*भाजपा दफ्तर घेरने के पूर्व कांग्रेसियों को पुलिस ने किया अरेस्ट,भेजा पुलिस लाइन*
भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का कर रही दुरुपयोग : अभिषेक सिंह राणा*

*भाजपा के इशारे पर ईडी कर रही थी काम : शकील अंसारी* सुल्तानपुर। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी और भाजपा ने मिलकर फर्जी तरीके से फंसाए जाने के मामले को लेकर कांग्रेसियों में आक्रोश व्याप्त है। गुरुवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के नेतृत्व व शहर अध्यक्ष शकील अंसारी की मौजूदगी में जिले भर के कांग्रेस कार्यकर्ता व नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय से नारेबाजी करते हुए शहर के पयागीपुर ट्रांसपोर्ट नगर स्थिति भाजपा कार्यालय पैदल मार्च करते हुए निकले कि जिले की पुलिस हाई अलर्ट हो गई। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों को शहर के लाल डिग्गी चौराहे पर रोक लिया कांग्रेसी बीजेपी दफ्तर जाने की जिद पर अड़े रहे लेकिन पुलिस उन्हें आगे जाने से रोक रही थी, इसके कांग्रेस नेताओं व पुलिस के बीच तीखी नोंक झोंक भी हुई, उसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा सहित भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता वहीं सड़क पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता व नेताओं का आक्रोश बढ़ता देख जिला प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया गया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने कहा कि भाजपा और ईडी का कथित गठबंधन बेनकाब हो गया चुका है, पिछले एक दशक से भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर हमारी नेता कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के जननेता राहुल गांधी के विरुद्ध राजनीतिक, प्रतिशोध, बदले की भावना और गैर कानूनी कार्रवाइयों को माननीय न्यायालय ने पूरी तरह से पर्दाफाश कर दिया, आज सत्य, न्याय और संविधान की जीत हुई है। यंग इंडियन मामले में माननीय न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के खिलाफ परिवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई न केवल अवैध है बल्कि दुर्भावना से प्रेरित भी है। वहीं उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय का यह फैसला इस सच्चाई को उजागर करता है कि बीते एक दशक से मोदी सरकार कांग्रेस पार्टी के खिलाफ संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर राजनीतिक प्रतिशोध की राजनीति की है, जिसका आज पूरे देश के सामने पर्दाफाश हो गया।शहर अध्यक्ष शकील अंसारी ने कहा कि हमारे नेता को फर्जी फसाया जा रहा था। ईडी की कार्रवाई भाजपा के इशारे पर हो रही थी। कांग्रेस पार्टी डर, दबाव और षड्यंत्र के सामने ना कभी झुकी है, ना झुकेगी। हमने सच और साहस के साथ संघर्ष किया है, और आज एक बार फिर सच की जीत हुई है। फिरोज अहमद व वरुण मिश्रा ने कहा कि भाजपा के दबाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ऊपर की गई ई.डी की कार्रवाई की घोर निंदा करते हुए कहा कि सही कहा गया है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। इस मौके पर पूर्व प्रदेश सचिव राहुल त्रिपाठी, सरदार रणजीत सिंह सलूजा, सलाउद्दीन हाशमी, राजेश तिवारी, वरिष्ठ नेता हरीश त्रिपाठी, रणजीत सिंह सलूजा, शरद श्रीवास्तव, मानस तिवारी, जिला पंचायत सदस्य नरेश चंद्र उपाध्याय दीपू, फिरोज अहमद, अतहर नवाब, रियाज अहमद लड्डू, हामिद राईनी, ममनून आलम, सुब्रत सिंह सनी, सुरेश चंद्र मिश्र, मोहित तिवारी, मोहसिन सलीम, आमिर पठान,श्याम लगन कोरी, संतोष वर्मा, विवेक श्रीवास्तव, विनोद पांडे, राम भवन पांडे,संजय श्रीवास्तव, इश्तियाक अहमद, अशोक कुमार सिंह, विवेक सिंह रफ्तार,मोहम्मद अरशद पवार, सियाराम तिवारी, रणवीर सिंह सियाराम वर्मा अरबाज अहमद, अवधेश गौतम गुड्डू जायसवाल अतीक अहमद विनय त्रिपाठी, रणवीर सिंह जनेश्वर उपाध्यक्ष हरीश कुमार पाठक श्याम नंदन शुक्ला विकास मिश्रा सहित भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता शामिल रहे। भवदीय अभिषेक सिंह राणा अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी सुल्तानपुर
नहीं रहे मूर्तियों को गढ़ने वाले जादूगर पद्मश्री राम सुतार
लखनऊ /नोएडा। विश्व प्रसिद्ध मूर्ति कार पद्मश्री राम सुतार वनजी का बुधवार देर रात को निधन हो गया। उनके निधन से कला और संस्कृति जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। उन्होंने सेक्टर 19 स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा उन्हें महाराष्ट्र भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था। उन्हें सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री समेत पूरी महाराष्ट्र गवर्नमेंट नोएडा स्थित उनके घर पहुंची थी। उन्हें देश-विदेश में कई अवार्ड मिले हैं। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध 182 मीटर ऊँची स्टैचू ऑफ यूनिटी बनाकर एक इतिहास रच दिया था। उनके निधन की सूचना पर देश-विदेश के नेता, मूर्तिकार, कलाकार, सामाजिक लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार आज नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास पर किया जाएगा। आज सुबह से ही उनके घर पर लोगों का ताता लगना शुरू हो गया है। जिला प्रशासन और पुलिस ने भी उनके अंतिम संस्कार में होने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। सोशल मीडिया पर भी लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। राम सुतार के बेटे अनिल सुतार ने बताया कि वह कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। पद्म भूषण से सम्मानित 100 वर्षीय उनके पिता ने नोएडा में अपने घर पर ही आखिरी सांस ली। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। रामसुतार का जन्म 19 फ़रवरी 1925 को महाराष्ट्र में धूलिया जिले के गोन्दुर गाँव में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता वनजी हंसराज जाति व कर्म से सुतार थे। 1952 में उनका विवाह श्रीमती प्रमिला के साथ हुआ जिनसे उनको 1957 में एकमात्र पुत्र अनिल रामसुतार पैदा हुए। अनिल वैसे तो पेशे से वास्तुकार है परन्तु अब वह भी नोएडा स्थित अपने पिता के स्टूडियो व कार्यशाला की देखरेख का कार्य करता है। उन्होने अपने गुरु रामकृष्ण जोशी से प्रेरणा लेकर मुम्बई स्थित जे०जे०स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला लिया और 1953 में इसी स्कूल से मॉडेलिंग में सर्वोच्च अंक अर्जित करते हुए मेयो गोल्ड मेडल हासिल किया। मॉडेलर के रूप में औरंगाबाद के आर्कियोलोजी विभाग में रहते हुए 1954 से 1958 तक उन्होने अजन्ता व एलोरा की प्राचीन गुफाओं में मूर्तियों के पुनर्स्थापन (रेस्टोरेशन) का कार्य किया। 1958-59 में वह सूचना व प्रसारण मन्त्रालय भारत सरकार के दृश्य श्रव्य विभाग में तकनीकी सहायक भी रहे। 1959 में उन्होने स्वेच्छा से सरकारी नौकरी छोड़ दी और पेशेवर मूर्तिकार बन गये। उसके बाद अपने परिवार के साथ वह नोएडा में निवास करने लगे। राम सुतार ने महज एक मूर्तिकार के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र के गौरव को जीवंत करने वाले कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई। सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हो या महात्मा गांधी की ध्यानमग्न मुद्रा वाली प्रतिमाएं , उनके हाथों से निकली हर रचना देश की स्मृतियों में अमर हो गई। 1925 में महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार में जन्मे सुतार ने छेनी-हथौड़ी से सपनों को तराशा और भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया। वैसे तो आपने बहुत सी मूर्तियाँ बनायीं किन्तु उनमें से कुछ उल्लेखनीय योगदान इस प्रकार हैं। 45 फुट ऊँची चम्बल देवी की मूर्ति गंगासागर बाँध मध्य प्रदेश, 21 फुट ऊँची महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति अमृतसर,18 फुट ऊँची सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति संसद भवन नई दिल्ली,17 फुट ऊँची मोहनदास कर्मचन्द गान्धी की मूर्ति गान्धीनगर गुजरात,9 फुट ऊँची भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति जम्मू, भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की आवक्ष प्रतिमा, अयोध्या में बने राम मंदिर में स्थापित मूर्ति का निर्माण। भारत के प्रथम गृहमंत्री स्वर्गीय लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सर्वाधिक ऊंची मूर्ति:182 मीटर अर्थात 597 फीट (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर मैं स्थित कृष्ण -अर्जुन रथ आदि शामिल है।
प्रेम विवाह करने पर युवक काे पेड़ से बांधकर पीटा, जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर किया अपमान, वीडियो वायरल, दाे आराेपित गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में फफूंद थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने पर एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने और जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इटावा जिले के भरथना क्षेत्र निवासी उपेंद्र बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। उसने 29 नवंबर को पड़ाेसी जनपद औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में रहनेवाली कल्पना नाम की युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोप है कि 7 दिसंबर को उपेंद्र अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके क्षेत्र पहुंचा था। इसी दौरान रामपुर कुंवर गांव के कुछ युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीड़ित उपेंद्र के अनुसार, दीपू और भूरे नाम के युवकों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आलोक और राजाराम ने बांस से उसकी जमकर पिटाई की। मारपीट यहीं नहीं रुकी, आरोपिताें ने उसे जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया और पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित का आरोप है कि बाद में आरोपिताें ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद डर और दबाव के चलते वह सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। हाल ही में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, जो किसी तरह पीड़ित के पिता हरिश्चंद्र तक पहुंच गया। वीडियो देखकर परिजनों के होश उड़ गए। वायरल वीडियाे और बेटे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी पर पीड़ित के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरैया से इस मामले की शिकायत की।पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती ने गुरुवार काे बताया कि उक्त मामले में तहरीर और वायरल वीडियो के आधार पर फफूंद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब तक दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वीडियो की जांच कर सभी आराेपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जीके मेमोरियल विद्यालय में ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन विधायक ने किया शुभारंभ, अनुशासित परेड ने सभी का मन जीता**

मोतिहारी जिले के सुगौली प्रखंड के छपरा बहास स्थित जीके मेमोरियल विद्यालय में तीन दिवसीय ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय विधायक राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता तथा विधालय के मुख्य ट्रस्टी रामगोपाल खंडेलवाल ने



दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन समारोह में विद्यालय परिसर में छात्रों की लंबी कतारों में सजी अनुशासित परेड ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। विद्यालय के निदेशक अमरेन्द्र पांडे के नेतृत्व में आयोजित परेड के दौरान छात्रों ने मुख्य अतिथि को आकर्षक प्रदर्शन करते हुए सलामी दी। विधायक ने भी परेड का अभिवादन सलामी देकर किया और बच्चों के हौसले को बढ़ाते हुए कहा कि विद्यालय के छात्र अनुशासन और शिक्षा—दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।




विधायक बबलू गुप्ता ने अपने संबोधन में विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीके मेमोरियल विद्यालय सीबीएसई मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है और जिले में सीबीएसई पाठ्यक्रम की दिशा में एक मजबूत उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक संस्थान न सिर्फ शिक्षा बल्कि खेल के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम में विद्यालय संस्थापक रामगोपाल खंडेलवाल, कुलदीप खंडेलवाल, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सर्राफ, संजय संजू विद्यालय के शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक मौजूद रहे। कार्यक्रम स्थल उत्साह, ऊर्जा और खेल भावना से भरपूर दिखाई दिया।


खेलकूद के इस महोत्सव में विभिन्न वर्गों के छात्रों द्वारा भाग लिए जाने वाले दौड़, कबड्डी, खो-खो, लंबी कूद, रिले रेस सहित कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन से ही छात्रों में जीत के प्रति जोश और खेल मैदान में बेहतर प्रदर्शन की उत्सुकता देखने को मिली। अंत में विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा और छात्रों को आगे भी खेल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
नहीं रहे दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के डिजाइनर, मूर्तिकार राम सुतार का निधन

#sculptorramsutarpassesawaydesignerofstatueof_unity

प्रसिद्ध मूर्तिकार और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम वनजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। राम सुतार 100 साल के थे। वह काफी समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे। उनके बेटे अनिल सुतार ने ये जानकारी दी।

बेटे अनिल सुतार ने बयान में कहा कि गहन दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता राम वंजी सुतार का 17 दिसंबर की मध्यरात्रि को हमारे निवास पर निधन हो गया। राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदुर गांव में हुआ था। बचपन से ही मूर्तिकला की ओर आकर्षित सुतार ने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से गोल्ड मेडल हासिल किया।

राम मंदिर में 300 फीट ऊंची जटायु मूर्ति को दिया आकार

राम सुतार की मूर्तिकला की दुनिया महापुरुषों से भरी रही। महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, दीन दयाल उपाध्याय, छत्रपति शिवाजी महाराज उनकी कृतियों में इतिहास, विचार और राष्ट्र की आत्मा एक साथ सांस लेते नजर आते हैं। अयोध्या के राम मंदिर में कांसे से बनी 300 फीट ऊंची जटायु की कुबेर टीला पर स्थापित की गई है मूर्ति है, सुतार ने ही बनाई। संसद परिसर में स्थापित गांधी की ध्यानमग्न प्रतिमा हो या घोड़े पर सवार शिवाजी महाराज की भव्य आकृति, हर रचना में उन्होंने व्यक्तित्व से पहले विचार को उकेरा।

93 वर्ष की उम्र में बनाई ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’

राम सुतार की सबसे बड़ी उपलब्धि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति- गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (182 मीटर ऊंची) को डिजाइन करना है। यह मूर्ति भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल को समर्पित है। सुतार ने इस मूर्ति को आकार देकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। करीब 93 वर्ष की उम्र में सुतार ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा किया था, जो उनके अथक परिश्रम का प्रतीक है।

आदित्यपुर में भीषण सड़क हादसा: अनियंत्रित ट्रेलर ने तीन को रौंदा, शिक्षक और चाचा-भतीजे की मौत

आदित्यपुर (सरायकेला-खरसावां): टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर बुधवार रात एक अनियंत्रित ट्रेलर ने भारी तबाही मचाई। टूल रूम के समीप हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में तीन लोगों की जान चली गई।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक तेज रफ्तार ट्रेलर (NL 02 Q 7066) ने पहले एक स्कूटी को पीछे से टक्कर मारी। टक्कर मारने के बाद चालक चलती गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। बिना चालक के ट्रेलर अनियंत्रित होकर सड़क की दूसरी तरफ चला गया और सामने से आ रही एक बुलेट को अपनी चपेट में ले लिया।

मृतकों की पहचान

इस हादसे ने दो परिवारों को कभी न भरने वाला जख्म दिया है:

नवीन पाल और अभिषेक पाल (चाचा-भतीजे): ये दोनों बुलेट (JH 05 BV 1386) पर सवार थे। वे बिष्टुपुर पार्वती घाट से एक परिजन की अंत्येष्टि में शामिल होकर घर लौट रहे थे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

राकेश राय (शिक्षक): स्कूटी (JH 05 DH 5095) सवार राकेश राय गदड़ा मध्य विद्यालय में शिक्षक थे। उनकी मौत इलाज के दौरान टीएमएच (TMH) अस्पताल में हुई।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

वाहन जब्त: पुलिस ने दुर्घटनाकारी ट्रेलर को जब्त कर लिया है।

छापेमारी: थाना प्रभारी विनोद तिर्की ने बताया कि फरार चालक की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।

जांच: पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि दुर्घटना के समय ट्रेलर की रफ्तार कितनी थी और चालक ने चलती गाड़ी क्यों छोड़ी।

हादसे के बाद टाटा-कांड्रा मार्ग पर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। स्थानीय लोगों ने सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाने की मांग की है।

जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महिला गरिमा से जुड़ी कथित घटना पर सियासी घमासान, राष्ट्रपति व CJI से कार्रवाई की मांग


संभल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी एक सार्वजनिक सभा की कथित घटना को लेकर देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ने इसे महिला गरिमा और संविधान की प्रस्तावना से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश को औपचारिक ज्ञापन भेजकर संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है। मोहम्मद फ़िरोज़ खान ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि भरी सार्वजनिक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आचरण संवैधानिक मर्यादाओं और महिला सम्मान के विपरीत प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल संविधान की प्रस्तावना में निहित समानता, गरिमा और स्वतंत्रता के मूल्यों को आघात पहुंचाती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की छवि को प्रभावित करती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कथित घटना के बाद कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का समर्थन किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद द्वारा दिए गए समर्थन संबंधी वक्तव्यों को उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध बताया। मोहम्मद फ़िरोज़ खान का कहना है कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक जीवन में महिला गरिमा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह विषय केवल राजनीतिक नहीं रह जाता, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ जाता है। ज्ञापन में उन्होंने राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का आचरण संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और महिला सम्मान की रक्षा के उद्देश्य से की गई है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बहस तेज होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले पर बिहार सरकार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
श्रद्धांजलि समारोह व षोडशी भंडारा: परमार्थ निकेतन गंगा तट पर उमड़ा संत समाज,ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी को भावभीनी श्रद्

ऋषिकेश। भारत की प्राचीन, अक्षुण्ण और दिव्य सनातन संत परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र, परम पूज्य, परम विरक्त, ऋषितुल्य संत ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के मां गंगा के पावन तट पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि समारोह एवं षोडशी भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सनातन धर्म की जीवंत चेतना, संत परंपरा की अखंड धारा और तपस्वी जीवन मूल्यों का दिव्य उत्सव बन गया, जिसमें देशभर से पधारे संत-महात्माओं, महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यों एवं असंख्य श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो उठा। गंगा तट पर सजीव हुई सनातन संस्कृति प्रातःकाल से ही परमार्थ निकेतन में केसरिया वस्त्रों में दीप्तिमान संतों का सान्निध्य उमड़ पड़ा। वेद मंत्रों की गूंज, गंगा की अविरल धारा और श्रद्धालुओं की नम्र नमन भावनाओं के बीच ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सनातन संस्कृति स्वयं सजीव होकर साक्षी बन गई हो। सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया देश के विभिन्न पीठों, अखाड़ों और आश्रमों से पधारे पूज्य संतों एवं महामण्डलेश्वरवृंद ने एक स्वर में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके विरक्ति, तपस्या और साधनामय जीवन को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया। तपस्या और विरक्ति का जीवंत शास्त्र था उनका जीवन संतों ने अपने उद्बोधनों में कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज का संपूर्ण जीवन विरक्ति, साधना और मौन उपदेश का साक्षात उदाहरण था। उन्होंने न कभी स्वयं का प्रचार किया और न ही बाह्य प्रदर्शन को महत्व दिया।उनका सान्निध्य ही साधना बन जाता था और उनकी दृष्टि ही दीक्षा।गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी जैसे परम पावन दिवस पर उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज ने दिव्य विधान बताया, जो उनके कर्मयोग, त्याग और वैराग्य का साकार प्रमाण है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का भावपूर्ण संदेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा—“संत देह से विदा हो सकते हैं, चेतना से कभी नहीं। वे दृश्य से अदृश्य की यात्रा करते हैं और युगों की स्मृति बन जाते हैं।” अध्यक्षता व संतों की गरिमामयी उपस्थिति इस श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज (श्री सोमेश्वर धाम, कनखल, हरिद्वार) ने की। कार्यक्रम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही कार्यक्रम में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी सहित देशभर के प्रमुख महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यगण एवं दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशाल षोडशी भंडारा एवं पर्यावरण संदेश श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत गंगा तट पर विशाल षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों संतों, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर सभी पूज्य संतों एवं अतिथियों को रुद्राक्ष के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। देशभर से आ रहे हैं श्रद्धांजलि संदेश मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, भाईश्री, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, स्वामीनारायण आश्रम सहित देशभर के संतों, आश्रमों और भक्तों के भावभीने संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी संत परंपरा की आत्मा थे। सनातन चेतना का अमर प्रकाश यह आयोजन इस सत्य को पुनः स्थापित करता है कि सनातन धर्म अतीत नहीं, सतत प्रवाहित वर्तमान है।ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज भले ही स्थूल रूप में हमारे मध्य न हों, किंतु उनकी तपस्या, साधना और जीवन-दर्शन युगों-युगों तक सनातन चेतना के रूप में जीवित रहेगा।
*भाजपा दफ्तर घेरने के पूर्व कांग्रेसियों को पुलिस ने किया अरेस्ट,भेजा पुलिस लाइन*
भाजपा संवैधानिक संस्थाओं का कर रही दुरुपयोग : अभिषेक सिंह राणा*

*भाजपा के इशारे पर ईडी कर रही थी काम : शकील अंसारी* सुल्तानपुर। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी व नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ ईडी और भाजपा ने मिलकर फर्जी तरीके से फंसाए जाने के मामले को लेकर कांग्रेसियों में आक्रोश व्याप्त है। गुरुवार को कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के नेतृत्व व शहर अध्यक्ष शकील अंसारी की मौजूदगी में जिले भर के कांग्रेस कार्यकर्ता व नेताओं ने कांग्रेस कार्यालय से नारेबाजी करते हुए शहर के पयागीपुर ट्रांसपोर्ट नगर स्थिति भाजपा कार्यालय पैदल मार्च करते हुए निकले कि जिले की पुलिस हाई अलर्ट हो गई। प्रदर्शन कर रहे कांग्रेसियों को शहर के लाल डिग्गी चौराहे पर रोक लिया कांग्रेसी बीजेपी दफ्तर जाने की जिद पर अड़े रहे लेकिन पुलिस उन्हें आगे जाने से रोक रही थी, इसके कांग्रेस नेताओं व पुलिस के बीच तीखी नोंक झोंक भी हुई, उसके बाद कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा सहित भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता वहीं सड़क पर बैठ गए और जमकर नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ता व नेताओं का आक्रोश बढ़ता देख जिला प्रशासन ने उन्हें गिरफ्तार कर पुलिस लाइन भेज दिया गया। इस दौरान कांग्रेस जिलाध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा ने कहा कि भाजपा और ईडी का कथित गठबंधन बेनकाब हो गया चुका है, पिछले एक दशक से भाजपा सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर हमारी नेता कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और देश के जननेता राहुल गांधी के विरुद्ध राजनीतिक, प्रतिशोध, बदले की भावना और गैर कानूनी कार्रवाइयों को माननीय न्यायालय ने पूरी तरह से पर्दाफाश कर दिया, आज सत्य, न्याय और संविधान की जीत हुई है। यंग इंडियन मामले में माननीय न्यायालय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सोनिया गांधी जी और राहुल गांधी जी के खिलाफ परिवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई न केवल अवैध है बल्कि दुर्भावना से प्रेरित भी है। वहीं उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय का यह फैसला इस सच्चाई को उजागर करता है कि बीते एक दशक से मोदी सरकार कांग्रेस पार्टी के खिलाफ संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर राजनीतिक प्रतिशोध की राजनीति की है, जिसका आज पूरे देश के सामने पर्दाफाश हो गया।शहर अध्यक्ष शकील अंसारी ने कहा कि हमारे नेता को फर्जी फसाया जा रहा था। ईडी की कार्रवाई भाजपा के इशारे पर हो रही थी। कांग्रेस पार्टी डर, दबाव और षड्यंत्र के सामने ना कभी झुकी है, ना झुकेगी। हमने सच और साहस के साथ संघर्ष किया है, और आज एक बार फिर सच की जीत हुई है। फिरोज अहमद व वरुण मिश्रा ने कहा कि भाजपा के दबाव में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के ऊपर की गई ई.डी की कार्रवाई की घोर निंदा करते हुए कहा कि सही कहा गया है कि सत्य परेशान हो सकता है लेकिन पराजित नहीं। इस मौके पर पूर्व प्रदेश सचिव राहुल त्रिपाठी, सरदार रणजीत सिंह सलूजा, सलाउद्दीन हाशमी, राजेश तिवारी, वरिष्ठ नेता हरीश त्रिपाठी, रणजीत सिंह सलूजा, शरद श्रीवास्तव, मानस तिवारी, जिला पंचायत सदस्य नरेश चंद्र उपाध्याय दीपू, फिरोज अहमद, अतहर नवाब, रियाज अहमद लड्डू, हामिद राईनी, ममनून आलम, सुब्रत सिंह सनी, सुरेश चंद्र मिश्र, मोहित तिवारी, मोहसिन सलीम, आमिर पठान,श्याम लगन कोरी, संतोष वर्मा, विवेक श्रीवास्तव, विनोद पांडे, राम भवन पांडे,संजय श्रीवास्तव, इश्तियाक अहमद, अशोक कुमार सिंह, विवेक सिंह रफ्तार,मोहम्मद अरशद पवार, सियाराम तिवारी, रणवीर सिंह सियाराम वर्मा अरबाज अहमद, अवधेश गौतम गुड्डू जायसवाल अतीक अहमद विनय त्रिपाठी, रणवीर सिंह जनेश्वर उपाध्यक्ष हरीश कुमार पाठक श्याम नंदन शुक्ला विकास मिश्रा सहित भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता शामिल रहे। भवदीय अभिषेक सिंह राणा अध्यक्ष जिला कांग्रेस कमेटी सुल्तानपुर
नहीं रहे मूर्तियों को गढ़ने वाले जादूगर पद्मश्री राम सुतार
लखनऊ /नोएडा। विश्व प्रसिद्ध मूर्ति कार पद्मश्री राम सुतार वनजी का बुधवार देर रात को निधन हो गया। उनके निधन से कला और संस्कृति जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गई है। उन्होंने सेक्टर 19 स्थित अपने निवास पर अंतिम सांस ली। अभी हाल ही में महाराष्ट्र सरकार द्वारा उन्हें महाराष्ट्र भूषण सम्मान से सम्मानित किया गया था। उन्हें सम्मानित करने के लिए मुख्यमंत्री समेत पूरी महाराष्ट्र गवर्नमेंट नोएडा स्थित उनके घर पहुंची थी। उन्हें देश-विदेश में कई अवार्ड मिले हैं। उन्होंने विश्व प्रसिद्ध 182 मीटर ऊँची स्टैचू ऑफ यूनिटी बनाकर एक इतिहास रच दिया था। उनके निधन की सूचना पर देश-विदेश के नेता, मूर्तिकार, कलाकार, सामाजिक लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। उनका अंतिम संस्कार आज नोएडा के सेक्टर 94 स्थित अंतिम निवास पर किया जाएगा। आज सुबह से ही उनके घर पर लोगों का ताता लगना शुरू हो गया है। जिला प्रशासन और पुलिस ने भी उनके अंतिम संस्कार में होने वाली भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम किया है। सोशल मीडिया पर भी लोग शोक व्यक्त कर रहे हैं। राम सुतार के बेटे अनिल सुतार ने बताया कि वह कई दिनों से अस्वस्थ चल रहे थे। पद्म भूषण से सम्मानित 100 वर्षीय उनके पिता ने नोएडा में अपने घर पर ही आखिरी सांस ली। उनके निधन से कला जगत में शोक की लहर दौड़ गई है। रामसुतार का जन्म 19 फ़रवरी 1925 को महाराष्ट्र में धूलिया जिले के गोन्दुर गाँव में एक गरीब परिवार में हुआ था। उनके पिता वनजी हंसराज जाति व कर्म से सुतार थे। 1952 में उनका विवाह श्रीमती प्रमिला के साथ हुआ जिनसे उनको 1957 में एकमात्र पुत्र अनिल रामसुतार पैदा हुए। अनिल वैसे तो पेशे से वास्तुकार है परन्तु अब वह भी नोएडा स्थित अपने पिता के स्टूडियो व कार्यशाला की देखरेख का कार्य करता है। उन्होने अपने गुरु रामकृष्ण जोशी से प्रेरणा लेकर मुम्बई स्थित जे०जे०स्कूल ऑफ आर्ट में दाखिला लिया और 1953 में इसी स्कूल से मॉडेलिंग में सर्वोच्च अंक अर्जित करते हुए मेयो गोल्ड मेडल हासिल किया। मॉडेलर के रूप में औरंगाबाद के आर्कियोलोजी विभाग में रहते हुए 1954 से 1958 तक उन्होने अजन्ता व एलोरा की प्राचीन गुफाओं में मूर्तियों के पुनर्स्थापन (रेस्टोरेशन) का कार्य किया। 1958-59 में वह सूचना व प्रसारण मन्त्रालय भारत सरकार के दृश्य श्रव्य विभाग में तकनीकी सहायक भी रहे। 1959 में उन्होने स्वेच्छा से सरकारी नौकरी छोड़ दी और पेशेवर मूर्तिकार बन गये। उसके बाद अपने परिवार के साथ वह नोएडा में निवास करने लगे। राम सुतार ने महज एक मूर्तिकार के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र के गौरव को जीवंत करने वाले कलाकार के रूप में अपनी पहचान बनाई। सरदार पटेल की 182 मीटर ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटी हो या महात्मा गांधी की ध्यानमग्न मुद्रा वाली प्रतिमाएं , उनके हाथों से निकली हर रचना देश की स्मृतियों में अमर हो गई। 1925 में महाराष्ट्र के एक साधारण परिवार में जन्मे सुतार ने छेनी-हथौड़ी से सपनों को तराशा और भारत को विश्व स्तर पर गौरवान्वित किया। वैसे तो आपने बहुत सी मूर्तियाँ बनायीं किन्तु उनमें से कुछ उल्लेखनीय योगदान इस प्रकार हैं। 45 फुट ऊँची चम्बल देवी की मूर्ति गंगासागर बाँध मध्य प्रदेश, 21 फुट ऊँची महाराजा रणजीत सिंह की मूर्ति अमृतसर,18 फुट ऊँची सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति संसद भवन नई दिल्ली,17 फुट ऊँची मोहनदास कर्मचन्द गान्धी की मूर्ति गान्धीनगर गुजरात,9 फुट ऊँची भीमराव अम्बेडकर की मूर्ति जम्मू, भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा की आवक्ष प्रतिमा, अयोध्या में बने राम मंदिर में स्थापित मूर्ति का निर्माण। भारत के प्रथम गृहमंत्री स्वर्गीय लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की विश्व की सर्वाधिक ऊंची मूर्ति:182 मीटर अर्थात 597 फीट (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) कुरुक्षेत्र के ब्रह्मसरोवर मैं स्थित कृष्ण -अर्जुन रथ आदि शामिल है।
प्रेम विवाह करने पर युवक काे पेड़ से बांधकर पीटा, जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर किया अपमान, वीडियो वायरल, दाे आराेपित गिरफ्तार
लखनऊ । उत्तर प्रदेश के जनपद औरैया में फफूंद थाना क्षेत्र में प्रेम विवाह करने पर एक युवक के साथ अमानवीय व्यवहार का मामला सामने आया है। युवक को पेड़ से बांधकर बेरहमी से पीटने और जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर उसका सार्वजनिक रूप से अपमान किया गया है। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और मामले में एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। इटावा जिले के भरथना क्षेत्र निवासी उपेंद्र बीएससी की पढ़ाई कर रहा है। उसने 29 नवंबर को पड़ाेसी जनपद औरैया के फफूंद थाना क्षेत्र में रहनेवाली कल्पना नाम की युवती से प्रेम विवाह किया था। आरोप है कि 7 दिसंबर को उपेंद्र अपनी पत्नी को लेकर उसके मायके क्षेत्र पहुंचा था। इसी दौरान रामपुर कुंवर गांव के कुछ युवकों ने उसे पकड़ लिया। पीड़ित उपेंद्र के अनुसार, दीपू और भूरे नाम के युवकों ने उसे पकड़कर पेड़ से बांध दिया। इसके बाद आलोक और राजाराम ने बांस से उसकी जमकर पिटाई की। मारपीट यहीं नहीं रुकी, आरोपिताें ने उसे जूतों-चप्पलों की माला पहनाकर अपमानित किया और पूरी घटना का वीडियो भी बना लिया। पीड़ित का आरोप है कि बाद में आरोपिताें ने उसे पुलिस के हवाले कर दिया, लेकिन थाने में उसकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घटना के बाद डर और दबाव के चलते वह सामने आने की हिम्मत नहीं जुटा सका। हाल ही में पिटाई का वीडियो वायरल हुआ, जो किसी तरह पीड़ित के पिता हरिश्चंद्र तक पहुंच गया। वीडियो देखकर परिजनों के होश उड़ गए। वायरल वीडियाे और बेटे के साथ अमानवीय घटना की जानकारी पर पीड़ित के पिता ने पुलिस अधीक्षक औरैया से इस मामले की शिकायत की।पुलिस अधीक्षक अभिषेक भारती ने गुरुवार काे बताया कि उक्त मामले में तहरीर और वायरल वीडियो के आधार पर फफूंद थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। अब तक दो आरोपिताें को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि अन्य की तलाश जारी है। वीडियो की जांच कर सभी आराेपिताें के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जीके मेमोरियल विद्यालय में ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन विधायक ने किया शुभारंभ, अनुशासित परेड ने सभी का मन जीता**

मोतिहारी जिले के सुगौली प्रखंड के छपरा बहास स्थित जीके मेमोरियल विद्यालय में तीन दिवसीय ऐनुअल स्पोर्ट्स का भव्य आयोजन बड़े उत्साह और उमंग के साथ किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ स्थानीय विधायक राजेश कुमार उर्फ बबलू गुप्ता तथा विधालय के मुख्य ट्रस्टी रामगोपाल खंडेलवाल ने



दीप प्रज्ज्वलित कर किया। उद्घाटन समारोह में विद्यालय परिसर में छात्रों की लंबी कतारों में सजी अनुशासित परेड ने सभी का ध्यान आकर्षित किया। विद्यालय के निदेशक अमरेन्द्र पांडे के नेतृत्व में आयोजित परेड के दौरान छात्रों ने मुख्य अतिथि को आकर्षक प्रदर्शन करते हुए सलामी दी। विधायक ने भी परेड का अभिवादन सलामी देकर किया और बच्चों के हौसले को बढ़ाते हुए कहा कि विद्यालय के छात्र अनुशासन और शिक्षा—दोनों क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।




विधायक बबलू गुप्ता ने अपने संबोधन में विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि जीके मेमोरियल विद्यालय सीबीएसई मानकों के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहा है और जिले में सीबीएसई पाठ्यक्रम की दिशा में एक मजबूत उदाहरण पेश कर रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसे शैक्षणिक संस्थान न सिर्फ शिक्षा बल्कि खेल के माध्यम से बच्चों के सर्वांगीण विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। कार्यक्रम में विद्यालय संस्थापक रामगोपाल खंडेलवाल, कुलदीप खंडेलवाल, सांसद प्रतिनिधि प्रदीप सर्राफ, संजय संजू विद्यालय के शिक्षकगण तथा बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक मौजूद रहे। कार्यक्रम स्थल उत्साह, ऊर्जा और खेल भावना से भरपूर दिखाई दिया।


खेलकूद के इस महोत्सव में विभिन्न वर्गों के छात्रों द्वारा भाग लिए जाने वाले दौड़, कबड्डी, खो-खो, लंबी कूद, रिले रेस सहित कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा। पहले दिन से ही छात्रों में जीत के प्रति जोश और खेल मैदान में बेहतर प्रदर्शन की उत्सुकता देखने को मिली। अंत में विद्यालय प्रबंधन ने बताया कि कार्यक्रम के अंतिम दिन विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा और छात्रों को आगे भी खेल को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
नहीं रहे दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के डिजाइनर, मूर्तिकार राम सुतार का निधन

#sculptorramsutarpassesawaydesignerofstatueof_unity

प्रसिद्ध मूर्तिकार और दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के शिल्पकार राम वनजी सुतार का बुधवार देर रात नोएडा स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। राम सुतार 100 साल के थे। वह काफी समय से उम्र से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थे। उनके बेटे अनिल सुतार ने ये जानकारी दी।

बेटे अनिल सुतार ने बयान में कहा कि गहन दुख के साथ सूचित करना पड़ रहा है कि मेरे पिता राम वंजी सुतार का 17 दिसंबर की मध्यरात्रि को हमारे निवास पर निधन हो गया। राम सुतार का जन्म 19 फरवरी 1925 को महाराष्ट्र के धुले जिले के गोंदुर गांव में हुआ था। बचपन से ही मूर्तिकला की ओर आकर्षित सुतार ने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट एंड आर्किटेक्चर से गोल्ड मेडल हासिल किया।

राम मंदिर में 300 फीट ऊंची जटायु मूर्ति को दिया आकार

राम सुतार की मूर्तिकला की दुनिया महापुरुषों से भरी रही। महात्मा गांधी, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरदार वल्लभभाई पटेल, दीन दयाल उपाध्याय, छत्रपति शिवाजी महाराज उनकी कृतियों में इतिहास, विचार और राष्ट्र की आत्मा एक साथ सांस लेते नजर आते हैं। अयोध्या के राम मंदिर में कांसे से बनी 300 फीट ऊंची जटायु की कुबेर टीला पर स्थापित की गई है मूर्ति है, सुतार ने ही बनाई। संसद परिसर में स्थापित गांधी की ध्यानमग्न प्रतिमा हो या घोड़े पर सवार शिवाजी महाराज की भव्य आकृति, हर रचना में उन्होंने व्यक्तित्व से पहले विचार को उकेरा।

93 वर्ष की उम्र में बनाई ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’

राम सुतार की सबसे बड़ी उपलब्धि दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति- गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (182 मीटर ऊंची) को डिजाइन करना है। यह मूर्ति भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सरदार पटेल को समर्पित है। सुतार ने इस मूर्ति को आकार देकर वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई। करीब 93 वर्ष की उम्र में सुतार ने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा किया था, जो उनके अथक परिश्रम का प्रतीक है।

आदित्यपुर में भीषण सड़क हादसा: अनियंत्रित ट्रेलर ने तीन को रौंदा, शिक्षक और चाचा-भतीजे की मौत

आदित्यपुर (सरायकेला-खरसावां): टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर बुधवार रात एक अनियंत्रित ट्रेलर ने भारी तबाही मचाई। टूल रूम के समीप हुई इस दिल दहला देने वाली घटना में तीन लोगों की जान चली गई।

कैसे हुआ हादसा?

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, एक तेज रफ्तार ट्रेलर (NL 02 Q 7066) ने पहले एक स्कूटी को पीछे से टक्कर मारी। टक्कर मारने के बाद चालक चलती गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। बिना चालक के ट्रेलर अनियंत्रित होकर सड़क की दूसरी तरफ चला गया और सामने से आ रही एक बुलेट को अपनी चपेट में ले लिया।

मृतकों की पहचान

इस हादसे ने दो परिवारों को कभी न भरने वाला जख्म दिया है:

नवीन पाल और अभिषेक पाल (चाचा-भतीजे): ये दोनों बुलेट (JH 05 BV 1386) पर सवार थे। वे बिष्टुपुर पार्वती घाट से एक परिजन की अंत्येष्टि में शामिल होकर घर लौट रहे थे। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

राकेश राय (शिक्षक): स्कूटी (JH 05 DH 5095) सवार राकेश राय गदड़ा मध्य विद्यालय में शिक्षक थे। उनकी मौत इलाज के दौरान टीएमएच (TMH) अस्पताल में हुई।

पुलिस की कार्रवाई

घटना की सूचना मिलते ही आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची।

वाहन जब्त: पुलिस ने दुर्घटनाकारी ट्रेलर को जब्त कर लिया है।

छापेमारी: थाना प्रभारी विनोद तिर्की ने बताया कि फरार चालक की पहचान करने और उसे गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है।

जांच: पुलिस मामले की विस्तृत जांच कर रही है कि दुर्घटना के समय ट्रेलर की रफ्तार कितनी थी और चालक ने चलती गाड़ी क्यों छोड़ी।

हादसे के बाद टाटा-कांड्रा मार्ग पर काफी देर तक अफरा-तफरी का माहौल बना रहा। स्थानीय लोगों ने सड़क सुरक्षा और भारी वाहनों की रफ्तार पर अंकुश लगाने की मांग की है।

जेल में बंद बेटे से मिलकर निकले पिता की मौत,मुलाकात के बाद बिगड़ी तबियत अस्पताल पहुंचने से पहले तोड़ा दम

गोंडा।लखनऊ जेल में बंद बेटे से मुलाकात कर बाहर निकले पिता की सदमे से मौत हो गयी।घटना बुधवार दोपहर की है।बेटे से मिलने के कुछ ही देर बाद उनकी तबियत बिगड़ गयी जिसकी जानकारी मिलने पर जेल प्रशासन ने उन्हें एम्बुलेंस से गोसाईगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहाँ चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद मौत की स्पष्ट वजह सामने आ सकेगी।सूचना मिलने पर मृतक की पत्नी,बेटियां व अन्य परिजन गोंडा से लखनऊ पहुंच गए हैं।बताते चलें कि जिले के करनैलगंज कोतवाली क्षेत्र के खतरीपुर चचरी निवासी राजेश निगम (50) बुधवार सुबह अपने दामाद महेश के साथ जिला कारागार लखनऊ में बंद बेटे विकास निगम से मिलने गये थे।दोपहर लगभग 12.30 बजे जैसे ही वह मुलाकात खत्म कर बाहर निकले राजेश को घबराहट व बेचैनी होने लगी।वे पास ही बने प्रतीक्षालय में पत्थर की बेंच पर बैठ गए तत्पश्चात चक्कर आने पर वे बेंच पर लेट गये।राजेश की हालत बिगड़ते देख जेल कर्मचारियों ने इसकी सूचना जेल प्रशासन को दिया।परिजनों के अनुसार बेटे के जेल जाने से राजेश अत्यधिक तनाव में थे जिसके कारण वे कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे थे।राजेश बेटे विकास के साथ लखनऊ के तकरोही इलाके में किराये के कमरे में रहकर मजदूरी करते थे।पिता की मौत की खबर मिलते ही जेल में बंद विकास रो पड़ा तो बैरक में मौजूद अन्य बंदियों ने उसे ढांढस बंधाया।मृतक के परिवार में पत्नी ऊषा निगम,बेटा विकास और तीन बेटियां हैं।लखनऊ जिला कारागार के वरिष्ठ अधीक्षक आर के जायसवाल ने बताया कि सूचना मिलते ही उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया गया जहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
महिला गरिमा से जुड़ी कथित घटना पर सियासी घमासान, राष्ट्रपति व CJI से कार्रवाई की मांग


संभल। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से जुड़ी एक सार्वजनिक सभा की कथित घटना को लेकर देशभर में राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। इस क्रम में बहुजन समाज पार्टी से जुड़े वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद फ़िरोज़ खान हिन्दुस्तानी ने इसे महिला गरिमा और संविधान की प्रस्तावना से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और भारत के मुख्य न्यायाधीश को औपचारिक ज्ञापन भेजकर संवैधानिक कार्रवाई की मांग की है। मोहम्मद फ़िरोज़ खान ने अपने ज्ञापन में आरोप लगाया है कि भरी सार्वजनिक सभा में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आचरण संवैधानिक मर्यादाओं और महिला सम्मान के विपरीत प्रतीत होता है। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल संविधान की प्रस्तावना में निहित समानता, गरिमा और स्वतंत्रता के मूल्यों को आघात पहुंचाती हैं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की छवि को प्रभावित करती हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि इस कथित घटना के बाद कुछ जनप्रतिनिधियों द्वारा मुख्यमंत्री का समर्थन किया जाना अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है। विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री संजय निषाद द्वारा दिए गए समर्थन संबंधी वक्तव्यों को उन्होंने संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध बताया। मोहम्मद फ़िरोज़ खान का कहना है कि संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों से अपेक्षा की जाती है कि वे सार्वजनिक जीवन में महिला गरिमा और लोकतांत्रिक मर्यादाओं का सर्वोच्च उदाहरण प्रस्तुत करें। यदि ऐसा नहीं होता है, तो यह विषय केवल राजनीतिक नहीं रह जाता, बल्कि संविधान और लोकतंत्र की आत्मा से जुड़ जाता है। ज्ञापन में उन्होंने राष्ट्रपति और सर्वोच्च न्यायालय से अनुरोध किया है कि इस पूरे प्रकरण को गंभीरता से संज्ञान में लिया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का आचरण संविधान के मूल सिद्धांतों के अनुरूप हो। उन्होंने कहा कि यह मांग किसी व्यक्ति विशेष के विरुद्ध नहीं, बल्कि संविधान, लोकतंत्र और महिला सम्मान की रक्षा के उद्देश्य से की गई है। इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक और सामाजिक संगठनों के बीच बहस तेज होने की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल इस पूरे मामले पर बिहार सरकार या मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
श्रद्धांजलि समारोह व षोडशी भंडारा: परमार्थ निकेतन गंगा तट पर उमड़ा संत समाज,ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी को भावभीनी श्रद्

ऋषिकेश। भारत की प्राचीन, अक्षुण्ण और दिव्य सनातन संत परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र, परम पूज्य, परम विरक्त, ऋषितुल्य संत ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज की पावन स्मृति में आज परमार्थ निकेतन, ऋषिकेश के मां गंगा के पावन तट पर राष्ट्रव्यापी श्रद्धांजलि समारोह एवं षोडशी भंडारा का भव्य आयोजन किया गया। यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं यह आयोजन केवल एक श्रद्धांजलि नहीं, बल्कि सनातन धर्म की जीवंत चेतना, संत परंपरा की अखंड धारा और तपस्वी जीवन मूल्यों का दिव्य उत्सव बन गया, जिसमें देशभर से पधारे संत-महात्माओं, महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यों एवं असंख्य श्रद्धालुओं की सहभागिता से संपूर्ण वातावरण आध्यात्मिक आलोक से आलोकित हो उठा। गंगा तट पर सजीव हुई सनातन संस्कृति प्रातःकाल से ही परमार्थ निकेतन में केसरिया वस्त्रों में दीप्तिमान संतों का सान्निध्य उमड़ पड़ा। वेद मंत्रों की गूंज, गंगा की अविरल धारा और श्रद्धालुओं की नम्र नमन भावनाओं के बीच ऐसा प्रतीत हो रहा था मानो सनातन संस्कृति स्वयं सजीव होकर साक्षी बन गई हो। सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया देश के विभिन्न पीठों, अखाड़ों और आश्रमों से पधारे पूज्य संतों एवं महामण्डलेश्वरवृंद ने एक स्वर में ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उनके विरक्ति, तपस्या और साधनामय जीवन को सनातन धर्म की अमूल्य धरोहर बताया। तपस्या और विरक्ति का जीवंत शास्त्र था उनका जीवन संतों ने अपने उद्बोधनों में कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज का संपूर्ण जीवन विरक्ति, साधना और मौन उपदेश का साक्षात उदाहरण था। उन्होंने न कभी स्वयं का प्रचार किया और न ही बाह्य प्रदर्शन को महत्व दिया।उनका सान्निध्य ही साधना बन जाता था और उनकी दृष्टि ही दीक्षा।गीता जयंती एवं मोक्षदा एकादशी जैसे परम पावन दिवस पर उनका ब्रह्मलीन होना संत समाज ने दिव्य विधान बताया, जो उनके कर्मयोग, त्याग और वैराग्य का साकार प्रमाण है। पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी का भावपूर्ण संदेश परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा—“संत देह से विदा हो सकते हैं, चेतना से कभी नहीं। वे दृश्य से अदृश्य की यात्रा करते हैं और युगों की स्मृति बन जाते हैं।” अध्यक्षता व संतों की गरिमामयी उपस्थिति इस श्रद्धांजलि समारोह की अध्यक्षता निर्वाण पीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर श्री श्री 1008 स्वामी विशोकानन्द भारती जी महाराज (श्री सोमेश्वर धाम, कनखल, हरिद्वार) ने की। कार्यक्रम पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही कार्यक्रम में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, गोविन्ददेव गिरि जी महाराज, अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत रवीन्द्र पुरी जी महाराज, साध्वी भगवती सरस्वती जी सहित देशभर के प्रमुख महामण्डलेश्वरवृंद, आचार्यगण एवं दशनाम अखाड़े के पूज्य संतों की गरिमामयी उपस्थिति रही। विशाल षोडशी भंडारा एवं पर्यावरण संदेश श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत गंगा तट पर विशाल षोडशी भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों संतों, श्रद्धालुओं और आगंतुकों ने प्रेमपूर्वक प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर सभी पूज्य संतों एवं अतिथियों को रुद्राक्ष के पौधे भेंट कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश भी दिया गया। देशभर से आ रहे हैं श्रद्धांजलि संदेश मानस मर्मज्ञ मोरारी बापू, रमेशभाई ओझा, भाईश्री, देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या, स्वामीनारायण आश्रम सहित देशभर के संतों, आश्रमों और भक्तों के भावभीने संदेश इस बात का प्रमाण हैं कि ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी संत परंपरा की आत्मा थे। सनातन चेतना का अमर प्रकाश यह आयोजन इस सत्य को पुनः स्थापित करता है कि सनातन धर्म अतीत नहीं, सतत प्रवाहित वर्तमान है।ब्रह्मलीन स्वामी असंगानन्द सरस्वती जी महाराज भले ही स्थूल रूप में हमारे मध्य न हों, किंतु उनकी तपस्या, साधना और जीवन-दर्शन युगों-युगों तक सनातन चेतना के रूप में जीवित रहेगा।