*श्रीकृष्ण ने बाल सखा सुदामा को धनवान बनाकर धर्म स्थापित किए:आचार्य आनन्द जी महराज*
अमेठी।भगवान श्रीकृष्ण के रुक्मणी विवाह की संजीव लीला की गयी। रुक्मणी विवाह मे लोगो ने पाव पूजी की। वही श्रीकृष्ण के बाल सखा सुदामा मिलन पर लोगों भाव बिभोर हो उठे। सुदामा चरित्र की कथा सुन लोगों की आखे नम श्रोताओं की हो गई।
जिले में सोमवार को विकासखंड क्षेत्र के कड़ेर गांव में मुख्य यजमान देवीप्रसाद मिश्र ,दुर्गावती देवी के निवास स्थान पर चल रही श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक आनंद जी महाराज ने भगवान की बाल लीला, कंस वध, अग्रसेन को सिंहासन, भगवान की शिक्षा दीक्षा, सुदामा चरित एवं रुक्मणी विवाह की कथाओं का अनुपम वर्णन किया। कथा व्यास आचार्य आगे कहा कि सुदामा चरित की कथा पर प्रकाश डालते हुए कहा सुदामा की पत्नी सुशीला ने अपनी दरिद्रता से निवारण के लिए सुदामा को द्वारिकाधीश से मिलने के लिए पडोस से तीन मुठ्ठी चावल मांगकर भेंट स्वरूप अर्पित करने के लिये दिये और उन्हें भगवान से मिलने के लिए भेजा।
अधिक परिश्रम करके सुदामा भगवान श्री कृष्ण से मिलने द्वारकापुरी पहुंचे। जहां तीन मुठ्ठी चावल की भेंट श्री कृष्ण ने अथाह प्रेम एवं ममता पूर्ण स्नेह से अंगीकार कर दो मुठ्ठी सुखे ही स्वाद से खाने लगे शेष एक मुठ्ठी चावल के लिये जैसे ही उन्होंने हाथ बढाया तभी पटरानी रुक्मणी जी ने अपने लिये भी प्रसाद स्वरूप याचना की।जिसके बदले में श्रीकृष्ण ने सुदामा को दरिद्रता दूर कर धनवान बना दिया। इस दौरान कथावाचक ने भगवान और सुदामा के मिलन का भावपूर्ण चित्रण किया। श्रीकृष्ण ने अपने आसूंओं से सुदामा के चरण धोए और अच्छे कपडे पहनाकर ऊंचे आसन पर बैठाया।
कथा के दौरान भगवान कृष्ण और रुक्मणी के विवाह की सुन्दर झांकी सजाई गई। श्रद्धालुओं ने झांकी पर गुलाब की पंखुडियां बरसाकर स्वागत किया। इसके बाद आचार्य ने रुक्मिणी विवाह की कथा सुनाई। कथा श्रवण में धर्मराज मिश्र, देवी शंकर मिश्र, राममूर्ति मिश्र, मोहित मिश्र, अंकित मिश्र, दुर्गेश तिवारी, निखिल अविरल प्रियांश , महिलाओं समेत भारी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
Feb 06 2023, 18:16