*जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती नहीं लड़ेंगी विधानसभा चुनाव ! रखी इतनी बड़ी शर्त*

डेस्क: जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती ने आज बड़ा ऐलान किया है। महबूबा मुफ्ती ने बेंगलुरु में ये घोषणा की है कि वह विधानसभा चुनाव तब तक नहीं लड़ेंगी जब तक कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 वापस से बहाल नहीं हो जाता। मुफ्ती ने कहा कि मुझे निकट भविष्य में विधानसभा चुनाव होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।

G20 को बीजेपी ने हाईजैक किया

बेंगलुरु में महबूबा मुफ्ती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि G20 देश का इवेंट है लेकिन बीजेपी ने इसे हाईजैक कर लिया है। उन्होंने इसके लोगो को कमल से बदल दिया है, इसके लोगो को देश से संबंधित होना चाहिए था, ना कि किसी पार्टी से। मुफ्ती ने कहा कि यह सार्क (SAARC) ही है जो इस क्षेत्र में हमारे देश का नेतृत्व स्थापित करेगा। पीडीपी चीफ ने कहा कि सार्क शिखर सम्मेलन क्यों नहीं करते और हमारी समस्या का समाधान करते हैं।

महबूबा मुफ्ती ने केंद्र पर साधा निशाना

महबूबा ने कहा कि करीब करीब हर किसी ने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन कर्नाटक ने फिर से उम्मीद जगाई है कि भारत की विचारधारा जिंदा है। हम जम्मू कश्मीर के लोगों को इसकी कुछ ज्यादा ही जरुरत थी, क्योंकि इस फासिस्ट फोर्सेस की मैं पहली विक्टिम हूं। हमने दिल्ली में क्या देखा, सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिया गया जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने चुनी हुई सरकार को ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार दिया था। 2019 में हमारे साथ क्या हुआ था, हम से सत्ता ले ली गई। गवर्नमेंट को खत्म कर दिया गया। लोगों को डिसइंपावर्ड कर दिया गया। सब लोगों ने ये समझा कि ये मुस्लिम बहुल राज्य के खिलाफ कार्रवाई है, क्योंकि बीजेपी मुस्लिम विरोधी है। लेकिन कश्मीर की समस्या का समाधान नहीं हो पाया, बल्कि समस्या और जटिल हो गई। 

कर्नाटक में विपक्षी एकता का दिया था संदेश

वहीं इससे पहले कर्नाटक में सिद्धरमैया और उनकी सरकार के मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के 18 दलों के नेता एक मंच पर नजर आए और यहां से विपक्षी एकजुटता का संदेश देने का प्रयास किया गया। इस दौरान बेंगलुरु में जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस (नेकां) के नेता फारूक अब्दुल्ला भी मौजूद रहे।

अल सल्वाडोर के फुटबॉल स्टेडियम में मची भगदड़, 9 लोगों की हुई दर्दनाक मौत

डेस्क: अल साल्वाडोर की राजधानी सैन साल्वाडोर में उस वक्त अफरातफरी मच गई, जब अचानक लोग स्टेडियम से भागने लगे। इस फुटबॉल स्टेडियम में भगदड़ मचने से कम से कम 9 लोगों की मौत हो गई। जबकि काफी संख्या में लोग घायल हो गए। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।

 भगदड़ मचने से कई लोगों की सांसे फूलने लगी और वह स्टेडियम में ही बेहोश होकर गिर गए। सहयोगियों ने उन्हें सीपीआर देना का भी प्रयास किया। बावजूद स्थिति को नियंत्रण में नहीं लाया जा सका। स्थानीय अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

विदेशी मीडिया ने अल सल्वाडोर पुलिस के हवाले से बताया कि स्थानीय लोग टीम अलियांजा और सांता एना आधारित टीम फास के बीच मैच देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। मॉनुमेंटल स्टेडियम में गेट बंद होने के बावजूद वे प्रवेश करने की कोशिश करने लगे। 

इस दौरान भगदड़ मचने से 18 साल से अधिक उम्र के सात पुरुष और दो महिलाओं की मौत हो गई। स्थानीय मीडिया द्वारा साझा किए गए एक फुटेज में, फुटबॉल प्रशंसकों को स्टेडियम के प्रवेश द्वार पर लगे बैरिकेड्स को खींचने का प्रयास करते देखा जा सकता है। अल साल्वाडोर के स्वास्थ्य मंत्री फ्रांसिस्को अलबी ने कहा कि आसपास के अस्पतालों से एंबुलेंस से घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया।

दो हजार के नोटों पर अब राजनैतिक घमासान शुरू

दो हजार के नोटों पर अब राजनैतिक घमासान शुरू, कांग्रेस ने पीएम मोदी पर उठाए सवाल, कहा, यह है स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत, पहला एक्ट, बाद में विचार 


दो हजार के नोटों पर अब देश में सियासी घमासान शुरू हो चुका है। कांग्रेस के नेताओं ने बयान जारी कर भाजपा व पीएम मोदी पर हमला बोला। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत। पहला एक्ट, बाद में विचार। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बड़ा फैसला लेते हुए 2000 रुपये के नोट को चलन से वापस ले लिया है। हालांकि यह नोट वैध मुद्रा बना रहेगा। आरबीआई ने बैंकों को 30 सितंबर, 2023 तक 2,000 रुपये के नोट जमा करने एवं बदलने की सुविधा देने को कहा है। लेकिन इस फैसले को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। कांग्रेस ने सीधा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल उठा दिया है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि हमारे स्वयंभू विश्वगुरु की खासियत। पहला एक्ट, बाद में विचार। उन्होंने कहा कि 8 नवंबर 2016 के विनाशकारी तुगलकी फरमान के बाद इतनी धूमधाम से पेश किए गए 2000 रुपये के नोट अब वापस लिए जा रहे हैं।

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि 8 नवंबर 2016 का भूत एक बार फिर देश को डराने आ गया है। उन्होंने कहा कि विमुद्रीकरण का बहुप्रचारित कदम इस देश के लिए एक बड़ी आपदा बना हुआ है। उन्होंने सावल करते हुए कहा कि पीएम ने 2000 के नए नोटों के फायदों पर देश को दिया उपदेश, आज जब छपाई बंद है तो उन सभी वादों का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के कदम के लिए अपनी मंशा स्पष्ट करनी चाहिए। सरकार अपने जनविरोधी और गरीब विरोधी एजेंडे को जारी रखे हुए है। आशा है कि मीडिया इस तरह के कठोर उपाय पर सरकार से सवाल करेगा और इसे दुनिया में 'चिप की कमी' के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराएगा।

दो हजार के नोटों पर हालिया फैसले के बाद अरविंद केजरीवाल के पीएम मोदी पर किए हमले का भाजपा नेता धर्मेन्द्र प्रधान ने दिया जवाब, कहा, पढ़े लिखे सीएम फिर झूठ बेचने निकल पड़े 

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने के भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के फैसले को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आलोचना के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया है। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक पर ‘झूठ बेचने’ का आरोप लगाया है। दरअसल आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट चलन से बाहर करने की शुक्रवार को घोषणा की थी। हालांकि, इस मूल्य के नोट बैंकों में जाकर 30 सितंबर तक जमा किए जा सकेंगे या बदले जा सकेंगे। आरबीआई ने एक बयान जारी कर कहा था कि अभी चलन में मौजूद 2000 रुपये के नोट 30 सितंबर तक वैध मुद्रा बने रहेंगे। 

सीएम ने साधा था पीएम पर निशाना

केजरीवाल ने इस फैसले की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था, पहले बोला था कि 2,000 का नोट लाने से भ्रष्टाचार बंद होगा। अब बोल रहे हैं कि 2,000 का नोट बंद करने से भ्रष्टाचार खत्म होगा। हम इसीलिए कहते हैं कि प्रधानमंत्री पढ़ा-लिखा होना चाहिए। एक अनपढ़ प्रधानमंत्री को कोई कुछ भी बोल जाता है। उसे कुछ समझ नहीं आता है। भुगतना जनता को पड़ता है।

पढ़ा-लिखा मुख्यमंत्री एक बार फिर झूठ बेचने निकल पड़ा 

प्रधान ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि 2000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने हुए हैं। उन्होंने कहा,‘पढ़ा-लिखा मुख्यमंत्री एक बार फिर झूठ बेचने निकल पड़ा है। प्रधान ने कहा, ‘कबीर जी ने सच ही कहा है-पोथी पढ़-पढ़ पंडित भया न कोय। शीशमहल में रहने वाले कट्टर भ्रष्टाचारियों की बौखलाहट स्वाभाविक है।

महल संबंधी टिप्पणी केजरीवाल के आवास की मरम्मत के लिए दिल्ली सरकार द्वारा कथित तौर पर किए गए अत्यधिक खर्च को लेकर विवाद के संदर्भ में की गई। उन्होंने ये भी कहा कि शराब घोटाले में ‘सरगना’ ने जितनी मेहनत की है, लगता है उस पर पानी फिर रहा है।

गुजरातियों को ठग बताने के मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी पर दायर मानहानि केस की हुई सुनवाई, कोर्ट ने नोटिस जारी किया

 

 गुजरात के अहमदाबाद स्थित मेट्रो कोर्ट में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव पर दायर मानहानि के मामले पर शनिवार को सुनवाई हुई। बता दें कि तेजस्वी यादव पर गुजरातियों को ठग कहने का आरोप लगा मुकदमा दायर किया गया था। इस मामले में सुनवाई के दौरान फरियादी पक्ष की ओर से कोर्ट में तीन गवाह पेश किए गए। इस दौरान सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक न्यूज चैनल के संपादक को नोटिस जारी किया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 12 जून को होगी।

दरअसल, तेजस्वी यादव ने 22 मार्च 2023 को बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान मीडियाकर्मियों से बातचीत करते हुए गुजरातियों को ठग कहा था। तेजस्वी ने कहा था कि ‘वर्तमान में जो हालात हैं उसे देखा जाए तो सिर्फ गुजराती ही ठग होते हैं और उनको माफ भी कर दिया जाता है। तेजस्वी ने ये बातें उस वक्त कही थीं जब बैंकों का पैसा लेकर भागने वाले हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के रेड कॉर्नर नोटिस से हटा दिया गया था।

वहीं तेजस्वी यादव के इस बयान पर हरेश मेहता ने गुजरात की कोर्ट में मानहानि का केस कराया था। हरेश मेहता ने कहा था कि, उन्होंने समाचार चैनल के माध्यम से तेजस्वी यादव को गुजरातियों के खिलाफ बयान देते हुए सुना है। उन्होंने 21 मार्च को आईपीसी की धारी 499 और 500 के तहत आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था।

इस मामले में पिछली सुनवाई के दौरान अहमदाबाद मेट्रो कोर्ट ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 202 के तहत जांच का आदेश दिया था। कहा गया था कि अदालत पहले मानहानि की शिकायत की जांच करेगी और फिर जांच करेगी कि क्या शिकायतकर्ता और गवाहों के पक्ष में सबूतों पर विचार करके प्रथम दृष्टया मामला बनता है या नहीं। आज मामले पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एक न्यूज चैनल के संपादक को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 12 जून को होगी।

दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग मामलाःसंविधान पीठ के फैसले को लेकर केंद्र ने दाखिल की पुनर्विचार याचिका

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दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग का मामले में केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अफसरों की ट्रांसफर- पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को देने के 11 मई के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की है। बता दें कि दिल्ली में अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार के पक्ष में फैसला सुनाया था। 

सरकार, शुक्रवार (19 मई) को देर रात लिए गए उस फैसले के बाद सुप्रीम कोर्ट पहुंची है, जिसमें उसने एक अध्यादेश लाकर वापस से ग्रुप ए अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली के उप-राज्यपाल को सौंप दिया है।केंद्र सरकार ने दिल्ली राजधानी कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से शुक्रवार को एक अध्यादेश जारी किया।उसके मुताबिक दिल्ली सरकार अधिकारियों की पोस्टिंग पर फैसला जरूर ले सकती है लेकिन अंतिम मुहर उपराज्यपाल ही लगाएंगे। मुख्यमंत्री तबादले का फैसला अकेले नहीं कर सकेंगे।

अध्यादेश जारी किये जाने से महज एक सप्ताह पहले ही उच्चतम न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी में कुछ सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी सेवाओं का नियंत्रण दिल्ली सरकार को सौंप दिया है।

सिद्धारमैया ने ली सीएम पद की शपथ, डिप्टी सीएम बने शिवकुमार, इन विधायकों को भी मिला मंत्रीपद

#siddaramaiahtakesoathasthecmof_karnataka

कांग्रेस के दिग्गज नेता सिद्धारमैया ने कर्नाटक के 30वें मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली। यह दूसरी बार है जब उनपर कांग्रेस ने भरोसा जताते हुए उन्हें दूसरी बार राज्य की कमान संभालने का मौका दिया है। इसके अलावा डीके शिवकुमार ने नई सरकार में उप-मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।इन दोनों नेताओं के अलावा 8 अन्य विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली। 

सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के अलावा जिन आठ विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, इनमें परमेश्वर (एससी), केएच मुनियप्पा (एससी), प्रियांक खरगे (एससी), केजे जॉर्ज (अल्पसंख्यक-ईसाई), एमबी पाटिल (लिंगायत), सतीश जारकीहोली (एसटी-वाल्मीकि), रामलिंगा रेड्डी (रेड्डी), और मुस्लिम समुदाय से बीजेड ज़मीर अहमद खान शामिल हैं। 

शपथ ग्रहण समारोह में कौन-कौन नेता पहुंचे हैं?

शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जु खड़गे, कर्नाटक के मनोनित मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और कांग्रेस नेता राहुल गांधी शामिल हुए।कर्नाटक सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी दलों ने दिखाई अपनी एकजुटता। इस समारोह में नीतीश कुमार, एमके स्टालिन, तेजस्वी यादव, महबूबा मुफ्ती मंच पर पहुंचे। वहां पर कमल हासन, सीताराम येचुरी, फारूक अब्दुल्ला, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, सीएम अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, सुखविंदर सिंह सुक्खू मंच पर मौजूद रहे। 

राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा

वहीं शपथ ग्रहण के बाद राहुल गांधी ने कार्यक्रम को संबोधित किया और कहा कि कर्नाटक की जनता ने बीजेपी के भ्रष्टाचार को हरा दिया। कर्नाटक में नफरत का बाजार बंद हुआ। हम जो कहते हैं वो करते हैं। उन्होंने राज्य में भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का वादा किया।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को बदलने की चर्चाओं पर लग गया विराम, ज्ञानी हरप्रीत सिंह ही रहेंगे श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को बदलने की चर्चाओं के बीच बड़ी खबर सामने आई है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी और महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल इस मामले को लेकर बयान सामने आया है। ‘एबीपी सांझा’ की एक खबर के अनुसार, आज हो रही कार्यकारिणी समिति की बैठक में जत्थेदार को लेकर कोई मुद्दा नहीं है। बल्कि इस बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के खास सदस्यों से बातचीत की जाएगी।

‘अभी और सेवाएं देंगे जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह’

शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी की तरफ से कहा गया कि जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह धार्मिक क्षेत्र में शानदार काम किया है। ज्ञानी हरप्रीत सिंह पहले की तरह की ही श्री अकाल तख्त साहिब में अपनी सेवाएं देते रहेंगे। धामी के बयान के बाद श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार को बदलने की चर्चाओं पर अब विराम लग गया है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की बैठक में अमृतसर के स्वर्ण मंदिर के पास हुए धमाकों और पंजाब में हो रहे अत्याचार को लेकर बातचीत की जाएगी।

क्यों जताई जा रही थी जत्थेदार को बदलने की आशंका

दरअसल, पंजाब से आप के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा की सगाई में शामिल होने के बाद जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को बदलने की चर्चाओं ने जोर पकड़ा था। कई धर्मगुरुओं ने सगाई में शामिल होने पर सवाल खड़े किए थे। एसजीपीसी सदस्य भाई राम सिंह ने कहा था कि जत्थेदार के सगाई समारोह में शामिल होने से उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई है। क्योंकि सगाई पार्टी में शराब और मांस भी परोसा जा रहा था। जत्थेदार को ऐसे कार्यक्रम में नहीं जाना चाहिए था। माना जा रहा था कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा 20 मई को बुलाई गई बैठक में इसी संबंध में बुलाई जा रही है।

भारत ने 22 पाकिस्तानी कैदियों को किया रिहा, अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते भेजा उनके देश

 भारत सरकार द्वारा सजा पूरी होने पर 22 पाकिस्तानी कैदियों को रिहा किया गया है। उन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवानों द्वारा अटारी-वाघा सीमा पर संयुक्त जांच चौकी पर पाकिस्तानी अधिकारियों को सौंपा गया है। अधिकारियों का कहना है कि इन सभी कैदियों को पाकिस्तानी उच्चायोग द्वारा जारी किए गए आपातकालीन यात्रा प्रमाणपत्र के आधार पर पाकिस्तान भेजा गया है।

अधिकारियों ने बताया कि जब इन पाकिस्तानी नागरिकों की गिरफ्तारी की गई थी तब इनके पास यात्रा को लेकर कोई दस्तावेज नहीं पाया गया था। जिन 22 कैदियों को रिहा गया है उनमें से 9 मछुआरे गुजरात की कच्छ जेल तो 10 अमृतसर की केंद्रीय कारागार और तीन तीन अन्य जेलों में बंद थे। इन मछुआरों को भारतीय नौसेना ने गिरफ्तार किया था।

पाकिस्तान ने 198 भारतीय मछुआरों को किया था रिहा

बता दें कि बीते सप्ताह ही पाकिस्तान की तरफ से भी भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था। पाकिस्तान की मालिर जेल जेल में बंद 198 भारतीय मछुआरों को रिहा किया गया था। उन्हें अटारी-वाघा सीमा पर भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया था। इस दौरान मलीर जेल अधीक्षक नजीर टुनियो की तरफ से कहा गया था कि उनकी तरफ से अभी भारतीय मछुआरों के पहले जत्थे को रिहा किया गया है। जून और जुलाई में बाकि के कैदियों को भी रिहा किया जाएगा। नजीर टुनियो की तरफ से बताया गया था कि इस बार 200 भारतीय मछुआरों को रिहा किया जाना था लेकिन 2 मछुआरों की बीमारी के कारण मौत हो गई। जबकि 200 और 100 मछुआरों को बाद में रिहा किया जाएगा।

जनवरी 17 पाकिस्तानी नागरिकों को किया था रिहा

जनवरी में भी भारत में सजा काट रहे 17 पाकिस्तानी नागरिकों को रिहा किया गया था। अटारी-वाघा सीमा के रास्ते उन्हें स्वदेश भेजा गया था। भारत की तरफ से एक जनवरी को देश की जेलों में बंद 339 पाकिस्तानी कैदियों और 95 पाकिस्तानी मछुआरों की सूची पाकिस्तान के साथ शेयर की गई थी।

उत्‍तराखंड के ऋषिकेश शहर में बन रहा एशिया का सबसे लंबा रोप-वे, यहां डिटेल में पढ़ें 465.69 करोड़ के प्रोजेक्‍ट की सात खासियतें

उत्तराखंड में तीन बड़ी परियोजनाओं को धरातल पर उतारने की कवायद तेज हो गई है। उत्तराखंड मेट्रो रेल कारपोरेशन (यूकेएमआरसी) ने दो रोपवे व एक पाड कार प्रोजेक्ट को लेकर टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। जून और जुलाई में टेंडर खोलकर कार्य आवंटित कर दिए जाएंगे। इसके लिए कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने आवेदन किया है।

एशिया की अब तक की सबसे लंबी रोप-वे परियोजना ऋषिकेश आइएसबीटी से नीलकंठ महादेव मंदिर को लेकर आगामी छह जून को प्रि-बिड कान्फ्रेंस होगी। इसके अलावा हरिद्वार में पाड कार प्रोजेक्ट और हर की पौड़ी से चंडी देवी मंदिर तक रोपवे प्रोजेक्ट को लेकर भी कार्यवाही तेज हो गई है।

देहरादून में नियो मेट्रो प्रोजेक्ट को केंद्र से स्वीकृति के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यूकेएमआरसी के प्रबंध निदेशक ने सभी प्रोजेक्ट की विस्तृत जानकारी और वर्तमान स्थिति के साथ भावी गतिविधियों की जानकारी दी है।

465.69 करोड़ से तैयार होगी सबसे लंबी रोपवे परियोजना

ऋषिकेश में आइएसबीटी से त्रिवेणी घाट, नीलकंठ महादेव मंदिर और पार्वती माता मंदिर तक रोपे-वे का निर्माण किया जाएगा।

465.69 करोड़ से तैयार होने वाली 6.485 किलोमीटर लंबी यह परियोजना एशिया में सबसे लंबी होगी।

भारत में अब तक सबसे लंबी रोपवे कश्मीर के गुलमर्ग में 4.2 किमी और उत्तराखंड के औली में 4.1 किमी है।

आइएसबीटी से पार्वती माता मंदिर तक रोपवे में चार स्टेशन होंगे।

ऋषिकेश से नीलकंठ की दूरी महज 17 मिनट में तय हो सकेगी।

मोनो केबल डिटैचेबल गोनडोला सिस्टम तकनीक से बनने वाली परियोजना में 10 व्यक्तियों की क्षमता के 143 केबिन कार होंगी।

चारों स्टेशन के बीच कुल 36 टावर का निर्माण किया जाएगा।

परियोजना के लिए 4.237 हेक्टेयर भूमि के अधिग्रहण की कार्यवाही गतिमान है। इसमें 2.277 हेक्टेयर सरकारी और 1.960 हेक्टेयर निजी भूमि है।

परियोजना की स्थिति

नाम: ऋषिकेश-नीलकंठ रोपवे

टेंडर खुलने की तिथि: 14 जुलाई 2023

वित्तीय प्रबंध का समय: छह माह

निर्माण कार्य की समय सीमा: तीन वर्ष

प्रस्तावित किराया

स्टेशन, वन वे, टू वे

आइएसबीटी से त्रिवेणी घाट, 35, 60

त्रिवेणी घाट से नीलकंठ, 230, 415

नीलकंठ से पार्वती मंदिर, 65, 120

पूरा सफर, 330, 590

हर की पौड़ी से सीधा चंडी देवी दर्शन

हरिद्वार में श्रद्धालुओं की सहूलियत के लिए महत्वकांक्षी रोपवे परियोजना तैयार की जा रही है। हरकी पौड़ी के पास स्थित दीन दयाल उपाध्याय पार्किंग से चंडी देवी मंदिर तक रोपवे का निर्माण किया जाएगा।

महज दो स्टेशन वाली इस परियोजना की लंबाई 2.30 किमी होगी। नौ मिनट के भीतर यात्री हर की पौड़ी से चंड़ी देवी मंदिर पहुंच सकेगा। इसके लिए आगामी 29 मई को प्रि-बिड कान्फ्रेंस आयोजित की जाएगी और पांच जुलाई को टेंडर खोले जाएंगे।

इसका प्रस्तावित किराया वन वे 155 और टू वे 280 रुपये निर्धारित किया गया है। इस परियोजना को पूरा करने के बाद यूकेएमआरसी हर की पौड़ी से मनसा देवी मंदिर तक भी रोपवे निर्माण की योजना बना रहा है।

परियोजना पर एक नजर

नाम: हर की पौड़ी से चंड़ी देवी मंदिर रोपवे

बजट: 160.80 करोड़ रुपये

टावरों की संख्या: 13

केबिन कार की क्षमता: छह व्यक्ति

कुल केबिन कार: 90

निर्माण की समय सीमा: दो वर्ष

देश की पहली पाड कार सेवा हरिद्वार में

अत्याधुनिक तकनीकी पर आधारित पर्सनल रैपिड ट्रांजिट (पीआरटी) या पाड कार सर्विस से हरिद्वार में यातायात सुगम होगा। देश में बनने जा रही यह पहली पीआरटी परियोजना होगी। 20 किमी से अधिक की लंबाई के इस प्रोजेक्ट में चार कोरिडोर और कुल 21 स्टेशन होंगे।

चार से छह सीटर पाड कार एयर कंडीशंड व बैटरी आपरेटेड होगी। जिसमें ड्राइवर की आवश्यकता नहीं होती है। शहर में यह 40 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। परियोजना के तहत 514 पाड कार चलाई जाएंगी।

परियोजना पर नजर

नाम: हरिद्वार दर्शन

लागत: 1330 करोड़ रुपये

दैनिक यात्रियों की अनुमानित संख्या: 1.27 लाख

टेंडर खुलने की तिथि: एक जून 2023

निर्माण की समय सीमा: तीन वर्ष

पाड कार का प्रस्तावित किराया

दूरी, आम दिन, मेले के समय

0-2, 20, 25

2-4, 40, 50

4-6, 60-75

6-8, 75, 90

8-10, 80, 100

10-14, 85, 105

14 से अधिक, 90, 115

(दूरी किमी में और किराया रुपये में है।)