निगोहां में जमीन के विवाद में चले लाठी-डंडे ,पांच घायल, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप


लखनऊ। निगोहां थाना क्षेत्र के पुरहिया गांव में जमीनी विवाद की रंजिश में आधा दर्जन लोगों ने एक परिवार पर लाठी डंडों से हमला कर घायल कर दिया। मारपीट का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर हड़कम्प मच गया।पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने पांच आरोपियों पर मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तलाश में जुट गयी है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगोहां के पुरहिया गांव में चंद्र प्रकाश तिवारी व उमेश बाजपेयी के बीच काफी समय से एक जमीन के टुकड़े पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था,मंगलवार की शाम पांच बजे के करीब चंद्र प्रकाश विवादित जमीन पर ईंट उतरवा रहे थे।भनक लगते ही उमेश बाजपेयी,रमेश बाजपेयी,अविनाश व संजय,शुभम के साथ लाठी डंडो से लैस होकर मौके पर जा पहुंचे।

इसके बाद वाद विवाद के बाद चन्द्रप्रकाश समेत उनके परिवार के सदस्यो की बुरी तरह पिटाई कर घायल कर दिया। मारपीट में चन्द्र प्रकाश व उनकी पत्नी श्रीमती, बेटा गोलू व बेटी दीपा व बीमार भतीजा नीरज घायल हो गया।

जिसके बाद पीड़ितों ने घायल अवस्था में थाने पहुंचकर पुलिस से मामले की लिखित शिकायत कर आरोपियों के विरूद्व कार्यवाही की मांग की।इंस्पेक्टर विनोद यादव ने बताया पीड़ित पक्ष द्वारा दी गयी तहरीर पर पांच आरोपियों के विरूद्व मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है।

विश्व उपभोक्ता दिवस पर विशेष: उपभोक्ता जानें अपना अधिकार, उपभोक्ता आयोग में शिकायतों के लिए खटखटा सकते हैं दरवाजा

लखनऊ/सम्भल । उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रभाव में आने के उपरान्त माल व सेवाओं के लिये उपभोक्ता बाज़ारों मे भारी परिवर्तन आया है। आधुनिक बाज़ारों में माल व सेवाओं का अम्बार लग गया है ।उपभोक्ताओं के हितों के बेहतर संरक्षण के लिए और उस प्रयोजन के लिए उपभोक्ता विवादों के समाधान के लिए उपभोक्ता परिषदों और अन्य प्राधिकरणों की स्थापना के उद्देश्य से ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम वर्ष 1986 में अधिनियमित किया गया। जिसके अंतर्गत उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों का गठन हुआ जोकि काफ़ी हद तक उपभोक्ता विवादों के निराकरण में उपयोगी साबित हुआ लेकिन भ्रामक विज्ञापन, टेलीमार्केटिंग, बहुस्तरीय विपरण, सीधे विक्रय और इ-वाणिज्य ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की। 

15 मार्च को लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 

              

उपभोक्ताओं को क्षिति से बचाने हेतु समुचित और शीघ्र कार्यपालक हस्तक्षेप की आवश्यकता को देखते हुए ही वर्ष 2019 मे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लाया गया जोकि 20 जुलाई,2020 से लागू हुआ वर्तमान में जिला उपभोक्ता आयोगों को 50 लाख तक के मामले तथा 50 लाख से ऊपर के मामले राज्य आयोग को सुनने का अधिकार है।

प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी आवश्यकताओं के बारे मे जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। 

इसमें अधिकतम तीन वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने का प्रावधान 

15मार्च को राष्ट्रपति जॉन कनेडी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस को विशेष सन्देश भेजना गया था सन्देश में उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दों को औपचारिक रूप से सम्बोधित किया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों के आदेश की अवहेलना पर अधिकतम 3 वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने से दण्डित करने के प्रावधानों ने भी उपभोक्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है। 

प्रदेश में मण्डल स्तर पर राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच बने : देवेंद्र वार्ष्णेय 

ऑनलाइन शॉपिंग ने उपभोक्ता बाजार को विस्तार दिया है। जहां एक ओर उपभोक्ताओं के इसका लाभ मिला है। वहीं धोखाधड़ी, सेवाओं में कमी, दोषयुक्त माल की प्राप्ति जैसे मामलों ने उपभोक्ता सम्बन्धी शिकायतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण उपभोक्ताओं को वास्तविक न्याय नहीं मिल पर रहा है। मण्डल स्तर पर सर्किट बेंच बने तब ही कुछ लाभ मिल सकता है। 

किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया उपभोक्ताओं का अपने अधिकारों के बारे जागरूक होना जरूरी है। किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए। उपभोक्ताओं को बाजार के दुरुपयोग, उपभोक्ताओं से होने वाली ठगी, नापतौल में गड़बड़ी, कम वजन वाले या खोटे बाट का उपयोग, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना, अवधि समाप्ति वाली वस्तुएं और एमआरपी के प्रति जागरूक होना जरूरी है। अगर वह धोखाधड़ी और ठगी का शिकार होते हैं तो वह जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।यदि कोई उपभोक्ता जिस स्थान का मूल निवासी है और कहीं बाहर नौकरी करता है तो वह जिस शहर में नौकरी कर सकता है, वहां पर भी आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है। 

दावा दायर करने पर उपभोक्ता को यह अदा करनी होती है फीस 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि उपभोक्ता आयोग 50 लाख रुपये तक के दावा अपने यहां दर्ज सुनवाई कर सकता है। उपभोक्ताओं को पांच लाख रुपये तक के दावा दायर करते हुए कोई कोर्ट फीस अदा नहीं करनी होती है। पांच से 10 लाख रुपये तक लिए 200 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के लिए 400 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 20 लाख से 50 लाख रुपये तक के लिए एक हजार रुपये कोर्ट फीस अदा करनी होती है। आयोग के समक्ष उपभोक्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अथवा पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकता है।

विश्व उपभोक्ता दिवस पर विशेष: उपभोक्ता जानें अपना अधिकार, उपभोक्ता आयोग में शिकायतों के लिए खटखटा सकते हैं दरवाजा


लखनऊ/सम्भल । उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रभाव में आने के उपरान्त माल व सेवाओं के लिये उपभोक्ता बाज़ारों मे भारी परिवर्तन आया है। आधुनिक बाज़ारों में माल व सेवाओं का अम्बार लग गया है ।उपभोक्ताओं के हितों के बेहतर संरक्षण के लिए और उस प्रयोजन के लिए उपभोक्ता विवादों के समाधान के लिए उपभोक्ता परिषदों और अन्य प्राधिकरणों की स्थापना के उद्देश्य से ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम वर्ष 1986 में अधिनियमित किया गया। जिसके अंतर्गत उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों का गठन हुआ जोकि काफ़ी हद तक उपभोक्ता विवादों के निराकरण में उपयोगी साबित हुआ लेकिन भ्रामक विज्ञापन, टेलीमार्केटिंग, बहुस्तरीय विपरण, सीधे विक्रय और इ-वाणिज्य ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की। 

15 मार्च को लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 

              

उपभोक्ताओं को क्षिति से बचाने हेतु समुचित और शीघ्र कार्यपालक हस्तक्षेप की आवश्यकता को देखते हुए ही वर्ष 2019 मे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लाया गया जोकि 20 जुलाई,2020 से लागू हुआ वर्तमान में जिला उपभोक्ता आयोगों को 50 लाख तक के मामले तथा 50 लाख से ऊपर के मामले राज्य आयोग को सुनने का अधिकार है।

प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी आवश्यकताओं के बारे मे जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। 

इसमें अधिकतम तीन वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने का प्रावधान 

15मार्च को राष्ट्रपति जॉन कनेडी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस को विशेष सन्देश भेजना गया था सन्देश में उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दों को औपचारिक रूप से सम्बोधित किया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों के आदेश की अवहेलना पर अधिकतम 3 वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने से दण्डित करने के प्रावधानों ने भी उपभोक्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है। 

प्रदेश में मण्डल स्तर पर राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच बने : देवेंद्र वार्ष्णेय 

ऑनलाइन शॉपिंग ने उपभोक्ता बाजार को विस्तार दिया है। जहां एक ओर उपभोक्ताओं के इसका लाभ मिला है। वहीं धोखाधड़ी, सेवाओं में कमी, दोषयुक्त माल की प्राप्ति जैसे मामलों ने उपभोक्ता सम्बन्धी शिकायतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण उपभोक्ताओं को वास्तविक न्याय नहीं मिल पर रहा है। मण्डल स्तर पर सर्किट बेंच बने तब ही कुछ लाभ मिल सकता है। 

किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया उपभोक्ताओं का अपने अधिकारों के बारे जागरूक होना जरूरी है। किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए। उपभोक्ताओं को बाजार के दुरुपयोग, उपभोक्ताओं से होने वाली ठगी, नापतौल में गड़बड़ी, कम वजन वाले या खोटे बाट का उपयोग, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना, अवधि समाप्ति वाली वस्तुएं और एमआरपी के प्रति जागरूक होना जरूरी है। अगर वह धोखाधड़ी और ठगी का शिकार होते हैं तो वह जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।यदि कोई उपभोक्ता जिस स्थान का मूल निवासी है और कहीं बाहर नौकरी करता है तो वह जिस शहर में नौकरी कर सकता है, वहां पर भी आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है। 

दावा दायर करने पर उपभोक्ता को यह अदा करनी होती है फीस 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि उपभोक्ता आयोग 50 लाख रुपये तक के दावा अपने यहां दर्ज सुनवाई कर सकता है। उपभोक्ताओं को पांच लाख रुपये तक के दावा दायर करते हुए कोई कोर्ट फीस अदा नहीं करनी होती है। पांच से 10 लाख रुपये तक लिए 200 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के लिए 400 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 20 लाख से 50 लाख रुपये तक के लिए एक हजार रुपये कोर्ट फीस अदा करनी होती है। आयोग के समक्ष उपभोक्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अथवा पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकता है।

योगी सरकार 2.0 का पहला साल 25 मार्च को होगा पूरा, भाजपा इसे उत्सव के रूप में मनाएंगा


लखनऊ। योगी सरकार 2.0 का पहला साल 25 मार्च को पूरा होगा। प्रदेश भर में सरकार और भाजपा इसे उत्सव के रूप में धूमधाम से मनाएंगे। इस दिन योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में लगातार 6 साल 6 दिन तक मुख्यमंत्री रहने का रिकार्ड बनाएंगे। मुख्यमंत्री प्रदेश मुख्यालय में अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल की उपलब्धियां बताएंगे। वहीं जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री पत्रकार वार्ता के जरिये सरकार की उपलब्धियां बताएंगे। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुए विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा गठबंधन को 273 सीटों के साथ रिकार्ड जीत मिली थी। योगी ने दूसरे कार्यकाल के लिए 25 मार्च 2022 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। उनके साथ उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक और 50 मंत्रियों ने भी शपथ ली थी। योगी सरकार 2.0 का पहला वर्ष 25 मार्च को पूरा हो रहा है। लेकिन योगी ने पहली बार मुख्यमंत्री पद की शपथ 19 मार्च 2017 को ली थी। इस लिहाज से 25 मार्च को योगी का कार्यकाल 6 साल 6 दिन का हो जाएगा। 

25 मार्च को राजधानी लखनऊ में प्रस्तावित प्रेस कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की उपलब्धियां बताएंगे। इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, प्रदेश संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह और पार्टी के अन्य पदाधिकारी मौजूद रहेंगे। सीएम सरकार के छह वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश में आए बदलावों के बारे में भी बताएंगे। साथ ही बेहतर हुई कानून व्यवस्था को बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करेंगे। इससे प्रदेश में बने निवेश अनूकूल माहौल और उनसे सृजित होने वाले रोजगार एवं स्वरोजगार के अवसरों बारे में जानकारी देंगे। 

जिलों में प्रभारी मंत्री प्रेस कांफ्रेंस कर सरकार की उपलब्धियों की जानकारी देंगे। उनके साथ स्थानीय सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष और विधान परिषद सदस्य मौजूद रहेंगे। जिन जिलों में प्रभारी मंत्री उपस्थित नहीं होंगे वहां सांसद, विधायक, विधान परिषद् सदस्य, जिला पंचायत अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।

एयरपोर्ट ने एसीआई से एयरपोर्ट कस्टमर एक्सपीरियंस एक्रेडिटेशन का उच्चतम स्तर हासिल किया

 

सरोजनीनगर /लखनऊ। मंगलवार को चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे ने (सी सी एस आई ए) को एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (ए सी‌ आई) द्वारा यात्रियों की लगातार बढ़ती अपेक्षाओं को पूरा करने की सराहना करते हुए 'लेवल एक एयरपोर्ट कस्टमर एक्सपीरियंस एक्रेडिटेशन की मान्यता दी हैं।उत्तर प्रदेश का सबसे व्यस्त हवाईअड्डा होने के नाते सी सी एस आई ए को ग्राहक अनुभव में सुधार के अपने निरंतर प्रयासों के लिए अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणपत्र से सम्मानित किया गया।

उपलब्धि पर बोलते हुए, *सीसीएसआईए के प्रवक्ता ने कहा कि चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डा अपने यात्री-केंद्रित दृष्टिकोण के साथ, एक सुरक्षित और कुशल हवाईअड्डा पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के साथ-साथ उत्कृष्टत सेवा प्रदान करता है। यात्री पहले के उद्देश्य से, सीसीएसआईए यात्रियों को निर्बाध यात्रा अनुभव प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। यात्रीयों की जरूरतों को समझने और उनकी अपेक्षाओं, संतुष्टि, टिप्पणियों और शिकायतों को पूरा करने के लिए एक संरचना स्थापित करने के हमारे प्रयासों के लिए हमें 'लेवल एक एसीआई एयरपोर्ट कस्टमर एक्सपीरियंस एक्रेडिटेशन प्राप्त करने की बेहद खुशी है।

हवाईअड्डे के प्रवक्ता ने आगे कहा पिछले एक साल में सीसीएसआईए ने ई-मेल, हवाईअड्डे की वेबसाइट, एयरसेवा पोर्टल, सीपीग्राम्स और सोशल मीडिया के माध्यम से शिकायत, सुझाव और प्रशंसा प्राप्त करने के लिए विभिन्न यात्री केंद्रित पहलों को लागू किया है। शिकायतों, सुझावों और तारीफों का समयबद्ध तरीके से जवाब दिया गया और उन्हें हवाई अड्डे पर तत्काल लागू किया गया। लखनऊ एयरपोर्ट टीम प्रतिदीन यात्रियों के साथ बातचीत और संचार भी करती है और फीडबैक कार्ड के माध्यम से उनकी प्रतिक्रिया/प्रशंसा भी एकत्र करती है।

सी सी एस आई ए में यात्री केंद्रित पहल

 प्रस्थान और आगमन करने वाले यात्रियों की सहायता के लिए टी1 और टी2 में "मे आय हेल्प यु" डेस्क। यात्रियों की सुविधा के लिए ग्राहक सेवा अधिकारियों (सीएसई) को तैनात किया गया। सीएसई पूर्व-उड़ान सुरक्षा जांच क्षेत्र में यात्रियों की सहायता करता है और त्वरित सुरक्षा जांच में मदद करते है।

बोर्डिंग पास और सेल्फ-बैगेज टैग की छपाई के लिए सीयूएसएस मशीन लगाएँ गए है जिससे चेक-इन काउंटरों पर भीड़ कम हो और सुरक्षा जांच की ओर त्वरित प्रस्थान कर सके।

 निर्बाध यात्रा के लिए टर्मिनल-2 पर ई-गेट्स की शुरुआत।हवाईअड्डे ने पूर्व-उड़ान सुरक्षा जांच क्षेत्र में बैगेज स्कैनर की संख्या छह कर दी है और डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टरों की संख्या सात से बढ़ाकर नौ कर दी है।एयरोब्रिज का उपयोग पहले 26 उड़ानों के मुकाबले बढ़ाकर प्रतिदिन 40 कर दी हैं।

यात्रियों की सुगम आवाजाही के लिए की 1 और की 2 को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण। प्री-पेड टैक्सि के साथ-साथ ऐप-आधारित टैक्सियों के लिए समर्पित काउंटर। ई-रिक्शा और ऑटो रिक्शा के लिए समर्पित पार्किंग।दोनों टर्मिनलों में विकलांग व्यक्तियों (पीआरएम) के लिए बेहतर साइनेज दृश्यता। पीआरएम यात्रियों के लिए अलग पार्किंग व्यवस्था।

 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल में समर्पित व्हीलचेयर सहायता काउंटर। यात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए आगमन और प्रस्थान में बेबी केयर रूम।दोनों टर्मिनल पर मोबाइल चार्जिंग स्टेशन ग्रीन कवर - टर्मिनल-1 और टर्मिनल-2 के इनडोर परिवेश और वायु गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए 10,000 से अधिक पौधे लगाएं जाएंगे।

200 व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन हुआ


लखनऊ। मंगलवार को लखनऊ इंजीनियर कॉलेज पर खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग फूड रजिस्ट्रेशन कैंप लगाया गया।

जिसमें लगभग 200 व्यापारियों का रजिस्ट्रेशन हुआ इस मौके पर संयुक्त उद्योग व्यापार मंडल के मुखिया राष्ट्रीय अध्यक्ष अंजनी कुमार पांडे राष्ट्रीय सचिव प्रमोद मिश्रा प्रदेश सलाहकार अमित तिवारी फूड विभाग के कई अधिकारी मौजूद रहे महेश प्रसाद खाद्य सुरक्षा अधिकारी जोन 9 श्रीमती सुमित चौधरी F.S.O जोन 10 पल्लवी तिवारी F.S.O जोन 12 सीमा यादव जोन 11 आदि कई विभागीय अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे ।

संगठन के मुखिया अंजनी कुमार पांडे ने कहा कि सभी मार्केट में कैंप लगाकर व्यापारियों को जागरूक करते हुए उनका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। हर तरह से संगठन विभाग को सपोर्ट करेगा विभाग भी व्यापारियों को सपोर्ट करें मौजूद जिम्मेदार अधिकारियों ने हर तरह से सपोर्ट करने की बात कही।

विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरोजनीनगर तहसील बार एसोसिएशन से किये अपने वादे को किया पूरा, दिए 11 लाख


लखनऊ । विगत 28 फ़रवरी को सरोजनीनगर तहसील बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित स्वागत-सम्मान समारोह में पहुचे भाजपा विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने सरोजनीनगर तहसील में सुविधाओं के प्रसार के लिए 11 लाख रुपये देने तथा अन्य सुविधाओं को उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया था।

इसी क्रम में सरोजनीनगर तहसील बार एसोसिएशन से किये अपने वादे को पूरा करते हुए डॉ राजेश्वर सिंह ने अधिवक्ता परिसर में रोड, एक हाई मास्ट और एक हैंडपंप के लिए विधायक निधि से 10 लाख, हनुमान मंदिर के जीर्णोद्धार हेतु 1 लाख रुपये प्रदान किये । इसके अतिरिक्त सरोजनीनगर तहसील मे पानी टंकी का निर्माण, टंकी के चबूतरे का निर्माण व तहसील परिसर में स्थित पीपल के पेड़ के पास चबूतरे का निर्माण करवाया तथा समर्सिबल पंप एवं RO वाटर कूलर, 2 सोलर लाइट्स स्थापित करवायी ।

जिनका लोकार्पण मंगलवार को किया गया।इस दौरान उपजिलाधिकारी सिद्धार्थ एवं सरोजनीनगर तहसील में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलेश प्रताप सिंह, महामंत्री अमितेश श्रीवास्तव, कनिष्ठ उपाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद व अन्य अधिवक्तागण उपस्थित रहे।

बता दें कि डॉ. राजेश्वर सिंह सरोजनी नगर विधायक होने के साथ-साथ सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता भी हैं।उनका मानना है कि वकालत पेशा नहीं बल्कि जनसेवा है।

डॉ. राजेश्वर सिंह ने एक जिम्मेदार अधिवक्ता के रूप में युवाओं के लिए इंटरमीडिएट तक कानून की पढ़ाई अनिवार्य करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में पीआईएल भी दाखिल की है। उनका मानना है कि युवाओं को अपने अधिकारों, कानून, अपराधों और सजा के बारे में बुनियादी ज्ञान होना अति आवश्यक है।

व्यापारियों ने गाजीपुर थाने में दी तहरीर


लखनऊ। भूतनाथ मार्केट में व्यापारियों द्वारा अतिक्रमण की शिकायत करने पर भूतनाथ आदर्श व्यापार मंडल के अध्यक्ष कमल अग्रवाल पर असामाजिक तत्वों ने अधिवक्ताओं के साथ हमला बोल दिया। जिससे व्यापारी कमल अग्रवाल काफी चोटिल हो गए। 

व्यापारी से हुई अभद्रता की सूचना पर उत्तर प्रदेश आदर्श व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता अपने व्यापारी साथियों के साथ गाजीपुर थाने पहुंचे और पुलिस को लिखित तहरीर दी।

 पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है 

पुराना किला गणेश भवन लखनऊ निवासी कमल अग्रवाल ने पुलिस को पुलिस को दी गई तहरीर में बताया है कि भूतनाथ मार्केट में अतिक्रमण की समस्या पर प्रदेश अध्यक्ष संजय गुप्ता के साथ प्रतिष्ठान पर बैठा था उसी समय अतुल मिश्रा नामक एक व्यक्ति बार काउंसिल का पूर्व अध्यक्ष बताते हुए उनसे अभद्रता करने लगा और उन्हें मारने लगा बीच बचाव में आए व्यापारियों से भी कहासुनी की जिसके साथ कई अधिवक्ता बंधु मौजूद रहे।

 मारपीट की इस घटना से व्यापारी आक्रोशित हो गए और गाजीपुर थाने पहुंचे यहां व्यापारियों ने  नारेबाजी करते हुए पुलिस को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तहरीर दी है। पुलिस का कहना है कि पूरे मामले की छानबीन की जा रही है।

पथरी के आपरेशन में चिकित्सक की लापरवाही से मरीज की हुई मौत,परिजनों ने किया हंगामा


लखनऊ। विवादों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले सरदार पटेल(ओपी चौधरी)अस्पताल में भर्ती मरीज की मौत पर जम कर बवाल हुआ।मृतक के परिजनों ने अस्पताल के चिकित्सक पर झूठ बोल कर गुमराह करने के आरोप लगाए हैं।हंगामे के दौरान मौके पर पहुंची पीजीआई थाने की पुलिस ने किसी तरह समझा कर लोगों को शांत कराया।

राजधानी की रायबरेली रोड उतरेठिया के सरदार पटेल(ओपी चौधरी)अस्पताल में गालब्लेडर की पथरी के आप्रेशन के लिये भर्ती कराये गए सैंतीस वर्षीय अरुण कुमार सिंह की मंगलवार की सुबह इलाज के दौरान मौत हो गई।

मृतक अरुण के भाई भूपेंद्र सिंह के मुताबिक बीती 21 फरवरी को अस्पताल ने भर्ती कर लिया था अगले दिन 22 फरवरी को डा० बीएन शुक्ला ने आप्रेशन किया,इस आप्रेशन में डाक्टर की लापरवाही से कोई नस कट गई जिसे खुद डाक्टर भी नहीं समझ पाया।चौबीस फरवरी को उन्हें चिकित्सक ने अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया।घर पहुंच कर दो दिन बाद ही मृतक अरुण को झटके आने शुरू हो गए।दिक्कत बढ़ने पर एक मार्च को डा० बीएन शुक्ला ने उन्हें दोबारा भर्ती कर लिया और तीन मार्च को चिकित्सक ने दोबारा आप्रेशन कर दिया।

किसी दूसरे अस्पताल में दिखाने का नहीं दिया मौका,ऐंठ ली मोटी रकम

आरोप है कि किसी दूसरे अस्पताल या डाक्टर को दिखाने के लिये कहने पर परिजनों को मरीज की तबियत में सुधार होने की बात कह कर चिकित्सक उन्हें गुमराह करता रहा।यही नहीं किसी दूसरे डाक्टर से संपर्क करने के लिये मरीज की फाइल भी परिजनों को देने से इंकार कर दिया गया।पथरी के छोटे आप्रेशन में चिकित्सक की लापरवाही की बदौलत उन्हे दोबारा भर्ती कराना पड़ा।परिजनों को झूठ बोल कर अस्पताल प्रसाशन ने सात लाख से अधिक रकम ऐंठ ली।

दो मासूम बच्चों के सर से उठा पिता का साया,पत्नी का रोरो कर बुरा हाल

मृतक अरुण जनपद हरदोई के बखरिया पिहांनी का रहने वाला था।वर्तमान समय में न्यू डिफेंस कालोनी में किराये के मकान में रह कर चेकमेट सिक्योरिटी कंपनी में कार्यरत था।घर में पत्नी अंशिका और दो बेटे जिसमें सात वर्ष का उत्कर्ष और ग्यारह वर्ष का आकर्ष हैं।पत्नी रह रह कर बेहोश हो रही थी वहीं मासूम बच्चे भी आंखों में आंसू लिये अपने पापा के शव का अस्पताल के बाहर आने का इंतजार कर रहे थे। भाई की तहरीर पर दर्ज हुआ मुकदमा, पोस्टमार्टम के लिये भेजा गया शव

माहौल और बिगड़ता उससे पहले मौके पर पहुंची पीजीआई थाने की पुलिस ने परिजनों और शुभचिंतकों को शान्त कराया।मृतक अरुण के भाई भूपेंद्र ने पीजीआई थाने में चिकित्सक और अस्पताल प्रसाशन के विरुद्ध शिकायत दर्ज करवाई है।पीजीआई पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया है।

परिजनों द्वारा आरोपी बनाए गए डाक्टर बीएन शुक्ला का कहना है कि मरीज ने किसी दूसरे अस्पताल में सीबीडी शिफ्टिंग करवाई थी इसके तीन महीने के अंदर ही आप्रेशन करवाना होता है। मरीज आठ महीने बाद मेरे पास आया तबतक अंदर इंफेक्शन काफी फैल चुका था।

उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से अखिल भारतीय प्रधान संगठन उप्र के प्रतिनिधिमंडल ने भेंटकर बतायीं समस्यायें


लखनऊ। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य से मंगलवार को उनके कैम्प कार्यालय 7-कालिदास मार्ग पर अखिल भारतीय प्रधान संगठन, उप्र के प्रतिनिधिमंडल ने भेंटकर कुछ समस्यायें बतायी और कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव भी दिये।उप मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया कि, नियमानुसार हर समस्या का हर सम्भव निदान किया जायेगा।

प्रतिनिधिमंडल ने ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन फेस-2 तहत जनपद कानपुर देहात के प्रधानों के डोंगल के कथित दुरूपयोग सम्बन्धी प्रकरण को रखा और भी कुछ मांगे रखी। उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा सभी मांगों पर गम्भीरता पूर्वक विचार किया जायेगा और हर सम्भव समाधान किया जायेगा।

लक्ष्य बुन्देलखण्ड जन सेवा समिति ने भी हमीरपुर के विकासखंड मौदहा की ग्राम पंचायत गढ़ा में मनरेगा योजना के सम्बन्ध में शिकायत किया,इस प्रकरण की जांच कराये जाने के निर्देश उप मुख्यमंत्री ने सम्बंधित अधिकारियों को दिए।

उप मुख्यमंत्री मौर्य ने प्रधानो से अपील की कि वह गांवों के विकास हेतु चलाई जा रही योजनाओं के क्रियान्वयन में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे।

कहा कि प्रधानगण गांवों के चहुंमुखी और बहुमुखी विकास के लिए संचालित योजनाओं पर नजर भी रखें और स्थानीय आवश्यकताओ व परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए अपने गांवों के समग्र विकास की ठोस व प्रभावी कार्ययोजना बनाएं । और उसका क्रियान्वयन भी आपसी समन्वय व तारतम्य बनाकर करें। कहा कि गांवों के विकास से ही प्रदेश व देश का विकास होगा।

उप मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रत्येक शुक्रवार को प्रत्येक विकास खण्ड की दो ग्राम पंचायतों में आयोजित की जा रही ग्राम चौपालों के आयोजन में भी सक्रिय रूप से सहभागिता करें और जनप्रतिनिधि होने के नाते भी अपना सामाजिक योगदान दें।