मोदी मंत्रिमंडल में एक और बदलाव, रिजिजू के बाद राज्य मंत्री बघेल की भी कानून मंत्रालय से छुट्टी, मिली स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी

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केंद्रीय मंत्रिपरिषद में गुरुवार को अचानक फेरबदल किए गए। पहले किरेन रिजिजू और अब कानून राज्य मंत्री एसपी सिंह बघेल का मंत्रालय बदला गया है।अब वे कानून और न्याय मंत्रालय में राज्य मंत्री के स्थान पर स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री होंगे। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी किए गए एक बयान में इसकी जानकारी दी गई है।।

राष्ट्रपति के प्रेस सचिव की ओर जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि भारत के राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री की सलाह के अनुसार राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में नियुक्त करने का निर्देश दिया है।

एसपी सिंह बघेल के पोर्टफोलियो में बदलाव ऐसे समय पर हुआ है, जब केंद्र सरकार ने गुरुवार सुबह किरेन रिजिजू को कानून मंत्री के पद से हटा दिया। किरेन रिजिजू को पृथ्वी मंत्रालय की कमान दी गई है। रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को नया कानून मंत्री बनाया गया है।राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सलाह के मुताबिक केंद्रीय मंत्रिपरिषद में मंत्रियों के बीच विभागों का फिर से बंटवारा किया है।

पीएम मोदी ने 17वीं वंदे भारत ट्रेन को दिखाई हरी झंडी, पुरी हावड़ा रूट के लिए सौगात

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज एक और वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन कर दिया है। ये देश को दी जाने वाली 17वीं वंदे भारत ट्रेन है। पीएम मोदी ने पुरी हावड़ा रूट पर वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन किया है।पीएम मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पुरी हावड़ा रूट के लिए वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई।इसके साथ ही पीएम ने 8200 करोड़ रुपये की रेल परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इसमें पुरी और कटक रेलवे स्टेशनों के पुनर्विकास की परियोजना भी शामिल है, जिसका शिलान्यास पीएम मोदी ने किया।

इन रुटों से होकर गुजरेगी ओडिशा में वंदे भारत

पीएम मोदी आज ओडिशा को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन की सौगात दी है, जो ओडिशा के खोरधा, कटक, जाजपुर, भद्रक, बालासोर जिलों और पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर, पूर्व मेदिनीपुर जिलों से होकर गुजरेगी।इसी के साथ पश्चिम बंगाल को उसकी दूसरी वंदे भारत ट्रेन मिल गई हैय़ यहां पहली ट्रेन का उद्घाटन हावड़ा से न्यू जलपाईगुड़ी रूट के लिए हुआ था।

ट्रेन का टाइम टेबल और पूरा शेड्यूल

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गाड़ी संख्या 22895/22896 रोजाना 20 मई से हफ्ते में 6 दिन पटरियों पर दौड़ेगी। ओडिशा के पुरी से जिस वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन किया गया वो हफ्ते में 6 दिन चलेगी और केवल गुरुवार के दिन बंद रहेगी। ओडिशा की पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन 16 कोच वाली होगी और पुरी से हावड़ा की दूरी 6.30 घंटे में पूरी करेगी।ये ट्रेन सुबह 6 बजकर 10 मिनट पर हावड़ा से निकलेगी और दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर पुरी पहुंचेगी। वापसी के लिए दोपहर 1 बजकर 50 मिनट पर पुरी से रवाना होगी और रात 8 बजकर 30 मिनट पर हावड़ा पहुंचेगी।

जाने क्या होगा किराया?

ट्रेन में दो तहर के कोच हैं। पहला AC चेयर और दूसरा एग्जिक्यूटिव चेयर कार। AC चेयर की कीमत 1430 रुपए है। इसमें 328 रुपए केटरिंग के भी शामिल है। वहीं एग्जिक्यूटिव चेयर कार की कीमत 2615 रुपए है। इसमें भी केटरिंग चार्ज 389 शामिल है।

अब तक 15 राज्यों को वंदे बारत रेल का तोहफा

वंदे भारत ट्रेन को सेमी हाई स्पीड ट्रेन के रूप में जाना जाता है। सरकार अब तक 15 राज्यों को इसका तोहफा दे चुकी है। इनमें गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, छत्तीसगढ़, राजस्थान और हरियाणा शामिल हैय़ यानी वंदे भारत ट्रेन को इन राज्यों के शहरों के बीच शुरू किया जा चुका है।

पश्चिम बंगाल में रिलीज होगी ‘द केरल स्टोरी’, सुप्रीम कोर्ट ने बैन हटाया

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सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी की पश्‍च‍िम बंगाल सरकार को बड़ा झटका लगा है। गुरुवार को सर्वोच्‍च अदालत ने 'द केरल स्‍टोरी' फिल्‍म पर राज्‍य में लगे बैन को रद्द कर दिया है। इसके साथ ही अदा शर्मा अभिनीत फिल्म 'द केरल स्टोरी' अब बंगाल में भी रिलीज हो सकेगी।अब जल्द ही बंगाल के सिनेमाघरों में भी दर्शक इस फिल्म को देख सकेंगे।कोर्ट का यह फैसला फिल्‍म मेकर्स की ओर से बैन के ख‍िलाफ दाख‍िल अर्जी पर आया है।

कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान यह भी कहा कि पश्‍च‍िम बंगाल सरकार के पास फिल्‍म को बैन करने के लिए कोई पुख्‍ता कारण नहीं हैं।चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने बंगाल सरकार से कहा कि शक्ति का प्रयोग संयम से किया जाना चाहिए. फिल्म को एक जिले विशेष पर प्रतिबंधित किया जा सकता है लेकिन पूरे राज्य में नहीं! जनता की भावनाओं को नियंत्रित करना सरकार का विशेषाधिकार है. फिल्म पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अदालत ने यह भी साफ किया है कि वह खुद भी 'द केरल स्‍टोरी' फिल्‍म देखेंगे।

बंगाल सरकार ने कहा कि दंगे की आशंका के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया

पश्चिम बंगाल सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने दलीलें पेश कीं। पश्चिम बंगाल सरकार ने कहा कि दंगे की आशंका के मद्देनजर प्रतिबंध लगाया गया। इस पर सीजेआई ने कहा कि कानून व्यवस्था कायम रखना राज्य की जिम्मेदारी है। सीजेआई ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कायम रखना भी राज्य की जिम्मेदारी है।सीजेआई ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखना आपका कर्तव्य है। आप समाज में किसी भी 13 लोगों को चुन लेते हैं और कुछ भी प्रतिबंध लगा देंगे। जब तक कि आप खेल नहीं दिखा रहे हैं या कार्टून। सीजेआई ने कहा कि धारा 6 का इस्तेमाल सार्वजनिक असहिष्णुता के मद्देनजर नहीं किया जा सकता है।

एक जिले में समस्या होगी तो सभी जगह प्रतिबंध नहीं लगाया जाता

सिंघवी ने कहा कि फिल्म 5 मई से 8 मई तक चली, हमने इसे बंद नहीं किया। हमने सुरक्षा मुहैया कराई थी। खुफिया रिपोर्ट से गंभीर खतरे की जानकारी मिली। सीजेआई ने कहा कि एक जिले में समस्या होगी तो सभी जगह प्रतिबंध नहीं लगाया जाता। यह जरूरी नहीं कि सभी जगह डेमोग्राफिक समस्या एक जैसी हो।उत्तर में अलग है, दक्षिण में अलग है। आप मूल अधिकार को इस तरह से छीन नहीं सकते।

तमिलनाडु में फिल्म बैन पर लिया संज्ञान

कोर्ट ने इसके साथ ही इस प्रतिवेदन पर संज्ञान लिया कि तमिलनाडु में फिल्म पर कोई बैन नहीं है। यही नहीं अदालत ने प्रदेश सरकार से फिल्म देखने जाने वालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है। बेंच यह भी बोली कि फिल्म को मिले प्रमाण-पत्र को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर निर्णय के लिए कार्यवाही से पहले वह ‘दि केरला स्टोरी’ देखना चाहेगी। फिल्म को सीबीएफसी प्रमाणपत्र दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जुलाई के दूसरे हफ्ते में सुनवाई होगी।

किरण रिजिजू से क्यों छिना गया कानून मंत्रालय, क्या जूडिशरी से टकराव बनी वजह ?

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किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय वापस लिया गया है। किरण रिजिजू की जगह अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया गया है। रिजिजू को भू विज्ञान मंत्रालय दिया गया। जुलाई 2021 में रविशंकर प्रसाद की जगह पर रिजिजू को कानून मंत्रालय का जिम्मा सौंपा गया था। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर अचानक किरेन रिजिजू के हाथों से कानून मंत्रालय क्यों छिन लिया गया? सवाल उठने लगे कि क्या सुप्रीम कोर्ट से उलझने के कारण कानून मंत्री हटाए गए?

करीब दो साल पहले रविशंकर प्रसाद को हटाकर किरेन रिजिजू को कानून मंत्री की अहम जिम्मेदारी दी गई थी। आज सुबह अचानक राष्ट्रपति भवन से मोदी सरकार में बड़े फेरबदल का आदेश आया। रिजिजू को हटाकर राजस्थान के बड़े दलित नेता और कई मंत्रालय संभाल चुके अर्जुन राम मेघवाल को यह जिम्मेदारी दी गई है। रिजिजू को नया भूविज्ञान मंत्री बनाया गया है। यह फैसला क्यों लिया गया, इसकी दो प्रमुख वजहें हो सकती हैं।

सुप्रीम कोर्ट से टकराव बनी वजह?

कानून मंत्री रहते हुए किरेन रिजिजू लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे।कॉलेजियम व्यवस्था को लेकर किरेन लगातार न्यायपालिका पर सवाल उठा रहे थे। सार्वजनिक तौर पर वह न्यायपालिका और न्यायाधीशों को लेकर तंज कस रहे थे। इससे न्यायपालिका और सरकार के बीच की दूरियां बढ़ने लगी थीं।हालात ऐसे बन गए कि सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा कॉलेजियम सिस्टम के खिलाफ की गई टिप्पणी पर कार्रवाई की मांग की जाने लगी। हालांकि दो दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि उसके पास इससे निपटने के लिए व्यापक दृष्टिकोण है। 

हालांकि,पिछले कुछ दिनों में सुप्रीम कोर्ट के कई ऐसे फैसले आए, जो एक तरह से केंद्र सरकार के खिलाफ ही थे। ऐसे में अगर रिजिजू और न्यायपालिका के बीच का ये विवाद आगे भी जारी रहता तो आने वाले दिनों में केंद्र सरकार को ज्यादा फजीहत का सामना करना पड़ सकता था। अगले साल लोकसभा चुनाव भी है। इसलिए संभव है कि सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती थी। संभव है कि इसी के चलते रिजिजू का मंत्रालय बदला गया हो।

राजस्थान और अरूणाचल प्रदेश का चुनाव तो नहीं है वजह?

मोदी कैबिनेट में फेरबदल की दूसरी बड़ी वजह चुनाव से भी जोड़कर देखी जा रही है।राजस्थान में अगले कुछ महीनों में चुनाव होने हैं। वहीं, अगले साल अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं।कर्नाटक में हार के बाद भाजपा कोई नया रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसे में संभव है कि अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री का पद देकर राजस्थान को साधने की कोशिश की गई है।राजस्थान में दलितों की आबादी 17 फीसदी है। अर्जुन राम मेघवाल दलितों के बड़े नेता माने जाते हैं। बीकानेर लोकसभा सीट से भाजपा सांसद का कद बढ़ाकर राजस्थान को संदेश देने की भी कोशिश की गई है। अब तक मेघवाल संस्कृति और संसदीय कार्य राज्यमंत्री थे।

वहीं, दूसरी तरफ अप्रैल में ही अरुणाचल प्रदेश में भी चुनाव होने हैं। ऐसे में संभव है कि इसकी तैयारियों के लिए रिजिजू को फ्री किया गया हो। कानून मंत्री रहते हुए वह ज्यादा समय अरुणाचल प्रदेश में नहीं दे सकते थे। ऐसे में संभव है कि एक तरफ रिजिजू का फोकस अरुणाचल प्रदेश करने और इधर, राजस्थान में विधानसभा चुनावो के मद्देनजर मेघवाल की पद्दोन्नति करके भाजपा राजनीतिक फायदा उठाने की उम्मीद कर रही हो।

*खत्म हुआ कर्नाटक का 'नाटक', सीएम होंगे सिद्धारमैया, शिवकुमार अकेले डिप्टी सीएम, कांग्रेस का औपचारिक एलान

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कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इसे लेकर कांग्रेस में चल रही उठापठक खत्म हो गई है। कांग्रेस ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री के रूप में सिद्धारमैया के नाम का औपचारिक ऐलान कर दिया है। डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री होंगे। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने गुरुवार दोपहर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पार्टी नेतृत्व के फैसले के बारे में बताया।

दोनों मुख्यमंत्री बनने लायक- वेणुगोपाल

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सबसे पहले कर्नाटक की जनता का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास कई चमत्कारी नेता हैं। हम सहमति पर यकीन करते हैं। शिवकुमार शानदार संगठनकर्ता हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि दोनों नेताओं से कांग्रेस की जीत के लिए दिन-रात मेहतन की है। सिद्धारमैया ही कांग्रेस के नए सीएम होंगे और डीके शिवकुमार एकलौते डिप्टी सीएम होंगे। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सिद्धारमैया सरकार में सिर्फ 1 डिप्टी सीएम होगा। डीके शिवकुमार उपमुख्यमंत्री होने के साथ कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष बने रहेंगे। वह अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव की समाप्ति तक इस पद पर रहेंगे।

कांग्रेस तानाशाही में विश्वास नहीं करती-वेणुगोपाल

वेणुगोपाल ने कहा, राज्य के विधानसभा चुनाव में जीत के लिए सबने बहुत मेहनत की है।कांग्रेस तानाशाही में विश्वास नहीं करती। इस चुनाव को जीतने के लिए सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी और राहुल गांधी सबने बहुत मेहनत की है। आज शाम को बंगलुरु में विधायक दल की बैठक होगी। कांग्रेस के सभी नवनिर्वाचित विधायकों के अलावा विधानपरिषद सदस्य और सांसद इस बैठक में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हम कर्नाटक में शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के सभी नेताओं को आमंत्रित करेंगे।

भारत आएगी दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला, फैक्ट्री सेटअप करने का रखा प्रस्ताव!

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दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला के मालिक और दूसरे सबसे बड़े रईस शख्स एलन मस्क भारत में अपनी इलेक्ट्रिक कार बनाना चाहते हैं। मस्क ने भारत में बड़ा दांव लगाने का निर्णय किया है। रॉयटर्स के मुताबिक, अमेरिकी इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला ने भारत सरकार के अधिकारीयों के सामने एक फैक्ट्री सेटअप करने का प्रस्ताव पेश किया है। जिसमें कंपनी भारत के साथ-साथ अन्य देशों में बिक्री के लिए कारें बना सके।हालांकि इसे लेकर केंद्र सरकार की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।

पीटीआई की खबर के मुताबिक, दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्यूफैक्चर्र कंपनी टेस्ला ने भारत सरकार को सम्पर्क किया है। हालांकि, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक भारत सरकार नो ड्यूटी कट पर अडिग है और मौजूदा समय में घरेलू मैन्यूफैक्चरिंग को प्रमोट करने के लिए ड्यूटी घटाने का कोई इरादा नहीं है।हालांकि कहा जा रहा है कि इस बार टेस्ला ने भारतीय अधिकारीयों के साथ हुई इस चर्चा में टैक्स कम करने को लेकर किसी तरह की चर्चा नहीं की। चर्चा केवल नयी फैक्ट्री को लेकर हुई, लेकिन फैक्ट्री में होने वाले इन्वेस्टमेंट और बजट को अभी तय नहीं किया गया।

एलन मस्क की टेस्ला अब भारत में कार मैन्युफेक्चरिंग पर विचार कर रही है। इसके साथ ही कंपनी अब पहले की तरह अपनी उस मांग को लेकर दबाव नहीं बना रही है, कि सरकार पहले पूरी तरह से निर्मित यूनिट्स (सीबीयू) पर इंपोर्ट ड्यूटी (आयात शुल्क) कम करे। यहां ध्यान देने वाली बात है कि 40,000 डॉलर और उससे अधिक की लागत वाली कारों पर भारत में 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगता है। इससे कम कीमत वाली कारों पर ड्यूटी 60 फीसदी है। टेस्ला की पहले मांग थी कि आयात शुल्क को घटाकर 40 फीसदी किया जाए, उसके बाद वह भारत में मैन्युफेक्चरिंग पर विचार करेगी।

जल्लीकट्टू की कानूनी वैधता बरकरार, सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सांस्कृतिक परंपरा और धर्म का हिस्सा तय करना विधायिका का काम

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सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के उस कानून को वैध करार दिया है, जिसमें जलीकट्टू को एक खेल के तौर पर मान्यता दी गई है। सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में होने वाली बैलों की परंपरागत दौड़ पर रोक नहीं लगाई है। यानी महाराष्ट्र में बैलगाड़ी दौड़, कर्नाटक में कांबाला और तमिलनाडु में जल्लीकट्टू का परंपरागत खेल जारी रहेगा। सुप्रीम कोर्ट में पशु क्रूरता अधिनियम में बदलावों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई थी। 

सुप्रीम कोर्ट ने, हालांकि, कहा कि पशुओं के प्रति क्रूरता की रोकथाम अधिनियम, 2017, जानवरों के दर्द और पीड़ा को काफी हद तक कम करता है। जस्टिस केएम जोसेफ, अजय रस्तोगी, अनिरुद्ध बोस, हृषिकेश रॉय और सीटी रविकुमार की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ सांडों को वश में करने वाले खेल 'जल्लीकट्टू' और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले तमिलनाडु और महाराष्ट्र सरकार के कानूनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।

कोर्ट ने कहा कि ये तमिलनाडु की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है या नहीं, यह तय करना कोर्ट का काम नहीं है। जब विधायिका ने घोषणा की है कि जल्लीकट्टू तमिलनाडु राज्य की सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा है, तो न्यायपालिका अलग दृष्टिकोण नहीं रख सकती है। विधायिका यह तय करने के लिए सबसे उपयुक्त है, बेंच ने नागराज में 2014 के फैसले से असहमति जताई कि जल्लीकट्टू सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा नहीं है।

पीठ ने कहा कि जल्लीकट्टू पिछली कुछ सदियों से चल रहा है। कड़ाई से देखते हुए कि कानून, राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करने के साथ हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है, पीठ ने सांडों को वश में करने वाले खेल "जल्लीकट्टू" और बैलगाड़ी दौड़ की अनुमति देने वाले राज्यों के कानूनों की वैधता को चुनौती देने वाली सभी दलीलों को खारिज कर दिया।

क्रूज ड्रग्स केसःसमीर वानखेड़े ने एनसीबी के डीडीजी और विजिलेंस हेड को लपेटा, सामने आई वॉट्सऐप चैट

#sameer_wankhede_allegations_on_ncb_ddg_and_vigilance_head_gyaneshwar_singh

आर्यन खान वसूली मामले में एक नया मोड़ आया है। एनसीबी के पूर्व जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े द्वारा हाई कोर्ट में दायर की गई पिटीशन में डीजी और विजिलेंस हेड पर गंभीर आरोप लगाए हैं।समीर वानखेड़े ने हाईकोर्ट में जो पिटीशन दी है उसमें एनसीबी के डिप्टी डीजी और विजिलेंस हेड पर गंभीर आरोप लगाए हैं। वानखेड़े ने विजिलेंस के मुखिया ज्ञानेश्वर सिंह और डीजी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि जो गिरफ्तारी हुई, जो हुआ सब बड़े अधिकारियों के अप्रूवल से हुआ है। उन्होंने डिप्टी डीजी एनसीबी ज्ञानेश्वर सिंह के खिलाफ एफआईआर की मांग की है।

दरअसल, आर्यन खान मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर के बाद समीर वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया था। वानखेड़े ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष रिट पिटीशन दायर कर राहत की मांग की थी। इस याचिका में समीर वानखेड़े और एनसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चैट भी कोर्ट के सामने रखी गई। 

मिनट टू मिनट अपडेट लेते थे ज्ञानेश्वर सिंह

समीर वानखेड़ें ने न सिर्फ ज्ञानेश्वर सिंह पर आरोप लगाए हैं, बल्कि ये भी कहा है कि उन्हें आयर्न खान समेत सभी आरोपियों के बारे में मिनट टू मिनट अपडेट दी गई थी, यहां तक की उन्होंने शेड्यूल कास्ट का आरोप भी लगाया है कि उन्हें ज्ञानेश्वर सिंह ने टॉर्चर किया है। पिटीशन में समीर वानखेड़े ने अपनी और ज्ञानेश्वर सिंह के बीच हुई वाट्सऐप चैट जमा कराई है। जिसमे किसकी गिरफ्तारी हुई, मीडिया में क्या बताया, फोटो-वीडियो, आर्यन की सेल्फी किसने ली क्या वो एनसीबी अधिकारी है। ये सारी बातें हैं। इस चैट में ज्ञानेश्वर सिंह ने लिखा है कि ये सेल्फी लेता एनसीबी अधिकारी है, हम भारतीय इसलिए पीछे है हम चरसी, गंजेड़ी, लड़कीबाज को हीरो मानते है उसके साथ सेल्फी लेते हैं।

दोनों के बीच हुई चैट में लिखा है कि ‘सुपर स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को एनसीबी ने ड्रग्स पार्टी में बीच समुंदर से गिरफ्तार किया, 30 ग्राम चरस, बीस ग्राम कोकीन, 25 टेबलेट बरामद हुई हैं। ये युवाओ की धड़कन है। काश देश के बॉर्डर पर खड़े युवाओ को अपना हीरो बनाया होता।’ ज्ञानेश्वर सिंह इन मैसेज के बाद एक फोटो भेजते हैं। जिस पर समीर वानखेड़े लिखते हैं ‘ये जो सेल्फी ले रहा है ये हमारा ऑफिसर नहीं है ये प्राइवेट गवाह है’ जिसके बाद फिर ज्ञानेश्वर कॉल करते हैं। ये सब समीर वानखेड़े ने कोर्ट में कहा है।

सब बड़े अधिकारियों के अप्रूवल से हुआ

याचिका में उल्लिखित चैट के मुताबिक, आर्यन खान कॉर्डेलिया क्रूज ड्रग्स केस के दौरान एनसीबी के जोनल डायरेक्टर रहे समीर वानखेड़े जांच और कानूनी प्रक्रिया से जुड़ी हर डिटेल एनसीबी के महानिदेशक (डीजी) सत्यनारायण प्रधान , उपमहानिदेशक (DDG) अशोक मुथा जैन, उपमहानिदेशक (DDG) ज्ञानेश्वर सिंह और अतिरिक्त महानिदेशक (ADG) संजय सिंह के साथ साझा कर रहे थे।

दिल्ली हाईकोर्ट में समीर वानखेड़े ने सीबीआई के समन के खिलाफ अप्रोच किया था। हालांकि कल हाईकोर्ट में सीबीआई ने कहा था कि हम कोई गिरफ्तारी नहीं कर रहे हैं। वानखेड़े चाहते तो समय मांग लेते पर दिल्ली हाईकोर्ट आने का उनका अधिकार नहीं है। इसके बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने उन्हें कहा आप चाहें तो मुंबई हाईकोर्ट जा सकते हैं। हाईकोर्ट ने कोई राहत नहीं दी है, बस ये कहा है कि आपको अगर कोई राहत चाहिए तो मुंबई हाईकोर्ट जाए वहां से ऑर्डर लें

किरेन रिजिजू से छीना गया कानून मंत्रालय, अर्जुन राम मेघवाल को दिया गया प्रभार

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केंद्रीय कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय छीन लिया गया है। बताया गया है कि इस मंत्रालय की जिम्मेदारी अब अर्जुन राम मेघवाल को सौंपी गई है। रिजिजू को अर्थ साइंस मंत्रालय सौंपा गया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इस मंत्रालय को संभाल रहे थे। अर्जुन राम मेघवाल को कानून राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।बता दें कि काफी वक्त से किरेन रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर तनाव था। दोनों के बीच बयानबाजी भी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्री के इस व्यवहार को लेकर नाराजगी भी जता चुका है।

मेघवाल बने कानून मंत्री

केंद्र सरकार ने गुरुवार को दो मंत्रियों के विभागों में बदलाव करते हुए किरेन रिजिजू की जगह संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया। रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों को विभागों का दोबारा आवंटन किया है

अपने बेबाक बोल के कारण अक्सर सुर्खियों में रहे रिजिजू

कानून मंत्री के रूप में किरेन रिजिजू काफी चर्चित रहे। उनके बेबाक बोल अक्सर सुर्खियां बटोरते रहे। कॉलेजियम को लेकर भा रिजिजू अपनी राय रख चुके हैं। किरेन रिजिजू का बार-बार कहना था कि कॉलेजियम के जरिए जजों का चुनाव नहीं होना चाहिए। जबकि सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुका था कि जजों की नियुक्ति के लिए इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने तब ये भी कहा था कि ऐसा ही तरीका कई देशों में अपनाया जा रहा है। पहली बार खुल के दोनों के बीच तनाव तब आई थी जब सौरभ कृपाल का मामला सामने आया था। सौरभ कृपाल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया था। लेकिन कानून मंत्रालय ने इनकी फाइल को मंजूरी नहीं दी थी। सौरभ कृपाल समलैंगिक हैं लेकिन कभी भी उन्होंने ये बात छिपाई नहीं।।

पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर की इमरान के समर्थकों को चेतावनी, कहा-9 मई वाली हरकत दोहराई गई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे

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पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर ने 9 मई को देश में हुई हिंसा को ‘सुनियोजित और दर्दनाक’ करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान के समर्थकों को चेतावनी भी दी कि अगर दोबारा से 9 मई वाली हरकत दोहराई गई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे।समाचार एजेंसी एएनआई ने एआरवाई न्यूज के हवाले से यह जानकारी दी है। 

सियालकोट गैरिसन की अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने कहा कि 9 मई की तैयारी पहले से की गयी थी, जो बहुत दुखद थी। किसी को भी हमारे शहीदों और उनके स्मारकों का अनादर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिस दिन इमरान खान के समर्थकों ने 9 मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद से सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया था, इसकी अनुमति अब कभी नहीं दी जाएगी। आर्मी हमारे पाकिस्तान के लोगों के लिए प्रेरणा और गर्व के स्रोत हैं।

असीम मुनीर ने आगे कहा कि अब तक एकत्र किए गए अकाट्य सबूतों के आधार पर, सशस्त्र बल इन हमलों के साजिशकर्ताओं, उकसाने वालों और अपराधियों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं और इसे अंजाम देने और इसकी साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी दृढ़ है। बयान में कहा गया है कि इस मामले में भटकाने की कोशिशें बिल्कुल व्यर्थ हैं। 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान को मंगलवार 9 मई को इस्लामाबाद कोर्ट से गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक झड़पें हुईं थी। पीटीआई कार्यकर्ताओं के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान लाहौर में सेना के प्रतिष्ठानों और कोर कमांडर के घर पर भी हमला किया गया था। इस प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान सरकार को बलूचिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों को बुलाना पड़ा।