”मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है” जाने मुक्केबाज मैरी कॉम ने क्यों किया ऐसा ट्वीट?
#manipur_violence_8_districts_internet_service_closed_for_5_days
मणिपुर आक्रोश की आग में जल रहा है।हाईकोर्ट के एक फैसले के बाद राज्य में तनाव बढ़ गया है। अनुसूचित जनजाति के दर्जे पर अदालती आदेश को लेकर आदिवासी समूह विरोध पर उतर आए हैं, जिसके बाद राज्य में हिंसा फैसल गई है। मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने की मांग के खिलाफ जनजातीय समूहों द्वारा बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके चलते 8 जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया है और पूरे राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं को ठप कर दिया गया है।
मैरीकॉम की अपील
महिला मुक्केबाज चैंपियन मैरीकॉम ने मणिपुर हिंसा के बीच पीएम से अपील की है। इसको लेकर मैरीकॉम ने ट्वीट किया है। जिसमे लिखा है मेरा राज्य मणिपुर जल रहा है। कृपया इसे बचाने के लिए मदद कीजिए। मैरीकॉम ने अपने इस ट्वीट में पीएम मोदी से लेकर गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी टैग किया है।
राज्य में पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद
मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन द्वारा आहूत ‘आदिवासी एकता मार्च' में हिंसा भड़क गई थी। 'ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ मणिपुर' (एटीएसयूएम) ने कहा कि मैतेई समुदाय को एसटी श्रेणी में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है।मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन की तरफ से बुलाए गए आदिवासी एकता मार्च में हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान चुराचांदपुर में तनाव के बीच भीड़ ने घरों में तोड़फोड़ की। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रैली में हजारों आंदलोनकारियों ने हिस्सा लिया था और इस दौरान तोरबंग इलाके में आदिवासियों और गैर आदिवासियों के बीच हिंसा शुरू हो गई। इस बीच हिंसा को भड़कने से रोकने के लिए सरकार ने राज्य में पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं। चंद्रचूड़पुर जिले में कर्फ्यू लगा दिया गया है।
मणिपुर में हिंसा को नियंत्रित करने के फ्लैग मार्च
मणिपुर हिंसा के बीच धरने को नियंत्रण में रखने के लिए फ्लैग मार्च किया जा रहा है। राज्य के चुराचांदपुर, इंफाल, केपीआई के इलाकों में हिंसा भड़क उठी थी। जिसके बाद 3 और 4 मई की रात सेना और असम राइफल्स की मांग की गई थी। राज्य पुलिस के साथ सेना/असम राइफल्स की संयुक्त टीम ने रात में स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कमर कसी। जिसके बाद सुबह तक हिंसा पर काबू पा लिया गया। इस दौरान कई स्थानों पर करीब 4000 ग्रामीणों को राज्य सरकार के परिसरों में आश्रय दिया गया है। ग्रामीणों को हिंसा वाले स्थानों से दूर सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का काम प्रगति पर है।
बता दें कि बीती 19 अप्रैल को मणिपुर हाईकोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि सरकार को मैती समुदाय को जनजातीय वर्ग में शामिल करने पर विचार करना चाहिए और हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को इसके लिए चार हफ्ते का समय दिया है। फैसले के विरोध में मणिपुर के बिशनुपुर और चंद्रचूड़पुर जिलों में हिंसा हुई है।
May 04 2023, 11:22