मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम : राष्ट्रपति ने की मानवाधिकारों को अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने की अपील

दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक नागरिक की गरिमा और अधिकारों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भारत की सांस्कृतिक परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर आधारित है जो सार्वभौमिक मानवाधिकारों की भावना को मजबूत करती है। उन्होंने मानवाधिकारों को देश के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचाने की अपील के।

राजधानी दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन, आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति बिद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा तथा संयुक्त राष्ट्र महासचिव की समन्वयक अरेती सिएनी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने आयोग के हिंदी जर्नल नई दिशाएं और अंग्रेजी जर्नल जर्नल आफ द एनएचआरसी का वर्ष 2024- 25 का संस्करण जारी किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत ने सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसकी मूल भावना मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने मानवाधिकार, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को एक दूसरे से अविभाज्य बताया था।

राष्ट्रपति ने कहा कि एनएचआरसी ने हाल के वर्षों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान दिया है। आयोग 3000 से अधिक मामलों में स्वप्रेरणा से कार्यवाही कर चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार और विकास परस्पर जुड़े हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ पानी, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सभी नागरिकों तक पहुंचाना मानवाधिकारों की पूर्ति का आधार है। एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और पीएम श्री स्कूल जैसे संस्थानों ने वंचित वर्गों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई है। आवास और खाद्य सुरक्षा योजनाओं से करोड़ों लोगों को लाभ मिला है जिससे उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का आधार मिला है।

उन्होंने कहा कि हाल के श्रम सुधारों और सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों से श्रमिकों के अधिकार और सुदृढ़ हुए हैं। सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले सभी नागरिकों तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है। समावेशी विकास का अर्थ है कि विकास की यात्रा में कोई भी व्यक्ति पीछे न रह जाए।

पूर्व नगर पालिका चेयरमैन की 16 दिन बाद जमानत मंजूर

एक लाख रुपए के व्यक्तिगत बंध पत्र करना होगा दाखिल

गोंडा।नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष रुपेश कुमार उर्फ़ निर्मल श्रीवास्तव को 16 दिन बाद जमानत मिल गई है।अपर जनपद न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।अदालत ने पूर्व चेयरमैन को एक लाख रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही दो जमानतदार पेश करना होगा तथा साथ ही न्यायालय द्वारा लगाई गयी अन्य शर्तें पूरी होने पर ही उन्हें मंडलीय कारागार से रिहा किया जाएगा।बताते चलें कि निर्मल श्रीवास्तव ने गत 24 नवंबर को अदालत में आत्मसमर्पण किया था।उन्हें 21 साल पुराने आगजनी और बलबा के एक मामले में भगोड़ा घोषित किया था जिसके बाद अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था।यह मामला 7 सितंबर 2004 को नगर कोतवाली के तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से संबंधित है।पुलिस ने मौके से निर्मल श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था और बाद में निर्मल श्रीवास्तव सहित 17 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।मामले की सुनवाई के दौरान निर्मल निरंतर गैरहाजिर रहे,जिसके कारण न्यायालय ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था।उसके बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित करने का आदेश जारी किया था।न्यायालय द्वारा नगर कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद रूपेश श्रीवास्तव ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।मण्डलीय कारागार के अधीक्षक ने बताया कि अभी तक अदालत का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।आदेश मिलने और सभी शर्तें पूरी होने पर ही रूपेश श्रीवास्तव को रिहा किया जाएगा।न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित किये जाने के बाद निर्मल श्रीवास्तव ने आत्मसमर्पण किया था जहाँ से जेल भेज दिया गया था।

उत्तर प्रदेश में 2जी स्मार्ट मीटर बदलकर लगेंगे 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में लगाए गए 2जी स्मार्ट मीटरों को अब 4जी तकनीक वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदलने का निर्णय लिया गया है। राज्य में कुल 11.32 लाख सक्रिय मीटरों को रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत नए स्मार्ट मीटरों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा।

2018 से चली आ रही स्मार्ट मीटर योजना

वर्ष 2018 में पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (EESL) ने प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनाई थी।यह परियोजना 8 साल की अवधि वाली थी और 2जी तकनीक पर आधारित थी।शुरुआत से ही 2जी मीटरों को लेकर सवाल उठते रहे थे और तकनीकी रूप से इन्हें 4जी में अपग्रेड करने की मांग लगातार की जाती रही।

आरडीएसएस योजना के तहत बदलाव

पॉवर कॉर्पोरेशन के निर्णय के अनुसार ईईएसएल द्वारा लगाए गए 12 लाख स्मार्ट मीटरों में से 11,32,506 सक्रिय मीटर को बदलने का आदेश हुआ है।नए स्मार्ट मीटर इंटेली स्मार्ट कंपनी द्वारा लगाए जाएंगे, जो ईईएसएल की सहायक कंपनी है।यह बदलाव मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा और इसके तहत मीटरों की स्मार्ट तकनीक 4जी होगी।

पिछले अनुभव और आर्थिक नुकसान

अगस्त 2020 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 1.58 लाख स्मार्ट मीटर अचानक बंद हो गए थे, जिसके बाद एसटीएफ ने जांच की थी, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पिछले सात वर्षों में निगम ने इन मीटरों पर 959 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना की विफलता की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

तकनीकी और नियामक दृष्टिकोण

वर्मा ने बताया कि उस समय विद्युत नियामक आयोग ने भी 2जी मीटरों को 4जी में बदलने के निर्देश दिए थे।अब इस निर्णय से प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग तकनीक में सुधार और उपभोक्ता सुविधाओं में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
देवरिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, ट्रेन से उतारकर लिया हिरासत में
लखनऊ । पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, वह बीती रात लखनऊ से दिल्ली की ओर यात्रा कर रहे थे, तभी शाहजहांपुर में पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें देवरिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हाल ही में देवरिया में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस का कहना है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।

भ्रष्टाचार मामलों पर लगातार उठाते रहे हैं सवाल

पूर्व आईपीएस ठाकुर लंबे समय से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ी संपत्तियों और विभिन्न परियोजनाओं की जांच की मांग को लेकर प्रशासन को पत्र भेजा था।

आरापों और शिकायतों को लेकर जांच शुरू

उन्होंने आरोप लगाया था कि साकेतनगर के पार्क की सरकारी भूमि पर कब्जा कर किशोरी वाटिका गेस्ट हाउस बनाया गया।अधिवक्ता के कार्यालय के आवंटन में गड़बड़ी हुई।बृजकिशोरी दुबे स्कूल को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। मंडलायुक्त कार्यालय के एक कर्मचारी ने इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। अमिताभ के अनुसार, इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान कर अवैध लाभ की रिकवरी भी की जानी चाहिए।पुलिस इस मामले में अब आरोपों और शिकायतों को लेकर आगे की जांच में जुट गई है।
गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन: मुख्यमंत्री योगी ने पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाया

गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को गोरखपुर दौरे पर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और वहां आयोजित जनता दर्शन में आम जनता की समस्याएं सुनीं। करीब 200 लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपने मुद्दे साझा किए, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक रही।जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और हर समस्या का त्वरित समाधान कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि किसी को परेशान होने या चिंता करने की जरूरत नहीं है।

संपत्ति और हिंसा से जुड़े मामलों में कड़ा रुख

कुछ लोगों ने जमीन पर अवैध कब्जे और मकान जलाने की शिकायतें प्रस्तुत कीं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को सौंपते हुए उन्होंने कहा कि हर शिकायत का निस्तारण तेज, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिप्रद होना चाहिए।

स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता पर विशेष ध्यान

जनता दर्शन में कई लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज में धन की कमी रोक नहीं बनेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के इस्तीमेट की प्रक्रिया जल्द पूरी कर शासन को भेजी जाए। जरूरत पड़ने पर विवेकाधीन कोष से पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

गोसेवा और प्राकृतिक प्रेम की झलक

जनता दर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर की गोशाला में गायों को गुड़-रोटी खिलाई और मोर को अपने हाथों से दाना दिया। मंदिर परिसर में गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा के समक्ष शीश झुकाने के बाद मुख्यमंत्री ने परंपरागत दर्शन पूजन किया। मुख्यमंत्री की इस सरल और स्नेहिल दिनचर्या को देखकर वहां मौजूद लोग खुश नजर आए।इस दौरे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता के करीब पहुंचकर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनने और त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का संदेश दिया।

रामराज में पीएनबी बैंक का मेगा कृषि आउटरीच कार्यक्रम, किसानों को मिली योजनाओं की विस्तृत जानकारी

बहसुमा।मेरठ।रामराज। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) द्वारा गुरुवार को रामराज क्षेत्र में मेगा कृषि आउटरीच कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, बैंकिंग सेवाओं तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में समुचित जानकारी प्रदान करना रहा। मोड खुर्द मैनेजर शिवानी शर्मा कि ग्रामीणों ने तारीफ की और बताया कि समय-समय पर बैंक मैनेजर शिवानी शर्मा ग्रामीणों को कृषि योजनाओं के बारे मेंअवगत कराती रहती हैं ने बैंक अधिकारियों ने उपस्थित किसानों को फसली ऋण, केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड), कृषि उपकरण ऋण, पशुपालन एवं बागवानी से संबंधित वित्तीय सुविधाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके अलावा किसानों को डिजिटल बैंकिंग, ऑनलाइन सुविधाओं तथा सुरक्षित लेनदेन के बारे में भी जागरूक किया गया।

कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रमुख नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उपस्थित लोगों में भूपेंद्र, सुधा वाल्मीकि, दिनेश बंसल, परविंदर उर्फ जैन साहब, सरदार मेजर सिंह ग्राम प्रधान चौहानअक्षय तोमर हरजिंदर तोमर अवनीश तोमर विजय कुमाररोहिल चौधरी, प्रमोद चौधरी और रोहित कुमार प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी वक्ताओं ने किसानों को उपलब्ध योजनाओं का लाभ उठाने और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर वित्तीय सहायता और सही जानकारी मिलेगी तो कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।

किसानों ने पीएनबी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें नई जानकारियाँ मिलती हैं और खेती से जुड़ी चुनौतियों का समाधान खोजने में आसानी होती है। स्थानीय ग्रामीणों ने बैंक से भविष्य में भी इसी प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की। इसमें मुख्य अधिकारी रहे शामिल कृषि अधिकारी गजेंद्र राजपूत मैनेजर विपिन कुमार तारापुर जय बहादुर रामराज भारत भूषण मोड खुर्द मैनेजर शिवानी शर्मा कृषि अधिकारी ऋषिकेश कुमार कृषि अधिकारी गीता तोमर कृषि अधिकारी स्वाति सिंह

झारखंड विधानसभा सत्र का चौथा दिन: दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने के नियम पर हंगामा

द्वितीय अनुपूरक बजट पारित; 4 निजी विश्वविद्यालय विधेयक वापस लिए जाएंगे; विधि व्यवस्था पर विशेष चर्चा

रांची, 10 दिसंबर 2025।

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज (बुधवार) चौथा दिन है। सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाए गए। सत्र के तीसरे दिन ₹7,721.25 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट वाद-विवाद के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया था।

प्रश्नकाल में उठे मुख्य मुद्दे

1. दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने का मामला

प्रश्न/मुद्दा: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने व्यवस्था के तहत दिल्ली स्थित झारखंड भवन में ठहरने के नए नियमों का गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल निगरानी सचिवालय का यह फैसला सही नहीं है कि अब केवल विधायक के सगे संबंधी ही वहाँ ठहर सकते हैं।

आरोप: मरांडी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के साला-साली और सगे संबंधी झारखंड भवन में ठहरे, यह सही नहीं है। उन्होंने स्पीकर से पाँच सालों का रजिस्टर मंगाकर जाँच कराने की मांग की।

सरकार का जवाब: संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि सरकार इस पर गंभीर है और नेता प्रतिपक्ष के सवाल और मांग की जाँच होगी।

2. पेयजल आपूर्ति में विलम्ब

प्रश्न: झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने राज्य में पेयजलापूर्ति योजनाओं के कार्यान्वयन का मामला उठाया।

मंत्री का जवाब: मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया कि केंद्रांश नहीं मिलने की वजह से 42.18% काम पेंडिंग पड़ा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्रोत से इन योजनाओं को पूरा करने का काम कर रही है।

3. अबुआ आवास निर्माण में देरी

प्रश्न: भाजपा विधायक शत्रुघ्न महतो ने प्रश्नकाल में अबुआ आवास का मामला उठाते हुए कहा कि बहुत से लाभुकों को सिर्फ एक किस्त मिली है, जिससे उनके घर का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

मंत्री का जवाब: मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि प्रथम फेज का काम पूरा होने पर ही दूसरी किस्त जारी होती है। उन्होंने विधायक से कोई डाटा उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जिसकी जाँच करा ली जाएगी।

आज की विधायी कार्यवाही

आज सदन में विधायी कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

विशेष चर्चा: विधि व्यवस्था सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर झारखंड विधानसभा में एक घंटे की विशेष चर्चा होगी।

विधेयक वापसी: सीवी रमण ग्लोबल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, आरोग्यम इंटरनेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, जैन विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 और शाईन नेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 को कार्य संचालन के नियम 110 के अधीन सभा द्वारा वापस लिया जाएगा।

विधेयक उपस्थापन: झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन संशोधन विधेयक, 2025 सभा पटल पर रखा जाएगा।

*गोमती मित्र मण्डल का अद्वितीय निर्णय, पारस्परिक अभिवादन वन्देमातरम से करने का फैसला*
सुल्तानपुर,बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी द्वारा रचित व भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा बनकर उभरे अमर मंत्र जिसे हमारे राष्ट्रगीत का गौरव हासिल है की 150 वीं वर्षगांठ के गौरवशाली अवसर को केंद्र सरकार द्वारा पूरे वर्ष राष्ट्रव्यापी जन-उत्सव के रूप में मनाये जाने के निर्णय से हर हिंदुस्तानी आह्लादित व रोमांचित है,, उसी क्रम में गोमती मित्र मण्डल समिति सुल्तानपुर ने भी अपने को इस कार्यक्रम से जोड़ते हुये यह निर्णय लिया है की अब से प्रत्येक गोमती मित्र आपस में व जनमानस के साथ भी पारस्परिक अभिवादन वन्देमातरम से ही करेगा साथ ही यथासंभव इससे जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित करने का प्रयास करेगा। प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह के इस निर्णय पे प्रबंधक राजेंद्र शर्मा,महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्षा शालिनी कसौधन, मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी,संत कुमार प्रधान,राजेश पाठक,डॉ कुंवर दिनकर प्रताप सिंह,मुन्ना सोनी,अजय प्रताप सिंह,राकेश सिंह दद्दू,सेनजीत कसौधन,रामु सोनी,युवा मण्डल संयोजक रामेन्द्र सिंह राणा,युवा मण्डल अध्यक्ष अजय वर्मा,विपिन सोनी,आलोक तिवारी,सोनू सिंह,अर्जुन यादव,अभय मिश्रा आदि ने प्रसन्नता प्रकट करते आम जनों से इस कार्यक्रम को बल प्रदान करने की अपील की है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस साल 85 हजार वीजा किए कैंसिल, छात्रों पर सबसे ज्यादा असर

#trumpadministrationusrevokes85000visassince_january

अमेरिका ने इमिग्रेशन नियम कड़े करने के बाद जनवरी से अब तक 85 हजार वीजा रद्द किए हैं। जिनमें 8 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह कार्रवाई इमिग्रेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर ट्रम्प प्रशासन के बढ़ते फोकस का हिस्सा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से इमिग्रेशन मुद्दे पर लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार क एक्स पर लिखा, 'जनवरी से अब तक 85,000 वीजा कैंसिल किए गए हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप और सेक्रेटरी रुबियो एक आसान से आदेश का पालन करते हैं और वे जल्द ही रुकने वाले नहीं हैं।' पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर के साथ 'मेक अमेरिका सेफ अगेन' का स्लोगन दिया गया है। यानी अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रद्द किए गए वीजा में 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी कैटेगरी के 85,000 वीजा रद्द कर दिए हैं। जिनमें 8,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। रद्द किए गए वीजा में से 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के थे। इसकी प्रमुख वजह नशे में गाड़ी चलाना, चोरी और हमला जैसे अपराध थे, जो पिछले साल के लगभग आधे कैंसिलेशन का हिस्सा थे।

वीजा रद्द की क्या हैं वजहें?

वीजा रद्द करने के कारणों में पहले अवधि से अधिक समय रुकना, आपराधिक चिंताएं और आतंकवाद का समर्थन शामिल रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने गाजा को लेकर हो रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन छात्रों को यहूदी-विरोधी करते हुए वीजा पर सख्ती की गई है।

सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद मिलेगा H-1B वीजा

इधर, अमेरिका लगातार वीजा नियमों को भी सख्त कर रहा है। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती के आदेश दिए थे। इसके तहत H-1B आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी आवेदक की प्रोफाइल, सोशल मीडिया पोस्ट और लाइक्स को देख सकें। यदि आवेदक की कोई भी सोशल मीडिया एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ दिखी तो H-1B वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों (पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स) के लिए H-4 वीजा के लिए भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक करना जरूरी होगा। ऐसा पहली बार है, जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच जरूरी की गई है। नए नियम 15 दिसंबर से लागू होंगे। ट्रम्प प्रशासन ने सभी दूतावासों को निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षामित्रों की घर वापसी शुरू, शासन का बड़ा फैसला, 30 हजार को मिलेगी राहत
लखनऊ। लंबे समय से अपने मूल विद्यालयों में वापसी की राह देख रहे शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। ठंड की छुट्टियों के बीच शासन ने मंगलवार को शिक्षामित्रों को मूल विद्यालयों में भेजने का आदेश जारी कर दिया है। इससे प्रदेश के लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने गांव-घर के पास तैनाती मिलने का रास्ता साफ हो गया है। खासतौर पर महिला शिक्षामित्रों को इस निर्णय का बड़ा लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अपने वर्तमान कार्यस्थल या पति के आवास वाली ग्राम सभा, ग्राम पंचायत अथवा वार्ड में तैनाती दी जाएगी।

शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी। जो वर्तमान विद्यालय में ही रहना चाहते हैं, उनके विकल्प पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी।जो पुरुष या अविवाहित महिला शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में वापस जाना चाहते हैं, वहां पद खाली होने पर तुरंत तैनाती कर दी जाएगी।जहां सीट खाली नहीं होगी, वहां उसी ग्राम सभा या वार्ड के किसी अन्य विद्यालय में समायोजन किया जाएगा। निर्देश के अनुसार, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति जिसमें सीडीओ, डायट प्राचार्य, बीएसए और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी शामिल होंगे पूरी प्रक्रिया को अंजाम देगी।

संघ की चेतावनी के बाद सक्रिय हुआ विभाग

शासन ने 3 जनवरी को आदेश जारी किया था और 12 जून को इसके क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन विभाग अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया। इसी बीच उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए सरकार पर दबाव बनाया था।संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा इस फैसले से लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने घरों के पास जाने का अवसर मिलेगा। विभाग जल्द इस पर अमल शुरू करे।”

हर विद्यालय में सिर्फ दो शिक्षामित्र का नियम

शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र ही कार्यरत रह सकेंगे।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अधिकतम तीन शिक्षामित्र की अनुमति होगी।रिक्तियों की गणना इसी आधार पर की जाएगी और उसी अनुसार समायोजन पूरा किया जाएगा।

दो चरणों में पूरी होगी तैनाती प्रक्रिया

पहला चरण: मूल विद्यालय में पद खाली रहने पर या पास के विद्यालय में तबादला चाहने वालों को मौका।
दूसरा चरण: शेष शिक्षामित्रों का समायोजन, इसके लिए अलग निर्देश बाद में जारी होंगे।
इस फैसले से वर्षों से तैनाती दूरस्थ क्षेत्रों में झेल रहे हजारों शिक्षामित्रों के जीवन में बड़ी राहत आएगी और नए वर्ष से ही उनकी “घर वापसी” संभव मानी जा रही है।
मानवाधिकार दिवस कार्यक्रम : राष्ट्रपति ने की मानवाधिकारों को अंतिम पंक्ति तक पहुंचाने की अपील

दिल्ली ब्यूरो

नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि प्रत्येक नागरिक की गरिमा और अधिकारों पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। भारत की सांस्कृतिक परंपरा वसुधैव कुटुम्बकम के सिद्धांत पर आधारित है जो सार्वभौमिक मानवाधिकारों की भावना को मजबूत करती है। उन्होंने मानवाधिकारों को देश के अंतिम पंक्ति में खड़े लोगों तक पहुंचाने की अपील के।

राजधानी दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणियन, आयोग के सदस्य न्यायमूर्ति बिद्युत रंजन सारंगी, विजया भारती सयानी, प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव पीके मिश्रा तथा संयुक्त राष्ट्र महासचिव की समन्वयक अरेती सिएनी सहित तमाम लोग मौजूद रहे। इस मौके पर राष्ट्रपति ने आयोग के हिंदी जर्नल नई दिशाएं और अंग्रेजी जर्नल जर्नल आफ द एनएचआरसी का वर्ष 2024- 25 का संस्करण जारी किया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारत ने सार्वभौमिक मानवाधिकार घोषणा पत्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसकी मूल भावना मानव गरिमा, समानता और स्वतंत्रता भारत की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव आंबेडकर ने मानवाधिकार, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को एक दूसरे से अविभाज्य बताया था।

राष्ट्रपति ने कहा कि एनएचआरसी ने हाल के वर्षों में अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं, बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों से जुड़े मामलों पर विशेष ध्यान दिया है। आयोग 3000 से अधिक मामलों में स्वप्रेरणा से कार्यवाही कर चुका है। उन्होंने कहा कि विकसित भारत 2047 का लक्ष्य तभी पूरा होगा जब विकास का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार और विकास परस्पर जुड़े हैं और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, स्वच्छ पानी, स्वच्छता और सामाजिक सुरक्षा जैसी बुनियादी सुविधाएं सभी नागरिकों तक पहुंचाना मानवाधिकारों की पूर्ति का आधार है। एकलव्य मॉडल रेजिडेंशियल स्कूल और पीएम श्री स्कूल जैसे संस्थानों ने वंचित वर्गों के छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराई है। आवास और खाद्य सुरक्षा योजनाओं से करोड़ों लोगों को लाभ मिला है जिससे उन्हें सम्मानपूर्ण जीवन जीने का आधार मिला है।

उन्होंने कहा कि हाल के श्रम सुधारों और सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों से श्रमिकों के अधिकार और सुदृढ़ हुए हैं। सुदूर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले सभी नागरिकों तक आवश्यक सुविधाएं पहुंचाना सरकार और समाज की साझा जिम्मेदारी है। समावेशी विकास का अर्थ है कि विकास की यात्रा में कोई भी व्यक्ति पीछे न रह जाए।

पूर्व नगर पालिका चेयरमैन की 16 दिन बाद जमानत मंजूर

एक लाख रुपए के व्यक्तिगत बंध पत्र करना होगा दाखिल

गोंडा।नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष रुपेश कुमार उर्फ़ निर्मल श्रीवास्तव को 16 दिन बाद जमानत मिल गई है।अपर जनपद न्यायाधीश नम्रता अग्रवाल की अदालत ने उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।अदालत ने पूर्व चेयरमैन को एक लाख रुपये का व्यक्तिगत बंध पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।इसके साथ ही दो जमानतदार पेश करना होगा तथा साथ ही न्यायालय द्वारा लगाई गयी अन्य शर्तें पूरी होने पर ही उन्हें मंडलीय कारागार से रिहा किया जाएगा।बताते चलें कि निर्मल श्रीवास्तव ने गत 24 नवंबर को अदालत में आत्मसमर्पण किया था।उन्हें 21 साल पुराने आगजनी और बलबा के एक मामले में भगोड़ा घोषित किया था जिसके बाद अदालत ने उन्हें जेल भेज दिया था।यह मामला 7 सितंबर 2004 को नगर कोतवाली के तत्कालीन वरिष्ठ उपनिरीक्षक वीरेन्द्र सिंह द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से संबंधित है।पुलिस ने मौके से निर्मल श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया था और बाद में निर्मल श्रीवास्तव सहित 17 आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया गया था।मामले की सुनवाई के दौरान निर्मल निरंतर गैरहाजिर रहे,जिसके कारण न्यायालय ने उनके खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी किया था।उसके बाद उनकी संपत्ति कुर्क करने का आदेश जारी करते हुए उन्हें भगोड़ा घोषित करने का आदेश जारी किया था।न्यायालय द्वारा नगर कोतवाली पुलिस को कार्रवाई के निर्देश मिलने के बाद रूपेश श्रीवास्तव ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया था।मण्डलीय कारागार के अधीक्षक ने बताया कि अभी तक अदालत का आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।आदेश मिलने और सभी शर्तें पूरी होने पर ही रूपेश श्रीवास्तव को रिहा किया जाएगा।न्यायालय द्वारा भगोड़ा घोषित किये जाने के बाद निर्मल श्रीवास्तव ने आत्मसमर्पण किया था जहाँ से जेल भेज दिया गया था।

उत्तर प्रदेश में 2जी स्मार्ट मीटर बदलकर लगेंगे 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में वर्ष 2018 में लगाए गए 2जी स्मार्ट मीटरों को अब 4जी तकनीक वाले स्मार्ट प्रीपेड मीटर से बदलने का निर्णय लिया गया है। राज्य में कुल 11.32 लाख सक्रिय मीटरों को रिवैम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (RDSS) के तहत नए स्मार्ट मीटरों से प्रतिस्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा।

2018 से चली आ रही स्मार्ट मीटर योजना

वर्ष 2018 में पॉवर कॉर्पोरेशन लिमिटेड और ऊर्जा दक्षता सेवाएं लिमिटेड (EESL) ने प्रदेश में 40 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने की योजना बनाई थी।यह परियोजना 8 साल की अवधि वाली थी और 2जी तकनीक पर आधारित थी।शुरुआत से ही 2जी मीटरों को लेकर सवाल उठते रहे थे और तकनीकी रूप से इन्हें 4जी में अपग्रेड करने की मांग लगातार की जाती रही।

आरडीएसएस योजना के तहत बदलाव

पॉवर कॉर्पोरेशन के निर्णय के अनुसार ईईएसएल द्वारा लगाए गए 12 लाख स्मार्ट मीटरों में से 11,32,506 सक्रिय मीटर को बदलने का आदेश हुआ है।नए स्मार्ट मीटर इंटेली स्मार्ट कंपनी द्वारा लगाए जाएंगे, जो ईईएसएल की सहायक कंपनी है।यह बदलाव मार्च 2027 तक पूरा किया जाएगा और इसके तहत मीटरों की स्मार्ट तकनीक 4जी होगी।

पिछले अनुभव और आर्थिक नुकसान

अगस्त 2020 में कृष्ण जन्माष्टमी के दिन 1.58 लाख स्मार्ट मीटर अचानक बंद हो गए थे, जिसके बाद एसटीएफ ने जांच की थी, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि पिछले सात वर्षों में निगम ने इन मीटरों पर 959 करोड़ रुपये खर्च कर दिए हैं।उन्होंने यह भी कहा कि इस परियोजना की विफलता की उच्च स्तरीय जांच कराई जानी चाहिए।

तकनीकी और नियामक दृष्टिकोण

वर्मा ने बताया कि उस समय विद्युत नियामक आयोग ने भी 2जी मीटरों को 4जी में बदलने के निर्देश दिए थे।अब इस निर्णय से प्रदेश में स्मार्ट मीटरिंग तकनीक में सुधार और उपभोक्ता सुविधाओं में बढ़ोतरी की उम्मीद है।
देवरिया में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर गिरफ्तार, ट्रेन से उतारकर लिया हिरासत में
लखनऊ । पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जानकारी के अनुसार, वह बीती रात लखनऊ से दिल्ली की ओर यात्रा कर रहे थे, तभी शाहजहांपुर में पुलिस ने उन्हें ट्रेन से उतारकर हिरासत में ले लिया। बाद में उन्हें देवरिया पुलिस के सुपुर्द कर दिया गया।अमिताभ ठाकुर के खिलाफ हाल ही में देवरिया में एक मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस का कहना है कि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके चलते उनकी गिरफ्तारी की गई है।

भ्रष्टाचार मामलों पर लगातार उठाते रहे हैं सवाल

पूर्व आईपीएस ठाकुर लंबे समय से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ आवाज़ उठाते रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने कानपुर के अधिवक्ता अखिलेश दुबे से जुड़ी संपत्तियों और विभिन्न परियोजनाओं की जांच की मांग को लेकर प्रशासन को पत्र भेजा था।

आरापों और शिकायतों को लेकर जांच शुरू

उन्होंने आरोप लगाया था कि साकेतनगर के पार्क की सरकारी भूमि पर कब्जा कर किशोरी वाटिका गेस्ट हाउस बनाया गया।अधिवक्ता के कार्यालय के आवंटन में गड़बड़ी हुई।बृजकिशोरी दुबे स्कूल को अवैध रूप से संचालित किया जा रहा है। मंडलायुक्त कार्यालय के एक कर्मचारी ने इस पूरी प्रक्रिया में सहयोग किया। अमिताभ के अनुसार, इस मामले में जिम्मेदार व्यक्तियों की पहचान कर अवैध लाभ की रिकवरी भी की जानी चाहिए।पुलिस इस मामले में अब आरोपों और शिकायतों को लेकर आगे की जांच में जुट गई है।
गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन: मुख्यमंत्री योगी ने पीड़ितों को न्याय का भरोसा दिलाया

गोरखपुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को गोरखपुर दौरे पर गोरखनाथ मंदिर पहुंचे और वहां आयोजित जनता दर्शन में आम जनता की समस्याएं सुनीं। करीब 200 लोगों ने मुख्यमंत्री से मिलकर अपने मुद्दे साझा किए, जिनमें महिलाओं की संख्या अधिक रही।जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री ने लोगों से व्यक्तिगत रूप से बातचीत की और हर समस्या का त्वरित समाधान कराने का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि किसी को परेशान होने या चिंता करने की जरूरत नहीं है।

संपत्ति और हिंसा से जुड़े मामलों में कड़ा रुख

कुछ लोगों ने जमीन पर अवैध कब्जे और मकान जलाने की शिकायतें प्रस्तुत कीं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कठोर कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए। प्रार्थना पत्रों को अधिकारियों को सौंपते हुए उन्होंने कहा कि हर शिकायत का निस्तारण तेज, गुणवत्तापूर्ण और संतुष्टिप्रद होना चाहिए।

स्वास्थ्य और आर्थिक सहायता पर विशेष ध्यान

जनता दर्शन में कई लोग गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर आए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाज में धन की कमी रोक नहीं बनेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अस्पताल के इस्तीमेट की प्रक्रिया जल्द पूरी कर शासन को भेजी जाए। जरूरत पड़ने पर विवेकाधीन कोष से पर्याप्त राशि उपलब्ध कराई जाएगी।

गोसेवा और प्राकृतिक प्रेम की झलक

जनता दर्शन से पूर्व मुख्यमंत्री ने मंदिर परिसर की गोशाला में गायों को गुड़-रोटी खिलाई और मोर को अपने हाथों से दाना दिया। मंदिर परिसर में गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ की प्रतिमा के समक्ष शीश झुकाने के बाद मुख्यमंत्री ने परंपरागत दर्शन पूजन किया। मुख्यमंत्री की इस सरल और स्नेहिल दिनचर्या को देखकर वहां मौजूद लोग खुश नजर आए।इस दौरे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनता के करीब पहुंचकर उनकी समस्याओं को गंभीरता से सुनने और त्वरित समाधान सुनिश्चित करने का संदेश दिया।

रामराज में पीएनबी बैंक का मेगा कृषि आउटरीच कार्यक्रम, किसानों को मिली योजनाओं की विस्तृत जानकारी

बहसुमा।मेरठ।रामराज। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) द्वारा गुरुवार को रामराज क्षेत्र में मेगा कृषि आउटरीच कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों, बैंकिंग सेवाओं तथा विभिन्न सरकारी योजनाओं के बारे में समुचित जानकारी प्रदान करना रहा। मोड खुर्द मैनेजर शिवानी शर्मा कि ग्रामीणों ने तारीफ की और बताया कि समय-समय पर बैंक मैनेजर शिवानी शर्मा ग्रामीणों को कृषि योजनाओं के बारे मेंअवगत कराती रहती हैं ने बैंक अधिकारियों ने उपस्थित किसानों को फसली ऋण, केसीसी (किसान क्रेडिट कार्ड), कृषि उपकरण ऋण, पशुपालन एवं बागवानी से संबंधित वित्तीय सुविधाओं की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इसके अलावा किसानों को डिजिटल बैंकिंग, ऑनलाइन सुविधाओं तथा सुरक्षित लेनदेन के बारे में भी जागरूक किया गया।

कार्यक्रम में क्षेत्र के प्रमुख नागरिकों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उपस्थित लोगों में भूपेंद्र, सुधा वाल्मीकि, दिनेश बंसल, परविंदर उर्फ जैन साहब, सरदार मेजर सिंह ग्राम प्रधान चौहानअक्षय तोमर हरजिंदर तोमर अवनीश तोमर विजय कुमाररोहिल चौधरी, प्रमोद चौधरी और रोहित कुमार प्रमुख रूप से शामिल रहे। सभी वक्ताओं ने किसानों को उपलब्ध योजनाओं का लाभ उठाने और आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसानों को समय पर वित्तीय सहायता और सही जानकारी मिलेगी तो कृषि उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि संभव है।

किसानों ने पीएनबी की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से उन्हें नई जानकारियाँ मिलती हैं और खेती से जुड़ी चुनौतियों का समाधान खोजने में आसानी होती है। स्थानीय ग्रामीणों ने बैंक से भविष्य में भी इसी प्रकार के जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने की मांग की। इसमें मुख्य अधिकारी रहे शामिल कृषि अधिकारी गजेंद्र राजपूत मैनेजर विपिन कुमार तारापुर जय बहादुर रामराज भारत भूषण मोड खुर्द मैनेजर शिवानी शर्मा कृषि अधिकारी ऋषिकेश कुमार कृषि अधिकारी गीता तोमर कृषि अधिकारी स्वाति सिंह

झारखंड विधानसभा सत्र का चौथा दिन: दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने के नियम पर हंगामा

द्वितीय अनुपूरक बजट पारित; 4 निजी विश्वविद्यालय विधेयक वापस लिए जाएंगे; विधि व्यवस्था पर विशेष चर्चा

रांची, 10 दिसंबर 2025।

झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज (बुधवार) चौथा दिन है। सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से शुरू हुई, जिसके दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सवाल उठाए गए। सत्र के तीसरे दिन ₹7,721.25 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट वाद-विवाद के बाद ध्वनिमत से पारित हो गया था।

प्रश्नकाल में उठे मुख्य मुद्दे

1. दिल्ली के झारखंड भवन में ठहरने का मामला

प्रश्न/मुद्दा: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने व्यवस्था के तहत दिल्ली स्थित झारखंड भवन में ठहरने के नए नियमों का गंभीर मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल निगरानी सचिवालय का यह फैसला सही नहीं है कि अब केवल विधायक के सगे संबंधी ही वहाँ ठहर सकते हैं।

आरोप: मरांडी ने आरोप लगाया कि अधिकारियों के साला-साली और सगे संबंधी झारखंड भवन में ठहरे, यह सही नहीं है। उन्होंने स्पीकर से पाँच सालों का रजिस्टर मंगाकर जाँच कराने की मांग की।

सरकार का जवाब: संसदीय कार्य मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने इसे गंभीर विषय बताते हुए कहा कि सरकार इस पर गंभीर है और नेता प्रतिपक्ष के सवाल और मांग की जाँच होगी।

2. पेयजल आपूर्ति में विलम्ब

प्रश्न: झामुमो विधायक हेमलाल मुर्मू ने राज्य में पेयजलापूर्ति योजनाओं के कार्यान्वयन का मामला उठाया।

मंत्री का जवाब: मंत्री योगेंद्र प्रसाद ने जवाब दिया कि केंद्रांश नहीं मिलने की वजह से 42.18% काम पेंडिंग पड़ा है। हालांकि, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने स्रोत से इन योजनाओं को पूरा करने का काम कर रही है।

3. अबुआ आवास निर्माण में देरी

प्रश्न: भाजपा विधायक शत्रुघ्न महतो ने प्रश्नकाल में अबुआ आवास का मामला उठाते हुए कहा कि बहुत से लाभुकों को सिर्फ एक किस्त मिली है, जिससे उनके घर का निर्माण नहीं हो पा रहा है।

मंत्री का जवाब: मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि प्रथम फेज का काम पूरा होने पर ही दूसरी किस्त जारी होती है। उन्होंने विधायक से कोई डाटा उपलब्ध कराने का आग्रह किया, जिसकी जाँच करा ली जाएगी।

आज की विधायी कार्यवाही

आज सदन में विधायी कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा:

विशेष चर्चा: विधि व्यवस्था सहित कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर झारखंड विधानसभा में एक घंटे की विशेष चर्चा होगी।

विधेयक वापसी: सीवी रमण ग्लोबल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, आरोग्यम इंटरनेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023, जैन विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 और शाईन नेशनल विश्वविद्यालय विधेयक, 2023 को कार्य संचालन के नियम 110 के अधीन सभा द्वारा वापस लिया जाएगा।

विधेयक उपस्थापन: झारखंड पर्यटन विकास और निबंधन संशोधन विधेयक, 2025 सभा पटल पर रखा जाएगा।

*गोमती मित्र मण्डल का अद्वितीय निर्णय, पारस्परिक अभिवादन वन्देमातरम से करने का फैसला*
सुल्तानपुर,बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जी द्वारा रचित व भारत के स्वतंत्रता संग्राम की आत्मा बनकर उभरे अमर मंत्र जिसे हमारे राष्ट्रगीत का गौरव हासिल है की 150 वीं वर्षगांठ के गौरवशाली अवसर को केंद्र सरकार द्वारा पूरे वर्ष राष्ट्रव्यापी जन-उत्सव के रूप में मनाये जाने के निर्णय से हर हिंदुस्तानी आह्लादित व रोमांचित है,, उसी क्रम में गोमती मित्र मण्डल समिति सुल्तानपुर ने भी अपने को इस कार्यक्रम से जोड़ते हुये यह निर्णय लिया है की अब से प्रत्येक गोमती मित्र आपस में व जनमानस के साथ भी पारस्परिक अभिवादन वन्देमातरम से ही करेगा साथ ही यथासंभव इससे जुड़े कार्यक्रम भी आयोजित करने का प्रयास करेगा। प्रदेश अध्यक्ष मदन सिंह के इस निर्णय पे प्रबंधक राजेंद्र शर्मा,महिला प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्षा शालिनी कसौधन, मीडिया प्रभारी रमेश माहेश्वरी,संत कुमार प्रधान,राजेश पाठक,डॉ कुंवर दिनकर प्रताप सिंह,मुन्ना सोनी,अजय प्रताप सिंह,राकेश सिंह दद्दू,सेनजीत कसौधन,रामु सोनी,युवा मण्डल संयोजक रामेन्द्र सिंह राणा,युवा मण्डल अध्यक्ष अजय वर्मा,विपिन सोनी,आलोक तिवारी,सोनू सिंह,अर्जुन यादव,अभय मिश्रा आदि ने प्रसन्नता प्रकट करते आम जनों से इस कार्यक्रम को बल प्रदान करने की अपील की है।
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस साल 85 हजार वीजा किए कैंसिल, छात्रों पर सबसे ज्यादा असर

#trumpadministrationusrevokes85000visassince_january

अमेरिका ने इमिग्रेशन नियम कड़े करने के बाद जनवरी से अब तक 85 हजार वीजा रद्द किए हैं। जिनमें 8 हजार से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। यूएस स्टेट डिपार्टमेंट ने बताया है कि यह कार्रवाई इमिग्रेशन और बॉर्डर सिक्योरिटी पर ट्रम्प प्रशासन के बढ़ते फोकस का हिस्सा है।

डोनाल्ड ट्रंप ने इस साल जनवरी में राष्ट्रपति बनने के बाद से इमिग्रेशन मुद्दे पर लगातार सख्त रुख अपनाया हुआ है। इसी क्रम में अमेरिकी विदेश विभाग ने मंगलवार क एक्स पर लिखा, 'जनवरी से अब तक 85,000 वीजा कैंसिल किए गए हैं। प्रेसिडेंट ट्रंप और सेक्रेटरी रुबियो एक आसान से आदेश का पालन करते हैं और वे जल्द ही रुकने वाले नहीं हैं।' पोस्ट में ट्रंप की तस्वीर के साथ 'मेक अमेरिका सेफ अगेन' का स्लोगन दिया गया है। यानी अमेरिका को सुरक्षित बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

रद्द किए गए वीजा में 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के

विदेश विभाग के एक अधिकारी ने कहा, हमने सभी कैटेगरी के 85,000 वीजा रद्द कर दिए हैं। जिनमें 8,000 से ज्यादा छात्र शामिल हैं, जो पिछले साल की तुलना में दोगुने से भी ज्यादा है। रद्द किए गए वीजा में से 8 हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स के थे। इसकी प्रमुख वजह नशे में गाड़ी चलाना, चोरी और हमला जैसे अपराध थे, जो पिछले साल के लगभग आधे कैंसिलेशन का हिस्सा थे।

वीजा रद्द की क्या हैं वजहें?

वीजा रद्द करने के कारणों में पहले अवधि से अधिक समय रुकना, आपराधिक चिंताएं और आतंकवाद का समर्थन शामिल रहा है। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रशासन ने गाजा को लेकर हो रहे छात्र विरोध प्रदर्शनों में शामिल अंतरराष्ट्रीय छात्रों को निशाना बनाया गया है। इन छात्रों को यहूदी-विरोधी करते हुए वीजा पर सख्ती की गई है।

सोशल मीडिया अकाउंट की जांच के बाद मिलेगा H-1B वीजा

इधर, अमेरिका लगातार वीजा नियमों को भी सख्त कर रहा है। 5 दिसंबर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने H-1B वीजा नियमों में सख्ती के आदेश दिए थे। इसके तहत H-1B आवेदकों को अपना सोशल मीडिया अकाउंट सार्वजनिक करना होगा, ताकि अमेरिकी अधिकारी आवेदक की प्रोफाइल, सोशल मीडिया पोस्ट और लाइक्स को देख सकें। यदि आवेदक की कोई भी सोशल मीडिया एक्टिविटी अमेरिकी हितों के खिलाफ दिखी तो H-1B वीजा जारी नहीं किया जाएगा। H-1B के आश्रितों (पत्नी, बच्चों और पेरेंट्स) के लिए H-4 वीजा के लिए भी सोशल मीडिया प्रोफाइल को पब्लिक करना जरूरी होगा। ऐसा पहली बार है, जब H-1B वीजा के लिए सोशल मीडिया प्रोफाइल की जांच जरूरी की गई है। नए नियम 15 दिसंबर से लागू होंगे। ट्रम्प प्रशासन ने सभी दूतावासों को निर्देश जारी किए हैं।

शिक्षामित्रों की घर वापसी शुरू, शासन का बड़ा फैसला, 30 हजार को मिलेगी राहत
लखनऊ। लंबे समय से अपने मूल विद्यालयों में वापसी की राह देख रहे शिक्षामित्रों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। ठंड की छुट्टियों के बीच शासन ने मंगलवार को शिक्षामित्रों को मूल विद्यालयों में भेजने का आदेश जारी कर दिया है। इससे प्रदेश के लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने गांव-घर के पास तैनाती मिलने का रास्ता साफ हो गया है। खासतौर पर महिला शिक्षामित्रों को इस निर्णय का बड़ा लाभ होगा, क्योंकि उन्हें अपने वर्तमान कार्यस्थल या पति के आवास वाली ग्राम सभा, ग्राम पंचायत अथवा वार्ड में तैनाती दी जाएगी।

शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी

बेसिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव अवधेश कुमार तिवारी की ओर से जारी आदेश के अनुसार, शिक्षामित्रों की तैनाती की प्रक्रिया विकल्प के आधार पर पूरी की जाएगी। जो वर्तमान विद्यालय में ही रहना चाहते हैं, उनके विकल्प पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होगी।जो पुरुष या अविवाहित महिला शिक्षामित्र अपने मूल विद्यालय में वापस जाना चाहते हैं, वहां पद खाली होने पर तुरंत तैनाती कर दी जाएगी।जहां सीट खाली नहीं होगी, वहां उसी ग्राम सभा या वार्ड के किसी अन्य विद्यालय में समायोजन किया जाएगा। निर्देश के अनुसार, जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी समिति जिसमें सीडीओ, डायट प्राचार्य, बीएसए और सहायक वित्त एवं लेखाधिकारी शामिल होंगे पूरी प्रक्रिया को अंजाम देगी।

संघ की चेतावनी के बाद सक्रिय हुआ विभाग

शासन ने 3 जनवरी को आदेश जारी किया था और 12 जून को इसके क्रियान्वयन के निर्देश दिए गए थे, लेकिन विभाग अब तक इसकी प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाया। इसी बीच उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ ने आंदोलन की चेतावनी देते हुए सरकार पर दबाव बनाया था।संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिव कुमार शुक्ला ने सरकार के इस कदम का स्वागत करते हुए कहा इस फैसले से लगभग 30 हजार शिक्षामित्रों को अपने घरों के पास जाने का अवसर मिलेगा। विभाग जल्द इस पर अमल शुरू करे।”

हर विद्यालय में सिर्फ दो शिक्षामित्र का नियम

शासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि प्रत्येक विद्यालय में अधिकतम दो शिक्षामित्र ही कार्यरत रह सकेंगे।नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अधिकतम तीन शिक्षामित्र की अनुमति होगी।रिक्तियों की गणना इसी आधार पर की जाएगी और उसी अनुसार समायोजन पूरा किया जाएगा।

दो चरणों में पूरी होगी तैनाती प्रक्रिया

पहला चरण: मूल विद्यालय में पद खाली रहने पर या पास के विद्यालय में तबादला चाहने वालों को मौका।
दूसरा चरण: शेष शिक्षामित्रों का समायोजन, इसके लिए अलग निर्देश बाद में जारी होंगे।
इस फैसले से वर्षों से तैनाती दूरस्थ क्षेत्रों में झेल रहे हजारों शिक्षामित्रों के जीवन में बड़ी राहत आएगी और नए वर्ष से ही उनकी “घर वापसी” संभव मानी जा रही है।