चतरा में दो दिवसीय 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ: किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने की पहल

चतरा, 1 अगस्त 2025: चतरा जिले के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आज 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसने जिले के कृषि इतिहास में एक नई शुरुआत दर्ज की है। दो दिवसीय इस मेले का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों के लिए सीधा बाजार उपलब्ध कराना, बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना और कृषि नवाचार, आत्मनिर्भरता तथा सीधे बाजार पहुंच के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। मेले का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ विधिवत रूप से किया गया।

मेले की प्रमुख विशेषताएँ और नवाचार:

इस मेले में कृषि क्षेत्र से जुड़े विविध विभागों, योजनाओं, तकनीकों और बाजार को एक ही छत के नीचे लाया गया है।

40 से अधिक स्टॉल: कृषि विभाग, गव्य विकास, मत्स्य, उद्यान, भूमि संरक्षण, JSLPS (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी), कृषि विज्ञान केंद्र सहित विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) व किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) द्वारा योजनाओं और उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है।

कृषि विशेषज्ञ और राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ: 10 से अधिक कृषि विशेषज्ञ और 30 से ज्यादा राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ जैसे Amul, Reliance, Suvidha Mart, Tokari Fresh आदि उपस्थित हैं, जो किसानों के उत्पादों को सीधे खरीदने की संभावना तलाशेंगी।

डिजिटल नवाचार: आमजनों की भागीदारी और शिकायत निवारण के लिए “जन शिकायत पोर्टल” और “लोक सेतु पोर्टल” का भी लोकार्पण किया गया। अब नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं और अपनी शिकायतों की स्थिति जान सकते हैं।

सम्मान और प्रोत्साहन: आगंतुकों का स्वागत पौधा और शॉल भेंट कर किया गया। SHG दीदियों, FPO प्रतिनिधियों और क्रेताओं को सम्मानित भी किया गया।

प्रगतिशील किसानों और अधिकारियों का संबोधन:

कान्हाचट्टी प्रखंड के बाकचुंबा गांव के प्रगतिशील किसान श्री उदय दांगी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन किसानों को नई दिशा और बेहतर बाजार से जोड़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं।

जिला परिषद उपाध्यक्ष श्री बृज किशोर तिवारी ने इस आयोजन को किसानों में नई उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे मादक पदार्थों, खासकर अफीम की खेती से दूर रहकर फूल, फल और सब्जियों की खेती की ओर अग्रसर हों। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

गव्य विकास निदेशालय के निदेशक श्री जिशान कमर ने चतरा की टमाटर उत्पादन परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को तकनीक, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ा जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है।

उपायुक्त कीर्तिश्री जी: "कृषि नवाचार की दिशा में चतरा का सशक्त कदम"

दो दिवसीय “आकांक्षा हाट सह कृषि उद्यम मेला – 2025” के उद्घाटन अवसर पर उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने अपने संबोधन में इसे "चतरा के किसानों की मेहनत, संकल्प और नवाचार को एक सशक्त मंच प्रदान करने का प्रयास" बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन 'वोकल फॉर लोकल' और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' जैसी महत्वपूर्ण पहलों को जमीन पर उतारने का माध्यम बनेगा। यह कार्यक्रम कृषि, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, भूमि संरक्षण, JSLPS और NABARD के सहयोग से वाणिज्यिक खेती, डेयरी फार्मिंग, खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रयासों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है।

उपायुक्त ने चतरा को एक कृषि प्रधान जिला बताते हुए इसकी कृषि योग्य भूमि (88,700 हेक्टेयर में से कुल 3,94,290 हेक्टेयर) और धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन व सब्जियों के प्रमुख उत्पादन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सिमरिया, गिद्धौर, ईटखोरी, हंटरगंज, प्रतापपुर जैसे प्रखंड सब्जी उत्पादन के हब बन चुके हैं। उन्होंने फसल राहत योजना, कृषि ऋण माफी योजना, बिरसा ग्राम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी सरकारी योजनाओं से किसानों को मिल रही सहायता का भी उल्लेख किया। खाद, बीज, कीटनाशक और यंत्रों की आपूर्ति ब्लॉकचेन तकनीक से की जा रही है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।

समग्र कृषि विकास और डिजिटल पहल:

श्रीमती कीर्तिश्री ने बताया कि सॉइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से किसानों को भूमि की उर्वरता की वैज्ञानिक जानकारी दी जा रही है और 2000 से अधिक मिट्टी परीक्षण पूरे किए जा चुके हैं। आत्मा योजना के अंतर्गत किसानों को बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कृषि अनुसंधान संस्थानों में एक्सपोजर विजिट और प्रशिक्षण भी दिए गए हैं।

उन्होंने गव्य विकास योजना के तहत 216 लाभुकों को दुधारू गाय व बोरिंग की सुविधा, दूध उत्पादन इकाई, मिल्किंग मशीन, वर्मी कम्पोस्ट, पनीर निर्माण यूनिट जैसी सुविधाओं का भी उल्लेख किया। पशुओं का नियमित टीकाकरण और बेहतर नस्ल का वितरण भी चल रहा है। भूमि संरक्षण के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार, परकोलेशन टैंक, डीप बोरिंग और जल निधि योजना से सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। पिछले तीन वर्षों में 125 डीप बोरिंग और 124 परकोलेशन टैंक बनाए गए हैं, जिससे 250 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। 1000 से अधिक किसानों को मिनी ट्रैक्टर और कृषि यंत्र दिए गए हैं।

महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ाव:

JSLPS के 'पलाश' ब्रांड के तहत महिलाएं दाल, सरसों तेल, अचार, हल्दी, बांस उत्पाद, मुर्गी पालन आदि के उत्पाद बना रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। उपायुक्त ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना ग्रामीण विकास अधूरा है।

उपायुक्त ने Lok Setu Portal और जन समाधान पोर्टल के शुभारंभ की भी जानकारी दी, जो कृषि, गव्य विकास, मत्स्य, भूमि संरक्षण, पशुपालन, JSLPS आदि विभागों की योजनाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुलभ बनाएंगे और शिकायतों की डिजिटल निगरानी व समाधान सुनिश्चित करेंगे।

मेले में Reliance, Amul, Medha, Tokari Fresh, Suvidha Mart, Farmart जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की उपस्थिति का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने उनसे जिले के उत्पादों को बाजार देने, MoU करने और चतरा को अपने पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुनने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मंच केवल विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के बीच एक सेतु बनाने का कार्य करेगा और "यह प्रयास एक औपचारिकता नहीं, बल्कि धरातल पर परिवर्तन लाने की दिशा में प्रतिबद्ध पहल है।"

प्रमुख बिंदु:

SHG, FPO, विभागीय योजनाओं और उत्पादों की एकीकृत प्रदर्शनी।

जन शिकायत पोर्टल और लोक सेतु पोर्टल का शुभारंभ।

बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम।

मादक पदार्थों के खिलाफ जन-जागरूकता और वैकल्पिक खेती पर बल।

प्रगतिशील कृषकों के अनुभव और राष्ट्रीय कंपनियों से सीधा संवाद।

यह मेला कृषि विकास, महिला सशक्तिकरण, नवाचार और डिजिटल समावेशन की दिशा में चतरा की एक ऐतिहासिक पहल है। कार्यक्रम का दूसरा दिन (02 अगस्त) भी विविध गतिविधियों, संवाद सत्रों और पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित होगा।

जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की तो लंका जल गई’, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले किरेन रिजिजू की पोस्ट

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संसद में आज ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी चर्चा शुरू होने जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए इस सैन्य अभियान पर लोकसभा में दोपहर 12 बजे से चर्चा शुरू होगी, जिसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की चर्चा होगी और मंगलवार 29 जुलाई को राज्यसभा में भी इस पर बहस शुरू होगी। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस से ठीक पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ी बात कही है। 

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा, ‘जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की, तो लंका जल गई। जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गई लाल रेखा पार की, तो पाकिस्तान को आग का सामना करना पड़ा।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, यह भारत के लोगों की इच्छा थी। प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का फैसला किया। आज, लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। 

कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा न बोलें- रिजिजू

रिजिजू ने कहा, मैं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला कुछ भी न करें और पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमें सावधान रहना होगा... हमें भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस और विपक्ष को ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे... वे भारत के खिलाफ जो कुछ भी बोलते हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तानियों और भारत के बाहरी दुश्मनों द्वारा किया जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले अखिलेश यादव का सवाल

वहीं, लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी पर होने वाली बहस को लेकर अखिलेश यादव ने कहा, ‘सबसे पहले तो यह स्वीकार करना होगा कि ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं। सबसे पहले, हम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और पराक्रम के लिए उन्हें बधाई देते हैं। अगर उन्हें मौका मिलता, तो वे पीओके पर भी कब्ज़ा कर लेते। पहलगाम हमले से पहले एक और घटना हुई थी जिसके बारे में जनता को अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। सवाल यह है कि भाजपा सरकार में बार-बार आतंकवादी घटनाएं क्यों हो रही हैं? पहलगाम के आतंकवादी कहां गए? सरकार को जवाब देना चाहिए कि ये आतंकवादी कहां गए?

संसद रत्न पुरस्कार से नवाजे गए रवि किशन समेत 17 सांसद, लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को सम्मान

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लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 17 सांसदों को रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन सांसदों में एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, बीजेपी नेता रवि किशन, निशिकांत दुबे और शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत आदिर शामिल हैं। इन सांसदों ने लोकसभा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। इसके अलावा चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार दिया।

तीन कार्यकालों में संसदीय लोकतंत्र में निरंतर योगदान देने वाले चार सांसदों को चार विशेष जूरी पुरस्कार दिए गए। इसमें ओडिशा से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन, एनसीपी शरद की सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं।

इसके अलावा अन्य पुरस्कार विजेता सांसदों में संसद रत्न पुरस्कार पाने वाले सांसदों में स्मिता उदय वाघ (भाजपा), नरेश म्हस्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), विद्युत बरन महतो (भाजपा) और दिलीप सैकिया (भाजपा) शामिल हैं।

दो स्थायी समितियों को भी किया गया सम्मानित

इस पुरस्कार के अलावा संसद की प्रभावशाली स्थायी समितियों को भी सम्मानित किया गया। जिसमें भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति शामिल है। इन समितियों को उनकी रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

किन्हें मिलता है संसद रत्न पुरस्कार?

संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत 2010 में हुई थी और यह पुरस्कार उन सांसदों को दिए जाते हैं जो पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए संसद में सक्रिय रहते हैं। इसका उद्देश्य सांसदों को प्रोत्साहित करना और जनता के बीच संसदीय कार्यवाही को लोकप्रिय बनाना है। ये पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया है।

12 घंटे की चर्चा के बाद वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में आधी रात को हुआ पास, अब राज्य सभा की बारी

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वक्फ़ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया है। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 रात 1.56 बजे लोकसभा में पारित हुआ। विधेयक पर 1 घंटे 50 मिनट तक वोटिंग चली। विधेयक के समर्थन में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े। इससे पहले विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। सदन ने विपक्ष के सभी संशोधनों को भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया। अब आज विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में भी विधेयक को लेकर हंगामे के आसार हैं।

लोकसभा से हरी झंडी मिलने के बाद अब ये बिल गुरुवार को राज्य सभा में पेश किया जाएगा। बिल के लोकसभा में पेश होने के बाद बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। कांग्रेस, एसपी, टीएमसी समेत इंडिया गठबंधन के दल इस बिल का विरोध किया। कांग्रेस के गौरव गोगोई और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सांवत ने आरोप लगाया कि बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति में ठीक से चर्चा तक नहीं हुई।

वहीं बीजेपी के सहयोगी दलों जेडीयू और टीडीपी ने इस बिल का समर्थन किया। सरकार 1995 में बने वक़्फ़ बिल में संशोधन कर कई नए प्रावधान जोड़ने जा रही है।

संसद के निचले सदन में विधेयक पारित होने पर विभिन्न दलों के सांसदों और नेताओं ने प्रतिक्रिया में क्या कहा, आइए जानते हैं-

विधेयक को अदालत में चुनौती दी जाएगी- कल्याण बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, 'यह असांविधानिक विधेयक है। इस विधेयक को अदालत में चुनौती दी जाएगी। यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के लिए खतरनाक है। बीजेपी को इसे पारित करने की कीमत चुकानी होगी।'

आज काला दिन, हमारे अधिकारों पर हमला- इमरान मसूद

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्य और कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, 'यह काला दिन है। यह हमारे अधिकारों पर हमला है। मुस्लिम समुदाय और वक्फ दोनों को इससे नुकसान होगा। यह दिन इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज होगा। हम अदालत जाएंगे और इस विधेयक के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।'

सरकार की नीयत और मकसद सही नहीं- अवधेश प्रताप सिंह

समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, 'हमने लगातार इस विधेयक का विरोध किया है और सरकार की नीयत व मकसद सही नहीं है। वे वक्फ बोर्ड की संपत्ति हड़पना चाहते हैं। यह विधेयक संविधान के खिलाफ है।

विधेयक संविधान और मुसलमानों के खिलाफ: चंद्रशेखर आजाद

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा, हम इस विधेयक के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और सड़कों पर उतरेंगे, जैसे किसान आंदोलन के दौरान किया था। जब तक सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती, हमारी लड़ाई जारी रहेगी, जैसे उन्होंने किसान बिल वापस लिया था। वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान और मुसलमानों के खिलाफ है।

यह विधेयक सही नहीं- हनुमान बेनीवाल

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा, हमने इस विधेयक का विरोध किया। जेपीसी में विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं दिया गया। हिंदू और मुसलमान दोनों ने मिलकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। यह विधेयक सही नहीं है। वे जनता को गुमराह करना चाहते हैं।

संविधान को नजरअंदाज किया जा रहा- पप्पू यादव

बिहार के पूर्णियां से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, सिर्फ इसलिए कि उनके पास संख्या है, वे संविधान को नजरअंदाज कर रहे हैं। क्या उनके पास एक भी मुस्लिम सांसद है? क्या वे किसी मुसलमान को टिकट देते हैं? वे असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं। देश इसे स्वीकार नहीं करेगा और उन्हें करारा जवाब देगा।

लोकसभा में रिजिजू ने पेश किया वक्फ संशोधन बिल, बोले- धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी सरकार

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देशभर के वक्फ बोर्डों में जवाबदेही व पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। इसके जरिये मौजूदा वक्फ कानून में बदलाव किया गया है। लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा करते हुए किरेन रिजिजू ने साफ किया कि वक्फ बिल में धार्मिक कार्यकलापों में हस्तक्षेप का प्रावधान नहीं है। मुझे न केवल उम्मीद है, बल्कि मुझे पूरा यकीन है कि इस विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा। हर कोई सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस विधेयक का समर्थन करेगा।

... हम बैठे हैं, वह भी वक्फ की संपत्ति होती- रिजिजू

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि साल 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ बोर्ड को ऐसा अधिकार दिया कि वक्फ बोर्ड के आदेश को किसी सिविल अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। वक्फ के किसी आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती थी। रिजिजू ने कहा कि अगर यूपीए सरकार सत्ता में होती तो संसद इमारत, एयरपोर्ट समेत पता नहीं कितनी इमारतों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया जाता क्योंकि इन पर भी दावा किया जा रहा था। 

विधेयक सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन का मामला- रिजिजू

केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि वक्फ संशोधन विधेयक से सरकार धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, ये विधेयक सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन का मामला है। कोई मुसलमान जकात देता है तो उसे पूछने वाले हम कौन होते हैं। हम तो बस उसके मैनेजमेंट से जुड़ी बात कर रहे हैं। इसका धार्मिक व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। 

दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति भारत में- रिजिजू

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ी वक्फ संपत्ति भारत में है। ऐसा कहा जाता है कि भारत में रेलवे और रक्षा क्षेत्र के बाद तीसरी सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है, लेकिन रेलवे और रक्षा क्षेत्र की संपत्ति देश की संपत्ति है, जबकि वक्फ बोर्ड की संपत्ति निजी संपत्ति है। वक्फ बोर्ड के पास लाखों एकड़ जमीन और लाखों करोड़ की संपत्ति है तो देश के गरीब मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है?

क्यों लाया जा रहा, रिजिजू ने दिया इसका जवाब

वक्फ बिल क्यों लाया जा रहा? इसका जवाब संसद में किरेन रिजिजू ने दिया है। उन्होंने कहा कि हम मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को उनका हक देकर बड़े सुधार ला रहे हैं। हमने यह स्वीकार कर लिया है कि यदि सरकारी भूमि पर विवाद उत्पन्न होता है तो कलेक्टर से ऊपर का अधिकारी निर्णय लेगा। किरेन रिजिजू ने कहा कि नए वक्फ बिल का नाम ‘उम्मीद’ हो गया है। इस संशोधित बिल से न केवल नया सवेरा आने वाला है। जबकि करोड़ों मुसलमानों को इसका फायदा भी होगा। मुसलमानों ने बिल का स्वागत किया है। बोर्ड के ऑडिट करने का भी प्रावधान रखा गया है। इस बिल के बाद असल पता चलेगा कि कितनी प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड के पास हैं।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

राहुल गांधी का गंभीर आरोप, बोले-संसद में बोलने नहीं दिया जाता, ओम बिरला ने मुझे कराया चुप

#rahulgandhimakesabigallegationonloksabha_speaker

लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा, एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है।

संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर अपनी आवाज दबाए जाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है। यह एक नया तरीका है जहां केवल सरकार की बात सुनी जाती है। प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले का जिक्र किया, मैं उस पर बोलना चाहता था। बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दे उठाना चाहता था, लेकिन मुझे अनुमति नहीं मिली।

राहुल गांधी ने कहा, जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता। पता नहीं यह सदन कैसे चल रहा है। राहुल गांधी ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई है।

राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा- शत्रुघ्न सिन्हा

राहुल गांधी के बयान पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा है। राहुल गांधी हमारे नेता प्रतिपक्ष हैं, वे हम सभी के नेता हैं। ऐसा पहले भी हुआ है कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और आज भी ऐसा ही हुआ है। यह बहुत निंदनीय बात है। मैं अध्यक्ष की बहुत इज्जत करता हूं मगर मुझे नहीं पता कि उन पर क्या दबाव है? विपक्ष में एक से बढ़कर एक दमदार नेता हैं।

स्पीकर ओम बिरला ने दी नसीहत

इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे सदन के उच्च मानकों और गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐसा आचरण करें। अध्यक्ष ने कहा, मेरे संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां सदस्यों का आचरण मानकों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, इस सदन में पिता और पुत्री, माता और पुत्री, पति और पत्नी सदस्य रहे हैं। इस संदर्भ में मैं विपक्ष के नेता से अपेक्षा करता हूं कि वे नियम 349 के अनुसार आचरण करें, जो सदन में सदस्यों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों से संबंधित है।

महाकुंभ में अनेक अमृत निकले, एकता का अमृत पवित्र प्रसाद, लोकसभा में महाकुंभ को लेकर बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को लोकसभा को संबोधित किया। बजट सत्र के दूसरे फेज के पांचवें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए यूपी खासतौर से प्रयागराज के लोगों का धन्यवाद किया।

लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए-पीएम मोदी

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने महाकुंभ पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं। इसमें एकता का अमृत निकाला है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

महाकुंभ भारतीय इतिहास में मील का पत्थर-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। है। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तुलना भारतीय इतिहास के मील के पत्थरों से की। उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब सदियों के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। प्रयागराज महाकुंभ को ही ऐसे ही पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागरूक होते हुए देश का प्रतिबिंब नजर आता है।

त्रिवेणी का जल मॉरिशस लेकर गया था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मॉरीशस यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा ये उमंग ये उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। बीते हफ्ते मैं मॉरिशस में था। त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था। जब उस पवित्र जल को मॉरिशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया, जो श्रद्धा-आस्था और उत्सव का महौल देखते ही बनता था। ये दिखाता है कि आज हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करने की, उत्सव मनाने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। मैं ये भी देख रहा हूं कि पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों के आगे बढ़ने का क्रम कितनी सहजता से आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बोलने वालों को जवाब

पीएम महाकुंभ की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन तत्वों पर भी कड़ा प्रहार किया जिन्होंने महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बातें कीं। मोदी ने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन ने उन शंकाओं को भी उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। पीएम मोदी ने कहा कि बिखराव के दौर में हमारी एकता अहम बिंदु है। उन्होंने कहा कि युवा परंपरा और संस्कृति को अपना रहे हैं।

घरों में जकूजी, झोपड़ियों में फोटो सेशन', लोकसभा में पीएम मोदी का राहुल-केजरीवाल पर हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्टाइलिश बाथरूम, शीशमहल समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। इसके साथ ही गरीबी उन्मूलन पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया।

हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले..10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम मोदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा - कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है। पीएम ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है। हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया, हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है

कुछ लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ विपक्षी नेताओं ने असली गरीबी नहीं देखी है, इसलिए संसद में गरीबों की बात उन्हें बोरिंग लगती है, जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबी की समस्या का हल नहीं चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।

जगदंबिका पाल ने ओम बिरला को सौंपी वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट, बजट सत्र में संसद में की जाएगी पेश

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वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया।जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।

समिति ने बुधवार को 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था, जिसमें बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल किया गया है। वहीं विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक बताया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दे दी गई। इस समिति की रिपोर्ट को विपक्षी सदस्यों ने असहमति के नोट दिए हैं। विपक्षी पार्टी के सदस्यों का आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी

जेपीसी में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स

जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।

चतरा में दो दिवसीय 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ: किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने की पहल

चतरा, 1 अगस्त 2025: चतरा जिले के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आज 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसने जिले के कृषि इतिहास में एक नई शुरुआत दर्ज की है। दो दिवसीय इस मेले का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों के लिए सीधा बाजार उपलब्ध कराना, बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना और कृषि नवाचार, आत्मनिर्भरता तथा सीधे बाजार पहुंच के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। मेले का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ विधिवत रूप से किया गया।

मेले की प्रमुख विशेषताएँ और नवाचार:

इस मेले में कृषि क्षेत्र से जुड़े विविध विभागों, योजनाओं, तकनीकों और बाजार को एक ही छत के नीचे लाया गया है।

40 से अधिक स्टॉल: कृषि विभाग, गव्य विकास, मत्स्य, उद्यान, भूमि संरक्षण, JSLPS (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी), कृषि विज्ञान केंद्र सहित विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) व किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) द्वारा योजनाओं और उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है।

कृषि विशेषज्ञ और राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ: 10 से अधिक कृषि विशेषज्ञ और 30 से ज्यादा राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ जैसे Amul, Reliance, Suvidha Mart, Tokari Fresh आदि उपस्थित हैं, जो किसानों के उत्पादों को सीधे खरीदने की संभावना तलाशेंगी।

डिजिटल नवाचार: आमजनों की भागीदारी और शिकायत निवारण के लिए “जन शिकायत पोर्टल” और “लोक सेतु पोर्टल” का भी लोकार्पण किया गया। अब नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं और अपनी शिकायतों की स्थिति जान सकते हैं।

सम्मान और प्रोत्साहन: आगंतुकों का स्वागत पौधा और शॉल भेंट कर किया गया। SHG दीदियों, FPO प्रतिनिधियों और क्रेताओं को सम्मानित भी किया गया।

प्रगतिशील किसानों और अधिकारियों का संबोधन:

कान्हाचट्टी प्रखंड के बाकचुंबा गांव के प्रगतिशील किसान श्री उदय दांगी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन किसानों को नई दिशा और बेहतर बाजार से जोड़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं।

जिला परिषद उपाध्यक्ष श्री बृज किशोर तिवारी ने इस आयोजन को किसानों में नई उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे मादक पदार्थों, खासकर अफीम की खेती से दूर रहकर फूल, फल और सब्जियों की खेती की ओर अग्रसर हों। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

गव्य विकास निदेशालय के निदेशक श्री जिशान कमर ने चतरा की टमाटर उत्पादन परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को तकनीक, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ा जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है।

उपायुक्त कीर्तिश्री जी: "कृषि नवाचार की दिशा में चतरा का सशक्त कदम"

दो दिवसीय “आकांक्षा हाट सह कृषि उद्यम मेला – 2025” के उद्घाटन अवसर पर उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने अपने संबोधन में इसे "चतरा के किसानों की मेहनत, संकल्प और नवाचार को एक सशक्त मंच प्रदान करने का प्रयास" बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन 'वोकल फॉर लोकल' और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' जैसी महत्वपूर्ण पहलों को जमीन पर उतारने का माध्यम बनेगा। यह कार्यक्रम कृषि, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, भूमि संरक्षण, JSLPS और NABARD के सहयोग से वाणिज्यिक खेती, डेयरी फार्मिंग, खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रयासों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है।

उपायुक्त ने चतरा को एक कृषि प्रधान जिला बताते हुए इसकी कृषि योग्य भूमि (88,700 हेक्टेयर में से कुल 3,94,290 हेक्टेयर) और धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन व सब्जियों के प्रमुख उत्पादन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सिमरिया, गिद्धौर, ईटखोरी, हंटरगंज, प्रतापपुर जैसे प्रखंड सब्जी उत्पादन के हब बन चुके हैं। उन्होंने फसल राहत योजना, कृषि ऋण माफी योजना, बिरसा ग्राम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी सरकारी योजनाओं से किसानों को मिल रही सहायता का भी उल्लेख किया। खाद, बीज, कीटनाशक और यंत्रों की आपूर्ति ब्लॉकचेन तकनीक से की जा रही है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।

समग्र कृषि विकास और डिजिटल पहल:

श्रीमती कीर्तिश्री ने बताया कि सॉइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से किसानों को भूमि की उर्वरता की वैज्ञानिक जानकारी दी जा रही है और 2000 से अधिक मिट्टी परीक्षण पूरे किए जा चुके हैं। आत्मा योजना के अंतर्गत किसानों को बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कृषि अनुसंधान संस्थानों में एक्सपोजर विजिट और प्रशिक्षण भी दिए गए हैं।

उन्होंने गव्य विकास योजना के तहत 216 लाभुकों को दुधारू गाय व बोरिंग की सुविधा, दूध उत्पादन इकाई, मिल्किंग मशीन, वर्मी कम्पोस्ट, पनीर निर्माण यूनिट जैसी सुविधाओं का भी उल्लेख किया। पशुओं का नियमित टीकाकरण और बेहतर नस्ल का वितरण भी चल रहा है। भूमि संरक्षण के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार, परकोलेशन टैंक, डीप बोरिंग और जल निधि योजना से सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। पिछले तीन वर्षों में 125 डीप बोरिंग और 124 परकोलेशन टैंक बनाए गए हैं, जिससे 250 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। 1000 से अधिक किसानों को मिनी ट्रैक्टर और कृषि यंत्र दिए गए हैं।

महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ाव:

JSLPS के 'पलाश' ब्रांड के तहत महिलाएं दाल, सरसों तेल, अचार, हल्दी, बांस उत्पाद, मुर्गी पालन आदि के उत्पाद बना रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। उपायुक्त ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना ग्रामीण विकास अधूरा है।

उपायुक्त ने Lok Setu Portal और जन समाधान पोर्टल के शुभारंभ की भी जानकारी दी, जो कृषि, गव्य विकास, मत्स्य, भूमि संरक्षण, पशुपालन, JSLPS आदि विभागों की योजनाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुलभ बनाएंगे और शिकायतों की डिजिटल निगरानी व समाधान सुनिश्चित करेंगे।

मेले में Reliance, Amul, Medha, Tokari Fresh, Suvidha Mart, Farmart जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की उपस्थिति का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने उनसे जिले के उत्पादों को बाजार देने, MoU करने और चतरा को अपने पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुनने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मंच केवल विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के बीच एक सेतु बनाने का कार्य करेगा और "यह प्रयास एक औपचारिकता नहीं, बल्कि धरातल पर परिवर्तन लाने की दिशा में प्रतिबद्ध पहल है।"

प्रमुख बिंदु:

SHG, FPO, विभागीय योजनाओं और उत्पादों की एकीकृत प्रदर्शनी।

जन शिकायत पोर्टल और लोक सेतु पोर्टल का शुभारंभ।

बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम।

मादक पदार्थों के खिलाफ जन-जागरूकता और वैकल्पिक खेती पर बल।

प्रगतिशील कृषकों के अनुभव और राष्ट्रीय कंपनियों से सीधा संवाद।

यह मेला कृषि विकास, महिला सशक्तिकरण, नवाचार और डिजिटल समावेशन की दिशा में चतरा की एक ऐतिहासिक पहल है। कार्यक्रम का दूसरा दिन (02 अगस्त) भी विविध गतिविधियों, संवाद सत्रों और पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित होगा।

जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की तो लंका जल गई’, ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले किरेन रिजिजू की पोस्ट

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संसद में आज ऑपरेशन सिंदूर पर बड़ी चर्चा शुरू होने जा रही है। पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू किए गए इस सैन्य अभियान पर लोकसभा में दोपहर 12 बजे से चर्चा शुरू होगी, जिसकी शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर कुल 16 घंटे की चर्चा होगी और मंगलवार 29 जुलाई को राज्यसभा में भी इस पर बहस शुरू होगी। ऑपरेशन सिंदूर पर लोकसभा में बहस से ठीक पहले संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बड़ी बात कही है। 

संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया पोस्ट कर कहा, ‘जब रावण ने लक्ष्मण रेखा पार की, तो लंका जल गई। जब पाकिस्तान ने भारत द्वारा खींची गई लाल रेखा पार की, तो पाकिस्तान को आग का सामना करना पड़ा।

लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा से पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, यह भारत के लोगों की इच्छा थी। प्रधानमंत्री ने भारतीय सेना के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने का फैसला किया। आज, लोकसभा में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होगी। 

कांग्रेस पाकिस्तान की भाषा न बोलें- रिजिजू

रिजिजू ने कहा, मैं विपक्ष, विशेषकर कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि वे भारत के हितों को नुकसान पहुंचाने वाला कुछ भी न करें और पाकिस्तान की भाषा न बोलें। हमें सावधान रहना होगा... हमें भारतीय सशस्त्र बलों की गरिमा बनाए रखनी होगी। कांग्रेस और विपक्ष को ऐसा कुछ भी नहीं बोलना चाहिए जिससे राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचे... वे भारत के खिलाफ जो कुछ भी बोलते हैं, उसका इस्तेमाल पाकिस्तानियों और भारत के बाहरी दुश्मनों द्वारा किया जाता है।

ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से पहले अखिलेश यादव का सवाल

वहीं, लोकसभा में आज ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी पर होने वाली बहस को लेकर अखिलेश यादव ने कहा, ‘सबसे पहले तो यह स्वीकार करना होगा कि ये दो अलग-अलग मुद्दे हैं। सबसे पहले, हम ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सशस्त्र बलों की बहादुरी और पराक्रम के लिए उन्हें बधाई देते हैं। अगर उन्हें मौका मिलता, तो वे पीओके पर भी कब्ज़ा कर लेते। पहलगाम हमले से पहले एक और घटना हुई थी जिसके बारे में जनता को अभी तक जानकारी नहीं दी गई है। सवाल यह है कि भाजपा सरकार में बार-बार आतंकवादी घटनाएं क्यों हो रही हैं? पहलगाम के आतंकवादी कहां गए? सरकार को जवाब देना चाहिए कि ये आतंकवादी कहां गए?

संसद रत्न पुरस्कार से नवाजे गए रवि किशन समेत 17 सांसद, लोकसभा में बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को सम्मान

#honoredforbetterworkinloksabha17mps

लोकसभा में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए 17 सांसदों को रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इन सांसदों में एनसीपी (एसपी) नेता सुप्रिया सुले, बीजेपी नेता रवि किशन, निशिकांत दुबे और शिवसेना (यूबीटी) नेता अरविंद सावंत आदिर शामिल हैं। इन सांसदों ने लोकसभा में अपना अमूल्य योगदान दिया है। इसके अलावा चार सांसदों को विशेष जूरी पुरस्कार दिया।

तीन कार्यकालों में संसदीय लोकतंत्र में निरंतर योगदान देने वाले चार सांसदों को चार विशेष जूरी पुरस्कार दिए गए। इसमें ओडिशा से भाजपा सांसद भर्तृहरि महताब, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, केरल के सांसद एनके प्रेमचंद्रन, एनसीपी शरद की सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद श्रीरंग अप्पा बार्ने शामिल हैं।

इसके अलावा अन्य पुरस्कार विजेता सांसदों में संसद रत्न पुरस्कार पाने वाले सांसदों में स्मिता उदय वाघ (भाजपा), नरेश म्हस्के (शिवसेना), वर्षा गायकवाड़ (कांग्रेस), मेधा कुलकर्णी (भाजपा), प्रवीण पटेल (भाजपा), विद्युत बरन महतो (भाजपा) और दिलीप सैकिया (भाजपा) शामिल हैं।

दो स्थायी समितियों को भी किया गया सम्मानित

इस पुरस्कार के अलावा संसद की प्रभावशाली स्थायी समितियों को भी सम्मानित किया गया। जिसमें भर्तृहरि महताब की अध्यक्षता वाली वित्त संबंधी स्थायी समिति और डॉ. चरणजीत सिंह चन्नी (कांग्रेस) की अध्यक्षता वाली कृषि संबंधी स्थायी समिति शामिल है। इन समितियों को उनकी रिपोर्टों की गुणवत्ता और विधायी निगरानी में योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

किन्हें मिलता है संसद रत्न पुरस्कार?

संसद रत्न पुरस्कार की शुरुआत 2010 में हुई थी और यह पुरस्कार उन सांसदों को दिए जाते हैं जो पारदर्शिता, जवाबदेही और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूती देने के लिए संसद में सक्रिय रहते हैं। इसका उद्देश्य सांसदों को प्रोत्साहित करना और जनता के बीच संसदीय कार्यवाही को लोकप्रिय बनाना है। ये पुरस्कार संसद में सक्रियता, बहस में भागीदारी, प्रश्न पूछने और विधायी कामकाज में योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। यह पुरस्कार प्राइम प्वाइंट फाउंडेशन की तरफ से शुरू किया गया है।

12 घंटे की चर्चा के बाद वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में आधी रात को हुआ पास, अब राज्य सभा की बारी

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वक्फ़ संशोधन बिल लोकसभा में पास हो गया है। विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 रात 1.56 बजे लोकसभा में पारित हुआ। विधेयक पर 1 घंटे 50 मिनट तक वोटिंग चली। विधेयक के समर्थन में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े। इससे पहले विधेयक पर लोकसभा में 12 घंटे से अधिक समय तक चर्चा हुई। सदन ने विपक्ष के सभी संशोधनों को भी ध्वनिमत से खारिज कर दिया। अब आज विधेयक को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। राज्यसभा में भी विधेयक को लेकर हंगामे के आसार हैं।

लोकसभा से हरी झंडी मिलने के बाद अब ये बिल गुरुवार को राज्य सभा में पेश किया जाएगा। बिल के लोकसभा में पेश होने के बाद बुधवार को सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई। कांग्रेस, एसपी, टीएमसी समेत इंडिया गठबंधन के दल इस बिल का विरोध किया। कांग्रेस के गौरव गोगोई और उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सांवत ने आरोप लगाया कि बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति में ठीक से चर्चा तक नहीं हुई।

वहीं बीजेपी के सहयोगी दलों जेडीयू और टीडीपी ने इस बिल का समर्थन किया। सरकार 1995 में बने वक़्फ़ बिल में संशोधन कर कई नए प्रावधान जोड़ने जा रही है।

संसद के निचले सदन में विधेयक पारित होने पर विभिन्न दलों के सांसदों और नेताओं ने प्रतिक्रिया में क्या कहा, आइए जानते हैं-

विधेयक को अदालत में चुनौती दी जाएगी- कल्याण बनर्जी

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा, 'यह असांविधानिक विधेयक है। इस विधेयक को अदालत में चुनौती दी जाएगी। यह विधेयक मुस्लिम समुदाय के लिए खतरनाक है। बीजेपी को इसे पारित करने की कीमत चुकानी होगी।'

आज काला दिन, हमारे अधिकारों पर हमला- इमरान मसूद

संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के सदस्य और कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा, 'यह काला दिन है। यह हमारे अधिकारों पर हमला है। मुस्लिम समुदाय और वक्फ दोनों को इससे नुकसान होगा। यह दिन इतिहास में काले दिन के रूप में दर्ज होगा। हम अदालत जाएंगे और इस विधेयक के खिलाफ लड़ाई लड़ेंगे।'

सरकार की नीयत और मकसद सही नहीं- अवधेश प्रताप सिंह

समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, 'हमने लगातार इस विधेयक का विरोध किया है और सरकार की नीयत व मकसद सही नहीं है। वे वक्फ बोर्ड की संपत्ति हड़पना चाहते हैं। यह विधेयक संविधान के खिलाफ है।

विधेयक संविधान और मुसलमानों के खिलाफ: चंद्रशेखर आजाद

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने कहा, हम इस विधेयक के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे और सड़कों पर उतरेंगे, जैसे किसान आंदोलन के दौरान किया था। जब तक सरकार इस विधेयक को वापस नहीं लेती, हमारी लड़ाई जारी रहेगी, जैसे उन्होंने किसान बिल वापस लिया था। वक्फ (संशोधन) विधेयक संविधान और मुसलमानों के खिलाफ है।

यह विधेयक सही नहीं- हनुमान बेनीवाल

राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने कहा, हमने इस विधेयक का विरोध किया। जेपीसी में विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं दिया गया। हिंदू और मुसलमान दोनों ने मिलकर देश की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी थी। यह विधेयक सही नहीं है। वे जनता को गुमराह करना चाहते हैं।

संविधान को नजरअंदाज किया जा रहा- पप्पू यादव

बिहार के पूर्णियां से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने कहा, सिर्फ इसलिए कि उनके पास संख्या है, वे संविधान को नजरअंदाज कर रहे हैं। क्या उनके पास एक भी मुस्लिम सांसद है? क्या वे किसी मुसलमान को टिकट देते हैं? वे असली मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहते हैं। देश इसे स्वीकार नहीं करेगा और उन्हें करारा जवाब देगा।

लोकसभा में रिजिजू ने पेश किया वक्फ संशोधन बिल, बोले- धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी सरकार

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देशभर के वक्फ बोर्डों में जवाबदेही व पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वक्फ संशोधन विधेयक आज लोकसभा में पेश किया गया। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बुधवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश किया। इसके जरिये मौजूदा वक्फ कानून में बदलाव किया गया है। लोकसभा में वक्फ बिल पर चर्चा करते हुए किरेन रिजिजू ने साफ किया कि वक्फ बिल में धार्मिक कार्यकलापों में हस्तक्षेप का प्रावधान नहीं है। मुझे न केवल उम्मीद है, बल्कि मुझे पूरा यकीन है कि इस विधेयक का विरोध करने वालों के दिलों में भी बदलाव आएगा। हर कोई सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ इस विधेयक का समर्थन करेगा।

... हम बैठे हैं, वह भी वक्फ की संपत्ति होती- रिजिजू

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान कहा कि साल 2013 में यूपीए सरकार ने वक्फ बोर्ड को ऐसा अधिकार दिया कि वक्फ बोर्ड के आदेश को किसी सिविल अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती। वक्फ के किसी आदेश को चुनौती नहीं दी जा सकती थी। रिजिजू ने कहा कि अगर यूपीए सरकार सत्ता में होती तो संसद इमारत, एयरपोर्ट समेत पता नहीं कितनी इमारतों को वक्फ संपत्ति घोषित कर दिया जाता क्योंकि इन पर भी दावा किया जा रहा था। 

विधेयक सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन का मामला- रिजिजू

केंद्रीय मंत्री ने साफ किया कि वक्फ संशोधन विधेयक से सरकार धार्मिक मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं करेगी, ये विधेयक सिर्फ संपत्ति के प्रबंधन का मामला है। कोई मुसलमान जकात देता है तो उसे पूछने वाले हम कौन होते हैं। हम तो बस उसके मैनेजमेंट से जुड़ी बात कर रहे हैं। इसका धार्मिक व्यवस्था से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने विपक्ष पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। 

दुनिया में सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति भारत में- रिजिजू

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि दुनिया का सबसे बड़ी वक्फ संपत्ति भारत में है। ऐसा कहा जाता है कि भारत में रेलवे और रक्षा क्षेत्र के बाद तीसरी सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है, लेकिन रेलवे और रक्षा क्षेत्र की संपत्ति देश की संपत्ति है, जबकि वक्फ बोर्ड की संपत्ति निजी संपत्ति है। वक्फ बोर्ड के पास लाखों एकड़ जमीन और लाखों करोड़ की संपत्ति है तो देश के गरीब मुसलमानों के लिए इसका इस्तेमाल क्यों नहीं किया जा रहा है?

क्यों लाया जा रहा, रिजिजू ने दिया इसका जवाब

वक्फ बिल क्यों लाया जा रहा? इसका जवाब संसद में किरेन रिजिजू ने दिया है। उन्होंने कहा कि हम मुस्लिम महिलाओं और बच्चों को उनका हक देकर बड़े सुधार ला रहे हैं। हमने यह स्वीकार कर लिया है कि यदि सरकारी भूमि पर विवाद उत्पन्न होता है तो कलेक्टर से ऊपर का अधिकारी निर्णय लेगा। किरेन रिजिजू ने कहा कि नए वक्फ बिल का नाम ‘उम्मीद’ हो गया है। इस संशोधित बिल से न केवल नया सवेरा आने वाला है। जबकि करोड़ों मुसलमानों को इसका फायदा भी होगा। मुसलमानों ने बिल का स्वागत किया है। बोर्ड के ऑडिट करने का भी प्रावधान रखा गया है। इस बिल के बाद असल पता चलेगा कि कितनी प्रॉपर्टी वक्फ बोर्ड के पास हैं।

लोकसभा में इमिग्रेशन और फॉरेनर्स बिल पास, गृह मंत्री बोले-यह देश धर्मशाला नहीं

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में इमिग्रेशन रिफॉर्म बिल पेश क‍िया। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने विधेयक पारित होने का एलान किया। पहले स्पीकर बिरला ने विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों पर मतदान की औरचारिकताएं पूरी कीं। विपक्षी सांसदों की तरफ से परेश अधिकांश संशोधन खारिज हो गए।

इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने बिल के प्रावधानों पर विस्तार से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भारत में आने के लिए वैध पासपोर्ट, वैध वीजा अनिवार्य होगा। बिना कागजात के भारत में प्रवेश करने पर कानून सम्मत तरीके से सख्त कार्रवाई की जाएगी। हमारे देश में कौन आता है कितने समय तक आता है, किस लिए आता है ये जानना जरूरी है। हरेक विदेशी नागरिक का अपडेट इस बिल के बाद होगा।

इमीग्रेशन आइसोलेटेड मुद्दा नहीं-शाह

शाह ने कहा, इमीग्रेशन, एक प्रकार से आइसोलेटेड मुद्दा नहीं है। देश के कई मुद्दे इसके साथ जुड़े हुए हैं। हमारे देश की सीमा में कौन आता है? कब आता है? कितनी अवधि के लिए आता है? और किस उद्देश्य के लिए आता है? ये जानने का अधिकार इस देश की सुरक्षा के लिए बहुत जरूरी है। यह बिल इसके बारे में सुन‍िश्च‍ित करेगा। क्‍योंक‍ि अब भारत में आने वाले सभी विदेशी नागरिकों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जो लोग भारत में आ रहे हैं उनका ऑटोमेटेकली डाटाबेस बन जाएगा। गृह मंत्री ने सख्ती से कहा, जाली दस्तावेजों के लिए कड़ी सजा के प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने कहा कि वीजा की अवधि खत्म होने पर भी देश में रहने वालों को ट्रैक किया जाएगा।

रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी शांति भंग करने पर होगी सख्‍ती

शाह ने कहा, जो लोग भारत की व्यवस्था को कंट्रीब्यूट करने आते हैं उनका स्वागत है। लेकिन रोहिंग्या हो या बांग्लादेश के लोग हों, भारत की शांति को भंग करते हैं तो उनपर सख्‍ती होगी। मेरा संदेश साफ और कड़ा है अगर कोई भी हमारे देश की कानून-व्यवस्था और शांति को भंग करने की कोशिश करेगा तो हम उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेंगे। चाहे वो रोहिंग्या हो या बांग्लादेशी। यह बिल देश के सुरक्षा को लेकर सजग करने के लिए एक पुख्ता नीति है।

घुसपैठ मामले में पश्चिम बंगाल सरकार को घेरा

पश्चिम बंगाल में 2026 का विधानसभा चुनाव जीतने का दावा करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा कि 450 किलोमीटर की सीमा राज्य सरकार की कृपादृष्टि के कारण अभी तक असुरक्षित है, लेकिन ऐसा लंबे समय तक नहीं चलेगा। शाह ने कहा कि वे खुद 10 बार पत्र भेजकर राज्य सरकार से अपील कर चुके हैं, लेकिन सहयोग नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार घुसपैठ करने वाले रोहिंग्या और बांग्लादेशी लोगों के प्रति सहानुभूति रखती है, उन्हें आधार कार्ड दिए जाते हैं। इन कारणों से देश की सुरक्षा पर सवाल खड़े होते हैं।

सरकार के पास जांच करने का पूरा अधिकार

शाह ने विपक्ष को आड़े हाथों लिया और कहा कि जिस तरह के सवाल पूछे गए हैं, उनसे काफी हैरानी होती है। उन्होंने कहा कि देश की जनता ने भाजपा को वोट दिया। हमने बहुमत की सरकार बनाई है। ऐसे में सरकार के पास विदेशी लोगों की घुसपैठ, भारत आने वाले लोगों के पास वैध कागजात हैं या नहीं, इसकी जांच करने का पूरा अधिकार है। उन्होंने कहा कि यह देश धर्मशाला नहीं है। जो चाहे जिस तरीके से आएगा और रह जाएगा। ऐसा नहीं होगा। सुरक्षा के लिए खतरा है, तो उसे रोकने का संसद का अधिकार है।

पारसियों का किया जिक्र

दूसरे देशों से आने वाले लोगों पर कानूनी कार्रवाई का जिक्र करते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, भारत का शरणार्थियों के प्रति एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। पारसी समुदाय हमारे देश में शरण लेने आये और आज वे पूर्णतः सुरक्षित हैं। दुनिया की सबसे सूक्ष्म अल्पसंख्यक आबादी आज भारत में सुरक्षित और सम्मान से जीवन जी रही है।

राहुल गांधी का गंभीर आरोप, बोले-संसद में बोलने नहीं दिया जाता, ओम बिरला ने मुझे कराया चुप

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लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि उन्हें लोकसभा में बोलने नहीं दिया जा रहा है। राहुल गांधी ने कहा, एक कन्वेंशन है कि नेता प्रतिपक्ष को बोलने दिया जाता है। मैं जब भी खड़ा होता हूं तो मुझे बोलने नहीं दिया जाता। मैं नहीं जानता कि सदन किस प्रकार चल रहा है।

संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सत्ता पक्ष पर अपनी आवाज दबाए जाने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि लोकसभा में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता है। यह एक नया तरीका है जहां केवल सरकार की बात सुनी जाती है। प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले का जिक्र किया, मैं उस पर बोलना चाहता था। बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दे उठाना चाहता था, लेकिन मुझे अनुमति नहीं मिली।

राहुल गांधी ने कहा, जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता। पता नहीं यह सदन कैसे चल रहा है। राहुल गांधी ने सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं छोड़ी गई है।

राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा- शत्रुघ्न सिन्हा

राहुल गांधी के बयान पर टीएमसी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा, राहुल गांधी ने बिल्कुल सही कहा है। राहुल गांधी हमारे नेता प्रतिपक्ष हैं, वे हम सभी के नेता हैं। ऐसा पहले भी हुआ है कि उन्हें बोलने नहीं दिया गया और आज भी ऐसा ही हुआ है। यह बहुत निंदनीय बात है। मैं अध्यक्ष की बहुत इज्जत करता हूं मगर मुझे नहीं पता कि उन पर क्या दबाव है? विपक्ष में एक से बढ़कर एक दमदार नेता हैं।

स्पीकर ओम बिरला ने दी नसीहत

इससे पहले लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बुधवार को नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि वह सदन के नियमों और परंपराओं के अनुरूप आचरण करें। लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि सदस्यों से अपेक्षा की जाती है कि वे सदन के उच्च मानकों और गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐसा आचरण करें। अध्यक्ष ने कहा, मेरे संज्ञान में कई ऐसे मामले आए हैं, जहां सदस्यों का आचरण मानकों के अनुरूप नहीं है। उन्होंने कहा, इस सदन में पिता और पुत्री, माता और पुत्री, पति और पत्नी सदस्य रहे हैं। इस संदर्भ में मैं विपक्ष के नेता से अपेक्षा करता हूं कि वे नियम 349 के अनुसार आचरण करें, जो सदन में सदस्यों द्वारा पालन किए जाने वाले नियमों से संबंधित है।

महाकुंभ में अनेक अमृत निकले, एकता का अमृत पवित्र प्रसाद, लोकसभा में महाकुंभ को लेकर बोले पीएम मोदी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यानी मंगलवार को लोकसभा को संबोधित किया। बजट सत्र के दूसरे फेज के पांचवें दिन मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को लेकर संसद को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में अनेक अमृत निकले हैं। एकता का अमृत इसका पवित्र प्रसाद है। साथ ही प्रधानमंत्री ने प्रयागराज में महाकुंभ के सफल आयोजन के लिए यूपी खासतौर से प्रयागराज के लोगों का धन्यवाद किया।

लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए-पीएम मोदी

लोकसभा में प्रधानमंत्री ने महाकुंभ पर अपने विचार रखे। उन्होंने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ से अनेक अमृत निकले हैं। इसमें एकता का अमृत निकाला है। इस आयोजन में देश के हर क्षेत्र और हर कोने से आकर एक हो गए। लोग अहम् से वयम् के भाव में एक हुए। पीएम मोदी ने लोकसभा में आज अपने भाषण में कहा कि महाकुंभ विरासत से जुड़ने की पूंजी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ को जनता-जनार्दन का, जनता-जनार्दन से प्रेरित और जनता-जनार्दन का आयोजन बताया।

महाकुंभ भारतीय इतिहास में मील का पत्थर-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा देश के कोने-कोने में आध्यात्मिक चेतना उभरी है। महाकुंभ में राष्ट्रीय चेतना के दर्शन हुए और महाकुंभ के उत्साह-उमंग को महसूस किया। देश की सामूहिक चेतना का नतीजा महाकुंभ के दौरान देखने को मिला। युवा पीढ़ी भी पूरे भाव से महाकुंभ से जुड़ी। है। प्रधानमंत्री ने महाकुंभ की तुलना भारतीय इतिहास के मील के पत्थरों से की। उन्होंने कहा कि हर राष्ट्र के जीवन में ऐसे पल आते हैं जब सदियों के लिए, आने वाली पीढ़ियों के लिए उदाहरण बन जाते हैं। प्रयागराज महाकुंभ को ही ऐसे ही पड़ाव के रूप में देखता हूं जिसमें जागरूक होते हुए देश का प्रतिबिंब नजर आता है।

त्रिवेणी का जल मॉरिशस लेकर गया था-पीएम मोदी

पीएम मोदी ने मॉरीशस यात्रा का जिक्र किया। उन्होंने कहा ये उमंग ये उत्साह सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं था। बीते हफ्ते मैं मॉरिशस में था। त्रिवेणी से महाकुंभ के समय का पावन जल लेकर गया था। जब उस पवित्र जल को मॉरिशस के गंगा तालाब में अर्पित किया गया, जो श्रद्धा-आस्था और उत्सव का महौल देखते ही बनता था। ये दिखाता है कि आज हमारी परंपरा, हमारी संस्कृति और संस्कारों को आत्मसात करने की, उत्सव मनाने की भावना कितनी प्रबल हो रही है। मैं ये भी देख रहा हूं कि पीढ़ी दर पीढ़ी संस्कारों के आगे बढ़ने का क्रम कितनी सहजता से आगे बढ़ रहा है।

महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बोलने वालों को जवाब

पीएम महाकुंभ की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए उन तत्वों पर भी कड़ा प्रहार किया जिन्होंने महाकुंभ को लेकर नकारात्मक बातें कीं। मोदी ने कहा कि महाकुंभ के सफल आयोजन ने उन शंकाओं को भी उचित जवाब दिया है जो हमारे सामर्थ्य को लेकर कुछ लोगों के मन में रहती। उन्होंने कहा कि महाकुंभ में छोटे-बड़े का कोई भेद नहीं था। पीएम मोदी ने कहा कि बिखराव के दौर में हमारी एकता अहम बिंदु है। उन्होंने कहा कि युवा परंपरा और संस्कृति को अपना रहे हैं।

घरों में जकूजी, झोपड़ियों में फोटो सेशन', लोकसभा में पीएम मोदी का राहुल-केजरीवाल पर हमला

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब दिया। प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी पर जोरदार हमला किया। लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के जवाब देते हुए पीएम मोदी ने स्टाइलिश बाथरूम, शीशमहल समेत कई मुद्दों का जिक्र किया। इसके साथ ही गरीबी उन्मूलन पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को निशाने पर लिया।

हमने पैसों का इस्तेमाल शीशमहल बनाने में नहीं किया-पीएम मोदी

पीएम ने इशारों ही इशारों में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश में घोटाले न होने से भी देश के लाखों करोड़ रुपए बचे हैं जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, पहले अखबारों की हेडलाइन हुआ करती थी- इतने लाख के घोटाले..10 साल हो गए, घोटाले न होने से देश के लाखों करोड़ रुपये बचे हैं, जो जनता जनार्दन की सेवा में लगे हैं। हमने जो अलग-अलग कदम उठाए, उनसे लाखों-करोड़ रुपये की बचत हुई, लेकिन उन पैसों का उपयोग हमने 'शीशमहल' बनाने के लिए नहीं किया, उन पैसों का उपयोग हमने देश बनाने के लिए किया है। पीएम मोदी ने केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा - कुछ लोगों का फोकस आलीशान घरों में जकूजी और शॉवर पर है। पीएम ने कहा कि कुछ नेताओं का फोकस अपने घर के स्टाइलिश बाथरूम पर है। हमारा फोकस तो हर घर नल से जल पहुंचाने पर है। 12 करोड़ लोगों को नल से जल दिया, हमारा फोकस गरीबों के घर बनाने पर है

कुछ लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, कुछ विपक्षी नेताओं ने असली गरीबी नहीं देखी है, इसलिए संसद में गरीबों की बात उन्हें बोरिंग लगती है, जो लोग गरीबों की झोपड़ियों में फोटो सेशन कराते हैं, उन्हें गरीबी की समस्या का हल नहीं चाहिए। पूर्व प्रधानमंत्री पर कटाक्ष करते हुए कहा कि हमारे देश में एक प्रधानमंत्री हुआ करते थे, जिन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक रुपया निकलता है, तो गांव तक सिर्फ 15 पैसा ही पहुंचता है। उस समय, पंचायत से पार्लियामेंट तक एक ही पार्टी का राज था। देश ने हमें अवसर दिया, हमने समाधान खोजने का प्रयास किया। हमारा मॉडल है- बचत भी विकास भी, जनता का पैसा, जनता के लिए।

जगदंबिका पाल ने ओम बिरला को सौंपी वक्फ विधेयक पर जेपीसी की रिपोर्ट, बजट सत्र में संसद में की जाएगी पेश

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वक्फ (संशोधन) विधेयक को लेकर संसद की जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी (JPC) ने गुरुवार को ड्रॉफ्ट रिपोर्ट लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को सौंप दी। इस दौरान जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल, निशिकांत दुबे सहित अन्य भाजपा सांसद मौजूद रहे। विपक्ष का कोई सांसद नजर नहीं आया।जेपीसी ने एक दिन पहले ही ड्रॉफ्ट रिपोर्ट को मंजूरी दी थी। 16 सदस्यों ने इसके पक्ष में वोट डाला। वहीं 11 मेंबर्स ने विरोध किया। कमेटी में शामिल विपक्षी सांसदों ने इस बिल पर आपत्ति जताई।

समिति ने बुधवार को 655 पृष्ठों वाली इस रिपोर्ट को बहुमत से स्वीकार किया था, जिसमें बीजेपी के सदस्यों की ओर से दिए गए सुझाव को शामिल किया गया है। वहीं विपक्षी सदस्यों ने इसे असंवैधानिक बताया है। भाजपा सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट को 11 के मुकाबले 15 मतों से मंजूरी दे दी गई। इस समिति की रिपोर्ट को विपक्षी सदस्यों ने असहमति के नोट दिए हैं। विपक्षी पार्टी के सदस्यों का आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

बजट सत्र में पेश की जाएगी रिपोर्ट

जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर अपनी रिपोर्ट बजट सत्र के दौरान पेश करेगी। संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा। सेंट्रल बजट 1 फरवरी को पेश किया जाएगा। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मकसद डिजिटलीकरण, बेहतर ऑडिट, बेहतर पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस लेने के लिए कानूनी सिस्टम में सुधारों को लाकर इन चुनौतियों को हल करना है।

8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने 8 अगस्त को लोकसभा में वक्फ बिल 2024 पेश किया था। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए इसे मुस्लिम विरोधी बताया था। विपक्ष की आपत्ति और भारी विरोध के बीच ये बिल लोकसभा में बिना किसी चर्चा के जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ बिल संशोधन पर बनी 31 सदस्यीय जेपीसी की पहली बैठक 22 अगस्त को हुई थी

जेपीसी में हंगामे के बाद निलंबित हुए थे 10 मेंबर्स

जेपीसी की 24 जनवरी को दिल्ली में हुई बैठक में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया था। उन्होंने दावा किया कि उन्हें ड्राफ्ट में प्रस्तावित बदलावों पर रिसर्च के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया। आरोप लगाया कि बीजेपी दिल्ली चुनावों के कारण ध्यान में रखते हुए वक्फ संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट को संसद में जल्दी पेश करने पर जोर दे रही है। टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि समिति की कार्यवाही एक तमाशा बन गई है। समिति ने बनर्जी-ओवैसी सहित 10 विपक्षी सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया।