जल जीवन मिशन में तकनीकी अनियमितता का आरोप: DI Pipe की जगह O-PVC का उपयोग, एक साल से कार्रवाई ठप

रायपुर- जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज स्कीम में कथित तकनीकी अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने 23 अक्टूबर 2024 को पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक को एक विस्तृत शिकायत-पत्र भेजकर मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र रायपुर राजेश गुप्ता के खिलाफ D.I. Pipe की जगह O-PVC Pipe उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए अनियमितता की जांच करने तथा राजेश गुप्ता के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने की बात लिखी गई थी।

पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता रहे टीडी शांडिल्य ने भी विभागीय सचिव को 29 अप्रैल 2025 तथा 18 जुलाई 2025 को राजेश गुप्ता को निलंबित करने पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग एक साल बीतने के बाद भी विभाग स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि पत्र में उठाए गए बिंदु पूरी तरह तकनीकी और नीति-विरुद्ध बदलाव से जुड़े हुए हैं।

क्या है मामला?

डॉ.भूरे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज योजनाओं के DPR में Gravity Main लाइन के लिए DI K-7 Pipe को अनिवार्य रूप से अपनाया गया था। उच्च स्तरीय वित्तीय/तकनीकी स्वीकृति भी इसी पाइप के आधार पर दी गई थी।

लेकिन विभागीय स्तर पर बाद में 250 mm से नीचे Diameter वाले O-PVC Pipe को लेकर डिजाइन बनाया गया और फिर इसी आधार पर PAC की तकनीकी स्वीकृति देकर निविदा प्रक्रिया संचालित की गई।

पत्र में उठाए गए प्रमुख तकनीकी बिंदु

DPR में DI K-7 Pipe की ही स्वीकृति

Bulk Water Supply के लिए DI K-7 Pipe प्रस्तावित थी, जिसकी राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (SLSSC) से प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी।

यहां डिजाइन बदलकर O-PVC Pipe ले लिया गया। आरोप है कि मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता द्वारा अपने स्तर पर डिजाइन बदला गया और O-PVC Pipe को मंजूरी देते हुए PAC स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

DPR में प्रस्तावित सामग्री को बदलने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्य थी, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार यह स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।

SLSSC से पुनरीक्षित स्वीकृति भी नहीं ली गई। पत्र में साफ उल्लेख है कि O-PVC पाइप के उपयोग को लेकर SLSSC की संशोधित स्वीकृति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

डॉ. भूरे ने तकनीकी समिति से जांच की अनुशंसा की

पत्र में कहा गया है कि मामला पूरी तरह तकनीकी है, इसलिए जल जीवन मिशन की तकनीकी समिति के माध्यम से मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा। यह भी लिखा है कि उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट करते हैं कि विभागीय नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

O-PVC बनाम DI Pipe – तकनीकी और वित्तीय अंतर

DI (Ductile Iron) Pipe - अधिक मजबूत, टिकाऊ, जंग-प्रतिरोधी, लंबी अवधि की योजनाओं के लिए उपयुक्त,महंगी, लेकिन गुणवत्ता और सुरक्षा अधिक।

O-PVC Pipe - सस्ती, हल्की और आसान इंस्टॉलेशन,हाई-प्रेशर और Gravity Main जैसी लाइनों में मानकों के अनुसार कम उपयुक्त अधिक बार मरम्मत/रिसाव की संभावना।

विशेषज्ञों के अनुसार Bulk Water Supply में DI Pipe का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानकों में दर्ज है, जबकि O-PVC को बिना तकनीकी समिति की स्वीकृति के बदलना गंभीर प्रक्रिया उल्लंघन माना जाता है।

एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं? विभाग के भीतर चर्चाएँ तेज

यह पत्र 23 अक्टूबर 2024 को लिखा गया था। अब लगभग 12 महीने बाद भी न तो तकनीकी जांच कमेटी बनी, न मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया गया और न किसी प्रकार की निलंबन/जांच कार्रवाई हुई।विभाग के भीतर इस चुप्पी को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं विभागीय सचिव भी संदेह के दायरे में है।

सवाल उठता है कि क्या फाइल दबा दी गई? क्या जानबूझकर जांच नहीं की जा रही? या फिर यह मामला किसी बड़े ठेकेदार-इंजीनियर गठजोड़ से जुड़ा है?

ऐसे में जल जीवन मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली योजनाओं में इस प्रकार की तकनीकी अनियमितताओं का आरोप गंभीर है। पूर्व संचालक का पत्र स्वयं विभाग के उच्च अधिकारियों को संबोधित था, फिर भी एक वर्ष तक कार्रवाई का अभाव शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद बाद विभाग मंत्री उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करते है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में विपक्ष ने हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा, आजसू (AJSU) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायकों ने तख्तियाँ लेकर प्रदर्शन किया।

विरोध के मुख्य मुद्दे

विपक्ष ने मुख्यतः दो बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा:

छात्रवृत्ति बकाया: राज्य के छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति (Scholarship) की राशि नहीं मिलने पर सरकार से अतिशीघ्र भुगतान की मांग।

किसानों का वादा: किसानों से किए गए वादे के अनुसार धान खरीद का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3200 प्रति क्विंटल करने का दबाव।

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

नारेबाजी कर रहे विधायकों ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का सीधा आरोप लगाया और कहा कि किसान और छात्र दोनों ही इस सरकार से बेहद परेशान हैं।

नीरा यादव का हमला (BJP): भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीद का वादा किया गया था, जिसे सरकार भूल गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि कई महीनों से नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान हैं, मगर सरकार इनकी सुनने वाली नहीं है।

जनार्दन पासवान का बयान (LJP): लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि छात्रों के साथ-साथ किसान भी यहाँ परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर लगातार उठाता रहेगा।

सदन में अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष के तीखे तेवर के बीच आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर रखा गया। विपक्ष के तेवर से साफ जाहिर होता है कि सदन में इन जनहित के मुद्दों पर तीखी बहस और दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।

द्वितीय जानकीपुल शशिभूषण द्विवेदी स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन।
एक दिन पहले पटना पुस्तक मेले के दूसरे दिन शाम 6 बजे व्यास मंच पर किया गया। लेखक-संपादक प्रभात रंजन के नेतृत्व में शुरू किए गए,इस पुरस्कार का यह दूसरा साल है और इस साल का पुरस्कार युवा लेखक मिथिलेश प्रियदर्शी को उनके कहानी संग्रह लोहे का बक्सा और बन्दूक के लिए दिया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ लेखक हृषीकेश सुलभ,विशिष्ट अतिथि के रूप में कथाकार शशि भूषण द्विवेदी जी की माता जी शिवकुमारी द्विवेदी एवं परिवार की ओर से उनके भाई बृजभूषण द्विवेदी,किरण द्विवेदी,समृद्धि शानवी,अवधेश पांडे, सुमन पांडे,प्रत्यक्षा और पुरस्कार समिति के संयोजक गिरिराज किराडू के साथ ही पुरस्कृत लेखक मोथिलेश प्रियदर्शी उपस्थित थे। इस पहल की सराहना करते हुए हृषीकेश सुलभ ने समकालीन कहानी की महत्ता के साथ ही वर्तमान समय में शशिभूषण द्विवेदी की ब्रह्महत्या जैसी कहानियों की प्रासंगिकता पर अपनी बात कही। वहीं प्रत्यक्षा ने कहानी के देस-काल और उसके पढ़े जाने को लेकर अपने विचार रखे। गुरुराज किराडू ने पुरस्कार के लिए कृतियों के चयन और पूरी प्रक्रिया के बारे में बताते हुए पुरस्कृत कृति को चुने जाने के कारण साझा किए। इस परिचर्चा के संचालन नरेंद्र कुमार ने भी मिथिलेश को कहानियों पर अपनी बात कहते हुए समकालीन युवा लेखकों का जिक्र किया। विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए श्रीमती शिवकुमारी द्विवेदी जी द्वारा सभी को शुभ आशीर्वाद एवं उज्जवल भविष्य की कामना की गई एवं समस्त आयोजक मंडल को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई दी गई। सभी अतिथियों के वक्तव्यों के बाद पटना के ही नाद ग्रुप द्वारा कबीर गायन की प्रस्तुति हुई। इसके बाद दिल्ली के युवा शायर अभिषेक कुमार अम्बर ने पटना और अजीमाबाद के संदर्भों को लेकर तैयार की गई शायरान प्रस्तुति से दर्शकों और उपस्थित श्रोताओं का दिल जीता। जानकीपुल की ओर से धन्यवाद ज्ञापन करते हुए रोहिणी कुमारी ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।
नाजरेथ अस्पताल में स्वर्ण जयन्ती समारोह के दूसरे दिन भी मनाया उत्सव।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानो में से एक नाजरेथ अस्पताल ने रविवार को अपने स्वर्ण जयन्ती समारोह के दूसरे दिन भव्य संस्कृतिक एवं सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।यह कार्यक्रम सेंट जोसेफ कॉलेज ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ।जिसमें अनेक विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कमलेश त्रिपाठी वरिष्ठ नेता और प्रयागराज के प्रतिष्ठित सामाजिक व्यक्ति शामिल हुए।विशिष्ट अतिथियो में रेव फादर आइवन संतोष डायस और रेव सिस्टर लता उपस्थित रही कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक प्रार्थना नृत्य और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद अतिथियो का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की एक श्रृंखला ने पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर दिया।इनमें बाय नाउ, स्वदेश पिंग्गा था पोरे तथा एआई टू ह्यूमन जैसे विषय पर आधारित नृत्य शामिल थे।शाम का सबसे प्रमुख आकर्षण स्टोरी ऑफ नाजरेथ शीर्षक से प्रस्तुत नृत्य नाटक था।जिसमें अस्पताल की 50 वर्षी यात्रा को उनके सरल प्रारम्भ से लेकर आधुनिक बहु विशेषता अस्पताल बनने तक की कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया।

झारखंड विधानसभा: आज सदन पटल पर रखा जाएगा ₹8,000 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट

प्रश्नकाल से शुरू होगी कार्यवाही; सरकार विकास और कल्याण योजनाओं को देगी गति; विपक्ष बेरोजगारी, खनन पर घेरेगा

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज (सोमवार, 8 दिसंबर) का दिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखने जा रही है। यह सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चल रहा है। आज बजट पर चर्चा नहीं होने के कारण पहली पाली में ही कार्यवाही समाप्त होने की संभावना है।

द्वितीय अनुपूरक बजट: मुख्य बातें

द्वितीय अनुपूरक बजट का आकार करीब 8 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने की संभावना जताई जा रही है। वित्त मंत्री पहले ही संकेत दे चुके हैं कि बजट के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए चल रही योजनाओं को गति देने की कोशिश होगी।

इस बजट में निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किए जाने की उम्मीद है:

कल्याणकारी योजनाएं: सामाजिक सुरक्षा, महिला-केंद्रित योजनाएं, खासकर 'मईयां सम्मान योजना'।

विकास: ग्रामीण अवसंरचना (Infrastructure)।

अन्य क्षेत्र: स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल।

सदन का एजेंडा और रणनीति

आज सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी, जिसके तुरंत बाद द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण सभा पटल पर रखा जाएगा। अनुपूरक बजट पर सामान्य चर्चा और मतदान का मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर (मंगलवार) के लिए निर्धारित है।

विपक्ष की रणनीति

विपक्ष (एनडीए) अपनी ‘चार्जशीट’ और मुद्दों की सूची के आधार पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

मुख्य मुद्दे: अवैध कोयला खनन, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी।

प्रमुख मसले: एनडीए विधायक दल की बैठक में छात्रवृत्ति नहीं देने, परीक्षा शुल्क में इजाफा और धान खरीद नहीं होने के मसले को प्रमुखता से उठाने पर सहमति बनी है।

सत्ता पक्ष की तैयारी

सत्ता पक्ष बजट को पूरी तरह से जनकल्याण और विकासोन्मुखी बताते हुए विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी कर चुका है। सरकार अपनी योजनाओं की उपलब्धियों और डेटा के आधार पर विपक्ष के आरोपों का खंडन करेगी।

विधानसभा अध्यक्ष सभी दलों से सत्र को सुचारू ढंग से चलाने और जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस करने की लगातार अपील कर रहे हैं।

नहीं थम रहा इंडिगो का संकट, फ्लाइट रद्द होने का सिलसिला जारी, 350 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित

#indigocrisisflight_cancellation

इंडिगो में जारी परिचालन संकट अभी भी जारी है। इंडिगो की फ्लाइट में रुकावट सातवें दिन भी जारी है। दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों पर सोमवार को भी इंडिगो की उड़ानें रद्द हो रही हैं और उनमें देरी हो रही है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो ने कुल 134 फ्लाइट्स कैंसिल रद कर दी है। इंडिगो के अनुसार, 75 फ्लाइट जाने वाली और 59 फ्लाइट आने वाली रद की गई है।

इंडिगो की कई उड़ानें रद्द

दिल्ली एयरपोर्ट से सोमवार को 134 उड़ानें रद्द हुईं। वहीं मुंबई से 9 फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं। मुंबई से चंडीगढ़, नागपुर, बैंगलुरु, हैदराबाद, गोवा और दरभंगा की उड़ानें रद्द कर दी गईं। वहीं दिल्ली से बनारस, इंदौर, हैदराबाद, विजयवाड़ा और जम्मू की फ्लाइट कैंसिल हुई।

यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी

हालात को देखते हुए दिल्ली एयरपोर्ट ने सोमवार को सुबह साढ़े छह बजे यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की और एडवाइजरी में बताया कि उड़ानों में देरी हो सकती है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा कि घर से निकलने से पहले फ्लाइट का स्टेटस चेक जरूर करें ताकि एयरपोर्ट पर परेशानी का सामना न करना पड़े।

इंडिगो संकट की जांच कर रही सरकार

बीते करीब एक सप्ताह में इंडिगो की करीब चार हजार उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे देश का हवाई यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सरकार के दखल के बावजूद अभी तक हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। इंडिगो में जारी संकट की सरकार द्वारा जांच की जा रही है। सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इंडिगो ने अक्तूबर तक समय बर्बाद किया और एफडीटीएल नियमों को लागू करने में छूट प्राप्त करने की कोशिश की? सरकार का मानना है कि देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने एफडीटीएल नियमों को लागू करने की कोई योजना नहीं बनाई, जिसके चलते परिचालन संकट पैदा हुआ।

डीजीसीए को जवाब देने के लिए इंडिगो ने मांगा समय

इंडिगो एयरलाइन ने डीजीसीए के नोटिस का जवाब देने के लिए और समय देने की मांग की है। डीजीसीए ने शनिवार 6 दिसंबर को इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें इंडिगो के परिचालन संकट पर जवाब मांगा गया था। डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ और अकाउंटेबल मैनेजर पोर्केरास को जारी नोटिस में कहा कि बड़े पैमाने पर परिचालन योजना बनाने की असफलता और संसाधन प्रबंधन की चूक दिखाई देती है। नोटिस में कहा गया कि इंडिगो में जारी संकट का मुख्य कारण नए एफडीटीएल नियमों को लागू करने के लिए सही इंतजाम न करना है, ऐसे में एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए

आचार्य चाणक्य पुरस्कार से सम्मानित किए गए डॉ रामबोध पांडे

मुंबई की संस्था द्वारा जरूरतमंदों को कंबल वितरित

प्रतापगढ़। जनपद के पट्टी तहसील स्थित आसपुर देवसरा ब्लॉक अंतर्गत  पूर्व माध्यमिक विद्यालय, धौरहरा में एक्सेस फॉर चेंज इनिशिएटिव फाउंडेशन, एनजीओ, मुंबई के तत्वावधान में संस्था के डायरेक्टर महाराष्ट्र राज्य आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित पूर्व शिक्षक भारत आर पांडेय तथा संस्था के संस्थापक एवं सीईओ ,डायरेक्टर अभिषेक भारत पांडेय के संयोजन तथा नियोजन में बृहत पैमाने पर राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय शिक्षाविदों, समाजसेवियों के सम्मान सत्कार समारोह तथा जरूरत मंद व्यक्तियों में कंबल वितरण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीताराम इंटरमीडिएट कॉलेज ऐलाही के पूर्व प्राचार्य, प्रबंधक श्याम शंकर पांडेय ने किया ,अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह " मोती सिंह" के मीडिया प्रभारी प्रतिनिधि विनोद पांडेय तथा मुख्य अतिथि के गौरवशाली पद को पूर्व ब्लॉकप्रमुख तथा प्राचार्य श्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने सुशोभित किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में स्नातकोत्तर महाविद्यालय पट्टी के पूर्व प्रो. डॉ. के .पी सिंह, महापौर पुरस्कृत शिक्षक हवलदार सिंह, कवि रामजी मिश्र "चित्रकार ",कवि राजेंद्र प्रसाद पांडेय "गड़बड़", वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कवि दिनेश चंद्र त्रिपाठी, कवि जयराम राही, कवि पत्रकार मनोज यादव, कवि हमदम " प्रतापगढ़ी " ने सत्कार समारोह में अपनी सक्रिय सहभागिता प्रदान किया। सर्वप्रथम व्यास पीठ पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा सरस्वती पूजन किया गया। तत्पश्चात विद्यालय की गुणवंत छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना तथा स्वागत गीत का प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम के आयोजक आयोजन समिति द्वारा व्यासपीठ पर उपस्थित अतिथियों का परिचय तथा शाल एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर उनका अभिनंदन तथा स्वागत किया गया। विशेष सत्कार के रूप में साहित्य भूषण, राष्ट्रीय शिक्षाविद एवं नाटककार, कवि तथा उत्कृष्ट साहित्यकार ,पूर्व प्राचार्य डॉ रामबोध पांडेय को आचार्य चाणक्य पुरस्कार, सम्मान तथा विशिष्ट स्मृति चिह्न, शाल,श्रीफल, पुष्पों की माला प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन, गुण गौरव तथा सत्कार एवं सम्मान किया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडेय, वरिष्ठ नागरिक एवं कुशल समाजसेवी त्रिवेणी प्रसाद पांडेय, आदर्श ग्राम प्रधान तिवीपुर श्रीमती रीता शारदाप्रसाद द्विवेदी ,ग्राम प्रधान धौरहरा श्रीमती विभा मिश्रा, ग्राम प्रधान कबीरपुर श्रीमती नीलम जयप्रकाश सिंह ,पूर्व प्रधान रमेश बहादुर सिंह, पूर्व प्रधानाध्यापक चेतराम गुप्ता, मुंबई के पत्रकार अविनाश पांडे तथा हरिश्चंद्र पाठक सहित अन्य गणमान्य विभूतियों एवं सम्मानित पत्रकार बंधुओं का शाल,स्मृति चिन्ह, पुष्पों की माला प्रदान कर उनका सत्कार ,सम्मान तथा स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। समारोह के अंतर्गत 50 जरूरतमंद महिलाओं एवं पुरुषों को कम्बल वितरित कर उनका भी लाल गुलाब प्रदानकर सत्कार एवं सम्मान किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में  प्रतापगढ़ जनपद , पट्टी तहसील तथा आसपुर देवसरा ब्लॉक के तमाम जनप्रतिनिधियों, जिला पंचायत सदस्य ,ग्राम पंचायत प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य सहित विभिन्न सेवाओं में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों , कर्मचारियों, समाजसेवियों तथा गणमान्य महानुभावों, किसानों तथा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का सक्रिय सहभाग रहा।

कार्यक्रम के सफलतापूर्वक सम्पादन में पूर्व प्रधान दिनेश कुमार पांडेय, पूर्व प्रधान अयोध्या यादव, समाजसेवी विपिन पांडेय, राजबहादुर वर्मा, राजनाथ वर्मा, हरिकेश वर्मा, अंबिका तिवारी, शैलेश पांडे, अमरेंद्र मिश्र, पवन तिवारी, सोनू प्रजापति का सहयोग तथा उल्लेखनीय योगदान रहा । सत्कार ,सम्मान तथा पारितोषिक एवं कम्बल वितरण कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडेय ने किया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में प्रवक्ता देवआसरे त्रिपाठी, प्रवक्ता रमेश चंद्र तिवारी, प्रवक्ता राकेश तिवारी समेत अनेक लोगों का समावेश रहा। आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के आयोजक तथा संस्था के डायरेक्टर भारत राजदेव पांडेय ने शालीनतापूर्वक व्यक्त किया।

पूर्व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र द्वारा किए गए विकास कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा : डॉ उमेश चंद्र तिवारी

सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व श्रीपति मिश्र की 23वीं पुण्य तिथि रविवार को उनके पैतृक आवास शेषपुर में

समारोह पूर्वक मनाई गई। इस दौरान उपस्थित सैकड़ों लोगों ने उनकी तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की ।

समारोह में पूर्व मंत्री शैलेन्द्र यादव ऊर्फ ललई ने समाज और गरीब के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि वह गरीबों के हमेशा मसीह कहे जाते थे । आज भी उन्हें लोग बड़े इज्जत और सम्मान के साथ याद करते हैं। कादीपुर के भाजपा विधायक राजेश गौतम व पूर्व विधायक भगेलूराम ने अपने सयुंक्त संबोधन में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की खूब चर्चा किया।

कहा कि वह मुख्यमंत्री रहते हुए भी आम जनता को बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाते थे। ताम -झाम और दिखावे से बहुत दूर रहना उनकी सबसे बड़ी खासियत थी।

सुइथाकला ब्लाक के प्रमुख प्रतिनिधि डॉ उमेश चंद्र तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि वह समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए 24 घंटे बेहद ही आसानी के साथ उपलब्ध रहते थे। अपने मुख्यमंत्री समय में उन्होंने जौनपुर और सुल्तानपुर में जितना विकास कार्य किया, वह आज भी लोग याद करते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में प्रमुख कादीपुर श्रवण मिश्र, शंकर सिंह, चेयर मैन नगर पंचायत कादीपुर आनंद जायसवाल, पूर्व प्रमुख बीरेन्द्र सिह, जिला पंचायत सदस्य राधेकांत , क्षेत्र पंचायत सदस्य तारा प्रणय तिवारी मुख्य रहे। अंत में उनकी स्मृति मे जरूरतमंद लोगो को कम्बल वितरित किया। कार्यक्रम मे आए हुए सभीअतिथियो का आभार उनके बेटे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद मिश्र उर्फ मुन्ना ने प्रकट किया।

*सेना की गौरव का 'विजय दिवस'*

Khabar kolkata news Desk: सेना की गौरव का 'विजय दिवस'। आगामी 16 दिसंबर को इस विशेष दिन के अवसर पर शहर में 20 बांग्लादेशी अतिथि आ रहे हैं। उनमें से आठ मुक्ति योद्धा हैं। अगले सप्ताह अतिथियों के साथ कई कार्यक्रम होंगे। रविवार को विजय दुर्ग यानी फोर्ट विलियम में विजय दिवस की शुरुआत ईस्टर्न कमांड के सेना अधिकारी मेजर जनरल भानुगुरु रघु ने की। 1971 के 16 दिसंबर को 93 हजार पाक सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था।

सेना सूत्रों के अनुसार, हर साल की तरह इस साल भी उस दिन 'विजय दिवस' मनाया जाएगा। इस अवसर पर सेना की ओर से बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं को आमंत्रित किया गया है। 14 दिसंबर को ढाका से 20 बांग्लादेशी अतिथि कोलकाता पहुंचेंगे। इस टीम में बांग्लादेश की सेना के ब्रिगेडियर पद के एक अधिकारी समेत बांग्लादेश के दो सेना अधिकारी होंगे। इसके अलावा बांग्लादेश के आठ मुक्ति योद्धा और उनके परिवार के सदस्य भी कोलकाता आ रहे हैं।

कार्यक्रम के अनुसार, 15 दिसंबर को वे बैरकपुर के मंगल पांडे मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर में सेना के 'मिलिट्री टैटू' कार्यक्रम में शामिल होंगे। उस दिन वे राजभवन जाकर राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। 16 दिसंबर को सुबह और शाम विजय दिवस के अवसर पर विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि देने सहित कई कार्यक्रमों में बांग्लादेश के मुक्ति योद्धा शामिल होंगे। हर साल 16 दिसंबर को बांग्लादेश के मुक्ति योद्धा और सेना अधिकारी फोर्ट विलियम में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, जो दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों और ऐतिहासिक बंधन को और मजबूत करता है।

Pic Courtesy by: Sangbad Pratidin.

आज संसद में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा, लोकसभा में पीएम मोदी, राज्यसभा में अमित शाह करेंगे शुरुआत

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वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर सोमवार को संसद में 10 घंटे की चर्चा होगी। लोकसभा में इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे तो वहीं राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा में कांग्रेस से प्रियंका गांधी बोलेंगी। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे भाग लेंगे।

सोमवार को सुबह 11 बजे लोकसभा में चर्चा शुरू होगी। लोकसभा में चर्चा की शुरुआत पीएम मोदी करेंगे जबकि इसका समापन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। लोकसभा में प्रियंका गांधी वाड्रा, गौरव गोगोई (उपनेता), दीपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ. बिमोल अकोइजम, प्रणिति शिंदे, प्रशांत पडोलकर, चमाला रेड्डी, ज्योत्सना महंत जैसे सांसद अपनी बात रखेंगे। वहीं, राज्यसभा में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। चर्चा के लिए कुल 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।

राज्यसभा में अमित शाह शुरू करेंगे चर्चा

गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे और स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्यसभा के नेता जे पी नड्डा दूसरे वक्ता होंगे।

गीत के अज्ञात पहलुओं के सामने आने की संभावना

लोकसभा में 'राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा' सोमवार के लिए सूचीबद्ध है और इस पर बहस के लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। इसमें राष्ट्रीय गीत के बारे में कई महत्वपूर्ण और अज्ञात पहलुओं के सामने आने की संभावना है।

वंदे मातरम के 150 साल पूरे

‘वंदे मातरम’ भारत का राष्ट्रीय गीत है। बंकिम चंद्र चटर्जी को इस गीत को लिखे 150 साल हो गए। ‘वंदे मातरम’ आजादी की लड़ाई का प्रतीक रहा है। चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को बंगाली पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में पहली बार प्रकाशित किया था। हाल ही में मोदी सरकार ने ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया था।

जल जीवन मिशन में तकनीकी अनियमितता का आरोप: DI Pipe की जगह O-PVC का उपयोग, एक साल से कार्रवाई ठप

रायपुर- जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज स्कीम में कथित तकनीकी अनियमितताओं को लेकर छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। पूर्व संचालक डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भूरे ने 23 अक्टूबर 2024 को पीएचई विभाग के सचिव मोहम्मद कैसर अब्दुल हक को एक विस्तृत शिकायत-पत्र भेजकर मुख्य अभियंता, परिक्षेत्र रायपुर राजेश गुप्ता के खिलाफ D.I. Pipe की जगह O-PVC Pipe उपयोग करने जैसे गंभीर आरोप लगाते हुए अनियमितता की जांच करने तथा राजेश गुप्ता के खिलाफ तत्काल निलंबन की कार्रवाई करने की बात लिखी गई थी।

पीएचई विभाग के प्रमुख अभियंता रहे टीडी शांडिल्य ने भी विभागीय सचिव को 29 अप्रैल 2025 तथा 18 जुलाई 2025 को राजेश गुप्ता को निलंबित करने पत्र लिखा है। चौंकाने वाली बात यह है कि लगभग एक साल बीतने के बाद भी विभाग स्तर पर किसी प्रकार की ठोस कार्रवाई नहीं की गई, जबकि पत्र में उठाए गए बिंदु पूरी तरह तकनीकी और नीति-विरुद्ध बदलाव से जुड़े हुए हैं।

क्या है मामला?

डॉ.भूरे द्वारा भेजे गए पत्र के अनुसार, जल जीवन मिशन की मल्टी विलेज योजनाओं के DPR में Gravity Main लाइन के लिए DI K-7 Pipe को अनिवार्य रूप से अपनाया गया था। उच्च स्तरीय वित्तीय/तकनीकी स्वीकृति भी इसी पाइप के आधार पर दी गई थी।

लेकिन विभागीय स्तर पर बाद में 250 mm से नीचे Diameter वाले O-PVC Pipe को लेकर डिजाइन बनाया गया और फिर इसी आधार पर PAC की तकनीकी स्वीकृति देकर निविदा प्रक्रिया संचालित की गई।

पत्र में उठाए गए प्रमुख तकनीकी बिंदु

DPR में DI K-7 Pipe की ही स्वीकृति

Bulk Water Supply के लिए DI K-7 Pipe प्रस्तावित थी, जिसकी राज्य जल एवं स्वच्छता मिशन (SLSSC) से प्रशासकीय स्वीकृति मिल चुकी थी।

यहां डिजाइन बदलकर O-PVC Pipe ले लिया गया। आरोप है कि मुख्य अभियंता राजेश गुप्ता द्वारा अपने स्तर पर डिजाइन बदला गया और O-PVC Pipe को मंजूरी देते हुए PAC स्वीकृति प्रदान कर दी गई।

DPR में प्रस्तावित सामग्री को बदलने के लिए पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति अनिवार्य थी, लेकिन रिकॉर्ड के अनुसार यह स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई।

SLSSC से पुनरीक्षित स्वीकृति भी नहीं ली गई। पत्र में साफ उल्लेख है कि O-PVC पाइप के उपयोग को लेकर SLSSC की संशोधित स्वीकृति रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं है।

डॉ. भूरे ने तकनीकी समिति से जांच की अनुशंसा की

पत्र में कहा गया है कि मामला पूरी तरह तकनीकी है, इसलिए जल जीवन मिशन की तकनीकी समिति के माध्यम से मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया जाना उचित होगा। यह भी लिखा है कि उपलब्ध दस्तावेज यह स्पष्ट करते हैं कि विभागीय नियमों के अनुसार आवश्यक प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया।

O-PVC बनाम DI Pipe – तकनीकी और वित्तीय अंतर

DI (Ductile Iron) Pipe - अधिक मजबूत, टिकाऊ, जंग-प्रतिरोधी, लंबी अवधि की योजनाओं के लिए उपयुक्त,महंगी, लेकिन गुणवत्ता और सुरक्षा अधिक।

O-PVC Pipe - सस्ती, हल्की और आसान इंस्टॉलेशन,हाई-प्रेशर और Gravity Main जैसी लाइनों में मानकों के अनुसार कम उपयुक्त अधिक बार मरम्मत/रिसाव की संभावना।

विशेषज्ञों के अनुसार Bulk Water Supply में DI Pipe का उपयोग अंतरराष्ट्रीय मानकों में दर्ज है, जबकि O-PVC को बिना तकनीकी समिति की स्वीकृति के बदलना गंभीर प्रक्रिया उल्लंघन माना जाता है।

एक साल से कार्रवाई क्यों नहीं? विभाग के भीतर चर्चाएँ तेज

यह पत्र 23 अक्टूबर 2024 को लिखा गया था। अब लगभग 12 महीने बाद भी न तो तकनीकी जांच कमेटी बनी, न मुख्य अभियंता से प्रतिवेदन लिया गया और न किसी प्रकार की निलंबन/जांच कार्रवाई हुई।विभाग के भीतर इस चुप्पी को लेकर कई तरह की चर्चाएँ हैं विभागीय सचिव भी संदेह के दायरे में है।

सवाल उठता है कि क्या फाइल दबा दी गई? क्या जानबूझकर जांच नहीं की जा रही? या फिर यह मामला किसी बड़े ठेकेदार-इंजीनियर गठजोड़ से जुड़ा है?

ऐसे में जल जीवन मिशन जैसी राष्ट्रीय प्राथमिकता वाली योजनाओं में इस प्रकार की तकनीकी अनियमितताओं का आरोप गंभीर है। पूर्व संचालक का पत्र स्वयं विभाग के उच्च अधिकारियों को संबोधित था, फिर भी एक वर्ष तक कार्रवाई का अभाव शासन-प्रशासन पर सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह है कि इस खुलासे के बाद बाद विभाग मंत्री उप मुख्यमंत्री अरुण साव इस मामले पर कब और कैसी कार्रवाई करते है।

झारखंड विधानसभा: शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन विपक्ष का जोरदार प्रदर्शन

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन (सोमवार) सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही विधानसभा परिसर में विपक्ष ने हेमंत सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा, आजसू (AJSU) और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के विधायकों ने तख्तियाँ लेकर प्रदर्शन किया।

विरोध के मुख्य मुद्दे

विपक्ष ने मुख्यतः दो बड़े मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा:

छात्रवृत्ति बकाया: राज्य के छात्रों को कई महीनों से छात्रवृत्ति (Scholarship) की राशि नहीं मिलने पर सरकार से अतिशीघ्र भुगतान की मांग।

किसानों का वादा: किसानों से किए गए वादे के अनुसार धान खरीद का समर्थन मूल्य (MSP) ₹3200 प्रति क्विंटल करने का दबाव।

सरकार पर वादा खिलाफी का आरोप

नारेबाजी कर रहे विधायकों ने सरकार पर वादा खिलाफी करने का सीधा आरोप लगाया और कहा कि किसान और छात्र दोनों ही इस सरकार से बेहद परेशान हैं।

नीरा यादव का हमला (BJP): भाजपा विधायक नीरा यादव ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसानों से ₹3200 प्रति क्विंटल धान खरीद का वादा किया गया था, जिसे सरकार भूल गई। उन्होंने कहा कि इसी कारण किसान बिचौलियों को औने-पौने दाम में धान बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि एससी/एसटी वर्ग के छात्रवृत्ति की राशि कई महीनों से नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान हैं, मगर सरकार इनकी सुनने वाली नहीं है।

जनार्दन पासवान का बयान (LJP): लोजपा विधायक जनार्दन पासवान ने सरकार को पूरी तरह से फेल बताया और कहा कि छात्रों के साथ-साथ किसान भी यहाँ परेशान हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि विपक्ष इस मुद्दे को सदन के अंदर और बाहर लगातार उठाता रहेगा।

सदन में अनुपूरक बजट पेश

विपक्ष के तीखे तेवर के बीच आज विधानसभा में चालू वित्तीय वर्ष का द्वितीय अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर रखा गया। विपक्ष के तेवर से साफ जाहिर होता है कि सदन में इन जनहित के मुद्दों पर तीखी बहस और दबाव बनाने की कोशिश की जाएगी।

द्वितीय जानकीपुल शशिभूषण द्विवेदी स्मृति सम्मान समारोह का आयोजन।
एक दिन पहले पटना पुस्तक मेले के दूसरे दिन शाम 6 बजे व्यास मंच पर किया गया। लेखक-संपादक प्रभात रंजन के नेतृत्व में शुरू किए गए,इस पुरस्कार का यह दूसरा साल है और इस साल का पुरस्कार युवा लेखक मिथिलेश प्रियदर्शी को उनके कहानी संग्रह लोहे का बक्सा और बन्दूक के लिए दिया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ लेखक हृषीकेश सुलभ,विशिष्ट अतिथि के रूप में कथाकार शशि भूषण द्विवेदी जी की माता जी शिवकुमारी द्विवेदी एवं परिवार की ओर से उनके भाई बृजभूषण द्विवेदी,किरण द्विवेदी,समृद्धि शानवी,अवधेश पांडे, सुमन पांडे,प्रत्यक्षा और पुरस्कार समिति के संयोजक गिरिराज किराडू के साथ ही पुरस्कृत लेखक मोथिलेश प्रियदर्शी उपस्थित थे। इस पहल की सराहना करते हुए हृषीकेश सुलभ ने समकालीन कहानी की महत्ता के साथ ही वर्तमान समय में शशिभूषण द्विवेदी की ब्रह्महत्या जैसी कहानियों की प्रासंगिकता पर अपनी बात कही। वहीं प्रत्यक्षा ने कहानी के देस-काल और उसके पढ़े जाने को लेकर अपने विचार रखे। गुरुराज किराडू ने पुरस्कार के लिए कृतियों के चयन और पूरी प्रक्रिया के बारे में बताते हुए पुरस्कृत कृति को चुने जाने के कारण साझा किए। इस परिचर्चा के संचालन नरेंद्र कुमार ने भी मिथिलेश को कहानियों पर अपनी बात कहते हुए समकालीन युवा लेखकों का जिक्र किया। विजेताओं को पुरस्कार प्रदान करते हुए श्रीमती शिवकुमारी द्विवेदी जी द्वारा सभी को शुभ आशीर्वाद एवं उज्जवल भविष्य की कामना की गई एवं समस्त आयोजक मंडल को कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु बधाई दी गई। सभी अतिथियों के वक्तव्यों के बाद पटना के ही नाद ग्रुप द्वारा कबीर गायन की प्रस्तुति हुई। इसके बाद दिल्ली के युवा शायर अभिषेक कुमार अम्बर ने पटना और अजीमाबाद के संदर्भों को लेकर तैयार की गई शायरान प्रस्तुति से दर्शकों और उपस्थित श्रोताओं का दिल जीता। जानकीपुल की ओर से धन्यवाद ज्ञापन करते हुए रोहिणी कुमारी ने कार्यक्रम के समापन की घोषणा की।
नाजरेथ अस्पताल में स्वर्ण जयन्ती समारोह के दूसरे दिन भी मनाया उत्सव।

संजय द्विवेदी प्रयागराज।प्रमुख स्वास्थ्य संस्थानो में से एक नाजरेथ अस्पताल ने रविवार को अपने स्वर्ण जयन्ती समारोह के दूसरे दिन भव्य संस्कृतिक एवं सम्मान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।यह कार्यक्रम सेंट जोसेफ कॉलेज ऑडिटोरियम में संपन्न हुआ।जिसमें अनेक विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति रही।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कमलेश त्रिपाठी वरिष्ठ नेता और प्रयागराज के प्रतिष्ठित सामाजिक व्यक्ति शामिल हुए।विशिष्ट अतिथियो में रेव फादर आइवन संतोष डायस और रेव सिस्टर लता उपस्थित रही कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक प्रार्थना नृत्य और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। इसके बाद अतिथियो का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की एक श्रृंखला ने पूरे वातावरण को ऊर्जा से भर दिया।इनमें बाय नाउ, स्वदेश पिंग्गा था पोरे तथा एआई टू ह्यूमन जैसे विषय पर आधारित नृत्य शामिल थे।शाम का सबसे प्रमुख आकर्षण स्टोरी ऑफ नाजरेथ शीर्षक से प्रस्तुत नृत्य नाटक था।जिसमें अस्पताल की 50 वर्षी यात्रा को उनके सरल प्रारम्भ से लेकर आधुनिक बहु विशेषता अस्पताल बनने तक की कहानी के रूप में प्रस्तुत किया गया।

झारखंड विधानसभा: आज सदन पटल पर रखा जाएगा ₹8,000 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट

प्रश्नकाल से शुरू होगी कार्यवाही; सरकार विकास और कल्याण योजनाओं को देगी गति; विपक्ष बेरोजगारी, खनन पर घेरेगा

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज (सोमवार, 8 दिसंबर) का दिन राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि राज्य सरकार चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 का द्वितीय अनुपूरक बजट सदन पटल पर रखने जा रही है। यह सत्र 5 से 11 दिसंबर तक चल रहा है। आज बजट पर चर्चा नहीं होने के कारण पहली पाली में ही कार्यवाही समाप्त होने की संभावना है।

द्वितीय अनुपूरक बजट: मुख्य बातें

द्वितीय अनुपूरक बजट का आकार करीब 8 हजार करोड़ रुपये के आसपास रहने की संभावना जताई जा रही है। वित्त मंत्री पहले ही संकेत दे चुके हैं कि बजट के माध्यम से राज्य की वित्तीय स्थिरता बनाए रखते हुए चल रही योजनाओं को गति देने की कोशिश होगी।

इस बजट में निम्नलिखित क्षेत्रों के लिए अतिरिक्त प्रावधान किए जाने की उम्मीद है:

कल्याणकारी योजनाएं: सामाजिक सुरक्षा, महिला-केंद्रित योजनाएं, खासकर 'मईयां सम्मान योजना'।

विकास: ग्रामीण अवसंरचना (Infrastructure)।

अन्य क्षेत्र: स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल।

सदन का एजेंडा और रणनीति

आज सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू होगी, जिसके तुरंत बाद द्वितीय अनुपूरक व्यय विवरण सभा पटल पर रखा जाएगा। अनुपूरक बजट पर सामान्य चर्चा और मतदान का मुख्य कार्यक्रम 9 दिसंबर (मंगलवार) के लिए निर्धारित है।

विपक्ष की रणनीति

विपक्ष (एनडीए) अपनी ‘चार्जशीट’ और मुद्दों की सूची के आधार पर सरकार को घेरने की तैयारी में है।

मुख्य मुद्दे: अवैध कोयला खनन, भ्रष्टाचार, कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी।

प्रमुख मसले: एनडीए विधायक दल की बैठक में छात्रवृत्ति नहीं देने, परीक्षा शुल्क में इजाफा और धान खरीद नहीं होने के मसले को प्रमुखता से उठाने पर सहमति बनी है।

सत्ता पक्ष की तैयारी

सत्ता पक्ष बजट को पूरी तरह से जनकल्याण और विकासोन्मुखी बताते हुए विपक्ष के हमलों का जवाब देने की तैयारी कर चुका है। सरकार अपनी योजनाओं की उपलब्धियों और डेटा के आधार पर विपक्ष के आरोपों का खंडन करेगी।

विधानसभा अध्यक्ष सभी दलों से सत्र को सुचारू ढंग से चलाने और जनहित के मुद्दों पर सार्थक बहस करने की लगातार अपील कर रहे हैं।

नहीं थम रहा इंडिगो का संकट, फ्लाइट रद्द होने का सिलसिला जारी, 350 से ज्यादा उड़ानें प्रभावित

#indigocrisisflight_cancellation

इंडिगो में जारी परिचालन संकट अभी भी जारी है। इंडिगो की फ्लाइट में रुकावट सातवें दिन भी जारी है। दिल्ली और मुंबई हवाई अड्डों पर सोमवार को भी इंडिगो की उड़ानें रद्द हो रही हैं और उनमें देरी हो रही है। दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर इंडिगो ने कुल 134 फ्लाइट्स कैंसिल रद कर दी है। इंडिगो के अनुसार, 75 फ्लाइट जाने वाली और 59 फ्लाइट आने वाली रद की गई है।

इंडिगो की कई उड़ानें रद्द

दिल्ली एयरपोर्ट से सोमवार को 134 उड़ानें रद्द हुईं। वहीं मुंबई से 9 फ्लाइट्स कैंसिल हुई हैं। मुंबई से चंडीगढ़, नागपुर, बैंगलुरु, हैदराबाद, गोवा और दरभंगा की उड़ानें रद्द कर दी गईं। वहीं दिल्ली से बनारस, इंदौर, हैदराबाद, विजयवाड़ा और जम्मू की फ्लाइट कैंसिल हुई।

यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी

हालात को देखते हुए दिल्ली एयरपोर्ट ने सोमवार को सुबह साढ़े छह बजे यात्रियों के लिए एक एडवाइजरी जारी की और एडवाइजरी में बताया कि उड़ानों में देरी हो सकती है। एयरपोर्ट प्रबंधन ने कहा कि घर से निकलने से पहले फ्लाइट का स्टेटस चेक जरूर करें ताकि एयरपोर्ट पर परेशानी का सामना न करना पड़े।

इंडिगो संकट की जांच कर रही सरकार

बीते करीब एक सप्ताह में इंडिगो की करीब चार हजार उड़ानें रद्द हो चुकी हैं, जिससे देश का हवाई यातायात बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। सरकार के दखल के बावजूद अभी तक हालात सामान्य नहीं हो सके हैं। इंडिगो में जारी संकट की सरकार द्वारा जांच की जा रही है। सरकार द्वारा गठित चार सदस्यीय समिति इस बात की भी जांच कर रही है कि क्या इंडिगो ने अक्तूबर तक समय बर्बाद किया और एफडीटीएल नियमों को लागू करने में छूट प्राप्त करने की कोशिश की? सरकार का मानना है कि देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो ने एफडीटीएल नियमों को लागू करने की कोई योजना नहीं बनाई, जिसके चलते परिचालन संकट पैदा हुआ।

डीजीसीए को जवाब देने के लिए इंडिगो ने मांगा समय

इंडिगो एयरलाइन ने डीजीसीए के नोटिस का जवाब देने के लिए और समय देने की मांग की है। डीजीसीए ने शनिवार 6 दिसंबर को इंडिगो को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसमें इंडिगो के परिचालन संकट पर जवाब मांगा गया था। डीजीसीए ने इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स और सीओओ और अकाउंटेबल मैनेजर पोर्केरास को जारी नोटिस में कहा कि बड़े पैमाने पर परिचालन योजना बनाने की असफलता और संसाधन प्रबंधन की चूक दिखाई देती है। नोटिस में कहा गया कि इंडिगो में जारी संकट का मुख्य कारण नए एफडीटीएल नियमों को लागू करने के लिए सही इंतजाम न करना है, ऐसे में एयरलाइन के खिलाफ कार्रवाई क्यों न की जाए

आचार्य चाणक्य पुरस्कार से सम्मानित किए गए डॉ रामबोध पांडे

मुंबई की संस्था द्वारा जरूरतमंदों को कंबल वितरित

प्रतापगढ़। जनपद के पट्टी तहसील स्थित आसपुर देवसरा ब्लॉक अंतर्गत  पूर्व माध्यमिक विद्यालय, धौरहरा में एक्सेस फॉर चेंज इनिशिएटिव फाउंडेशन, एनजीओ, मुंबई के तत्वावधान में संस्था के डायरेक्टर महाराष्ट्र राज्य आदर्श शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित पूर्व शिक्षक भारत आर पांडेय तथा संस्था के संस्थापक एवं सीईओ ,डायरेक्टर अभिषेक भारत पांडेय के संयोजन तथा नियोजन में बृहत पैमाने पर राष्ट्रीय, राज्य स्तरीय शिक्षाविदों, समाजसेवियों के सम्मान सत्कार समारोह तथा जरूरत मंद व्यक्तियों में कंबल वितरण का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सीताराम इंटरमीडिएट कॉलेज ऐलाही के पूर्व प्राचार्य, प्रबंधक श्याम शंकर पांडेय ने किया ,अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह " मोती सिंह" के मीडिया प्रभारी प्रतिनिधि विनोद पांडेय तथा मुख्य अतिथि के गौरवशाली पद को पूर्व ब्लॉकप्रमुख तथा प्राचार्य श्री देवेंद्र कुमार पांडेय ने सुशोभित किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में स्नातकोत्तर महाविद्यालय पट्टी के पूर्व प्रो. डॉ. के .पी सिंह, महापौर पुरस्कृत शिक्षक हवलदार सिंह, कवि रामजी मिश्र "चित्रकार ",कवि राजेंद्र प्रसाद पांडेय "गड़बड़", वरिष्ठ अधिवक्ता एवं कवि दिनेश चंद्र त्रिपाठी, कवि जयराम राही, कवि पत्रकार मनोज यादव, कवि हमदम " प्रतापगढ़ी " ने सत्कार समारोह में अपनी सक्रिय सहभागिता प्रदान किया। सर्वप्रथम व्यास पीठ पर उपस्थित गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन तथा सरस्वती पूजन किया गया। तत्पश्चात विद्यालय की गुणवंत छात्राओं द्वारा सरस्वती वंदना तथा स्वागत गीत का प्रस्तुतीकरण किया गया। कार्यक्रम के आयोजक आयोजन समिति द्वारा व्यासपीठ पर उपस्थित अतिथियों का परिचय तथा शाल एवं स्मृति चिह्न प्रदान कर उनका अभिनंदन तथा स्वागत किया गया। विशेष सत्कार के रूप में साहित्य भूषण, राष्ट्रीय शिक्षाविद एवं नाटककार, कवि तथा उत्कृष्ट साहित्यकार ,पूर्व प्राचार्य डॉ रामबोध पांडेय को आचार्य चाणक्य पुरस्कार, सम्मान तथा विशिष्ट स्मृति चिह्न, शाल,श्रीफल, पुष्पों की माला प्रदान कर उनका हार्दिक अभिनंदन, गुण गौरव तथा सत्कार एवं सम्मान किया गया।

इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडेय, वरिष्ठ नागरिक एवं कुशल समाजसेवी त्रिवेणी प्रसाद पांडेय, आदर्श ग्राम प्रधान तिवीपुर श्रीमती रीता शारदाप्रसाद द्विवेदी ,ग्राम प्रधान धौरहरा श्रीमती विभा मिश्रा, ग्राम प्रधान कबीरपुर श्रीमती नीलम जयप्रकाश सिंह ,पूर्व प्रधान रमेश बहादुर सिंह, पूर्व प्रधानाध्यापक चेतराम गुप्ता, मुंबई के पत्रकार अविनाश पांडे तथा हरिश्चंद्र पाठक सहित अन्य गणमान्य विभूतियों एवं सम्मानित पत्रकार बंधुओं का शाल,स्मृति चिन्ह, पुष्पों की माला प्रदान कर उनका सत्कार ,सम्मान तथा स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। समारोह के अंतर्गत 50 जरूरतमंद महिलाओं एवं पुरुषों को कम्बल वितरित कर उनका भी लाल गुलाब प्रदानकर सत्कार एवं सम्मान किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में  प्रतापगढ़ जनपद , पट्टी तहसील तथा आसपुर देवसरा ब्लॉक के तमाम जनप्रतिनिधियों, जिला पंचायत सदस्य ,ग्राम पंचायत प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य सहित विभिन्न सेवाओं में कार्यरत एवं सेवानिवृत्त अधिकारियों , कर्मचारियों, समाजसेवियों तथा गणमान्य महानुभावों, किसानों तथा विद्यार्थियों एवं अभिभावकों का सक्रिय सहभाग रहा।

कार्यक्रम के सफलतापूर्वक सम्पादन में पूर्व प्रधान दिनेश कुमार पांडेय, पूर्व प्रधान अयोध्या यादव, समाजसेवी विपिन पांडेय, राजबहादुर वर्मा, राजनाथ वर्मा, हरिकेश वर्मा, अंबिका तिवारी, शैलेश पांडे, अमरेंद्र मिश्र, पवन तिवारी, सोनू प्रजापति का सहयोग तथा उल्लेखनीय योगदान रहा । सत्कार ,सम्मान तथा पारितोषिक एवं कम्बल वितरण कार्यक्रम का संचालन साहित्यकार और वरिष्ठ पत्रकार शिवपूजन पांडेय ने किया। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में प्रवक्ता देवआसरे त्रिपाठी, प्रवक्ता रमेश चंद्र तिवारी, प्रवक्ता राकेश तिवारी समेत अनेक लोगों का समावेश रहा। आभार प्रदर्शन कार्यक्रम के आयोजक तथा संस्था के डायरेक्टर भारत राजदेव पांडेय ने शालीनतापूर्वक व्यक्त किया।

पूर्व मुख्यमंत्री श्रीपति मिश्र द्वारा किए गए विकास कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा : डॉ उमेश चंद्र तिवारी

सुल्तानपुर। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व श्रीपति मिश्र की 23वीं पुण्य तिथि रविवार को उनके पैतृक आवास शेषपुर में

समारोह पूर्वक मनाई गई। इस दौरान उपस्थित सैकड़ों लोगों ने उनकी तस्वीर पर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की ।

समारोह में पूर्व मंत्री शैलेन्द्र यादव ऊर्फ ललई ने समाज और गरीब के लिए उनके द्वारा किए गए कार्यों की चर्चा करते हुए कहा कि वह गरीबों के हमेशा मसीह कहे जाते थे । आज भी उन्हें लोग बड़े इज्जत और सम्मान के साथ याद करते हैं। कादीपुर के भाजपा विधायक राजेश गौतम व पूर्व विधायक भगेलूराम ने अपने सयुंक्त संबोधन में उनके द्वारा किए गए विकास कार्यों की खूब चर्चा किया।

कहा कि वह मुख्यमंत्री रहते हुए भी आम जनता को बहुत ही आसानी से उपलब्ध हो जाते थे। ताम -झाम और दिखावे से बहुत दूर रहना उनकी सबसे बड़ी खासियत थी।

सुइथाकला ब्लाक के प्रमुख प्रतिनिधि डॉ उमेश चंद्र तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि वह समाज के हर वर्ग के लोगों के लिए 24 घंटे बेहद ही आसानी के साथ उपलब्ध रहते थे। अपने मुख्यमंत्री समय में उन्होंने जौनपुर और सुल्तानपुर में जितना विकास कार्य किया, वह आज भी लोग याद करते हैं। कार्यक्रम को संबोधित करने वालों में प्रमुख कादीपुर श्रवण मिश्र, शंकर सिंह, चेयर मैन नगर पंचायत कादीपुर आनंद जायसवाल, पूर्व प्रमुख बीरेन्द्र सिह, जिला पंचायत सदस्य राधेकांत , क्षेत्र पंचायत सदस्य तारा प्रणय तिवारी मुख्य रहे। अंत में उनकी स्मृति मे जरूरतमंद लोगो को कम्बल वितरित किया। कार्यक्रम मे आए हुए सभीअतिथियो का आभार उनके बेटे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रमोद मिश्र उर्फ मुन्ना ने प्रकट किया।

*सेना की गौरव का 'विजय दिवस'*

Khabar kolkata news Desk: सेना की गौरव का 'विजय दिवस'। आगामी 16 दिसंबर को इस विशेष दिन के अवसर पर शहर में 20 बांग्लादेशी अतिथि आ रहे हैं। उनमें से आठ मुक्ति योद्धा हैं। अगले सप्ताह अतिथियों के साथ कई कार्यक्रम होंगे। रविवार को विजय दुर्ग यानी फोर्ट विलियम में विजय दिवस की शुरुआत ईस्टर्न कमांड के सेना अधिकारी मेजर जनरल भानुगुरु रघु ने की। 1971 के 16 दिसंबर को 93 हजार पाक सैनिकों ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था।

सेना सूत्रों के अनुसार, हर साल की तरह इस साल भी उस दिन 'विजय दिवस' मनाया जाएगा। इस अवसर पर सेना की ओर से बांग्लादेश के मुक्ति योद्धाओं को आमंत्रित किया गया है। 14 दिसंबर को ढाका से 20 बांग्लादेशी अतिथि कोलकाता पहुंचेंगे। इस टीम में बांग्लादेश की सेना के ब्रिगेडियर पद के एक अधिकारी समेत बांग्लादेश के दो सेना अधिकारी होंगे। इसके अलावा बांग्लादेश के आठ मुक्ति योद्धा और उनके परिवार के सदस्य भी कोलकाता आ रहे हैं।

कार्यक्रम के अनुसार, 15 दिसंबर को वे बैरकपुर के मंगल पांडे मिलिट्री ट्रेनिंग सेंटर में सेना के 'मिलिट्री टैटू' कार्यक्रम में शामिल होंगे। उस दिन वे राजभवन जाकर राज्यपाल से भी मुलाकात कर सकते हैं। 16 दिसंबर को सुबह और शाम विजय दिवस के अवसर पर विजय स्मारक पर श्रद्धांजलि देने सहित कई कार्यक्रमों में बांग्लादेश के मुक्ति योद्धा शामिल होंगे। हर साल 16 दिसंबर को बांग्लादेश के मुक्ति योद्धा और सेना अधिकारी फोर्ट विलियम में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल होते हैं, जो दोनों देशों के बीच सैन्य संबंधों और ऐतिहासिक बंधन को और मजबूत करता है।

Pic Courtesy by: Sangbad Pratidin.

आज संसद में वंदे मातरम पर विशेष चर्चा, लोकसभा में पीएम मोदी, राज्यसभा में अमित शाह करेंगे शुरुआत

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वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर सोमवार को संसद में 10 घंटे की चर्चा होगी। लोकसभा में इसकी शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे तो वहीं राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। लोकसभा में वंदे मातरम पर चर्चा में कांग्रेस से प्रियंका गांधी बोलेंगी। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे भाग लेंगे।

सोमवार को सुबह 11 बजे लोकसभा में चर्चा शुरू होगी। लोकसभा में चर्चा की शुरुआत पीएम मोदी करेंगे जबकि इसका समापन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। लोकसभा में प्रियंका गांधी वाड्रा, गौरव गोगोई (उपनेता), दीपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ. बिमोल अकोइजम, प्रणिति शिंदे, प्रशांत पडोलकर, चमाला रेड्डी, ज्योत्सना महंत जैसे सांसद अपनी बात रखेंगे। वहीं, राज्यसभा में वंदे मातरम पर चर्चा की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करेंगे। चर्चा के लिए कुल 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है।

राज्यसभा में अमित शाह शुरू करेंगे चर्चा

गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को राज्यसभा में चर्चा की शुरुआत करेंगे और स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्यसभा के नेता जे पी नड्डा दूसरे वक्ता होंगे।

गीत के अज्ञात पहलुओं के सामने आने की संभावना

लोकसभा में 'राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम् की 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा' सोमवार के लिए सूचीबद्ध है और इस पर बहस के लिए 10 घंटे का समय निर्धारित किया गया है। इसमें राष्ट्रीय गीत के बारे में कई महत्वपूर्ण और अज्ञात पहलुओं के सामने आने की संभावना है।

वंदे मातरम के 150 साल पूरे

‘वंदे मातरम’ भारत का राष्ट्रीय गीत है। बंकिम चंद्र चटर्जी को इस गीत को लिखे 150 साल हो गए। ‘वंदे मातरम’ आजादी की लड़ाई का प्रतीक रहा है। चटर्जी ने 7 नवंबर 1875 को बंगाली पत्रिका ‘बंगदर्शन’ में पहली बार प्रकाशित किया था। हाल ही में मोदी सरकार ने ‘वंदे मातरम्’ की 150वीं वर्षगांठ पर विशेष स्मारक सिक्का और डाक टिकट जारी किया था।