औरंगाबाद जिले के लिए वरदान बने सदर अस्पताल के डॉक्टर उदय प्रकाश, 94 और 84 साल के वृद्ध के कूल्हे का किया सफल ऑपरेशन
औरंगाबाद :– मेडिकल साइंस ने काफी तरक्की की है और अब हर मर्ज का इलाज संभव है। इसके बावजूद जब अधिक उम्र में बुजुर्गों की कूल्हे की हड्डी टूट जाती है तो बड़े डॉक्टर भी यह कहकर हाथ खड़े कर देते है कि मरीज की उम्र ज्यादा है। इस कारण हड्डी नही जुड़ेगी। चिकित्सा जगत के इस मिथक को तोड़ा है औरंगाबाद जैसे ग्रामीण इलाके में स्थित सदर अस्पताल के चिकित्सक डॉ. उदय प्रकाश ने।
डॉ. प्रकाश ऑर्थोपोडिक सर्जन है और उन्हे सर्जरी में महारत हासिल है, लेकिन सदर अस्पताल में ऑर्थोपोडिक सर्जरी के लिए ऑपरेशन थिएटर नही है। इस स्थिति में जब 94 साल के वृद्ध ओबरा थाना के तारा निवासी रामसेवक सिंह और 84 साल की वृद्धा देव थाना की अमना की लालमति कुंवर को कूल्हा टूटने पर इलाज के लिए लाया गया तो उनके समक्ष असमंजस की स्थिति बन गई।
परिजन इस हालत में नही थे कि वें इलाज के लिए कही बाहर ले जाते और बाहर जाने पर भी उन्हे डॉक्टरो द्वारा इलाज से हाथ खड़ा करने का डर था। हालांकि डॉ. उदय को अपने ज्ञान और खुद के ऑर्थोपोडिक सर्जन होने के नाते उन्हे पूरा भरोसा था कि यदि इनका सफलतापूर्वक ऑपरेशन कर हड्डी को बिठा दिया गया तो ये बुजुर्ग चलने फिरने लगेंगे। लेकिन बात ऑपरेशन थिएटर के अभाव पर अटक गई। इसका भी डॉ. उदय ने रास्ता निकाला और शहर के एक निजी हॉस्पिटल से संपर्क साधा जहां ऑर्थोपोडिक सर्जरी करने लायक ऑपरेशन थिएटर था।
संपर्क साधने पर निजी हॉस्पिटल के संचालक डॉ. उदय को अपने यहां लाकर दोनो मरीजो को ऑपरेशन करने देने पर राजी हो गये। इसके बाद डॉ. उदय ने दोनो वृद्ध जनों की सफल सर्जरी की। सर्जरी के बाद अब दोनो ही चलने की स्थिति में आ गये है। दोनों मरीजो के परिजन इस इलाज और सर्जरी से बेहद खुश है। वे डॉ. उदय की तारीफ कर रहे है और दुआएं भी दे रहे है।
वही डॉ. उदय ने कहा कि अधिक उम्र के बुजुर्गो का भी कूल्हे की हड्डी टूटने का इलाज संभव रहा है। इलाज में कई तरह के कॉम्प्लेक्स के कारण इसके प्रति गंभीरता नही दिखाते। इसी वजह से यह कह दिया जाता है कि बुजुर्गों की हड्डी नही जुटती। उन्होने गंभीरता से लेते हुए दो बुजुर्गों का इलाज किया और आज परिणाम सामने है।
औरंगाबाद से धीरेन्द्र
Apr 12 2023, 11:45