बीजेपी ने पकड़ी कांग्रेस की “राह”, महाराष्ट्र से लेकर झारखंड तक, हो रही संविधान की चर्चा
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इस साल मई में हुए हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने 400 पार का नारा दिया था। बीजेपी इसको लेकर आत्मविश्वास से लबरेज थी। हालांकि, उसे मुंह की खानी पड़ी। भाजपा ने सर्वाधिक 240 सीटें हासिल की, लेकिन 400 पार का सपना चकनाचूर हो गया था। जबकि सालों से कांग्रेस ने 99 सीटें जीती हैं।इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी सबसे बड़ी विजेता साबित हुई। कांग्रेस पार्टी को 47 सीटों का शुद्ध लाभ हुआ। उसने 2019 में कुल 52 सीटें जीतीं थीं जो अब बढ़कर 99 हो गईं। माना जाता है कि कांग्रेस को संविधान का मुद्दा उठाया फायदेमंद साबित हुआ था।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनावों के दौरान ये नैरिटिव जोर शोर से खड़ा किया था कि बीजेपी लोक सभा में 400 सीटें इसलिए जीतना चाहती है कि वो संविधान में संशोधन कर आरक्षण खत्म कर सके। कांग्रेस का ये नैरेटिव का भी कर गया। खासकर उत्तर प्रदेश में तो इसका सबसे ज्यादा असर देखा गया। उत्तर प्रदेश में दलित और पिछड़े वर्ग ने बीजेपी का साथ तकरीबन छोड़ ही दिया। नतीजा राहुल और समाजवादी पार्टी के हक में रहा। बीजेपी को राज्य में 29 सीटों का नुकसान हुआ। उस वक्त राहुल गांधी लगातार लाल रंग की संविधान की किताब अपने साथ लिए वोटरों के बीच घूमते रहे। उस वक्त उनका नारा था संविधान को बचाना है।
बीजेपी ने पकड़ी कांग्रेस की राह
बीजेपी ने लोकसभा चुनावों से गंभीर सबक लिया। बीजेपी भी कांग्रेस की राह पर चल पड़ी है। लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र और झारखंड में हो रहे विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस को उस मुद्दे को ही “हथिया” लिया है। महाराष्ट्र और झारखंड की चुनावी रैलियों में अब बीजेपी, कांग्रेस पर संविधान को खत्म करने का आरोप लगा रही है। पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर हमला करते हुए कहा, 'कांग्रेस बाबा साहब के संविधान को खत्म करना चाहती है। कांग्रेस और उनके साथियों को बाबा साहब के संविधान से नफरत है। बीजेपी को मालूम है कि महाराष्ट्र को बाबा साहेब के अपमान की बात बहुत प्रभावित करती है।
संविधान के नाम पर लाल किताब बांटने का आरोप
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र के नांदेड़ में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा, 'कांग्रेस ने फर्जीवाड़े में अपना ही रिकॉर्ड तोड़ दिया है। कांग्रेस के लोग संविधान के नाम पर अपनी एक अलग लाल किताब बंटवा रहे हैं। कांग्रेस की लाल किताब पर ऊपर तो लिखा है- भारत का संविधान! लेकिन लोगों ने जब भीतर से खोला तो पता चला कि लाल किताब कोरी है।'
उन्होंने आगे कहा, 'संविधान के नाम पर लाल किताब छपवाना, उसमें से संविधान के शब्दों को हटाना। ये संविधान को खत्म करने की कांग्रेस की पुरानी सोच का नमूना है। ये कांग्रेस वाले देश में बाबा साहब का नहीं बल्कि अपना अलग ही संविधान चलाना चाहते हैं। कांग्रेस और उनके साथियों को बाबा साहब के संविधान से नफरत है।'
संविधान से खिलवाड़ करने का आरोप
पीएम मोदी के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के छतरपुर की चुनावी सभा अपने भाषण का फोकस इसी पर रखा। उन्होंने सीधे तौर पर कह दिया कि राहुल गांधी संविधान की नकली किताब बांट कर बाबा साहेब का अपमान कर रहे हैं। शाह ने ये भी कहा कि कांग्रेस पार्टी आरक्षण और संविधान की बात कर रही है लेकिन संविधान से वही सबसे ज्यादा खिलवाड़ करती है। शाह ने कहा कि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था नहीं है, लेकिन कांग्रेस ने महाराष्ट्र में उलेमाओं के प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त किया है कि मुसलमानों को 10 प्रतिशत आरक्षण दिलाने में मदद करेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस दलितों- पिछड़ों और आदिवासियों का हिस्सा काटकर मुसलमानों को आरक्षण देना चाहती है।
यहां से मिली को मिला मुद्दा
यही नहीं, इस बार राहुल के विरोध में कुछ वीडियो भी बीजेपी के सोशल हैंडलों से शेयर हुए। ये वीडियो महाराष्ट्र का ही बताया गया। नागपुर में राहुल गांधी ने संविधान सम्मेलन का आयोजन किया था और वहां संविधान की प्रतियां बांटी गई थी। राहुल गांधी ने कहा कि बाबा साहेब आंबेडकर की ओर से रचित संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि जीने का तरीका है। उन्होंने जातिगत जनगणना, ओबीसी आरक्षण और संविधान की सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए। इस दौरान एक लाल रंग की किताब बांटी गई, जिस पर संविधान लिखा था, लेकिन वह अंदर से खाली थी। इसके बाद से ही बीजेपी ने राहुल गांधी और कांग्रेस को घेरना शुरू कर दिया है।
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