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May 11 2023, 17:01

सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया, नैब को जमकर लगाई फटकार, पूछा- कानून हाथ में लेने की क्‍या जरूरत

#pakistanafterimrankhanarrest 

इस्लामाबाद हाईकोर्ट से इमरान खान की गिरफ्तारी पर पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (नैब)को जमकर फटकारा। इसके साथ ही कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया है। कोर्ट ने एनएबी की कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हाईकोर्ट में जो कुछ भी हुआ, वह न्यायपालिका की छवि पर हमला था। सुप्रीम कोर्ट न इससे पहले पीटीआई के चेयरमैन को एक घंटे के अंदर हाजिर करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट इमरान की रिहाई पर आज ही कोई बड़ा फैसला दे सकता है।

सुप्रीम कोर्ट ने नैब से पूछा, कानून हाथ में लेने की क्‍या जरूरत

पाकिस्‍तान सुप्रीम कोर्ट में तीन सदस्‍यों की बेंच पीटीआई चेयरमैन की गिरफ्तारी पर सुनवाई कर रही है। चीफ जस्‍टिस उमर अता बंदियाल के अलावा चीफ जस्टिस अली मजहर और जस्टिस अतहर मिनाल्‍लाह अल कादिर ट्रस्‍ट में हुई इमरान की गिरफ्तारी पर सुनवाई कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट यह तय करेगा कि इमरान की गिरफ्तारी वैध है या अवैध। जस्टिस मिनाल्‍लाह ने नेशनल अकाउंटबिलिटी ब्‍यूरो (नैब) को फटकार लगाई है। नैब से सवाल किया गया है कि आखिर उसे कानून को हाथ में लेने की क्‍या जरूरत थी।

नैब ने कानून तोड़ा और कोर्ट का अपमान किया

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस्लामाबाद में आपकी अर्जी पर सुनवाई होनी थी। क्या इस तरह से किसी को गिरफ्तार किया जा सकता है? चीफ जस्टिस ऑफ पाकिस्तान ने कहा कि नैब ने कानून तोड़ा और कोर्ट का अपमान किया है। नैब ने जो किया अब उसे कोर्ट देखेगी। वहीं, नैब की ओर से दलील दी गई कि यह बहुत ही संवेदनशील मामला है।

ऐसा होता रहा तो, लोगों का कोर्ट से भरोसा उठ जाएगा

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट शहबाज शरीफ सरकार पर भी सख्त दिखी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल को बुलाया। पाक चीफ जस्टिस ने कहा कि हम कोर्ट का सम्मान वापस दिलाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे ही गिरफ्तारी होती रही तो लोगों का कोर्ट से भरोसा उठ जाएगा। कोर्ट में सबकी रक्ष जरूरी है।

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May 11 2023, 16:22

पैसों के अभाव में मां का इलाज नहीं होता देख अपनी किडनी बेचने अस्पताल पहुंचा बच्चा, देखकर डॉक्टर भी रो पड़े, इलाज कर ठीक कर देने का दिया भरोसा

 पूरी दुनिया अपनी मां के लिए लीग तरह तरह से प्यार जताते हैं।  मदर्स डे के दिन तो सभी लोग अपने अपने तरीके से मां के प्रति ढेर सारा प्यार जाहिर करते हैं। इधर, बिहार के एक बच्चे की विगत 4 दिनों पहले ऐसी मार्मिक व्यथा सामने अाई है कि आप भी रो पड़ेंगे। एक बच्चा अपनी मां के इलाज के लिए पैसे नहीं जुटा पाया तो अस्पताल-अस्पताल घूमकर अपनी किडनी बेचने के लिए ग्राहक ढूंढने लगा।

बिहार के गया का तब बच्चा दीपांशु मदर्स डे के बारे में नहीं जनता लेकिन उसका दिल बस मां के लिए ही धड़क रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी जब वह अपनी मां के इलाज के लिए पैसे नहीं जुटा पाया तो वह अपनी किडनी बेचने रांची के रिम्स हॉस्पिटल में पहुंच गया। यहां उसकी मुलाकात एक डॉक्टर से हुई। वहां जिसने भी यह बात सुनी उसकी ही आंखों में आसूं अा गए। रांची के रिम्स में डॉक्टर ने बच्चे की मां को ठीक कर देने का भरोसा दिलाकर उन्हें रांची लाने को कहा।

बता दे रिम्स के न्यूरो सर्जरी के सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर विकास और उनके सहयोगियों ने दीपांशु को मां का रिम्स में इलाज कराने और इसका सारा खर्च उठाने का आश्वासन दिया। दीपांशु ने बताया कि मां का पैर टूट गया है और उसके पास इलाज कराने के पैसे नहीं हैं। दिपांशु पर अपने घर की जिम्मेदारी है। उसकी एक बहन भी है। दीपांशु किसी होटल में काम करके अपने परिवार का खर्च चलाता है।

इधर, रिम्स के डॉ विकास ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को टैग करते हुए लिखा महोदय, यह बच्चा गया का है, आपसे अनुरोध है कि इसकी सत्यता की जांच कर कृपया मदद की कृपा करें। बिहार के गया का रहने वाला नाबालिग बच्चा किडनी बेचना चाहता था। बिहार से रोजगार की तलाश में रांची आया। अब यह वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद डॉक्टर विकास कुमार ने कहा कि लड़के की मदद के लिए अधिकारियों से बात करेंगे, ताकि उसकी मां का इलाज हो सके।

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May 11 2023, 16:01

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उद्धव ने मांगा इस्तीफा तो भड़के शिंदे और फडणवीस, कहा- नैतिकता पर बोलने का अधिकार उन्हें नहीं

#devendra_fadnavis_said_we_are_satisfied_with_the_verdict 

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने शिवसेना की बगावत मामले में फैसला सुना दिया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली 5 जजों की संविधान पीठ ने उद्धव ठाकरे की सरकार को फिर से बहाल करने से इनकार दिया।सुप्रीम कोर्ट की ओर से महाराष्ट्र सरकार पर दिए गए फैसले के बाद राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अपनी प्रतिक्रिया दी। प्रेसवार्ता में देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने महा विकास अघाड़ी के मंसूबों पर पानी फेर दिया है।

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से महाविकास अघाड़ी को बड़ा झटका लगा है।अब उद्धव ठाकरे किसी हाल में सीएम नहीं बन पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस फैसले से लोकशाही और लोकतंत्र का पूरा विजय हुआ है। वहीं एमवीए के मंसूबों पर पानी फिर गया है। महा विकास अघाड़ी की साजिश नाकाम हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार पूरी तरह संवैधानिक है। उन्होंने कहा कि जो लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अटकलें लगाते हुए कहते थे कि हमारी सरकार जाएगी, आज उन्हें जवाब मिल गया है।

उद्धव को नैतिकता पर बोलने का अधिकार नहीं- फडणवीस

नैतिकता के आधार पर इस्तीफे की मांग पर फडणवीस ने कहा कि उद्धव ठाकरे को नैतिकता पर बोलने का अधिकार नहीं है। उद्धव ठाकरे को पता चल गया था कि लोग उनका साथ छोड़कर चले गए हैं। वो जानते थे कि हार निश्चित है, इसलिए इस्तीफा दिया और अब उसे नैतिकता का चोला पहना रहे हैं। फडणवीस ने कहा कि उद्धव नैतिकता की बात न करें। वे चुनाव बीजेपी के साथ लड़कर आए थे और सरकार कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर बना ली।

पूरी तरह संवैधानिक है महाराष्ट्र की सरकार- फडणवीस

प्रेसवार्ता के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि सर्वोच्च ने महाराष्ट्र सरकार मामले में फैसला दिया है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर संतोष व्यक्त करते हैं। फडणवीस ने कहा कि महाराष्ट्र की सरकार पूरी तरह से संवैधावनिक है। अपनी पूरी ताकत के साथ हमारी सरकार संवैधानिक तरीके से राज्य के विकास के लिए काम करती रहेगी।

उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी-शिंदे

महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे ने कहा कि क्या उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट या निर्वाचन आयोग से ऊपर हैं कि वह हमें अपना कोई अन्य पदाधिकारी नियुक्त नहीं करने देंगे और हमें शिवसेना नाम का उपयोग नहीं करने देंगे। उन्होंने आगे कहा कि नैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया। शिंदे ने आगे कहा कि इस्तीफा आपने (उद्धव ठाकरे) दिया था। आपके पास अल्पमत था, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी और तब राज्यपाल ने निर्णय लिया जो सही था। उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम किया है।

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May 11 2023, 15:26

सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट से पहले उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर उठाए सवाल, पूर्व सीएम ने कहा-बोले- ‘गद्दारों के साथ सरकार कैसे चलाता’

#uddhav_thackeray_on_maharashtra_political_crisis_supreme_court_verdict 

सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने शिवसेना की बगावत मामले में फैसला देते हुए कहा कि वह उद्धव ठाकरे की सरकार की बहाली का आदेश नहीं दे सकती क्योंकि उन्होंने बिना फ्लोर टेस्ट का सामना किए ही इस्तीफा दे दिया था।शीर्ष अदालत ने आगे कहा, चूंकि ठाकरे ने स्वेच्छा से इस्तीफा दे दिया था, ऐसे में राज्यपाल ने शिंदे को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण दिया। विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले ही उद्धव के इस्तीफा देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के सवाल पर उद्धव ने कहा कि गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मैंने इस्तीफा दे दिया। 

सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की हत्या हो रही है। लोकतंत्र की रक्षा के लिए ही बिहार से नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव यहां आए हैं और हम सब एक साथ हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें हर किसी के राजनीति पर सवाल उठाया गया है। इसमें राज्यपाल की भूमिका पर भी सवाल उठाया गया है। दिल्ली और महाराष्ट्र दोनों के राज्यपालों की भूमिका पर संदेह जताया गया है।

उद्धव ने कहा कि इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। उद्धव ने कहा कि एकनाथ शिंदे ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा। उन्होंने कहा कि जिन्हें पार्टी ने सबकुछ दिया उन्होंने ही गद्दारी की। गद्दार लोगों के साथ सरकार कैसे चलाता। ऐसे में नैतिकता के आधार पर मैंने इस्तीफा दे दिया। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है।

उद्धव ठाकरे गुरुवार को नीतीश कुमार और तेजस्वी के साथ मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हम चाहते हैं कि पूरे देश में अधिक से अधिका पार्टियां एकजुट हों, मिलकर हम सब लड़ेंगे। आज जो केंद्र में है वे देश के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं इसलिए देश के हित में हम सब मिलकर लड़ेंगे। अब यह तय होगा कि कब सबकी मीटिंग होगी।

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May 11 2023, 14:06

अमृतसर ब्लास्ट के आरोपियों की तस्वीरें आई सामने, डीजीपी बोले- धमाकों के पीछे थी बड़ी साजिश, जानें इसके पीछे किसका हाथ

#amritsar_golden_temple_deliberate_conspiracy_to_create_unrest_in_the_state 

पिछले पांच दिनों में अमृतसर धमाकों से तीन बार दहल चुका है। ये धमाके स्वर्ण मंदिर के आसपास हुए हैं। पहला धमका शनिवार की रात को, दूसरा धमाका सोमवार और तीसरा कल यानी बुधवार की रात को हुआ है।इन घटनाओं के बाद अब पुलिस ने 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। इन सभी की तस्वीरें सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थीं।राज्य के डीजीपी ने प्रेसवार्ता में आरोपियों की पहचान बताई। साथ ही बताया कि एक महिला भी इन धमाकों में संदिग्ध रूप से शामिल है। उससे पूछताछ की जा रही है।

गिरफ्तार आरोपियों की पहचान आजाद वीर सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी गांव वडाला कला बाबा बकाला, अमरीक सिंह पुत्र लखबीर सिंह निवासी गुरदासपुर, साहब सिंह निवासी गेट हकीमा अनगढ़, धर्मेंद्र और हरजीत निवासी 88 फुट रोड के रूप में हुई। पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने कहा कि अमरीक सिंह की पत्नी से भी पूछताछ की जा रही है. आजादवीर के पास से 1.1 किलो विस्फोटक बरामद हुआ है।

पंजाब के डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि आजादवीर सिंह और अमरीक सिंह ने तीन अन्य लोगों के साथ मिलकर क्लोराइड एवं ब्रोमाइट्स के बीच सल्फर मिलाकर आईईडी तैयार की थी। आजादवीर सिंह ने यह विस्फोटक आरोपी धर्मेंद्र के जरिए अन्नगढ़ के साहिब सिंह उर्फ साबा से मंगवाया था। साहिब सिंह के पास पटाखे बनाने का लाइसेंस है। साबा ने विस्फोटक आरोपी हरजीत सिंह को दिया, जिसे आगे आजादवीर सिंह तक पहुंचाया। 

डीजीपी ने कहा कि बम धमाकों के मामले में अमरीक सिंह और आजादवीर सिंह मुख्य आरोपी हैं। वहीं अमरीक सिंह की पत्नी को भी हिरासत में लेकर उसकी भूमिका की जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि आजादवीर सिंह से एक किलो 100 ग्राम एक्सप्लोसिव बरामद किया गया है। पूछताछ में सामने आया है कि धमाकों के पीछे आरोपियों का मकसद शांति व्यवस्था को भंग करना था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि विस्फोट में पटाखों के बारूद का इस्तेमाल किया गया था। एक स्थानीय मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि छापेमारी में कई बम बरामद हुए हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पूरे अमृतसर को दहलाने की साजिश थी। साथ ही पुलिस को कुछ संदिग्ध सीसीटीवी फुटेज भी मिले हैं।

बता दें कि अमृतसर में एक हफ्ते में लगातार 3 बम धमाके हुए थे। पहला धमाका 6 मई को स्वर्ण मंदिर के पास हैरिटेज स्ट्रीट में हुआ था। इसमें करीब पांच लोगों के घायल होने की सूचना थी। इसके बाद 8 मई को इसी जगह पर फिर से धमाका हुआ। इस धमाके में एक शख्स के पैर में चोट आई थी। मौके पर मौजूद एक सफाईकर्मी ने बताया था कि धमाके के बाद चारों ओर धुआं-धुआं हो गया था। इसके बाद बुधवार-गुरुवार रात करीब 12.30 बजे तीसरी बार स्वर्ण मंदिर से कुछ दूर श्री गुरु राम दास निवास के पास धमाका हुआ।

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May 11 2023, 12:54

महाराष्ट्र के सियासी संकट का नहीं निकला कोई हल, बड़ी बेंच को भेजा जाएगा मामला, संविधान पीठ का अहम फैसला

#maharashtra_political_crisis_supreme_court_verdict 

महाराष्ट्र में शिवसेना विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ किसी नतीजें पर नहीं पहुंच पाई है। गुरुवार को इस मुद्दे पर अपना फैसला सुनाते हुए संविधान पीठ ने सुनवाई के लिए इसे बड़ी बेंच के पास भेज दिया है। अब सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की बेंच इस मुद्दे पर सुनवाई करेगी। बता दें कि 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट को लेकर शिवसेना के उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे धड़ों की ओर की याचिकाएं दायर की गई थीं। इसी को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया है।

प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने फैसला पढ़ा। उन्होंने कहा कि 2016 का नबाम रेबिया मामला, जिसमें कहा गया था कि स्पीकर को अयोग्य ठहराने की कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती है, जब उनके निष्कासन का प्रस्ताव लंबित है, तो इसमें एक बड़ी पीठ के संदर्भ की आवश्यकता है। इसे बड़ी बेंच का पास भेजा जाना चाहिए। स्पीकर के खिलाफ अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है, तो क्या वह विधायकों की अयोग्यता की अर्जी का निपटारा कर सकते हैं? अब इस मुद्दे की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की पीठ करेगी।

मामले पर संविधान पीठ की तीखी टिप्पणी

संविधान पीठ ने मामले को बड़ी बेंच के पास भेजते हुए तीखी टिप्पणी भी की है।कोर्ट ने कहा कि स्पीकर को दो गुट बनने की जानकारी थी। भरत गोगावले को चीफ व्हिप बनाने का स्पीकर का फैसला गलत था। स्पीकर को जांच करके फैसला लेना चाहिए था। स्पीकर को सिर्फ पार्टी व्हिप को मान्यता देनी चाहिए। उन्होंने सही व्हिप को जानने की कोशिश नहीं की।कोर्ट ने कहा कि आंतरिक मतभेदों का हल फ्लोर टेस्ट से संभव नहीं है। फ्लोर टेस्ट कराने से पहले गर्वनर को सलाह लेनी चाहिए थी। 

राज्यपाल के पास फ्लोर टेस्ट बुलाने के लिए कोई वस्तुनिष्ठ सामग्री नहीं थी

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि राज्यपाल के पास विधानसभा में फ्लोर टेस्ट बुलाने के लिए कोई वस्तुनिष्ठ सामग्री नहीं थी। फ्लोर टेस्ट को किसी राजनीतिक दल के अंदरूनी विवाद या मतभेद को हल करने के लिए एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। न तो संविधान और न ही कानून राज्यपाल को राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने और अंत: पार्टी विवादों में भूमिका निभाने का अधिकार देता है। सरकार द्वारा भरोसा किए गए संकल्प ने संकेत नहीं दिया कि विधायक समर्थन वापस लेना चाहते थे। अगर यह मान भी लिया जाए कि विधायक सरकार से बाहर होना चाहते थे, तो उन्होंने केवल एक गुट का गठन किया।

राज्यपाल द्वारा फ्लोर टेस्ट बुलाना भारत के संविधान के अनुसार नहीं था

राज्यपाल ने शिवसेना के विधायकों के एक गुट के प्रस्ताव पर भरोसा करके यह निष्कर्ष निकाला कि उद्धव ठाकरे अधिकांश विधायकों का समर्थन खो चुके हैं। सुप्रीम कोर्ट ने माना कि महाराष्ट्र के राज्यपाल द्वारा फ्लोर टेस्ट बुलाना भारत के संविधान के अनुसार नहीं था।

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May 11 2023, 12:28

केजरीवाल की बड़ी जीतःदिल्ली सरकार को ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार, सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

#supreme_court_verdict_today_who_control_service_in_national_capital

केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण को लेकर लंबे समय चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की पीठ ने अपना फैसला सुना दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग का अधिकार दिल्ली सरकार को दे दिया है। एनसीटी दिल्ली के पास सार्वजनिक व्यवस्था, पुलिस और भूमि को छोड़कर सेवाओं पर दिल्ली सरकार को विधायी शक्ति दी गई है।मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि यह सर्वसम्मति का फैसला है। 

एलजी को सरकार की बात माननी चाहिए-सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने माना कि एग्जीक्यूटिव मामले का अधिकार एलजी का है। लोकतंत्र में असली फैसला चुनी हुई सरकार को ही करना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अगर केंद्र का कानून नहीं है तो दिल्ली सरकार कानून बना सकती है। चुनी हुई सरकार का प्रशासन पर नियंत्रण जरूरी है। एलजी को सरकार की बात माननी चाहिए। एलजी को चुनी हुई सरकार की मदद से फैसला करना चाहिए।

चुनी हुई सरकार में उसी के पास प्रशासनिक व्यस्था होनी चाहिए-सुप्रीम कोर्ट

फैसला पढ़ने से पहले सीजेआई ने कहा कि ये बहुमत का फैसला है। सीजेआई ने फैसला सुनाने से पहले कहा कि दिल्ली सरकार की शक्तियों को सीमित करने को लिए केंद्र की दलीलों से निपटना आवश्यक हैष इसके अलावा उन्होंने कहा कि ये मामला सिर्फ सर्विसेज पर नियंत्रण का है। सीजेआई ने कहा कि चुनी हुई सरकार को प्रशासन चलाने की शक्तियां मिलनी चाहिए अगर ऐसा नहीं होता तो यह संघीय ढांचे के लिए बहुत बड़ा नुकसान है। अधिकारी जो अपनी ड्यूटी के लिए तैनात हैं उन्हें मंत्रियों की बात सुननी चाहिए अगर ऐसा नहीं होता है तो यह सिस्टम में बहुत बड़ी खोट है। चुनी हुई सरकार में उसी के पास प्रशासनिक व्यस्था होनी चाहिए। 

दिल्ली सरकार ने कोर्ट से अपनी शक्ति की सीमा तय करने की मांग की थी

बता दें कि आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार केंद्र के एनसीटी कानून में संशोधन के बाद एडमिनिस्ट्रेटिव कंट्रोल को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। दिल्ली सरकार ने कोर्ट से केंद्र के साथ अपनी शक्ति की सीमा तय करने की मांग की थी। जनवरी महीने में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमआर शाह, जस्टिस कृष्ण मुरारी, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने पीठ ने केंद्र और दिल्ली सरकार की ओर से क्रमश: सालिसिटर जनरल तुषार मेहता और वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी की पांच दिन दलीलें सुनने के बाद 18 जनवरी को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।

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May 11 2023, 11:26

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कांग्रेस नेता को राहुल गांधी को थमाया नोटिस, बिना परमिशन डीयू दौरे को बताया गैर जिम्मेदाराना व्यवहार

#delhi_university_send_notice_to_rahul_gandhi

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के पीजी मेन्स हॉस्टल के अध्यक्ष (प्रोवोस्ट) ने पिछले कांग्रेस नेता राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस बीते दिनों उनके डीयू हॉस्टल दौरे से संबंधित है।नोटिस में राहुल गांधी का हॉस्टल परिसर में प्रवेश करना तय नियमों का उल्लंघन बताया गया है। दो पन्नों के के नोटिस में राहुल गांधी के दौरे को गैर जिम्मेदाराना व्यवहार बताया गया है। बता दें कि राहुल ने 5 मई को डीयू के पुरुष हॉस्टल में बिना परमिशन के दौरा किया था और यहां छात्रों के साथ लंच किया था। हॉस्टल प्रशासन का कहना है कि इस तरह के अनधिकृत दौरे के कारण छात्रों की सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।

दिल्ली विश्वविद्यालय के हॉस्टल के अध्यक्ष केपी सिंह द्वारा राहुल गांधी को दो पेज का नोटिस भेजा गया है। इस नोटिस में हॉस्टल प्रशासन का कहना है कि अचानक बिना किसी पूर्व सूचना के यह दौरा किया गया। प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिस में नोटिस में कहा गया है कि राष्ट्रीय पार्टी के जेड प्लस सुरक्षा प्राप्त नेता का ऐसा आचरण मर्यादा से परे है। प्रशासन का कहना है कि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए राहुल गांधी को समय रहते अपने इस दौरे से पहले विश्वविद्यालय या फिर हाउसफुल प्रशासन को सूचित करना चाहिए था।

प्रोवोस्ट ने आगे कहा कि तीन गाड़ियों के साथ राहुल गांधी का कैंपस में "अप्रत्याशित प्रवेश" छात्रावास के निर्धारित नियमों का उल्लंघन है। नोटिस में हॉस्टल की सूचना और नियमों की पुस्तिका के नियम 15.13 का हवाला दिया गया है। इसके मुताबिक, कोई भी व्यक्ति एजुकेशनल और काउंसलिंग गतिविधियों के अलावा छात्रावास परिसर में किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं हो सकता है।

बता दें कि पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी दिल्ली में आम लोगों से मुलाकात करने के लिए बीते दिनों चार स्थानों पर जा चुके हैं। राहुल गांधी नई दिल्ली स्थित टिक्की चाट की एक दुकान पर गए थे। इसके बाद वह जामा मस्जिद इलाके में गए, जहां उन्होंने एक पुराने प्रसिद्ध रेस्टोरेंट में खाना खाया और इस दौरान लोगों से मुलाकात की। लोगों से मुलाकात के सिलसिले को जारी रखते हुए राहुल गांधी बीते दिनों दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके भी गए, जहां उन्होंने सिविल सर्विसेस की तैयारी कर रहे कई छात्रों से मुलाकात की थी। इसी क्रम में राहुल गांधी ने बीते शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय स्थित पीजी मेंस हॉस्टल का भी दौरा किया। उन्होंने यहां कई छात्रों के साथ बातचीत की थी। इसके बाद राहुल गांधी ने छात्रों के साथ ही दिल्ली विश्वविद्यालय के हॉस्टल में लंच भी किया था। राहुल गांधी ने यहां छात्रों से रोजगार और बेरोजगारी के मुद्दों पर चर्चा की थी। इसके अलावा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में मुद्दों पर भी बात की थी।

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May 11 2023, 11:18

चक्रवात मोचा का खतरा बरकरार, बंगाल की खाड़ी में तेज हुआ तूफान, तटीय इलाकों में हाई अलर्ट

#cyclone_mocha

अंडमान सागर से सटे दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बना एक कम दबाव का क्षेत्र चक्रवाती तूफान के रूप में विकसित हो चुका है। चक्रवाती तूफान 'मोचा' को लेकर भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएम़डी) की चेतावनी के बाद भारतीय तटरक्षक की कई यूनिट्स को हाई अलर्ट पर रखा गया है। आईएमडी ने बुधवार को भविष्यवाणी की थी कि दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी पर दबाव उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और इसके उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है और उसी क्षेत्र में एक चक्रवाती तूफान में धीरे-धीरे तेज हो सकता है।

दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में स्थित गहन अवदाब पिछले 06 घंटों के दौरान 8 किमी प्रति घंटे की गति के साथ उत्तर उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर बढ़ा और एक चक्रवाती तूफान मोचा में तीव्र हो गया है।यह 11 मई को भारतीय समय अनुसार 5.30 बजे दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी में लगभग 11.2 °N अक्षांश और 88.1°E देशांतर के पास केंद्रित था, जो की पोर्ट ब्लेयर से लगभग 510 किमी पश्चिम दक्षिण-पश्चिम, कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) से 1210 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और सितवे (म्यांमार) से 1120 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम दिशा में स्थित है।

इसके उत्तर-उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने और आज, 11 मई की मध्यरात्रि के आसपास धीरे-धीरे तीव्र होकर एक प्रचंड चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने की बहुत संभावना है। इसके बाद, इसके धीरे-धीरे मुड़ने और 12 मई की सुबह से उत्तर-उत्तर पूर्व की ओर बढ़ते हुए मध्य बंगाल की खाड़ी के ऊपर 12 मई की शाम के आसपास एक अत्यंत प्रचंड चक्रवाती तूफान में तीव्र होने की सम्भावना है।यह 13 मई की शाम के आसपास अपनी चरम तीव्रता पर पहुंच जाएगा

इसके बाद 14 मई की सुबह से इसके थोड़ा कमज़ोर होने की सम्भावना है और 14 मई, 2023 की पूर्वाह्न के आसपास कॉक्स बाजार (बांग्लादेश) और क्यौकप्यू (म्यांमार) के बीच दक्षिण-पूर्व बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार के तटों को 120-130 किमी प्रति घंटे की अधिकतम निरंतर पवन गति एवं 145 किमी प्रति घंटे की पवन गति के झोकों के साथ पार करने की संभावना है।

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May 11 2023, 10:26

*इमरान की गिरफ्तारी पर समर्थकों का उत्पात जारी, गृहयुद्ध के मुहाने पर पाक, सेना ने कहा-पीटीआई के कुछ नापाक नेताओं का हाथ*

#imrankhanarrested3rddayofptisupportersprotest

पिछले तीन दिन से पाकिस्तान जल रहा है। हालात गृहयुद्ध के जैसे हो गए हैं।पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद समर्थकों का उबाल कम नहीं हो रहा है।पाकिस्तान की सड़कों पर इमरान खान के समर्थक तोड़फोड़ कर रहे हैं।विरोध कर रही भीड़ ने घरों, कार्यालयों और वाहनों पर पथराव किया, बैनर और टायर जलाए और सड़कों को जाम कर दिया।

पीएम शहबाज ने दी कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी

इमरान खान के बेलगाम समर्थकों ने पीएम शहबाज शरीफ के घर पर भी हमला किया है।शहबाज शरीफ का कहना है कि इमरान के समर्थक जो कुछ कर रहे हैं वो एक्ट ऑफ टेररिज्म है यानी आतंकी काम है। इसके जरिए वो नफरत बढ़ाने का काम कर रहे हैं।शरीफ ने देश में चल रही अशांति के लिए भी खान की निंदा की और प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान खान द्वारा किए गए कथित भ्रष्ट आचरण के मुद्दे को उठाया।प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान आगजनी और हिंसा की घटनाओं को अंजाम देने वालों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी है।

सेना ने कहा- पीटीआई के कुछ नापाक नेताओं की प्लानिंग

वहीं, एक स्थानीय मीडिया की खबर के मुताबिक, पाकिस्तान सेना की मीडिया विंग, इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने नौ मई को हुई हिंसक घटनाओं को देश के इतिहास का एक "काला अध्याय" करार दिया है।आईएसपीआर ने कहा कि विरोध-प्रदर्शनों ने विशेष रूप से सेना की संपत्ति और प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया।आईएसपीआर ने प्रदर्शनकारियों की आलोचना की और उनके कार्यों को अपने सीमित और स्वार्थी उद्देश्यों के लिए देश की भावनाओं में फेरबदल करने का प्रयास करार दिया।आईएसपीआर ने बयान में कहा कि रणनीति के अनुसार सेना की प्रतिक्रिया को नापाक राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करने की स्थिति बनाई गई थी, जिसे सेना की सतर्क प्रतिक्रिया से विफल कर दिया गया।बयान में आगे कहा गया, 'हम अच्छी तरह जानते हैं कि इसके पीछे पीटीआई के कुछ नापाक नेताओं के आदेश, निर्देश और पूरी प्लानिंग थी। 

पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी गिरफ्तार

इस बीच खबर आ रही है कि पीटीआई के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को सार्वजनिक व्यवस्था के रखरखाव की धारा 3 के तहत गिरफ्तार किया गया है। कुरैशी को इस्लामाबाद में गिलगित बाल्टिस्तान हाउस से हिरासत में लिया गया।पीटीआई का दावा है कि सीनियर नेता शाह महमूद कुरैशी को इस्लामाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इमरान खान, शाह महमूद कुरैशी, मुराद सईद, अली अमीन गंदापुर समेत अन्य नेताओं पर लाहौर पुलिस ने 7 मामले दर्ज किए हैं। इनमें से 4 एंटी-टेररिज्म एक्ट से जुड़े हैं।