एंब्रियो ट्रांसफर तकनीक में बेगूसराय बना बिहार का पहला जिला:एंब्रियो ट्रांसफर और आईवीएफ तकनीक से गायें देती हैं उन्नत नस्ल की बछिया
एंब्रियो ट्रांसफर एवं आईवीएफ तकनीक से गाय के नस्ल में सुधार करने वाला बेगूसराय बिहार का पहला जिला बन गया है। जिसका परिणाम है कि 2020 से अब तक बरौनी डेयरी ने 14 हजार गाय का कृत्रिम गर्भाधान कराया गया है, जिससे तीन हजार उन्नत किस्म की बछिया पैदा ले चुकी है।
जबकि 5 हजार गाय गर्भवती हैं। मिली जानकारी के अनुसार एंब्रियो ट्रांसफर व आईवीएफ तकनीक के प्रथम फेज में 57 फीसदी प्रयोग सफल हुआ। हालांकि इस दौरान लगभग 6 हजार गायों में कृत्रिम गर्भाधान सफल नहीं हो सका। बताया जाता है कि केंद्र सरकार ने किसानों को 1250 रुपए में उन्नत किस्म की कृत्रिम सीमन उपलब्ध कराई है। जिसे बरौनी डेयरी के माध्यम से मात्र 270 रुपए में ही किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है। बरौनी डेयरी के एमडी सुनील मिश्रा की माने तो बेगूसराय में 729 रेवेन्यू गांवों में तीन लाख सात हजार गाय एवं एक लाख 9 हजार भैंस यहां के पशुपालकों के पास है। गेहूं एवं मक्के की खेती से ज्यादा दूध का उत्पादन कर
बेगूसराय के किसान आर्थिक रूप से सबल हो रहे हैं। यही वजह है कि बेगूसराय में दस बड़ी डेयरी फल फूल रही है। एक तरफ जहां पहली डेयरी की स्थापना बेगूसराय जिले के बरौनी में 1959 में हुआ था। वही अब दुधारू जानवरों के नस्ल में सुधार और सिर्फ बछिया ही पैदा हो, इस क्षेत्र में भी बेगूसराय बिहार का इकलौता प्रयोगधर्मी जिला बन गया है। इसको लेकर गुजरात, मुंबई एवं दिल्ली के वैज्ञानिक बेगूसराय के किसानों एवं प्रगतिशील पशुपालकों की गाय के नस्ल में सुधार करने एवं सिर्फ बछिया ही पैदा हो इसको लेकर काम कर रहे है।
50 गायों में अप्रैल माह में हुई एंब्रियो ट्रांसफर की प्रक्रिया
अप्रैल माह में 50 गाय में एंब्रियो ट्रांसफर को लेकर प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। गायों के नस्ल में सुधार और दूध उत्पादन को दो गुणा से लेकर तीन गुणा करने, पशुचारा के लिए एक एकड़ में पांच टन साइलेज तैयार करने एवं रसायन खाद एवं कीटनाशक का प्रयोग समाप्त करने को लेकर लगातार वैज्ञानिकों की टीम के साथ गिरिराज सिंह खुद भी गांव-गांव जा रहे हैं। इस संबंध में गिरिराज सिंह बताते हैं कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है।
उनका लक्ष्य है बेगूसराय में पचास लीटर दूध देने वाली गाय हो और उसकी उम्र इतनी हो कि दस से पंद्रह बाछी को जन्म दे सके। इसके लिए उसे सालोभर हरा चारा मिलना चाहिए। वह भी पौष्टिकता के साथ मिले, इसके लिए साइलेज निर्माण का कार्य कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि बरौनी डेयरी एवं विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने साइलेज निर्माण का काम शुरू किया है। अब एक लैब का निर्माण बेगूसराय में कराना है, जिससे की नस्ल सुधार की गति में तेजी लाया जा सके और बार-बार वैज्ञानिकों को बाहर से बुलाने की जरूरत नहीं पड़े।
केवल बछिया ही पैदा लेने की तकनीक से आठ गाय जन्म दे चुकी है बछिया
स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पहल पर 2022 में प्रारंभ एंब्रियो ट्रांसफर के माध्यम से 8 गायों ने सिर्फ बछिया को जन्म दिया है। इसकी पुष्टि बिहार सरकार के स्तर पर भी किया गया है।
बिहार विधान परिषद में स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के एमएलसी सर्वेश कुमार ने जब प्रश्न पूछा की एंब्रियो ट्रांसफर के माध्यम से बिहार में कितनी बछिया पैदा ली है, तो पशुपालन मंत्री ने बताया कि बिहार में एंब्रियो ट्रांसफर के माध्यम से सिर्फ 8 गाय ने बछिया को जन्म ली है, जो सभी बेगूसराय के प्रगतिशील किसानों के यहां है।
जिले के प्रति व्यक्ति के हिस्से में है 425 ग्राम दूध
देश में दूध उत्पादन का 5.6 फीसदी उत्पादन पूरे बिहार में होता है। वहीं बिहार में दूध उत्पादन का 8.5 फीसदी बेगूसराय दूध उत्पादन करता है। इतना ही नहीं देश में जहां प्रति व्यक्ति 440 ग्राम दूध प्रतिदिन उपलब्ध है। वहीं बिहार में मात्र 270 ग्राम प्रतिव्यक्ति है, जबकि बेगूसराय में यह आंकड़ा 425 ग्राम प्रति व्यक्ति का है। दूध उत्पादन के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश 14.93, मध्य प्रदेश 8.06, गुजरात 7.56 एवं आंध्र प्रदेश 6.97 फीसदी है।
दूध उत्पादन में बेगूसराय को नंबर दो से वन बनाने की कवायद
दूध उत्पादन में बिहार में नंबर वन का खिताब समस्तीपुर जिला के पास है, जिसे पछाड़कर आगे निकलने की कवायद तेज हो गई। इस स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की वजह से बिहार का पहला पशु नस्ल में सुधार का प्रयोग स्थली बेगूसराय बन गया है। बेगूसराय में तीन लाख गाय एवं एक लाख भैंस यहां के पशुपालकों के पास है, जो औसतन दस से पंद्रह लीटर दूध देती है
ऐसे में उत्तम नस्ल की बछिया पैदा हो, जो 25-50 लीटर दूध दे, इसके लिए जहां बरौनी डेयरी अपने स्तर से प्रयास कर रही है। वहीं यहां के प्रगतिशील किसानों ने भी अपने स्तर से प्रयास शुरू है, जिसे यहां के स्थानीय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह गति देने का काम कर रहे हैं। पशु नस्ल में सुधार एवं दूध उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ सालभर हरा चारा मिले, साईलेज निर्माण के क्षेत्र में भी बेगूसराय इकलौता जिला बन गया है।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
May 08 2023, 19:22