पाकिस्‍तान के पूर्व पीएम इमरान खान की गिरफ्तारी के दौरान उनके वकील पर हमला, पीटीआई समर्थकों ने प्रदर्शन का किया ऐलान

#imran_khan_arrested_by_police_in_islamabad 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार कर लिया गया है। खान को भ्रष्टाचार के एक मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट के बार से अर्धसैनिक बलों ने गिरफ्तार किया।इमरान खान को अल कादिर ट्रस्ट के केस में अरेस्ट किया गया है।बताया जा रहा है कि कार्रवाई पाकिस्तान रेंजर्स की ओर से की गई है। इमरान जब अल-कादिर ट्रस्ट मामले में पेशी के लिए हाईकोर्ट पहुंचे, तभी उन्हें पाक रेंजर्स ने अपनी गिरफ्त में ले लिया।

धक्का-मुक्की में इमरान के वकील बुरी तरह घायल

इमरान खान के सहयोगी और पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता फवाद चौधरी ने उर्दू में ट्वीट किया। उनका कहना था कि इस्लामाबाद हाई कोर्ट पर रेंजरों का कब्जा है, वकीलों को प्रताड़ित किया जा रहा है, इमरान खान की कार को घेर लिया गया। 

इमरान की गिरफ्तारी के बाद इलाके में तनाव का माहौल

पीटीआई के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने भी इमरान के वकील का वीडियो साझा करते हुए कहा कि वह आईएचसी के बाहर बुरी तरह से घायल हैं। इमरान खान के वकील के साथ भी मारपीट की गई है।जानकारी के मुताबिक, इमरान की गिरफ्तारी के बाद इलाके में तनाव का माहौल है। कोर्ट के बाहर भारी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है। पीटीआई नेता इमरान की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक नाराज हो गए हैं। पीटीआई ने इमरान की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शन का ऐलान किया है।

क्या है अल-कादिर ट्रस्ट केस?

यह एक विश्वविद्यालय से जुड़ा मामला है। आरोप है कि इमरान ने बतौर प्रधानमंत्री इसे गैरकानूनी तरीके से करोड़ों रुपए की जमीन मुहैया कराई थी। इसका खुलासा पाकिस्तान के सबसे अमीर शख्सियत मलिक रियाज ने किया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि इमरान और उनकी पत्नी ने उनकी गिरफ्तारी के नाम पर धमकाकर अरबों रुपये की जमीन अपने नाम करा ली। बाद में रियाज और उनकी बेटी का ऑडियो भी लीक हुआ था। इसमें इमरान की पत्नी बुशरा बीबी की ओर से पांच कैरेट के हीरे की अंगूठी मांगे जाने की बात सामने आई थी।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गिरफ्तार, पाक रेंजर्स ने कोर्ट रूम से किया अरेस्ट

#former_pm_of_pakistan_imran_khan_arrested 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गिरफ्तार हो गए हैं। इमरान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से पाक रेंजर्स ने कोर्ट रूम से ही गिरफ्तार किया है। इमरान की गिरफ्तारी ऐसे वक्त पर हुई है, जब हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर पर गंभीर आरोप लगाए थे।

मंगलवार को इमरान उस समय गिरफ्तार हुए जब वह इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट में अपने बायो‍मेट्रिक वेरीफिकेशन के लिए जा रहे थे। इमरान खान की पार्टी पीटीआई की नेता मुसर्रत चीमा ने ट्वीट कर दावा किया कि वे लोग इमरान खान को टॉर्चर कर रहे हैं। वे इमरान खान को पीट रहे हैं।

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गिरफ्तार, पाक रेंजर्स ने कोर्ट रूम से किया अरेस्ट

#former_pm_of_pakistan_imran_khan_arrested 

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान गिरफ्तार हो गए हैं। इमरान को इस्लामाबाद हाई कोर्ट के बाहर से पाक रेंजर्स ने कोर्ट रूम से ही गिरफ्तार किया है। इमरान की गिरफ्तारी ऐसे वक्त पर हुई है, जब हाल ही में उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के अधिकारी मेजर जनरल फैसल नसीर पर गंभीर आरोप लगाए थे।

मंगलवार को इमरान उस समय गिरफ्तार हुए जब वह इस्‍लामाबाद हाई कोर्ट में अपने बायो‍मेट्रिक वेरीफिकेशन के लिए जा रहे थे। इमरान खान की पार्टी पीटीआई की नेता मुसर्रत चीमा ने ट्वीट कर दावा किया कि वे लोग इमरान खान को टॉर्चर कर रहे हैं। वे इमरान खान को पीट रहे हैं।

बेंगलुरु में चुनाव आयोग ने बजरंग दल कार्यकर्ताओं को हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोका, धारा 144 का दिया हवाला

#ec_reached_to_stop_hanuman_chalisa_path_in_bengaluru 

कर्नाटक में 10 मई को विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और उसकी युवा शाखा बजरंग दल ने मंगलवार को कर्नाटक विधानसभा के लिए होने वाले मतदान से एक दिन पहले कांग्रेस के घोषणापत्र के विरोध में यहां हनुमान चालीसा का जाप करने का ऐलान किया था। बेंगलुरु में चुनाव आयोग की टीम ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं द्वारा किया जा रहा हनुमान चालीसा का पाठ रुकवा दिया। आयोग ने चुनाव के चलते लगी धारा 144 का हवाला देते हुए पाठ को रुकवा दिया। दौरान निर्वाचन आयोग (ईसी) की टीम से उनकी बहस हो गई।

कर्नाटक चुनाव में बीजेपी के बजरंग बली दांव का असर सिर चढ़कर बोल रहा है।कर्नाटक विधानसभा की वोटिंग से ठीक एक दिन पहले बजरंग दल के कार्यकर्ता बेंगलुरु के मंदिर में हनुमान चालीसा का पाठ करने लगे। जिसकी जानकारी लगते ही चुनाव आयोग की टीम बेंगलुरु में वीर अंजनेय मंदिर पहुंच गई। चुनाव आयोग ने धारा 144 का हवाला देते हुए चालीसा का पाठ रुकवा दिया। इस दौरान बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि चालीसा का पाठ किस धारा का उल्लंघन है।

हनुमान चालीसा’ का पाठ कर रहे बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने आयोग के अधिकारियों से कहा, ‘हम जाप क्यों बंद करेंगे… यह पकिस्तान या तालिबान है क्या, यहां कोई राजनीति नहीं है… भगवान की पूजा करने के लिए किसी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं है। मैं हिंदुस्तान में हूं, पकिस्तान और सीरिया में नहीं हूं।

चालीसा पाठ के दौरान केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता शोभा करंदलाजे ने भी वीर अंजनेय मंदिर में 'जय श्री राम' का नारा लगाया। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए चुनाव आयोग की टीम ने कहा कि हम पुलिस को बुलाएंगे।

दरअसल, कर्नाटक चुनाव में 'बजरंग बली' का मुद्दा छाया हुआ है। चुनाव में हनुमान की एंट्री उस वक्त हुई, जब कांग्रेस ने पिछले हफ्ते जारी किए गए अपने घोषणापत्र में कहा, ''राज्य में सरकार में आते ही वह बजरंग दल, पीएफआई समेत जाति और धर्म के आधार पर समुदायों के बीच नफरत फैलाने वाले सभी संगठनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए बैन लगाएगी।इस ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजरंग दल को बजरंगबली से जोड़ते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा।पीएम मोदी ने अपनी रैली में कहा, कांग्रेस पार्टी ने अपने मेनिफेस्टो में बजरंगबली को ताले में बंद करने का निर्णय लिया है। पीएम मोदी के इस बयान के बाद बीजेपी नेता बजरंग दल और बजरंगबली के मुद्दे पर कांग्रेस पर हमलावर हो गए। वहीं,विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल जैसे संगठन भी लगातार कांग्रेस का विरोध कर रहे हैं।

पायलट का पलटवारःकहा- सोनिया नहीं वसुंधरा हैं गहलोत की नेता,जानें क्या है पूरा मामला?

#sachin_pilot_reply_over_cm_ashok_gehlot_statement 

अशोक गहलोत के पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर दिए गए बयान के बाद राजस्थान की राजनीति एक बार फिर से गर्म है।सूबे के मुखिया अशोक गहलोत ने रविवार को एक तीर से कई निशाने एक साथ लगाए। एक तरफ उन्होंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के सरकार बचाने में साथ देने का दावा किया। तो वहीं, पायलट खेमे की बगावत का जिक्र करते हुए विधायकों को अमित शाह से लिए पैसे लौटाने की बात कही।गहलोत के विस्फोटक बयान के बाद उनके धुर प्रतिद्वंदी सचिन पायलट ने उन पर बड़ा हमला किया है। पायलट ने कहा कि सीएम की नेता सोनिया गांधी नहीं वसुंधरा राजे हैं।

राहुल गांधी के उदयपुर दौरे के बीच कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के सीएम अशोक गहलोत पर बड़ा हमला बोला। पायलट ने कहा, साल 2020 में मैं उप मुख्यमंत्री था, उस समय राजद्रोह के आरोप में मुझ पर कार्रवाई करने की कोशिश की गई थी। नेतृत्व परिवर्तन चाहते थे, इसलिए दिल्ली गए एआईसीसी से बात रखी, जिसके बाद एक कमेटी का गठन हुआ। कमेटी ने सबकी बात सुनी और उसके आधार पर एक रोड मैप तैयार किया गया। इसके बाद से हर छोटे-बड़े कार्य में सभी साथियों ने मिलकर काम किया और मेहनत की, अनुशासन तोड़ने का कार्य कभी किसी ने की।

अब समझ में आया बीजेपी सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच क्यों नहीं हुई-पायलट

पायलट ने आगे कहा कि मुझे कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जाने के बाद मैंने जी-जान लगाकर मेहनत की लेकिन कभी अनुशासन तोड़ने का काम मैंने नहीं किया। पायलट ने कहा कि मुझे गद्दार, कोरोना क्या कुछ नहीं कहा लेकिन मैंने पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने का काम कभी नहीं किया।पायलट ने कहा कि मैंने बीजेपी सरकार के समय के भ्रष्टाचार की जांच के लिए सीएम को कई चिट्ठियां लिखीं लेकिन अब समझ आ रहा है कि उनमें जांच क्यों नहीं हुई। उन्होंने कहा कि मैं जब-जब वसुंधरा सरकार के करप्शन की बात करता हूं तो कोई जवाब नहीं आता है।

25 सितंबर वाली घटना गद्दारी

पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को सोनिया गांधी ने अजय माकन और खरगे को विधायक दल की बैठक के लिए जयपुर भेजा था लेकिन वह मीटिंग नहीं हो पाई। पायलट ने कहा कि 25 सितंबर को विधायकों के बहिष्कार करने से हमारी पार्टी अध्यक्ष की बेईज्जती हुई, उनका अपमान किया गया वो गद्दारी थी।

जन संघर्ष यात्रा की घोषणा

कांग्रेस नेता ने कहा मैंने फैसला लिया है कि 11 तारीख को अजमेर से एक यात्रा निकालूंगा। जनता के बीच जाकर जनता की आवाज सुनेंगे और जनता के मुद्दों को उठाएंगे। नौवजानों के मुद्दों को उठाकर जन संघर्ष यात्रा निकालने जा रहे हैं, जो लगभग 125 किलोमीटर लंबी होगी। सचिन पायलट का कहना है कि सही फैसले तब लिए जाएंगे, जब जनता का प्रेशर सरकार पर बनेगा।

श्रद्धा वालकर हत्याकांडःआफताब पूनावाला के खिलाफ हत्या, सबूत गायब करने के आरोप तय

#shraddha_murder_case_charges_framed_against_accused_aftab_amin 

दिल्ली की साकेत कोर्ट ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा वाल्कर की हत्या करने और उसके बाद उसके 35 टुकड़े करने के आरोपी आफताब अमीन पूनावाला के खिलाफ आरोप तय कर दिए है। आरोपी आफताब पूनावाला के खिलाफ साकेत कोर्ट ने हत्या और सबूत गायब करने के आरोप तय कर दिए हैं। पूनावाला के खिलाफ हत्या IPC की घारा 302 और सबूत नष्ट करने की धारा 201 के तहत आरोप तय होंगे। वहीं, आरोपी आफताब ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया और कहा कि वह मुकदमे का सामना करेगा।

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, तमाम बहस को सुनने के बाद दिल्ली पुलिस ने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं लिहाजा प्रथम दृष्टया आफताब के खिलाफ हत्या (302) और सबूत नष्ट करने का मामला बनता है। कोर्ट ने कहा, 18 मई 2022 को अज्ञात समय पर सुबह 6:30 बजे के बाद श्रद्धा वालकर की हत्या की गई जो आईपीसी की धारा 302 के तहत दंडनीय अपराध है। 18 मई से 18 अक्टूबर के बीच साक्ष्य को मिटाने के इरादे से यह जानते हुए कि अपराध किया गया है, श्रद्धा के शरीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उसके शरीर को जगह-जगह ठिकाने लगा दिया, जिससे सबूत मिटाने का अपराध हुआ है।

आफताब को क्या सजा सुनाई जा सकती है?

साकेत कोर्ट ने आरोपी आफताब के खिलाफ आईपीसी धारा 302 (हत्या) और 201 (अपराध के बाद सबूत को नष्ट करना) के तहत आरोप तय किए हैं। धारा 302 के तहत आरोपी को या तो आजीवन कारावास या मृत्युदंड (हत्या की गंभीरता के आधार पर) के साथ-साथ जुर्माने की सजा दी जाती है। हालांकि सजा कितनी दी जाएगी यह कोर्ट केस दर केस के आधार पर तय करता है। 

आईपीसी की धारा 201 के तहत जो भी व्यक्ति किसी की हत्या करने के बाद हत्या से जुड़े सबूतों को नष्ट करने का काम करता है तो उसको धारा 201 के तहत 7-10 साल कारावास की सजा के साथ आर्थिक दंड भी दिया जा सकता है। 

क्या है पूरा मामला

बता दें कि आफताब पूनावाला को पिछले साल 12 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने दक्षिणी दिल्ली के महरौली इलाके में किराये के अपने फ्लैट में श्रद्धा वालकर की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। आफताब ने अपनी लिव-इन पार्टनर श्रद्धा का गला रेतकर उसे मौत के घाट उतार दिया था और शव के 35 टुकड़े कर दिए थे। जिसे उसने घर पर 300 लीटर के फ्रिज में लगभग तीन सप्ताह तक रखा। वह कई दिन तक आधी रात को उन्हें शहर के विभिन्न इलाकों में फेंकने के लिए जाता रहा। साथ ही उसने ग्राइंडर से हड्डियों को पीसा था, जिन्हें ठिकाने लगाया था।

खरगोन में दर्दनाक हादसा, यात्रियों से भरी बस 50 फीट ऊंचे पुल से गिरी, 15 की मौत

#accident_khargone_bus_fell_from_bridge_full_of_passengers 

मध्य प्रदेश के खरगोन में मंगलवार सुबह दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गई। मंगलवार को यात्रियों से भरी बस एक पुल से गिर गई। हादसे में 15 लोगों की मौत हुई है जबकि 25 घायल हो गए। कहा जा रहा कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। बताया जा रहा है कि बस में करीब 50 लोग सवार थे।

स्थानीय लोग मदद को आगे आए

खरगोन के एसपी धरम वीर सिंह ने बताया कि 15 लोगों की मौत हुई है और 25 लोग घायल हैं। घायलों को आसपास के अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है। घटना के लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।बताया जा रहा है कि बस खरगौन से इंदौर जा रही थी। यह हादसा खरगोन-ठीकरी मार्ग पर हुआ। बस नदी पर बने पुल से गुजर रही थी, जब वह एकाएक नीचे गिर गई। जोर से आवाज आई और अफरा-तफरी मच गई। हादसा दसंगा गांव के करीब हुआ है। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी। ग्रामीणों के साथ मिलकर पुलिस जवान घायलों की मदद करने में लगे हुए हैं। स्थानीय लोग ट्रैक्टर ट्रालियों की मदद से घायलों को अस्पताल पहुंचाते दिखे।

सीएम शिवराज सिंह ने किया मुआवजे का ऐलान

मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने हादसे में जान गंवाने वालों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की है।शिवराज सिंह चौहान ने हादसे पर दुख जताते हुए हादसे में मृतकों के परिजनों और घायलों के लिए आर्थिक सहायता घोषित की है। राज्य सरकार ने खरगोन में हुई बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारजनों को चार लाख रुपये की सहायता राशि, गंभीर घायलों को 50 हजार रुपये, कम एवं साधारण घायलों को 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। साथ ही दुर्घटना में घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी।

ये हादसा कैसे हुआ, इसके कारणों को लेकर अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिली है। पर ऐसा कहा जा रहा है कि बस में शायद यात्री तय सीमा से ज्यादा सवार थे। ड्राइवर से बस कैसे अनियंत्रित हुई।अनुमान लगाया जा रहा है कि बस में 70-80 लोग सवार थे।

टेरर फंडिंग मामले में एनआईए का एक्शन, जम्मू कश्मीर में अलग-अलग लोकेशन पर छापा

#nia_raids_several_places_in_jammu_and_kashmir 

टेरर फंडिंग को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) एक्शन में है। जम्मू-कश्मीर में जांच एजेंसी कई जगहों पर छापेमारी कर रही है। श्रीनगर, अनंतनाग, कुपवाड़ा, शोपियां, राजौरी और पुंछ में एनआईए की टीम छापेमारी के लिए पहुंची है।

बता दें कि इससे पहले 2 मई को भी जम्मू-कश्मीर के छह जिलों में 12 लोकेशन पर छापेमारी की गई थी।2 मई को जांच एजेंसी ने जम्मू कश्मीर के पीर पंजाल क्षेत्र, मध्य और दक्षिण कश्मीर में विभिन्न स्थानों पर तलाशी ली थी। जानकारी दी गई थी कि छापेमारी आतंकवादी और विध्वंसक गतिविधियों को अंजाम देने के लिए आपराधिक साजिश का पता लगाने के लिए टेरर नेटवर्क और अन्य मामलों पर एक बड़ी कार्रवाई का हिस्सा हैं।

तमिलनाडु में भी सर्च ऑपरेशन जारी

जम्मू कश्मीर के अलावा तमिलनाडु में भी एनआईए 10 से ज्यादा लोकेशन पर सर्च ऑपरेशन कर रह है। खबर है कि जांच एजेंसी पीएफआई से जुड़े कुछ लोगों और लीडरों के ठिकानों पर रेड मार रही है। ये रेड इस मामले में पहले से दर्ज एफआईआर की जांच के दौरान की जा रही है।

एमपी के बाद यूपी में भी ‘द केरल स्टोरी’ टैक्स फ्री, इन राज्यों में लगाया जा चुका है प्रतिबंध

#the_kerala_story_tax_free_in_up 

फिल्म 'द केरला स्टोरी' बीते कई दिनों से विवादों में बनी हुई है। वहीं दूसरी तरफ 'द केरल स्टोरी' फिल्म को दर्शकों का काफी प्यार मिल रहा है। मूवी को लेकर देशभर में जमकर विवाद जारी है, बावजूद इसके फिल्म की बॉक्स ऑफिस पर अच्छी कमाई जारी है।वहीं, पश्चिम बंगाल में सीएम ममता बनर्जी ने इसे बैन कर दिया है। इस फिल्म को लेकर लगातार राजनीति बढ़ती जा रही है। इस बीच मध्य प्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में भी फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ टैक्स फ्री की जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी ट्वीट किया है कि द केरला स्टोरी को राज्य में टैक्स फ्री किया जाएगा।

ट्रेलर लॉन्च होने के बाद से ही यह फिल्म विवादों में है। हालांकि, तमाम विवादों के बीच कई राज्यों ने इसे टैक्स फ्री कर दिया है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को द केरला स्टोरी फिल्म को राज्य में टैक्स फ्री करने का एलान किया था।अब उत्तर प्रेदश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ट्विट कर राज्य में फिल्म को टैक्स फ्री करने का ऐलान किया है। 

ममता सरकार ने बंगाल में किया बैन

भले ही कई राज्यों में फिल्म को टैक्स फ्री किया जा रहा है, या ऐसा करने की मांग हो रही है, लेकिन कुछ राज्य ऐसे भी हैं, जहां इस फिल्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, कई राज्यों में द केरल स्टोरी पर बैन लगाने की मांग हो रही है। इससे पहले सोमवार को पश्चिम बंगाल में ममता सरकार ने इस फिल्म को सिनेमाघरों से बैन कर दिया। यहां ये फिल्म नहीं दिखाई जाएगी। इस फिल्म को बैन करने को लेकर ममता बनर्जी ने कहा है राज्य में शांति बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। वह चाहती हैं कि इस फिल्म को लेकर राज्य में कोई हिंसा या नफरत न फैले।

तमिलनाडु में भी रोकी गई स्क्रीनिंग

द केरल स्टोरी फिल्म पर तमिलनाडु सरकार भी सख्त कदम उठा चुकी है। तमिलनाडु सरकार ने भी फिल्म पर बैन लगाया था। इससे पहले तमिलनाडु में मल्टीप्लेक्स संगठनों ने भी रविवार (7 मई) से फिल्म की स्क्रीनिंग रोकने का एलान किया था। उनका कहना था कि इस फिल्म की वजह से राज्य की सुरक्षा व्यवस्था खतरे में पड़ सकती है। बता दें कि तमिलनाडु में द केरल स्टोरी फिल्म को खास रिस्पॉन्स नहीं मिला है। 

केरल की राजनीतिक पार्टियां लगातार इस फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही हैं। उनका कहना है कि फिल्म में एक समुदाय विशेष के खिलाफ आपत्तिजनक चीजें दिखाई गई हैं। 

क्या है फिल्म को टैक्स फ्री किए जाने का मतलब?

जब किसी फिल्म को किसी राज्य में टैक्स फ्री किया जाता है तो इसका मतलब होता है कि संबंधित राज्य की सरकार उस फिल्म के टिकट की बिक्री पर अपने हिस्से का जीएसटी नहीं वसूलेगी।

अशोक गहलोत का एक तीर से कई शिकार, सचिन पायलट की बगावत की याद दिलाते हुए बीजेपी के इन नेताओं को भी लपेटा

#ashokgehlotbjpvasundhararajesachinpilot

राजस्थान विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे सियासत तेज होती जा रही है।इस बीच गहलोत ने एक बार फिर 2020 की घटना की याद दिलाते हुए सियासी पारा चढ़ा दिया है।गहललोत ने कहा है कि पिछले साल जब पार्टी के विधायकों की बगावत की वजह से सरकार गिरने के कगार पर थी, तो मुझे उस समय बीजेपी नेता और राज्य की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत उनकी पार्टी के तीन नेताओं का साथ मिला था।खुलेआम वसुंधरा को अपनी सरकार का संकटमोचक बताते हुए गहलोत ने कहा कि राजे ने उनकी सरकार बचाई थी। इससे राजस्थान की राजनीति में बवाल हो गया है।

गहलोत का बड़ा आरोप

रविवार को गहलोत ने धौलपुर में कहा कि 2020 में सचिन पायलट के विद्रोह के समय उनकी सरकार को वसुंधरा राजे, कैलाश मेघवाल और शोभारानी कुशवाहा ने बचाया था। गहलोत ने आगे कहा कि जब भैरो सिंह शेखावत की सरकार थी और मैं कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष था तब शेखावत की सरकार गिराने के लिए बीजेपी वाले मेरे पास आए थे, लेकिन मैंने मना कर दिया था। गहलोत ने अमित शाह, धर्मेंद्र प्रधान और गजेंद्र सिंह शेखावत पर उनकी सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया। साथ ही दावा किया कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, बीजेपी नेता कैलाश मेघवाल और शोभारानी कुशवाहा ने संकट के दौरान सरकार को बचाने में उनकी मदद की थी।

क्या बीजेपी में दरार पैदा करने की कोशिश?

धौलपुर की एक जनसभा में सीएम गहलोत ने कहा कि जिन विधायकों ने 2020 के राजनीतिक संकट के दौरान अमित शाह से पैसा लिया था। उनको वो पैसा लौटा देना चाहिए। उन्होंने कहा कि तीन साल पहले कांग्रेस विधायकों को जो पैसे बांटे गए थे, अब उस पैसे को बीजेपी वापस नहीं ले रही है। मुझे चिंता है कि पैसे क्यों वापस नहीं ले रहे जबकि मैं कह रहा हूं कि जो पैसे विधायकों से खर्च हो गए है, उस पार्ट को मैं दे दूंगा, कांग्रेस पार्टी से दिला दूंगा। खास बात ये है कि अशोक गहलोत का यह बयान सचिन पायलट गुट पर हमले के साथ-साथ बीजेपी में दरार पैदा करने की कोशिश वाला बयान माना जा रहा है।

क्या हुआ था 2020 में

बता दें कि 2020 में कांग्रेस के विधायकों ने सचिन पायलट की अगुवाई में गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत की थी।स्थिति कुछ ऐसी बन गई थी कि लग रहा था सीएम गहलोत की सरकार किस भी वक्त गिर सकती है। हालांकि, बाद में दिल्ली से आए कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के बाद राज्य में चल रहे राजनीतिक गतिरोध को दूर कर लिया गया था।