दिल्ली, राजस्थान में अगले कुछ दिन मिलेगी गर्मी से राहत, इन राज्यों में भारी बारिश का अनुमान, जानें अगले 3 दिनों तक कैसे रहेगा मौसम

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देश भर में पिछले कुछ हफ्तों से लगातार तपा देने वाली भीषण गर्मी पड़ रही है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत देश के कई राज्यों में सुबह से लेकर रात तक लोगों को गर्म हवाओं का सामना करना पड़ रहा है। लोग पसीने से तर-बतर हो रहे हैं। जिसके चलते लोगों की परेशानियां बढ़ रही है।मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक देश के कई इलाकों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस पहुंच चुका है।हालांकि, मौसम विभाग की माने तो आने वाले दिनों में थोड़ी राहत महसूस होने वाली है। 

दरअसल मौसम विभाग का अनुमान है कि दिल्ली समेत पूरे उत्तर पश्चिम भारत में धूल भरी तेज हवाएं चलेंगी। साथ ही कुछ जगह हल्की बारिश का भी अनुमान है। वहीं कुछ राज्यों में भारी बारिश की भी संभावना है, जिससे अगले कुछ दिन राहत भरे रह सकते हैं। 

इन राज्यों में बारिश की संभावना

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार (16 मई) को दिल्ली के कई स्थानों पर और आसपास के क्षेत्रों में 40-50 किमी/घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चलेंगी। साथ ही इसके बाद बारिश होने की भी उम्मीद है। इसके अलावा दिल्ली में मंगलवार 16 मई को अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस रहने के आसार है। इसके अलावा राज्य के भरतपुर, बीकानेर दौसा जैसलमेर, नागौर, चूरू, सीकर, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ जिलों और आसपास के क्षेत्रों में 16 मई को आंधी और हल्की बारिश की उम्मीद है।

इन राज्यों में होगी भारी बारिश

मौसम विभाग के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में अगले कुछ दिन भारी बारिश का अनुमान है। खासकर असम और मेघालय में बादल जमकर बरस सकते हैं। इनके अलावा बांकुरा, जमशेदपुर और मिदनापुर में भी ठीक-ठाक बारिश हो सकती है। जम्मू कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद में बिजली कड़क सकती है। 19 मई से मौसम में बदलाव के कम ही आसार हैं और उसके बाद लोगों को गर्मी का प्रकोप झेलना पड़ेगा। 

इन जगहों पर सताएगी लू

दिल्ली और उत्तर पश्चिम भारत में जहां गर्मी से थोड़ी राहत रहेगी, वहीं ओडिशा, पश्चिम बंगाल और तटीय आंध्र प्रदेश के इलाकों में लू कहर बरपाएगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने सोमवार 15 मई को बताया कि अगले 24 घंटों के दौरान ओडिशा के जिलों में कई स्थानों पर अधिकतम तापमान में धीरे-धीरे 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। विभाग ने सुंदरगढ़, झारसुगुड़ा, संबलपुर, सोनपुर और बोलांगीर जिलों में कुछ स्थानों पर हीटवेव के लिए अलर्ट जारी किया है। महाराष्ट्र में भी मौसम विभाग ने गर्मी को लेकर अलर्ट जारी किया है। राज्य के ज्यादातर इलाकों का तापमान 42 डिग्री सेलिस्यस तक पहुंच चुका है।

दिल्ली के स्कूल को फिर मिली बम से उड़ाने की धमकी, घर भेजे गए बच्चे

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देश की राजधानी दिल्ली में आए दिन स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकियां मिल रही हैं। एक बार फिर से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। दिल्ली के पुष्प विहार के अमृता स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। पुलिस की टीमें मौके पर पहुंची हैं। साकेत के अमृता स्कूल का यह मामला है।

बताया जा रहा है कि स्कूल मैनेजमेंट को यह धमकी मेल करके दी गई है। मेल आज सुबह 6 बजकर 35 मिनट पर आई है। स्कूल प्रबंधन ने इसकी सूचना तत्काल दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को दी। इसके बाद सूचना पर पुलिस की एक टीम तत्काल स्कूल पहुंची।दिल्ली पुलिस ने एहतियातन स्कूल को खाली करा दिया है। बताया जा रहा है कि स्कूल के बच्चों को घर भेज दिया गया है। वहीं, बम स्क्वाड भी मौके पर पहुंच गई है। बम स्क्वाड की एक टीम ये पता लगाने में जुटी है कि क्या स्कूल के अंदर कोई विस्फोटक पदार्थ प्लांट किया गया है।

बता दें कि इससे पहले डिफेंस कॉलोनी स्थित इंडियन पब्लिक स्कूल और डीपीएस मथुरा रोड में बम रखे होने की दो दो बार सूचना मिल चुकी हैं। 26 अप्रैल को मथुरा रोड स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल को ई-मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी।

”मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा,” दिल्ली रवानगी से पहले बोले डीके शिवकुमार, खरगे आज कर सकते हैं सीएम के नाम की घोषणा

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कर्नाटक का मुख्यमंत्री कौन होगा? चुनाव जीतने के बाद से लेकर अब तक कांग्रेस इस सवाल का हल नहीं ढूंढ पाई है।हालांकि, कहा जा रहा है कि कर्नाटक की राजनीति में आज यानी मंगलवार का दिन “मंगल” होने वाला है। स्टेट कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार मंगलवार को दिल्ली आएंगे। देश की राजधानी में कांग्रेस के आलाकमान के साथ डीके शिवकुमार की बैठक होनी है।जिसमें सरकार गठन को लेकर चर्चा की जाएगी।

सोनिया गांधी मेरी रोल मॉडल-डीके

कर्नाटक में कांग्रेस के सीनियर नेता डीके शिवकुमार ने मंगलवार को दिल्ली रवानगी से पहले बेंगलुरू एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत की। इस दौरान डीके ने कहा, "कांग्रेस मेरी मां, मंदिर और ईश्वर जैसी है। ऐसे में इन्हें (मां और भगवान को) पता होता है कि मुझे क्या चाहिए...। वैसे, मैं किसी को ब्लैकमेल नहीं करूंगा। मैं हाईकमान की बात मानूंगा, क्योंकि सोनिया गांधी मेरी रोल मॉडल हैं।

सोमवार की डीके नहीं पहुंचे थे दिल्ली

इससे पहले मुख्यमंत्री पद के लिए जोरदार ‘लॉबिंग’ के बीच, कांग्रेस नेतृत्व ने सोमवार को चर्चा के लिए शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को दिल्ली बुलाया था। सिद्धरमैया सोमवार दोपहर दिल्ली पहुंचे, लेकिन शिवकुमार ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अंतिम समय में अपनी यात्रा रद्द कर दी। बाद में शाम को, बेंगलुरु ग्रामीण से कांग्रेस सांसद डी के सुरेश ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से उनके आवास पर मुलाकात की और इसके बाद संवाददाताओं से कहा कि उनके भाई मंगलवार को दिल्ली पहुंचेंगे। 

दरअसल, सोमवार को भी मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर नहीं लग पाई। देर रात बैठकों का दौर चला, मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया। ऐसे में डीके शिवकुमार का आज दिल्ली पहुंचना अहम माना जा रहा है। पार्टी आलाकमान के साथ मुलाकात के बाद सीएम के नाम पर मुहर लग सकती है।

सबकी निगाहें शीर्ष नेतृत्व पर टिकी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के पास पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पहुंचने के बाद अब सबकी निगाहें शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हैं। पर्यवेक्षक सुशील कुमार शिंदे, भंवर जितेंद्र सिंह व दीपक बावरिया ने रविवार देर रात तक विधायकों से मशविरे के बाद सोमवार शाम दिल्ली में खरगे को अपनी रिपोर्ट सौंपी। हालांकि, सिद्धरमैया ने दिल्ली रवानगी से पहले ही दावा कर दिया था, ज्यादातर विधायक मेरे पक्ष में हैं। इसके जवाब में शिवकुमार ने कहा, पार्टी ने मेरे नेतृत्व में चुनाव लड़ा और बड़ी जीत हासिल की है।

*राजस्थान का रारःसचिन पायलट की गहलोत सरकार को खुली चुनौती, 15 दिन का दिया अल्टीमेटम*

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राजस्थानकांग्रेस में गहलोत-पायलट के बीच चल रहा सियासी बवाल एक कदर और बढ़ गया है। सचिन पायलट ने अब खुलकर कांग्रेस की गहलोत सरकार को चुनौती दे डाली है। पायलट ने जयपुर में शक्ति प्रदर्शन करते हुए 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए 3 मांगें पूरी करने की बात कही है। उन्होंने ऐलान किया है कि 15 दिन में मांगें पूरी नहीं हुई तो वो प्रदेशभर में आंदोलन करेंगे। 

जन संघर्ष यात्रा की समाप्ति पर सोमवार को राजधानी जयपुर में आयोजित जनसभा में पायलट ने गहलोत सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम देते हुए खुली चेतावनी दे डाली है। पायलट ने कहा कि अगर सरकार ने पेपर लीक से प्रभावित हुए अभ्यर्थियों को मुआवजा नहीं दिया और वसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच नहीं कराई तो वे पूरे प्रदेश में सरकार के खिलाफ आंदोलन करेंगे। इसके साथ ही पायलट ने आरपीएससी की वर्तमान व्यवस्था को भंग करने की भी मांग की।

पायलट ने सरकार के सामने ये तीन मांगें रखी

पायलट ने सभा के मंच से पहली मांग आरपीएससी (राजस्थान लोक सेवा आयोग) को भंग करने की रखी। पेपर लीक मामले को लेकर पायलट ने आपीएससी के चेयरमैन और सदस्यों के नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा पूरे तंत्र का पुनर्गठन करें, नए कानून मापदंड बनें और पारदर्शिता से लोगों का चयन हो।दूसरी मांग अब तक की प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से प्रभावित युवाओं को आर्थिक मुआवजा देने की रखी। उन्होंने कहा पेपर लीक से प्रभावित प्रत्‍येक नौजवान को उच‍ित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। तीसरी मांग में उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच की की बात कही। उन्होंने वसुंधरा राजे के खिलाफ लगे आरोपों की उच्‍च स्‍तरीय जांच कराने की मांग रखी।

महीने के आखिर तक का अल्टीमेटम

सचिन पायलट ने कहा कि इस महीने के आखिर में अगर तीनों मांगे नहीं मानी गई तो युवाओं के लिए, भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे प्रदेश में आंदोलन करूंगा। हम गांव में हर जगह जनता के साथ पैदल चलेंगे। मैंने कभी किसी पर आरोप नहीं लगाया किसी के खिलाफ बुरा शब्द नहीं निकाला। आप मुझे गाली दो, आरोप लगाओ मुझे चिंता नहीं। जनता ही जनार्दन होती है। जिन बच्चों के पेपर रद्द हो गये वो हताश होते हैं, लेकिन इसकी कोई जरूरत नहीं।

हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं-पायलट

पूर्व डिप्टी सीएम ने कहा कि हमारा संघर्ष किसी नेता के खिलाफ नहीं है। ये भ्रष्टाचार के खिलाफ है। राजस्थान में हमारी सरकार हटी थी तब कांग्रेस की बहुत कम सीट थी। तब मुझे कहा गया कि आपको कांग्रेस का अध्यक्ष बनना है। हमने पांच साल एकजुट होकर काम किया। वसुंधरा राजे के शासन में जो भ्रष्टाचार हुआ उस पर हमने आरोप लगाया। जब हमारी सरकर बनी तो जो हमने कहा था वो हमने किया, लेकिन जो आरोप हमने लगाया था उसको आज साढ़े चार साल हो गए, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

पायलट के साथ मंत्री-विधायक भी मंच पर

सचिन पायलट ने अपनी 5 दिवसीय जन संघर्ष यात्रा के दौरान अपने समर्थक विधायकों और मंत्रियों को दूर रखा। लेकिन अंतिम दिन सोमवार को जयपुर में आयोजित सभा में पायलट के साथ मंच पर विधायक भी थे और मंत्री भी। गहलोत के नेतृत्व पर सवाल उठाने वाले पायलट समर्थक लगभग सभी बड़े नेता मंच पर मौजूद नजर आए। इसमें राज्‍य सरकार के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा व हेमाराम चौधरी के साथ साथ विधायक जीआर खटाना, वेद सोलंकी, सुरेश मोदी, राकेश पारीक, हरीश मीणा, खिलाड़ीलाल बैरवा, गिर्राज मलिंगा, दीपेंद्र सिंह शेखावत, मुकेश भाकर, इंद्राज गुर्जर और रामनिवास गावड़िया भी शामिल हुए।

अगले कुछ दिन पहाड़ों में खराब रहेगा मौसम, केदारनाथ के पंजीकरण पर 24 मई तक लगी रोक


 मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में अगले कुछ मौसम खराब रहने का पूर्वानुमान जताया है। वहीं, केदारनाथ में भी यात्रा शुरू होने से अब तक बर्फबारी जारी है। जिसके चलते केदारनाथ यात्रा के लिए पंजीकरण पर 15 मई तक लगी रोक को 24 मई तक बढ़ा दिया गया है।

जानकारी के अनुसार, 24 तक नए पंजीकरण पर रोक रहेगी लेकिन जो यात्री पहले पंजीकरण कर चुके हैं वे यात्रा कर सकेंगे। बता दें कि 25 अप्रैल से अभी तक धाम में कुल 2,89149 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।

कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन के सवाल में उलझी कांग्रेस के सामने एक और चुनौती, वक्फ बोर्ड के प्रमुख ने मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग

कर्नाटक में मुख्यमंत्री कौन के सवाल में उलझी नजर आ रही कांग्रेस के सामने एक और चुनौती नजर आ रही है। अब वक्फ बोर्ड के प्रमुख ने मुस्लिम नेता को उपमुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग रख दी है। उन्होंने 5 बड़े मंत्रालय भी मुसलमानों को देने की मांग की है। कहा कि मुसलमानों ने समुदाय के तौर पर कांग्रेस को काफी कुछ दिया और अब लौटाने का समय है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में 9 मुस्लिम विधायक चुनकर आए हैं।

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शफी सादी ने कहा, 'हमने चुनाव से पहले ही कहा था कि उपमुख्यमंत्री मुस्लिम होना चाहिए और हमें 30 सीटें मिलनी चाहिए...। हमें 15 मिली और 9 मुस्लिम उम्मीदवार जीते हैं। करीब 72 क्षेत्रों में कांग्रेस ने मुसलमानों की वजह से ही जीती। एक समुदाय के तौर पर हमने कांग्रेस को काफी कुछ दिया है। अब समय आ गया है कि हमें भी बदले में कुछ मिले।'

 कहा, 'हम मुस्लिम डिप्टी सीएम चाहते हैं और गृह, राजस्व और शिक्षा जैसे अच्छे मंत्रालयों में 5 मंत्री चाहते हैं। इसके जरिए हमारा शुक्रिया अदा करना कांग्रेस की जिम्मेदारी है। हमारी सभी मांगें पूरी हों, यह सुनिश्चित करने के लिए हमने सुन्नी उलेमा बोर्ड ऑफिस में आपातकालीन बैठक की है।'

सादी ने मुस्लिम नेता को डिप्टी सीएम बनाना कांग्रेस की 'जिम्मेदारी' बताया है। उन्होंने कहा, 'यह होना ही चाहिए। चुनाव से पहले ही हमारी यह मांग थी। इसे पूरा करना ही चाहिए। हम केवल यह कह रहे हैं कि डिप्टी सीएम मुस्लिम होना चाहिए। ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ और राज्य के 90 लाख लोग मुसलमान हैं। अनुसूचित जाति के अलावा हम सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय हैं। हम 30 सीटें चाहते थे, लेकिन नहीं मिली। लेकिन कम से कम हम यह चाहते हैं कि जैसे एसएम कृष्ण के समय की तरह 5 मुस्लिम मंत्री हों और अब एक डिप्टी सीएम हो।'

खड़गे चुनेंगे मुख्यमंत्री

कांग्रेस विधायकों ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत कर दिया। कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की रविवार शाम यहां एक निजी होटल में हुई बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर पार्टी अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने का अधिकार दिया गया, जो कर्नाटक का अगला मुख्यमंत्री बनेगा। सीएलपी की बैठक में कांग्रेस महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल और तीन केंद्रीय पर्यवेक्षकों ने भी हिस्सा लिया।

किसे मिलेगी कर्नाटक की कमान! सिद्धारमैया का बड़ा दावा, कहा-'मेरे पक्ष में हैं अधिकतर विधायक'

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कर्नाटक की जनता अपना फैसला दे चुकी है, मगर कांग्रेस राज्य के नए मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला नहीं कर पा रही है। कर्नाटक का किला फतह कर चुकी कांग्रेस किसे राज्य की कमान सौंपेगी ये तय नहीं हो सका है। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए कांग्रेस में दो धड़े नजर आने लगे हैं। बात दिल्ली तक पहुंच चुकी है और गेंद मल्लिकार्जुन खड़गे के पाले में आ चुकी है। लिहाजा मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर अब दिल्ली से ही लगनी है।इस बीच कर्नाटक के पूर्व सीएम सिद्धारमैया ने बड़ा दावा किया है। सिद्धारमैया ने कहा है कि अधिकतर विधायकों की राय मेरे पक्ष में है।

सिद्धारमैया का बयान मुश्किलें बढ़ाने वाला!

सीएम के चेहरे को लेकर जारी रार के बीच इसे सुलझाने के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय पर्यवेक्षकों की टीम बनाई है। ये टीम विधायकों से राय-विचार करके अपनी फिडबैक पार्टी के हाईकमान को सौंपेगी। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि वे सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बात करके मुख्यमंत्री के चेहरे पर अंतिम निर्णय लेंगे। पर्यवेक्षक आज अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को सौंपने वाले हैं। आज सिद्धारमैया और कई बड़े नेता खरगे से मिलने दिल्ली पहुंचने वाले हैं। इस बीच दिल्ली रवाना होने से पहले सिद्धारमैया ने बड़ा बयान दिया, जिसने पार्टी आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा दी है। उन्होंने कहा कि विधायकों ने पर्यवेक्षकों के सामने मेरा ही नाम लिया है और अधिकतर मेरे ही पक्ष में हैं। सिद्धारमैया ने इसी के साथ कहा कि मेरे रिश्ते डीके शिवकुमार के साथ हमेशा अच्छे रहे हैं और आगे भी जारी रहेंगे।उन्होंने कहा कि हम पहले भी मिलकर चले हैं, अब भी चलेंगे।

खड़गे लेंगे अंतिम फैसला

खड़गे ही अगले मुख्यमंत्री के नाम का चुनाव करेंगे। हालांकि उनके लिए इतना भी आसान नहीं होने वाला है। खड़गे की चूक कर्नाटक में कांग्रेस का पूरा खेल तक बिगाड़ सकती है। ऐसा इसलिए कि मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस दो धड़ों में बंट चुकी है। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के समर्थक खुलकर सामने आ चुके हैं और अपने अपने नेताओं के लिए कुर्सी मांग रहे हैं। यही नहीं, सीएम की कुर्सी के लिए कांग्रेस में पोस्टर वार तक छिड़ चुका है। रविवार को दोनों के समर्थकों ने अपने अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाने की मांग करते हुए पोस्टर जारी कर दिए। बताते चलें कि कर्नाटक में कांग्रेस ने बिना चेहरे की चुनाव लड़ा। अब जीत के बाद डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों कुर्सी की दौड़ में आगे खड़े हुए हैं। दोनों की कर्नाटक के दिग्गज नेता हैं और उनका अपना अपना मजबूत वोटबैंक है। यहां तक कि दोनों के अपने अपने समर्थक विधायक भी हैं।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने 10 मई को हुए विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर जीत दर्ज की थी। सिद्धारमैया और शिवकुमार सीएम पद की दौड़ में सबसे आगे हैं।।

*आर्यन ड्रग्स केस में समीर वानखेड़े के खिलाफ सीबीआई का बड़ा खुलासा, 25 करोड़ वसूलने की थी साजिश, 18 करोड़ में हुई डील*

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आर्यन खान ड्रग्स केस एक बार फिर सुर्खियों में है।सीबीआई ने नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े के खिलाफ कथित तौर पर शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स-ऑन-क्रूज मामले में फंसाने के लिए 25 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी। अब इस मामले में एक बड़ा अपडेट सामने आया है।सीबीआई की तरफ से कहा गया है कि आर्यन खान के परिवार से 25 करोड़ रुपये वसूलने की साजिश की गई थी।

25 करोड़ रुपए वसूलने की रची गई साजिश

आर्यन खान केस मामले में एनसीबी के पूर्व अधिकारी समीर वानखेड़े मुश्किल में घिरते नजर आ रहे हैं।एनसीबी के मुंबई जोन के पूर्व डायरेक्टर के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है। इसमें समीर वानखेड़े के खिलाफ अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को नहीं फंसाने के बदले में 25 करोड़ की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है। आरोप ये है कि जांच के दौरान समीर वानखेड़े ने केपी गोसावी और प्रभाकर सेल को आरोपी के खिलाफ कार्रवाई में गवाह बनने के लिए कहा था। सीबीआई की तरफ से एफआईआर में साफ कहा गया है कि आर्यन खान के परिवार से 25 करोड़ रुपए वसूलने का प्लान किया जा रहा था। 

18 करोड़ में डील पक्की हुई

2 अक्टूबर 2021 को कोर्डेलिया क्रूज में रेड हुई थी। विजिलेंस की जांच में पाया गया कि संदिग्धों की लिस्ट में शुरुआत में नोट में 27 नाम थे लेकिन टीम ने उन्हें घटाकर 10 कर दिया। जिसमें से कई को बिना कागजी करवाई के जाने दिया। अरबाज नाम के शख्स के जूतों और जिप से नशीला पदार्थ मिला, लेकिन उसे लेकर दस्तावेज नहीं बनाए गए। चरस सप्लाई करने वाले सिद्धार्थ शाह को भी जाने दिया गया।जांच में ये भी पता चला की संदिग्धों को स्वतंत्र गवाह के वी गोसावी के वाहन में लाया गया। के वी गोसावी को एनसीबी अधिकारी की तरह दिखाया गया। के वी गोसावी और उसकी सहयोगी ने संविले डिसूजा ने आर्यन खान के परिवार से 25 करोड़ रुपए वसूलने की साजिश रची। उसे मामले में फंसाने की धमकी दी और आखिरकार 18 करोड़ में डील हो गई। के वी गोसावी ने टोकन मनी के तौर पर 50 लाख रुपया लिया। इस केस के दौरान एक शख्स की आर्यन खान के साथ सेल्फी भी वायरल हुई थी, ये और कोई नहीं केपी गोसावी ही है।

आय से अधिक संपत्ति की भी बात प्राथमिकी में

एफआई के अनुसार, जांच में समीर वानखेड़े ने अपनी विदेश यात्रा के बारे में भी सही जानकारी नहीं दी थी। उन्होंने अपनी महंगी घड़ी, कपड़ों के बारे में भी सही नहीं बताया था। समीर वानखेड़े के पास आय से अधिक संपत्ति की भी बात प्राथमिकी में कही गई है।

बता दें कि 12 मई को सीबीआई ने समीर वानखेड़े के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए उनके परिसरों पर छापेमारी की थी। सीबीआई की टीम ने वानखेड़े के मुंबई स्थित घर पर 13 घंटे से ज्यादा पूछताछ की थी। सीबीआई अधिकारी वानखड़े के पिता, सास-ससुर और बहन के घर भी पहुंचे थे।

कर्नाटक विधानसभा में हिंदुत्व से नहीं बन सकी बात, डिटेल में पढ़िए, इस चुनाव में दिग्गज राजनीतिक विश्लषकों को और क्या क्या दिए संदेश


कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीटों पर जीत हासिल की। आंकड़ों के मुताबिक, चुनाव में कांग्रेस का वोट शेयर 43 फीसदी रहा, जो 1989 के विधानसभा चुनावों के बाद से राज्य में सबसे अधिक है। 2018 के चुनावों में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर वाली भाजपा इस बार कांग्रेस से 69 सीटों से पिछड़ गई। वहीं जनता दल (सेक्युलर) ने 1999 में चुनावी राजनीति में उतरने के बाद से वोट शेयर के मामले में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन किया। इन आंकड़ों के अलावा कर्नाटक चुनाव के तीन बड़े संदेश हैं।

‘अहिंदा’ की वापसी

कांग्रेस के जोरदार प्रदर्शन को ‘अहिंदा’ से जोड़कर देखा जा रहा है। अहिंदा एक कन्नड़ शब्द है। इसमें अल्पसंख्यक को अल्पसंख्यतारू, पिछड़ों के लिए हिंदुलीदावारू जबकि दलितों के लिए दलितारू शब्द का इस्तेमाल किया जाता है। इन तीनों के मिलने से अहिंदा शब्द बनता है। इस नीति का इस्तेमाल दिग्गज कांग्रेस नेता देवराज उर्स ने 1970 के दशक में किया।

उन्होंने इस तरीके का इस्तेमाल, राज्य के दो प्रमुख समुदायों लिंगायत और वोक्कालिगा के प्रभाव का मुकाबला करने के लिए किया। क्या इस नीति का कोई सांख्यिकीय आधार है कि कांग्रेस की वर्तमान जीत अहिंदा की वापसी की पुष्टि करती है? इसका जवाब एक्सिस एग्जिट पोल के सामाजिक-समूहवार समर्थन के आंकड़ों से मिलता है। इसमें कांग्रेस के समग्र वोट शेयर की सटीक भविष्यवाणी की गई थी। अहिंदा समुदायों के बीच कांग्रेस ने भारी वोट शेयर हासिल किया।

वोट शेयर का क्षेत्रवार विश्लेषण स्पष्ट करता है कि मध्य और दक्षिणी कर्नाटक को लिंगायतों और वोक्कालिगाओं का बड़ा गढ़ माना जाता है। इन दोनों क्षेत्रों में कांग्रेस ने बढ़त हासिल की और लिंगायत या वोक्कालिगा समुदाय ने भाजपा या जद (एस) का समर्थन नहीं किया। इससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि गैर-लिंगायत और गैर-वोक्कालिगा मतदाता भी इन दोनों दलों से कांग्रेस में स्थानांतरित हो गया।

हिंदुत्व से नहीं बनी बात

स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने से लेकर चुनाव अभियान में बजरंग बली का आह्वान करने तक, भाजपा ने इन चुनाव में बड़े पैमाने पर हिंदुत्व की पैरवी की। नतीजे बताते हैं कि यह रणनीति कारगर साबित नहीं हुई। इस तर्क के समर्थन में तीन कारकों को देखा जा सकता है। पहला कारक यह है कि कांग्रेस को राज्य के हर उपक्षेत्र में वोट शेयर के मामले में फायदा हुआ।

दूसरा, भाजपा ने तटीय कर्नाटक में भी वोट शेयर खो दिया, जहां हमेशा बड़े स्तर पर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण होता रहा है। तीसरा, भाजपा का मानना रहा कि आक्रामक हिंदुत्व के सहारे वह उन क्षेत्रों में भी कुछ आधार हासिल कर सकती है, जहां वह ऐतिहासिक रूप से कमजोर रही है।

सत्ता विरोधी लहर के बीच चुनावी गारंटी

इन चुनाव में कांग्रेस ने गरीबों को राहत देने के उद्देश्य से कई आर्थिक वादे किए। पार्टी की पांच गारंटी में महिलाओं और बेरोजगारों के लिए नकद हस्तांतरण, मुफ्त खाद्यान्न और सब्सिडी वाली बिजली और एलपीजी सिलेंडर शामिल हैं। ये आर्थिक वादे कारगर रहे और गरीबों की बहुलता वाले क्षेत्रों में कांग्रेस की सीटों में इजाफा हुआ।

काम की खबर, दो महीने के अंदर दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर यात्रियों के लिए बहाल होगी बड़ी सुविधा


आप दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर सफर कर रहे हैं तो पेट्रोल की समस्या खड़ी हो सकती है। इसका कारण यह है कि एक्सप्रेसवे के लंबे हिस्से में कहीं कोई पेट्रोलपंप नहीं है। इससे कई बार उन लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है, जो गाड़ी में कम ईंधन के साथ चलते हैं। अब इस समस्या का शीघ्र समाधान होने वाला है।

उधर, ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर भी छह में से तीन ही पेट्रोल पंप चल रहे हैं, जिससे नोएडा से सोनीपत की तरफ जाने वाले लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) ने सभी संबंधित एजेंसियों को दो महीने का लक्ष्य दिया है, जिसमें उन्हें निर्माण से लेकर सभी एनओसी प्राप्त कर पेट्रोल पंप चलाने होंगे।

135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को पांच वर्ष पहले यातायात के लिए खोला गया था। उस वक्त लक्ष्य रखा गया था कि एक वर्ष के अंदर एक्सप्रेसवे किनारे छह स्थानों पर पेट्रोल पंप, ढाबे, रेस्टोरेंट और वाहनों की मरम्मत के लिए वर्कशॉप खुल जाएगी, लेकिन समय गुजरता चला गया है और एजेंसियों ने आगे कोई काम नहीं किया।

तमाम जद्दोजहद के बाद नोएडा की सीमा में दो और गाजियाबाद की सीमा में मुरादनगर के पास एक पेट्रोल पंप ही खुल सका, लेकिन अब सड़क किनारे जनसुविधा को लेकर एनएचएआई सख्त है। उसने उन तमाम एजेंसियों को अंतिम नोटिस दे दिया है, जिन्हें पेट्रोल पंप, होटल व अन्य जनसुविधा विकसित करने का काम मिला था। एजेंसियों से कहा गया है कि अगर दो महीने के अंदर जनसुविधा विकसित करके लोगों को सुविधा नहीं दी गई तो प्रतिदिन के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।

241 किलोमीटर लंबे हिस्से में अभी सुविधाओं की कमी

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे को इस वर्ष की शुरुआत में गुरुग्राम के सोहना से राजस्थान के दौसा तक यातायात के लिए खोला गया था। कुल 241 किलोमीटर लंबे हिस्से में वाहन दौड़ रहे हैं, जिसके बदले उनसे टोल वसूली भी की जा रही है।

हालांकि पेट्रोल पंप खोलने का काम चल रहा है, लेकिन अब एनएचएआई ने कहा है कि इसे तेजी से पूरा किया जाए, जिससे यात्रियों को मिलने वाले जनसुविधा का विस्तार हो। एनएचएआई के एक अधिकारी कहते हैं कि अब एक्सप्रेसवे पर तेजी से जनसुविधा कैसे विकसित की जाएं, इसी पर काम हो रहा है। इसलिए लगातार कंपनियों के साथ समीक्षा की जा रही है कि वो पेट्रोल पंप समेत अन्य जनसुविधा कितनी जल्दी विकसित कर रही हैं। शौचालय, पेयजल और रेस्टोरेंट कुछ जगहों पर चालू हो गए हैं, लेकिन पेट्रोल पंप कुछ ही जगहों पर अभी चले हैं।