बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

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अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

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“बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

कनाडा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बैन करने की उठी मांग, जानें क्या है वजह

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भारत और कनाडा के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है। खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा सरकार ने भारत के उच्चायुक्त के शामिल होने का आरोप लगाया है। भारत सरकार ने इसके बाद अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है। दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच कनाडा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेटवर्क पर बैन लगाने की मांग उठी है।

न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह ने कनाडा में आरएसएस के नेटवर्क पर बैन लगाने की मांग की है। सिंह ने यह बयान भारतीय राजनयिकों के निष्कासन और आपराधिक जांच के संदर्भ में जारी किया।

जगमीत सिंह ने कहा, "आरसीएमपी कमिश्नर द्वारा जारी की गई जानकारी को लेकर न्यू डेमोक्रेट्स चिंतित है। सिंह का आरोप है कि भारतीय अधिकारियों के हाथों कनाडाई, विशेष रूप से कनाडा के सिख समुदाय, डर, धमकी, उत्पीड़न और हिंसा का शिकार हो रहे हैं। उनके मुताबिक सिखों संग जबरन वसूली की जा रही है।

बयान में मारे गए आतंकवादी निज्जर का भी जिक्र है। दावा किया गया है कि कनाडा के पास भारत के खिलाफ कनाडाई हरदीप सिंह निज्जर (भारत द्वारा घोषित आतंकवादी) के मर्डर से संबंधित पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने आगे कहा, सितंबर 2023 में ही आरसीएमपी ने 13 लोगों को जान का खतरा बताते हुए चेतावनी जारी की थी। सिंह के मुताबिक, खतरे की चेतावनी के बावजूद कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की। हमारी प्राथमिकता कनाडाई नागरिकों के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराने की है ताकि वो जबरन वसूली, हिंसा और चुनावी हस्तक्षेप से मुक्त रहें। कनाडा और हमारे नागरिकों की सुरक्षा के हित में मैं सभी नेताओं से आग्रह करता हूं कि वह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें और भारत सरकार की जवाबदेही तय करें।

जगमीत सिंह ने कनाडाई सरकार से भारतीय राजनयिकों के निष्कासन के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि हम एक बार फिर से कनाडा सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह भारत के खिलाफ राजनयिक प्रतिबंध लगाए। आरएसएस पर कनाडा में बैन लगाएं और किसी भी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का वचन दें जो कनाडाई मिट्टी पर संगठित आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाया जाए।

एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने ये मांग उस वक्त उठाई है जब भारत और कनाडा के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी देखी जा रही है। दरअसल, खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा ने एक बार फिर भारत विरोधी बयान दिया है। जिसके बाद भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। वहीं, कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनायिकों को वापस बुला लिया है।

संभल भाकियू BRSS ने तहसील परिसर में किया धरना प्रदर्शन समस्याओं के निस्तारण को लेकर गरजे कार्यकर्ता

संभल । भारतीय किसान यूनियन BRSS द्वारा ए डी एम कार्यालय परिसर संभल में किसानों की समस्याओं को लेकर किसान पंचायत का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष मिंकू चौधरी ने एवं संचालन मास्टर राजवीर सिंह जिला संरक्षक ने किया

पंचायत में बोलते हुए जिलाध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार के कारण जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है वही संगठन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि जिले की प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक शाखाओं के द्वारा क्रेडिट कार्ड पर अन्य बैंकों के मुकाबले ज्यादा ब्याज वसूला जा रहा है किसानो की खतौनी में उनके हिस्सों को दर्ज करने में की गई कमियां दूर होनी चाहिए प्रदेश भर में इसके लिए गांव गांव अभियान चलाया जाए अन्य वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जल मिशन योजना में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी जांच होनी चाहिए विद्युत विभाग में कोई भी काम बिना लेनदेन के नहीं होता है आधे से ज्यादा मीटर गलत बिल निकाल कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार संभल को सोपा।

पंचायत में पहुंचे विभाग के अधिकारियों द्वारा कुछ समस्याओं का मौके पर निस्तारण कर दिया गया एवं अन्य समस्याओं के जल्द निस्तारण की बात कही।

जिला उपाध्यक्ष मिंकू चौधरी जिला महामंत्री अनमोल कुमार जिला कानूनी सलाहकार एड. ललित गुर्जर ब्लॉक अध्यक्ष पंवासा प्रवेन्दर यादव युवा ब्लॉक अध्यक्ष नितिन कुमार जिला अध्यक्ष अमरोहा दीपक गुर्जर जिला अध्यक्ष अमरोहा चिकित्सा डॉक्टर योगेंद्र सिंह जिला उपाध्यक्ष अमरोहा सोनू कुमार मंडल उपाध्यक्ष अरुण चौधरी नकुल डागर जिला संगठन मंत्री तहसील अध्यक्ष अशोक फौजी सुभाष चहल सत्येंद्र चौधरी सेवक सैनी आदि सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

भाकियू (BRSS) द्वारा 14 अक्टूबर को किसानों की समस्याओं को लेकर किया जाएगा पंचायत का आयोजन

संभल । भारतीय किसान यूनियन ( BRSS) द्वारा जिला उपाध्यक्ष संभल मिंकू चौधरी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी संभल को संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारी संभल को सौँपा गया।जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने बताया कि 14 अक्टूबर दिन सोमवार को प्रातः 11:00 बजे ए डी एम कार्यालय परिसर संभल में किसानों की समस्याओं को लेकर पंचायत का आयोजन किया जाएगा ।

ज्ञापन में कहा गया कि तहसीलदार संभल, विद्युत अधिशासी अभियंता संभल, खंड विकास अधिकारी संभल, आपूर्ति निरीक्षक संभल, बेसिक शिक्षा अधिकारी संभल एवं चिकित्सा अधिकारी संभल आदि अधिकारी गण किसानो की समस्याओं के निदान हेतु पंचायत में दोपहर 1:00 बजे तक पहुंचे । अगर विभाग से संबंधित अधिकारी समय से पंचायत में नहीं पहुंचते हैं तो कार्यकारिणी आगामी निर्णय लेकर आंदोलन को विवश होगी जिसकी पूर्णत: जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की रहेगी ।

मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी, जिला उपाध्यक्ष संभल मिंकू चौधरी, जिला महामंत्री संभल अनमोल कुमार, ललित गुर्जर जिला कानूनी सलाहकार, सरदार गुरु वचन सिंह, हेमंत कुमार आदि लोग उपस्थित रहे ।

RSS के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए कही ये बात

टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है. पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश की दिग्गज हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने भी रतन के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत की विकास यात्रा में रतन टाटा का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा और उन्होंने उद्योग जगत में कई स्टैंडर्ड भी स्थापित किए.

मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा, “देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का निधन सभी देशवासियों के लिए अत्यंत दुःखद है. उनके निधन से देश ने एक अपना अमूल्य रत्न को खो दिया है. भारत की विकास यात्रा में उनका योगदान चिरस्मरणीय रहेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि रतन टाट ने उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई नई और प्रभावी पहल के साथ ही ढेरों श्रेष्ठ मानकों को स्थापित किया.

अपने काम से वह प्रेरणादायी रहेः भागवत

रतन टाटा के योगदान को याद करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा, “समाज के हितों के अनुकूल हर तरह के कामों में उनका निरंतर सहयोग और सहभागिता बनी रही. देश की एकात्मता और सुरक्षा की बात हो या विकास के कोई पहलू हो या फिर अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों के हित का मामला हो रतन टाटा अपने विशिष्ट सोच और काम से प्रेरणादायी बने रहे. अनेक ऊचांइयों को छू लेने के बाद भी उनकी सहजता और विनम्रता की शैली हमारे लिए हमेशा अनुकरणीय रहेगी.” उन्होंने कहा कि उनकी पावन स्मृतियों को विनम्र अभिवादन करते हुए हम भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हैं.

वयोवृद्ध उद्योगपति रतन टाटा का कल बुधवार देर रात मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 साल के थे. पद्म विभूषण रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया.

अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह

रतन का पार्थिव शरीर आज गुरुवार को सुबह 10 बजे से साढ़े तीन बजे तक दक्षिण मुंबई में नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुरुवार को रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. सूत्रों की ओर से बताया गया कि भारत सरकार की ओर से अमित शाह रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. अमित शाह उद्योगपति के अंतिम संस्कार के लिए इसलिए मुंबई जाएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने लाओस के लिए रवाना हो रहे हैं.

महाराष्ट्र में आज राजकीय शोक

दूसरी ओर, महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आज राज्य में एक दिन के शोक की घोषणा की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हवाले से मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने अपने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्र ध्वज गुरुवार (10 अक्टूबर) को शोक के प्रतीक के रूप में आधा झुका रहेगा. आज कोई मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा.

आजमगढ़:संजय जोशी बन सकते हैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

आजमगढ़:: RSS के वरिष्ठ नेता संजय जोशी पर दिल भरा प्यार मिलने वाला है । भारतीय जनता पार्टी और R S S के पदाधिकारियों ने जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को लेकर चर्चा काफी जोर शोर से चल रहा है।

कुछ दिनो से सोशल मीडिया और बड़े -बड़े राष्ट्रीय मीडिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अनेकों प्रकार से दिखाया जा रहा है ।लंबे समय से संजय जोशी जी से जुड़े आशुतोष मिश्रा ने बताया कि संजय विनायक जोशी करोडों कार्यकर्ताओं के दिल पर राज करने वाले और गरीबों के मसीहा हैं जिन्होंने अपना जीवन संघ को समर्पित किया।जोशी जी अपना जीवन समान रूप से व्यतीत करते है।

कतिपय बड़े -बड़े मीडिया वाले लोग जोशी को ले कर भ्रामक/गलत न्यूज़ चला रहे हैं ।अभी किसी प्रकार की सुरक्षा जोशी के पास नहीं हैं ।पहले जैसे थे वैसे आज भी है ,और कार्यकर्ताओं का मिलना जुलना व उनका कुशलक्षेम जानना उनकी पुरानी पद्यति है वह आज भी वैसे ही अनवरत चल रहा है ।

सिद्ध बाबा आश्रम पर मेले का आयोजन

संभल। ग्राम - भमोरी पट्टी में सिद्ध बाबा आश्रम पर गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी छड़ी मेले का आयोजन किया गया ।भारतीय किसान यूनियन BRSS के जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी के साथ मेले में पहुंचे पदाधिकारियो का कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया ।

जिलाध्यक्ष ने कहा ग्राम वासियों एवं कार्यकर्ताओं ने जो प्यार दिया है उसके सदा आभारी रहेंगे ! उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन समय-समय पर होने चाहिए जिस से कि पुरानी प्रथाओं को जीवित रखा जा सके ।

गंगा नंद गिरी महाराज जिलाध्यक्ष संभल (संत मोर्चा), राम रहीस यादव ग्राम अध्यक्ष भमोरी पट्टी, सरदार गुरु वचन सिंह, सुशील राठी, छत्रपाल यादव, अमरपाल यादव, लालाराम यादव, भूरे सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

भाकियू (BRSS) द्वारा संगठन विस्तार पर दिया बल

संभल। भारतीय किसान यूनियन (BRSS) द्वारा पवांसा ब्लाक के ग्राम - नूरपुर ततारपुर में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के कुशल नेतृत्व में जन जागरण बैठक का आयोजन किया गया ! बैठक में किसानों से जुड़ी समस्याओं का प्रमुखता से समाधान कराने पर बल दिया ।

जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने 14 अक्टूबर को ए डी एम कार्यालय परिसर संभल में होने वाली पंचायत को सफल बनाने का आह्वान किया ।कार्यकारिणी द्वारा संगठन विस्तार में सत्येंद्र यादव को ग्राम अध्यक्ष एवं सोमपाल सिंह यादव को ग्राम संगठन मंत्री नियुक्त किया गया ।बैठक में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जिला अध्यक्ष संभल (संत मोर्चा), गंगा नंद गिरी महाराज, वेद प्रकाश यादव,पप्पू यादव, लाल सिंह यादव, बिजेंदर सिंह यादव, शेर सिंह यादव आदि लोग उपस्थित रहे ।

अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्यों ने सौंपा गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने का पत्रक

गोरखपुर। ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के द्वारा पूरे देश में गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने और गौ हत्या बंद करने के चलाए जा रहे अभियान के क्रम में रविवार को गोरखपुर के सहारा स्टेट कॉलोनी में संघ की शाखा में पहुंचे RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को, शंकराचार्य के दीक्षित शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय के नेतृत्व में सैकड़ो शिष्यों ने, एक पत्रक सौंपा। इस दौरान उनसे लोगों ने उसने विनम्र अनुरोध किया कि, इस विषय पर संघ गंभीरता से विचार करते हुए, गौ माता को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए, उन्हें राष्ट्र माता घोषित करने के लिए अपना संकल्प ले।

इसके साथ ही केंद्रीय सरकार को इसके लिए कानून बनाने के लिए प्रेरित करें। शंकराचार्य भगवान के शिष्यों ने इस दौरान दत्तात्रेय होसबोले का स्वागत भी किया। उन्हें गोरक्षभूमि पर गीता और शंकराचार्य भगवान की तरफ से प्रसाद स्वरूप भेजी गई साल भी भेंट किया गया।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय ने कहा कि, सर्वविदित है कि भारतीय संस्कृति और सनातन सभ्यता में गौ माता को सर्व पूजनीय और धार्मिक रूप से सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उनके लिए वेदों में "गांवो विश्वस्य मातर:" की उक्ति का प्रयोग भी किया गया है। जिसका अर्थ यह है कि गाय विश्व की माता है। ऐसा हमारी सभ्यता में सदियों से रचा बसा रहा है। लेकिन यह देखने को मिला कि भारत देश में स्वतंत्रता के बाद से अनेकों सरकारें तो बनी लेकिन किसी ने गौ संवर्धन एवं रक्षा हेतु कोई भी कार्य नहीं किया। जबकि गायों की रक्षा और गौ हत्या निषेध कानून की मांग लंबे समय से हिंदू धर्माचार्य करते आ रहे हैं।

वर्तमान समय में गौ हत्या निषेध कानून की मांग व्यापक रूप से चारों शंकराचार्य पीठें, पांचो वैष्णवाकार्य पीठेँ और 13 अखाड़ों द्वारा, हिंदुओं के परंपरागत और सार्वभौमिक प्रतिदिन होने के कारण लगातार किया जा रहा है। जो हिंदू जनमानस और वेदों की आज्ञा के अनुरूप है।

इसी क्रम में वर्तमान में पूरे भारत देश के सभी प्रांतों की राजधानियों में गौ ध्वज को ज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 द्वारा फहराकर, गौ हत्या निषेध कानून की मांग की जा रही है। जिसके तहत वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर, राष्ट्र माता की श्रेणी में रखने की मांग है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी जो कि भारत देश में, सनातन हिंदू गौरव को नए उदीयमान सूर्य की भांति लेकर चल रहा है, उससे अपेक्षा वर्तमान दशा में और भी बढ़ जाती है। संघ वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर राष्ट्र माता का दर्जा देने हेतु एक प्रभावी संकल्पित प्रयास करें जिससे, एक केंद्रीय कानून गौ हत्या निषेध का बन सके और सनातन का उत्थान हो। ऐसा ही सभी हिंदू राष्ट्रीय सेवक संघ से अपेक्षा लगाए बैठे हैं। उसी क्रम में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले जी को हम सभी शंकराचार्य भगवान के शिष्यगण मिलकर पत्रक सौंपने का कार्य किए हैं। जिसपर निर्णय और विचार करने का उनसे अनुरोध भी किया गया है।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्यगणों में मुन्ना सिंह, सुनील पांडेय, मयंक मिश्रा, अवधेश सिंह, मुकेश पाण्डेय, अष्टभुजा सिंह, राजकुमार मिश्रा, कृष्ण कुमार भार्गव, अभय शाही, धीरज सिंह, धर्मेंद्र दिवेदी, आशुतोष शुक्ला, अनिवेश सिंह, राहुल चतुर्वेदी, प्रमोद गौड़, आमोद गौंड, सौरभ गुप्ता, हेमंत त्रिपाठी, विनय पांडेय आदि मौजूद रहे।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने लेधी गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती मनाया

बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

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अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

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“बांग्लादेश जैसा उपद्रव भारत में भी हो सकता है”? किस खतरे की ओर है भगवात का इशारा

अगस्त में पड़ोसी देश बांग्लादेश में तख्तापलट हुआ, जिसके बाद देश के नेताओं ने यहां तक कह दिया कि बांग्लादेश के प्रधानमंत्री आवास में जिस तरह लूट-खसोट हुई, वैसा ही दृश्य भारत में भी देखा जा सकता है। ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के हैं। इनमें एक तो केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं। हालांकि, उस वक्त बीजेपी नेताओं ने आपत्तियां दर्ज की थी। अब दशहरे के मौके पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता की तुलना भारत से कर दी।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपुर स्थित मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 'बांग्लादेश में हिंसा जैसी स्थिति भारत में पैदा करने की कोशिश', 'बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर अत्याचार' जैसे मुद्दे पर टिप्पणी की।

संघ प्रमुख ने कहा कि 'डीप स्टेट', 'वोकिज्म', 'कल्चरल मार्क्सिस्ट' शब्द इस समय चर्चा में हैं और ये सभी सांस्कृतिक परंपराओं के घोषित दुश्मन हैं। उन्होंने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों, परंपराओं और जहां जहां जो कुछ भी भद्र, मंगल माना जाता है, उसका समूल उच्छेद (पूरी तरह से ख़त्म करना) इस समूह की कार्यप्रणाली का अंग है। भागवत ने आगे कहा, समाज में अन्याय की भावना पैदा होती है। असंतोष को हवा देकर उस तत्व को समाज के अन्य तत्वों से अलग और व्यवस्था के प्रति आक्रामक बना दिया जाता है। व्यवस्था, कानून, शासन, प्रशासन आदि के प्रति अविश्वास और घृणा को बढ़ावा देकर अराजकता और भय का माहौल बनाया जाता है. इससे उस देश पर हावी होना आसान हो जाता है।

भागवत ने आगे कहा कि तथाकथित 'अरब स्प्रिंग' से लेकर पड़ोसी बांग्लादेश में हाल की घटनाओं तक, एक ही पैटर्न देखा गया। हम पूरे भारत में इसी तरह के नापाक प्रयास देख रहे हैं। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि पिछले कुछ सालों में भारत अधिक ताकतवर हुआ है और विश्व में उसकी साख भी बढ़ी है लेकिन मायावी षडयंत्र देश के संकल्प की परीक्षा ले रहे हैं।

भागवत ने कहा क शिक्षा संस्थान, बौद्धिक जगत में कब्जा कर विचारों में विकृति पैदा करने की कोशिश करते हैं। ऐसा माहौल बनाते है कि हम ही अपनी परंपरा को तुच्छ समझें। उन्होंने कहा कि समाज की विविधताओं को अलगाव में बदलने की कोशिश करना, लोगों में टकराव की स्थिति पैदा करना, सत्ता, प्रशासन, कानून, संस्था सबके प्रति अनादर का व्यवहार सिखाना... इससे उस देश पर बाहर से वर्चस्व चलाना आसान है।

अब सवाल ये है कि भागवत के बयान में इशारा किसकी तरफ है। संघ ने हमेशा आरोप लगाया है कि भारत की संस्कृति 'हिंदू संस्कृति' है उसे 'सांस्कृतिक मार्क्सवाद' के माध्यम से नष्ट करने की कोशिश की जा रही है। दरअसल, संघ का इशारा उन गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) की तरफ है, जिसे बाहरी लोग फंडिंग करते हैं और इनसे भारत विरोधी गतिविधियां करते। संघ का दावा है कि दुनिया भर के कई अंतरराष्ट्रीय संगठन भारत में विभिन्न संगठनों को वित्तीय सहायता देते हैं, यह सहायता भारत में विकास में बाधा डालने के लिए है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने पिछले कुछ सालों में उन तमाम गैर-सरकारी संगठनों पर नकेल कसी है, जो कथित तौर पर भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते थे। राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक व्यवस्था को पुख्ता करने का काम केंद्रीय गृह मंत्रालय का होता है और मंत्रालय ने ऐसे ही संगठनों के खिलाफ जांच और उचित कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिए हैं। दूसरी तरफ, जो संगठन देश और देशवासियों के लिए जनकल्याण की भावना से काम करते हैं और भारतीय कानून को मानते हैं, सरकार की तरफ से उचित मदद भी दी जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार बनने के बाद से ही देश में रजिस्टर्ड एनजीओ की गहरी छानबीन शुरू हुई और पड़ताल में हजारों एनजीओ नियम-कानून की धज्जियां उड़ाते पाए गए। सरकार ने ऐसे एनजीओ पर लगाम कसना शुरू किया और उन सारे एनजीओ के लाइसेंस कैंसल करने लगी जो नियमों के पालन में हीला-हवाली करते पाए गए। सरकार की कार्रवाई का शिकार कई मशहूर अंतरराष्ट्रीय एनजीओ भी हुए जिन्होंने भारतीय कानूनों की अनदेखी की थी।

कनाडा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को बैन करने की उठी मांग, जानें क्या है वजह

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भारत और कनाडा के बीच तनाव फिर से बढ़ गया है। खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कनाडा सरकार ने भारत के उच्चायुक्त के शामिल होने का आरोप लगाया है। भारत सरकार ने इसके बाद अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा और अन्य राजनयिकों को वापस बुला लिया है। दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच कनाडा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेटवर्क पर बैन लगाने की मांग उठी है।

न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) के नेता जगमीत सिंह ने कनाडा में आरएसएस के नेटवर्क पर बैन लगाने की मांग की है। सिंह ने यह बयान भारतीय राजनयिकों के निष्कासन और आपराधिक जांच के संदर्भ में जारी किया।

जगमीत सिंह ने कहा, "आरसीएमपी कमिश्नर द्वारा जारी की गई जानकारी को लेकर न्यू डेमोक्रेट्स चिंतित है। सिंह का आरोप है कि भारतीय अधिकारियों के हाथों कनाडाई, विशेष रूप से कनाडा के सिख समुदाय, डर, धमकी, उत्पीड़न और हिंसा का शिकार हो रहे हैं। उनके मुताबिक सिखों संग जबरन वसूली की जा रही है।

बयान में मारे गए आतंकवादी निज्जर का भी जिक्र है। दावा किया गया है कि कनाडा के पास भारत के खिलाफ कनाडाई हरदीप सिंह निज्जर (भारत द्वारा घोषित आतंकवादी) के मर्डर से संबंधित पुख्ता सबूत हैं। उन्होंने आगे कहा, सितंबर 2023 में ही आरसीएमपी ने 13 लोगों को जान का खतरा बताते हुए चेतावनी जारी की थी। सिंह के मुताबिक, खतरे की चेतावनी के बावजूद कनाडाई नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की। हमारी प्राथमिकता कनाडाई नागरिकों के लिए सुरक्षित माहौल मुहैया कराने की है ताकि वो जबरन वसूली, हिंसा और चुनावी हस्तक्षेप से मुक्त रहें। कनाडा और हमारे नागरिकों की सुरक्षा के हित में मैं सभी नेताओं से आग्रह करता हूं कि वह अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करें और भारत सरकार की जवाबदेही तय करें।

जगमीत सिंह ने कनाडाई सरकार से भारतीय राजनयिकों के निष्कासन के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि हम एक बार फिर से कनाडा सरकार से आग्रह कर रहे हैं कि वह भारत के खिलाफ राजनयिक प्रतिबंध लगाए। आरएसएस पर कनाडा में बैन लगाएं और किसी भी ऐसे व्यक्ति के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का वचन दें जो कनाडाई मिट्टी पर संगठित आपराधिक गतिविधियों में शामिल पाया जाए।

एनडीपी नेता जगमीत सिंह ने ये मांग उस वक्त उठाई है जब भारत और कनाडा के रिश्तों में एक बार फिर तल्खी देखी जा रही है। दरअसल, खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर मामले में कनाडा ने एक बार फिर भारत विरोधी बयान दिया है। जिसके बाद भारत ने सख्त एक्शन लेते हुए कनाडा के 6 राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है। वहीं, कनाडा से अपने उच्चायुक्त और अन्य राजनायिकों को वापस बुला लिया है।

संभल भाकियू BRSS ने तहसील परिसर में किया धरना प्रदर्शन समस्याओं के निस्तारण को लेकर गरजे कार्यकर्ता

संभल । भारतीय किसान यूनियन BRSS द्वारा ए डी एम कार्यालय परिसर संभल में किसानों की समस्याओं को लेकर किसान पंचायत का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता जिला उपाध्यक्ष मिंकू चौधरी ने एवं संचालन मास्टर राजवीर सिंह जिला संरक्षक ने किया

पंचायत में बोलते हुए जिलाध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने कहा कि प्रशासनिक भ्रष्टाचार के कारण जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है वही संगठन के युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा ने कहा कि जिले की प्रथमा यूपी ग्रामीण बैंक शाखाओं के द्वारा क्रेडिट कार्ड पर अन्य बैंकों के मुकाबले ज्यादा ब्याज वसूला जा रहा है किसानो की खतौनी में उनके हिस्सों को दर्ज करने में की गई कमियां दूर होनी चाहिए प्रदेश भर में इसके लिए गांव गांव अभियान चलाया जाए अन्य वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जल मिशन योजना में भी भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है निर्माण कार्य में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसकी जांच होनी चाहिए विद्युत विभाग में कोई भी काम बिना लेनदेन के नहीं होता है आधे से ज्यादा मीटर गलत बिल निकाल कर जनता को गुमराह करने का काम कर रहे हैं। कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन नायब तहसीलदार संभल को सोपा।

पंचायत में पहुंचे विभाग के अधिकारियों द्वारा कुछ समस्याओं का मौके पर निस्तारण कर दिया गया एवं अन्य समस्याओं के जल्द निस्तारण की बात कही।

जिला उपाध्यक्ष मिंकू चौधरी जिला महामंत्री अनमोल कुमार जिला कानूनी सलाहकार एड. ललित गुर्जर ब्लॉक अध्यक्ष पंवासा प्रवेन्दर यादव युवा ब्लॉक अध्यक्ष नितिन कुमार जिला अध्यक्ष अमरोहा दीपक गुर्जर जिला अध्यक्ष अमरोहा चिकित्सा डॉक्टर योगेंद्र सिंह जिला उपाध्यक्ष अमरोहा सोनू कुमार मंडल उपाध्यक्ष अरुण चौधरी नकुल डागर जिला संगठन मंत्री तहसील अध्यक्ष अशोक फौजी सुभाष चहल सत्येंद्र चौधरी सेवक सैनी आदि सहित सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

भाकियू (BRSS) द्वारा 14 अक्टूबर को किसानों की समस्याओं को लेकर किया जाएगा पंचायत का आयोजन

संभल । भारतीय किसान यूनियन ( BRSS) द्वारा जिला उपाध्यक्ष संभल मिंकू चौधरी के नेतृत्व में उपजिलाधिकारी संभल को संबोधित ज्ञापन खंड विकास अधिकारी संभल को सौँपा गया।जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने बताया कि 14 अक्टूबर दिन सोमवार को प्रातः 11:00 बजे ए डी एम कार्यालय परिसर संभल में किसानों की समस्याओं को लेकर पंचायत का आयोजन किया जाएगा ।

ज्ञापन में कहा गया कि तहसीलदार संभल, विद्युत अधिशासी अभियंता संभल, खंड विकास अधिकारी संभल, आपूर्ति निरीक्षक संभल, बेसिक शिक्षा अधिकारी संभल एवं चिकित्सा अधिकारी संभल आदि अधिकारी गण किसानो की समस्याओं के निदान हेतु पंचायत में दोपहर 1:00 बजे तक पहुंचे । अगर विभाग से संबंधित अधिकारी समय से पंचायत में नहीं पहुंचते हैं तो कार्यकारिणी आगामी निर्णय लेकर आंदोलन को विवश होगी जिसकी पूर्णत: जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की रहेगी ।

मुख्य रूप से जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी, जिला उपाध्यक्ष संभल मिंकू चौधरी, जिला महामंत्री संभल अनमोल कुमार, ललित गुर्जर जिला कानूनी सलाहकार, सरदार गुरु वचन सिंह, हेमंत कुमार आदि लोग उपस्थित रहे ।

RSS के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत ने रतन टाटा के निधन पर शोक जताते हुए कही ये बात

टाटा समूह के मानद चेयरमैन और दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा के निधन के बाद देशभर में शोक की लहर है. पीएम नरेंद्र मोदी समेत देश की दिग्गज हस्तियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत ने भी रतन के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि भारत की विकास यात्रा में रतन टाटा का योगदान चिरस्मरणीय रहेगा और उन्होंने उद्योग जगत में कई स्टैंडर्ड भी स्थापित किए.

मोहन भागवत ने अपने बयान में कहा, “देश के सुप्रसिद्ध उद्योगपति रतन टाटा का निधन सभी देशवासियों के लिए अत्यंत दुःखद है. उनके निधन से देश ने एक अपना अमूल्य रत्न को खो दिया है. भारत की विकास यात्रा में उनका योगदान चिरस्मरणीय रहेगा.” उन्होंने यह भी कहा कि रतन टाट ने उद्योग के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कई नई और प्रभावी पहल के साथ ही ढेरों श्रेष्ठ मानकों को स्थापित किया.

अपने काम से वह प्रेरणादायी रहेः भागवत

रतन टाटा के योगदान को याद करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा, “समाज के हितों के अनुकूल हर तरह के कामों में उनका निरंतर सहयोग और सहभागिता बनी रही. देश की एकात्मता और सुरक्षा की बात हो या विकास के कोई पहलू हो या फिर अपने यहां कार्यरत कर्मचारियों के हित का मामला हो रतन टाटा अपने विशिष्ट सोच और काम से प्रेरणादायी बने रहे. अनेक ऊचांइयों को छू लेने के बाद भी उनकी सहजता और विनम्रता की शैली हमारे लिए हमेशा अनुकरणीय रहेगी.” उन्होंने कहा कि उनकी पावन स्मृतियों को विनम्र अभिवादन करते हुए हम भावभीनी श्रद्धांजली अर्पित करते हैं.

वयोवृद्ध उद्योगपति रतन टाटा का कल बुधवार देर रात मुंबई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह 86 साल के थे. पद्म विभूषण रतन टाटा का दक्षिण मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में रात साढ़े 11 बजे निधन हो गया.

अंतिम संस्कार में शामिल होंगे अमित शाह

रतन का पार्थिव शरीर आज गुरुवार को सुबह 10 बजे से साढ़े तीन बजे तक दक्षिण मुंबई में नरीमन प्वाइंट स्थित नेशनल सेंटर फॉर परफॉर्मिंग आर्ट्स (NCPA) में लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा.

इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज गुरुवार को रतन टाटा के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे. सूत्रों की ओर से बताया गया कि भारत सरकार की ओर से अमित शाह रतन टाटा को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. अमित शाह उद्योगपति के अंतिम संस्कार के लिए इसलिए मुंबई जाएंगे क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आसियान-भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में शामिल होने लाओस के लिए रवाना हो रहे हैं.

महाराष्ट्र में आज राजकीय शोक

दूसरी ओर, महाराष्ट्र सरकार ने रतन टाटा के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए आज राज्य में एक दिन के शोक की घोषणा की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के हवाले से मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने अपने एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र में सरकारी कार्यालयों पर राष्ट्र ध्वज गुरुवार (10 अक्टूबर) को शोक के प्रतीक के रूप में आधा झुका रहेगा. आज कोई मनोरंजन कार्यक्रम नहीं होगा.

आजमगढ़:संजय जोशी बन सकते हैं भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

आजमगढ़:: RSS के वरिष्ठ नेता संजय जोशी पर दिल भरा प्यार मिलने वाला है । भारतीय जनता पार्टी और R S S के पदाधिकारियों ने जोशी को राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने को लेकर चर्चा काफी जोर शोर से चल रहा है।

कुछ दिनो से सोशल मीडिया और बड़े -बड़े राष्ट्रीय मीडिया ने राष्ट्रीय अध्यक्ष को लेकर अनेकों प्रकार से दिखाया जा रहा है ।लंबे समय से संजय जोशी जी से जुड़े आशुतोष मिश्रा ने बताया कि संजय विनायक जोशी करोडों कार्यकर्ताओं के दिल पर राज करने वाले और गरीबों के मसीहा हैं जिन्होंने अपना जीवन संघ को समर्पित किया।जोशी जी अपना जीवन समान रूप से व्यतीत करते है।

कतिपय बड़े -बड़े मीडिया वाले लोग जोशी को ले कर भ्रामक/गलत न्यूज़ चला रहे हैं ।अभी किसी प्रकार की सुरक्षा जोशी के पास नहीं हैं ।पहले जैसे थे वैसे आज भी है ,और कार्यकर्ताओं का मिलना जुलना व उनका कुशलक्षेम जानना उनकी पुरानी पद्यति है वह आज भी वैसे ही अनवरत चल रहा है ।

सिद्ध बाबा आश्रम पर मेले का आयोजन

संभल। ग्राम - भमोरी पट्टी में सिद्ध बाबा आश्रम पर गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी छड़ी मेले का आयोजन किया गया ।भारतीय किसान यूनियन BRSS के जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी के साथ मेले में पहुंचे पदाधिकारियो का कार्यकर्ताओं ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया ।

जिलाध्यक्ष ने कहा ग्राम वासियों एवं कार्यकर्ताओं ने जो प्यार दिया है उसके सदा आभारी रहेंगे ! उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन समय-समय पर होने चाहिए जिस से कि पुरानी प्रथाओं को जीवित रखा जा सके ।

गंगा नंद गिरी महाराज जिलाध्यक्ष संभल (संत मोर्चा), राम रहीस यादव ग्राम अध्यक्ष भमोरी पट्टी, सरदार गुरु वचन सिंह, सुशील राठी, छत्रपाल यादव, अमरपाल यादव, लालाराम यादव, भूरे सिंह आदि लोग उपस्थित रहे।

भाकियू (BRSS) द्वारा संगठन विस्तार पर दिया बल

संभल। भारतीय किसान यूनियन (BRSS) द्वारा पवांसा ब्लाक के ग्राम - नूरपुर ततारपुर में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के कुशल नेतृत्व में जन जागरण बैठक का आयोजन किया गया ! बैठक में किसानों से जुड़ी समस्याओं का प्रमुखता से समाधान कराने पर बल दिया ।

जिला अध्यक्ष संभल कामेन्द्र चौधरी ने 14 अक्टूबर को ए डी एम कार्यालय परिसर संभल में होने वाली पंचायत को सफल बनाने का आह्वान किया ।कार्यकारिणी द्वारा संगठन विस्तार में सत्येंद्र यादव को ग्राम अध्यक्ष एवं सोमपाल सिंह यादव को ग्राम संगठन मंत्री नियुक्त किया गया ।बैठक में युवा राष्ट्रीय अध्यक्ष कुलदीप शर्मा, जिला अध्यक्ष संभल (संत मोर्चा), गंगा नंद गिरी महाराज, वेद प्रकाश यादव,पप्पू यादव, लाल सिंह यादव, बिजेंदर सिंह यादव, शेर सिंह यादव आदि लोग उपस्थित रहे ।

अविमुक्तेश्वरानंद के शिष्यों ने सौंपा गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने का पत्रक

गोरखपुर। ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामीश्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती के द्वारा पूरे देश में गौ माता को राष्ट्र माता घोषित करने और गौ हत्या बंद करने के चलाए जा रहे अभियान के क्रम में रविवार को गोरखपुर के सहारा स्टेट कॉलोनी में संघ की शाखा में पहुंचे RSS के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले को, शंकराचार्य के दीक्षित शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय के नेतृत्व में सैकड़ो शिष्यों ने, एक पत्रक सौंपा। इस दौरान उनसे लोगों ने उसने विनम्र अनुरोध किया कि, इस विषय पर संघ गंभीरता से विचार करते हुए, गौ माता को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए, उन्हें राष्ट्र माता घोषित करने के लिए अपना संकल्प ले।

इसके साथ ही केंद्रीय सरकार को इसके लिए कानून बनाने के लिए प्रेरित करें। शंकराचार्य भगवान के शिष्यों ने इस दौरान दत्तात्रेय होसबोले का स्वागत भी किया। उन्हें गोरक्षभूमि पर गीता और शंकराचार्य भगवान की तरफ से प्रसाद स्वरूप भेजी गई साल भी भेंट किया गया।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्य एडवोकेट मनीष पांडेय ने कहा कि, सर्वविदित है कि भारतीय संस्कृति और सनातन सभ्यता में गौ माता को सर्व पूजनीय और धार्मिक रूप से सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। उनके लिए वेदों में "गांवो विश्वस्य मातर:" की उक्ति का प्रयोग भी किया गया है। जिसका अर्थ यह है कि गाय विश्व की माता है। ऐसा हमारी सभ्यता में सदियों से रचा बसा रहा है। लेकिन यह देखने को मिला कि भारत देश में स्वतंत्रता के बाद से अनेकों सरकारें तो बनी लेकिन किसी ने गौ संवर्धन एवं रक्षा हेतु कोई भी कार्य नहीं किया। जबकि गायों की रक्षा और गौ हत्या निषेध कानून की मांग लंबे समय से हिंदू धर्माचार्य करते आ रहे हैं।

वर्तमान समय में गौ हत्या निषेध कानून की मांग व्यापक रूप से चारों शंकराचार्य पीठें, पांचो वैष्णवाकार्य पीठेँ और 13 अखाड़ों द्वारा, हिंदुओं के परंपरागत और सार्वभौमिक प्रतिदिन होने के कारण लगातार किया जा रहा है। जो हिंदू जनमानस और वेदों की आज्ञा के अनुरूप है।

इसी क्रम में वर्तमान में पूरे भारत देश के सभी प्रांतों की राजधानियों में गौ ध्वज को ज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती 1008 द्वारा फहराकर, गौ हत्या निषेध कानून की मांग की जा रही है। जिसके तहत वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर, राष्ट्र माता की श्रेणी में रखने की मांग है। इसी क्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी जो कि भारत देश में, सनातन हिंदू गौरव को नए उदीयमान सूर्य की भांति लेकर चल रहा है, उससे अपेक्षा वर्तमान दशा में और भी बढ़ जाती है। संघ वेद लक्षणा गाय को पशु श्रेणी से निकालकर राष्ट्र माता का दर्जा देने हेतु एक प्रभावी संकल्पित प्रयास करें जिससे, एक केंद्रीय कानून गौ हत्या निषेध का बन सके और सनातन का उत्थान हो। ऐसा ही सभी हिंदू राष्ट्रीय सेवक संघ से अपेक्षा लगाए बैठे हैं। उसी क्रम में संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले जी को हम सभी शंकराचार्य भगवान के शिष्यगण मिलकर पत्रक सौंपने का कार्य किए हैं। जिसपर निर्णय और विचार करने का उनसे अनुरोध भी किया गया है।

इस दौरान शंकराचार्य के शिष्यगणों में मुन्ना सिंह, सुनील पांडेय, मयंक मिश्रा, अवधेश सिंह, मुकेश पाण्डेय, अष्टभुजा सिंह, राजकुमार मिश्रा, कृष्ण कुमार भार्गव, अभय शाही, धीरज सिंह, धर्मेंद्र दिवेदी, आशुतोष शुक्ला, अनिवेश सिंह, राहुल चतुर्वेदी, प्रमोद गौड़, आमोद गौंड, सौरभ गुप्ता, हेमंत त्रिपाठी, विनय पांडेय आदि मौजूद रहे।

राष्ट्रीय लोक मोर्चा ने लेधी गांव में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर जयंती मनाया