2000 के नोट वापस लेने का फैसला क्यों, क्या है आरबीआई के फैसले के पीछे की वजह?
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भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को 2000 रूपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने का एलान किया है। हालांकि इसका मतलब यह नहीं कि 2000 रुपये के नोट की वैधता समाप्त होगी। फिलहाल 2000 रुपये के नोट चलते रहेंगे।30 सितंबर 2023 के बाद से 2000 रुपये के नोट सर्कुलेशन से बाहर हो जाएंगे। रिजर्व बैंक के इस कदम से एक बार फिर नोटबंदी की यादें ताजा हो गई हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि सरकार ने 2016 में नोटबंदी के करीब साढ़े छह साल बाद यह फैसला क्यों लिया है?
बताया जा रहा है कि रिजर्व बैंक ने 'क्लीन नोट पॉलिसी' के तहत ये फैसला लिया है। सरकार के सूत्रों के अनुसार, 2000 रुपये के नकली नोट चलन में बढ़ने के कारण इसे बंद करने का फैसला लिया गया है। कालेधन को भी खत्म करने के उद्देश्य से ये फैसला लिया गया है।इसके अलावा भी 2000 के नोटों को वापस लेने के कई कारण है। जानते हैं क्या है वो वजहेः-
नोट की पूरी हो चुकी है समय सीमा
आरबीआई के मुताबिक 2000 के करीब 89% नोट मार्च 2017 से पहले ही जारी हो गए थे। सरकार का कहना है कि ये नोट चार-पांच साल तक अस्तित्व में रहने की उनकी सीमा पार कर चुके हैं या पार करने वाले हैं। ये भी एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से 2000 के नोट को सरकार बैन करने का फैसला किया है।
2000 के नोट छापे जाने का उद्देश्य पूरा
आरबीआई ने नवंबर 2016 में दो हजार रुपये के नोट जारी किए थे। इन्हें आरबीआई कानून 1934 की धारा 24(1) के तहत जारी किया गया था। यह फैसला इसलिए लिया गया था ताकि उस समय चलन में मौजूद 500 और 1000 रुपये की जो करंसी नोटबंदी के तहत हटाई गई थी, उसके बाजार और अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर को कम किया जा सके।
नोट की सर्कुलेशन में कमी
31 मार्च 2018 को 6.73 लाख करोड़ रुपये के नोट बाजार के सर्कुलेशन में थे। यानी मार्केट में मौजूद कुल नोटों की हिस्सेदारी पहले 37.3% थी। 31 मार्च 2023 तो यह आंकड़ा घटकर 3.62 लाख करोड़ रुपये रह गया। यानि चलन में मौजूद कुल नोटों में से दो हजार रुपये की नोटों की हिस्सेदारी सिर्फ 10.8% ही रह गई है।
ब्लैक मनी आ सकेगा बाहर
कहा जा रहा है कि सरकार के इस कदम के बाद जो भी ब्लैक मनी मार्केट में हैं, वो बाहर आ जाएगा. टेटर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए ये फैसला लिया गया है।बीजेपी के राज्यसभा सांसद और बिहार के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का कहना है कि 2000 के नोट बड़े-बड़े लोगों ने जमाकर रखे हैं। सामान्य लोगों के पास ये नोट नहीं के बराबर हैं।
मनी लॉन्ड्रिंग पर कड़ा प्रहार
ये भी कहा जा रहा है कि साल 2016 में जब 500 और 1000 रुपये के नोट बंद हुए थे, तो मनी लॉन्ड्रिंग रूक गई थी। लेकिन फिर 2000 रुपये का नोटों का इस्तेमाल इस काम के लिए होने लगा। इसलिए सरकार ने 2000 रुपये को नोट को बंद करके मनी लॉन्ड्रिंग पर कड़ा प्रहार किया है।
नकली नोटों की छपाई पर लगेगी लगाम
इसके अलावा 2000 रुपये के नकली नोटों की छपाई भी बड़े पैमाने पर हो रही थी। सरकार के इस फैसले से नकली नोटों के कारोबार पर भी लगाम लगेगी। नकली नोट नकली करेंसी नोट होते हैं जो असली नोटों की तरह दिखने के लिए बनाए जाते हैं। नकली नोट अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक बड़ी समस्या हो सकते हैं। नकली नोट मुद्रास्फीति का कारण बन सकते हैं।
May 20 2023, 11:12