आजमगढ़: भगत सिंह गैरबराबरी का खात्मा चाहते थे - प्रो. जगमोहन सिंह ,संघ,बीजेपी असली आजादी 2014 से मानता है।
आजमगढ़।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आजमगढ़ में रविवार को देर शाम तक पार्टी के बलिदान एवं संघर्षों के बेमिसाल 100 साल मनाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया।दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन नेहरू हॉल में नौजवान भारत सभा की शताब्दी पर "भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता" पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन हुआ।जिसकी अध्यक्षता कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय और संचालन भाकपा जिला सचिव जितेंद्र हरि पाण्डेय ने किया। गोष्ठी के मुख्यवक्ता शहीद भगत सिंह के भांजे,शहीद भगत सिंह शताब्दी फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पंजाब एग्रिकल्चर विश्विद्यालय लुधियाना में कंप्यूटर साइंस के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जगमोहन सिंह ने अपने संबोधन में बोले कि भगत सिंह के इंकलाब का बीज आजमगढ़ की माटी में जिंदा है।जिसे हमने शिब्ली मंजिल,राहुल जन्म स्थान पंदहा,निजामाबाद गुरुद्वारा में देखा।उन्होंने अपने मामा भगत सिंह के बारे में कहा कि वे 23 साल के जीवन में 350 किताबों का अध्ययन कर चुके थे।उनका कथन था कि नौजवान खूब अध्ययन करें जिससे वे हर सवाल का जवाब दे सकें।भगत सिंह की सोच में मुख्य पांच बातें थीं।वे धर्म के जुनून से मुक्ति, जाति से मुक्ति,महिलाओं की आजादी और समाज से हर तरह की गैर बराबरी को खत्म करके पूंजीवादी का खात्मा चाहते थे।प्रो जगमोहन ने कहा कि संघ और बीजेपी गांधी,नेहरू को कमतर करके अपने को ऊंचा करना चाहते हैं।जहां भगत सिंह गैरबराबरबी खत्म कर समाज को एक सूत्र में जोड़ना चाहते थे।वहीं बीजेपी की सरकार नफरत और गैरबराबरी को बढ़ा रही है।उन्होंने बल देकर कहा कि समाज के साथ चलने वाली ताकतें समाजवादी और समाज को बांटने वाली ताकतें फासिस्टवादी हैं।आजमगढ़ का जिक्र करते हुए प्रो ने कहा कि यह मेरी यात्रा कोई तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि क्रांति यात्रा रही।उन्होंने कहा कि राहुल सांकृत्यायन जन्म स्थान तक आज भी सड़क नहीं है।इसी स्थान से निकलकर राहुल जी ने दुनियां का भ्रमण किया।भारत नौजवान सभा के सौ साल पर भगत सिंग को याद किया जाना इस मिट्टी की उर्वरता को दर्शाता है। भाकपा राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप ने कहा कि भगत सिंह 1917 की रूसी क्रांति से बहुत प्रभावित थे।यदि भगत सिंह को फांसी नहीं दी गई होती तो वे कम्युनिस्ट पार्टी में होते।भगत सिंह का प्रिय नारा था,इंकलाब जिंदाबाद।इसका मतलब सामाजिक परिवर्तन है और ये परिवर्तन एक सतत प्रकिया है।आज जो है,वह कल नहीं रहेगा,यही कार्लमार्क्स का सिद्धांत है।अंग्रेजी साम्राज्यवाद से मुक्ति पाने के लिए भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन की मुख्य भूमिका 1920 से शुरू हो चुकी थी।हमे भगत सिंह की चेतना को आगे बढ़ाते हुए आमजन को एकजुट करके जनता की बदहाली को रोकना है। जौनपुर से आए अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कहा कि समाज में बदलाव के लिए भगत सिंह की तरह किताबों को पढ़ना होगा।भगत सिंह की जेल डायरी में 'मै नास्तिक क्यों हूं ' जिसमें एक समग्र दर्शन है।शुरुवात में विषय परिवर्तन वामपंथी चिंतक और भाकपा माले के वरिष्ट नेता जय प्रकाश नारायण ने विस्तृत तरीके से किया। इस गोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी से आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ समाजवादियों की धरती रही है।यहां के लोग हमेशा फासिस्टवादी ताकतों का पुरजोर विरोध करते हुए समाजवादी विचारधारा की मशाल जलाए रखे हैं।हम सब मिलकर आने वाले दिनों में कार्पोरेट परस्त और किसान,मजदूर विरोधी बीजेपी को उत्तर प्रदेश की सरकार से हटाएंगे।आजमगढ़ सपा के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने भी गोष्ठी को संबोधित किया।भाकपा के इस सौ साल के निमित्त कार्यक्रम में भाकपा से जुड़े स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिजनों और पार्टी के वरिष्ट नेताओं को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर इम्तेयाज बेग,रामाज्ञा यादव,गंगादीन,दयाशंकर राय,गुलाब मौर्य, बालेदीन यादव,राम अवध यादव, हरिगेन,गोपाल,रामावतार सिंह,प्रकाश सेठ,सुनील कुमार यादव,राम टहल,संजय कुमार,राजनाथ राज,अशोक कुमार यादव,रमेश कुमार आदि लोगों को सम्मानित किया गया।
झारखंड के पूर्व CM चंपाई सोरेन ने असम सरकार की तारीफ़ की, CM हिमंत सरमा को दिया धन्यवाद

झारखंड/रांची।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने असम सरकार और वहाँ के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की जमकर सराहना की है। सोरेन ने असम विधानसभा द्वारा पारित किए गए एक संशोधन बिल की तारीफ की, जिसके तहत चाय बागान कर्मचारियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक (Ownership Rights) प्रदान किया जाएगा।

चाय बागान कर्मचारियों को मिलेगा मालिकाना हक

असम विधानसभा ने शुक्रवार को एक संशोधन बिल पारित किया है, जो असम सरकार को चाय बागानों की 'लेबर लाइन्स' में रहने वाले कर्मचारियों के बीच घर बनाने के लिए जमीन का वितरण करने और उन्हें उसका मालिकाना हक देने की अनुमति देगा।

ऐतिहासिक फैसले से लाखों आदिवासियों को फायदा

झारखंड के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक चंपाई सोरेन ने शनिवार को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि असम सरकार के इस फैसले से लाखों आदिवासियों और अन्य कर्मचारियों को फायदा होगा, जो पिछले 200 सालों से असम में बसे हुए हैं।

सोरेन ने उस प्रस्ताव का भी स्वागत किया, जिसे असम कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव में चाय बागान के कर्मचारियों, जिनमें अधिकांश झारखंड की मिट्टी से जुड़े आदिवासी शामिल हैं, को अनुसूचित जनजाति (Schedule Tribe - ST) कैटेगरी में शामिल करने की बात कही गई है।

कांग्रेस पर अधिकारों को नकारने का आरोप

चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि असम में पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने इन कर्मचारियों के अधिकारों को हमेशा नकार दिया था, जो कई सदियों से पूर्वोत्तर राज्य में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन वहाँ की बीजेपी सरकार ने इन कर्मचारियों के दशकों पुराने संघर्ष का सम्मान करते हुए उनकी मांग पूरी करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।"

सोरेन ने आदिवासी समाज की ओर से, इन "ऐतिहासिक फैसलों" के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

हिमंत सरमा ने जताया आभार

चंपाई सोरेन के पोस्ट का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को उनकी प्रेरक बातों के लिए सराहना की। सरमा ने कहा कि चाय समुदाय और आदिवासी समाज के अधिकारों को मजबूत करना "हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्रतिबद्धता" है। उन्होंने आगे कहा, "आपकी शुभकामनाएं चाय बागान के सभी कर्मचारी परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें प्रेरित करती रहेंगी।"

क्या कांग्रेस से किनारा कर रहे हैं शशि थरूर? दूसरी बार पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक से रहे 'गायब'

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कांग्रेस के सांसद शशि थरूर इन दिनों कांग्रेस से दूरी बनाते दिख रहे हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और तिरुवनंतपुरम से पार्टी सांसद शशि थरूर रविवार को संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में स्ट्रेटेजिक ग्रुप की एक अहम मीटिंग में शामिल नहीं हुए। यह मीटिंग सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई। इससे पहले एसआईआर के मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस की बैठक से भी वह नदारद थे। ऐसे में शशि थरूर को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

थरूर के बयानों से लग रहे कयास

कांग्रेस की जरूरी मीटिंग्स से शशि थरूर का लगातार गायब रहना पार्टी में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा तब हो रहा है, जब पिछले कुछ महीनों में शशि थरूर कभी अपने पार्टी की ही बुराई करते दिख रहे हैं, तो कभी पीएम मोदी की तारीफ। उनके इन्हीं बदले तेवर की वजह से राजनीतिक गलियारों में उनकी कांग्रेस से दूरी के कयास लगाए जाने लगे हैं।

एसआईआर के मुद्दे पर हुई बैठक में रहे नदारद

हाल ही में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर बुलाई कांग्रेस की बैठक से भी थरूर नदारद रहे थे, जिसके लिए उनकी तरफ से खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। लेकिन उस वक्त वह सवालों के घेरे में आ गए थे क्योंकि एक दिन पहले ही वह पीएम मोदी के कार्यक्रम में वह शामिल हुए थे।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के व्याख्यान की तारीफ

पीएम की तारीफ करते ‘एक्स’ पर उनके कई पोस्ट भी आए थे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बीते 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। थरूर ने एक्स पोस्ट में लिखा था, “प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता’ की बात की और एक औपनिवेशिक काल के बाद की मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब सिर्फ ‘उभरता हुआ बाजार’ नहीं, बल्कि दुनिया के लिए ‘उभरता हुआ मॉडल’ है। उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हमेशा ‘चुनाव मोड’ में रहने का आरोप लगता है, लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ‘भावनात्मक मोड’ में रहते हैं।

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उठाए थे सवाल

पीएम मोदी के बारे में उनके कमेंट्स के बाद, पार्टी के दूसरे नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि शशि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में अधिक पता है... अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए... आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ़ इसलिए कि आप एमपी हैं?

जहानाबाद संवैधानिक कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव: डॉ. एस. के. सुनील

जहानाबाद संस्कार भारती जिला शाखा, जहानाबाद द्वारा 76वें संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. एस. के. सुनील ने की। कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक सभागार में किया गया, जिसमें बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों तथा युवाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. सुनील ने कहा कि “संवैधानिक कर्तव्य ही मजबूत लोकतंत्र की असली नींव हैं। जब तक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं होते, तब तक अधिकारों का सही अर्थ स्थापित नहीं होता। संविधान हमारा स्वाभिमान है और इसकी रक्षा करना हम सभी भारतवासियों का परम दायित्व है।” उन्होंने युवाओं से संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस अवसर पर संविधान निर्माताओं — बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया गया। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा एवं महात्मा गांधी के संघर्ष और त्याग पर भी प्रकाश डाला गया।

मुख्य वक्ता डॉ. मानसी सिंह ने कहा कि “हमारे संविधान ने हमें समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया है। संविधान निर्माताओं द्वारा देखे गए भारत के सपने को साकार करना आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें कृतज्ञता की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

कार्यक्रम का संचालन जिले के वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने कुशलतापूर्वक किया। संगोष्ठी की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को दोहराया गया। इससे उपस्थित लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ।

इस अवसर पर संस्कार भारती के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही। इनमें प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष अमित कुणाल, मंत्री बीरेंद्र सिंह राणा, प्रचार विभाग संयोजक बरुण कुमार, लोक कला संयोजक सावित्री सुमन, कला विभाग संयोजक अमित कुमार, गौतम परासर, निशांत कुमार के साथ-साथ रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव राज किशोर शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार सत्येंद्र कुमार पाठक तथा रक्त वीरांगना ममता प्रिया शामिल रहीं। इसके अलावा शहर के अनेक साहित्य प्रेमी, समाजसेवी एवं पत्रकार भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संविधान और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का सामूहिक संकल्प लिया। कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

राजपुर तिलोरा गांव में मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला शक्ति कार्यक्रम का आयोजन

रामराज/मुजफ्फरनगर। राजपुर तिलोरा गांव में मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत भारतीय गौ सेवा संघ द्वारा महिला शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिला सुरक्षा, जागरूकता एवं अधिकारों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे—

राष्ट्रीय अध्यक्ष: राहुल कुमार

प्रदेश अध्यक्ष गौरव चौधरी प्रदेश प्रभारी अमित कुमार जिला अध्यक्ष बिजनौर महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोजन जिला मुजफ्फरनगर टीम

प्रीति चौहान, परिवार परामर्श केंद्र

अपर्णा यादव, प्रभारी परिवार परामर्श केंद्र

रजनी, सब इंस्पेक्टर थाना जानसठ

प्रसन्ना चौधरी, काउंसलर परिवार परामर्श केंद्कार्यक्रम में महिलाओं को आत्मनिर्भरता, सुरक्षा, कानूनी अधिकार, घरेलू हिंसा निवारण एवं हेल्पलाइन सेवाओं की जानकारी दी गई। उपस्थित अधिकारियों ने महिलाओं को जागरूक किया इस मौके पर प्रीति चौहान परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी अपर्णा यादव सब इंस्पेक्टर रजनी कांस्टेबल प्रसन्न चौधरी आदि मौजूद रही

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, एसआईआर पर हंगामे के आसार, 13 अहम विधेयक पेश करने की तैयारी में सरकार

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो जाएगा। आज एक दिसंबर को शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी।सरकार ने 19 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने समेत 13 विधेयकों के जरिये अपने सुधार के एजेंडे पर आगे बढ़ाने की तैयारी की हुई है। हालांकि विपक्ष ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। कांग्रेस समेत विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। विपक्षी दलों ने एक सुर में यह मांग उठाई कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

सत्र से पहले पीएम मोदी का मीडिया को संबोधन

इस सत्र के लिए कुल 15 बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने के लिए कुल 13 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है जिनमें निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र को खोलने के प्रावधान वाला एक विधेयक भी शामिल है। परमाणु ऊर्जा विधेयक- 2025 भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और विनियमन को नियंत्रित करने के उद्देश्य लाया जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह करीब 10 मीडिया को संबोधित करेंगे। वह सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताएंगे और सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की अपील करेंगे।

ये महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

• जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल 

• इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 

• मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल

• रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल 

• एस. नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल 

• एटॉमिक एनर्जी बिल 

• कॉर्पोरेट लॉज (संशोधन) बिल 

• सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 

• इंश्योरेंस लॉज (संशोधन) बिल 

• आर्बिट्रेशन एंड कंसीलिएशन (संशोधन) बिल 

• हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 

• सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 

• हेल्थ सिक्योरिटी और नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल

एसआईआर को लेकर हंगामेदार हो सकता है सदन

इधर, विपक्ष ने अपने इरादे जता दिए हैं। विपक्ष की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा नहीं करवाती तो गतिरोध की स्थिति बनेगी। इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा है कि एसआईआर पर भी चर्चा होनी चाहिए और कई मुद्दे हैं। किसी नेता ने यह नहीं कहा कि सदन चलने नहीं देंगे। लेकिन कुछ नेताओं ने ये कहा है कि एसआईआर को लेकर सदन में हंगामा कर सकते हैं।

*नदियाँ जीवन दायिनी हैं इन्हें बचाइये,गोमती मित्रों के साथ आईये*
सुल्तानपुर,गोमती मित्र मंडल द्वारा हर रविवार आयोजित होने वाला साप्ताहिक श्रमदान रविवार 30 नवंबर को आम जनता को नदियों को बचाने के संदेश के साथ संपन्न किया गया,प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन ने धाम पर उपस्थित श्रद्धालुओं से नदियों को बचाने व उसमें अनावश्यक वस्तुओं को प्रवाहित करने से बचने का संदेश दिया। तो मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी ने गोमती मित्रों से घर-घर जाकर लोगों को विशेष कर महिलाओं से नदियों को बचाने की इस मुहीम में शामिल होने का अनुरोध करने को कहा। प्रातः ०६:०० बजे से शुरू हुये श्रमदान में गोमती मित्रों ने तट परिसर के साथ-साथ नदी के अंदर से कलश,मूर्तियां, मैले कपड़े,कांच के टुकड़े,तस्वीरों के फ्रेम आदि लगभग एक कुंतल कचरा बाहर निकाला। उपस्थित लोगों का कचरा देखने के बाद यही कहना था कि अगर नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ी नदियों को केवल तस्वीरों में ही देख पाएगी श्रमदान में प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह, मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी,सेनजीत कसौधन दाऊ,मुन्ना सोनी,मुन्ना पाठक,संत कुमार प्रधान,अजय प्रताप सिंह,आलोक तिवारी,राम क्विंचल मौर्या,अरुण,आयुष सोनी आदि उपस्थित रहे।
*संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि*
सुल्तानपुर,संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला व्यवस्था प्रमुख,बाल कल्याण समिति के मंत्री एवं अध्यक्ष,वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता,प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं श्री कसौधन वैश्य महासभा के चौधरी रहे, राजेंद्र लोहिया का बुधवार सुबह निधन हो गया।संघ के विभाग कार्यालय पर उनके सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ।
संघ-विचार परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने स्व.लोहिया से जुड़े संस्मरण साझा किए। भोलानाथ अग्रवाल ने कहा कि वह एक समर्पित निष्ठावान आदर्श स्वयंसेवक थे।कृपाशंकर द्विवेदी ने कहा कि उनका समर्पण सराहनीय रहा और वो संघ शाखा के नियमित सहभागी रहे।श्रीनाथ भार्गव ने उन्हें मृदुभाषी,सरल,अनुशासित एवं उत्तम व्यवहार का धनी बताया। डा हृदयराम यादव बोले कि उनका कार्य व्यवहार एवं जीवन सर्वसमाज के लिए अनुकरणीय है। सभी उपस्थित स्वयंसेवकों ने चित्र पर पुष्पार्चन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विचार परिवार के विभिन्न दायित्वों के कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न* सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न*


सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के लिए आयोजित तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता एकता और शौर्य रविवार को उत्साह के साथ संपन्न हुई। पुलिस अधीक्षक कुँवर अनुपम सिंह के निर्देशन में हुए इस आयोजन में रिक्रूट्स ने एथलेटिक्स, कोर्ट गेम्स और टीम खेलों में दमखम दिखाया।एसपी ने फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया और रिक्रूट्स को खेलों के माध्यम से टीम भावना, अनुशासन और निर्णय क्षमता को मजबूत करने का संदेश दिया। तीन दिनों तक चले इस आयोजन में 1600 मीटर दौड़, रिले, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, रस्साकसी और चेस जैसे मुकाबलों में प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया।खेलों के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक सहित क्षेत्राधिकारी लाइन, प्रतिसार निरीक्षक, प्रभारी आरटीसी और समस्त आरटीसी स्टाफ मौजूद रहा। अधिकारियों ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उनके प्रदर्शन की सराहना की।बैडमिंटन में टोली नंबर 02 के मनोज सिंह चेस्ट 47 व अशोक धाकड़ चेस्ट 46 विजेता रहे, जबकि टोली 09 के रितिक चंदेल चेस्ट 255 व साहिल यादव चेस्ट 261 उपविजेता बने।टेबल टेनिस में टोली नंबर 01 से साहिल यादव चेस्ट 261 और रितिक चंदेल चेस्ट 255 विजेता रहे, वहीं टोली 02 के शशांक कुमार चेस्ट 157 व सतेन्द्र कुमार चेस्ट 175 उपविजेता रहे।
बोधगया में पहली बार अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह: 27 देशों के 20,000 से अधिक श्रद्धालु जुटेंगे

बोधगया, बिहार। विश्व की बौद्ध आध्यात्मिक राजधानी माने जाने वाले बोधगया में इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। भारत पहली बार 20वें अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह की मेजबानी कर रहा है, जो 2 से 12 दिसंबर तक महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे आयोजित हो रहा है। महाबोधि इंटरनेशनल त्रिपिटक के फाउंडर प्रेसिडेंट संगा सेना और कोषाध्यक्ष भिखूनी शाक्य अहमद हिना के अनुसार, यह समारोह अब तक के सभी आयोजनों से अधिक व्यापक, भव्य और ऐतिहासिक होने जा रहा है। आयोजकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा है।

उद्घाटन में शामिल होंगे अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री

समारोह का शुभारंभ 2 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मीन द्वारा किया जाएगा। दोनों नेता बोधगया पहुंचकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। वहीं, 8 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले विशेष पूजा में भाग लेंगे और 12 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समापन समारोह में उपस्थित रहेंगे। आयोजकों ने बताया कि महाबोधि मंदिर परिसर और कालचक्र मैदान में तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और व्यवस्थाएँ लगभग पूरी हो चुकी हैं।

27 देशों से आएंगे 20,000 से अधिक भिक्षु और श्रद्धालु

इस वैश्विक धार्मिक आयोजन में थाईलैंड, म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, नेपाल, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, अमेरिका सहित 27 देशों से 20,000 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सहभागी 12 दिनों तक पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे त्रिपिटक—बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों का संग्रह—का संयुक्त पाठ करेंगे। इस सामूहिक पाठ का उद्देश्य विश्व शांति, करुणा और सद्भाव का संदेश देना है।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं में प्रशासन की कड़ी तैयारियाँ

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में आगंतुकों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, आवागमन, आवास और भोजन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। शहर के होटल, धर्मशालाएँ और आश्रय स्थल पहले से ही पूर्ण रूप से बुक हो चुके हैं। महाबोधि मंदिर परिसर को विशेष सजावट से सुसज्जित किया गया है, जहाँ दैनिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और धार्मिक विमर्श भी आयोजित होंगे।

बोधगया फिर बना वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र

जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, वही बोधगया एक बार फिर वैश्विक केंद्र में है। यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत की आध्यात्मिक विरासत को विश्व मंच पर और अधिक प्रतिष्ठा दिलाने वाला यह आयोजन बौद्ध समुदाय के लिए यादगार अवसर बन गया है।

आजमगढ़: भगत सिंह गैरबराबरी का खात्मा चाहते थे - प्रो. जगमोहन सिंह ,संघ,बीजेपी असली आजादी 2014 से मानता है।
आजमगढ़।भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आजमगढ़ में रविवार को देर शाम तक पार्टी के बलिदान एवं संघर्षों के बेमिसाल 100 साल मनाते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं का सम्मान भी किया।दो दिवसीय कार्यक्रम के दूसरे दिन नेहरू हॉल में नौजवान भारत सभा की शताब्दी पर "भगत सिंह के विचारों की प्रासंगिकता" पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन हुआ।जिसकी अध्यक्षता कॉमरेड हरिमंदिर पाण्डेय और संचालन भाकपा जिला सचिव जितेंद्र हरि पाण्डेय ने किया। गोष्ठी के मुख्यवक्ता शहीद भगत सिंह के भांजे,शहीद भगत सिंह शताब्दी फाउंडेशन के अध्यक्ष एवं पंजाब एग्रिकल्चर विश्विद्यालय लुधियाना में कंप्यूटर साइंस के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो जगमोहन सिंह ने अपने संबोधन में बोले कि भगत सिंह के इंकलाब का बीज आजमगढ़ की माटी में जिंदा है।जिसे हमने शिब्ली मंजिल,राहुल जन्म स्थान पंदहा,निजामाबाद गुरुद्वारा में देखा।उन्होंने अपने मामा भगत सिंह के बारे में कहा कि वे 23 साल के जीवन में 350 किताबों का अध्ययन कर चुके थे।उनका कथन था कि नौजवान खूब अध्ययन करें जिससे वे हर सवाल का जवाब दे सकें।भगत सिंह की सोच में मुख्य पांच बातें थीं।वे धर्म के जुनून से मुक्ति, जाति से मुक्ति,महिलाओं की आजादी और समाज से हर तरह की गैर बराबरी को खत्म करके पूंजीवादी का खात्मा चाहते थे।प्रो जगमोहन ने कहा कि संघ और बीजेपी गांधी,नेहरू को कमतर करके अपने को ऊंचा करना चाहते हैं।जहां भगत सिंह गैरबराबरबी खत्म कर समाज को एक सूत्र में जोड़ना चाहते थे।वहीं बीजेपी की सरकार नफरत और गैरबराबरी को बढ़ा रही है।उन्होंने बल देकर कहा कि समाज के साथ चलने वाली ताकतें समाजवादी और समाज को बांटने वाली ताकतें फासिस्टवादी हैं।आजमगढ़ का जिक्र करते हुए प्रो ने कहा कि यह मेरी यात्रा कोई तीर्थ यात्रा नहीं बल्कि क्रांति यात्रा रही।उन्होंने कहा कि राहुल सांकृत्यायन जन्म स्थान तक आज भी सड़क नहीं है।इसी स्थान से निकलकर राहुल जी ने दुनियां का भ्रमण किया।भारत नौजवान सभा के सौ साल पर भगत सिंग को याद किया जाना इस मिट्टी की उर्वरता को दर्शाता है। भाकपा राज्य सचिव अरविंद राज स्वरूप ने कहा कि भगत सिंह 1917 की रूसी क्रांति से बहुत प्रभावित थे।यदि भगत सिंह को फांसी नहीं दी गई होती तो वे कम्युनिस्ट पार्टी में होते।भगत सिंह का प्रिय नारा था,इंकलाब जिंदाबाद।इसका मतलब सामाजिक परिवर्तन है और ये परिवर्तन एक सतत प्रकिया है।आज जो है,वह कल नहीं रहेगा,यही कार्लमार्क्स का सिद्धांत है।अंग्रेजी साम्राज्यवाद से मुक्ति पाने के लिए भारत में कम्युनिस्ट आंदोलन की मुख्य भूमिका 1920 से शुरू हो चुकी थी।हमे भगत सिंह की चेतना को आगे बढ़ाते हुए आमजन को एकजुट करके जनता की बदहाली को रोकना है। जौनपुर से आए अधिवक्ता जयप्रकाश सिंह ने कहा कि समाज में बदलाव के लिए भगत सिंह की तरह किताबों को पढ़ना होगा।भगत सिंह की जेल डायरी में 'मै नास्तिक क्यों हूं ' जिसमें एक समग्र दर्शन है।शुरुवात में विषय परिवर्तन वामपंथी चिंतक और भाकपा माले के वरिष्ट नेता जय प्रकाश नारायण ने विस्तृत तरीके से किया। इस गोष्ठी में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी से आजमगढ़ के सांसद धर्मेंद्र यादव ने कहा कि आजमगढ़ समाजवादियों की धरती रही है।यहां के लोग हमेशा फासिस्टवादी ताकतों का पुरजोर विरोध करते हुए समाजवादी विचारधारा की मशाल जलाए रखे हैं।हम सब मिलकर आने वाले दिनों में कार्पोरेट परस्त और किसान,मजदूर विरोधी बीजेपी को उत्तर प्रदेश की सरकार से हटाएंगे।आजमगढ़ सपा के जिलाध्यक्ष हवलदार यादव ने भी गोष्ठी को संबोधित किया।भाकपा के इस सौ साल के निमित्त कार्यक्रम में भाकपा से जुड़े स्वतंत्रता संग्राम के सेनानियों के परिजनों और पार्टी के वरिष्ट नेताओं को स्मृति चिन्ह और अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।इस अवसर पर इम्तेयाज बेग,रामाज्ञा यादव,गंगादीन,दयाशंकर राय,गुलाब मौर्य, बालेदीन यादव,राम अवध यादव, हरिगेन,गोपाल,रामावतार सिंह,प्रकाश सेठ,सुनील कुमार यादव,राम टहल,संजय कुमार,राजनाथ राज,अशोक कुमार यादव,रमेश कुमार आदि लोगों को सम्मानित किया गया।
झारखंड के पूर्व CM चंपाई सोरेन ने असम सरकार की तारीफ़ की, CM हिमंत सरमा को दिया धन्यवाद

झारखंड/रांची।

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने असम सरकार और वहाँ के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की जमकर सराहना की है। सोरेन ने असम विधानसभा द्वारा पारित किए गए एक संशोधन बिल की तारीफ की, जिसके तहत चाय बागान कर्मचारियों को उनकी जमीन का मालिकाना हक (Ownership Rights) प्रदान किया जाएगा।

चाय बागान कर्मचारियों को मिलेगा मालिकाना हक

असम विधानसभा ने शुक्रवार को एक संशोधन बिल पारित किया है, जो असम सरकार को चाय बागानों की 'लेबर लाइन्स' में रहने वाले कर्मचारियों के बीच घर बनाने के लिए जमीन का वितरण करने और उन्हें उसका मालिकाना हक देने की अनुमति देगा।

ऐतिहासिक फैसले से लाखों आदिवासियों को फायदा

झारखंड के सरायकेला विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक चंपाई सोरेन ने शनिवार को एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कहा कि असम सरकार के इस फैसले से लाखों आदिवासियों और अन्य कर्मचारियों को फायदा होगा, जो पिछले 200 सालों से असम में बसे हुए हैं।

सोरेन ने उस प्रस्ताव का भी स्वागत किया, जिसे असम कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इस प्रस्ताव में चाय बागान के कर्मचारियों, जिनमें अधिकांश झारखंड की मिट्टी से जुड़े आदिवासी शामिल हैं, को अनुसूचित जनजाति (Schedule Tribe - ST) कैटेगरी में शामिल करने की बात कही गई है।

कांग्रेस पर अधिकारों को नकारने का आरोप

चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि असम में पूर्व की कांग्रेस सरकारों ने इन कर्मचारियों के अधिकारों को हमेशा नकार दिया था, जो कई सदियों से पूर्वोत्तर राज्य में रह रहे हैं। उन्होंने कहा, "लेकिन वहाँ की बीजेपी सरकार ने इन कर्मचारियों के दशकों पुराने संघर्ष का सम्मान करते हुए उनकी मांग पूरी करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया है।"

सोरेन ने आदिवासी समाज की ओर से, इन "ऐतिहासिक फैसलों" के लिए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को तहे दिल से धन्यवाद दिया।

हिमंत सरमा ने जताया आभार

चंपाई सोरेन के पोस्ट का जवाब देते हुए, मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को उनकी प्रेरक बातों के लिए सराहना की। सरमा ने कहा कि चाय समुदाय और आदिवासी समाज के अधिकारों को मजबूत करना "हमारी सरकार की सबसे बड़ी प्रतिबद्धता" है। उन्होंने आगे कहा, "आपकी शुभकामनाएं चाय बागान के सभी कर्मचारी परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हमें प्रेरित करती रहेंगी।"

क्या कांग्रेस से किनारा कर रहे हैं शशि थरूर? दूसरी बार पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक से रहे 'गायब'

#isshashitharoorpartingwayswithcongressskipscrucialpartymeeting

कांग्रेस के सांसद शशि थरूर इन दिनों कांग्रेस से दूरी बनाते दिख रहे हैं। कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य और तिरुवनंतपुरम से पार्टी सांसद शशि थरूर रविवार को संसद के शीतकालीन सत्र के बारे में स्ट्रेटेजिक ग्रुप की एक अहम मीटिंग में शामिल नहीं हुए। यह मीटिंग सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई। इससे पहले एसआईआर के मुद्दे पर बुलाई गई कांग्रेस की बैठक से भी वह नदारद थे। ऐसे में शशि थरूर को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं।

थरूर के बयानों से लग रहे कयास

कांग्रेस की जरूरी मीटिंग्स से शशि थरूर का लगातार गायब रहना पार्टी में चर्चा का विषय बन गया है। ऐसा तब हो रहा है, जब पिछले कुछ महीनों में शशि थरूर कभी अपने पार्टी की ही बुराई करते दिख रहे हैं, तो कभी पीएम मोदी की तारीफ। उनके इन्हीं बदले तेवर की वजह से राजनीतिक गलियारों में उनकी कांग्रेस से दूरी के कयास लगाए जाने लगे हैं।

एसआईआर के मुद्दे पर हुई बैठक में रहे नदारद

हाल ही में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर बुलाई कांग्रेस की बैठक से भी थरूर नदारद रहे थे, जिसके लिए उनकी तरफ से खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया गया था। लेकिन उस वक्त वह सवालों के घेरे में आ गए थे क्योंकि एक दिन पहले ही वह पीएम मोदी के कार्यक्रम में वह शामिल हुए थे।

शशि थरूर ने की पीएम मोदी के व्याख्यान की तारीफ

पीएम की तारीफ करते ‘एक्स’ पर उनके कई पोस्ट भी आए थे। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने बीते 18 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारत की आर्थिक दिशा को रेखांकित करने और देश की विरासत को गौरवशाली बनाने पर जोर देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की थी। थरूर ने एक्स पोस्ट में लिखा था, “प्रधानमंत्री मोदी ने ‘विकास के लिए भारत की रचनात्मक अधीरता’ की बात की और एक औपनिवेशिक काल के बाद की मानसिकता से मुक्ति पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अब सिर्फ ‘उभरता हुआ बाजार’ नहीं, बल्कि दुनिया के लिए ‘उभरता हुआ मॉडल’ है। उन्होंने देश की आर्थिक मजबूती पर भी ध्यान दिलाया। पीएम मोदी ने कहा कि उन पर हमेशा ‘चुनाव मोड’ में रहने का आरोप लगता है, लेकिन असल में वह लोगों की समस्याओं को दूर करने के लिए ‘भावनात्मक मोड’ में रहते हैं।

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने उठाए थे सवाल

पीएम मोदी के बारे में उनके कमेंट्स के बाद, पार्टी के दूसरे नेताओं ने उनकी आलोचना की थी। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि शशि थरूर की प्रॉब्लम यह है कि मुझे नहीं लगता कि उन्हें देश के बारे में अधिक पता है... अगर आपके हिसाब से कोई कांग्रेस की पॉलिसी के खिलाफ जाकर देश का भला कर रहा है, तो आपको उन पॉलिसी को फॉलो करना चाहिए... आप कांग्रेस में क्यों हैं? क्या सिर्फ़ इसलिए कि आप एमपी हैं?

जहानाबाद संवैधानिक कर्तव्य मजबूत लोकतंत्र की नींव: डॉ. एस. के. सुनील

जहानाबाद संस्कार भारती जिला शाखा, जहानाबाद द्वारा 76वें संविधान दिवस के अवसर पर एक विशेष संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों, अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के जिला अध्यक्ष एवं राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. एस. के. सुनील ने की। कार्यक्रम का आयोजन शहर के एक सभागार में किया गया, जिसमें बुद्धिजीवियों, साहित्यकारों, समाजसेवियों तथा युवाओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

संगोष्ठी को संबोधित करते हुए डॉ. सुनील ने कहा कि “संवैधानिक कर्तव्य ही मजबूत लोकतंत्र की असली नींव हैं। जब तक नागरिक अपने कर्तव्यों के प्रति सजग नहीं होते, तब तक अधिकारों का सही अर्थ स्थापित नहीं होता। संविधान हमारा स्वाभिमान है और इसकी रक्षा करना हम सभी भारतवासियों का परम दायित्व है।” उन्होंने युवाओं से संविधान के मूल्यों को अपने जीवन में उतारने का आह्वान किया।

इस अवसर पर संविधान निर्माताओं — बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद सहित सभी महान व्यक्तित्वों को नमन करते हुए उनके योगदान को याद किया गया। स्वतंत्रता संग्राम के नायकों सरदार वल्लभभाई पटेल, बिरसा मुंडा एवं महात्मा गांधी के संघर्ष और त्याग पर भी प्रकाश डाला गया।

मुख्य वक्ता डॉ. मानसी सिंह ने कहा कि “हमारे संविधान ने हमें समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति का अधिकार दिया है। संविधान निर्माताओं द्वारा देखे गए भारत के सपने को साकार करना आज की पीढ़ी की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है। हमें कृतज्ञता की भावना के साथ राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभानी चाहिए।”

कार्यक्रम का संचालन जिले के वरिष्ठ साहित्यकार संतोष श्रीवास्तव ने कुशलतापूर्वक किया। संगोष्ठी की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना के सामूहिक पाठ से हुई, जिसमें न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के आदर्शों को दोहराया गया। इससे उपस्थित लोगों में एक नई चेतना का संचार हुआ।

इस अवसर पर संस्कार भारती के पदाधिकारियों एवं सदस्यों की सक्रिय भूमिका रही। इनमें प्रमुख रूप से उपाध्यक्ष अमित कुणाल, मंत्री बीरेंद्र सिंह राणा, प्रचार विभाग संयोजक बरुण कुमार, लोक कला संयोजक सावित्री सुमन, कला विभाग संयोजक अमित कुमार, गौतम परासर, निशांत कुमार के साथ-साथ रेड क्रॉस सोसायटी के सचिव राज किशोर शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार सत्येंद्र कुमार पाठक तथा रक्त वीरांगना ममता प्रिया शामिल रहीं। इसके अलावा शहर के अनेक साहित्य प्रेमी, समाजसेवी एवं पत्रकार भी कार्यक्रम में उपस्थित रहे।

अंत में सभी उपस्थित लोगों ने संविधान और लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने, सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने तथा अपने कर्तव्यों का ईमानदारी से पालन करने का सामूहिक संकल्प लिया। कार्यक्रम राष्ट्रगान के साथ संपन्न हुआ।

राजपुर तिलोरा गांव में मिशन शक्ति अभियान के तहत महिला शक्ति कार्यक्रम का आयोजन

रामराज/मुजफ्फरनगर। राजपुर तिलोरा गांव में मिशन शक्ति अभियान के अंतर्गत भारतीय गौ सेवा संघ द्वारा महिला शक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में महिला सुरक्षा, जागरूकता एवं अधिकारों को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की गई।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित रहे—

राष्ट्रीय अध्यक्ष: राहुल कुमार

प्रदेश अध्यक्ष गौरव चौधरी प्रदेश प्रभारी अमित कुमार जिला अध्यक्ष बिजनौर महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष अल्पसंख्यक आयोजन जिला मुजफ्फरनगर टीम

प्रीति चौहान, परिवार परामर्श केंद्र

अपर्णा यादव, प्रभारी परिवार परामर्श केंद्र

रजनी, सब इंस्पेक्टर थाना जानसठ

प्रसन्ना चौधरी, काउंसलर परिवार परामर्श केंद्कार्यक्रम में महिलाओं को आत्मनिर्भरता, सुरक्षा, कानूनी अधिकार, घरेलू हिंसा निवारण एवं हेल्पलाइन सेवाओं की जानकारी दी गई। उपस्थित अधिकारियों ने महिलाओं को जागरूक किया इस मौके पर प्रीति चौहान परिवार परामर्श केंद्र प्रभारी अपर्णा यादव सब इंस्पेक्टर रजनी कांस्टेबल प्रसन्न चौधरी आदि मौजूद रही

संसद का शीतकालीन सत्र आज से, एसआईआर पर हंगामे के आसार, 13 अहम विधेयक पेश करने की तैयारी में सरकार

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संसद का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो जाएगा। आज एक दिसंबर को शीतकालीन सत्र का पहला दिन है। यह सत्र 19 दिसंबर तक चलेगा। शीतकालीन सत्र के दौरान विभिन्न मुद्दों को लेकर चर्चा की जाएगी।सरकार ने 19 दिसंबर तक चलने वाले सत्र में असैन्य परमाणु क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोलने समेत 13 विधेयकों के जरिये अपने सुधार के एजेंडे पर आगे बढ़ाने की तैयारी की हुई है। हालांकि विपक्ष ने अपने इरादे साफ कर दिए हैं। कांग्रेस समेत विपक्ष ने सरकार को घेरने की रणनीति बना ली है। विपक्षी दलों ने एक सुर में यह मांग उठाई कि विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर चर्चा कराई जानी चाहिए।

सत्र से पहले पीएम मोदी का मीडिया को संबोधन

इस सत्र के लिए कुल 15 बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकार ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश करने के लिए कुल 13 विधेयकों को सूचीबद्ध किया है जिनमें निजी कंपनियों के लिए असैन्य परमाणु क्षेत्र को खोलने के प्रावधान वाला एक विधेयक भी शामिल है। परमाणु ऊर्जा विधेयक- 2025 भारत में परमाणु ऊर्जा के उपयोग और विनियमन को नियंत्रित करने के उद्देश्य लाया जा रहा है। सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी आज सुबह करीब 10 मीडिया को संबोधित करेंगे। वह सरकार की प्राथमिकताओं के बारे में बताएंगे और सभी सदस्यों से सदन की कार्यवाही में सहयोग करने की अपील करेंगे।

ये महत्वपूर्ण विधेयक होंगे पेश

• जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) बिल 

• इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (संशोधन) बिल 

• मणिपुर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (दूसरा संशोधन) बिल

• रिपीलिंग एंड अमेंडिंग बिल 

• एस. नेशनल हाईवे (संशोधन) बिल 

• एटॉमिक एनर्जी बिल 

• कॉर्पोरेट लॉज (संशोधन) बिल 

• सिक्योरिटीज मार्केट्स कोड बिल 

• इंश्योरेंस लॉज (संशोधन) बिल 

• आर्बिट्रेशन एंड कंसीलिएशन (संशोधन) बिल 

• हायर एजुकेशन कमीशन ऑफ इंडिया बिल 

• सेंट्रल एक्साइज (अमेंडमेंट) बिल 

• हेल्थ सिक्योरिटी और नेशनल सिक्योरिटी सेस बिल

एसआईआर को लेकर हंगामेदार हो सकता है सदन

इधर, विपक्ष ने अपने इरादे जता दिए हैं। विपक्ष की ओर से स्पष्ट संकेत दिया गया कि यदि सरकार एसआईआर पर चर्चा नहीं करवाती तो गतिरोध की स्थिति बनेगी। इस मुद्दे पर पूछे गए सवाल पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने कहा कि यह शीतकालीन सत्र है और इसमें सबको ठंडे दिमाग से काम करना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि बैठक में कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने कहा है कि एसआईआर पर भी चर्चा होनी चाहिए और कई मुद्दे हैं। किसी नेता ने यह नहीं कहा कि सदन चलने नहीं देंगे। लेकिन कुछ नेताओं ने ये कहा है कि एसआईआर को लेकर सदन में हंगामा कर सकते हैं।

*नदियाँ जीवन दायिनी हैं इन्हें बचाइये,गोमती मित्रों के साथ आईये*
सुल्तानपुर,गोमती मित्र मंडल द्वारा हर रविवार आयोजित होने वाला साप्ताहिक श्रमदान रविवार 30 नवंबर को आम जनता को नदियों को बचाने के संदेश के साथ संपन्न किया गया,प्रदेश अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह मदन ने धाम पर उपस्थित श्रद्धालुओं से नदियों को बचाने व उसमें अनावश्यक वस्तुओं को प्रवाहित करने से बचने का संदेश दिया। तो मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी ने गोमती मित्रों से घर-घर जाकर लोगों को विशेष कर महिलाओं से नदियों को बचाने की इस मुहीम में शामिल होने का अनुरोध करने को कहा। प्रातः ०६:०० बजे से शुरू हुये श्रमदान में गोमती मित्रों ने तट परिसर के साथ-साथ नदी के अंदर से कलश,मूर्तियां, मैले कपड़े,कांच के टुकड़े,तस्वीरों के फ्रेम आदि लगभग एक कुंतल कचरा बाहर निकाला। उपस्थित लोगों का कचरा देखने के बाद यही कहना था कि अगर नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ी नदियों को केवल तस्वीरों में ही देख पाएगी श्रमदान में प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह, मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी,सेनजीत कसौधन दाऊ,मुन्ना सोनी,मुन्ना पाठक,संत कुमार प्रधान,अजय प्रताप सिंह,आलोक तिवारी,राम क्विंचल मौर्या,अरुण,आयुष सोनी आदि उपस्थित रहे।
*संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि*
सुल्तानपुर,संघ कार्यकर्ताओं ने अर्पित की स्व.राजेंद्र लोहिया को श्रद्धांजलि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जिला व्यवस्था प्रमुख,बाल कल्याण समिति के मंत्री एवं अध्यक्ष,वरिष्ठ संघ कार्यकर्ता,प्रतिष्ठित व्यवसायी एवं श्री कसौधन वैश्य महासभा के चौधरी रहे, राजेंद्र लोहिया का बुधवार सुबह निधन हो गया।संघ के विभाग कार्यालय पर उनके सम्मान में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन हुआ।
संघ-विचार परिवार के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने स्व.लोहिया से जुड़े संस्मरण साझा किए। भोलानाथ अग्रवाल ने कहा कि वह एक समर्पित निष्ठावान आदर्श स्वयंसेवक थे।कृपाशंकर द्विवेदी ने कहा कि उनका समर्पण सराहनीय रहा और वो संघ शाखा के नियमित सहभागी रहे।श्रीनाथ भार्गव ने उन्हें मृदुभाषी,सरल,अनुशासित एवं उत्तम व्यवहार का धनी बताया। डा हृदयराम यादव बोले कि उनका कार्य व्यवहार एवं जीवन सर्वसमाज के लिए अनुकरणीय है। सभी उपस्थित स्वयंसेवकों ने चित्र पर पुष्पार्चन कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित किया।इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एवं विचार परिवार के विभिन्न दायित्वों के कार्यकर्ता बंधु उपस्थित रहे।
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न* सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के
*पुलिस लाइन में रिक्रूट्स का शौर्य चमका,तीन दिवसीय खेल महोत्सव संपन्न*


सुलतानपुर।पुलिस लाइन सुलतानपुर में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे रिक्रूट्स के लिए आयोजित तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिता एकता और शौर्य रविवार को उत्साह के साथ संपन्न हुई। पुलिस अधीक्षक कुँवर अनुपम सिंह के निर्देशन में हुए इस आयोजन में रिक्रूट्स ने एथलेटिक्स, कोर्ट गेम्स और टीम खेलों में दमखम दिखाया।एसपी ने फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया और रिक्रूट्स को खेलों के माध्यम से टीम भावना, अनुशासन और निर्णय क्षमता को मजबूत करने का संदेश दिया। तीन दिनों तक चले इस आयोजन में 1600 मीटर दौड़, रिले, बैडमिंटन, टेबल टेनिस, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल, रस्साकसी और चेस जैसे मुकाबलों में प्रतिभागियों ने शानदार प्रदर्शन किया।खेलों के दौरान अपर पुलिस अधीक्षक सहित क्षेत्राधिकारी लाइन, प्रतिसार निरीक्षक, प्रभारी आरटीसी और समस्त आरटीसी स्टाफ मौजूद रहा। अधिकारियों ने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ाया और उनके प्रदर्शन की सराहना की।बैडमिंटन में टोली नंबर 02 के मनोज सिंह चेस्ट 47 व अशोक धाकड़ चेस्ट 46 विजेता रहे, जबकि टोली 09 के रितिक चंदेल चेस्ट 255 व साहिल यादव चेस्ट 261 उपविजेता बने।टेबल टेनिस में टोली नंबर 01 से साहिल यादव चेस्ट 261 और रितिक चंदेल चेस्ट 255 विजेता रहे, वहीं टोली 02 के शशांक कुमार चेस्ट 157 व सतेन्द्र कुमार चेस्ट 175 उपविजेता रहे।
बोधगया में पहली बार अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह: 27 देशों के 20,000 से अधिक श्रद्धालु जुटेंगे

बोधगया, बिहार। विश्व की बौद्ध आध्यात्मिक राजधानी माने जाने वाले बोधगया में इस वर्ष एक ऐतिहासिक आयोजन हो रहा है। भारत पहली बार 20वें अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक पाठ समारोह की मेजबानी कर रहा है, जो 2 से 12 दिसंबर तक महाबोधि मंदिर परिसर स्थित पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे आयोजित हो रहा है। महाबोधि इंटरनेशनल त्रिपिटक के फाउंडर प्रेसिडेंट संगा सेना और कोषाध्यक्ष भिखूनी शाक्य अहमद हिना के अनुसार, यह समारोह अब तक के सभी आयोजनों से अधिक व्यापक, भव्य और ऐतिहासिक होने जा रहा है। आयोजकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी समारोह में शामिल होने के लिए औपचारिक निमंत्रण भेजा है।

उद्घाटन में शामिल होंगे अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री

समारोह का शुभारंभ 2 दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और उपमुख्यमंत्री चौना मीन द्वारा किया जाएगा। दोनों नेता बोधगया पहुंचकर अंतरराष्ट्रीय समुदाय की उपस्थिति में कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। वहीं, 8 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले विशेष पूजा में भाग लेंगे और 12 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी समापन समारोह में उपस्थित रहेंगे। आयोजकों ने बताया कि महाबोधि मंदिर परिसर और कालचक्र मैदान में तैयारियाँ अंतिम चरण में हैं और व्यवस्थाएँ लगभग पूरी हो चुकी हैं।

27 देशों से आएंगे 20,000 से अधिक भिक्षु और श्रद्धालु

इस वैश्विक धार्मिक आयोजन में थाईलैंड, म्यांमार, श्रीलंका, कंबोडिया, लाओस, वियतनाम, नेपाल, इंडोनेशिया, बांग्लादेश, अमेरिका सहित 27 देशों से 20,000 से अधिक बौद्ध भिक्षुओं और श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। सहभागी 12 दिनों तक पवित्र बोधिवृक्ष के नीचे त्रिपिटक—बौद्ध धर्म के मूल सिद्धांतों का संग्रह—का संयुक्त पाठ करेंगे। इस सामूहिक पाठ का उद्देश्य विश्व शांति, करुणा और सद्भाव का संदेश देना है।

सुरक्षा और व्यवस्थाओं में प्रशासन की कड़ी तैयारियाँ

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी संख्या में आगंतुकों की मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, आवागमन, आवास और भोजन के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। शहर के होटल, धर्मशालाएँ और आश्रय स्थल पहले से ही पूर्ण रूप से बुक हो चुके हैं। महाबोधि मंदिर परिसर को विशेष सजावट से सुसज्जित किया गया है, जहाँ दैनिक अनुष्ठान, सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ और धार्मिक विमर्श भी आयोजित होंगे।

बोधगया फिर बना वैश्विक आध्यात्मिक केंद्र

जहाँ भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था, वही बोधगया एक बार फिर वैश्विक केंद्र में है। यह समारोह न केवल धार्मिक दृष्टि से, बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत की आध्यात्मिक विरासत को विश्व मंच पर और अधिक प्रतिष्ठा दिलाने वाला यह आयोजन बौद्ध समुदाय के लिए यादगार अवसर बन गया है।