हत्यारे पति को आजीवन कारावास
विधि संवाददाता, मिर्जापुर।अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या दो न्यायाधीश वायु नंदन मिश्रा द्वारा हत्यारे पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई और ससुर को किया दोषमुक्त अभियोजन के अनुसार वादी मुकदमा दुलारे पुत्र स्वर्गीय बद्री निवासी ग्राम तारापुर थाना लंका जिला वाराणसी द्वारा न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया की वादी मुकदमा अपनी पुत्री की शादी 5 वर्ष पूर्व राजकेश् उर्फ मन्ना पुत्र लालता निवासी ग्राम जगन्नाथपुर थाना चुनार जिला मिर्जापुर के साथ किया था।
लगभग 1 साल पहले रस्म गोना में विदा होकर वादी मुकदमा की लड़की अपने ससुराल गई उसी दिन से उसके पति ससुर जेठ जेठानी उपरोक्त लोग कम दहेज मिलने का थाना वादी मुकदमा की लड़की को देते और शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताड़ित करने लगे तथा मारने पीटने लगे ससुराल वालों द्वारा वादी मुकदमा की लड़की से ₹200000 दहेज में लाने का दबाव बनाया जाता था और राजी ना होने पर मारा पीटा जाता था तथा जलाकर मार डालने की धमकी भी दी जाती थी।वादी मुकदमा की लड़की जब भी विदा होकर घर आती तो उपरोक्त सारी बात वादी मुकदमा को बताती है 21 अगस्त 2011 को वादी मुकदमा को सूचना मिला की वादी मुकदमा की लड़की को ससुराल के लोग जला दिए हैं।
वह जनसेवा अस्पताल रामनगर में भर्ती है सूचना पाने पर वादी मुकदमा जनसेवा अस्पताल गया तो ससुराल वाले अस्पताल से भाग गए उसी दिन अस्पताल में वादी मुकदमा की लड़की की मृत्यु हो गई अस्पताल में जगन्नाथपुर के तमाम लोग मौजूद थे उन लोगों द्वारा बताया गया कि दहेज की खातिर वादी मुकदमा की लड़की को जलाकर मार दिया गया है। वादी मुकदमा द्वारा थाना में सूचना दिया गया परंतु थाना हाजा में कोई मुकदमा पंजीकृत नहीं हुआ तो वादी मुकदमा न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया न्यायालय के आदेश से थाना चुनाव को मुकदमा पंजीकृत करने के लिए आदेशित किया गया।
मुकदमा दर्ज होने के बाद मुकदमा उपरोक्त में आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया मामले को साबित करने के लिए सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता सच्चिदानंद तिवारी द्वारा कुल 7 गवाह न्यायालय में प्रस्तुत किया गया।पत्रावली में मौजूद साक्ष्य के आधार पर न्यायालय द्वारा लालसा पुत्र हरू ससुर को दोषमुक्त कर पति राजकेश् उर्फ मन्ना पुत्र लालता निवासी ग्राम जगन्नाथपुर थाना चुनार जिला मिर्जापुर को दोष सिद्ध ठहराते हुए हुए आजीवन कारावास व ₹10000 के अर्थदंड से दंडित किया गया।
Mar 01 2023, 16:30