*पुलिस एनकाउंटर में मारा गया कुख्यात 22 वर्षीय बटोहिया कैसे बना 50 हजार का इनामी, जानिए पूरा डिटेल*
बेगूसराय : जिले के अकाशपुर में बीते गुरुवार को एसटीएफ ने विवेक कुमार उर्फ बटोहिया (24) को एनकाउंटर में मार गिराया था। बटोहिया पर 50 हजार रुपए का इनाम भी था। महज 17 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में उसने कदम रखा था। बटोहिया ने 9वीं तक की पढ़ाई की थी और स्कूल से ही वह कुख्यात बनना चाहता था। उसकी चार बहनें हैं और वो चौथे नंबर पर घर का इकलौता चिराग था। वो घटना से महज 3 दिन पहले ही गांव आया था।
बटोहिया ने 4 साल पूर्व मंझौल की लड़की के साथ लव मैरिज किया था। उसका 4 माह का बेटा है। पिता रामप्रकाश सिंह चाहते थे कि बटोहिया पढ़ लिखकर अच्छा आदमी बने। इसके लिए उसका दाखिला शहर के एक नामचीन प्राइवेट स्कूल में कराया। पर बटोहिया ने यहां 9वीं कक्षा तक की पढ़ाई की।
बटोहिया को जानने वाले लोगों का कहना है कि पढ़ाई के दौरान ही उसकी दोस्ती रामदीरी गांव के कुख्यात बदमाश गुलशन कुमार से हुई। गुलशन कुमार ने साल 2017 में रामदीरी गांव के बाहुबली और लोकप्रिय मुखिया मुन्ना सिंह की हत्या कर जिले में सनसनी फैला दी। मुन्ना सिंह की हत्या के बाद रामदीरी गांव में एक किसान की हत्या हुई। मटिहानी पुलिस ने उक्त हत्याकांड में अप्राथमिकी अभियुक्त बनाते हुए बटोहिया को जेल भेज दिया।
बटोहिया, गुलशन कुमार के साथ मिल कर 24 सितम्बर को कोर्ट परिसर में मुन्ना सिंह हत्याकांड के गवाह की हत्या करने पहुंचा। जहां पुलिस ने बटोहिया को उसके 3 साथी को हथियार के साथ दबोचा। जेल से कुछ माह के अंदर ही उसे जमानत मिल गई। इसके बाद छह साल के समय अंतराल में एक के बाद करीब एक दर्जन आपराधिक वारदात को अंजाम दिया। इसमें कई सुपारी किलिंग और अन्य आपराधिक घटनाएं शामिल हैं।
व्हाइट और ब्लैक कलर था फेवरेट
नाम ना छापने की शर्त पर बटोहिया को जानने वाले एक युवक ने बताया कि उसे व्हाइट और ब्लैक कलर से काफी लगाव था। बटोहिया सफेद और काला कपड़ा ज्यादा पहनता था। बटोही का नाम 2022 में नया गांव थाना क्षेत्र के सोनापुर में भाजपा नेता सह रिटायर आर्मी जवान विजय सिंह की हत्या में आया था। वह अपने बेटे कुणाल मर्डर केस में गवाही देने वाले थे। कुणाल के मर्डर में भी बटोही का नाम शामिल था।
बटोहिया के चचेरे चाचा सुरेश सिंह ने बताया कि बटोहिया का नानीगांव सोनापुर है। वो अपराध की दुनिया में अपने मामा की वजह से आया। उसके मामा सोनापुर निवासी रंजीत कुमार एक मर्डर केस के आरोप में जेल में बंद है। भाजपा नेता विजय सिंह और उसके मामा रंजीत कुमार में पुरानी अदावत थी। इसी बीच विजय सिंह की हत्या हो गई और उस केस में बटोहिया का भी नाम सामने आया। इसके बाद वह लगातार पुलिस की नजरों से फरार चल रहा था।
कैसे हुआ एनकाउंटर
27 अप्रैल को पैर में गोली लगने के बाद भी बटोहिया ने भागने की आखिरी कोशिश की। इसके लिए उसने एसटीएफ जवानों पर कार्बाइन से बर्स्ट फायर किया। कार्बाइन से फायर होते देख कर एसटीएफ के जवान पास के ही दीवार की ओट में छिप गए। इसके बाद बटोहिया सीढ़ियों से उतर कर भागने लगा। लेकिन सीढ़ियों से उतरने के दौरान ही उसने देखा कि दीवार के पास ही जवान छिपे हैं। तब पास ही चंद कदम पर स्थित बाथरूम में खुद को बंद कर सुरक्षित करने का प्रयास किया। दौड़ कर वह बाथरूम तक पहुंच गया और दरवाजा बंद करने का प्रयास कर रहा था। तभी एसटीएफ के जवानों ने उस पर एके 47 और पिस्टल से फायर कर दिया।
बटोहिया को पकड़ने के लिए 3 दिन से एसटीएफ की टीम गांव में डेरा डाले हुई थी। ग्रामीणों ने बताया कि हाफ पैट पहने और किसान की वेश-भूषा में 6-7 जवान गांव में घुम रहे थे। वहीं, दो दर्जन से अधिक जवान बटोही के घर से दूर चारों ओर फैले हुए थे। अधिकृत जवान सादे लिबास में थे। जब एसटीएफ के जवान बटोही के घर पर पहुंची तो बटोही की नजर एसटीएफ के जवान पर पड़ी। वह भांप गया गया कि पुलिस उसे पकड़ने पहुंची है। इसके बाद वो भागने लगा और एनकाउंटर में मारा गया।
बेगूसराय से नोमानुल हक की रिपोर्ट
Apr 29 2023, 20:16