1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक होगा संसद का शीतकालीन सत्र, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दी जानकारी

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संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है। ये सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन में पूरे सत्र के दौरान 15 बैठकें होंगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी।

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केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि राष्ट्रपति ने संसद के शीतकालीन सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रिजिजू ने ट्वीट में लिखा भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन)। एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की आशा है जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

संसद का मानसून सत्र रहा था हंगामेदार

इससे पहले 21 जुलाई से 21 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र चला था। संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहा था। मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई थी। उसमें 26 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमला और पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शामिल था।

मानसून सत्र में संसद के 166 घंटे बर्बाद

मानसून सत्र में एसआईआर पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के 166 घंटे बर्बाद हो गए थे। लोकसभा में 120 घंटे चर्चा का समय निर्धारित था, लेकिन सिर्फ 37 घंटे कार्यवाही चली। राज्यसभा में सिर्फ 41 घंटे चर्चा हुई।

हंगामे के कारण 248 करोड़ रुपये बर्बाद

सदन के हंगामे के कारण जनता के टैक्स के करीब 248 करोड़ रुपये डूब गए। किसी भी सदन की एक मिनट की कार्यवाही पर 2.5 लाख रुपये खर्च होते हैं। यानी एक घंटे का खर्च लगभग 1.5 करोड़ रुपये बैठता है। इससे लोकसभा में कार्यवाही न चलने से 126 करोड़ रुपये और राज्यसभा में करीब 122 करोड़ बर्बाद हुए। हालांकि, अंतिम नौ कार्य दिवसों में ताबड़तोड़ विधायी कामकाज निपटाए गए। राज्यसभा में 15 तो लोकसभा में 12 विधेयक पारित किए गए।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले विपक्ष का हंगामा, लोकसभा स्थगित

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संसद के मॉनसून सत्र में आज ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता भी हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है। हालांकि, आज भी ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। आज सदन शुरू होते ही हंगामे के देखते हुए स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए हैं। उन्होंने 1 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी है।

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा होने से पहले विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा काटा। इस वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जब फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सांसद वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे। स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें सीट पर बैठने को कहा, लेकिन सांसद नहीं मानें तो कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष SIR के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करता रहा और चर्चा की मांग कर रहा है।

विपक्षी सांसदों पर भड़के लोकसभा स्पीकर

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों से पोस्टर नहीं दिखाने को कहें। इस तरह के विरोध प्रदर्शन सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। सदस्यों को प्रश्नकाल में बोलने नहीं दिया जा रहा है और देश की जनता सब देख रही है, और सदन की कार्यवाही जानबूझकर बाधित की जा रही है।

विपक्ष चर्चा से भाग रहा- किरण रिजिजू

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि विपक्ष के लोग ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रहे हैं। ये धोखा है, वो धोखा दे रहे हैं। कांग्रेस और विपक्ष अपने कमिटमेंट से भाग रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री प्रस्ताव रखेंगे। विपक्ष पाकिस्तान की भाषा ना बोले। हम सब चर्चा के लिए तैयार थे। चर्चा शुरू होने से 10 मिनट पहले विपक्ष अपना एजेंडा लेकर आया कि सरकार एक निश्चित समय सीमा तय करे कि इसके बाद एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा होगी। चर्चा से ठीक 10 मिनट पहले ऐसी शर्त लाना ठीक नहीं है।

जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की तो लंका जल गई’, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले किरेन रिजिजू की पोस्ट

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संसद में आज ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी चर्चा शुरू होने जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए इस सैन्य अभियान पर लोकसभा में दोपहर 12 बजे से चर्चा शुरू होगी, जिसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की चर्चा होगी और मंगलवार 29 जुलाई को राज्यसभा में भी इस पर बहस शुरू होगी। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस से ठीक पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ी बात कही है। 

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा, ‘जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की, तो लंका जल गई। जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गई लाल रेखा पार की, तो पाकिस्तान को आग का सामना करना पड़ा।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, यह भारत के लोगों की इच्छा थी। प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का फैसला किया। आज, लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। 

कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा न बोलें- रिजिजू

रिजिजू ने कहा, मैं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला कुछ भी न करें और पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमें सावधान रहना होगा... हमें भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस और विपक्ष को ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे... वे भारत के खिलाफ जो कुछ भी बोलते हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तानियों और भारत के बाहरी दुश्मनों द्वारा किया जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले अखिलेश यादव का सवाल

वहीं, लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी पर होने वाली बहस को लेकर अखिलेश यादव ने कहा, ‘सबसे पहले तो यह स्वीकार करना होगा कि ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं। सबसे पहले, हम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और पराक्रम के लिए उन्हें बधाई देते हैं। अगर उन्हें मौका मिलता, तो वे पीओके पर भी कब्ज़ा कर लेते। पहलगाम हमले से पहले एक और घटना हुई थी जिसके बारे में जनता को अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। सवाल यह है कि भाजपा सरकार में बार-बार आतंकवादी घटनाएं क्यों हो रही हैं? पहलगाम के आतंकवादी कहां गए? सरकार को जवाब देना चाहिए कि ये आतंकवादी कहां गए?

लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर होगी बहस, सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार

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आज संसद के मानसून सत्र का छठा दिन है। हंगामे के कारण संसद में गतिरोध बना हुआ था। पहले हफ्ते में पांच दिनों की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा में आज भी विपक्ष का हंगामा जारी रहने की आशंका है। लोकसभा में आज पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। दोपहर 12 बजे से इस चर्चा की शुरुआत होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम पर चर्चा की शुरुआत करेंगे।

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सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखेंगे। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव तथा अन्य नेताओं के साथ मिलकर सरकार को घेरेंगे।

लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे की बहस

दोनों पक्षों ने प्रत्येक सदन में 16 घंटे की बहस पर सहमति व्यक्त की है, जो सामान्यत: तय समय से अधिक होती है। लोकसभा की सूचीबद्ध कार्यसूची के मुताबिक सदन में ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा’ होगी। अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे नेताओं के अलावा, सत्तारूढ़ राजग द्वारा उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को भी मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का पक्ष रखने के लिए 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। इनमें शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के हरीश बालयोगी शामिल हैं।

कांग्रेस को मिला 3 घंटे का समय

ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की बहस में कांग्रेस को लगभग 3 घंटे का समय आवंटित किया गया है। पार्टी की तरफ से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा गौरव गोगोई, प्रणिति शिंदे और प्रियंका गांधी भी अन्य संभावित वक्ताओं में शामिल हैं।

कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया

आज सदन की कार्यवाही के दौरान खूब हंगामा देखने को मिल सकता है। पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी कर सोमवार से तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने को कहा है।

हंगामेदार रहा पहला हफ्ता

संसद के मानसून सत्र का पहला हफ्ता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के विरोध के कारण लगभग ठप रहा था। इसके बाद 25 जुलाई को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि विपक्ष ने सोमवार (आज) को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की सहमति दी है। दोनों पक्षों ने दोनों सदन में 16 घंटे की लंबी बहस पर सहमति जताई है>

मॉनसूत्र सत्र से पहले पीएम मोदी ने किया ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र, बोले- पूरी दुनिया ने भारत का सैन्य सामर्थ्य देखा

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संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत।संसद के मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि यह मानसून सत्र देश के लिए बेहद गौरवपूर्ण है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत के कदम रखने और ऑपरेशन सिंदूर में उसके पराक्रम का उदाहरण दिया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानसून सत्र में आप सभी का स्वागत है। मानसून सत्र नवीनता का प्रतीक है। अब तक जो खबरें हैं, देश में मौसम बहुत ही अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। कृषि को लाभदायक मौसम की खबरें हैं। बारिश देश और ग्रामीण, हर परिवार की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है। अब तक की जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 वर्ष के मुकाबले इस बार का पानी भंडार तीन गुना बढ़ा है। यह सत्र राष्ट्र के लिए गौरवपूर्ण सत्र है। यह सत्र देश के लिए अपने आप में विजयोत्सव है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम कह रहे हैं कि सत्र राष्ट्र गौरव और विजयोत्सव का सत्र है तो सबसे पहले तो मैं पहली बार इंटनेशनल स्पेस स्टेशन पर भारत का तिरंगा झंडा लहराना, हर देशवासी के लिए गौरव का पल है। देश में विज्ञान के प्रति इनोवेशन के प्रति नया उमंग और उत्साह भरने वाली सफल यात्रा रही है। सांसद, दोनों सदन, हर देशवासी जिस गौरव का अनुभव कर रहे हैं, उसमें एक स्वर से यशगान होगा, जो भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाने का जो भावी कार्यक्रम है, उसका प्रेरक बनेगा।

सभी सांसदों से पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सांसदों और उनकी पार्टियों के विदेश दौरे की सराहना की और कहा कि उन्होंने सकारात्मक माहौल बनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों के पराक्रम का बखान करते हुए सांसदों और विभिन्न दलों से एकता का संदेश देने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि संसद का मानसून सत्र सकारात्मक चर्चा और जनहित के कार्यों के लिए जाना जाएगा। उन्होंने सभी सांसदों से इस विजयोत्सव में सहभागी बनने और देश की प्रगति में रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की।

ऑपरेशन सिंदूर 100 फीसदी सफल-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा, पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति, सैन्य सामर्थ्य का रूप देखा है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जो लक्ष्य तय किया था, उसे 100 प्रतिशत हासिल किया. 22 मिनट में आतंक के अड्डों को जमींदोज कर दिया गया। बिहार के कार्यक्रम के दौरान जो घोषणा की थी, बहुत ही कम समय में सेना वो कर के दिखा दिया। मेक इन इंडिया की ताकत पूरी दुनिया ने देखी है। जब भी मैं विदेश में साथियों से मिलता हूं तो उसकी तारीफ होती है।

आज से संसद का मानसून सत्र, पहलगाम हमले से लेकर ट्रंप और एसआईआर पर हंगामा तय

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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिन तक चलेगा। इसमें 21 बैठकें होंगी। पीएम मोदी आज सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू होंगे। ऑपरेशन सिंदूर समेत मुख्य मुद्दों पर पीएम मोदी नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष को इससे जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी

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17 अहम बिल पेश होंगे

आज से शुरू होने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।

विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए

इस सत्र के हंगामेमदार रहने के भी आसार हैं। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा।बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद विमान हादसा जैसे अहम मुद्दों पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जवाब दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा को तैयार है। पीएम मोदी से जवाब की मांग पर रिजिजू ने कहा, विदेश यात्राओं को छोड़ दिया जाए, तो प्रधानमंत्री सत्र के दौरान हमेशा संसद में रहते हैं। हालांकि, उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। जब भी सत्र चल रहा होता है, केंद्रीय मंत्री अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों पर जवाब देने के लिए उपलब्ध होते हैं।

मॉनसून सत्र में मोदी सरकार लाने जा रही कई बड़े बिल, जानें कब से शुरू होने जा रही कार्यवाही

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संसद का मॉनसून सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 2025 से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है। वहीं, विपक्ष भी विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुका है।

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नया आयकर विधेयक पारित कराने की तैयारी

खबर है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस मॉनसून सत्र में नया आयकर विधेयक को संसद की मंजूरी दिलाने की तैयारी में है। यह विधेयक पिछले सत्र में पेश हुआ था और फिर संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था. सरकार की तरफ से वित्त मंत्री ने फरवरी में संसद में बताया था कि नया विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जटिलताओं को दूर करेगा और इसे आम लोगों के लिए समझना आसान बनाएगा. यदि यह विधेयक इस सत्र में पारित हो जाता है तो यह कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा 

जस्टिस वर्मा पर महाभियोग का प्रस्ताव

इसके साथ ही आठ नए विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। लोकसभा की एक आंतरिक बुलेटिन के अनुसार, इनमें खेलों में नैतिक आचरण और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और देश की भू-वैज्ञानिक विरासत के संरक्षण से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल है। इसके अलावा, हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी संसद में लाया जा सकता है। घर में भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद जस्टिस वर्मा सवालों के घेरे में हैं।

मॉनसून सत्र में कई बिलों को पेश कर सकती सरकार

• मणिपुर GST (संशोधन) विधेयक 2025

• जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025

• भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025

• टैक्सेशन लॉ (संशोधन) विधेयक 2025

• भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक 2025

• खान एवं खान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025

• राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025

• राष्ट्रीय एंटी डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025

क्या है मॉनसून सत्र का शेड्यूल?

संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 2025 से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। आपको बता दें कि मॉनसून सत्र पहले 12 अगस्त को खत्म होने वाला था। हालांकि, सरकार ने इसे एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। सत्र के दौरान कई अहम बिल पेश होने की उम्मीद है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भी मॉनसून सत्र में कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। इनमें बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे प्रमुख हो सकते हैं। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने क दिन पहले ही 15 जुलाई को मानसून सत्र के लिए पार्टी की रणनीति तय करने के लिए एक अहम बैठक भी बुलाई थी।

संसद ही सर्वोच्च…,न्यायपालिका की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराई बात


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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक बार फिर भारत के संविधान में निर्धारित शासन व्यवस्था के ढांचे के भीतर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक "अधिकारों के अतिक्रमण" की आलोचना की और दोहराया कि "संसद ही सर्वोच्च है"।

संविधान में संसद से ऊपर कोई नहीं-धनखड़

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि संविधान के तहत किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की बात हमेशा राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवैधानिक पद सिर्फ औपचारिक या दिखावटी होते हैं, लेकिन यह गलत सोच है। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी संस्था की कल्पना नहीं की गई है। संसद सबसे सर्वोच्च है।

लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका-धनखड़

धनखड़ ने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

लोकतंत्र में चुप रहना खतरनाक है-धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है। अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए। हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें। देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई थी चिंता

यहां, उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया। हालांकि, साफ है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना करने वालों पर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, शासकीय कार्य करेंगे और ‘‘सुपर संसद’’ के रूप में कार्य करेंगे।

आज लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयकः भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने व्हिप जारी किया, घमासान तय


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केंद्र सरकार आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश करने जा रही है। दोपहर 12 बजे बिल पेश होने के बाद 8 घंटे चर्चा का समय तय किया गया है। 4 घंटे 40 मिनट एनडीए के सांसद अपनी बात रखेंगे, बाकी वक्त विपक्षी सांसदों को दिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू चर्चा की शुरुआत करेंगे। बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने अपने सांसदों की लिए व्हिप जारी किया है।

वक्फ बिल पर महाभारत जारी है। विपक्ष ने कहा कि चर्चा 12 घंटे होनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिल पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर अपने एजेंडे को थोपने और विपक्षी सदस्यों की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया।

सदन में नंबर गेम से ऐसा लगता है कि सरकार इसे पास करा लेगी। हालांकि, विपक्ष अपनी एकजुटता के भरोसे इसे फेल करने का दावा कर रहा है। विपक्ष को उम्मीद है कि वे इसे पास करने से रोक देंगे। वहीं, सरकार इसे पास कराने की पूरी तैयारी कर चुकी है। जदयू-टीडीपी जैसे एनडीए के सहयोगियों का भी साथ मिल चुका है, जो पहले अन्य मुद्दों पर अलग रुख रखा करते थे।

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

सूत्रों के मुताबिक, वक्फ की पुरानी संपत्तियों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी. साथ ही बोर्ड में 2 गैर मुस्लिम होंगे और वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे. इसके अलावा कलेक्टर की जगह जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त होगा. वहीं, 5 साल इस्लाम मानने वाला ही संपत्ति वक्फ कर सकता है. 2025 से पहले तक जो संपत्ति वक्फ की है, उसकी ही रहेगी, जो ट्रस्ट धर्मार्थ कार्य में हैं उस पर कानून लागू नहीं होगा.

जेपीसी ने करीब छह महीने विधेयक पर किया मंथन

केंद्र ने इस विधेयक को पिछले साल अगस्त को लोकसभा के सामने रखा था। बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया। जेपीसी ने करीब छह महीने तक विधेयक पर मिले संशोधन के सुझावों पर विचार किया और 27 जनवरी को इसे फिर से संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। एक महीने बाद ही केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस विधेयक पर मुहर लगा दी।  

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

अब सरकार ने बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिर में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने का फैसला लिया है। इसके जरिए सरकार वक्फ कानून, 1995 में संशोधन करना चाहती है। फिलहाल इसी कानून के तहत देश में वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन होता है। हालांकि, सरकार अब वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर ढंग से अंजाम देना चाहती है। साथ ही इनसे जुड़े विवादों को भी जल्द सुलझाना चाहती है।

1 दिसंबर से 19 दिसंबर तक होगा संसद का शीतकालीन सत्र, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दी जानकारी

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संसद का शीतकालीन सत्र 1 दिसंबर से शुरू हो रहा है। ये सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। 19 दिन में पूरे सत्र के दौरान 15 बैठकें होंगी। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी।

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केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी दी कि राष्ट्रपति ने संसद के शीतकालीन सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। रिजिजू ने ट्वीट में लिखा भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी ने 1 दिसंबर 2025 से 19 दिसंबर 2025 तक संसद का शीतकालीन सत्र बुलाने के सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है (संसदीय कार्य की अनिवार्यताओं के अधीन)। एक रचनात्मक और सार्थक सत्र की आशा है जो हमारे लोकतंत्र को मजबूत करेगा और लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा।

संसद का मानसून सत्र रहा था हंगामेदार

इससे पहले 21 जुलाई से 21 अगस्त तक संसद का मानसून सत्र चला था। संसद का मानसून सत्र काफी हंगामेदार रहा था। मानसून सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच कई मुद्दों पर तीखी बहस हुई थी। उसमें 26 अप्रैल को पहलगाम आतंकवादी हमला और पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों के खिलाफ भारत का ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शामिल था।

मानसून सत्र में संसद के 166 घंटे बर्बाद

मानसून सत्र में एसआईआर पर विपक्ष के हंगामे के कारण संसद के 166 घंटे बर्बाद हो गए थे। लोकसभा में 120 घंटे चर्चा का समय निर्धारित था, लेकिन सिर्फ 37 घंटे कार्यवाही चली। राज्यसभा में सिर्फ 41 घंटे चर्चा हुई।

हंगामे के कारण 248 करोड़ रुपये बर्बाद

सदन के हंगामे के कारण जनता के टैक्स के करीब 248 करोड़ रुपये डूब गए। किसी भी सदन की एक मिनट की कार्यवाही पर 2.5 लाख रुपये खर्च होते हैं। यानी एक घंटे का खर्च लगभग 1.5 करोड़ रुपये बैठता है। इससे लोकसभा में कार्यवाही न चलने से 126 करोड़ रुपये और राज्यसभा में करीब 122 करोड़ बर्बाद हुए। हालांकि, अंतिम नौ कार्य दिवसों में ताबड़तोड़ विधायी कामकाज निपटाए गए। राज्यसभा में 15 तो लोकसभा में 12 विधेयक पारित किए गए।

वोट चोरी के आरोपों पर गरमाई सियासत, संसद से चुनाव आयोग तक विपक्षी गठबंधन का मार्च, राहुल करेंगे अगुवाई

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देश में इन दिनों वोट चोरी के मामले को लेकर सियासत गरमा गई है। हाल ही में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद सियासी लड़ाई आज से सड़कों पर शुरू होने जा रही है। इंडिया ब्लॉक के साथ ही विपक्ष के 300 सांसद सोमवार को संसद से चुनाव आयोग के कार्यालय तक मार्च करेंगे। इस मार्च का उद्देश्य है कि चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 2024 के लोकसभा चुनावों के दौरान 'मतदाता धोखाधड़ी' के आरोपों पर अपना विरोध दर्ज कराया जा सके।

मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे

आज सुबह इंडिया ब्लॉक के सांसद राहुल गांधी की अगुवाई में विपक्ष के नेता प्रोटेस्ट मार्च निकालने जा रहे हैं। विपक्षी सांसद संसद भवन से लेकर चुनाव आयोग तक मार्च निकालेंगे। विपक्ष के इस मार्च में 300 सांसद शामिल होंगे। विपक्षी सांसदों का प्रोटेस्ट मार्च संसद भवन के मकर द्वार से परिवहन भवन होते हुए चुनाव आयोग के दफ्तर तक जाएगा।

खरगे, अखिलेश यादव और अभिषेक बनर्जी भी होंगे शामिल

इस मार्च में कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी शामिल होंगे। इसके अलावा आरजेडी, डीएमके, लेफ्ट पार्टी समेत 25 से ज्यादा पार्टियों के लोकसभा और राज्यसभा के 300 सांसद शामिल होंगे।

भाजपा-निर्वाचन आयोग में मिलीभगत का आरोप

विपक्ष का कहना है कि भाजपा के साथ मिलकर चुनाव आयोग वोटों की चोरी कर रहा है। उसका यह भी कहना है कि बिहार में मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मतदाताओं के हित के बजाय अहित कर रहा है। एसआईआर के चलते राज्य से लाखों की संख्या में मतदाताओं के मताधिकार छीने गए हैं। विपक्ष इसमें मामले में सदन में लगातार चर्चा की मांग के साथ इसे वापस लेने की मांग कर रहा है। कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के जरिए चुनाव आयोग पर हेराफेरी का आरोप लगा चुके हैं। उन्होंने कर्नाटक की एक लोकसभा सीट के तहत एक विधानसभा सीट के तथ्यों के जरिए कई दावे किए थे और भाजपा-निर्वाचन आयोग की मिलीभगत का आरोप लगाया था।

ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले विपक्ष का हंगामा, लोकसभा स्थगित

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संसद के मॉनसून सत्र में आज ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। मॉनसून सत्र का पहला हफ्ता भी हंगामे की भेंट चढ़ गया, लेकिन आज लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी है। हालांकि, आज भी ऑपरेशन सिंदूर पर हंगामा जारी है। आज सदन शुरू होते ही हंगामे के देखते हुए स्पीकर ओम बिरला नाराज हो गए हैं। उन्होंने 1 बजे तक कार्यवाही स्थगित कर दी है।

ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में चर्चा होने से पहले विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा काटा। इस वजह से कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। लोकसभा की कार्यवाही 12 बजे जब फिर से शुरू हुई तो विपक्षी सांसद वेल में आकर प्रदर्शन कर रहे थे। स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें सीट पर बैठने को कहा, लेकिन सांसद नहीं मानें तो कार्यवाही 1 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। विपक्ष SIR के खिलाफ लगातार प्रदर्शन करता रहा और चर्चा की मांग कर रहा है।

विपक्षी सांसदों पर भड़के लोकसभा स्पीकर

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि विपक्षी सदस्य जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के सदस्यों से पोस्टर नहीं दिखाने को कहें। इस तरह के विरोध प्रदर्शन सदन की गरिमा को ठेस पहुंचा रहे हैं। सदस्यों को प्रश्नकाल में बोलने नहीं दिया जा रहा है और देश की जनता सब देख रही है, और सदन की कार्यवाही जानबूझकर बाधित की जा रही है।

विपक्ष चर्चा से भाग रहा- किरण रिजिजू

लोकसभा में विपक्ष के हंगामे पर संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि विपक्ष के लोग ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से भाग रहे हैं। ये धोखा है, वो धोखा दे रहे हैं। कांग्रेस और विपक्ष अपने कमिटमेंट से भाग रहे हैं। ऑपरेशन सिंदूर पर रक्षा मंत्री प्रस्ताव रखेंगे। विपक्ष पाकिस्तान की भाषा ना बोले। हम सब चर्चा के लिए तैयार थे। चर्चा शुरू होने से 10 मिनट पहले विपक्ष अपना एजेंडा लेकर आया कि सरकार एक निश्चित समय सीमा तय करे कि इसके बाद एसआईआर के मुद्दे पर चर्चा होगी। चर्चा से ठीक 10 मिनट पहले ऐसी शर्त लाना ठीक नहीं है।

जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की तो लंका जल गई’, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले किरेन रिजिजू की पोस्ट

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संसद में आज ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी चर्चा शुरू होने जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए इस सैन्य अभियान पर लोकसभा में दोपहर 12 बजे से चर्चा शुरू होगी, जिसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की चर्चा होगी और मंगलवार 29 जुलाई को राज्यसभा में भी इस पर बहस शुरू होगी। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस से ठीक पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ी बात कही है। 

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा, ‘जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की, तो लंका जल गई। जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गई लाल रेखा पार की, तो पाकिस्तान को आग का सामना करना पड़ा।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, यह भारत के लोगों की इच्छा थी। प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का फैसला किया। आज, लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। 

कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा न बोलें- रिजिजू

रिजिजू ने कहा, मैं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला कुछ भी न करें और पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमें सावधान रहना होगा... हमें भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस और विपक्ष को ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे... वे भारत के खिलाफ जो कुछ भी बोलते हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तानियों और भारत के बाहरी दुश्मनों द्वारा किया जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले अखिलेश यादव का सवाल

वहीं, लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी पर होने वाली बहस को लेकर अखिलेश यादव ने कहा, ‘सबसे पहले तो यह स्वीकार करना होगा कि ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं। सबसे पहले, हम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और पराक्रम के लिए उन्हें बधाई देते हैं। अगर उन्हें मौका मिलता, तो वे पीओके पर भी कब्ज़ा कर लेते। पहलगाम हमले से पहले एक और घटना हुई थी जिसके बारे में जनता को अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। सवाल यह है कि भाजपा सरकार में बार-बार आतंकवादी घटनाएं क्यों हो रही हैं? पहलगाम के आतंकवादी कहां गए? सरकार को जवाब देना चाहिए कि ये आतंकवादी कहां गए?

लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर पर होगी बहस, सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस तैयार

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आज संसद के मानसून सत्र का छठा दिन है। हंगामे के कारण संसद में गतिरोध बना हुआ था। पहले हफ्ते में पांच दिनों की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ चुकी है। लोकसभा और राज्यसभा में आज भी विपक्ष का हंगामा जारी रहने की आशंका है। लोकसभा में आज पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। दोपहर 12 बजे से इस चर्चा की शुरुआत होगी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम पर चर्चा की शुरुआत करेंगे।

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सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर इन मुद्दों पर सरकार का पक्ष रखेंगे। वहीं, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव तथा अन्य नेताओं के साथ मिलकर सरकार को घेरेंगे।

लोकसभा और राज्यसभा में 16-16 घंटे की बहस

दोनों पक्षों ने प्रत्येक सदन में 16 घंटे की बहस पर सहमति व्यक्त की है, जो सामान्यत: तय समय से अधिक होती है। लोकसभा की सूचीबद्ध कार्यसूची के मुताबिक सदन में ‘पहलगाम में आतंकवादी हमले के जवाब में भारत के सशक्त, सफल और निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर विशेष चर्चा’ होगी। अनुराग ठाकुर, सुधांशु त्रिवेदी और निशिकांत दुबे जैसे नेताओं के अलावा, सत्तारूढ़ राजग द्वारा उन सात बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों के सदस्यों को भी मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत का पक्ष रखने के लिए 30 से अधिक देशों की यात्रा कर चुके हैं। इनमें शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा और तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के हरीश बालयोगी शामिल हैं।

कांग्रेस को मिला 3 घंटे का समय

ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की बहस में कांग्रेस को लगभग 3 घंटे का समय आवंटित किया गया है। पार्टी की तरफ से लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी अपनी बात रखेंगे। इसके अलावा गौरव गोगोई, प्रणिति शिंदे और प्रियंका गांधी भी अन्य संभावित वक्ताओं में शामिल हैं।

कांग्रेस ने अपने सांसदों को व्हिप जारी किया

आज सदन की कार्यवाही के दौरान खूब हंगामा देखने को मिल सकता है। पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के मद्देनजर कांग्रेस ने अपने लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी कर सोमवार से तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने को कहा है।

हंगामेदार रहा पहला हफ्ता

संसद के मानसून सत्र का पहला हफ्ता बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्ष के विरोध के कारण लगभग ठप रहा था। इसके बाद 25 जुलाई को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि विपक्ष ने सोमवार (आज) को लोकसभा और मंगलवार को राज्यसभा में पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की सहमति दी है। दोनों पक्षों ने दोनों सदन में 16 घंटे की लंबी बहस पर सहमति जताई है>

मॉनसूत्र सत्र से पहले पीएम मोदी ने किया ऑपरेशन सिंदूर का ज़िक्र, बोले- पूरी दुनिया ने भारत का सैन्य सामर्थ्य देखा

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संसद का मॉनसून सत्र आज से शुरू हो गया है। इस सत्र से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से बातचीत।संसद के मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि यह मानसून सत्र देश के लिए बेहद गौरवपूर्ण है। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर भारत के कदम रखने और ऑपरेशन सिंदूर में उसके पराक्रम का उदाहरण दिया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मानसून सत्र में आप सभी का स्वागत है। मानसून सत्र नवीनता का प्रतीक है। अब तक जो खबरें हैं, देश में मौसम बहुत ही अच्छे ढंग से आगे बढ़ रहा है। कृषि को लाभदायक मौसम की खबरें हैं। बारिश देश और ग्रामीण, हर परिवार की अर्थव्यवस्था के लिए अहम है। अब तक की जानकारी के मुताबिक, पिछले 10 वर्ष के मुकाबले इस बार का पानी भंडार तीन गुना बढ़ा है। यह सत्र राष्ट्र के लिए गौरवपूर्ण सत्र है। यह सत्र देश के लिए अपने आप में विजयोत्सव है।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि हम कह रहे हैं कि सत्र राष्ट्र गौरव और विजयोत्सव का सत्र है तो सबसे पहले तो मैं पहली बार इंटनेशनल स्पेस स्टेशन पर भारत का तिरंगा झंडा लहराना, हर देशवासी के लिए गौरव का पल है। देश में विज्ञान के प्रति इनोवेशन के प्रति नया उमंग और उत्साह भरने वाली सफल यात्रा रही है। सांसद, दोनों सदन, हर देशवासी जिस गौरव का अनुभव कर रहे हैं, उसमें एक स्वर से यशगान होगा, जो भारत को अंतरिक्ष में पहुंचाने का जो भावी कार्यक्रम है, उसका प्रेरक बनेगा।

सभी सांसदों से पीएम मोदी की खास अपील

प्रधानमंत्री मोदी ने बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के सांसदों और उनकी पार्टियों के विदेश दौरे की सराहना की और कहा कि उन्होंने सकारात्मक माहौल बनाया। प्रधानमंत्री मोदी ने सशस्त्र बलों के पराक्रम का बखान करते हुए सांसदों और विभिन्न दलों से एकता का संदेश देने का आग्रह किया। प्रधानमंत्री ने यह भी उम्मीद जताई कि संसद का मानसून सत्र सकारात्मक चर्चा और जनहित के कार्यों के लिए जाना जाएगा। उन्होंने सभी सांसदों से इस विजयोत्सव में सहभागी बनने और देश की प्रगति में रचनात्मक भूमिका निभाने की अपील की।

ऑपरेशन सिंदूर 100 फीसदी सफल-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर की उपलब्धियों का ज़िक्र करते हुए कहा, पूरी दुनिया ने भारत की सैन्य शक्ति, सैन्य सामर्थ्य का रूप देखा है। ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने जो लक्ष्य तय किया था, उसे 100 प्रतिशत हासिल किया. 22 मिनट में आतंक के अड्डों को जमींदोज कर दिया गया। बिहार के कार्यक्रम के दौरान जो घोषणा की थी, बहुत ही कम समय में सेना वो कर के दिखा दिया। मेक इन इंडिया की ताकत पूरी दुनिया ने देखी है। जब भी मैं विदेश में साथियों से मिलता हूं तो उसकी तारीफ होती है।

आज से संसद का मानसून सत्र, पहलगाम हमले से लेकर ट्रंप और एसआईआर पर हंगामा तय

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संसद का मानसून सत्र आज से शुरू होने वाला है। यह सत्र 21 अगस्त यानी 32 दिन तक चलेगा। इसमें 21 बैठकें होंगी। पीएम मोदी आज सत्र शुरू होने से पहले मीडिया से रू-ब-रू होंगे। ऑपरेशन सिंदूर समेत मुख्य मुद्दों पर पीएम मोदी नहीं, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बयान देंगे। इस दौरान राज्यसभा में विपक्ष को इससे जुड़े सवाल पूछने की अनुमति दी जाएगी

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17 अहम बिल पेश होंगे

आज से शुरू होने वाले सत्र में 17 अहम बिल पेश होंगे और साथ ही सरकार कई लंबित विधेयकों पर भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का मुख्य ध्यान आयकर विधेयक 2025 पर है, जिसे बजट सत्र में 13 फरवरी को लोकसभा में पेश किया गया था।

विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए

इस सत्र के हंगामेमदार रहने के भी आसार हैं। बताया जा रहा है कि विपक्ष ने 8 मुद्दे तैयार किए हैं, जिनपर वो सरकार की घेरेबंदी करेगा।बिहार वोटर लिस्ट विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR), पहलगाम आतंकी हमला, ऑपरेशन सिंदूर और अहमदाबाद विमान हादसा जैसे अहम मुद्दों पर विपक्षी दल मोदी सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।

विपक्ष के सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार

सत्र की शुरुआत से पहले रविवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में एकजुट विपक्ष ने सरकार से मांग की कि ऑपरेशन सिंदूर और ट्रंप के बयानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को जवाब दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, सरकार ऑपरेशन सिंदूर समेत सभी मुद्दों पर नियमानुसार चर्चा को तैयार है। पीएम मोदी से जवाब की मांग पर रिजिजू ने कहा, विदेश यात्राओं को छोड़ दिया जाए, तो प्रधानमंत्री सत्र के दौरान हमेशा संसद में रहते हैं। हालांकि, उनसे हमेशा सदन में बैठे रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती। जब भी सत्र चल रहा होता है, केंद्रीय मंत्री अपने विभागों से जुड़े प्रश्नों पर जवाब देने के लिए उपलब्ध होते हैं।

मॉनसून सत्र में मोदी सरकार लाने जा रही कई बड़े बिल, जानें कब से शुरू होने जा रही कार्यवाही

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संसद का मॉनसून सत्र जल्द ही शुरू होने वाला है। संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 2025 से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। इस सत्र में केंद्र सरकार कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश करने की तैयारी में है। वहीं, विपक्ष भी विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने की रणनीति बना चुका है।

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नया आयकर विधेयक पारित कराने की तैयारी

खबर है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार इस मॉनसून सत्र में नया आयकर विधेयक को संसद की मंजूरी दिलाने की तैयारी में है। यह विधेयक पिछले सत्र में पेश हुआ था और फिर संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था. सरकार की तरफ से वित्त मंत्री ने फरवरी में संसद में बताया था कि नया विधेयक 1961 के आयकर अधिनियम की जटिलताओं को दूर करेगा और इसे आम लोगों के लिए समझना आसान बनाएगा. यदि यह विधेयक इस सत्र में पारित हो जाता है तो यह कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा 

जस्टिस वर्मा पर महाभियोग का प्रस्ताव

इसके साथ ही आठ नए विधेयकों को भी पेश किया जाएगा। लोकसभा की एक आंतरिक बुलेटिन के अनुसार, इनमें खेलों में नैतिक आचरण और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए एक राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक और देश की भू-वैज्ञानिक विरासत के संरक्षण से जुड़ा एक महत्वपूर्ण विधेयक भी शामिल है। इसके अलावा, हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव भी संसद में लाया जा सकता है। घर में भारी मात्रा में नकदी मिलने के बाद जस्टिस वर्मा सवालों के घेरे में हैं।

मॉनसून सत्र में कई बिलों को पेश कर सकती सरकार

• मणिपुर GST (संशोधन) विधेयक 2025

• जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक 2025

• भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक 2025

• टैक्सेशन लॉ (संशोधन) विधेयक 2025

• भू-विरासत स्थल एवं भू-अवशेष (संरक्षण एवं रखरखाव) विधेयक 2025

• खान एवं खान (विकास एवं विनियमन) संशोधन विधेयक 2025

• राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक 2025

• राष्ट्रीय एंटी डोपिंग (संशोधन) विधेयक 2025

क्या है मॉनसून सत्र का शेड्यूल?

संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई से 2025 से शुरू होने जा रहा है। ये सत्र 21 अगस्त तक चलेगा। आपको बता दें कि मॉनसून सत्र पहले 12 अगस्त को खत्म होने वाला था। हालांकि, सरकार ने इसे एक हफ्ते के लिए बढ़ा दिया है। सत्र के दौरान कई अहम बिल पेश होने की उम्मीद है। वहीं, दूसरी ओर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भी मॉनसून सत्र में कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। इनमें बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन, ऑपरेशन सिंदूर और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावे प्रमुख हो सकते हैं। कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी ने क दिन पहले ही 15 जुलाई को मानसून सत्र के लिए पार्टी की रणनीति तय करने के लिए एक अहम बैठक भी बुलाई थी।

संसद ही सर्वोच्च…,न्यायपालिका की आलोचना के बीच उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर दोहराई बात


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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने फिर न्यायापलिका और कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्रों को लेकर बड़ा बयान दिया है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने एक बार फिर भारत के संविधान में निर्धारित शासन व्यवस्था के ढांचे के भीतर न्यायपालिका की भूमिका और उसकी सीमाओं पर सवाल उठाए हैं। उपराष्ट्रपति ने न्यायिक "अधिकारों के अतिक्रमण" की आलोचना की और दोहराया कि "संसद ही सर्वोच्च है"।

संविधान में संसद से ऊपर कोई नहीं-धनखड़

दिल्ली विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम के दौरान धनखड़ ने कहा कि संविधान के तहत किसी भी पद पर बैठे व्यक्ति की बात हमेशा राष्ट्रहित को ध्यान में रखकर होती है। धनखड़ ने यह भी कहा कि कुछ लोग यह सोचते हैं कि संवैधानिक पद सिर्फ औपचारिक या दिखावटी होते हैं, लेकिन यह गलत सोच है। संविधान लोगों के लिए है और यह उनके चुने हुए प्रतिनिधियों की रक्षा करता है। उन्होंने कहा कि संविधान में संसद से ऊपर किसी भी संस्था की कल्पना नहीं की गई है। संसद सबसे सर्वोच्च है।

लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका-धनखड़

धनखड़ ने आगे कहा कि किसी भी लोकतंत्र के लिए हर नागरिक की अहम भूमिका होती है। मुझे यह बात समझ से परे लगती है कि कुछ लोगों ने हाल ही में यह विचार व्यक्त किया है कि संवैधानिक पद औपचारिक या सजावटी हो सकते हैं। इस देश में हर किसी की भूमिका (चाहे वह संवैधानिक पदाधिकारी हो या नागरिक) के बारे में गलत समझ से कोई भी दूर नहीं हो सकता।

लोकतंत्र में चुप रहना खतरनाक है-धनखड़

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बातचीत और खुली चर्चा बहुत जरूरी है। अगर सोचने-विचारने वाले लोग चुप रहेंगे तो इससे नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा, संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को हमेशा संविधान के मुताबिक बोलना चाहिए। हम अपनी संस्कृति और भारतीयता पर गर्व करें। देश में अशांति, हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना सही नहीं है। जरूरत पड़ी तो सख्त कदम भी उठाने चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर जताई थी चिंता

यहां, उपराष्ट्रपति ने किसी का नाम नहीं लिया। हालांकि, साफ है कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले पर की गई अपनी टिप्पणी को लेकर आलोचना करने वालों पर निशाना साधा। सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने हाल में कहा था कि राज्यपाल अगर कोई विधेयक राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजते हैं, तो राष्ट्रपति को उस पर तीन महीने के भीतर फैसला लेना होगा। राष्ट्रपति द्वारा विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय सीमा निर्धारित करने वाले हाल के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर चिंता व्यक्त करते हुए धनखड़ ने पिछले शुक्रवार को कहा था कि भारत ने ऐसे लोकतंत्र की कल्पना नहीं की थी जहां जज कानून बनाएंगे, शासकीय कार्य करेंगे और ‘‘सुपर संसद’’ के रूप में कार्य करेंगे।

आज लोकसभा में पेश होगा वक्फ संशोधन विधेयकः भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने व्हिप जारी किया, घमासान तय


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केंद्र सरकार आज लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 पेश करने जा रही है। दोपहर 12 बजे बिल पेश होने के बाद 8 घंटे चर्चा का समय तय किया गया है। 4 घंटे 40 मिनट एनडीए के सांसद अपनी बात रखेंगे, बाकी वक्त विपक्षी सांसदों को दिया गया है। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू चर्चा की शुरुआत करेंगे। बीजेपी, कांग्रेस, जेडीयू, टीडीपी ने अपने सांसदों की लिए व्हिप जारी किया है।

वक्फ बिल पर महाभारत जारी है। विपक्ष ने कहा कि चर्चा 12 घंटे होनी चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि बिल पर चर्चा का समय बढ़ाया जा सकता है। हालांकि, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने सरकार पर अपने एजेंडे को थोपने और विपक्षी सदस्यों की बात नहीं सुनने का आरोप लगाया।

सदन में नंबर गेम से ऐसा लगता है कि सरकार इसे पास करा लेगी। हालांकि, विपक्ष अपनी एकजुटता के भरोसे इसे फेल करने का दावा कर रहा है। विपक्ष को उम्मीद है कि वे इसे पास करने से रोक देंगे। वहीं, सरकार इसे पास कराने की पूरी तैयारी कर चुकी है। जदयू-टीडीपी जैसे एनडीए के सहयोगियों का भी साथ मिल चुका है, जो पहले अन्य मुद्दों पर अलग रुख रखा करते थे।

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

सूत्रों के मुताबिक, वक्फ की पुरानी संपत्तियों से छेड़छाड़ नहीं की जाएगी. राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी. साथ ही बोर्ड में 2 गैर मुस्लिम होंगे और वक्फ ट्रिब्यूनल में तीन सदस्य होंगे. इसके अलावा कलेक्टर की जगह जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारी नियुक्त होगा. वहीं, 5 साल इस्लाम मानने वाला ही संपत्ति वक्फ कर सकता है. 2025 से पहले तक जो संपत्ति वक्फ की है, उसकी ही रहेगी, जो ट्रस्ट धर्मार्थ कार्य में हैं उस पर कानून लागू नहीं होगा.

जेपीसी ने करीब छह महीने विधेयक पर किया मंथन

केंद्र ने इस विधेयक को पिछले साल अगस्त को लोकसभा के सामने रखा था। बाद में सर्वसम्मति से इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया। जेपीसी ने करीब छह महीने तक विधेयक पर मिले संशोधन के सुझावों पर विचार किया और 27 जनवरी को इसे फिर से संसद में पेश करने की मंजूरी दे दी। एक महीने बाद ही केंद्रीय कैबिनेट ने भी इस विधेयक पर मुहर लगा दी।  

वक्फ संसोधन बिल में क्या-क्या है खास?

अब सरकार ने बजट सत्र के दूसरे चरण के आखिर में वक्फ संशोधन विधेयक को पेश करने का फैसला लिया है। इसके जरिए सरकार वक्फ कानून, 1995 में संशोधन करना चाहती है। फिलहाल इसी कानून के तहत देश में वक्फ की संपत्तियों का प्रबंधन होता है। हालांकि, सरकार अब वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को बेहतर ढंग से अंजाम देना चाहती है। साथ ही इनसे जुड़े विवादों को भी जल्द सुलझाना चाहती है।