किरेन रिजिजू से छीना गया कानून मंत्रालय, अर्जुन राम मेघवाल को दिया गया प्रभार

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केंद्रीय कैबिनेट मंत्री किरेन रिजिजू से कानून मंत्रालय छीन लिया गया है। बताया गया है कि इस मंत्रालय की जिम्मेदारी अब अर्जुन राम मेघवाल को सौंपी गई है। रिजिजू को अर्थ साइंस मंत्रालय सौंपा गया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह इस मंत्रालय को संभाल रहे थे। अर्जुन राम मेघवाल को कानून राज्य मंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है।बता दें कि काफी वक्त से किरेन रिजिजू और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम को लेकर तनाव था। दोनों के बीच बयानबाजी भी हुई थी। सुप्रीम कोर्ट कानून मंत्री के इस व्यवहार को लेकर नाराजगी भी जता चुका है।

मेघवाल बने कानून मंत्री

केंद्र सरकार ने गुरुवार को दो मंत्रियों के विभागों में बदलाव करते हुए किरेन रिजिजू की जगह संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल को कानून मंत्री बनाया। रिजिजू को पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय का प्रभार दिया गया है। राष्ट्रपति भवन की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। इसमें कहा गया कि प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद के सदस्यों को विभागों का दोबारा आवंटन किया है

अपने बेबाक बोल के कारण अक्सर सुर्खियों में रहे रिजिजू

कानून मंत्री के रूप में किरेन रिजिजू काफी चर्चित रहे। उनके बेबाक बोल अक्सर सुर्खियां बटोरते रहे। कॉलेजियम को लेकर भा रिजिजू अपनी राय रख चुके हैं। किरेन रिजिजू का बार-बार कहना था कि कॉलेजियम के जरिए जजों का चुनाव नहीं होना चाहिए। जबकि सुप्रीम कोर्ट साफ कर चुका था कि जजों की नियुक्ति के लिए इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने तब ये भी कहा था कि ऐसा ही तरीका कई देशों में अपनाया जा रहा है। पहली बार खुल के दोनों के बीच तनाव तब आई थी जब सौरभ कृपाल का मामला सामने आया था। सौरभ कृपाल को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया था। लेकिन कानून मंत्रालय ने इनकी फाइल को मंजूरी नहीं दी थी। सौरभ कृपाल समलैंगिक हैं लेकिन कभी भी उन्होंने ये बात छिपाई नहीं।।

पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर की इमरान के समर्थकों को चेतावनी, कहा-9 मई वाली हरकत दोहराई गई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे

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पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) जनरल असीम मुनीर ने 9 मई को देश में हुई हिंसा को ‘सुनियोजित और दर्दनाक’ करार दिया. इसके साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान के समर्थकों को चेतावनी भी दी कि अगर दोबारा से 9 मई वाली हरकत दोहराई गई तो बर्दाश्त नहीं करेंगे।समाचार एजेंसी एएनआई ने एआरवाई न्यूज के हवाले से यह जानकारी दी है। 

सियालकोट गैरिसन की अपनी यात्रा के दौरान पाकिस्तान के थल सेनाध्यक्ष जनरल असीम मुनीर ने कहा कि 9 मई की तैयारी पहले से की गयी थी, जो बहुत दुखद थी। किसी को भी हमारे शहीदों और उनके स्मारकों का अनादर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिस दिन इमरान खान के समर्थकों ने 9 मई को उनकी गिरफ्तारी के बाद से सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया गया था, इसकी अनुमति अब कभी नहीं दी जाएगी। आर्मी हमारे पाकिस्तान के लोगों के लिए प्रेरणा और गर्व के स्रोत हैं।

असीम मुनीर ने आगे कहा कि अब तक एकत्र किए गए अकाट्य सबूतों के आधार पर, सशस्त्र बल इन हमलों के साजिशकर्ताओं, उकसाने वालों और अपराधियों से अच्छी तरह से वाकिफ हैं और इसे अंजाम देने और इसकी साजिश रचने वालों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी दृढ़ है। बयान में कहा गया है कि इस मामले में भटकाने की कोशिशें बिल्कुल व्यर्थ हैं। 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख इमरान खान को मंगलवार 9 मई को इस्लामाबाद कोर्ट से गिरफ्तार किए जाने के बाद पूरे पाकिस्तान में हिंसक झड़पें हुईं थी। पीटीआई कार्यकर्ताओं के एक विरोध प्रदर्शन के दौरान लाहौर में सेना के प्रतिष्ठानों और कोर कमांडर के घर पर भी हमला किया गया था। इस प्रदर्शन के बाद पाकिस्तान सरकार को बलूचिस्तान, पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए सशस्त्र बलों को बुलाना पड़ा।

भारत लाया जाएगा 26/11 हमले का आरोपी तहव्वुर राणा, अमेरिकी कोर्ट ने दी प्रत्यर्पण की मंजूरी

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26/11 मुंबई हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी कोर्ट ने तहव्वुर के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। अब एनआईए अमेरिकी सरकार से संपर्क के मदद से तहव्वुर को जल्द से जल्द भारत लाएगा।भारत ने 10 जून, 2020 को प्रत्यर्पण की दृष्टि से 62 वर्षीय राणा की अस्थायी गिरफ्तारी की मांग करते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। बाइडन प्रशासन ने राणा के भारत प्रत्यर्पण का समर्थन किया था और उसे मंजूरी दी थी।

कोर्ट ने 48 पेज के आदेश में दिया प्रत्यर्पण

यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट ऑफ कैलिफोर्निया की मजिस्ट्रेट जज जैकलीन चूलजियान ने 16 मई (मंगलवार) को 48 पेज के आदेश में कहा कि न्यायालय ने अनुरोध के समर्थन और विरोध में प्रस्तुत सभी दस्तावेजों की समीक्षा की है और उन पर एवं सुनवाई में प्रस्तुत तर्कों पर विचार किया है। न्यायाधीश ने कहा कि अदालत का निष्कर्ष है कि राणा उन अपराधों के लिए प्रत्यर्पण योग्य है जिसमें उसके प्रत्यर्पण का अनुरोध किया गया है। कोर्ट ने माना कि राणा का प्रत्यर्पण जायज है। भारत की ओर से जो कारण प्रस्तुत किए गए उससे ये प्रतीत होता है कि राणा से पूछताछ की जरुरत है।आदेश बुधवार (17 मई) को जारी किया गया।

कोर्ट में बाइडेन सरकार के वकीलों का तर्क

कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान बाइडेन सरकार के वकीलों ने तर्क दिया कि तहव्वुर राणा को पता था कि उसका बचपन का साथी पाकिस्तानी-अमेरिकी डेविड कोलमैन हेडली आतंकी संगठन लश्कर का मेंबर है। इसके बाद भी वो हेडली के साथ रहा।उसकी गतिविधियों को छिपाने के लिए राणा ने कई प्रयास किए। इसके अलावा आतंकी संगठन लश्कर ए तैय्यबा का समर्थन भी करता है। कोर्ट को ये भी बताया गया कि हेडली की जितनी बैठकें होती थी, हमलों की बात होती थी, उसकी रणनीति के बारे में सब कुछ तहव्वुर राणा को पता होता था। अमेरिकी सरकार ने कोर्ट के सामने दावा किया कि राणा भी उस साजिश का हिस्सा था।

26/11 हमलों में भूमिका की जांच कर रही है NIA

भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) 2008 में पाकिस्तान स्थित लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों के तरफ से किए गए 26/11 के हमलों में उसकी भूमिका की जांच कर रही है।एआईए ने कहा है कि वह उसे भारत लाने के लिए कार्यवाही शुरू करने के लिए तैयार है।

हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे

बता दें कि मुंबई आतंकी हमलों में छह अमेरिकियों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे। इन हमलों को 10 पाकिस्तानी आतंकवादियों ने अंजाम दिया था। ये हमले मुंबई के प्रतिष्ठित और महत्वपूर्ण स्थानों पर 60 घंटे से अधिक समय तक जारी रहे थे। इन हमलों में अजमल कसाब नाम का आतंकवादी जीवित पकड़ा गया था, जिसे 21 नवंबर 2012 को भारत में फांसी की सजा दी गई थी। शेष आतंकवादियों को हमलों के दौरान भारतीय सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया था।

चिंता, दुनिया में आया सोलर तूफान तो मनुष्य के पास बचने के लिए होंगे मात्र 30 मिनट का ही समय, नासा ने सौर तूफान को लेकर दी चेतावनी

अगर सौर तूफान कभी धरती से टकराता है, तो उससे खुद को बचाने के लिए हमारे ग्रह के लोगों के पास महज 30 मिनट का वक्त होगा। ये बात अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रिसर्चर ने कही है। अंतरिक्ष एजेंसी की एक टीम प्रारंभिक चेतावनी सिस्टम विकसित करने के लिए AI मॉडल को सौर डाटा पर लागू कर रही है। इससे वैज्ञानिक ये जानने की कोशिश करेंगे कि सौर तूफान धरती पर कब आ सकता है।  

डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने DAGGER नाम के डीप लर्निंग मोड का प्रशिक्षण करना भी शुरू कर दिया है, ताकि इस पर अधिक जानकारी मिल सके। ACE, WING, IMP-8 और Geotail समेत कई सैटेलाइट सौर उत्सर्जन पर नजर बनाए हुए हैं और नासा की टीम को डाटा भेज रही हैं। सैटेलाइट ने अतीत में सौर तूफान से प्रभावित जिन सतह-आधारित स्टेशंस का पता लगाया था, वैज्ञानिक उनका डाटा भी एकत्रित कर रहे हैं। ताकि सौर तूफान का न केवल पता चले बल्कि उसकी दिशा भी मालूम हो।

इस वक्त क्यों जरूरी है पता लगाना?

नए सिस्टम से इस वक्त डाटा एकत्रित करना इसलिए भी काफी जरूरी है क्योंकि साल 2020 में ‘सोलर 25’ नामक एक नई सोलर साइकिल शुरू हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि यह आगामी 11 साल तक चलने वाली है। इसकी वजह से 2025 के दौरान सूरज पर सबसे अधिक गतिविधियां देखने को मिलती रहेंगी। बता दें, सूर्य की सतह पर वक्त वक्त पर बदलने वाली मैग्नेटिक गतिविधियों को ही सोलर साइकिल के नाम से जाना जाता है। हर एक सोलर साइकिल 9 से 14 साल तक की होती है।

इससे यूटिलिटी और कम्युनिकेशन कंपनियों को DAGGER को अपने वॉर्निंद सिस्टम में इंटिग्रेट करने का समय मिल जाएगा। ताकि सूर्य पर बदलते मौसम की जानकारी वक्त पर मिल सके।

क्या होता है सौर तूफान?

इसे जियोमैग्नेटिक स्टॉर्म भी कहा जाता है। ये सूर्य से निकलने वाला रेडिएशन होता है, जो पूरे सौर मंडल को प्रभावित कर सकता है। इसके प्रभाव से धरती का चुंबकीय क्षेत्र तक नहीं बचता. इसी वजह से इसे आपदा कहते हैं। ये पृथ्वी के आसपास के वातावरण की ऊर्जा पर भी अपना असर डालता है। हालांकि सौर तूफान पहले भी आ चुका है। ये 1989 में कनाडा के क्यूबेक शहर में आया था। इसकी वजह से यहां 12 घंटे तक बिजली नहीं आई।

इससे पहले 1859 में भी सौर तूफान आया था। तब अमेरिका और यूरोप में टेलीग्राफ नेटवर्क तबाह हो गया था। सौर तूफान ऊर्जा का वो शक्तिशाली विस्फोट होता है, जिससे रेडियो संचार, बिजली ग्रिड और नेविगेशन सिग्नल्स पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे अंतरिक्ष में मौजूद अंतरिक्षयात्रियों और अंतरिक्ष यान को भी खतरा उत्पन्न हो सकता है।

पूरी दुनिया में फैले और बिखरे पड़े हैं मानव के डीएनए, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता कि इन डीएनए का कोई गलत इस्तेमाल न कर ले, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

क्या हो अगर आपके डीएनए से आपकी पूरी डिटेल कोई निकाल कर ब्लैक मार्केट में बेंच दे? ये संभव भी है। क्योंकि हम इंसान पूरी धरती पर अपने डीएनए छोड़ते जा रहे हैं। हमारे गिरते बाल, त्वचा से निकलती परतें और थूक आदि। इन सब में केमिकल कोड लिखे होते हैं, जो हमारे शरीर को चलाने में मदद करते हैं।

वैज्ञानिकों को इसी बात की चिंता है कि दुनियाभर में फैले डीएनए का कोई गलत इस्तेमाल न कर लें। एक नई स्टडी के मुताबिक टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो चुकी है कि इंसानों के डीएनए को हवा, पानी या जमीन कहीं से भी उठाया जा सकता है। लोगों की पर्सनल डिटेल्स का गलत हाथों में जा सकते हैं।

इस तरह की बड़ी चोरी के लिए पूरी दुनिया और इंसानियत तैयार नहीं है। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के जूलॉजिस्ट डेविड डफी कहते हैं कि हम तकनीक को ज्यादा एडवांस कर रहे हैं। यह समाज के फायदे के लिए ही होती हैं। लेकिन अगर ये गलत हाथों में पड़ जाएं तो इनका नुकसान सबको उठान पड़ सकता है।

डेविड डफी ने कहा कि हम दुनियाभर में फैले डीएनए को लेकर बढ़ रही चिंता को समय से काफी पहले सबके सामने लाना चाहते हैं। ताकि इसे लेकर नीतियां और नियम बनाए जा सकें। धरती की सतह पर पेड़-पौधों, जानवरों और इंसानों के डीएनए विभिन्न माध्यमों से फैले हुए हैं। जिसे वैज्ञानिक 'e' DNA यानी एनवायरमेंटल डीएनए कहते हैं।

तकनीक इतनी विकसित हो चुकी है कि अगर एक eDNA का छोटा सा टुकड़ा भी हाथ लग जाए तो उसकी सिक्वेंसिंग करके पूरे इकोलॉजी के जीवों का इतिहास निकाला जा सकता है। साथ ही यह भी पता किया जा सकता है कि उस जगह पर किस तरह के जीव मौजूद हैं।

यह भी पता चल सकता है कि यह डीएनए जिस जीव का है उसके आसपास की आबादी में किस तरह की बीमारी फैली है। आबादी का बीमारी के साथ किस तरह का रिश्ता है। कितनी बार बीमार हुए हैं लोग या जीव। किस तरह की संक्रामक बीमारियां टिकी हुई हैं।

 

इसका बड़ा उदाहरण है पौराणिक समुद्री शैतान लॉच नेस का डीएनए खोजने की कोशिश की थी। हालांकि उसे खोजने के चक्कर में कई और बड़े खोज हो गए। लोग जेनेटिक सीक्रेट्स जान गए. डीएनए सिक्वेसिंग के पुरानी पद्धत्तियां बेहद जटिल थी। लेकिन अब eDNA की सिक्वेंसिंग को शॉटगन सिक्वेंसिंग कहते हैं।

इस काम में डेविड डफी और उनकी टीम मास्टर है। इन लोगों ने आयरलैंड से पानी और रेत का सैंपल लिया। सैंपल को फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के व्हीटनी लेबोरेटरी फॉर मरीन बायोसाइंसेस एंड सी टर्टल हॉस्पिटल लेकर गए। जहां से सैंपल लिए गए वहां पर इंसान नहीं रहते। ये बेहद सुदूर इलाके से लाया गया सैंपल था।

लेकिन जब डेविड और उनकी टीम ने स्टडी की तो सैंपल में इंसानी डीएनए के टुकड़े पाए गए। फिर उन्होंने अपने जीन्स की जांच की, कहीं ये टुकड़े उनके शरीर से तो नहीं गिरे थे। लेकिन ये उनके भी नहीं थे। सी टर्टल हॉस्पिटल में हवाओं से लिए गए सैंपल में भी eDNA मिला।

डेविड कहते हैं कि सैंपल जहां से भी जुटाए गए। उनकी गुणवत्ता ठीक वैसी ही थी जैसे हम किसी इंसान से उसका डीएनए लेते हैं। सोचिए कि अगर इस तरह से कोई डीएनए सैंपल जुटाकर उसका दुरुपयोग करे तो कितना नुकसान होगा। समाज को भी और पूरी धरती को भी। यह स्टडी हाल ही में नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में छपी है।

नया संसद भवन बनकर हो चुका है तैयार, इसी महीने के अंत तक उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी

#parliament_inauguration_likely_near_30_may

नया संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है। उम्मीद हैं कि नव निर्मित संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन इस महीने के अंत तक किया जाएगा। इसका उद्घाटन 30 मई को हो सकता है, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ साल पहले 2014 में पद की शपथ ली थी।हालांकि, इसके उद्घाटन को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि नए संसद भवन के उद्घाटन की तैयारी युद्धस्तर पर की जा रही है। निर्देश है कि इसी हफ्ते तक भवन से जुड़े सभी जरूरी तैयारियां हर हाल में पूरी कर ली जाएं। इस महीने के अंत तक उद्घाटन के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए अभी से जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण नए संसद भवन के निर्माण के लक्ष्य को बीते साल पूरा नहीं किया जा सका था। परियोजना को पूरा करने की मूल समय सीमा पिछले साल नवंबर थी।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई में शुरू होने वाला आगामी मानसून सत्र नए भवन में आयोजित होने की संभावना नहीं है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ऐसी अटकलें हैं कि जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों की बैठक इस साल के अंत में नए भवन में हो सकती है। भारत 2023 के लिए जी20 की अध्यक्षता कर रहा है।

नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास, और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी, जिसमें आधुनिक सुविधाएं होंगी। संसद की नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में निर्मित, नई चार मंजिला इमारत में 1,224 सांसद बैठ सकते हैं। नए संसद भवन में तीन मुख्य द्वार हैं, जिनका नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखा गया है। भवन में सांसदों, वीआईपी और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। इमारत का एक अन्य आकर्षण संविधान हॉल है, जिसे देश की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए बनाया गया है। हॉल में भारत के संविधान की मूल प्रति रखी गई है।

पश्चिमी उत्तरप्रदेश मे नगर निकाय के चुनाव 2023 में आप का जलवा : सरकार से नाराज हिंदू व सपा से खफा मुस्लिम वोटरों ने फेर दी झाड़ू, बड़ी पार्टियों

 यूपी नगर निकाय चुनाव 2023 जिसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है वह रंग बिरंगे नतीजों के साथ संपन्न हो गया। यूपी में प्रवेश करने की जद्दोजहद में लगी आम आदमी पार्टी को पश्चिमी उप्र में अच्छी कामयाबी मिली है। अब तक सामने आए विशलेषणों से साफ होता है कि आप को सपा से खफा मुसलमानों ने और सरकार से खफा हिंदुओं ने वोट दिया है। हालांकि मुरादाबाद शहर में टिकट बंटवारे में पक्षपात और खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरी को नकारकर फिर मुसलमानों ने कांग्रेस पर दांव लगाया है। नतीजों से खुश अरविंद केजरीवाल अब यूपी में अपनी ताकत और बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं। खबर है कि वह जल्दी ही यूपी आएंगे और विजेताओं के साथ एक कार्यक्रम करेंगे।

तीन पालिका व छह पंचायतों पर कब्जा

निकाय चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। चुनावों में भाजपा ने बड़ी कामयाबी हासिल की और सभी सत्रह महापौर के पद पर कब्जा जमाने के साथ नगर पालिका और नगर पंचायत में भी सर्वाधिक सीटें जीती हैं। इस चुनाव में एआईएमआईंएम के साथ आाम आदमी पार्टी का भी इम्तेहान था। दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आप की कोशिश यूपी में दाखिल होने की रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी थी। निकाय चुनाव के नतीजे आने से साफ हो गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तीन नगर पालिका, और छह नगर पंचायत में अब झाड़ू का कब्जा रहेगा। उल्लेखनीय है कि रामपुर जैसी नगर पालिका में आप ने जीत का परचम फहराया है। इसके अलावा भाजपा के कब्जे से पाकबड़ा नगर पंचायत भी आप ने छीन ली है। रामपुर से सना मामून, पाकबड़ा से मोहम्मद याकूब ने जीत हासिल की है। इसी तरह स्योहारा नगर पालिका से फैसल वारसी, अलीगढ़ जिले की खैरनगर पालिका से संजय शर्मा ने जीत हासिल की है। कौशांबी की सराय अकिल नगर पंचायत से अनूप सिंह पटेल, मुजफ्फरनगर की शाहपुर नगर पंचायत से हाजी अकरम, रामपुर की कैमरी नगर पंचायत से रफत जहां, अमरोहा की जोया नगर पंचायत से हाजी जुबैर और मथुरा की बरसाना नगर पंचायत से श्रीमति विजय सिंह ने जीत हासिल की है।

सपा व भाजपा के लिए नई चुनौती

आप के रुहेलखंड प्रांत के उपाध्यक्ष राशिद सैफी ने बताया कि मुरादाबाद, बिजनौर, अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, अमेठी, कौशांबी, कुशीनगर, रामपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद, झांसी, बांदा, कानपुर, बदायं, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बहराइच आदि जिलों में आप का प्रदर्शान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि सभी दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है। देश में सिर्फ आप की नीतियां ही जनकल्याणकारी हैं। आप जो कहती है वह करती है और जनता को अधिकाधिक सुविधा देती है। उन्होंने कहा कि आने वाला वक्त आम आदमी पार्टी का है। आप सभी को साथ लेकर चलती है और बगैर पक्षपात और भेदभाव के विकास कार्य करा रही है। जानकार मानते हैं कि जिल तरह जनता ने आप पर विशवास जताया है अब उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती आप नेतृत्व पर है। बहरहाल, आप ने पश्चिमी उप्र में सपा, रालोद और भाजपा की बैचेनी बढ़ा दी है।

पश्चिमी उत्तप्रदेश में नगर निकाय के चुनाव 2023 में आप का जलवा : सरकार से नाराज हिंदू व सपा से खफा मुस्लिम वोटरों ने फेर दी झाड़ू, बड़ी पार्टियों

 यूपी नगर निकाय चुनाव 2023 जिसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है वह रंग बिरंगे नतीजों के साथ संपन्न हो गया। यूपी में प्रवेश करने की जद्दोजहद में लगी आम आदमी पार्टी को पश्चिमी उप्र में अच्छी कामयाबी मिली है। अब तक सामने आए विशलेषणों से साफ होता है कि आप को सपा से खफा मुसलमानों ने और सरकार से खफा हिंदुओं ने वोट दिया है। हालांकि मुरादाबाद शहर में टिकट बंटवारे में पक्षपात और खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरी को नकारकर फिर मुसलमानों ने कांग्रेस पर दांव लगाया है। नतीजों से खुश अरविंद केजरीवाल अब यूपी में अपनी ताकत और बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं। खबर है कि वह जल्दी ही यूपी आएंगे और विजेताओं के साथ एक कार्यक्रम करेंगे।

तीन पालिका व छह पंचायतों पर कब्जा

निकाय चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। चुनावों में भाजपा ने बड़ी कामयाबी हासिल की और सभी सत्रह महापौर के पद पर कब्जा जमाने के साथ नगर पालिका और नगर पंचायत में भी सर्वाधिक सीटें जीती हैं। इस चुनाव में एआईएमआईंएम के साथ आाम आदमी पार्टी का भी इम्तेहान था। दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आप की कोशिश यूपी में दाखिल होने की रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी थी। निकाय चुनाव के नतीजे आने से साफ हो गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तीन नगर पालिका, और छह नगर पंचायत में अब झाड़ू का कब्जा रहेगा। उल्लेखनीय है कि रामपुर जैसी नगर पालिका में आप ने जीत का परचम फहराया है। इसके अलावा भाजपा के कब्जे से पाकबड़ा नगर पंचायत भी आप ने छीन ली है। रामपुर से सना मामून, पाकबड़ा से मोहम्मद याकूब ने जीत हासिल की है। इसी तरह स्योहारा नगर पालिका से फैसल वारसी, अलीगढ़ जिले की खैरनगर पालिका से संजय शर्मा ने जीत हासिल की है। कौशांबी की सराय अकिल नगर पंचायत से अनूप सिंह पटेल, मुजफ्फरनगर की शाहपुर नगर पंचायत से हाजी अकरम, रामपुर की कैमरी नगर पंचायत से रफत जहां, अमरोहा की जोया नगर पंचायत से हाजी जुबैर और मथुरा की बरसाना नगर पंचायत से श्रीमति विजय सिंह ने जीत हासिल की है।

सपा व भाजपा के लिए नई चुनौती

आप के रुहेलखंड प्रांत के उपाध्यक्ष राशिद सैफी ने बताया कि मुरादाबाद, बिजनौर, अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, अमेठी, कौशांबी, कुशीनगर, रामपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद, झांसी, बांदा, कानपुर, बदायं, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बहराइच आदि जिलों में आप का प्रदर्शान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि सभी दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है। देश में सिर्फ आप की नीतियां ही जनकल्याणकारी हैं। आप जो कहती है वह करती है और जनता को अधिकाधिक सुविधा देती है। उन्होंने कहा कि आने वाला वक्त आम आदमी पार्टी का है। आप सभी को साथ लेकर चलती है और बगैर पक्षपात और भेदभाव के विकास कार्य करा रही है। जानकार मानते हैं कि जिल तरह जनता ने आप पर विशवास जताया है अब उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती आप नेतृत्व पर है। बहरहाल, आप ने पश्चिमी उप्र में सपा, रालोद और भाजपा की बैचेनी बढ़ा दी है।

पाक पुलिस का दावा- इमरान खान के घर में छिपे हैं 30-40 आतंकवादी, कमांडो ने इलाके को घेरा, दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

#imran_khan_s_house_surrounded_by_police_claim_input_of_terrorists_hiding

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लाहौर स्थित घर को पुलिस ने घेर लिया है। पुलिस का दावा है कि इमरान खान के घर में आतंकियों के छिपे होने का इनपुट मिला है। पाकिस्‍तान की मीडिया के मुताबिक उनके लाहौर स्थित जमान पार्क वाले घर में 30-40 आतंकवादियों ने शरण ले ली है। इस पर पंजाब प्रांत की सरकार ने पुलिस को भेजा है। पुलिस ने इमरान के घर को घेर लिया है तो सरकार ने आतंकियों को सौंपने के लिए 24 घंटे की सीमा दी है।

बुधवार को पंजाब प्रांत की अंतरिम सरकार ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए इमरान खान के घर छिपे 30-40 आतंकवादियों को सौंपने का फरमान जारी किया है। पंजाब प्रांत के सूचना मंत्री आमिर मीर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा, 'पीटीआई को इन आतंकवादियों को सौंप देना चाहिए नहीं तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन आतंकियों की मौजूदगी के बारे में जानती थी क्योंकि उसके पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी थी। मीर ने कहा, जो इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिली, वह हैरान कर देने वाली थी।उन्होंने कहा कि एजेंसियां जियोफेंसिंग के जरिए जमान पार्क में आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि कर सकती है

मीर ने कहा कि पीटीआई अब एक 'आतंकियों' की तरह बर्ताव कर रही है। उनका कहना था कि पीटीआई प्रमुख इमरान एक साल से ज्‍यादा समय से सेना को निशाना बना रहे हैं। मीर का दावा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले हमले की योजना बनाई थी। मीर ने बताया कि आर्मी इंस्‍टीट्यूट पर नौ मई को हमले एक निर्धारित योजना के तहत किए गए थे।

इस बीच इमरान के घर की पुलिस द्वारा घेराबंदी की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में इमरान के समर्थक भी उनके घर के बाहर जमा होने लगे हैं। इमरान के घर के बाहर भारी पुलिस बल और उनके समर्थकों के जमा होने के बाद झड़प की आशंका भी बढ़ गई है। 

बता दें कि पिछले एक हफ्ते से देश में राजनीति उथल-पुथल का माहौल है और इस नई घटना ने अस्थिरता को बढ़ा दियर है।

*फिर बेघर हुए पाकिस्तान से आए हिंदू, जैसलमेर में कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद घरों पर चला बुलडोजर*

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चर्चित आईएएस टीना डाबी के एक आदेश ने दर्जनों पाक विस्तापित हिन्दुओं के आशियाने उजाड़ दिए हैं। टीना डाबी जैसलमेल कलेक्टर हैं और उन्होंने यूआईटी के अधिकारियों को आदेश दिए कि अमर सागर इलाके में डेरा डाले बैठे लोगों की बस्ती को हटा दिया जाए। फिर क्या था, यूआईटी के सहायक अभियंता की अगुवाई में दस्ता जैसलमेर के अमर सागर इलाके में पहुंचा और दर्जनों आशियानों पर बुलडोजर चला दिया। जिसके बाद महिलाएं और बच्चों समेत सैंकड़ों लोग इस भीषण गर्मी में सड़क पर आने के लिए मजबूर हो गए।

पाकिस्तान में उत्पीड़न से परेशान होकर राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे हिंदुओं की मुश्किलों का अंत नहीं हुआ है। यहां अतिक्रमण की कार्रवाई में इनका आशियाना गिरा दिया गया है।। पाकिस्तान में आतंक और सरकार के दमन से बचकर किसी तरह भारत आए ये लोग काफी वक्त से अमर सागर में रह रहे थे, लेकिन जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर इनके घरों को जमीदोज़ कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई का इन हिंदू परिवारों की महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन भारी पुलिसबल के साथ पहुंची प्रशासन की टीम ने इनके घरों को गिरा दिया। अब इस भीषण गर्मी में इन लोगों के सिर पर कोई छाया नहीं है।

आईएएस टीना डाबी के निर्देश पर अस्थायी बस्तियों के 28 मकानों को अतिक्रमण बताकर प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया। जिसके बाद बच्चों समेत 150 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। अब वे सब खुले आसमान के नीचे तपती धूप में रहने को मजबूर हैं। मई के महीने में जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया। इस भीषण गर्मी में जिला कलेक्टर के एक आगेश से पाक विस्तापित परिवारों के आशियाने ध्वस्त कर दिए। कार्रवाई के दौरान पीड़ित परिवार रोते बिलखते रहे लेकिन किसी को इन पर तरस नहीं आया।

इस कदम का बचाव करते हुए आईएएस टीना डाबी ने कहा कि कार्रवाई अमरसागर सरपंच और स्थानीय निवासियों से मिली शिकायतों के आधार पर की गई है। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया था कि हिंदू प्रवासियों ने कथित रूप से राज्य सरकार शहरी सुधार ट्रस्ट (यूआईटी) से संबंधित भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को जमीन खाली करने के लिए पहले भी नोटिस भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने हटने से इनकार कर दिया। अब तक 28 अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं। डाबी ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक उन प्रवासियों के पुनर्वास के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है, जिन्हें भारत की नागरिकता नहीं दी गई है।