संकिसा को संवराने में जुटी योगी सरकार, 7 करोड़ से होंगे विकास कार्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन को लेकर सरकार का विशेष फोकस जारी है। अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज जैसे परंपरागत धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अब बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में तेज़ी से इजाफा हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने फर्रुखाबाद जिले के संकिसा स्थित बौद्ध मठों के सौंदर्यीकरण और अवस्थापना विकास के लिए 7 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजना शुरू की है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि संकिसा को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से मठ परिसर में सड़कों का सुधार, शौचालय, पेयजल, विश्राम स्थल, सूचना पट्ट और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

संकिसा फर्रुखाबाद जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां कंबोडिया, श्रीलंका, म्यांमार और जापान जैसे देशों की शैली में बने भव्य बौद्ध मठ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। ठहरने के लिए होटल, आवास गृह और गेस्ट हाउस की भी सुविधा मौजूद है।

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में राज्य में कुल 61,47,826 बौद्ध पर्यटक आए, जो सरकार के प्रयासों का प्रमाण है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर बौद्ध पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

* पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का तीन दिवसीय दौरा आज से

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह 20 जून से आगरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद के दौरे पर रहेंगे। शुक्रवार को वे कानपुर में एक होटल का उद्घाटन करेंगे और उमरन ढाबा पर स्वागत समारोह में शामिल होंगे। 21 जून को आगरा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे और जन समस्याएं भी सुनेंगे। मैनपुरी में सड़क लोकार्पण करेंगे। 22 जून को फिरोजाबाद के सिरसागंज में जनसुनवाई करेंगे और 23 जून को लखनऊ लौटेंगे।

India’s Premium Pleasure Products Brand ‘Freaky Fun’ Sees Rapid Growth Across E-Commerce Market

The new-age brands are coming up to the challenge to fulfill new-age consumer demands, which is experiencing a silent revolution in India, as the country develops interest in personal wellness and intimate lifestyle products. Freaky Fun has become one of the leading high-performance pleasure product destination sites with its fast-growing popularity among thousands of customers in the country. The overall success of the brand does not lie in its huge variety of goods only, but also in its devotion to the best quality, privacy, and undisrupted service, which is important to the intended modern, metropolitan Indian population of customers.

Having been launched out of New Delhi, Freaky Fun has been gradually finding its niche in a target market that values discreteness of shopping and reliability of products the most. The platform is dedicated to offering high-quality, skin-friendly, and well-designed products with promises to ensure the safety of their products. With that, the platform is a top-notch solution to the lack of options Indian consumers previously had to deal with. Today, the brand site demonstrates an abundant line of offers, so it serves a wide audience of individual preferences and wellness needs.

Of special interest is the ability of Freaky Fun to grow its product range to fit into the contemporary lifestyle. As well as advanced and remote-control-operated toys and innovations that can be used through an application, the brand does not lack one of the features, as well as carefully designed wearable products and massagers designed to relieve discomfort in the body. Some of the trending products that promote the increasing number of customers on the platform include vibrating bead stimulators, inflatable massagers, finer silicone-based personal tools, and sophisticated wearable devices.

In addition to diversity, the brand puts a lot of focus on discretion and trust, which are rather essential aspects in such a market as India, where privacy concerning individual purchases is an essential point. All the products that are ordered under Freaky Fun are mailed in unmarked packages that are very secure, and the online store guarantees a very smooth and discreet shopping experience. The strategy has gained a high level of consumer confidence where over 5,000 customers have already accessed its services and a high number of repeat customers are emerging.

Since personal wellness is a more and more popular subject among India’s young and educated customers, Freaky Fun can easily respond to the growing demand. The change in general opinion can hardly go unnoticed anymore, where things perceived to be taboo several years ago are now a subject of discussion asynchronously as self-care and a transition to a modern lifestyle. Its e-commerce customer experience is smooth, customer care is round the clock, and delivery is fast within the nation. All these have enhanced its attractiveness to the generation of digitally connected people in India.

Freaky Fun, in many ways, shows a change of culture. As Indian customers adopt new concepts about pleasure and personal well-being, brands that focus on safety, quality, and respect for privacy have never had such an opportunity to grow. The story of Freaky Fun confirming its rapid growth in this segment shows that this market could become very profitable, and the key to success is to offer the consumer-first, trustworthy experience.

As its product line expands, its customer base remains loyal, and its profile grows more and more visible, Freaky Fun will soon be one of the leading names in personal wellness online circulation in India, and this is the beginning of a new era of how the nation can handle intimate lifestyle products.

To explore their offerings and stay connected, visit their website and follow them on social media: Facebook, Instagram, Twitter, and Pinterest.

हिस्ट्रीशीटर व गैंग लीडर हिमांशु सिंह समेत दो इनाम घोषित अपराधी गिरफ्तार,क‌ई माह से पुलिस को थी तलाश

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही की सुरियावां पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने महाराष्ट्र से दो कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित था। गिरफ्तार अपराधियों में गैंग लीडर हिमांशु सिंह उर्फ कल्लू और उदल सिंह शामिल हैं। अपर पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल के अनुसार, हिमांशु सिंह कानकपुर नेड़ी का रहने वाला है। उदल सिंह भीमसेनपुर का निवासी है। दोनों थाना सुरियावां क्षेत्र के रहने वाले हैं।

गैंग लीडर हिमांशु अपने गिरोह के साथ अवैध हथियारों से लैस होकर बाइक चोरी, लूट और राहजनी की वारदातों को अंजाम देता था।26 मार्च 2025 को थाना भदोही में तीन आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि एक अभी फरार है। हिमांशु सिंह पर भदोही जिले के विभिन्न थानों में गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट, लूट, मारपीट, धमकी और बलवा जैसे 6 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। उदल सिंह पर भी गैंगस्टर, बलवा, लूट और गुंडा एक्ट सहित 7 गंभीर मामले दर्ज हैं। गिरफ्तारी में सुरियावां थाने से उपनिरीक्षक सुरेश यादव और आरक्षी गुफरान यादव शामिल थे। एसओजी टीम से आरक्षी अहमद सिंह और आरक्षी सेराजुल हसन ने भी अभियान में भाग लिया।

दलित महिला को मारपीट कर गहना नगदी, बाइक लेकर फरार चल रहे युवक की तलाश में पहुंची प्रयागराज पुलिस ने आरोपी को पिता को उठाया

मिर्ज़ापुर। जिले के हलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मतवार पुलिस चौकी क्षेत्र के रामपुर नौडिहा गांव निवासी ऋषिराज पाल को एक मामले में प्रयागराज की करैली थाना पुलिस अपने साथ ले गई है। बताया जा रहा है कि प्रयागराज के करैली में रह रही एक दलित महिला के साथ शादी के नाम पर पिछले कई सालों से शारीरिक संबंध स्थापित करते हुए आए रामबली पाल उर्फ़ राजू पुत्र ऋषिराज पाल निवासी 

रामपुर नौडिहा, मतवार (हलिया) शादी के नाम पर मुकरता आया था। बाद में पीड़िता से पीछा छुड़ाने के लिए पीड़िता पर जानलेवा हमला बोल उसके बेटे की बाइक, नगदी, गहने इत्यादि लेकर फरार हो गया था, जिसकी तलाश पिछले दो सालों से पुलिस कर रही थी। 

आखिरकार बुधवार, 18 जून 2025 को दोपहर तीन बजे सीओ बैरहना, प्रयागराज के निर्देश आई पुलिस की ने छापा आरोपी के पिता ऋषिराज पाल को अपने साथ ले गई है।

बताते चलें कि इसके पूर्व भी एक बार प्रयागराज की करैली थाना पुलिस ने छापा मारा था तब भी आरोपी रामबली पाल फरार हो गया था।

डैडी बुलाने वाली 7 साल की बच्ची पर भी रही बुरी नजर

पीड़िता के मुताबिक रामबली पाल काफ़ी शातिर किस्म का है। वह डाक्टर होने का सब्जबाग दिखाकर महिलाओं लड़कियों को फांस उनसे नजदीकियां बढ़ाता था। पीड़िता के मुताबिक वह उसकी सात साल की मासूम बेटी पर भी भी बुरी नज़र रख रहा था। जबकि बेटी उसे डैडी बुलाया करती थी। बेटी को डरा धमकाकर कर उसके साथ उसने छेड़छाड़ भी किया है, जिसे मासूम बेटी आज भी भुला नहीं पाई है। पीड़िता के मुताबिक यदि उसे इस बार न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री दरबार में जाकर अपनी फरियाद सुनाएंगी।

प्रदेश सरकार किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर कृषक के परिवार को दे रही है रू0 05 लाख की आर्थिक सहायता

गोंडा। 19 जून, 2025 - हमारे देश का किसान अपनी फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक बड़ी जीतोड़ मेहनत करता है। चाहे गर्मी का मौसम हो, सर्दी का मौसम हो या बरसात का मौसम हो हमारे देश का किसान हर मौसम से लड़ते हुए बहुत मेहनत से फसल को घर तक ले आता है। इस दौरान ठंड गर्मी या आकाशीय बिजली गिरने, किसी दुर्घटना से कभी-कभी किसानों की मौत भी हो सकती है। इस तरह परिवार के कमाऊ सदस्य की असामयिक मौत या दुर्घटना हो जाने से किसान परिवार के ऊपर दुखों का पहाड टूट पड़ता है। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ’उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरूआत की है। यदि किसी किसान की असामयिक मृत्यु/दिव्यांगता होती है तो उसके परिवार को रु0 05 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी और इस योजना का संचालन जिले के जिलाधिकारी द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत जो किसान 14 सितंबर 2019 के बाद से किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है।

किसानों की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि ही होता है, अगर किसी परिवार के कमाऊ सदस्य किसान की दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है, या वह शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है, जिसके कारण वह कृषि करने के लायक नहीं रह जाता तो उसके परिवार की जीविका चलाने के लिए कोई साधन नहीं बचता है। इसी समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू करने का निर्णय लिया है। उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसी किसान की दुर्घटनावश असामयिक मृत्यु हो जाती है तो उसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रु0 05 लाख तक का मुआवजा प्रदान किया जाता है और यदि किसान की मृत्यु नहीं होती है फिर भी वह विकलांग होता है तो उसे आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत राज्य के सभी किसानों को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत्यु/गंभीर घायलों को लाभ प्राप्त होता है, जिनमें सांप अथवा अन्य जीव-जंतु व जानवर के काटने, मारने व आक्रमण की स्थिति में, आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति मे, हत्या, आतंकवादी हमला, लूट, डकैती, मारपीट में हुई दुर्घटना में, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने से, रेल, सड़क और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटना, आंधी-तूफान, वृक्ष गिरने, दबने व मकान गिरने से होने वाली क्षति के कारण, आकाश से बिजली गिरने, आग लगने, बाढ़ आदि में होने वाली दुर्घटना की स्थिति में और सीवर चैम्बर में गिरने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति में किसान / संबंधित परिवार को लाभान्वित किया जाता है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ उन्ही किसानों को दिया जायेगा जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के मध्य हो। भूलेख निर्गत खतौनी में दर्ज खातेदार/सह खातेदार, भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त कृषि भूमि के पट्टाधारक हो या बटाईदार जो कृषि का कार्य करते हो उनकी दुर्घटनावश मृत्यु अथवा विकलांगता के शिकार हुए हों उनके माता-पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्रवधू, पौत्र-पौत्री जिनकी आय का जरिया खातेदार / सहखातेदार में दर्ज कृषिभूमि से चलता हो, इस योजना के लिए पात्र होंगें। ऐसे किसान जिनके पास खुद की जमीन नहीं है किन्तु वह बटाई अथवा पट्टे की भूमि लेकर खेती करतें हैं उन्हें अथवा उनके आश्रितों को भी योजना का लाभ दिया जाता है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आवेदन करने हेतु प्रमुख दस्तावेज लगाने होते है जिनमें तहसील से प्राप्त खतौनी की प्रमाणित प्रति, रजिस्टर्ड निजी पट्टेदार हेतु प्रस्तर् 3 (क) के अनुसार पट्टे की प्रमाणित प्रति, बटाईदार हेतु प्रस्तर 3 (ख) के अनुसार कोई एक प्रमाण पत्र, नृतक विकलांग व्यक्ति की आयु का प्रमाण, मृत्यु प्रमाण पत्र, मृतक / विकलांग निवास का प्रमाण, मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है वहां पर पंचनामा, दिव्यांगता की स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, मृतक के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति संलग्न करने होते है।

प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सफल एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन किये जाने हेतु वेबपोर्टल/सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जो आमजनता के लिए क्रियाशील है। उत्तर प्रदेश में इस योजनान्तर्गत शुरूआत से लेकर अब तक कुल प्रदेश के दुर्घटनाग्रस्त मृत्यु पर 1,01,237 किसानों को रू0 4252.50 करोड़ का वितरण करते हुए लाभान्वित किया गया है।

सीएचसी हलधरमऊ में कन्या जन्मोत्सव का आयोजन

गोण्डा। 19 जून, 2025।

 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हलधरमऊ में बृहस्पतिवार को कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महिला कल्याण विभाग द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया। बालिकाओं के जन्म को उत्सव के रूप में मनाकर समाज में सकारात्मक संदेश देने और लिंग समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत अधीक्षक डॉ. संत प्रताप वर्मा, डॉ. अरुन तथा हलधरमऊ चौकी इंचार्ज उपनिरीक्षक बृजेश कुमार द्वारा बालिका से केक कटवाकर की गई। 

इस अवसर पर सेंटर मैनेजर चेतना सिंह ने वन स्टॉप सेंटर पर महिलाओं को मिलने वाली सहायता और सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना समन्वयक आशीष मिश्र ने बच्चों के लिए संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी साझा की। जिला मिशन कोऑर्डिनेटर (एचईडब्लू) शिवेंद्र श्रीवास्तव ने महिलाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।

 वहीं जेंडर स्पेशलिस्ट ज्योत्सना सिंह ने महिलाओं के लिए चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। जेंडर स्पेशलिस्ट राजकुमार आर्य ने ‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ योजना की जानकारी साझा की। 

कार्यक्रम में बीपीएम अभिषेक त्रिपाठी, केस वर्कर मुकेश भारद्वाज, कांस्टेबल मणिकांत चौहान आशा कार्यकर्ता, अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी और लाभार्थी उपस्थित रहे।

डीएम की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति/ जिला गंगा समिति की बैठक हुई सम्पन्न


गोण्डा 19 जून, 2025। बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यावरणीय समिति/ जिला गंगा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें उन्होंने वर्ष -2025 में होने वाले वृक्षारोपण के लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत पौधरोपण करने की तैयारी समय से पहले करना सुनिश्चित करें। बैठक में सभी विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि यह सुनिश्चित करें सभी तैयारियां पूर्ण कर लें।समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग अपने-अपने विभाग में लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत गढ्ढे की जीयोटैगिंग कर लें।

इसके अलावा जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनपद में वेटलैंड को अतिक्रमण एवं जलकुंभी से मुक्त किया जाए साथ ही जो वेटलैंड मृत हो चुके हैं उन्हें पुनर्जीवित किया जाए। बैठक के सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि दो दिवस के अंदर पौधों की मांग पत्र अनिवार्य रूप से भेज दें।

वालपेटिंग वाली दीवालों पर पोस्टर लगाने वाले संस्थाओं पर लगेगा जुर्माना।

बैठक में जिलाधिकारी ने नगरपालिका गोण्डा को निर्देश दिये हैं कि शहर से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण समय से कराते रहे। साथ ही खनन विभाग को निर्देश दिया गया है कि जनपद के सभी ईंट भट्ठों का नियमानुसार निरीक्षण करें, तथा जनपद में हो रहे, अवैध खनन को प्रभावी कार्यवाही करते हुए रोक लगायें। ताकि जनपद में कोई भी ईंट भट्ठा अवैध रूप से न चलने पाये। साथ ही साथ जनपद में अवैध खनन पर विशेष ध्यान दिया जाय, ताकि जनपद में कहीं पर अवैध रूप से मिट्टी खनन न होने पाये।

बैठक में डीएम ने सभी विभाग के अधिकारियों से पौधारोपण की गहन समीक्षा करते हुए सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत पौधों के जीयोटैगिंग करना सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बार वृक्षारोपण के समय जनपद के सभी नदियों के किनारे विभिन्न प्रकार के पौधे रोपित किए जाएंगे। इसके लिए सभी विभाग के अधिकारी पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर लें।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, प्रभागीय वनाधिकारी पंकज कुमार शुक्ल, डीसी मनरेगा, खनन विभाग, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येंद्र सिंह, नगर पालिका गोण्डा, और नगर पंचायत सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री सीता समाहित स्थल का जलाशय सूखा

नितेश श्रीवास्तव,भदोही । चिलचिलाती धूप और बेहाल कर देने वाली गर्मी में क्षेत्र के तालाब सूखने लगे हैं। जलाशयों, पोखरों में पानी सूख जाने से बेजुबान पशु- पक्षी पानी के लिए परेशान हैं। जिले के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल सीतामढ़ी के श्री सीता समाहित स्थल मंदिर का प्राकृतिक जलाशय लगभग सूख गया है। इससे जलीय जीव जंतु और जलाशय की मछलियां पानी के अभाव में दम तोड़ने लगी हैं। मछलियों के मरने से मंदिर के आसपास दुर्गंध फैलने लगी है। मंदिर के प्राकृतिक जलाशय में डीघ रजवाहा नहर के माध्यम से पानी आता है। इन दिनों पानी सूख जाने से न सिर्फ मंदिर की सुंदरता पर ग्रहण लगने लगा है बल्कि सबसे बड़ी समस्या जलाशय के जीव जंतुओं के जीवन पर देखा जा रहा है।

मंदिर के प्रबंधक कैलाश चंद्र ने बताया कि भीषण गर्मी के कारण जलाशय का पानी सूख गया है। कुछ जगह बहुत थोड़ा पानी बचा है जो जलीय जीव जंतुओं के लिए पर्याप्त नहीं है। पानी की कमी से जलाशय की सैकड़ों मछलियों के साथ अन्य जलीय जीव जंतु मरने लगे हैं। कहा कि नहर विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।

ईरान-इजरायल युद्ध के बीच 40 फीसदी बढ़ गया ट्रांसपोर्टेशन खर्च

नितेश श्रीवास्तव,भदोही ‌। विश्व में फैले अस्थिरता के माहौल के बीच कालीन उद्योग की चुनौतियां बढ़ गई हैं। अभी अमेरिकी टैरिफ से राहत मिली नहीं कि ईरान-इजराइल युद्ध ने निर्यातकों की परेशानी बढ़ा दी है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के कारण जहाजों को घूमकर अमेरिका और यूरोप जाना पड़ रहा है। इससे 40 फीसदी तक ट्रांसपोर्टेशन कास्ट बढ़ा है। अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक परिस्थतियों के कारण पहले से ही करीब एक हजार करोड़ के माल डंप है। 

अब नई चुनौतियों ने निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के आंकड़ों के मुताबिक भारत का कुल निर्यात लगभग 15 हजार करोड़ है। इसमें 50 फीसदी निर्यात अमेरिका में होता है। इसके बाद यूरोप का नंबर आता है, जो लगभग 35 प्रतिशत है। बाकी 15 प्रतिशत निर्यात अन्य देशों को होता है। बीते साल से ही वैश्विक अस्थिरता के माहौल ने भारतीय कालीन उद्योग को प्रभावित किया है। पहले रूस-यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच परेशानियां बढ़ी। उसके बाद इजरायल और फिलीस्तीन के बीच युद्ध छिड़ गया। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नए टैरिफ की घोषणा कर भारतीय उद्यमियों को सकते में डाल दिया। 

नए टारिफ की घोषणा होते ही अमेरिकियों ने अपने पुराने आर्डर धड़ाधड़ रोक दिए। इससे स्थिति विषम हो गई।

सिपाही भर्ती में चयनित महिला अभ्यर्थियों के लिए ट्रेनिंग गाइडलाइन जारी, गर्भवती होने पर छोड़नी होगी ट्रेनिंग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही नागरिक पुलिस भर्ती के तहत चयनित 60,244 अभ्यर्थियों में से 12,048 महिलाएं शामिल हैं। इन महिला सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी विशेष गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिनका पालन अनिवार्य होगा।

नियमों के अनुसार, गर्भवती महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं बन सकेंगी। यदि किसी महिला सिपाही को प्रशिक्षण के दौरान गर्भावस्था की पुष्टि होती है, तो उसे प्रशिक्षण से तत्काल वापस भेजा जाएगा। हालांकि, डिलीवरी के बाद उन्हें एक वर्ष के भीतर अगली प्रशिक्षण सत्र में फिर से शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।

महिला प्रशिक्षु की ट्रेनिंग अवधि यदि साढ़े चार माह से कम बची हो, तो उन्हें पूरी ट्रेनिंग फिर से नए सिरे से करनी होगी। लेकिन अगर प्रशिक्षण का बड़ा हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका है, तो वह वहीं से दोबारा शुरू कर सकती हैं, जहां से उन्होंने छोड़ा था।

इसके अलावा, प्रशिक्षण शुरू होने से पहले या इसके दौरान गर्भपात की स्थिति में महिला को जिला मुख्य चिकित्साधिकारी से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। यदि महिला उत्तर प्रदेश से बाहर की निवासी है, तो उसे प्रशिक्षण स्थल के जिले के CMO से यह प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।

यदि किसी महिला ने प्रशिक्षण शुरू होने से एक साल पहले ही प्रसव कराया है, तो उसे भी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा। इन नियमों का उद्देश्य महिला सिपाहियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखना है।

संकिसा को संवराने में जुटी योगी सरकार, 7 करोड़ से होंगे विकास कार्य

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में बौद्ध पर्यटन को लेकर सरकार का विशेष फोकस जारी है। अयोध्या, वाराणसी और प्रयागराज जैसे परंपरागत धार्मिक स्थलों के साथ-साथ अब बौद्ध धर्म से जुड़े स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की संख्या में तेज़ी से इजाफा हो रहा है। इसी क्रम में पर्यटन विभाग ने फर्रुखाबाद जिले के संकिसा स्थित बौद्ध मठों के सौंदर्यीकरण और अवस्थापना विकास के लिए 7 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजना शुरू की है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने जानकारी दी कि संकिसा को अंतरराष्ट्रीय बौद्ध पर्यटन मानचित्र पर स्थापित करने के उद्देश्य से मठ परिसर में सड़कों का सुधार, शौचालय, पेयजल, विश्राम स्थल, सूचना पट्ट और अन्य बुनियादी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार न केवल पर्यटन को बढ़ावा देना चाहती है, बल्कि इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।

संकिसा फर्रुखाबाद जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां कंबोडिया, श्रीलंका, म्यांमार और जापान जैसे देशों की शैली में बने भव्य बौद्ध मठ पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। ठहरने के लिए होटल, आवास गृह और गेस्ट हाउस की भी सुविधा मौजूद है।

मंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में राज्य में कुल 61,47,826 बौद्ध पर्यटक आए, जो सरकार के प्रयासों का प्रमाण है। उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश को वैश्विक स्तर पर बौद्ध पर्यटन के केंद्र के रूप में स्थापित करने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है।

* पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का तीन दिवसीय दौरा आज से

उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह 20 जून से आगरा, मैनपुरी और फिरोजाबाद के दौरे पर रहेंगे। शुक्रवार को वे कानपुर में एक होटल का उद्घाटन करेंगे और उमरन ढाबा पर स्वागत समारोह में शामिल होंगे। 21 जून को आगरा में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे और जन समस्याएं भी सुनेंगे। मैनपुरी में सड़क लोकार्पण करेंगे। 22 जून को फिरोजाबाद के सिरसागंज में जनसुनवाई करेंगे और 23 जून को लखनऊ लौटेंगे।

India’s Premium Pleasure Products Brand ‘Freaky Fun’ Sees Rapid Growth Across E-Commerce Market

The new-age brands are coming up to the challenge to fulfill new-age consumer demands, which is experiencing a silent revolution in India, as the country develops interest in personal wellness and intimate lifestyle products. Freaky Fun has become one of the leading high-performance pleasure product destination sites with its fast-growing popularity among thousands of customers in the country. The overall success of the brand does not lie in its huge variety of goods only, but also in its devotion to the best quality, privacy, and undisrupted service, which is important to the intended modern, metropolitan Indian population of customers.

Having been launched out of New Delhi, Freaky Fun has been gradually finding its niche in a target market that values discreteness of shopping and reliability of products the most. The platform is dedicated to offering high-quality, skin-friendly, and well-designed products with promises to ensure the safety of their products. With that, the platform is a top-notch solution to the lack of options Indian consumers previously had to deal with. Today, the brand site demonstrates an abundant line of offers, so it serves a wide audience of individual preferences and wellness needs.

Of special interest is the ability of Freaky Fun to grow its product range to fit into the contemporary lifestyle. As well as advanced and remote-control-operated toys and innovations that can be used through an application, the brand does not lack one of the features, as well as carefully designed wearable products and massagers designed to relieve discomfort in the body. Some of the trending products that promote the increasing number of customers on the platform include vibrating bead stimulators, inflatable massagers, finer silicone-based personal tools, and sophisticated wearable devices.

In addition to diversity, the brand puts a lot of focus on discretion and trust, which are rather essential aspects in such a market as India, where privacy concerning individual purchases is an essential point. All the products that are ordered under Freaky Fun are mailed in unmarked packages that are very secure, and the online store guarantees a very smooth and discreet shopping experience. The strategy has gained a high level of consumer confidence where over 5,000 customers have already accessed its services and a high number of repeat customers are emerging.

Since personal wellness is a more and more popular subject among India’s young and educated customers, Freaky Fun can easily respond to the growing demand. The change in general opinion can hardly go unnoticed anymore, where things perceived to be taboo several years ago are now a subject of discussion asynchronously as self-care and a transition to a modern lifestyle. Its e-commerce customer experience is smooth, customer care is round the clock, and delivery is fast within the nation. All these have enhanced its attractiveness to the generation of digitally connected people in India.

Freaky Fun, in many ways, shows a change of culture. As Indian customers adopt new concepts about pleasure and personal well-being, brands that focus on safety, quality, and respect for privacy have never had such an opportunity to grow. The story of Freaky Fun confirming its rapid growth in this segment shows that this market could become very profitable, and the key to success is to offer the consumer-first, trustworthy experience.

As its product line expands, its customer base remains loyal, and its profile grows more and more visible, Freaky Fun will soon be one of the leading names in personal wellness online circulation in India, and this is the beginning of a new era of how the nation can handle intimate lifestyle products.

To explore their offerings and stay connected, visit their website and follow them on social media: Facebook, Instagram, Twitter, and Pinterest.

हिस्ट्रीशीटर व गैंग लीडर हिमांशु सिंह समेत दो इनाम घोषित अपराधी गिरफ्तार,क‌ई माह से पुलिस को थी तलाश

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही की सुरियावां पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने महाराष्ट्र से दो कुख्यात अपराधियों को गिरफ्तार किया है। दोनों पर 10-10 हजार रुपए का इनाम घोषित था। गिरफ्तार अपराधियों में गैंग लीडर हिमांशु सिंह उर्फ कल्लू और उदल सिंह शामिल हैं। अपर पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल के अनुसार, हिमांशु सिंह कानकपुर नेड़ी का रहने वाला है। उदल सिंह भीमसेनपुर का निवासी है। दोनों थाना सुरियावां क्षेत्र के रहने वाले हैं।

गैंग लीडर हिमांशु अपने गिरोह के साथ अवैध हथियारों से लैस होकर बाइक चोरी, लूट और राहजनी की वारदातों को अंजाम देता था।26 मार्च 2025 को थाना भदोही में तीन आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। इनमें से दो की गिरफ्तारी हो चुकी है, जबकि एक अभी फरार है। हिमांशु सिंह पर भदोही जिले के विभिन्न थानों में गैंगस्टर, आर्म्स एक्ट, लूट, मारपीट, धमकी और बलवा जैसे 6 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। उदल सिंह पर भी गैंगस्टर, बलवा, लूट और गुंडा एक्ट सहित 7 गंभीर मामले दर्ज हैं। गिरफ्तारी में सुरियावां थाने से उपनिरीक्षक सुरेश यादव और आरक्षी गुफरान यादव शामिल थे। एसओजी टीम से आरक्षी अहमद सिंह और आरक्षी सेराजुल हसन ने भी अभियान में भाग लिया।

दलित महिला को मारपीट कर गहना नगदी, बाइक लेकर फरार चल रहे युवक की तलाश में पहुंची प्रयागराज पुलिस ने आरोपी को पिता को उठाया

मिर्ज़ापुर। जिले के हलिया थाना क्षेत्र अंतर्गत मतवार पुलिस चौकी क्षेत्र के रामपुर नौडिहा गांव निवासी ऋषिराज पाल को एक मामले में प्रयागराज की करैली थाना पुलिस अपने साथ ले गई है। बताया जा रहा है कि प्रयागराज के करैली में रह रही एक दलित महिला के साथ शादी के नाम पर पिछले कई सालों से शारीरिक संबंध स्थापित करते हुए आए रामबली पाल उर्फ़ राजू पुत्र ऋषिराज पाल निवासी 

रामपुर नौडिहा, मतवार (हलिया) शादी के नाम पर मुकरता आया था। बाद में पीड़िता से पीछा छुड़ाने के लिए पीड़िता पर जानलेवा हमला बोल उसके बेटे की बाइक, नगदी, गहने इत्यादि लेकर फरार हो गया था, जिसकी तलाश पिछले दो सालों से पुलिस कर रही थी। 

आखिरकार बुधवार, 18 जून 2025 को दोपहर तीन बजे सीओ बैरहना, प्रयागराज के निर्देश आई पुलिस की ने छापा आरोपी के पिता ऋषिराज पाल को अपने साथ ले गई है।

बताते चलें कि इसके पूर्व भी एक बार प्रयागराज की करैली थाना पुलिस ने छापा मारा था तब भी आरोपी रामबली पाल फरार हो गया था।

डैडी बुलाने वाली 7 साल की बच्ची पर भी रही बुरी नजर

पीड़िता के मुताबिक रामबली पाल काफ़ी शातिर किस्म का है। वह डाक्टर होने का सब्जबाग दिखाकर महिलाओं लड़कियों को फांस उनसे नजदीकियां बढ़ाता था। पीड़िता के मुताबिक वह उसकी सात साल की मासूम बेटी पर भी भी बुरी नज़र रख रहा था। जबकि बेटी उसे डैडी बुलाया करती थी। बेटी को डरा धमकाकर कर उसके साथ उसने छेड़छाड़ भी किया है, जिसे मासूम बेटी आज भी भुला नहीं पाई है। पीड़िता के मुताबिक यदि उसे इस बार न्याय नहीं मिला तो वह मुख्यमंत्री दरबार में जाकर अपनी फरियाद सुनाएंगी।

प्रदेश सरकार किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर कृषक के परिवार को दे रही है रू0 05 लाख की आर्थिक सहायता

गोंडा। 19 जून, 2025 - हमारे देश का किसान अपनी फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक बड़ी जीतोड़ मेहनत करता है। चाहे गर्मी का मौसम हो, सर्दी का मौसम हो या बरसात का मौसम हो हमारे देश का किसान हर मौसम से लड़ते हुए बहुत मेहनत से फसल को घर तक ले आता है। इस दौरान ठंड गर्मी या आकाशीय बिजली गिरने, किसी दुर्घटना से कभी-कभी किसानों की मौत भी हो सकती है। इस तरह परिवार के कमाऊ सदस्य की असामयिक मौत या दुर्घटना हो जाने से किसान परिवार के ऊपर दुखों का पहाड टूट पड़ता है। इसी समस्या को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ’उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरूआत की है। यदि किसी किसान की असामयिक मृत्यु/दिव्यांगता होती है तो उसके परिवार को रु0 05 लाख तक की आर्थिक सहायता दी जाती है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने हेतु उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की शुरुआत 2019 में की गई थी और इस योजना का संचालन जिले के जिलाधिकारी द्वारा किया जा रहा है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत जो किसान 14 सितंबर 2019 के बाद से किसी दुर्घटना में मृत्यु होने पर इस योजना का लाभ प्रदान किया जा रहा है।

किसानों की आजीविका का एकमात्र साधन कृषि ही होता है, अगर किसी परिवार के कमाऊ सदस्य किसान की दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है, या वह शारीरिक रूप से अक्षम हो जाता है, जिसके कारण वह कृषि करने के लायक नहीं रह जाता तो उसके परिवार की जीविका चलाने के लिए कोई साधन नहीं बचता है। इसी समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार ने इस योजना को शुरू करने का निर्णय लिया है। उ०प्र० मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत किसी किसान की दुर्घटनावश असामयिक मृत्यु हो जाती है तो उसे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रु0 05 लाख तक का मुआवजा प्रदान किया जाता है और यदि किसान की मृत्यु नहीं होती है फिर भी वह विकलांग होता है तो उसे आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत राज्य के सभी किसानों को शामिल किया गया है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में विभिन्न दुर्घटनाओं में मृत्यु/गंभीर घायलों को लाभ प्राप्त होता है, जिनमें सांप अथवा अन्य जीव-जंतु व जानवर के काटने, मारने व आक्रमण की स्थिति में, आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति मे, हत्या, आतंकवादी हमला, लूट, डकैती, मारपीट में हुई दुर्घटना में, समुद्र, नदी, झील, तालाब, पोखर व कुएं में डूबने से, रेल, सड़क और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटना, आंधी-तूफान, वृक्ष गिरने, दबने व मकान गिरने से होने वाली क्षति के कारण, आकाश से बिजली गिरने, आग लगने, बाढ़ आदि में होने वाली दुर्घटना की स्थिति में और सीवर चैम्बर में गिरने से होने वाली दुर्घटना की स्थिति में किसान / संबंधित परिवार को लाभान्वित किया जाता है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत लाभ उन्ही किसानों को दिया जायेगा जो उत्तर प्रदेश के स्थायी निवासी हैं। जिनकी आयु 18 से 70 वर्ष के मध्य हो। भूलेख निर्गत खतौनी में दर्ज खातेदार/सह खातेदार, भूमिहीन व्यक्ति जो पट्टे से प्राप्त कृषि भूमि के पट्टाधारक हो या बटाईदार जो कृषि का कार्य करते हो उनकी दुर्घटनावश मृत्यु अथवा विकलांगता के शिकार हुए हों उनके माता-पिता, पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्रवधू, पौत्र-पौत्री जिनकी आय का जरिया खातेदार / सहखातेदार में दर्ज कृषिभूमि से चलता हो, इस योजना के लिए पात्र होंगें। ऐसे किसान जिनके पास खुद की जमीन नहीं है किन्तु वह बटाई अथवा पट्टे की भूमि लेकर खेती करतें हैं उन्हें अथवा उनके आश्रितों को भी योजना का लाभ दिया जाता है।

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आवेदन करने हेतु प्रमुख दस्तावेज लगाने होते है जिनमें तहसील से प्राप्त खतौनी की प्रमाणित प्रति, रजिस्टर्ड निजी पट्टेदार हेतु प्रस्तर् 3 (क) के अनुसार पट्टे की प्रमाणित प्रति, बटाईदार हेतु प्रस्तर 3 (ख) के अनुसार कोई एक प्रमाण पत्र, नृतक विकलांग व्यक्ति की आयु का प्रमाण, मृत्यु प्रमाण पत्र, मृतक / विकलांग निवास का प्रमाण, मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है वहां पर पंचनामा, दिव्यांगता की स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र, मृतक के उत्तराधिकार प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड, बैंक पासबुक की छायाप्रति संलग्न करने होते है।

प्रदेश के राजस्व विभाग द्वारा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के सफल एवं सुचारू रूप से क्रियान्वयन किये जाने हेतु वेबपोर्टल/सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है जो आमजनता के लिए क्रियाशील है। उत्तर प्रदेश में इस योजनान्तर्गत शुरूआत से लेकर अब तक कुल प्रदेश के दुर्घटनाग्रस्त मृत्यु पर 1,01,237 किसानों को रू0 4252.50 करोड़ का वितरण करते हुए लाभान्वित किया गया है।

सीएचसी हलधरमऊ में कन्या जन्मोत्सव का आयोजन

गोण्डा। 19 जून, 2025।

 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) हलधरमऊ में बृहस्पतिवार को कन्या जन्मोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम महिला कल्याण विभाग द्वारा ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना के अंतर्गत आयोजित किया गया। बालिकाओं के जन्म को उत्सव के रूप में मनाकर समाज में सकारात्मक संदेश देने और लिंग समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत अधीक्षक डॉ. संत प्रताप वर्मा, डॉ. अरुन तथा हलधरमऊ चौकी इंचार्ज उपनिरीक्षक बृजेश कुमार द्वारा बालिका से केक कटवाकर की गई। 

इस अवसर पर सेंटर मैनेजर चेतना सिंह ने वन स्टॉप सेंटर पर महिलाओं को मिलने वाली सहायता और सेवाओं की विस्तृत जानकारी दी। चाइल्ड हेल्पलाइन के परियोजना समन्वयक आशीष मिश्र ने बच्चों के लिए संचालित चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी साझा की। जिला मिशन कोऑर्डिनेटर (एचईडब्लू) शिवेंद्र श्रीवास्तव ने महिलाओं के लिए उपलब्ध विभिन्न टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबरों की जानकारी दी।

 वहीं जेंडर स्पेशलिस्ट ज्योत्सना सिंह ने महिलाओं के लिए चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया। जेंडर स्पेशलिस्ट राजकुमार आर्य ने ‘हब फॉर इम्पावरमेंट ऑफ वूमेन’ योजना की जानकारी साझा की। 

कार्यक्रम में बीपीएम अभिषेक त्रिपाठी, केस वर्कर मुकेश भारद्वाज, कांस्टेबल मणिकांत चौहान आशा कार्यकर्ता, अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी और लाभार्थी उपस्थित रहे।

डीएम की अध्यक्षता में जिला पर्यावरण समिति/ जिला गंगा समिति की बैठक हुई सम्पन्न


गोण्डा 19 जून, 2025। बृहस्पतिवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला पर्यावरणीय समिति/ जिला गंगा समिति की बैठक सम्पन्न हुई। जिसमें उन्होंने वर्ष -2025 में होने वाले वृक्षारोपण के लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत पौधरोपण करने की तैयारी समय से पहले करना सुनिश्चित करें। बैठक में सभी विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि यह सुनिश्चित करें सभी तैयारियां पूर्ण कर लें।समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि सभी विभाग अपने-अपने विभाग में लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत गढ्ढे की जीयोटैगिंग कर लें।

इसके अलावा जिलाधिकारी ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनपद में वेटलैंड को अतिक्रमण एवं जलकुंभी से मुक्त किया जाए साथ ही जो वेटलैंड मृत हो चुके हैं उन्हें पुनर्जीवित किया जाए। बैठक के सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं कि दो दिवस के अंदर पौधों की मांग पत्र अनिवार्य रूप से भेज दें।

वालपेटिंग वाली दीवालों पर पोस्टर लगाने वाले संस्थाओं पर लगेगा जुर्माना।

बैठक में जिलाधिकारी ने नगरपालिका गोण्डा को निर्देश दिये हैं कि शहर से निकलने वाले कूड़े का निस्तारण समय से कराते रहे। साथ ही खनन विभाग को निर्देश दिया गया है कि जनपद के सभी ईंट भट्ठों का नियमानुसार निरीक्षण करें, तथा जनपद में हो रहे, अवैध खनन को प्रभावी कार्यवाही करते हुए रोक लगायें। ताकि जनपद में कोई भी ईंट भट्ठा अवैध रूप से न चलने पाये। साथ ही साथ जनपद में अवैध खनन पर विशेष ध्यान दिया जाय, ताकि जनपद में कहीं पर अवैध रूप से मिट्टी खनन न होने पाये।

बैठक में डीएम ने सभी विभाग के अधिकारियों से पौधारोपण की गहन समीक्षा करते हुए सभी संबंधित विभाग के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये है कि शासन द्वारा निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष शतप्रतिशत पौधों के जीयोटैगिंग करना सुनिश्चित करें।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने सभी संबंधित विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस बार वृक्षारोपण के समय जनपद के सभी नदियों के किनारे विभिन्न प्रकार के पौधे रोपित किए जाएंगे। इसके लिए सभी विभाग के अधिकारी पहले से ही सभी आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर लें।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, प्रभागीय वनाधिकारी पंकज कुमार शुक्ल, डीसी मनरेगा, खनन विभाग, अपर जिला पंचायत राज अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येंद्र सिंह, नगर पालिका गोण्डा, और नगर पंचायत सहित सभी संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

श्री सीता समाहित स्थल का जलाशय सूखा

नितेश श्रीवास्तव,भदोही । चिलचिलाती धूप और बेहाल कर देने वाली गर्मी में क्षेत्र के तालाब सूखने लगे हैं। जलाशयों, पोखरों में पानी सूख जाने से बेजुबान पशु- पक्षी पानी के लिए परेशान हैं। जिले के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल सीतामढ़ी के श्री सीता समाहित स्थल मंदिर का प्राकृतिक जलाशय लगभग सूख गया है। इससे जलीय जीव जंतु और जलाशय की मछलियां पानी के अभाव में दम तोड़ने लगी हैं। मछलियों के मरने से मंदिर के आसपास दुर्गंध फैलने लगी है। मंदिर के प्राकृतिक जलाशय में डीघ रजवाहा नहर के माध्यम से पानी आता है। इन दिनों पानी सूख जाने से न सिर्फ मंदिर की सुंदरता पर ग्रहण लगने लगा है बल्कि सबसे बड़ी समस्या जलाशय के जीव जंतुओं के जीवन पर देखा जा रहा है।

मंदिर के प्रबंधक कैलाश चंद्र ने बताया कि भीषण गर्मी के कारण जलाशय का पानी सूख गया है। कुछ जगह बहुत थोड़ा पानी बचा है जो जलीय जीव जंतुओं के लिए पर्याप्त नहीं है। पानी की कमी से जलाशय की सैकड़ों मछलियों के साथ अन्य जलीय जीव जंतु मरने लगे हैं। कहा कि नहर विभाग को सूचना दी गई है, लेकिन ध्यान नहीं दिया गया।

ईरान-इजरायल युद्ध के बीच 40 फीसदी बढ़ गया ट्रांसपोर्टेशन खर्च

नितेश श्रीवास्तव,भदोही ‌। विश्व में फैले अस्थिरता के माहौल के बीच कालीन उद्योग की चुनौतियां बढ़ गई हैं। अभी अमेरिकी टैरिफ से राहत मिली नहीं कि ईरान-इजराइल युद्ध ने निर्यातकों की परेशानी बढ़ा दी है। दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के कारण जहाजों को घूमकर अमेरिका और यूरोप जाना पड़ रहा है। इससे 40 फीसदी तक ट्रांसपोर्टेशन कास्ट बढ़ा है। अमेरिकी टैरिफ और वैश्विक परिस्थतियों के कारण पहले से ही करीब एक हजार करोड़ के माल डंप है। 

अब नई चुनौतियों ने निर्यातकों की चिंता बढ़ा दी है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के आंकड़ों के मुताबिक भारत का कुल निर्यात लगभग 15 हजार करोड़ है। इसमें 50 फीसदी निर्यात अमेरिका में होता है। इसके बाद यूरोप का नंबर आता है, जो लगभग 35 प्रतिशत है। बाकी 15 प्रतिशत निर्यात अन्य देशों को होता है। बीते साल से ही वैश्विक अस्थिरता के माहौल ने भारतीय कालीन उद्योग को प्रभावित किया है। पहले रूस-यूक्रेन में छिड़े युद्ध के बीच परेशानियां बढ़ी। उसके बाद इजरायल और फिलीस्तीन के बीच युद्ध छिड़ गया। बीते दिनों अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने नए टैरिफ की घोषणा कर भारतीय उद्यमियों को सकते में डाल दिया। 

नए टारिफ की घोषणा होते ही अमेरिकियों ने अपने पुराने आर्डर धड़ाधड़ रोक दिए। इससे स्थिति विषम हो गई।

सिपाही भर्ती में चयनित महिला अभ्यर्थियों के लिए ट्रेनिंग गाइडलाइन जारी, गर्भवती होने पर छोड़नी होगी ट्रेनिंग

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस में सिपाही नागरिक पुलिस भर्ती के तहत चयनित 60,244 अभ्यर्थियों में से 12,048 महिलाएं शामिल हैं। इन महिला सिपाहियों के लिए प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य से जुड़ी विशेष गाइडलाइंस जारी की गई हैं, जिनका पालन अनिवार्य होगा।

नियमों के अनुसार, गर्भवती महिला अभ्यर्थी प्रशिक्षण का हिस्सा नहीं बन सकेंगी। यदि किसी महिला सिपाही को प्रशिक्षण के दौरान गर्भावस्था की पुष्टि होती है, तो उसे प्रशिक्षण से तत्काल वापस भेजा जाएगा। हालांकि, डिलीवरी के बाद उन्हें एक वर्ष के भीतर अगली प्रशिक्षण सत्र में फिर से शामिल होने का अवसर दिया जाएगा।

महिला प्रशिक्षु की ट्रेनिंग अवधि यदि साढ़े चार माह से कम बची हो, तो उन्हें पूरी ट्रेनिंग फिर से नए सिरे से करनी होगी। लेकिन अगर प्रशिक्षण का बड़ा हिस्सा पहले ही पूरा हो चुका है, तो वह वहीं से दोबारा शुरू कर सकती हैं, जहां से उन्होंने छोड़ा था।

इसके अलावा, प्रशिक्षण शुरू होने से पहले या इसके दौरान गर्भपात की स्थिति में महिला को जिला मुख्य चिकित्साधिकारी से मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट देना अनिवार्य होगा। यदि महिला उत्तर प्रदेश से बाहर की निवासी है, तो उसे प्रशिक्षण स्थल के जिले के CMO से यह प्रमाण पत्र प्राप्त करना होगा।

यदि किसी महिला ने प्रशिक्षण शुरू होने से एक साल पहले ही प्रसव कराया है, तो उसे भी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट प्रस्तुत करना होगा। इन नियमों का उद्देश्य महिला सिपाहियों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के साथ-साथ प्रशिक्षण की गुणवत्ता बनाए रखना है।