चिकित्सकों को डीएनबी कोर्स कराने के लिए सरकार ने शुरू की कवायद, 9 सदर अस्पतालों समेत इन हॉस्पिटल में होगी डीएनबी पढ़ाई

डेस्क : चिकित्सकों को डीएनबी कोर्स कराने के लिए सरकार ने कवायद शुरू की है। राज्य के नौ सदर अस्पतालों के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य संस्थान कोईलवर और पटना के लोकनायक जयप्रकाश नारायण अस्पताल (एलएनजेपी) में डीएनबी (डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड) की पढ़ाई होगी। मेडिकल कॉलेज से हटकर अन्य 11 स्वास्थ्य संस्थानों में डीएनबी की पढ़ाई पहली बार शुरू होगी। इसी साल शुरू होने वाले नए सत्र से इसकी पढ़ाई शुरू करने का लक्ष्य तय किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर कुमार की ओर से जारी पत्र में सदर अस्पताल के सिविल सर्जन के अलावा पटना एलएनजेपीएन संस्थान और कोईलवर के निदेशक को पत्र लिखकर आवेदन करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को कहा गया है। 

विभाग के अनुसार देश के कई राज्यों में सदर अस्पतालों में डीएनबी पाठ्यक्रम शुरुआत करने की पहल की जा रही है। लेकिन बिहार देश का इकलौता राज्य है जहां सदर अस्पतालों में इतनी संख्या में डीएनबी की अनुमति देने जा रहा है। अरसा पहले एक-दो जिलों में ही डीएनबी पाठ्यक्रम शुरू करने की चर्चा थी जिसका विस्तार 11 संस्थानों में कर दिया गया है। व्यवहारिक ज्ञान के लिए सदर अस्पताल की पूरी आधारभूत संरचना उनके लिए उपलब्ध रहेगी।

विभाग ने कहा है कि राज्य के औरंगाबाद, गया, गोपालगंज, खगड़िया, सहरसा, सीतामढ़ी, सारण, मधुबनी व वैशाली सदर अस्पताल के अलावा बिम्हास, कोईलवर और एलएनजेपी पटना में डीएनबी की पढ़ाई होनी है। इसमें सेवारत चिकित्सकों को ही पढ़ने की अनुमति दी जाएगी। इसका मकसद कार्यरत चिकित्सकों को सेवा के दौरान ही विशेषज्ञता प्रदान कराना है। 

डीएनबी एक पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स है जो डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (एमडी) के समकक्ष होता है। इस कोर्स की अनुमति नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (एनबीई) द्वारा दी जाती है। डीएनबी की पढ़ाई शुरू करने के लिए संबंधित संस्थानों की ओर से एनबीई को आवेदन देना पड़ता है। विभाग ने संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारियों से अनुरोध किया है कि वे एनबीई नई दिल्ली के यहां ससमय आवेदन कर दें ताकि पढ़ाई शुरू करने में किसी तरह की परेशानी नहीं हो।

राजधानी पटना में फिर बढ़ा कोढ़ा गिरोह का आतंक, तीन दिनों के अंदर 13 लाख रुपये झपटे

डेस्क : राजधानी पटना में एकबार फिर से कोढ़ा गिरोह ने दस्तक दे दी है। बीते तीन दिनों के अंदर राजधानी पटना में इस गिरोह ने लोगों को अपना शिकार बनाते हुए 13 लाख रुपये झपट लिये है। इस गिरोह ने पटना के अति व्यस्त कदमकुआं और सचिवालय थाना इलाके में घटन को अंजाम दिया है। हालांकि अब तक कोढ़ा गिरोह के सदस्यों का सुराग नहीं लग सका है।

कदमकुआं थाना इलाके के वैशाली गोलंबर के समीप बीतचे 10 अप्रैल की शाम साढ़े पांच बजे बाइक सवार दो अपराधियों ने ऑटो में जा रहे नौबतपुर निवासी मुकेश कुमार के हाथ से दस लाख रुपये से भरा बैग झपट लिया। 

गिरोह के शिकार मुकेश कुमार ने बताया कि व्यवसायियों से रुपये लेकर वे घर से निकले थे। बाकरगंज में परिचित के यहां बाइक लगा दी। वहां से वे पैदल ही नाला रोड गए फिर 90 फीट के लिए ऑटो में बैठ गये। वैशाली गोलंबर होते हुए वे राजेंद्र नगर पुल के समीप पहुंचे ही थे कि बाइक सवार अपराधियों ने ऑटो को रोकवा दिया। इसके बाद बैग छीनकर भाग निकले। 

कदमकुआं थानाध्यक्ष विमलेंदु कुमार ने बताया कि यह मामला संदिग्ध है। पुलिस हर पहलुओं पर छानबीन कर रही है। 

वहीं दूसरी ओर बीते मंगलवार को सचिवालय गेट नंबर दो के समीप रिक्शा सवार अधेड़ से तीन लाख रुपये झपटे लिये थे। 

सूत्रों की मानें तो इस मामले में अब तक फुटेज पुलिस के हाथ नहीं लग सकी है। बीते वर्ष 2022 के 14 दिसंबर को हवलदार से तीन लाख रुपये की छिनतई भी इसी जगह हुई थी।

15 से 20 किमी प्रति घंटे के रफ्तार से चल रही पछुआ हवा से तपने लगी धरती, राजधानी पटना समेत प्रदेश के कई जिलों में पारा पहुंचा 40 के पार

डेस्क : अप्रैल महीने में ही गर्मी ने अपना रंग दिखाना शुरु कर दिया है। राजधानी पटना समेत पूरे प्रदेश में दिनभर 15 से 20 किमी प्रति घंटे के निरंतर गर्म पछुआ हवा के प्रभाव से दोपहर में धरती तपने लगी है। आलम यह है कि पटना समेत तीन जिलों में अधिकतम तापमान 40 के पार चला गया है।

मौसम के इस बदले मिजाज और भीषण गर्मी ने अप्रैल महीने में ही आमजन से लेकर पशु पक्षी तक को बेहाल करना शुरु कर दिया हैं। पिछले 24 घंटों में पटना समेत प्रदेश के 23 जिलों के अधिकतम तापमान में वृद्धि हुई है। बुधवार को 40.7 डिग्री सेल्सियस के साथ शेखपुरा में प्रदेश का सर्वाधिक अधिकतम तापमान दर्ज किया गया, जबकि फारबिसगंज, अररिया, किशनगंज, सबौर के अधिकतम तापमान में आंशिक कमी दर्ज की गई।

बुधवार को पटना का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया। यहां अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ऊपर पहुंचकर 40.2 डिग्री दर्ज किया गया। पटना में इस सीजन का यह सर्वाधिक अधिकतम तापमान है। इससे पहले मंगलवार को पटना का अधिकतम तापमान 39.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया था।

मौसम विज्ञान केंद्र पटना के अनुसार अगले 48 घंटों के दौरान पटना समेत प्रदेश के दक्षिणी व मध्य भागों में हवा की गति 15-20 किमी प्रति घंटा व कुछ स्थानों पर झोंके के साथ 30 किमी प्रति घंटा रहने का पूर्वानुमान है। वहीं अगले चार दिनों के दौरान अधिकतम तापमान में दो से चार डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की संभावना है। हालांकि एक-दो दिनों में पटना के अधिकतम तापमान में आंशिक कमी आ सकती है, लेकिन उसके बाद चार-पांच दिनों में अधिकतम तापमान 41 के पार जा सकता है। फिलहाल बारिश की स्थिति बनती नहीं दिख रही है।

*राहुल गांधी की बढ़ी मुसीबत, पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट ने दिया यह सख्त निर्देश*

डेस्क : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक में एक चुनावी जनसभा में मोदी नाम वाले लोगों को निशाना साधते हुए ‘सारे मोदी चोर हैं’ कहा था। उनके इस बयान की उन्हे बड़ी सजा भुगतनी पड़ रही है। उक्त बयान को लेकर सूरत की कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई है। जिसके बाद उनकी संसद सदस्यता खत्म हो गई है। वहीं अब उन्हें पटना की अदालत ने भी सख्त निर्देश दिया है। 

दरअसल उक्त बयान को लेकर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम व बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने राहुल के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। पिछली सुनवाई में राहुल गांधी को कोर्ट ने 12 अप्रैल को उपस्थित होने कहा था लेकिन वे आज बुधवार को पटना के एमपी-एमएलए कोर्ट में नहीं आए। जिसके बा न्यायालय ने सख्त निर्देश दिया। 

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगर 25 अप्रैल को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान राहुल गांधी सशरीर पेश नहीं हुए तो उनका बेल-बांड रद्द कर दिया जाएगा। 

राहुल की कोर्ट में उपस्थिति की संभवना को देखते हुए बुधवार को कोर्ट परिसर में काफी गहमागहमी रही। हालांकि राहुल खुद नहीं आए और उनके वकीलों ने कोर्ट को बताया कि वे राहुल किन कारणों से आज पेश नहीं हुए हैं। 

राहुल के वकीलों ने कोर्ट के बाहर मीडिया से कहा कि अगली सुनवाई के दौरान राहुल पेश हो सकते हैं। हालांकि इसे लेकर कांग्रेस के नेताओं ने चुप्पी साध रखी है। अब राहुल के लिए 25 अप्रैल का दिन बेहद अहम होगा। वे अगर कोर्ट में आते हैं तब भी उनके खिलाफ आगे की प्रक्रिया पर कोर्ट का अहम फैसला आ सकता है। वहीं अगर वे उपस्थित नहीं होते हैं तो उनकी मुश्किलें और ज्यादा बढ़ जाएगी।

कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की, अधिकारियों के दिए कई जरुरी निर्देश

डेस्क ; कोरोना के बढ़ते मामले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज 1 अणे मार्ग स्थित 'संकल्प' में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह ने राज्य में कोरोना संक्रमण की अद्यतन स्थिति तथा विभाग द्वारा की गयी तैयारियों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के कुछ राज्यों में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। पिछले दो-तीन दिनों से बिहार में भी कोरोना संक्रमण के मामले बढ़े हैं। बिहार में अभी भी प्रतिदिन कोरोना की बड़ी संख्या में टेस्टिंग हो रही है। अभी पूरे देश में कोरोना की जितनी जांच हो रही है उसकी एक तिहाई जांच बिहार में हो रही है। देश में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 6 लाख के करीब है जबकि बिहार में 10 लाख की आबादी पर कोरोना की औसत जांच 8 लाख से ज्यादा हो रही है।

सीएम ने अधिकारियों को निर्देश देते हुये कहा कि पूरे राज्य में अधिक से अधिक टेस्टिंग करायें। जितनी अधिक जांच होगी, कोरोना संक्रमण के मामलों का पता चलेगा। कोरोना के मामले घटे या बढ़े कोरोना की निरंतर जांच जारी रखें। अस्पतालों में मरीजों के इलाज की पूरी व्यवस्था रखें। अस्पतालों में सभी प्रकार की दवायें एवं उपकरण उपलब्ध रखें। ऑक्सीजन की उपलब्धता भी सुनिश्चित करें। भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर लोग मास्क का प्रयोग करें। सभी को अलर्ट और एक्टिव रहना होगा। राज्य के सभी अस्पतालों में मॉक ड्रिल करायें एवं सभी प्रकार की तैयारियां रखें। 

उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध नहीं करायी जा रही है, इसको ध्यान में रखते हुये राज्य सरकार अपनी तरफ से कोरोना वैक्सीन खरीदकर लोगों का टीकाकरण जारी रखेगी।

बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, स्वास्थ्य विभाग के सचिव संजय कुमार सिंह एवं मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह उपस्थित थे।

सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट की हुई बैठक, इन 6 महत्वपूर्ण एजेंडो पर लगी मुहर

डेस्क ; मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की बैठक हुई। कैबिनेट की इस बैठक में 6 महत्वपूर्ण एजेंडों मंजूरी दी गई। शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए खुशखबरी है। शिक्षक नियमावली 2023 पर मुहर लगा दी गई है। 

नए फैसले के अनुसार अब शिक्षक राज्य कर्मी होंगे। बिहार राज्य विद्यालय अध्यापक (नियुक्ति स्थानांतरण अनुशासनिक कार्रवाई) सेवा शर्त नियमावली 2023 की स्वीकृति दी गई है। अब आयोग के माध्यम से शिक्षकों की बहाली होगी। 

राज्य सरकार के कर्मियों के लिए खुशखबरी है। वेतन एवं पेंशन प्राप्त कर रहे हैं लोगों को 1 जनवरी 2023 के प्रभाव से 38 फ़ीसदी की जगह 42 फिर भी महंगाई भत्ता की स्वीकृति दी गई है। नीतीश कैबिनेट ने आज इस पर मुहर लगा दी। 

शिक्षा विभाग के प्रस्ताव पर आज कैबिनेट ने मुहर लगा दी। शिक्षक बहाली नियमावली के गठन के बाद बिहार सरकार के नियंत्रण में विद्यालय अध्यापक का एक नया संवर्ग गठन होगा। यह संवर्ग राज्य कर्मी का होगा। यानि शिक्षक अब राज्यकर्मी होंगे। 

इसके अलावे वर्तमान में पंचायती राज्य संस्था एवं नगर निकाय अंतर्गत नियुक्त कर्मी भी इस नियमावली की नियुक्ति प्रक्रिया के माध्यम से राज्य कर्मी के इस नए संवर्ग में नियुक्त हो सकेंगे।

जनता के दरबार में शामिल हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, लोगों की समस्याएं सुन कार्रवाई का दिया निर्देश

डेस्क ; मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए। आज के 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त, वाणिज्य कर एवं संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी, समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी, शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री अनिता देवी, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष कुमार सुमन, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मो० जमा खान, विज्ञान एवं प्रावैधिकी मंत्री सुमित कुमार सिंह, सूचना प्रावैधिकी मंत्री मो0 इसराईल मंसूरी, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के मंत्री जितेंद्र कुमार राय, आपदा प्रबंधन मंत्री शाहनवाज, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, पुलिस महानिदेशक आर०एस० भट्टी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, संबंधित विभागों के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह, पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह तथा वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा उपस्थित थे।

'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 47 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए। आज 'जनता के दरबार में मुख्यमंत्री कार्यक्रम में सामान्य प्रशासन विभाग, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, वित्त विभाग, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग, सूचना प्रावैधिकी विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, श्रम संसाधन विभाग तथा आपदा प्रबंधन विभाग से संबंधित मामलों पर सुनवाई हुई।

भोजपुर जिला से आयी एक महिला ने कहा कि विद्यालय में कार्यरत मेरे पति की मृत्यु होने के बाद अनुकंपा के आधार पर नौकरी अभी तक नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने मामले में संबंधित विभाग के अधिकारियों को जांच कर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। पूर्वी चंपारण जिला से आये एक व्यक्ति ने बाढ़ के दौरान राहत कार्य में हुयी अनियमितता की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सीवान जिला से आये एक व्यक्ति ने महादलित टोला में सामुदायिक भवन के निर्माण के संबंध में मुख्यमंत्री से गुहार लगाई। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। सारण जिला से आये एक छात्र ने स्टुडेंट क्रेडिट कार्ड के माध्यम से लिये गये ऋण में बैंक द्वारा ज्यादा ब्याजदर चार्ज किये जाने की शिकायत मुख्यमंत्री से की। मुख्यमंत्री ने वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

मधेपुरा जिला से आए एक व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से आग्रह करते हुए कहा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में विशेष चिकित्सकों की कमी है, इसको लेकर इलाज में दिक्कत होती है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। गोपालगंज जिला से आये एक छात्र ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मैंने वर्ष 2018 में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास किया था। लेकिन अभी तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। मुजफ्फरपुर जिला से आयी एक छात्रा ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि मैंने वर्ष 2018 में मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की है। लेकिन प्रोत्साहान राशि अभी तक नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। बांका जिला से आयी एक महिला ने कहा कि मेरे पति का निधन वर्ष 2021 में कोरोना से हो गया था लेकिन अनुग्रह राशि अभी तक नहीं मिली है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को इस पर समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

अररिया जिला से आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री से आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका की बहाली में अनियमितता की शिकायत की। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया। दरभंगा जिला से आयी एक महिला ने अपने दिवंगत पति के एरियर बकाया राशि के लंबित भुगतान को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगायी। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। दरभंगा जिला से आये एक अन्य व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुये कहा कि पटना के पी०एम०सी०एच० में कार्यरत उनके पिता के निधन के बाद उनके स्थान पर दूसरे व्यक्ति द्वारा फर्जीवाड़ा कर नौकरी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य विभाग को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया। औरंगाबाद जिला से आयी एक महिला ने कहा कि मैं एक दिव्यांग महिला हूँ, आवागमन में काफी दिक्कत होती है, मुझे ट्राई साइकिल उपलब्ध करायी जाय। मुख्यमंत्री ने संबंधित विभाग को शीघ्र ट्राई साइकिल उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

राजद की इफ्तार पार्टी में दूर हुए सीएम नीतीश कुमार और चिराग पासवान के बीच जारी तल्खी, चिराग ने सीएम का पैर छूकर लिया आशीवार्द

डेस्क : रमजान के पवित्र महीने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लोजपा (रामविलास) सुप्रीमो चिराग पासवान के बीच जारी तल्खी कम होती नजर आई है। एक कार्यक्रम के दौरान दोनो का आमना-सामना हुआ। सबसे बड़ी बात यह रही कि चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया। 

दरअसल बीते रविवार को रमजान के महीने के मौके पर राजद की ओर से दावत ए इफ्तार का आयोजन किया गया। इस दावत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत महागठबंधन के सभी नेता के साथ-साथ चिराग पासवान भी शामिल हुए। 

लोजपा (रामविलास) के अध्यक्ष चिराग पासवान जब इफ्तार कार्यक्रम में पहुंचे तो युवाओं में तेजस्वी-चिराग को लेकर काफी उत्साह रहा और जमकर नारेबाजी की। तेजस्वी-चिराग जिंदाबाद और भाजपा को सत्ता में नहीं आने देंगे के नारे भी लगे। हालांकि, इस नारेबाजी के बीच चिराग पासवान झेंपते हुए नजर आए।

वहीं इस दौरान चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पैर छूकर आशीर्वाद लिया। हालांकि रविवार को आयोजित इस कार्यक्रम के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि जब भी मिलता हूं, पैर छूता हूं। विरोध नीतियों का करता हूं, व्यक्ति विशेष से कोई लेना-देना नहीं है। 

कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी एकता एक भ्रम मात्र है। एक मंच पर प्रधानमंत्री पद के इतने दावेदार हैं, तो व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं इतनी हावी हो जाती है कि ऐसे में किसी एक को कोई नेता मान लें, ऐसा नहीं होता।

राजद की दावत-ए-इफ्तार में सीएम नीतीश कुमार समेत महागठबंधन के नेताओं का हुआ जुटान, आमंत्रण के बावजूद नहीं शामिल हुए भाजपा के कोई नेता

डेस्क : बीते रविवार को रमजान के महीने के मौके पर राजद की ओर से दावत ए इफ्तार का आयोजन किया गया। इस दावत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत महागठबंधन के सभी नेता शामिल हुए। 

मुख्यमंत्री के आगमन पर पूर्व सीएम राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, पर्यटन मंत्री तेजप्रताप यादव व अन्य नेताओं ने उनकी आगवानी की। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मौके पर सभी का अभिवादन स्वीकार किया। वह तेजस्वी यादव के साथ बैठे। 

रविवार की शाम को दस सर्कुलर रोड स्थित सरकारी आवास पर दावत-ए-इफ्तार का आयोजन राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव द्वारा किया गया। विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी, विधान परिषद के सभापति देवेशचंद्र ठाकुर, पूर्व सीएम जीतनराम मांझी, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, मंत्री संजय झा, विजेंद्र प्रसाद यादव, शिवानंद तिवारी, आलोक कुमार मेहता, वृशिण पटेल, कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह, अजित शर्मा, भाकपा माले के महबूब आलम सहित महागठबंधन सरकार के सभी मंत्री व घटक दलों के विधायक व प्रमुख नेता राजद के दावत-ए-इफ्तार में शामिल हुए। 

हालांकि राजद की ओर से भाजपा नेताओं को भी आमंत्रित किया गया था पर वे नहीं आए। इस मौके पर लोजपा (रा) के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक राजू तिवारी भी मौजूद थे। कार्यक्रम में जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव भी शामिल हुए। उन्होंने कहा कि रमजान तो डर व नफरत के खिलाफ एक संदेश है।

27 साल तक नवादा की विधायक व बिहार सरकार में मंत्री रही गायत्री देवी का निधन, सीएम नीतीश कुमार ने जताया शोक

डेस्क : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री व नवादा और गोविंदपुर विधानसभा क्षेत्र के 27 सालों तक विधायक रही चर्चित राजनीतिक हस्ती रहीं गायत्री देवी का निधन हो गया है। 80 वर्षीय गायत्री देवी पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रही थी और आज रविवार की सुबह पटना के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांसें ली। उनका शव नवादा लाया जाएगा।

उनके निधन की खबर के बाद से राजनीतिक जगत और उनके समर्थकों में शोक का लहर व्याप्त है। वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। 

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि गायत्री देवी का निधन राजनीतिक और समाजिक जगत के लिए अपूर्णिय क्षति है। वे एक कुशल राजनेता और समाजसेवी के साथ-साथ सरल स्वाभाव और मृदुभाषी महिला थी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जायेगा।  

गायत्री देवी के पति युगल किशोर यादव भी बिहार सरकार में मंत्री रहे थे। वहीं उनके बड़े बेटे कौशल यादव जदयू नेता और पूर्व विधायक हैं। कौशल यादव के सहयोगी नारायण स्वामी मोहन ने उनके निधन की सूचना दी। 

बता दें की 3 दशक से ज्यादा वक्त तक वह नवादा की राजनीत का केंद्र बनीं रही थी। 27 वर्षों तक विधायक, बिहार सरकार में मंत्री और कांग्रेस की जिलाध्यक्ष रहीं।

गायत्री देवी का राजनीतिक सफर 1970 से शुरू हुआ। 1969 में इनके पति युगल किशोर सिंह यादव लोकतांत्रिक कांग्रेस के टिकट पर गोविंदपुर विधानसभा से एमएलए बने थे। उस वक्त दरोगा राय मंत्रिमंडल में मंत्री भी बने थे। असमय उनका निधन हो गया था। पति की मौत के बाद उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए विधानसभा का चुनाव लड़ी और 1970 में पहली मर्तबा गोविंदपुर विधानसभा से निर्दलीय चुनाव जीती। 

उसके बाद 1972-77 तक कांग्रेस के टिकट पर नवादा की विधायक रहीं। फिर 1980, 85, 90 यानि लगातार 15 साल तक गोविंदपुर से कांग्रेस की विधायक रहीं। 95 में हार मिली। 2000 के चुनाव में राजद के टिकट पर गोविंदपुर विधानसभा से ही चुनाव जीती। 2005 तक विधायक रहने के बाद उनकी राजनीतिक पारी का अंत हुआ।