खड़गे ने राज्यसभा में क्या कह दिया कि हो गया बवाल, बाद में मांगनी पड़ी माफी?


#khargecontroversialremark

संसद में बजट सत्र की कार्यवाही का दूसरा चरण शुरू हो गया है। ये चरण दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा। मंगलवार को भी कार्यवाही के दौरान हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक बात पर जबरदस्त हंगामा हुआ। ये हंगामा तब शुरू हुआ जब शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हुई। खड़गे ने डिप्टी स्पीकर हरिवंश की ओर बात करते हुए ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर दिया, जिस पर बीजेपी भड़क गई। बीजेपी ने सदन में हंगामा करते हुए माफी की मांग की। इसके बाद खड़गे ने डिप्टी स्पीकर से माफी भी मांगी।

दरअसलस, सदन में नई शिक्षा नीति पर चर्चा हो रही थी। इस पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बोलना चाह रहे थे। तभी उपसभापति ने उन्हें रोका। कारण कि वह सुबह एक बार बोल चुके थे। डिप्टी स्पीकर ने कहा, सुबह आपको बोलने का मौका मिला था। डिप्टी स्पीकर की इस बात पर खरगे ने कहा कि तब शिक्षा मंत्री नहीं आए थेष इसके बाद उपसभापति ने उसने बैठने के लिए कहा तो वो भड़क गए। उपसभापति हरिवंश कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को बोलने का मौका देना चाहते थे। मगर तभी माहौल ऐसा बना कि मल्लिकार्जुन खरगे आग बबूला हो गए। 

...हम ठीक से ठोकेंगे”

मल्लिकार्जुन खरगे अपनी सीट से उठे और बोलने लगे। उपसभापति के रोकने पर उन्होंने डिक्टेटरशिप का आरोप लगा दिया। उन्होंने सीधे चेयर की ओर इशारा कर कहा कि डिक्टेटरशिप हो गया है। मुझे बोलना है। हम बोलने के लिए तैयारी भी किए हैं। और आपको क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे। इस पर उपसभापति ने आपत्ति जताई। सत्ता पक्ष के सांसद विरोध करने लगे। पूरा सदन हंगामे से गूंज उठा।

खरगे ने डिप्टी स्पीकर से मांगी माफी

जेपी नड्डा ने बयान की निंदा की और कहा कि नेता विपक्ष तजुर्बेकार हैं लेकिन जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो निंदनीय है। इसके लिए वो माफी मांगेंष इस पर अपनी गलती मानते हुए खरगे ने कहा, उपसभापति जी, मैं माफी मांगता हूं। मैंने ये शब्द आपके लिए नहीं बोला था। मैंने कहा था कि सरकार की पॉलिसी को ठोकेंगे। अगर आपको ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।

तिरपाल का हिजाब पहन लें मुस्लिम मर्द...” योगी के मंत्री की ये कैसी सलाह


#upministerraghurajsinghcontroversial_statement

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह ने होली और नमाजियों को लेकर विवादित बयान दिया है।रघुराज सिंह ने कहा है कि होली पर सफेद टोपी वाले घर से बाहर तिरपाल का हिजाब पहनकर निकलें। योगी सरकार में श्रम एवं सेवायोजना विभाग के दर्जा प्राप्त मंत्री ने कहा है कि तिरपाल के हिजाब पहननेसे उनकी टोपी और शरीर बचा रहेगा।

दरअसल, इस बार होली का पर्व और जुमे एक ही दिन पड़ रहा है। जुमे की नाम के समय को लेकर यूपी में घमासान मचा है। रघुराज सिंह ने इसी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है की होली में जिसको रंग से बचना है वह तिरपाल का हिजाब पहने जैसे मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं वैसे पुरुष भी पहनें ताकि उनकी टोपी और शरीर बचा रहे अन्यथा वह घर पर रहे। उन्होंने कहा कि होली में व्यवधान उत्पन्न करने वालों की तीन जगह हैं, जेल या प्रदेश छोड़ दे अन्यथा यमराज के पास अपना नाम लिखवा दे। 

रघुराज सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने राज्य स्थित अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मंदिर बनने की मांग का समर्थन किया। रघुराज सिंह ने यह भी कहा कि एएमयू में मंदिर बनेगा इन लोगों को बहुसंख्यकों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एएमयू में राममंदिर बने इसकी मांग करता हूं. अगर बनता है तो सबसे पहली ईंट मैं रखूंगा। वहां मंदिर के लिये अपना सबकुछ न्योछावर कर सकते हैं।

अनुज चौधरी के बयान पर भी विवाद

इससे पहले यूपी पुलिस के अधिकारी अनुज चौधरी ने होली और रमजान को लेकर बयान दिया था। जिसपर काफी विवाद भी हुआ। संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने कहा था कि होली एक ऐसा त्योहार है जो साल में एक बार आता है, जबकि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है। सीओ चौधरी ने कहा था कि अगर किसी को होली के रंगों से असहजता महसूस होती है, तो उन्हें उस दिन घर के अंदर ही रहना चाहिए, जो लोग बाहर निकलते हैं, उन्हें व्यापक सोच रखनी चाहिए, क्योंकि त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाने चाहिए।

राज ठाकरे ने गंगाजल को लेकर ऐसा क्या बोला, मच गया बवाल

#raj_thackeray_controversial_statement_on_ganga

महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गंगाजल पर भड़काऊ बयान दिया। मनसे की 9 मार्च को 19वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर पुणे के चिंचवड में रामकृष्ण मोरे ऑडिटोरियम में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान अपने संबोधन में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने प्रयागराज महाकुंभ के पवित्र स्नान का मजाक उड़ाया। उन्होंने गंगाजल को लेकर भी आपत्तिजनक बातें कही है। राज ठाकरे के बयान पर बीजेपी और शिवसेना के दोनों गुटों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

राज ठाकरे ने महाकुंभ के गंगा के प्रदूषित पानी को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुंभ के पानी को गंदा बताया है। उन्होंने कहा कि वह इतना प्रदूषित है कि पीना तो छोड़िए, वह पानी पीने लायक भी नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ पदाधिकारी कुंभ मेले में गए थे। बाला नांदगांवकर वहां से एक छोटे बर्तन में पानी लेकर आये थे। मैंने कहा कि मैं हड्डी नहीं पीऊंगा। मैं सोशल मीडिया पर लोगों को बहुत लोगों को बकवास करते हुए देखता हूं।

ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं। जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है? मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है। उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी। लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है। अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है।

ठाकरे ने नदी को मां कहने पर भी मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि हम तो नदी को मां कहते हैं। मगर विदेशों में देखिए, नदियां कितनी साफ हैं। विदेशों में लोग नदी को तो अपनी मां नहीं मानते हैं। अंधविश्वास से थोड़ा मुक्त हो जाइए, बाहर निकलिये और सिर थोड़ा घुमाकर देखिये।

पहले की 90 घंटे काम की वकालत, अब मजदूरों पर बयान, जानें क्या बोले L&T चेयरमैन सुब्रह्मण्यन

#sn_subrahmanyan_again_gave_a_controversial_statement 

पहले हफ्ते में 90 घंटे काम और रविवार को भी काम करने की सलाह देकर विवादों में रहे लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम का फिर एक बयान चर्चा में है। इस बार उन्होंने नौकरी की जगह बदलने और लोगों के दफ्तर जाने की इच्छा पर टिप्पणी करके एक और विवाद को जन्म दे दिया है। उनका कहना है कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के कारण मजदूर अपने गांवों से बाहर जाकर काम करने को तैयार नहीं हैं।

मंगलवार को सीआईआई साउथ ग्लोबल लिंकेज शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि भारतीय श्रमिक, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं, नौकरी के लिए आगे बढ़ने से हिचकिचाते हैं। इससे उद्योग के लिए चुनौतियां पैदा होती हैं। निर्माण उद्योग में श्रमिकों की कमी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहां कई देश प्रवास की समस्याओं से जूझ रहे हैं, वहीं भारत में लोगों के काम के लिए आगे बढ़ने से अनिच्छुक होने की एक अनूठी समस्या है।

एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं और वित्तीय सहायता की उपलब्धता के कारण श्रमिकों में नौकरी करने इच्छा खत्म हो रही है। सुब्रमण्यम ने बताया कि एलएंडटी में करीब चार लाख मजदूर काम करते हैं, लेकिन छंटनी के कारण कंपनी को सालाना करीब 60 लाख मजदूरों की व्यवस्था करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को काम पर रखने के पारंपरिक तरीके बदल गए हैं, जिसमें डिजिटल संचार अब महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, "किसी नई साइट के लिए बढ़ई लाने के लिए कंपनी उन बढ़ईयों की सूची में संदेश भेजती है, जिनके साथ वह काम कर रही है या पहले काम कर चुकी है।"

श्रमिकों की अनिच्छा के लिए सरकारी योजनाओं को ठहराया जिम्मेदार

साथ ही उन्होंने बताया कि कामगारों को काम पर रखने के लिए राजी करना एक चुनौती बनी हुई है। एलएंडटी के मुखिया के अनुसार मानव संसाधन से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने के लिए, एलएंडटी ने श्रम के लिए एचआर नामक एक अलग विभाग बनाया है। सुब्रमण्यम ने जन धन बैंक खातों, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, गरीब कल्याण योजना और मनरेगा योजना जैसे कारकों को श्रमिकों की अनिच्छा के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा ये योजनाएं उन्हेंवित्तीय स्थिरता प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, अगर आप तकनीकी विशेषज्ञों से कार्यालय आने को कहते हैं, तो वह अलविदा कह देते हैं। यह समस्या निर्माण मजदूरों से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग पेशेवरों तक फैली हुई है। सुब्रह्मण्यन याद करते हुए कहा, "जब मैंने 1983 में एलएंडटी जॉइन किया था, तो मेरे बॉस ने कहा था, अगर आप चेन्नई से हैं, तो आप दिल्ली जाकर काम करें। आज अगर मैं चेन्नई से किसी लड़के को लेकर जाता हूं और उसे दिल्ली जाकर काम करने के लिए कहता हूं, तो वह अलविदा कह देता है।" उन्होंने कहा कि आईटी सेक्टर में स्थान बदलने के प्रति अनिच्छा और भी अधिक स्पष्ट है। इस सेक्टर में भी कर्मचारी ऑफिस लौटने के बजाय दूर से काम करना पसंद करते हैं।

रविवार को भी काम करने की कर चुके हैं वकालत

इससे एसएन सुब्रह्मण्यन ने रविवार को भी काम करने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था, "घर पर बैठकर आप क्या करेंगे? कितनी देर तक अपनी पत्नी को देख सकते हैं? आओ, ऑफिस आकर काम करो।" उन्होंने यह भी कहा था कि वह खुद रविवार को भी काम करते हैं। उनके इस बयान पर कई उद्योगपतियों ने प्रतिक्रिया दी थी। आदर पूनावाला, आनंद महिंद्रा और आईटीसी के संजीव पुरी जैसे उद्योग जगत के दिग्गजों ने वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया था

भगोड़े कट्टरपंथी जाकिर नाइक पर कड़ा “प्रहार”, भारत में बंद किया गया 'एक्स' अकाउंट

#controversial_islamic_preacher_zakir_naik_x_account_withheld_in_india

कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में है। जाकिर नाइक कहीं भी रहे वो भारत के खिलाफ जहर उगलने बाज नहीं आता। पाकिस्तान में जाकर भी उसने ऐसा ही किया है। इस बीच भारत ने कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर कड़ा प्रहार किया है। जाकिर नाइक के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अकाउंट को भारत में बंद कर दिया गया है। जाकिर नाइक के एक्स अकाउंट को शुक्रवार को बंद किया गया है।

बताते चलें कि नाइक एक भगोड़ा है। भारत से फरार मोस्ट वांटेड जाकिर नाइक आजकल पाकिस्तान में हैं, जहां उसका जगह-जगह जबरदस्त और ग्रैंड वेलकम हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जाकिर नायक से मुलाकात की और उन्हें खास मेहमान के रूप में बुलाया।

भारत ने शुक्रवार को यह भी कहा था कि इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है। यह हमारे लिए बिल्कुल भी आश्चर्यजनक बात नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से कहा, 'हमने रिपोर्ट देखी है कि उसे (जाकिर नाइक) को पाकिस्तान में सम्मानित किया गया है। वहां उसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारे लिए यह आश्चर्य की बात नहीं कि एक भारतीय भगोड़ेका पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत किया गया।'

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यह निराशाजनक और निंदनीय है लेकिन साथ ही यह आश्चर्यजनक भी नहीं है।' नाइक के पासपोर्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर जायसवाल ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नाइक ने किस पासपोर्ट पर पाकिस्तान की यात्रा पर गया है।

कट्टरपंथ की गठजोड़! जाकिर नाइक की पाक पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात, मलेशियाई पीएम भी पहुंचे पाकिस्तान

#controversialislamicpreacherzakirnaikmeetspakpmshehbaz_sharif

भारत से भगोड़ा कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पाकिस्तान में है। जाकिर नाइक 15 दिनों के पाकिस्तान दौरे पर हैं। इस बीच 2 अक्टूबर की देर रात प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जाकिर नाइक से मुलाकात की। इस दौरान पाक पीएम ने जाकिर नाइक की जमकर तारीफ की और कहा कि वे व्यावहारिक और प्रभावशाली हैं। वहीं पाक पीएम से मुलाकात के बाद जाकिर नाइक ने एक बार फिर जहरीला बयान दिया है।

जाकिर नाइक ने फिर उगला जगर

पाकिस्तानी पीएम से मुलाकात कर जाकिर नाइक ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जगह उगला। उसने कहा, हिन्दू मुझे चाहते थे इसलिए भारत सरकार को मैं पसंद नहीं था। हिन्दू इस्लाम कबूल करने लगो तो यह सरकार के एजेंडा के खिलाफ था। उसने आरोप लगाया कि भारत सरकार उसके खिलाफ कर्रवाई करने का मौका तलाश कर रही थी। उन्होंने कहा, ढाका में ब्लास्ट होता है तो आरोप लगाया जाता है कि वह जाकिर नाइक का समर्थक... फेसबुक पर फॉलोवर था, लेकिन मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

नाइक ने की शरीफ की तारीफ

वहीं, जाकिर नाइक ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ अपनी एक तस्वीर भी एक्स पर पोस्ट की। शरीफ ने नाइक से कहा, इस्लाम शांति का धर्म है और आप लोगों के बीच इस्लाम का सच्चा संदेश फैलाकर एक अहम फर्ज निभा रहे हैं।

गोमांस को लेकर दिया था बड़ा बयान

इससे पहले जाकिर नाइक ने गोमांस को लेकर बड़ा बयान दिया। उसने कहा कि इस्लाम में गोमांस खाना फर्ज नहीं है। अगर कोई प्रतिबंध लगाता है तो हमें उसका पालन करना चाहिए। अगर आप मेरी निजी राय पूछें तो गोमांस पर प्रतिबंध एक राजनीतिक मुद्दा है, क्योंकि करोड़ों हिंदू भी गोमांस खाते हैं। नई सरकार आने के बाद कई राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर आप किसी लड़की को परेशान करते हैं तो तीन साल की सजा है और अगर आप गोमांस खाते हैं तो पांच साल की सजा है। यह कैसा तर्क है?

मलेशियाई पीएम भी पाक दौरे पर

जाकिर नाइक के बाद मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम भी गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे। उनकी यह यात्रा तब हो रही है, जब मलेशिया में शरण लेने वाला कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक भी पाकिस्तान के दौरे पर है।अनवर इब्राहिम अगस्त में राजकीय दौरे पर भारत आए थे। इस दौरान जब जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर उनसे सवाल पूछा गया तो इब्राहिम ने सबूतों की बात कही थी। हालांकि, जाकिर नाइक के साथ अनवर इब्राहिम की दोस्ती जगजाहिर है।इब्राहिम मलेशिया में कई रैलियों और कार्यक्रमों के दौरान जाकिर नाइक के साथ मंच साझा कर चुके हैं।

फारूक अब्दुल्ला की पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी, बोले-अपनी पत्नी तो संभाल नहीं पाए...

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चुनाव प्रचार के दौरान नेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। इस दौरान कई बार नेता अपनी मर्यादा भूलते जा रहे हैं। इसी क्रम में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद विवादित टिप्पणी की है।उन्होंने कहा कि वह अपनी बीवी को संभाल नहीं पाए। जब उनके बच्चे नहीं हैं तो उनकी मोहब्बत क्या जानेंगे।

फारूक अब्दुल्ला ने एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाते हुए वो कहते हैं कि ये मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। मोदी साहब आप अपनी बीवी को संभाल नहीं सके, तो आपके बच्चे कहां से आते। आप क्या जानते हैं। आप क्या जानते हैं बच्चों की मोहब्बत और उनका लगाव। किस तरह से बच्चे अपने मां-बाप की इज्जत और खिदमत करते हैं, आप क्या जानते हैं, आपको तो कोई नहीं है, अकेले हो और अकेले जाओगे। उनसे पूछो जिनकी औलाद है।

वैसे, फारूक अब्दुल्ला अकेले नहीं हैं जिन्होंने पीएम मोदी के परिवार को लेकर विवादित बयान दिया है। इससे पहले आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने महागठबंधन की रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी। लालू यादव ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी आजकल परिवारवाद का जिक्र कर रहे हैं, आपका परिवार नहीं है और आप हिंदू भी नहीं हैं

सैम पित्रोदा के बयान पर भड़के पीएम मोदी, कहा- मैं गुस्से में हूं, शहजादे के सलाहकार ने मेरे लोगों के रंग का अपमान किया

#sampitrodacontroversialstatementreactionofpm_modi

देश में जारी चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक दलों को क्या चाहिए, सिर्फ एक मुद्दा। कांग्रेस खुद अपने हाथों से अपने विरोधी दल यानी बीजेपी को मुद्दे पकड़ा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी की इंडियन ओवरसीज ईकाई के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के ‘विरासत टैक्स’ वाले बयान पर विवाद थमा भी नहीं था कि अब उन्होंने भारतीयों के रंग-रूप को लेकर टिप्पणी करके बीजेपी को एक और सियासी हथियार दे दिया है।देश में लोकसभा चुनाव को लेकर जारी धुआंधार प्रचार के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज तेलंगाना पहुंचे। जहां सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं बहुत गुस्से में हूं। मुझे गाली दी, मैंने सहन कर लिया, लेकिन आज शहजादे (राहुल गांधी) के सलाहकार ने जो कहा उससे मुझे गुस्सा आया। ये मेरे देश के लोगों की चमड़ी के रंग का अपमान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शहजादे के गाइड अंकल ने कहा है कि जिनका चेहरा काला है वो अफ्रीका का होता है। रंग के आधार पर इतनी बड़ी गाली दी। चमड़ी के रंग देखकर ही मान लिया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अफ्रीकन हैं। इनकी सोच आज पता चली। अरे चमड़ी का रंग कुछ भी हो, हम श्री कृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं।‘

पित्रोदा ने क्या कहा?

इससे पहले अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा कि 'हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं।' पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोग 75 वर्षों तक एक सुखद वातावरण में रहे हैं, कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं।

फिर फिसली सैम पित्रोदा की जुबान, अब बोले- 'पूर्वी भारतीय चीनी लगते हैं तो दक्षिण वाले अफ्रीकी'

#sampitrodacontroversial_statement 

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने एक बार फिर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर बवाल मच गया है। अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले सैम पित्रोदा ने इस बार भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति पर चौंकाने वाला बयान दिया है। सैम ने अपने बयान में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के रंग-रूप की तुलना अलग-अलग देशों के लोगों से की है।उन्होंने कहा कि भारत ऐसा विविधतापूर्ण देश है जहां पूरब के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान सैम पित्रोदा के नए बयान से कांग्रेस एक बार फिर से घिरती नजर आ रही है। अभा हाल ही में सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर टिप्पणी की थी, पित्रोदा के उस बयान पर भी खूब विवाद हुआ था। 

अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा कि 'हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं।' पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोग 75 वर्षों तक एक सुखद वातावरण में रहे हैं, कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं। 

कांग्रेस ने किया किनारा

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की इस टिप्पणी से कांग्रेस ने दूरी बना ली है। एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भारत की विविधता को चित्रित करने के लिए सैम पित्रोदा द्वारा पॉडकास्ट में कही गई उपमाएं सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।

विरासत कर वाले बयान पर हुआ था विवाद

सैम पित्रोदा कुछ पहले भी विरासत कर वाले बयान पर विवादों में आ गए थे. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. इसके बाद भारत में राजनीतिक दलों में खासतौर पर बीजेपी नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था. बीजेपी ने सैम के बयान के आधार पर कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला था और उसे घोषणा पत्र में संपत्ति सर्वे से जोड़कर राहुल गांधी पर हमला बोला था. हालांकि बाद में सैम पित्रोदा ने दोबारा कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया. उन्होंने वो नहीं कहा जो लोगों ने मतलब निकाला

बयानों से कब-कब सुर्खियों में रहे सैम पित्रोदा 

• सैम पित्रोदा ने जून, 2023 में कहा था कि मंदिरों से देश की बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी दिक्कतों का समाधान नहीं होगा, इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करता। हर कोई राम और हनुमान मंदिर की बातें करता है। उन्होंने ये कहकर राजनीतिक भूचाल ला दिया था कि मंदिर निर्माण से आपको रोजगार नहीं मिलेगा।

• कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। यानी किसी शख्स के मरने के बाद उसकी संपत्ति का कुछ हिस्सा उसके रिश्तेदारों को दिया जाता है, जबकि एक बड़ा हिस्सा सरकार अपने पास रख लेती है। सैम ने इस कानून को एक रोचक कानून बताया था।

• सैम को साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ-तो-हुआ वाली टिप्पणी पर भी आलोचना झलेनी पड़ी थी। दरअसल 1984 सिख दंगों को लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया था कि तत्तालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इशारे पर सिख दंगे हुए थे, जिस पर सैम ने कहा था कि 1994 में हुआ तो हुआ। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि उनकी हिंदी अच्छी नहीं है। वह कहना चाहते थे कि जो हुआ वह बुरा हुआ।

• साल 2019 में सैम पित्रोदा ने कहा थआ कि मडिकल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उनको कांग्रेस की प्रस्तावित न्याय योजना की फंडिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा था कि टैक्स का बोझ बढ़ने से मिडिल क्लास को स्वार्थी बनीं बनना चाहिए। उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ था।

• साल 2018 में पुलवामा में हुए अटैक के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक को लेकर भारत सरकार के एक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं। इसके बारे में मैं ज्यादा नहीं जानता. उन्होंने कहा था कि मुंबई में भी हमला हुआ था।

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.

खड़गे ने राज्यसभा में क्या कह दिया कि हो गया बवाल, बाद में मांगनी पड़ी माफी?


#khargecontroversialremark

संसद में बजट सत्र की कार्यवाही का दूसरा चरण शुरू हो गया है। ये चरण दूसरे दिन भी हंगामेदार रहा। मंगलवार को भी कार्यवाही के दौरान हंगामा देखने को मिला। राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की एक बात पर जबरदस्त हंगामा हुआ। ये हंगामा तब शुरू हुआ जब शिक्षा मंत्रालय के कामकाज पर राज्यसभा में चर्चा शुरू हुई। खड़गे ने डिप्टी स्पीकर हरिवंश की ओर बात करते हुए ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर दिया, जिस पर बीजेपी भड़क गई। बीजेपी ने सदन में हंगामा करते हुए माफी की मांग की। इसके बाद खड़गे ने डिप्टी स्पीकर से माफी भी मांगी।

दरअसलस, सदन में नई शिक्षा नीति पर चर्चा हो रही थी। इस पर राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष बोलना चाह रहे थे। तभी उपसभापति ने उन्हें रोका। कारण कि वह सुबह एक बार बोल चुके थे। डिप्टी स्पीकर ने कहा, सुबह आपको बोलने का मौका मिला था। डिप्टी स्पीकर की इस बात पर खरगे ने कहा कि तब शिक्षा मंत्री नहीं आए थेष इसके बाद उपसभापति ने उसने बैठने के लिए कहा तो वो भड़क गए। उपसभापति हरिवंश कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह को बोलने का मौका देना चाहते थे। मगर तभी माहौल ऐसा बना कि मल्लिकार्जुन खरगे आग बबूला हो गए। 

...हम ठीक से ठोकेंगे”

मल्लिकार्जुन खरगे अपनी सीट से उठे और बोलने लगे। उपसभापति के रोकने पर उन्होंने डिक्टेटरशिप का आरोप लगा दिया। उन्होंने सीधे चेयर की ओर इशारा कर कहा कि डिक्टेटरशिप हो गया है। मुझे बोलना है। हम बोलने के लिए तैयारी भी किए हैं। और आपको क्या-क्या ठोकना है, हम ठीक से ठोकेंगे। इस पर उपसभापति ने आपत्ति जताई। सत्ता पक्ष के सांसद विरोध करने लगे। पूरा सदन हंगामे से गूंज उठा।

खरगे ने डिप्टी स्पीकर से मांगी माफी

जेपी नड्डा ने बयान की निंदा की और कहा कि नेता विपक्ष तजुर्बेकार हैं लेकिन जिस भाषा का इस्तेमाल किया है वो निंदनीय है। इसके लिए वो माफी मांगेंष इस पर अपनी गलती मानते हुए खरगे ने कहा, उपसभापति जी, मैं माफी मांगता हूं। मैंने ये शब्द आपके लिए नहीं बोला था। मैंने कहा था कि सरकार की पॉलिसी को ठोकेंगे। अगर आपको ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं।

तिरपाल का हिजाब पहन लें मुस्लिम मर्द...” योगी के मंत्री की ये कैसी सलाह


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उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के मंत्री रघुराज सिंह ने होली और नमाजियों को लेकर विवादित बयान दिया है।रघुराज सिंह ने कहा है कि होली पर सफेद टोपी वाले घर से बाहर तिरपाल का हिजाब पहनकर निकलें। योगी सरकार में श्रम एवं सेवायोजना विभाग के दर्जा प्राप्त मंत्री ने कहा है कि तिरपाल के हिजाब पहननेसे उनकी टोपी और शरीर बचा रहेगा।

दरअसल, इस बार होली का पर्व और जुमे एक ही दिन पड़ रहा है। जुमे की नाम के समय को लेकर यूपी में घमासान मचा है। रघुराज सिंह ने इसी को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा है की होली में जिसको रंग से बचना है वह तिरपाल का हिजाब पहने जैसे मुस्लिम महिलाएं पहनती हैं वैसे पुरुष भी पहनें ताकि उनकी टोपी और शरीर बचा रहे अन्यथा वह घर पर रहे। उन्होंने कहा कि होली में व्यवधान उत्पन्न करने वालों की तीन जगह हैं, जेल या प्रदेश छोड़ दे अन्यथा यमराज के पास अपना नाम लिखवा दे। 

रघुराज सिंह यहीं नहीं रुके। उन्होंने राज्य स्थित अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में मंदिर बनने की मांग का समर्थन किया। रघुराज सिंह ने यह भी कहा कि एएमयू में मंदिर बनेगा इन लोगों को बहुसंख्यकों का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एएमयू में राममंदिर बने इसकी मांग करता हूं. अगर बनता है तो सबसे पहली ईंट मैं रखूंगा। वहां मंदिर के लिये अपना सबकुछ न्योछावर कर सकते हैं।

अनुज चौधरी के बयान पर भी विवाद

इससे पहले यूपी पुलिस के अधिकारी अनुज चौधरी ने होली और रमजान को लेकर बयान दिया था। जिसपर काफी विवाद भी हुआ। संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) अनुज चौधरी ने कहा था कि होली एक ऐसा त्योहार है जो साल में एक बार आता है, जबकि जुमे की नमाज साल में 52 बार होती है। सीओ चौधरी ने कहा था कि अगर किसी को होली के रंगों से असहजता महसूस होती है, तो उन्हें उस दिन घर के अंदर ही रहना चाहिए, जो लोग बाहर निकलते हैं, उन्हें व्यापक सोच रखनी चाहिए, क्योंकि त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाने चाहिए।

राज ठाकरे ने गंगाजल को लेकर ऐसा क्या बोला, मच गया बवाल

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महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने गंगाजल पर भड़काऊ बयान दिया। मनसे की 9 मार्च को 19वीं वर्षगांठ है। इस मौके पर पुणे के चिंचवड में रामकृष्ण मोरे ऑडिटोरियम में बड़ा समारोह आयोजित किया गया। इस दौरान अपने संबोधन में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने प्रयागराज महाकुंभ के पवित्र स्नान का मजाक उड़ाया। उन्होंने गंगाजल को लेकर भी आपत्तिजनक बातें कही है। राज ठाकरे के बयान पर बीजेपी और शिवसेना के दोनों गुटों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

राज ठाकरे ने महाकुंभ के गंगा के प्रदूषित पानी को लेकर भड़काऊ बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कुंभ के पानी को गंदा बताया है। उन्होंने कहा कि वह इतना प्रदूषित है कि पीना तो छोड़िए, वह पानी पीने लायक भी नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ पदाधिकारी कुंभ मेले में गए थे। बाला नांदगांवकर वहां से एक छोटे बर्तन में पानी लेकर आये थे। मैंने कहा कि मैं हड्डी नहीं पीऊंगा। मैं सोशल मीडिया पर लोगों को बहुत लोगों को बकवास करते हुए देखता हूं।

ठाकरे ने कहा कि मैंने सोशल मीडिया पर गंगा नदी की स्थिति के कई वीडियो देखे हैं। जिनमें लोग नदी में नहाते हुए और शरीर खुजलाते हुए नजर आ रहे हैं। ऐसे में भला यह पानी पीने लायक कैसे हो सकता है? मनसे प्रमुख ने आगे कहा कि भारत में कोई भी नदी पूरी तरह स्वच्छ नहीं है। उन्होंने कहा कि जब राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे तब से मैं सुनता आ रहा हूं कि गंगा जल्द ही साफ हो जाएगी। लेकिन यह बस एक मिथक बनकर रह गया है। अब इस भ्रम से बाहर आने का समय आ गया है।

ठाकरे ने नदी को मां कहने पर भी मजाक उड़ाया। उन्होंने कहा कि हम तो नदी को मां कहते हैं। मगर विदेशों में देखिए, नदियां कितनी साफ हैं। विदेशों में लोग नदी को तो अपनी मां नहीं मानते हैं। अंधविश्वास से थोड़ा मुक्त हो जाइए, बाहर निकलिये और सिर थोड़ा घुमाकर देखिये।

पहले की 90 घंटे काम की वकालत, अब मजदूरों पर बयान, जानें क्या बोले L&T चेयरमैन सुब्रह्मण्यन

#sn_subrahmanyan_again_gave_a_controversial_statement 

पहले हफ्ते में 90 घंटे काम और रविवार को भी काम करने की सलाह देकर विवादों में रहे लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम का फिर एक बयान चर्चा में है। इस बार उन्होंने नौकरी की जगह बदलने और लोगों के दफ्तर जाने की इच्छा पर टिप्पणी करके एक और विवाद को जन्म दे दिया है। उनका कहना है कि सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के कारण मजदूर अपने गांवों से बाहर जाकर काम करने को तैयार नहीं हैं।

मंगलवार को सीआईआई साउथ ग्लोबल लिंकेज शिखर सम्मेलन में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि भारतीय श्रमिक, जिनमें तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल हैं, नौकरी के लिए आगे बढ़ने से हिचकिचाते हैं। इससे उद्योग के लिए चुनौतियां पैदा होती हैं। निर्माण उद्योग में श्रमिकों की कमी पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि जहां कई देश प्रवास की समस्याओं से जूझ रहे हैं, वहीं भारत में लोगों के काम के लिए आगे बढ़ने से अनिच्छुक होने की एक अनूठी समस्या है।

एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यम ने कहा कि कल्याणकारी योजनाओं और वित्तीय सहायता की उपलब्धता के कारण श्रमिकों में नौकरी करने इच्छा खत्म हो रही है। सुब्रमण्यम ने बताया कि एलएंडटी में करीब चार लाख मजदूर काम करते हैं, लेकिन छंटनी के कारण कंपनी को सालाना करीब 60 लाख मजदूरों की व्यवस्था करनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि मजदूरों को काम पर रखने के पारंपरिक तरीके बदल गए हैं, जिसमें डिजिटल संचार अब महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा, "किसी नई साइट के लिए बढ़ई लाने के लिए कंपनी उन बढ़ईयों की सूची में संदेश भेजती है, जिनके साथ वह काम कर रही है या पहले काम कर चुकी है।"

श्रमिकों की अनिच्छा के लिए सरकारी योजनाओं को ठहराया जिम्मेदार

साथ ही उन्होंने बताया कि कामगारों को काम पर रखने के लिए राजी करना एक चुनौती बनी हुई है। एलएंडटी के मुखिया के अनुसार मानव संसाधन से जुड़े मुद्दों को संबोधित करने के लिए, एलएंडटी ने श्रम के लिए एचआर नामक एक अलग विभाग बनाया है। सुब्रमण्यम ने जन धन बैंक खातों, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण, गरीब कल्याण योजना और मनरेगा योजना जैसे कारकों को श्रमिकों की अनिच्छा के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा ये योजनाएं उन्हेंवित्तीय स्थिरता प्रदान करते हैं। उन्होंने कहा, अगर आप तकनीकी विशेषज्ञों से कार्यालय आने को कहते हैं, तो वह अलविदा कह देते हैं। यह समस्या निर्माण मजदूरों से आगे बढ़कर इंजीनियरिंग पेशेवरों तक फैली हुई है। सुब्रह्मण्यन याद करते हुए कहा, "जब मैंने 1983 में एलएंडटी जॉइन किया था, तो मेरे बॉस ने कहा था, अगर आप चेन्नई से हैं, तो आप दिल्ली जाकर काम करें। आज अगर मैं चेन्नई से किसी लड़के को लेकर जाता हूं और उसे दिल्ली जाकर काम करने के लिए कहता हूं, तो वह अलविदा कह देता है।" उन्होंने कहा कि आईटी सेक्टर में स्थान बदलने के प्रति अनिच्छा और भी अधिक स्पष्ट है। इस सेक्टर में भी कर्मचारी ऑफिस लौटने के बजाय दूर से काम करना पसंद करते हैं।

रविवार को भी काम करने की कर चुके हैं वकालत

इससे एसएन सुब्रह्मण्यन ने रविवार को भी काम करने की वकालत की थी। उन्होंने कहा था, "घर पर बैठकर आप क्या करेंगे? कितनी देर तक अपनी पत्नी को देख सकते हैं? आओ, ऑफिस आकर काम करो।" उन्होंने यह भी कहा था कि वह खुद रविवार को भी काम करते हैं। उनके इस बयान पर कई उद्योगपतियों ने प्रतिक्रिया दी थी। आदर पूनावाला, आनंद महिंद्रा और आईटीसी के संजीव पुरी जैसे उद्योग जगत के दिग्गजों ने वर्क-लाइफ बैलेंस बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया था

भगोड़े कट्टरपंथी जाकिर नाइक पर कड़ा “प्रहार”, भारत में बंद किया गया 'एक्स' अकाउंट

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कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक इन दिनों पाकिस्तान में है। जाकिर नाइक कहीं भी रहे वो भारत के खिलाफ जहर उगलने बाज नहीं आता। पाकिस्तान में जाकर भी उसने ऐसा ही किया है। इस बीच भारत ने कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पर कड़ा प्रहार किया है। जाकिर नाइक के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अकाउंट को भारत में बंद कर दिया गया है। जाकिर नाइक के एक्स अकाउंट को शुक्रवार को बंद किया गया है।

बताते चलें कि नाइक एक भगोड़ा है। भारत से फरार मोस्ट वांटेड जाकिर नाइक आजकल पाकिस्तान में हैं, जहां उसका जगह-जगह जबरदस्त और ग्रैंड वेलकम हुआ है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने जाकिर नायक से मुलाकात की और उन्हें खास मेहमान के रूप में बुलाया।

भारत ने शुक्रवार को यह भी कहा था कि इसमें कोई चौंकने वाली बात नहीं है। यह हमारे लिए बिल्कुल भी आश्चर्यजनक बात नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया से कहा, 'हमने रिपोर्ट देखी है कि उसे (जाकिर नाइक) को पाकिस्तान में सम्मानित किया गया है। वहां उसका गर्मजोशी से स्वागत किया गया है।' उन्होंने आगे कहा, 'हमारे लिए यह आश्चर्य की बात नहीं कि एक भारतीय भगोड़ेका पाकिस्तान में उच्च स्तरीय स्वागत किया गया।'

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'यह निराशाजनक और निंदनीय है लेकिन साथ ही यह आश्चर्यजनक भी नहीं है।' नाइक के पासपोर्ट को लेकर पूछे गए सवाल पर जायसवाल ने कहा कि यह स्पष्ट नहीं है कि नाइक ने किस पासपोर्ट पर पाकिस्तान की यात्रा पर गया है।

कट्टरपंथ की गठजोड़! जाकिर नाइक की पाक पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात, मलेशियाई पीएम भी पहुंचे पाकिस्तान

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भारत से भगोड़ा कट्टरपंथी इस्लामिक उपदेशक जाकिर नाइक पाकिस्तान में है। जाकिर नाइक 15 दिनों के पाकिस्तान दौरे पर हैं। इस बीच 2 अक्टूबर की देर रात प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने जाकिर नाइक से मुलाकात की। इस दौरान पाक पीएम ने जाकिर नाइक की जमकर तारीफ की और कहा कि वे व्यावहारिक और प्रभावशाली हैं। वहीं पाक पीएम से मुलाकात के बाद जाकिर नाइक ने एक बार फिर जहरीला बयान दिया है।

जाकिर नाइक ने फिर उगला जगर

पाकिस्तानी पीएम से मुलाकात कर जाकिर नाइक ने एक बार फिर भारत के खिलाफ जगह उगला। उसने कहा, हिन्दू मुझे चाहते थे इसलिए भारत सरकार को मैं पसंद नहीं था। हिन्दू इस्लाम कबूल करने लगो तो यह सरकार के एजेंडा के खिलाफ था। उसने आरोप लगाया कि भारत सरकार उसके खिलाफ कर्रवाई करने का मौका तलाश कर रही थी। उन्होंने कहा, ढाका में ब्लास्ट होता है तो आरोप लगाया जाता है कि वह जाकिर नाइक का समर्थक... फेसबुक पर फॉलोवर था, लेकिन मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला।

नाइक ने की शरीफ की तारीफ

वहीं, जाकिर नाइक ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ अपनी एक तस्वीर भी एक्स पर पोस्ट की। शरीफ ने नाइक से कहा, इस्लाम शांति का धर्म है और आप लोगों के बीच इस्लाम का सच्चा संदेश फैलाकर एक अहम फर्ज निभा रहे हैं।

गोमांस को लेकर दिया था बड़ा बयान

इससे पहले जाकिर नाइक ने गोमांस को लेकर बड़ा बयान दिया। उसने कहा कि इस्लाम में गोमांस खाना फर्ज नहीं है। अगर कोई प्रतिबंध लगाता है तो हमें उसका पालन करना चाहिए। अगर आप मेरी निजी राय पूछें तो गोमांस पर प्रतिबंध एक राजनीतिक मुद्दा है, क्योंकि करोड़ों हिंदू भी गोमांस खाते हैं। नई सरकार आने के बाद कई राज्यों में गोमांस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर आप किसी लड़की को परेशान करते हैं तो तीन साल की सजा है और अगर आप गोमांस खाते हैं तो पांच साल की सजा है। यह कैसा तर्क है?

मलेशियाई पीएम भी पाक दौरे पर

जाकिर नाइक के बाद मलेशियाई पीएम अनवर इब्राहिम भी गुरुवार को तीन दिवसीय दौरे पर पाकिस्तान पहुंचे। उनकी यह यात्रा तब हो रही है, जब मलेशिया में शरण लेने वाला कट्टरपंथी इस्लामी उपदेशक जाकिर नाइक भी पाकिस्तान के दौरे पर है।अनवर इब्राहिम अगस्त में राजकीय दौरे पर भारत आए थे। इस दौरान जब जाकिर नाइक के प्रत्यर्पण पर उनसे सवाल पूछा गया तो इब्राहिम ने सबूतों की बात कही थी। हालांकि, जाकिर नाइक के साथ अनवर इब्राहिम की दोस्ती जगजाहिर है।इब्राहिम मलेशिया में कई रैलियों और कार्यक्रमों के दौरान जाकिर नाइक के साथ मंच साझा कर चुके हैं।

फारूक अब्दुल्ला की पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी, बोले-अपनी पत्नी तो संभाल नहीं पाए...

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चुनाव प्रचार के दौरान नेता एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं। इस दौरान कई बार नेता अपनी मर्यादा भूलते जा रहे हैं। इसी क्रम में नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बेहद विवादित टिप्पणी की है।उन्होंने कहा कि वह अपनी बीवी को संभाल नहीं पाए। जब उनके बच्चे नहीं हैं तो उनकी मोहब्बत क्या जानेंगे।

फारूक अब्दुल्ला ने एक चुनाव रैली को संबोधित करते हुए कहा कि मुसलमानों को निशाना बनाते हुए वो कहते हैं कि ये मुसलमान ज्यादा बच्चे पैदा करते हैं। मोदी साहब आप अपनी बीवी को संभाल नहीं सके, तो आपके बच्चे कहां से आते। आप क्या जानते हैं। आप क्या जानते हैं बच्चों की मोहब्बत और उनका लगाव। किस तरह से बच्चे अपने मां-बाप की इज्जत और खिदमत करते हैं, आप क्या जानते हैं, आपको तो कोई नहीं है, अकेले हो और अकेले जाओगे। उनसे पूछो जिनकी औलाद है।

वैसे, फारूक अब्दुल्ला अकेले नहीं हैं जिन्होंने पीएम मोदी के परिवार को लेकर विवादित बयान दिया है। इससे पहले आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने महागठबंधन की रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर अभद्र टिप्पणी की थी। लालू यादव ने कहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी आजकल परिवारवाद का जिक्र कर रहे हैं, आपका परिवार नहीं है और आप हिंदू भी नहीं हैं

सैम पित्रोदा के बयान पर भड़के पीएम मोदी, कहा- मैं गुस्से में हूं, शहजादे के सलाहकार ने मेरे लोगों के रंग का अपमान किया

#sampitrodacontroversialstatementreactionofpm_modi

देश में जारी चुनावी माहौल के बीच राजनीतिक दलों को क्या चाहिए, सिर्फ एक मुद्दा। कांग्रेस खुद अपने हाथों से अपने विरोधी दल यानी बीजेपी को मुद्दे पकड़ा रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी की इंडियन ओवरसीज ईकाई के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के ‘विरासत टैक्स’ वाले बयान पर विवाद थमा भी नहीं था कि अब उन्होंने भारतीयों के रंग-रूप को लेकर टिप्पणी करके बीजेपी को एक और सियासी हथियार दे दिया है।देश में लोकसभा चुनाव को लेकर जारी धुआंधार प्रचार के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आज तेलंगाना पहुंचे। जहां सैम पित्रोदा के बयान पर पीएम मोदी ने राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा।

पीएम मोदी ने तेलंगाना के वारंगल में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि आज मैं बहुत गुस्से में हूं। मुझे गाली दी, मैंने सहन कर लिया, लेकिन आज शहजादे (राहुल गांधी) के सलाहकार ने जो कहा उससे मुझे गुस्सा आया। ये मेरे देश के लोगों की चमड़ी के रंग का अपमान कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शहजादे के गाइड अंकल ने कहा है कि जिनका चेहरा काला है वो अफ्रीका का होता है। रंग के आधार पर इतनी बड़ी गाली दी। चमड़ी के रंग देखकर ही मान लिया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अफ्रीकन हैं। इनकी सोच आज पता चली। अरे चमड़ी का रंग कुछ भी हो, हम श्री कृष्ण की पूजा करने वाले लोग हैं।‘

पित्रोदा ने क्या कहा?

इससे पहले अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा कि 'हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं।' पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोग 75 वर्षों तक एक सुखद वातावरण में रहे हैं, कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं।

फिर फिसली सैम पित्रोदा की जुबान, अब बोले- 'पूर्वी भारतीय चीनी लगते हैं तो दक्षिण वाले अफ्रीकी'

#sampitrodacontroversial_statement 

कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने एक बार फिर कुछ ऐसा कहा है, जिस पर बवाल मच गया है। अपने बयानों की वजह से हमेशा सुर्खियां बटोरने वाले सैम पित्रोदा ने इस बार भारत की विविधतापूर्ण संस्कृति पर चौंकाने वाला बयान दिया है। सैम ने अपने बयान में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों के लोगों के रंग-रूप की तुलना अलग-अलग देशों के लोगों से की है।उन्होंने कहा कि भारत ऐसा विविधतापूर्ण देश है जहां पूरब के लोग चीनी जैसे दिखते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग शायद गोरे जैसे दिखते हैं और दक्षिण के लोग अफ्रीका जैसे दिखते हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान सैम पित्रोदा के नए बयान से कांग्रेस एक बार फिर से घिरती नजर आ रही है। अभा हाल ही में सैम पित्रोदा ने विरासत टैक्स को लेकर टिप्पणी की थी, पित्रोदा के उस बयान पर भी खूब विवाद हुआ था। 

अंग्रेजी अखबार द स्टेट्समैन को दिए एक इंटरव्यू में सैम पित्रोदा ने कहा कि 'हम भारत जैसे विविधता से भरे देश को एकजुट रख सकते हैं, जहां पूर्व के लोग चीनी जैसे लगते हैं, पश्चिम के लोग अरब जैसे दिखते हैं, उत्तर के लोग गोरों जैसे और दक्षिण भारतीय अफ्रीकी जैसे लगते हैं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी बहन-भाई हैं।' पित्रोदा ने कहा कि भारत में अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के रीति-रिवाज, खान-पान, धर्म, भाषा अलग-अलग हैं, लेकिन भारत के लोग एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के लोग 75 वर्षों तक एक सुखद वातावरण में रहे हैं, कुछ लड़ाइयों को छोड़ दें तो लोग साथ रह सकते हैं। 

कांग्रेस ने किया किनारा

इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा की इस टिप्पणी से कांग्रेस ने दूरी बना ली है। एक्स पर एक पोस्ट में, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि भारत की विविधता को चित्रित करने के लिए सैम पित्रोदा द्वारा पॉडकास्ट में कही गई उपमाएं सबसे दुर्भाग्यपूर्ण और अस्वीकार्य हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस इन उपमाओं से खुद को पूरी तरह से अलग करती है।

विरासत कर वाले बयान पर हुआ था विवाद

सैम पित्रोदा कुछ पहले भी विरासत कर वाले बयान पर विवादों में आ गए थे. उन्होंने कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है. इसके बाद भारत में राजनीतिक दलों में खासतौर पर बीजेपी नेताओं ने इसका कड़ा विरोध किया था. बीजेपी ने सैम के बयान के आधार पर कांग्रेस पार्टी पर भी हमला बोला था और उसे घोषणा पत्र में संपत्ति सर्वे से जोड़कर राहुल गांधी पर हमला बोला था. हालांकि बाद में सैम पित्रोदा ने दोबारा कहा कि उनके बयान का गलत मतलब निकाला गया. उन्होंने वो नहीं कहा जो लोगों ने मतलब निकाला

बयानों से कब-कब सुर्खियों में रहे सैम पित्रोदा 

• सैम पित्रोदा ने जून, 2023 में कहा था कि मंदिरों से देश की बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी दिक्कतों का समाधान नहीं होगा, इन मुद्दों पर कोई बात नहीं करता। हर कोई राम और हनुमान मंदिर की बातें करता है। उन्होंने ये कहकर राजनीतिक भूचाल ला दिया था कि मंदिर निर्माण से आपको रोजगार नहीं मिलेगा।

• कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सैम पित्रोदा ने पिछले दिनों कहा था कि अमेरिका में विरासत टैक्स लगता है। यानी किसी शख्स के मरने के बाद उसकी संपत्ति का कुछ हिस्सा उसके रिश्तेदारों को दिया जाता है, जबकि एक बड़ा हिस्सा सरकार अपने पास रख लेती है। सैम ने इस कानून को एक रोचक कानून बताया था।

• सैम को साल 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ-तो-हुआ वाली टिप्पणी पर भी आलोचना झलेनी पड़ी थी। दरअसल 1984 सिख दंगों को लेकर बीजेपी ने आरोप लगाया था कि तत्तालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के इशारे पर सिख दंगे हुए थे, जिस पर सैम ने कहा था कि 1994 में हुआ तो हुआ। हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि उनकी हिंदी अच्छी नहीं है। वह कहना चाहते थे कि जो हुआ वह बुरा हुआ।

• साल 2019 में सैम पित्रोदा ने कहा थआ कि मडिकल क्लास को स्वार्थी नहीं बनना चाहिए। उनको कांग्रेस की प्रस्तावित न्याय योजना की फंडिंग के लिए ज्यादा से ज्यादा टैक्स देने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने कहा था कि टैक्स का बोझ बढ़ने से मिडिल क्लास को स्वार्थी बनीं बनना चाहिए। उनके इस बयान पर काफी बवाल हुआ था।

• साल 2018 में पुलवामा में हुए अटैक के बाद पाकिस्तान के बालाकोट में एयरस्ट्राइक को लेकर भारत सरकार के एक्शन पर सवाल उठाते हुए कहा था कि पुलवामा जैसे हमले होते रहते हैं। इसके बारे में मैं ज्यादा नहीं जानता. उन्होंने कहा था कि मुंबई में भी हमला हुआ था।

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.