पीएम मोदी ने जी7 शिखर सम्मेलन में जापानी पीएम फुमियो किशिदा से की मुलाकात, दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर किया मंथन

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ग्रुप-7 शिखर सम्मेलन आधिकारिक तौर पर 19 मई को जापान के हिरोशिमा में शुरू हो चुका है।पीएम मोदी, फुमियो किशिदा के निमंत्रण पर जापानी अध्यक्षता के तहत हो रहे जी 7 शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।इसी क्रम में पीएम मोदी ने शनिवार को जापान के हिरोशिमा में जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा से मुलाकात की।यहां पर दोनों नेताओं के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-जापान की मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा हुईं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि जी7 के शानदार आयोजन के लिए जापानी पीएम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आपने जी7 समिट में भारत को आमंत्रित किया इसके लिए भी मैं आपका बहुत आभारी हूं। मैंने जो बोधि वृक्ष आपको दिया था उसको आपने हिरोशिमा में लगाया और जैसे-जैसे वो बढ़ेगा भारत-जापान के संबंधों को मजबूती मिलेगी। ये वो वृक्ष है जो बुद्ध के विचारों का अमरत्व प्रदान करता है।

 

जापानी पीएम से मुलाकात

प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने ट्वीट किया ‘पीएम ने हिरोशिमा में पीएम kishida230 से मुलाकात की। दोनों नेताओं ने व्यापार, अर्थव्यवस्था और संस्कृति सहित विभिन्न क्षेत्रों में भारत-जापान मित्रता को बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने संबंधित G-7 और G-20 प्रेसीडेंसी के प्रयासों के तालमेल के तरीकों और ग्लोबल साउथ की आवाज को उजागर करने की आवश्यकता पर चर्चा की। उन्होंने समकालीन क्षेत्रीय विकास और भारत-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग को गहरा करने पर भी विचारों का आदान-प्रदान किया।

हिरोशिमा का नाम सुनकर हर कोई कांप जाता है

इस मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिरोशिमा में महात्मा गांधी की प्रतिमा का अनावरण किया। प्रतिमा के अनावरण के बाद पीएम ने कहा कि हिरोशिमा नाम सुनते ही आज भी दुनिया कांप जाती है। उन्होंने कहा कि जी7 समिट की इस यात्रा में मुझे सबसे पहले पूज्य महात्मा गांधी की प्रतीमा का अनावरण का सौभाग्य मिला है। आज विश्व जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद की लड़ाई से जूझ रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूज्य बापू के आदर्श जलवायु परिवर्तन के साथ जो लड़ाई है उसे जीतने का उत्तम से उत्तम मार्ग है। उनकी जीवन शैली प्रकृति के प्रति सम्मान, समन्वय और समर्पन का उत्तम उदाहरण रही है। 

आगे पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हिरोशिमा में महात्मा गांधी की मूर्ति अहिंसा के विचार को आगे बढ़ाएगी। मेरे लिए यह जानना एक महान क्षण है कि मैंने जापानी पीएम को जो बोधि वृक्ष उपहार में दिया था, वह यहां हिरोशिमा में लगाया गया है ताकि लोग यहां आने पर शांति के महत्व को समझ सकें। मैं महात्मा गांधी को सम्मान देता हूं।

बता दें कि शुक्रवार को पीएम मोदी अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में हिरोशिमा पहुंचे और उनके 40 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लेने की उम्मीद है।

कश्मीर में होने वाले जी-20 समूह की बैठक में शामिल नहीं होगा ड्रैगन, पाकिस्तान के कहने पर पीछे हटे चीन और तुर्की!

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भारत कश्मीर के श्रीनगर में 22 से 24 मई तक जी20 की बैठक का आयोजन करने जा रहा है। भारत के इस आयोजन से चीन को मिर्ची लगी है।जम्मू-कश्मीर में आयोजित होने वाली जी-20 की बैठक में चीन शामिल नहीं होगा। चीन की ओर से शुक्रवार को कहा गया है कि वह अगले सप्ताह श्रीनगर में प्रस्तावित जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक में शामिल नहीं होगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा कि 'विवादित क्षेत्र' में किसी तरह की बैठक आयोजित करने का चीन दृढ़ता से विरोध करता है।श्रीनगर में होने वाली बैठक में जी20 देशों के लगभग 60 प्रतिनिधियों के भाग लेने का अनुमान है।

चीन पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है। इससे पहले पाकिस्तान भी श्रीनगर में होने वाली बैठक पर कहा था कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून के सिद्धांतों का उल्लंघन है। जम्मू और कश्मीर के अपने अवैध कब्जे को बनाए रखने के लिए भारत का गैर-जिम्मेदाराना कदम है। वैश्विक मंच पर चीन, पाकिस्तान का करीबी सहयोगी है, ये बात किसी से छिपी नहीं है। ऐसे में चीन का ये बयान हैरान करने वाला नहीं है।

गलवां घाटी में झड़प के बाद रिश्ते तनावपूर्ण

वैसे भी, चीन ने तो कश्मीर का बड़ा हिस्सा अवैध रूप से कब्जा किए हुए है। 2020 में भारत और चीन के सैनिकों के बीच गलवान घाटी में हिंसक झड़प भी हो चुकी है। इसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे, जबकि कम के कम 38 चीनी सैनिकों की मौत हुई थी। गलवान घाटी की झड़प चार दशकों में भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के बीच सबसे घातक टकराव थी। ऐसे में दोनों देश अपने व्यक्तिगत हितों के कारण जी-20 की कश्मीर में होने वाली बैठक से किनारा कर रहे हैं।

पाकिस्तान की आपत्तियों के बाद तुर्की भी नहीं हो लकता है शामिल

चीन के अलावा तुर्की ने श्रीनगर में होने वाले कार्यक्रम के लिए पंजीकरण नहीं कराया है।तुर्की कश्मीर में होने वाले जी-20 की बैठक में शामिल नहीं हो सकते हैं। दोनों देशों ने जी-20 की बैठक को छोड़ने का फैसला अपने सदाबहार दोस्त पाकिस्तान की आपत्तियों के बाद किया है। तुर्की लगातार कश्मीर को लेकर भारत की आलोचना करता रहा है। तुर्की कई बार संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर मुद्दे को उठा चुका है। वह कश्मीर मुद्दे पर खुलकर पाकिस्तान का समर्थन भी करता है।

बता दें कि 2019 में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद से यह जम्मू और कश्मीर में पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम है। श्रीनगर में होने वाली बैठक में जी20 देशों के लगभग 60 प्रतिनिधियों के भाग लेने की उम्मीद है।

2,000 का नोट वापस लेने के फैसले से अर्थव्‍यवस्‍था पर क्‍या असर पड़ेगा?

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भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को चलन से तत्काल प्रभाव से वापस लेने की घोषणा की है। बैंक 23 मई, 2023 से 20,000 रुपये की सीमा तक के नोट को एक्सचेंज करेंगे।2000 के नोट चलन से बाहर होने की खबर के बाद लोगों के जेहन में सवाल उठ रहे हैं कि आखिर साल 2016 की नोटबंदी की तरह इस फैसले से भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था और शेयर मार्केट पर क्‍या असर पड़ेगा?

अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा?

2000 रुपये के नोट के चलन से बाहर होने को लेकर एक सवाल ये भी उठा है कि क्या इसका कोई असर अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाला है। इसप वित्त सचिव ने कहा कि अर्थव्यवस्था पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट में कहा गया है कि वैसे भी इन नोटों का उपयोग बड़े पैमाने पर लेन-देन के लक्ष्यों के लिए उपयोग नहीं किया जा रहा है।बाजार के जानकारों को भरोसा है कि दो हजार रुपए के नोट को वापस लेने से अर्थव्‍यवस्‍था व शेयर मार्केट पर कोई विशेष असर नहीं पड़ेगा। बाजार इस बार देश में भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र तेजी से डिजिटलीकरण हो गया है।आम तौर पर लोगों ने बड़े पैमाने पर ऑनलाइन भुगतान सुविधाओं का उपयोग करना शुरू कर दिया है। इसलिए जैसा कि हमने 2016 में पहले देखा था, वैसा कोई बड़ा मुद्दा नहीं दिखता है।

बाजारों के लिए भी पॉजिटिव संकेत

इक्विनोमिक्स रिसर्च एंड एडवाइजरी के फाउंडर जी चोकालिंगम की मानें तो यह एक शानदार कदम है। अब ज्यादातर यह नोट बैंकों के पास है और कुछ नोट ब्लैकमनी रखने वालों के पास हो सकते हैं। ब्लैकमनी रखने वाले लोगों को अब पूरी तरह से साइडलाइन कर दिया जाएगा।। जनता या आम आदमी भी ऐसे लोगों को एक्सेप्ट करने में परहेज करेंगे।। यह कदम अंततः ब्लैक मनी के वॉल्यूम को पूरे तरह से खत्म करेगा। इसके अलावा टैक्स कलेक्शन में सुधार करने में मदद करेगा। इसलिए, यह बाजारों के लिए भी पॉजिटिव संकेत हैं।

2000 के नोट वापस लेने का फैसला क्यों, क्या है आरबीआई के फैसले के पीछे की वजह?

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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 2000 रूपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का एलान किया है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि 2000 रुपये के नोट की वैधता समाप्त होगी। फिलहाल 2000 रुपये के नोट चलते रहेंगे।30 सितंबर 2023 के बाद से 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन से बाहर हो जाएंगे। रिजर्व बैंक के इस कदम से एक बार फिर नोटबंदी की यादें ताजा हो गई हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सरकार ने 2016 में नोटबंदी के करीब साढ़े छह साल बाद यह फैसला क्यों लिया है?

बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ने 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत ये फैसला लिया है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, 2000 रुपये के नकली नोट चलन में बढ़ने के कारण इसे बंद करने का फैसला लिया गया है। कालेधन को भी खत्म करने के उद्देश्य से ये फैसला लिया गया है।इसके अलावा भी 2000 के नोटों को वापस लेने के कई कारण है। जानते हैं क्या है वो वजहेः-

नोट की पूरी हो चुकी है समय सीमा

आरबीआई के मुताबिक 2000 के करीब 89% नोट मार्च 2017 से पहले ही जारी हो गए थे। सरकार का कहना है कि ये नोट चार-पांच साल तक अस्तित्व में रहने की उनकी सीमा पार कर चुके हैं या पार करने वाले हैं। ये भी एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से 2000 के नोट को सरकार बैन करने का फैसला किया है।

2000 के नोट छापे जाने का उद्देश्य पूरा

आरबीआई ने नवंबर 2016 में दो हजार रुपये के नोट जारी किए थे। इन्हें आरबीआई कानून 1934 की धारा 24(1) के तहत जारी किया गया था। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि उस समय चलन में मौजूद 500 और 1000 रुपये की जो करंसी नोटबंदी के तहत हटाई गई थी, उसके बाजार और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके। 

नोट की सर्कुलेशन में कमी

31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार के सर्कुलेशन में थे। यानी मार्केट में मौजूद कुल नोटों की हिस्सेदारी पहले 37.3% थी। 31 मार्च 2023 तो यह आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया। यानि चलन में मौजूद कुल नोटों में से दो हजार रुपये की नोटों की हिस्सेदारी सिर्फ 10.8% ही रह गई है।

ब्लैक मनी आ सकेगा बाहर

कहा जा रहा है कि सरकार के इस कदम के बाद जो भी ब्लैक मनी मार्केट में हैं, वो बाहर आ जाएगा. टेटर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए ये फैसला लिया गया है।बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि 2000 के नोट बड़े-बड़े लोगों ने जमाकर रखे हैं। सामान्य लोगों के पास ये नोट नहीं के बराबर हैं। 

मनी लॉन्ड्रिंग पर कड़ा प्रहार

ये भी कहा जा रहा है कि साल 2016 में जब 500 और 1000 रुपये के नोट बंद हुए थे, तो मनी लॉन्ड्रिंग रूक गई थी। लेकिन फिर 2000 रुपये का नोटों का इस्तेमाल इस काम के लिए होने लगा। इसलिए सरकार ने 2000 रुपये को नोट को बंद करके मनी लॉन्ड्रिंग पर कड़ा प्रहार किया है।

नकली नोटों की छपाई पर लगेगी लगाम

इसके अलावा 2000 रुपये के नकली नोटों की छपाई भी बड़े पैमाने पर हो रही थी। सरकार के इस फैसले से नकली नोटों के कारोबार पर भी लगाम लगेगी। नकली नोट नकली करेंसी नोट होते हैं जो असली नोटों की तरह दिखने के लिए बनाए जाते हैं। नकली नोट अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी समस्या हो सकते हैं। नकली नोट मुद्रास्फीति का कारण बन सकते हैं।

सिद्धारमैया के शपथ ग्रहण के बहाने मंच पर दिखेगी विपक्षी एकता, नीतीश-उद्धव-अखिलेश समेत ये बड़े नेता होंगे शामिल

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कर्नाटक को आखिरकार आज अपना मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री मिल जाएगा। आज यानी 20 मई को होने वाले कांग्रेस सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया जा रहा है। समारोह में कई प्रमुख विपक्षी नेता शामिल होंगे। ऐसे में कह सकते हैं कि कर्नाटक के जरिए कांग्रेस विपक्षी एकता का संदेश देने की कोशिश करेगी।

सिद्धारमैया सीएम और डीके शिवकुमार डिप्टी सीएम पद की शपथ लेंगे। इसके अलावा 8 विधायकों को भी कैबिनेट मंत्री की शपथ दिलाई जाएगी। मंत्री पद की शपथ लेने वाले 8 विधायकों में डॉ. जी परमेश्वर, केजे जॉर्ज, के एच मुनियप्पा, सतीश जरकीहोली, जमीर अहमद, देशपांडे की जगह रामलिंगा रेड्डी, बी के हरिप्रसाद और एम बी पाटिल के नाम शामिल हैं। जी परमेश्वर गंगाधरैया कुनिगल तालुक के अमरुथुरु होबली के हेब्बालु गांव से हैं।

विपक्षी एकता,शक्ति और एकजुटता के प्रदर्शन के लिए लॉन्चपैड- वीरप्पा मोइली

मुख्यमंत्री के तौर पर सिद्धारमैया के शपथग्रहण समारोह में कई विपक्षी नेता पहुंचेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने समारोह में शिरकत की पुष्टि की है।इसके के अलावा एनसीपी चीफ शरद पवार और जम्मू कश्मीर नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के प्रमुख फारुक अब्दुल्ला के पहुंचने की उम्मीद है। तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने शुक्रवार को ट्वीट करके जानकारी दी कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं होंगी। उनकी जगह पार्टी के नेता काकोली घोष दस्तीदार शिरकत करेंगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कहा कि यह (शपथ ग्रहण समारोह) विपक्षी एकता और शक्ति और एकजुटता के प्रदर्शन के लिए लॉन्चपैड के समान है

इन दलों को निमंत्रण

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रीय जनता दल, समाजवादी पार्टी, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं को न्यौता भेजा है. हालांकि, दक्षिणी राज्य केरल में कम्युनिस्ट पार्टी के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को न्यौता नहीं दिया है. कांग्रेस केरल में विपक्ष में है, और विजयन को न्यौता नहीं दिए जाने का लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने आलोचना भी की. एलडीएफ के नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस एक सेक्युलर डेमोक्रेटिक दलों को एक साथ लेकर नहीं चल सकती

फिर नोटबंदी! दो हजार रुपये के नोट वापस लेगा रिजर्व बैंक, 30 सितंबर तक रहेगा सर्कुलेशन

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भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को 2000 रुपये के नोट को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। आरबीआई ने देश में काम कर रहे सभी बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के नोटों को जारी करना बंद कर दें।हालांकि, देशवासियों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि 2000 रुपये के नोट वैध मुद्रा बने रहेंगे। आरबीआई ने बताया कि 30 सितंबर तक ये नोट वैध मुद्रा (सर्कुलेशन) में बने रहेंगे। यानि कि जिनके पास इस समय 2000 रुपये के नोट्स हैं, उन्हें बैंक से एक्सचेंज करना होगा।

भारतीय रिजर्व बैंक ने बैंकों को सलाह दी है कि वे तत्काल प्रभाव से 2000 रुपये के के नोट जारी करना बंद करें, हालांकि 2000 रुपये के नोट नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे। आरबीआई ने बयान में कहा कि 2,000 रुपये के नोटों को लाने का उद्देश्य तब पूरा हो गया था, जब दूसरी वैल्यू के बैंक नोट आम लोगों के लिए अवेलेबल हो गए थे।

30 सितंबर तक कर सकेंगे एक्सचेंज

आरबीआई के आदेश के अनुसार, 23 मई, 2023 से अगर कोई भी किसी भी बैंक में 2000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज कराने आता है तो एक समय में सिर्फ 20,000 रुपये के ही एक्सचेंज होंगे। आरबीआई के अनुसार सभी बैंक 30 सितंबर, 2023 तक 2,000 रुपये के नोटों को बदल सकेंगे।

2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी

आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2018-19 में 2000 रुपये के नोटों की छपाई बंद कर दी गई थी। 2000 रुपये के कुल सर्कूलेट नोटों में से लगभग 89 फीसदी मार्च 2017 से पहले जारी किए गए थे।31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ के 2000 रुपये के नोट सर्कूलेशन में थे जो 31 मार्च 2023 तक 2000 रुपये के नोटों का सर्कूलेशन 3.62 लाख करोड़ रुपये पर पर आ गया है, जो मौजूदा सर्कूलेटिड करेंसी का केवल 10.8 फीसदी है। आरबीआई के अनुसार मौजूदा समय में 2000 रुपये के नोटों का यूज नहीं देखा जा रहा है।

साल 2016 में नोटबंदी के ऐलान के बाद आए थे 2000 रुपये के नोट

बताते चलें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2016 में नोटबंदी के ऐलान के बाद 2000 रुपये के नए नोट सर्कुलेशन में आए थे। उस वक्त 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद किया गया था। जिसके बाद RBI ने 2000 रुपये के साथ-साथ 500 रुपये के नए नोट जारी किए थे। बाजार में पर्याप्त संख्या में 2000 रुपये के नोट पहुंचने के बाद RBI ने साल 2018-19 से इसकी छपाई बंद कर दी थी।

चीन-पाकिस्तान पर पीएम मोदी का बड़ा बयान, कहा-सीमा पर शांति चीन और पाक की जिम्मेदारी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी7 समिट की बैठक में भाग लेने के लिए जापान के हिरोशिमा पहुंचे हैं।तीन देशों (जापान, पापुआ न्यू गिनी और ऑस्ट्रेलिया) की छह दिवसीय यात्रा के लिए रवाना होने से पहले भारत-चीन सीमा विवाद और पाकिस्तान से बातचीत को लेकर अपने एक इंटरव्यू में अहम बयान दिया। उन्होंने निक्केई एशिया को दिए इंटरव्यू में चीन के साथ सीमा विवाद पर बात की। प्रधानमंत्री मोदी ने सीमावर्ती इलाकों में चीन और पाकिस्तान को लेकर अपना रुख साफ कर दिया। 

सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन जरूरी

एशिया निक्की को दिए इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कहा कि भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है। चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती इलाकों में अमन-चैन जरूरी है। भारत-चीन संबंधों का भविष्य का विकास केवल आपसी सम्मान, आपसी संवेदनशीलता और आपसी हितों पर आधारित हो सकता है। उन्होंने कहा कि संबंधों को सामान्य करने से व्यापक क्षेत्र और दुनिया को लाभ होगा। 

आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की जिम्मेदारी

पीएम मोदी ने पाकिस्तान को लेकर कहा कि आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त एक अनुकूल वातावरण बनाना पाकिस्तान के लिए आवश्यक है। इस संबंध में आवश्यक कदम उठाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान की है।

रूस-यूक्रेन युद्ध क्या बोले पीएम

वहीं, उन्होंने रूस और यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख बिल्कुल साफ कर दिया है। पीएम मोदी का कहना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत का रुख बिल्कुल साफ है। भारत शांति के साथ खड़ा हुआ है। ये संघर्ष नहीं, सहयोग का समय है। विवाद नहीं सहयोग से आने वाला वक्त तय होगा। दोनों देशों के साथ हमारी बातचीत जारी है. हम उन लोगों का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं जो अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में चुनौतियों का सामना करते हैं। इसमें विशेष रूप से फूड, फ्यूल और फर्टिलाइज की बढ़ती कीमते शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी में कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग के आदेश पर लगाई रोक, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया था आदेश

#gyanvapi_mosque_case_supreme_court_stop_carbon_dating 

सुप्रीम कोर्ट में आज ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की अनुमति देने वाले आदेश पर रोक लगा दी है। मुस्लिम पक्ष के हुजैफा अहमदी ने हाईकोर्ट के कार्बन डेटिंग के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए थे। अब इस पर अगली सुनवाई तक रोक लग गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है।

सुनवाई के दौरान मस्जिद कमेटी का पक्ष रख रहे वकील हुजैफा अहमदी ने कहा कि सोमवार से वैज्ञानिक परीक्षण शुरू हो जाएगा। ऐसे में इस पर रोक जरूरी है। मामले में सिविल मुकदमे से जुड़े नियमों का पालन नहीं हो रहा है। वहीं हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा कि हमें एएसआई ने रिपोर्ट दी है कि जगह को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा हम भी एएसआई से रिपोर्ट ले सकते हैं. सरकार को भी विचार करने दीजिए कि क्या तरीके अपनाया जा सकता है। हम बाद में सुनवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि हम नोटिस जारी कर रहे हैं क्योंकि सभी पक्षों ने इसे स्वीकार भी किया है।अभी हाई कोर्ट के आदेश की समीक्षा की ज़रूरत है। ऐसे में इस पर अमल न हो।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 12 मई को ज्ञानवापी मस्जिद में सर्वे के दौरान मिले शिवलिंग की प्राचीनता का पता लगाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की निगरानी में कार्बन डेटिंग का आदेश दिया था। हालांकि, मस्जिद के अधिकारियों ने कहा कि संरचना 'वजू खाना' में एक फव्वारे का हिस्सा है, जहां नमाज से पहले वजू किया जाता है।

मध्य प्रदेश के ग्वालियर में कांग्रेस ने उठाई हिंदू महासभा को बैन करने की मांग, पढ़ लीजिए, क्या है पूरा मामला?

 मध्य प्रदेश के ग्वालियर में नाथूराम गोडसे की जयंती काे लेकर पुलिस व हिंदू महासभा के कार्यकर्ता सामने आ गए। घटना के बारे में विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस के पहुंचने से पहले फल वितरण हो चुका था। तत्पश्चात, हिंदू महासभा के लोग आरती करने जा रहे थे, मगर पुलिस ने रोक दिया। इसके चलते हिंदू महासभा के पदाधिकारी गोडसे की तस्वीर लेकर दौलतगंज स्थित दफ्तर चले गए।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गोडसे की फोटो ले जाते वक़्त मार्ग में पुलिस के साथ झड़प भी हुई। पुलिस ने पदाधिकारियों से कहा कि खुले में नाथूराम गोडसे की तस्वीर नहीं ले जा सकते। फिर पुलिस ने फोटो को लेकर एक कागज में पैक कर दिया। वही इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह राजावत ने कहा कि कर्नाटक की भांति मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस की सरकार आने पर हिंदू महासभा को प्रतिबंध कर दिया जाए। इसके लिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल भैया को ज्ञापन सौंपा है।

वहीं कांग्रेस के प्रतिबंध करने के मामले पर हिंदू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. जयवीर भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस के जिस नेता ने ये बात कही है, उनको अपने दिमाग की जांच करानी चाहिए। हिंदू महासभा ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखा है कि नाथूराम गोडसे की प्रतिमा पूरे देश में लगाने की इजाजत दी जाए।

अब अमेरिका में 'मोहब्बत की दुकान' खोलेंगे राहुल गांधी, कांग्रेस ने प्रोग्राम का पोस्टर किया जारी

#rahulgandhiwillopenmohabbatkidukaaninamerica 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी 28 मई को अमेरिका के लिए रवाना होंगे। वह स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे।कांग्रेस नेता राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के कार्यक्रम में बदलाव किया गया है।इससे पहले उनका 31 मई से जाने का कार्यक्रम था। इससे पहले बताया गया था कि कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी 31 मई से 10 दिनों के लिए अमेरिका दौरे पर जाएंगे। उनका चार जून को न्यूयॉर्क के मैडिसन स्क्वायर गार्डन में लगभग 5000 प्रवासी भारतीयों के साथ रैली करने का प्रोग्राम था। इसके अलावा वह पैनल चर्चा और भाषण के लिए वॉशिंगटन भी जाने वाले थे।हालांकि, इन विस्तृत कार्यक्रम को लेकर अभी जानकारी सामने नहीं आई है।

'मोहब्बत की दुकान' तक पहुंचने की अपील

राहुल गांधी अपनी अमेरिका याद दौरान 'मोहब्बत की दुकान' सजाएंगे। राहुल 30 मई को सांटा क्लारा में 'मोहब्बत की दुकान' खोलेंगे। राहुल के इस कार्यक्रम के पोस्टर भी जारी हो गए हैं। इसमें लोगों से पहुंचने की अपील की गई है।

कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू

कांग्रेस नेता के दौरे से पहले उनके प्रोग्राम के पोस्टर वायरल हो रहे हैं। जिनमें लिखा है कि मोहब्बत की दुकान' इवेंट इन बे एरिया।धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक भारत के लिए हाथ मिलाइये।इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो गया है। पोस्टर में हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है।

पीएम मोदी भी अमेरिका दौरे पर जाएंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 22 जून को अमेरिका की यात्रा से पहले, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी 28 मई को अमेरिका के लिए रवाना होंगे। अपनी यात्रा के दौरान कई प्रोग्रामों में हिस्सा लेंगे। विदेश मंत्रालय ने पिछले हफ्ते एक प्रेस बयान में बताया कि अमेरिका में पीएम मोदी की मेजबानी राष्ट्रपति जो बाइडन करेंगे। पीएम मोदी के लिए व्हाइट हाउस में रात्रिभोज का भी आयोजन किया गया है।  

भारत जोड़ो यात्रा में दिया मोहब्बत की दुकान खोलने का नारा

बता दें कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मोहब्बत की दुकान खोलने का नारा दिया था। कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की अपनी पांच महीने की 3,900 किलोमीटर लंबी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान, गांधी जनता से जुड़ने के लिए 'नफरत के बाजार में, मोहब्बत की दुकान खोल रहा हूं' कहते रहे। इसके बाद कर्नाटक में जबरदस्त जीत के बाद भी राहुल गांधी ने बयान दिया था कि हमने यहां मोहब्बत की दुकान खोली है।

सुर्खियों में रहा लंदन दौरा

बता दें कि इसके पहले इसी साल मार्च में राहुल गांधी का लंदन दौरा किया था, जो काफी सुर्खियों में रहा था। इस दौरान उन्होंने अलग अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था और मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा था। राहुल ने भारत में लोकतंत्र, मीडिया की स्वतंत्रता, बोलने की आजादी, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार समेत तमाम मुद्दों पर खुलकर अपनी बात रखी थी। जिके बाद काफी बवाल मचा था।