जिस तरह अतीक-अशरफ को मारा, तीनों शूटर्स को उसी तरह मारना चाहते हैं अतीक अहमद के गुर्गे, STF को मिले इनपुट्स

अतीक अहमद और अशरफ की मौत के बाद एसआईटी जांच में जुटी हुई है। अतीक और अशरफ की 15 अप्रैल को तीन शूटरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। जिन्हें पकड़कर जेल में बंद कर रखा है। इसी बीच एसटीएफ को इनपुट्स मिले हैं कि अतीक के कुछ करीबी जो इस वक्त नैनी जेल में हैं। उन्होंने गुर्गों को निर्देश दिया है किसी भी तरह तीनों शूटर्स को टारगेट किया जाए। पुलिस की मौजूदगी में तीनों शूटर्स पर हमला किया जाए। इसलिए शूटर्स को पुलिस लाइन से कही नहीं लेकर जाया जा रहा है। यहीं पूछताछ हो रही है। एसटीएफ को इनपुट्स मिले हैं कि जिस तरह अतीक़-अशरफ को पुलिस की मौजूदगी में मारा गया, वैसे ही तीनो शूटर्स को टारगेट किया जा सकता है। ताकि अतीक और अशरफ की मौत का बदला लेकर यह संदेश दिया जा सके कि अतीक के गुर्गे जिंदा हैं।

गौरतलब है कि अतीक अहमद और अशरफ की मौत के बाद से ही पुलिस उनसे जुड़े लोगों और करीबियों से जुड़ी जांच में जुटी हुई है। पुलिस सूत्रों के हवाले से खबर है कि अतीक अहमद से जुड़े लोगों या करीबियों के फोन अचानक बंद हो गए हैं। पुलिस ने इन्वेस्टिगेशन के लिए करीब 1 हजार से ज्यादा नंबर सर्विलेंस पर लिए गए थे। इनमें से कई नंबर शूटरों के थे, कई जान पहचान के लोगों के थे। सभी फ़ोन स्विच ऑफ है या ‘नॉट रिचेबल‘ आ रहे हैं। पुलिस केवल अतीक के करीबियों के नंबर सर्विलेंस पर नहीं लगाए थे, बल्कि कई दूसरे गैंग के शूटरों के भी नंबर सर्विलेंस पर थे। ये सभी नंबर अतीक और अशरफ की हत्या के बाद बंद हो गए। पुलिस नंबर सर्विलेंस पर लगाकर सुराग इकट्ठा कर रही थी। अब इनके दूसरे संपर्कों के जरिए पुलिस नई स्ट्रेटेजी पर काम कर रही है।

बता दें कि अतीक और अशरफ अहमद की अस्पताल में मेडिकल चेकअप के लिए ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद गोलीबारी करने वाले तीन आरोपियों ने तुरंत सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने इन तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। इन आरोपियों से पूछताछ की गई। इसी बीच अतीक और अशरफ की मौत का सीन भी गुरुवार को रीक्रिएट किया गया।

यूपी के अमेठी में नगर निकाय के चुनावी गहमा गहमी के बीच कांग्रेस भी खोल रही अपना पत्ता, अरुण मिश्रा को टिकट देकर खेला ब्राह्मण कार्ड

अमेठी में नगर निकाय चुनाव की गहमा गहमी के बीच अब कांग्रेस ने भी अपने पत्ते खेलने शुरू कर दिए हैं। आज लम्बे इंतजार के बाद कांग्रेस ने गौरीगंज नगर पालिका से अपना पहला प्रत्याशी उतार कर विपक्षी पार्टियों के बीच में चर्चा शुरू करवा दी है। कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय कमेटी द्वारा गौरीगंज नगर पालिका से अरुण मिश्रा को टिकट देकर ब्राह्मण कार्ड खेलने का प्रयास किया है। कांग्रेस द्वारा अरुण मिश्रा को टिकट दिये जाने के बाद मुकाबला त्रिकोणीय देखा जा रहा है। लेकिन भाजपा ने अभी तक इस नगर पालिका पर प्रत्याशी नहीं उतारे हैं।

कांग्रेस पार्टी द्वारा गौरीगंज नगर पालिका से प्रत्याशी उतारने के बाद इस सीट पर दिलचस्प मुकाबला हो गया है। इस सीट से सामाजवादी पार्टी सामान्य सीट होंने के बाद भी तारा देवी सरोज को प्रत्याशी घोषित कर दलित कार्ड खेलने का भरसक प्रयास कर रही है।

लेकिन भाजपा द्वारा प्रत्याशी का नाम समाने ना आने पर अभी तक चुनावी समीकरण बनाता नही नजर आ रहा है। इस सीट पर राकेश प्रताप सिंह द्वारा सामान्य सीट पर अपने परिवार के लोगो को चुनाव ना लड़ाना कुछ अलग ही इशारा कर रहा है।

कांग्रेस के ब्राह्मण कार्ड से विपक्ष में खलबली

कांग्रेस पार्टी द्वारा गौरीगंज नगर पालिका चुनाव ब्राह्मण प्रत्याशी घोषित होने के बाद विपक्षियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। क्योंकि गौरीगंज ब्राह्मण बाहुल्य क्षेत्र है और ब्राह्मणों द्वारा ही जीत हार की भूमिका तय होती है। ये बात अलग है कि कांग्रेस प्रत्याशी अरुण मिश्रा कितना ब्राह्मण वाद के जरिये चुंनाव को भुना पायेगे। लेकिन जब तक भाजपा अपना प्रत्याशी मैदान में नहीं खड़ा करती है तब तक कुछ कहना आसान नहीं होगा।

चुनावी पंडित हो रहे हैं फेल

चुनावी जानकार हैरान है कि सामान्य सीट पर अपने परिवार से मैदान में ना उतारना कुछ अलग ही संकेत दे रहे हैं। लोग ये भी कयास लगा रहे हैं कि गौरीगंज से सामाजवादी पार्टी के मौजूदा विधायक राकेश प्रताप सिंह बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते हैं और अपने घर से ही प्रत्याशी घोषित करवाते हैंं। लेकिन इस चुनाव में मामूली दखल आनंदजी ही दिख रही है तारा सरोज के समर्थन में दिख रहे हैंं। लोग कयास लगा रहे हैं कि किसी दबाव के कारण इस बार अपने घर से प्रत्याशी नहीं लड़ा रहे हैं। अगर इस चुनाव में राकेश प्रताप सिंह के परिवार से दावेदारी की जाती तो चुनाव में रोचक मुकाबला देखने को मिलता।

चुनाव में ये समस्याएं बनेंगी मुदद्दा

नगर पालिका गौरीगंज में साफ सफाई के साथ रेहड़ी पटरी दुकानदारों की दुकान लगाने की सामास्या और सब्जी मंडी के लिये आरक्षित जगह मुद्दा बनेगा। इसके साथ युवाओं के लिये खेल मैदान स्टेडियम की कोई ब्यास्था गौरीगंज नगर पालिका में नही है। गौरीगंज शहर में लोगों के निःशुल्क शौचालय के साथ पानी की भी सामस्या बनेगी। जो प्रत्याशी इन मुद्दों पर बात करेगा इन समस्याओं पर सामाधान का रास्ता बनायेगा उसके लिये ये चुनाव आसान हो सकता है।

पीएम मोदी की केरल यात्रा का शुरू हुआ विरोध, कांग्रेस करेगी विशाल सम्मेलन का आयोजन, यहां पढ़िए, क्या है विरोध के कारण

केरल में भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने गुरुवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल से शुरू होने वाली केरल की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान अन्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के अलावा बिशप से भी मुलाकात करेंगे। यह घोषणा कई मीडिया रिपोर्ट्स से आई है, जिसमें कहा गया है कि केरल बीजेपी चचरें के साथ निकट आने की कोशिश कर रही है। सुरेंद्रन ने कहा, प्रधानमंत्री कार्यालय कार्यक्रम पर काम कर रहा है, इसलिए विवरण जल्द ही जारी किया जाएगा। एक बार चीजें तय हो जाने के बाद, मैं इसके बारे में अपडेट दूंगा। वास्तव में, केंद्रीय मंत्रियों सहित शीर्ष केंद्रीय भाजपा नेता पहले ही केरल पहुंच चुके हैं और चर्च प्रमुखों के साथ बातचीत कर चुके हैं। ईस्टर रविवार (9 अप्रैल) को, जब मंत्रियों और नेताओं ने पुजारियों और समाज के लोगों को बुलाया तो गतिविधि की सुगबुगाहट थी।

 सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ वाम मोर्चा और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ दोनों ने इन घटनाक्रमों को अगले साल के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए की गई गतिविधियों के रूप में करार दिया। उन्होंने ईसाई समुदाय को भाजपा की इन चालों के बहकावे में नहीं आने की चेतावनी भी दी। इस पर सुरेंद्रन ने कहा, ईसाई समुदाय ने इस समय चल रहे सभी झूठे प्रचारों को खारिज कर दिया है। इस बीच, आईएनसी की केरल इकाई के अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि कांग्रेस पार्टी आने वाले हफ्तों में, संघ परिवार के समूहों द्वारा देश भर के चचरें पर किए गए हमलों की एक सूची लाएगी और इस पर एक अभियान का नेतृत्व करेगी।

अमिताभ के ट्विटर अकाउंट से हटा ब्लू टिक, बोले- अब तो पैसा भी भर दिये हैं, हाथ तो जोड़ लिये रहे, अब का, गोड़वा जोड़े पड़ी का

#amitabh_bachchan_twitter_blue_tick_appeal_to_elon_musk

माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर ने शुक्रवार को बड़ा कदम उठाते हुए अनपेड अकाउंट वाले कई दिग्गजों के अकाउंटस से ब्लू टिक हटा लिए।ट्विटर के इस एक्शन के बाद कई बड़े अरबपति बिजनेसमैन, दिग्गज खिलाड़ियों से लेकर कई बड़े राजनेताओं के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हटा दिए गए हैं। बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन से भी ट्विटर ने ब्लू टिक छीन लिया है।जिसके बाद अमिताभ बच्चन ने फिल्मी अंदाज में एक ट्वीट कर अपने ट्विटर ब्लू टिक के लिए एलन मस्क से अपील की है।

बता दें कि अमिताभ बच्चन टेविटर पर काफी सक्रिय रहते हैं। ऐसे में अपने वेरिफाइड अकाउंट से ब्लू टिक गायब होने पर बिग बी ने परेशानी जाहिर की है, लेकिन थोड़े अलग अंदाज में।उन्होंने एक ट्वीट किया है, जिसमें बताया कि वे ट्विटर को पैसे दे चुके हैं।

अमिताभ बच्चन ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है, “ T 4623 ए ट्विटर भैया ! सुन रहे हैं ? अब तो पैसे भी भर दिए हैं हम... तो उ जो नील कमल होत है ना, हमार नाम के आगे, उ तो वापस लाई भैया, ताकि लोग जान जायें की हम ही हैं। हाथ तो जोड़ रहे हैं हम। अब का, गोड़वा जोड़े पड़े का ??

अमिताभ का ये ट्वीट तेजी से वायरल हो रहा है। इसपर यूजर्स लगातार अपना रिएक्शन दे रहे हैं।एक ने लिखा, “ ऐसा है.... अब आपको भी लाइन में लगना पड़ेगा और इंतजार करना पड़ेगा। पहले आप जहां खड़े होते थे, लाइन वही से शुरू होती थी।

वहीं, शख्स ने बिग बी की तारीफ करते हुए लिखा- क्या अद्भुत लिखा है अमित अब सुन भी लो। यूजर ने अपना ब्लू टिक फ्लॉन्ट करते हुए बिग बी को चिढ़ाया और लिखा - बच्चन जी हमार तो नहीं गया? तोहर साथ ही साजिश।

बता दें कि ब्लू टिक के गायब होने से अमिताभ के साथ साथ बाकी सेलेब्स का भी यही हाल है।ट्विटर की इस नए फीचर्स के लागू होते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राहुल गांधी, सलमान खान, शाहरुख खान सहित कई सेलिब्रेटी के ब्‍लू ट‍िक हट गए हैं। अम‍िताभ बच्‍चन, व‍िराट कोहली, सच‍िन तेंदुलकर का भी ट्व‍िटर से ब्‍लू ट‍िक हट गया है। इसके अलावा यूपी के बसपा सुप्रीमो मायावती, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी सहित कई द‍िग्‍गजों के ट्विटर अकाउंट से ब्लू टिक हट गया। ट्विटर ने भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा, दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली और पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का ब्लू टिक हटा दिया। टिक खोने वालों में महानतम बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल खिलाड़ियों में से एक पुर्तगाल के क्रिस्टियानो रोनाल्डो भी हैं।

पुंछ में सेना के वाहन पर 7 आतंकियों ने किया था हमला, ड्रोन-हेलीकॉप्टर से खंगाला जा रहा चप्पा-चप्पा

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जम्मू कश्मीर के पुंछ में गुरुवार को हुए आतंकी हमले में सेना के 5 जवान शहीद हो गए। आतंकियों की इस कायराना हरकत के बाद सुरक्षा एजेंसियों को बड़ी खबर मिली है। बताया जा रहा है कि, हमले के बाद से इस इलाके में पाकिस्तान के 7 आतंकी अलग-अलग ग्रुप में छिपे हुए हैं। इन्होंने ही इस घटना को अंजाम दिया था।जिसके बाद जगह-जगह नाके लगाकर बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया गया है। जंगलों के आसपास लोगों के घरों में भी सेना पूछताछ कर रही है।

सेना और सुरक्षा एजेंसियों को राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकियों की मौजूदगी के इनपुट भी मिले हैं। रक्षा सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में दो गुटों के सात आतंकवादी शामिल थे। सेना के वाहन पर हमला करने वाले आतंकवादियों ने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर के राजौरी में सक्रिय आतंकियों की मदद से वारदात को अंजाम दिया।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि राजोरी और पुंछ सीमा से सटे भाटादूड़ियां क्षेत्र में सेना व सुरक्षा एजेंसियों को दो समूहों में 6 से 7 आतंकवादियों की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली है। ये आतंकी गुरुवार को घात लगाकर भारतीय सेना के वाहन पर हमला करने में शामिल थे, जिसमें 5 जवान शहीद हो गए। आतंकियों के लश्कर-ए-तैयबा या पाकिस्तान से संबंध होने का संदेह है। क्षेत्र में उनके प्रवेश के मार्ग के बारे में अधिक जानकारी का पता लगाया जा रहा है।

सेना ने पूरे इलाके को सीज करके आतंकियों की तलाश करने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ है। सूत्रों ने कहा कि ड्रोन और निगरानी हेलीकॉप्टरों के साथ कई विशेष बलों की टीमों को इलाके में तलाशी के लिए उतार दिया गया है। सेना, पुलिस और खुफिया एजेंसियों समेत सुरक्षा बल अभियान का समन्वय कर रहे हैं।

इस हमले के बाद अलर्ट मोड पर आई सेना ने बाटा-डोरिया क्षेत्र (जहां पर वारदात हुई) के जंगल में सुरक्षा बलों ने काफी आक्रामक सर्च ऑपरेशन चलाया है। अधिकारियों ने कहा, उन्होंने पूरे इलाके को घेर लिया है और आतंकियो को खोजने के लिए ड्रोन और खोजी कुत्तों का इस्तेमाल कर रहा है। सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक सीमावर्ती राजौरी और पुंछ जिलों में हाई अलर्ट घोषित किया गया है साथ ही नियंत्रण रेखा के पास कड़ी निगरानी रखी जा रही है।

गोधरा कांडः उम्रकैद की सजा काट रहे आठ दोषियों को राहत, सुप्रीम कोर्ट ने दी जमानत

#godhra_riots_supreme_court_grants_bail_to_8_convicts

गुजरात के गोधरा केस में सजायाफ्ता कैदियों को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दे दी है। गोधरा मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा काट रहे कैदियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं। सजा-ए-मौत पाए चार कैदियों को कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है।

सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और जस्टिस पी एस नरसिम्हा की बेंच ने गोधरा मामले में दोषियों की जमानत मामले पर फैसला किया। जमानत पाने वाले 8 दोषी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि बेल की शर्तें पूरी कर बाकी लोगों को जमानत पर रिहा किया जाए।ये सभी दोषी 17 से 20 साल की सजा काट चुके हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट ने चार दोषियों को फिलहाल जमानत देने से इनकार कर दिया। इनको निचली अदालत ने फांसी की सजा दी थी, लेकिन बाद में हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया था। दोषियों के वकील संजय हेगड़े ने ईद के मद्देनजर इनको जमानत पर रिहा करने की अपील की।

बता दें कि, निचली अदालत ने 11 दोषियों को मौत की सजा, जबकि 20 अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। गुजरात हाईकोर्ट ने इस मामले में मौत की सजा को कम करते हुए 31 की दोषसिद्धि को बरकरार रखा था। इनमें से कुछ ने अपनी दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपनी अपीलों के निस्तारण तक जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। शुक्रवार को इन दोषियों की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस की कोर्ट ने कहा कि मौत की सजा पाए चार दोषियों को छोड़कर बाकी को जमानत दी जा सकती है।चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ की ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि जमानत की शर्ते निचली अदालत तय करेगी।

बता दें कि 27 फरवरी 2002 को गुजरात के गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच में आगजनी के चलते 59 लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में ज्यादातर कारसेवक थे जो कि अयोध्या से लौट रहे थे। इसके बाद राज्य में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी।इस घटने के ठीक अगले दिन यानी 28 फरवरी को राज्य में बंद बुलाया गया था। इसी बंद के दौरान अहमदाबाद शहर के नरोडा गाम इलाके में हिंसा हुई थी और घटना में कुल 11 लोगों की जान गई थी। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में तनाव जैसी स्थिति पैदा हो गई थी।

घटना के करीब नौ साल बाद कोर्ट ने 31 लोगों को दोषी ठहराया था। इसके बाद साल 2011 में एसआईटी कोर्ट ने 11 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई जबकि 20 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी। मामला जब हाई कोर्ट में पहुंचा तो अदालत ने फांसी की सजा पाए दोषियों की सजा को भी उम्रकैद में बदल दिया था।

एयर इंडिया के पायलट ने उड़ान के दौरान नियमों को ताक पर रखा, महिला मित्र को कॉकपिट में बिठाया

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एअर इंडिया के एक पायलट ने नियमों को ताक पर रख अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में बैठने की अनुमति दी। इतना ही नहीं अपनी मित्र को बिजनेस क्लास का खाना भी खिलाया। घटना 27 फरवरी को दुबई से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया के फ्लाइट की है। मामले की जानकारी के बाद डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविलि एविएशन (डीजीसीए) केबिन क्रू को पूछताछ के लिए समन भेजा है।

मामला तब सामने आया तब पायलट के खिलाफ डीजीसीए में शिकायत की गई। केबिन क्रू के एक सदस्य की शिकायत के अनुसार, 27 फरवरी को दुबई से दिल्ली के लिए उड़ान भरने वाली एयर इंडिया फ्लाइट के पायलट ने अपनी महिला मित्र को कॉकपिट में एंट्री दी। कहा जा रहा है कि मामले का संज्ञान लेने के बाद डीजीसीए ने केबिन क्रू को पूछताछ के लिए समन भेजा है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, पायलट पर आरोप है कि उसने कॉकपिट को लिविंग रूम जैसा बनाकर रख दिया। वह अपनी महिला मित्र के स्वागत के लिए केबिन क्रू को पहले से निर्देश दे चुका था। पायलट पर ये भी आरोप है कि उसने अपनी मित्र को बिजनेस क्लास में खाना खिलवाया था। क्रू मेंबर की शिकायत के अनुसार, पायलट ने केबिन क्रू से पूछा था कि क्या बिजनेस क्लास में खाली सीटें हैं? क्योंकि उसकी दोस्त इकोनॉमी क्लास में यात्रा कर रही थी। क्रू मेंबर ने उन्हें सूचित किया कि कोई सीट खाली नहीं है, तब पायलट ने कॉकपिट में ही उसे बैठने की अनुमति दे डाली। इसके अलावा उन्होंने वहां स्नैक्स और शराब का भी इंतजाम करने को कहा।

कहा जा रहा है कि एयर इंडिया के पायलट ने क्रू मेंबर्स को खास निर्देश दिए थे। पायलट ने कहा था कि एंट्री होते ही उनकी महिला मित्र का गर्मजोशी से स्वागत होना चाहिए।बताया जा रहा है कि वह करीब तीन घंटे तक कॉकपिट में रही।

भारत के विमानन नियामक ने इस घटना की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। डीजीसीए ने शुक्रवार को कहा कि वह मामले की जांच कर रहा है और तथ्यों की जांच करेगा। डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने का अनुरोध करते हुए एएनआई को बताया कि यह विमानन नियामक डीजीसीए सुरक्षा मानदंडों का उल्लंघन करता है। अधिकारी ने कहा कि पायलट की हरकतें न केवल सुरक्षा का उल्लंघन थीं, बल्कि ऐसी गलती भी थी जो उड़ान और यात्रियों की सुरक्षा में चूक पैदा कर सकती थी। अधिकारी ने कहा कि जांच के परिणाम के आधार पर पायलट को अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, जिसमें उसका लाइसेंस निलंबित करना या रद्द करना शामिल है।

सिविल सेवा दिवस पर पीएम मोदी ने कहा- विकसित भारत के लिए जरूरी है सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे

#pmnarendramodiattendscivilservicesday_programme 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी शुक्रवार को 16वें 'सिविल सेवा दिवस' कार्यक्रम के समापन सत्र और पुरस्कार समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। पीएम मोदी ने विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में सिविल सेवा के 15 अधिकारियों को लोक प्रशासन में सर्वोच्च मानदंड स्थापित करने के लिए ‘प्रधानमंत्री उत्कृष्टता मेडल’ से सम्मानित किया।पीएम मोदी ने इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण को लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए ‘प्रधानमंत्री पुरस्कार 2022’ दिया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि इस साल का ‘सिविल सर्विस डे’ बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है। यह ऐसा समय है जब देश ने अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण किए हैं, ये ऐसा समय है जब देश ने अगले 25 वर्षों के विराट-विशाल लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए तेजी से कदम बढ़ाना शुरू किया है।पीएम ने कहा कि मैं आज भारत के हर सिविल सेवा अधिकारी से यही कहूंगा कि आप बहुत भाग्यशाली हैं। आपको इस कालखंड में देश की सेवा का अवसर मिला है। हमारे पास समय कम है लेकिन सामर्थ्य भरपूर है, हमारे लक्ष्य कठिन हैं लेकिन हौसला कम नहीं है, हमें पहाड़ जैसी ऊंचाई भले ही चढ़नी है लेकिन इरादे आसमान से भी ज्यादा ऊंचे हैं।

देश को आजादी के अमृतकाल तक लाने के लिए उन अधिकरियों की बड़ी भूमिका रही जो 15-25 साल पहले इस सेवा में आए हैं और अब आजादी के इस अमृतकाल में उन युवा अधिकारियों की भूमिका सबसे बड़ी है जो अगले 15-25 साल इस सेवा में रहने वाले हैं।

पिछले 9 वर्षों में भारत के विकास को नई गति मिली है-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा कि आज देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था बहुत बड़े परिवर्तन के दौर से गुजर रही है। 2014 के मुकाबले आज देश में 10 गुना ज्यादा तेजी से रेल लाइनों का विद्युतीकरण हो रहा है।उन्होंने कहा कि पिछले 9 वर्षों में अगर देश के गरीब से गरीब को भी सुशासन का विश्वास मिला है तो इसमें आपकी मेहनत भी रही है। पिछले 9 वर्षों में अगर भारत के विकास को नई गति मिली है तो ये भी आपकी भागीदारी के बिना संभव नहीं था। कोरोना संकट के बावजूद आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।

सरकार का लक्ष्य ‘राष्ट्र-प्रथम’ और ‘नागरिक-प्रथम’-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विकसित भारत सिर्फ आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर या आधुनिक निर्माण तक सीमित नहीं है। विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि भारत का सरकारी सिस्टम हर देशवासी की आकांक्षा को सपोर्ट करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत का हर सरकारी कर्मचारी देशवासियों की सपनों को सच करने में उनकी मदद करे, विकसित भारत के लिए आवश्यक है भारत में सिस्टम के साथ नेगेटिविटी जो पिछले दशकों में जुड़ी थी, वह पॉजिटिविटी में बदले। हमारी योजनाएं कितनी भी बेहतर क्यों ना हों अगर लास्ट माइल डिलीवरी ठीक नहीं होंगी तो अपेक्षित परिणाम नहीं मिलेंगे। आज सरकार समय और संसाधनों का बेहतरीन उपयोग कर रही है। आज सरकार का लक्ष्य ‘राष्ट्र-प्रथम’ और ‘नागरिक-प्रथम’ है। आज सरकार का फोकस वंचितों को सशक्त बनाना है, देश को सशक्त बनाना है।

पीएम ने पंच प्रणों का जिक्र किया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बीते वर्ष 15 अगस्त को मैंने लाल किले से देश के सामने 'पंच प्रणों' का आह्वान किया था। विकसित भारत के निर्माण का विराट लक्ष्य हो, गुलामी की हर सोच से मुक्ति हो, भारत की विरासत पर गर्व की भावना हो, देश की एकता और एकजुटता को निरंतर सशक्त करना हो और अपने कर्तव्यों को सर्वोपरि रखना हो... इन पंच प्राणों की प्रेरणा से जो ऊर्जा निकलेगी, वो हमारे देश को वो ऊंचाई देगी, जिसका वो हमेशा से हकदार रहा है।

थम नहीं रही कोरोना संक्रमण की रफ्तार, 24 घंटे में 11692 केस मिले, 28 की गई जान

#india_records_11683_fresh_covid_19_cases 

देश में कोरोना वायरस फिर तेजी से फैल रहा है। भारत में लगातार दो दिन नए मामलों में बढ़ोतरी देखी गई थी। हालांकि कल की तुलना में 7 फीसदी केस कम सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में 11,683 नए केस आए हैं। 28 लोगों की इस वायरस के चलते मौत हुई है।नए आंकड़े जारी होने के बाद देश में सक्रिय मामलो की संख्या 66 हजार के पार पहुंच गई है। 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि पिछले 24 घंटों में कोविड-19 11,692 नए मामले सामने आए हैं। वहीं, 28 संक्रमित मरीजों की मौत हो गई है, जिसके बाद कुल मौत का आंकड़ा 5,31,258 के पार पहुंच गया है। सबसे ज्यादा कोरोना केरल को प्रभावित कर रहा है। केरल में नौ मौतें हुई हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में सात महीने में सबसे ज्यादा मौतें (40) गुरुवार को हुई थीं। इस समय देश में एक्टिव केस की संख्या बढ़कर 66,170 हो गई है।

इससे पहले, गुरुवार को देश में कुल 12,591 मामले सामने आए थे और 29 लोगों की मौत हुई है, जिसमें 11 पुरानी मौतें जोड़ी गई थीं। इसी तरह बुधवार को बीते 24 घंटों में में देशभर में 10542 नए मामले सामने आए थे। इस दौरान देश में 38 मौतें हुई थीं। इसमें केरल ने 11 मौतों को शामिल किया गया था।

स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, फिलहाल एक्टिव केस कुल संक्रमण का 0.15 फीसदी हैं और कोविड-19 रिकवरी रेट 98.67 फीसदी है। वहीं, वायरस से उबरने वालों की संख्या बढ़कर 4,42,72,256 हो गई, जबकि मृत्यु दर 1.18 फीसदी दर्ज की गई। कोरोना पर काबू पाने के लिए बड़े पैमाने पर वैक्सीनेशन अभियान चलाया गया, जिसके तहत अभी तक देश में कोविड वैक्सीन के 220.66 करोड़ डोज लगाए गए हैं।

*नरोदा गाम दंगा में आरोपियों के बरी होने पर ओवैसी का तंज, कहा-जिसे भी चाहो हराम कह दो-जिसे भी चाहो हलाल कर दो*

#owaisionnarodagammassacre_case 

2002 के नरोदा गाम दंगों के मामले में गुजरात की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के पूर्व नेता बाबू बजरंगी सहित सभी 68 आरोपियों को गुजरात की एक अदालतत ने बरी कर दिया। अदालत के इस फैसले पर सियासी दलों की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। एक तरफ बीजेपी ने इसे सत्य की जीत बताया है। तो वहीं, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन( एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।ओवैसी ने मशहूर शायर राहत इंदौरी की शेर के जरिए मौजूदा गुजरात और केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

ओवैसी का शायराना अंदाज

असदुद्दीन ओवैसी ने ट्वीट कर शायराना अंदाज में लिखा, ''जिधर से गुज़रो धुआं बिच्छा दो, जहां भी पहुंचो धमाल कर द।तुम्हें सियासत ने हक दिया है, हरि जमीन को लाल कर दो। अपील भी तुम, दलील भी तुम, गवाह भी तुम, वकील भी तुम। जिसे भी चाहो हराम कह दो, जिसे भी चाहो हलाल कर दो।''

क्या है मामला

साल 2002 में गुजरात दंगे के दौरान नरोदा गाव में हुए नरसंहार मामले में अदालत ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया है। अहमदाबाद की विशेष अदालत में इस मामले पर सुनवाई चल रही थी।इस मामले के आरोपियों में बीजेपी की पूर्व विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी भी शामिल थे।मामले में कुल 86 आरोपी थे, लेकिन उनमें से 18 लोगों की सुनवाई के दौरान मौत हो चुकी है।गोधरा में ट्रेन आगजनी की घटना में अयोध्या से लौट रहे 58 यात्रियों की मौत के एक दिन बाद 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद शहर के नरोदा गाम इलाके में दंगों के दौरान कम से कम 11 लोग मारे गए थे। साथ ही कई अन्य घायल हो गए थे।