाम से एक स्थायी प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश लाई है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव इसके सदस्य होंगे तथा दिल्ली के प्रमुख सचिव (गृह) इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण राष्ट्रीय राजधानी में ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों से संबंधित मसलों पर दिल्ली के एलजी को सिफारिशें सौंपेगा। हालांकि, सिफारिशों पर उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एल-जी जनता पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन के अलावा हर चीज में चुनी हुई सरकार की सलाह मानने के लिए बाध्य है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर सरकार अपनी सेवा में तैनात अधिकारियों को नियंत्रित करने और उनकी जिम्मेदारी तय करने में सक्षम नहीं है, तो यह विधायिका के साथ जनता के प्रति उसकी जवाबदेही को कमजोर करता है। शीर्ष अदालत द्वारा अधिकारियों के तबादले और तैनाती समेत सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को नियंत्रण दिये जाने के बाद केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ?


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 10 साल पुराना ट्वीट पोस्ट कर पूछा – अध्यादेश क्यों, सर ? उस ट्वीट में मोदी ने केंद्र सरकार से पूछा था कि ‘अध्यादेश क्यों ?’ मोदी का यह ट्वीट 2013 का है जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे। इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए केजरीवाल ने पूछा, अध्यादेश क्यों, सर ?

मोदी ने 14 जुलाई 2013 को किए गए एक ट्वीट में लिखा, संसद सत्र वैसे भी होने वाला है। केंद्र संसद को भरोसे में लेकर एक अच्छा विधेयक क्यों नहीं बना सकता? अध्यादेश क्यों? नरेंद्र मोदी पूछते हैं। पीएम मोदी, जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे, ने एक मुद्दे पर केंद्र में मौजूद कांग्रेस पर निशाना साधने के लिए ट्वीट पोस्ट किया था।

उसी ट्वीट को रीपोस्ट करते हुए केजरीवाल ने वही सवाल मोदी सरकार से पूछा है – अध्यादेश क्यों, सर? दिल्ली के मुख्यमंत्री की यह टिप्पणी केंद्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट के फैसले को नकारने के लिए एक अध्यादेश जारी करने के बाद आई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि लगभग सभी सेवाओं से जुड़े अधिकार दिल्ली की राज्य सरकार के पास हैं।

केंद्र सरकार ‘राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण’ के नाम से एक स्थायी प्राधिकरण बनाने के लिए एक अध्यादेश लाई है, जिसके अध्यक्ष दिल्ली के मुख्यमंत्री होंगे। दिल्ली के मुख्य सचिव इसके सदस्य होंगे तथा दिल्ली के प्रमुख सचिव (गृह) इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण राष्ट्रीय राजधानी में ट्रांसफर पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों से संबंधित मसलों पर दिल्ली के एलजी को सिफारिशें सौंपेगा। हालांकि, सिफारिशों पर उपराज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा।

सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 11 मई को फैसला सुनाया कि यह मानना आदर्श है कि लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई दिल्ली सरकार का अपने अधिकारियों पर नियंत्रण होना चाहिए और एल-जी जनता पब्लिक ऑर्डर, पुलिस और जमीन के अलावा हर चीज में चुनी हुई सरकार की सलाह मानने के लिए बाध्य है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अगर सरकार अपनी सेवा में तैनात अधिकारियों को नियंत्रित करने और उनकी जिम्मेदारी तय करने में सक्षम नहीं है, तो यह विधायिका के साथ जनता के प्रति उसकी जवाबदेही को कमजोर करता है। शीर्ष अदालत द्वारा अधिकारियों के तबादले और तैनाती समेत सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को नियंत्रण दिये जाने के बाद केंद्र सरकार यह अध्यादेश लेकर आई है।

बढ़ सकती है समीर वानखेड़े की मुश्किलें! सीबीआई ने दो दिनों में की 10 घंटे की पूछताछ

डेस्क: समीर वानखेड़े से आज सीबीआई ने दूसरे दिन की पूछताछ पूरी कर ली है। पूछताछ के बाद सीबीआई ने समीर वानखेड़े का बयान भी दर्ज कर लिया है। जानकारी दे दें कि बालॉवुड के सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान ड्रग्स मामले में को लेकर मुंबई में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को पूछताछ के लिए आज रविवार को बुलाया था। जिसके बाद समीर वानखेड़े सीबीआई के ऑफिस पहुंचे और उनसे 5 घंटे पूछताछ की गई। बता दें कि समीर वानखेड़े से दो दिन में सीबीआई 10 घंटे पूछताछ कर चुकी है। वहीं, कल सीबीआई समीर को कोर्ट में पेश कर सकती है।

सीबीआई ने पूछे कई सवाल

जानकारी के लिए बता दें कि सीबीआई ने इस पूछताछ के दौरान आर्यन केस से जुड़े सवाल पूछें। इसके अलावा समीर से इस केस की जांच के दौरान दौरान जो लापरवाही बरती गई उससे जुड़े सवाल सीबीआई ने पूछे हैं। सीबीआई के अधिकारियों ने शाहरुख खान से कथित रूप से 25 करोड़ की वसूली करने की कोशिश, वानखेडे की कथित बेनामी संपत्तियों, 6 विदेशी यात्राओं के जुड़े सवाल भी वानखेड़े से पूछें हैं।

वहीं समीर वानखेड़े ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उन्होंने जांच अधिकारियों के हर सवाल का जवाब दिया है। उन्हें सीबीआई पर पूरा भरोसा है। वानखेड़े ने कहा कि सीबीआई के अधिकारियों ने बहुत ही प्रोफेशनल तरीके से उनका बयान दर्ज किया ह। पिछले डेढ़ सालों से उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा था लेकिन अब उम्मीद है कि इंसाफ मिलेगा। 

समीर ने आगे कहा कि इस केस से जुड़ी जो भी बातें उन्हे कहनी है वो अब कोर्ट को ही कहेंगे। बयान दर्ज करने के बाद समीर वानखेड़े ने कहा, सत्यमेव जयते। बता दें कि कल यानी 22 मई दिन सोमवार को हाई कोर्ट में होने वाली सुनवाई के दौरान समीर वानखेड़े भी मौजूद रहेंगे।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से मिले बिहार के सीएम नीतीश, बीजेपी ने कसा तंज

डेस्क: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ बैठक की और दिल्ली के उपराज्यपाल को 'सेवाओं' का नियंत्रण वापस देने के लिए अध्यादेश लाए जाने के खिलाफ आप प्रमुख को अपना समर्थन दिया। बैठक के तुरंत बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने मीडिया को संबोधित किया। इस मुद्दे पर बोलते हुए, बिहार के सीएम ने कहा, "एक निर्वाचित सरकार को दी गई शक्तियों को कैसे छीना जा सकता है? यह संविधान के खिलाफ है। हम अरविंद केजरीवाल के साथ खड़े हैं।"

केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विपक्षी ताकतों को एकजुट करने की कोशिश कर रहे बिहार के सीएम ने कहा, 'भविष्य में भी बैठकें करेंगे, हम देश के सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं।'

नीतीश ने केजरीवाल के सुर में मिलाया सुर

वहीं, केंद्र द्वारा दिल्ली के पक्ष में सुप्रीम कोर्ट के आदेश को नकारने वाला अध्यादेश लाने के मुद्दे पर मीडिया को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा, नीतीश ने कहा कि वह राष्ट्रीय राजधानी के लोगों के साथ खड़े हैं। आज नीतीश जी के साथ बैठक में उन्होंने कहा कि दिल्ली के पक्ष में SC के आदेश को नकारते हुए केंद्र द्वारा अध्यादेश लाने के मुद्दे पर वह दिल्ली की जनता के साथ खड़े हैं। अगर केंद्र इस अध्यादेश को विधेयक के रूप में लाता है, अगर सभी गैर-भाजपा दल एक साथ आते हैं तो इसे राज्यसभा में हराया जा सकता है। अगर ऐसा होता है, तो यह संदेश दे सकता है कि 2024 में भाजपा सरकार बाहर हो जाएगी।" 

तेजस्वी ने कहा-हम ऐसा होने नहीं देंगे

उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, 'बीजेपी गैर-बीजेपी सरकारों को परेशान कर रही है. केंद्र सरकार अरविंद केजरीवाल के साथ अन्याय कर रही है. हम उनके साथ खड़े हैं. भेदभाव उचित नहीं है। ऐसा होता है तो हम ऐसा नहीं होने देंगे।'

बीजेपी नेताओं ने कसा तंज

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की बिहार के सीएम और डिप्टी सीएम से मुलाकात पर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने तंज कसा और कहा कि कई लोग समझ गए हैं कि अरविंद केजरीवाल सबसे भ्रष्ट हैं, जबकि वे खुद दूसरों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं।

 नौकरशाहों के स्थानांतरण पर केंद्र के अध्यादेश पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की प्रतिक्रिया पर भाजपा सांसद हर्षवर्धन ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री केवल राजनीति करना चाहते हैं और केंद्र सरकार और देश में सत्तारूढ़ दल को गाली देना चाहते हैं।

शुक्रवार को केंद्र सरकार ने 'स्थानांतरण पोस्टिंग, सतर्कता और अन्य प्रासंगिक मामलों' के संबंध में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार (GNCTD) के लिए नियमों को अधिसूचित करने के लिए एक अध्यादेश लाया। अध्यादेश को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार अधिनियम, 1991 में संशोधन करने के लिए लाया गया है और यह केंद्र बनाम दिल्ली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले को दरकिनार करता है।

कर्नाटक में सिद्धारमैया की घोषणा, राज्य के लोगों को 200 यूनिट बिजली मुफ्त, बेरोजगार छात्रों को मिलेंगे 3000 रुपये

कर्नाटक में आज नई सरकार का गठन हो गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिद्धारमैया ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। सीएम ने कहा कि मुझे नहीं लगता हमारी सरकार के लिए एक साल में 50,000 करोड़ रुपए जुटाना असंभव है। परिवार की महिला को गृह लक्ष्मी योजना के तहत 2000 रुपये दी जाएगी। बता दें कि सिद्धारमैया ने आज कर्नाटक के CM पद की शपथ ली है।

कर्नाटक में आज नई सरकार का गठन होने के बाद नई सरकार आम लोगों से किए वायदे को पूरा करने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया। कर्नाटक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है। सिद्धारमैया ने कहा कि 200 यूनिट मुफ्त बिजली की पहली गृह ज्योति योजना लागू की जाएगी। इस पर करीब 1200 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

सीएम ने कहा कि मुझे नहीं लगता हमारी सरकार के लिए एक साल में 50,000 करोड़ रुपए जुटाना असंभव है। परिवार की महिला को गृह लक्ष्मी योजना के तहत 2000 रुपये दी जाएगी। हम अभी भी काम कर रहे हैं कि हम कितना खर्च करेंगे। इस पर कितना खर्च आएगा हम अगली कैबिनेट बैठक में बताएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेरोजगार ग्रेजुएट को 2 साल के लिए 3000 प्रति माह दिया जाएगा।

बेंगलुरु के श्री कांतीरवा स्टेडियम में सिद्धारमैया ने एक बार फिर कर्नाटक सीएम के तौर पर शपथ ली। राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने दोपहर 12:30 बजे उन्हें गोपनीयता की शपथ दिलाई। इनके बाद, KPCC चीफ डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम और 8 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।

पुरानी सरकारें टैक्स का हिस्सा नहीं दिला सकीं

सीएम सिद्धारमैया ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पहले की सरकारें ठीक नहीं थीं। वे हमें करों का हिस्सा ठीक से नहीं दिला सकीं। वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक केंद्र को हमें 5,495 करोड़ रुपये देने हैं। सीएम ने कहा कि निर्मला सीतारमण कर्नाटक से राज्यसभा सांसद हैं और उनकी और पीएम की वजह से कर्नाटक को नुकसान हुआ।

ये 8 विधायक बने मंत्री

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बाद सबसे पहले डॉ. जी परमेश्वर ने मंत्री पद की शपथ ली। वह एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार में राज्य के पहले दलित डिप्टी सीएम थे।

 

परमेश्वर 6 बार विधायक बन चुके हैं। उन्होंने 1989, 1999 और 2004 में मधुगिरी से और 2008, 2018 और 2023 में कोराटागेरे से विधानसभा का चुनाव जीता है। वह 8 साल तक KPCC प्रमुख रहे हैं। एमबी पाटील ने पद की शपथ ली। वह कद्दावर लिंगायत नेता हैं। वह पांच बार विधायक रह चुके हैं।

2013 में सिंचाई मंत्री रह चुके हैं। वह सिद्धारमैया के बेहद करीबी हैं। चुनाव प्रचार समिति के प्रमुख रहे। सतीश जारकीहोली ने मंत्री पद की शपथ ली. वह KPCC के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। पूर्व वन पर्यावरण मंत्री रहे हैं। वह नायक समुदाय से आते हैं। वह तीन बार मंत्री रह चुके हैं। चीनी मिल समेत कई स्कूलों के मालिक हैं। उन्होंने 2008 में कांग्रेस जॉइन की थी।

भारी विवादों के बीच फिल्म द केरल स्टोरी ने बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ का आंकड़ा किया पार

सुदीप्तो सेन की निर्देशित मूवी 'द केरल स्टोरी' बॉक्स ऑफिस पर डे वन से ताबड़तोड़ बिजनेस कर रही है। देश भर में भारी विरोध के बावजूद फिल्म लगातार बॉक्स ऑफिस में कलेक्शन का रिकॉर्ड तोड़ती नजर आ रही है। बता दें कि इस फिल्म को लेकर हर ओर विरोध की आग देखने को मिली। वहीं, कुछ राज्यों में फिल्म को बैन कर दिया गया था। तो कई राज्यों के प्रमुख ने इस फिल्म के प्रसारण को ही गलत बताया था। बावजूद इसके धर्मांतरण को दिखाती इस फिल्म ने सभी बाधाओं को पार करते हुए अच्छा कलेक्शन किया है। 

अदा शर्मा, योगिता बिहानी, सोनिया बलानी और सिद्धी इडनानी को मेन कास्ट में लेते हुए बनी 'द केरल स्टोरी' टिकट विंडो पर भारी संख्या में ऑडियंस की भीड़ इकट्ठा करने में कामयाब रही है।

वहीं इस फिल्म को ओवरसीज भी प्रसारित किया गया है। दुनियाभर में फिल्म ने 218 करोड़ का कलेक्शन कर लिया है। यह तब है, जब फिल्म 12 मई को अमेरिका के 38 देशों में रिलीज हुई।

उत्तराखंड बीजेपी का 30 मई से महा जनसंपर्क अभियान, पीएम मोदी और सीएम योगी की रैली से होगा भाजपा का चुनावी आगाज

उत्तराखंड प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा 30 मई से महा जनसंपर्क अभियान के जरिये लोकसभा चुनाव का आगाज कर देगी। जून महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा में से कोई न कोई सियासी महारथी लोकसभा क्षेत्रों में जनसभा करेगा।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के मुताबिक, पीएम से पिथौरागढ़ के सीमांत क्षेत्र गुंजी का दौरा करने और एक जनसभा करने का अनुरोध किया गया है। पार्टी को पीएम के आने पूरी उम्मीद है।30 जून तक चलने वाले इस महा अभियान की तैयारी को लेकर प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में चर्चा हुई और कार्यक्रमों में मुहर लगी।

पार्टी के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम के मुताबिक, अभियान के दौरान पार्टी के नेता और कार्यकर्ता अब दरवाजे पर नहीं बल्कि घर के भीतर जाएंगे और लोगों से संपर्क कर केंद्र व राज्य सरकार की नौ साल की उपलब्धियों की जानकारी देंगे।

14 कार्यक्रम होंगे, 23 को पीएम का वर्चुअल संबोधन

गौतम ने बताया कि महा-जनसंपर्क अभियान के दौरान कुल 14 कार्यक्रम होंगे, जिनमें से पांच लोकसभा और पांच विधानसभा स्तर पर होंगे, जबकि तीन कार्यक्रम बूथ स्तर पर और एक जिला स्तर पर होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 जून को डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ता को वर्चुअल संबोधित करेंगे। 21 जून को विधानसभा स्तर पर योग दिवस मनाया जाएगा। 25 जून को प्रधानमंत्री की मन की बात कार्यक्रम बूथ स्तर पर सुना जाएगा। 20 जून से 30 जून तक घर-घर संपर्क अभियान चलेगा।

महा जनसंपर्क अभियान के इन कार्यक्रमों पर लगी मुहर

विस क्षेत्र के स्तर परः

एक जून से 20 जूनः 75 विशिष्ट व्यक्तियों से संपर्क

पांच से 10 जूनः वरिष्ठ कार्यकर्ता सम्मेलन

10 से 15 जून-संयुक्त मोर्चा सम्मेलन

15 से 20 जून-लाभार्थी सम्मेलन

21 जून- योग दिवस

लोस क्षेत्र के स्तर पर

एक से पांच जून- प्रेस वार्ताएं व सोशल मीडिया मीट

छह से 10 जून- व्यापारी सम्मेलन

10 से 12 जून- विकास तीर्थ कार्यक्रम

बूथ स्तर पर

23 जून- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस

25 जून- मन की बात कार्यक्रम

20 से 30 जून-घर-घर संपर्क अभियान कार्यक्रम

जिला स्तर पर

25 जून- आपातकाल दिवस( प्रबुद्ध सम्मेलन)

भाजपा हमेशा इलेक्शन मोड में रहती हैः गौतम

महा जनसंपर्क अभियान को क्या लोकसभा चुनाव का आगाज माना जाए, इस प्रश्न के उत्तर में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम ने कहा कि भाजपा ऐसा राजनीतिक दल है, जो हमेशा इलेक्शन मोड में रहता है। यह ऐसी पार्टी है जो हर साल अपना रिपोर्ट कार्ड जनता के सामने रखती है। हम मलाई खाने वाले लोग नहीं हैं।

दिल्ली हरिद्वार हाईवे पर खाई में गिरी 40 यात्रियों से भरी रोडवेज बस, कार को बचाने के चक्कर में हुआ हादसा, राहत बचाव कार्य जारी

 दिल्ली हरिद्वार हाईवे पर रुड़की के समीप मुजफ्फरनगर डिपो की बस सामने से आ रही कार को बचाने के चक्कर में खाई में जा गिरी। गनीमत रही कि यात्रियों को हल्की चोटें आई हैं। तीन यात्रियों को ज्यादा चोट थी, जिन्हें रुड़की सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसमें रोडवेज बस चालक भी शामिल है। राहत बचाव का कार्य जाती है।

रविवार को 40 सवारियों को लेकर जा रही यात्री बस हादसे का शिकार हो गई। घटना के दौरान कार चालक फरार हो गया। दुर्घटना के बाद बस में सवार यात्रियों ने दूसरी बस से आगे की यात्रा की।