राज्य सरकार ने पूर्वी कोलकाता आर्द्रभूमि क्षेत्र के लिए आवंटित किये दो करोड़ रुपये
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में पर्यावरण विभाग ने बिधाननगर नगर निगम (बीएमसी) को बोंगघेरी भेरी से अतिक्रमण को हटाने के बाद ‘ड्रेजिंग' का काम शुरू करने के लिए दो करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. बोंगघेरी भेरी रामसर-मान्यता प्राप्त स्थल पूर्वी कोलकाता आर्द्रभूमि का हिस्सा है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बीएमसी के साथ मिलकर चिंगरीघाट क्रॉसिंग के पास अवैध बस्तियों को पहले ही हटा दिया है और निगम द्वारा ड्रेजिंग (नदी, नहर आदि के तले पर जमे कीचड़ को विशेष मशीन से साफ करना) का काम जल्द ही शुरू होगा.
उन्होंने कहा, ‘‘यह बीएमसी के अधिकार क्षेत्र में आता है और पर्यावरण विभाग पहले ही निगम को दो करोड़ रुपये जारी कर चुका है. अतिक्रमण करने वालों को पहले ही हटा दिया गया है और भेरी को संवारने का काम जल्द ही शुरू हो जाएगा. विभाग को यकीन है कि अतिक्रमण वाला पूरा क्षेत्र अपने मूल स्वरूप में वापस आ जाएगा.'' 50 एकड़ में फैले इस जलाशय के दो हिस्से हैं - बोड़ो बोंगहेरी भेरी और छोटो बोंगहेरी भेरी. ये एक साथ मिलकर 31,000 एकड़ पूर्वी कोलकाता आर्द्रभूमि क्षेत्र का हिस्सा बनाते हैं, जो एक रामसर स्थल भी है. रामसर स्थल, 1971 में यूनेस्को द्वारा की गई एक अंतर सरकारी संधि ‘रामसर संधि' के तहत वैश्विक महत्व की आर्द्रभूमि है.
पर्यावरणविद् एसएम घोष ने पर्यावरण विभाग की इस पहल की सराहना की है. घोष ने कहा, ‘‘पूर्वी कोलकाता आर्द्रभूमि अपशिष्टों को शुद्ध करके पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. कुछ गलत लोग विशाल जल निकाय के कुछ हिस्सों को भर रहे थे. यदि इसे रोका नहीं गया होता, तो इस तरह के निराशाजनक कार्य जारी रहते. शहर और इसके पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरे का सामना करना पड़ता.'' रामसर कनवेंशन में भारत के 25 वेटलैंड्स को शामिल किया गया हैय इस सूची में भारत के चिल्का लेक, भोज वेटलैंड, चंद्र ताल, कांजली वेटलैंड, रेणुका लेक, रुद्रसागर लेक आदि को भी जगह मिली है.
Jun 07 2022, 15:30