काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।
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गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।


संजय द्विवेदी प्रयागराज।ऐतिहासिक एवं गौरवपूर्ण क्षण रहा जब प्रयागराज के जंक्शन के सामने चौराहे पर महान सन्त कवि तिरुवल्लुवर की मूर्ति का भव्य अनावरण उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा अपने कर- कमलो से किया गया।यह अनावरण पहली बार प्रयागराज में सम्पन्न हुआ जिसने उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक वैचारिक एवं भाषाई एकता को एक नया आयाम दिया।इस अवसर पर आयोजित काशी–तमिल संगमम कार्यक्रम के अन्तर्गत दक्षिण भारत से पधारे 275 तमिल अतिथि प्रयागराज नगर निगम एवं नगरवासियो द्वारा मिले आत्मीय आतिथ्य और सम्मान से अत्यन्त गदगद एवं भावविभोर नजर आए।अतिथियो ने इसे अपने संत कवि के प्रति प्राप्त ऐतिहासिक सम्मान बताया और प्रयागराज को सदा स्मरणीय बताया।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी के नेतृत्व में प्रयागराज नगर निगम द्वारा आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में प्रयागराज के1,000 से अधिक स्थानीय नागरिको की भी सक्रिय सहभागिता रही। आयोजन के दौरान उत्तर और दक्षिण भारत की भाषाओ संस्कृति एवं परम्पराओ का अनुपम संगम देखने को मिला।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने उद्बोधन में कहा - कि संत कवि तिरुवल्लुवर की शिक्षाएँ मानवता नैतिकता और सामाजिक समरसता की अमूल्य धरोहर है।प्रयागराज जैसी सांस्कृतिक नगरी में उनकी मूर्ति का अनावरण राष्ट्र की एकात्मता को और अधिक मजबूत करेगा।ऐसे आयोजन एक भारत–श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त बनाते है।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा कि प्रयागराज सदैव से ज्ञान आस्था और संस्कृति की भूमि रही है। काशी–तमिल संगमम के माध्यम से तमिल अतिथियो का स्वागत करना नगर निगम प्रयागराज के लिए गौरव का विषय है।संत कवि तिरुवल्लुवर जी की मूर्ति आने वाली पीढ़ियो को नैतिक मूल्यो एवं राष्ट्रीय एकता की प्रेरणा देती रहेगी।कार्यक्रम में विधायकगण पार्षदगण प्रयागराज तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।पूरे आयोजन के दौरान हिन्दी एवं तमिल भाषाओ का भावनात्मक समन्वय देखने को मिला जिसने भाषाई विविधता में एकता का संदेश दिया।संस्कृति भाषा विचार और राष्ट्रबोध का यह ऐतिहासिक संगम प्रयागराज के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में सदैव स्मरणीय रहेगा।इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वी के सिंह विधायक दीपक पटेल गुरु प्रसाद मौर्य विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी जिलाध्यक्ष महानगर संजय गुप्ता गंगापार निर्मला पासवान यमुनापार राजेश शुक्ला क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश चन्द्र गुप्ता प्रयागराज चीफ वार्डन अनिल गुप्ता अन्नू महिला आयोग की सदस्या गीता विश्वकर्मा वरिष्ठ समाजसेवी राम जी केसरवानी नगर निगम कार्यदायी सस्था सीएनडीएस के अधिशासी अभियंता रोहित राणा पार्षद गुण सुनीता दरबारी किरण जयसवाल राजू शुक्ला कुसुम लता गुप्ता नीरज गुप्ता सुनीता चोपड़ा रणविजय सिंह डब्बू मयंक यादव सुरेन्द्र यादव सियाराम मौर्य आशीष गुप्ता अशोक सिंह राकेश बहादुर सिंह लल्ले सिंह गिरी शंकर प्रभाकर वरुण केसरवानी अपूर्वा चन्द्रा गौरव गुप्ता बीरू सोनकर आभा मधुर गिरीजेश मिश्रा राजन शुक्ला विवेक अग्रवाल हरीश केसरवानी अमर सिंह हिमालय सोनकर अरुण चौहान अमित गुप्ता विजय सिंह रोहित विश्वकर्मा मनोज मिश्रा रॉबिन साहू जयवर्धने त्रिपाठी मुकेश जोशी राजेश मिश्रा आदि पार्टी के सैकड़ो कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिकगण उपस्थित रहे।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मंगलवार को माघ मेलाधिकारी ऋषिराज के साथ मेला क्षेत्र का भ्रमण करते हुए मेले की बसावट हेतु की जा रही तैयारियो का जायजा लिया तथा सम्बंधित अधिकारियो को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए है। जिलाधिकारी ने आचार्य बाड़ा दण्डीबाड़ा खाकचौक सहित अन्य क्षेत्रो एवं ओल्ड जीटी मार्ग का निरीक्षण किया और वहां पर चल रहे समतलीकरण सड़क बनाने हेतु चकर्ड प्लेट बिछाने विद्युतीकरण पेयजल आपूर्ति व सीवर लाइन बिछाने का कार्य विद्युत विभाग की एचटी व एलटी लाइन खीचने का कार्य एवं घाटो के निर्माण एवं उनके कटाव निरोधक कार्य का स्थलीय निरीक्षण कर कार्यो की भौतिक प्रगति का जायजा लिया।उन्होने पीडब्लूडी विद्युत जल निगम स्वास्थ्य विभाग के सम्बंधित अधिकारियो को मैनपॉवर शिफ्ट व आवश्यक संसाधन बढ़ाकर कार्य की प्रगति में तेजी लाये जाने एवं सभी व्यवस्थाये शीघ्रता से सुनिश्चित कराये जाने के निर्देश दिए है।तत्पश्चात जिलाधिकारी ने नागवासुकी मंदिर के सामने नाले के पानी की जिओट्यूब के माध्यम से शोधन हेतु की जा रही व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए कार्यों को शीघ्रता से पूर्ण कराये जाने निर्देश दिए है।इस अवसर पर डीसीपी टैफिक नीरज कुमार पाण्डेय अपर मेलाधिकारी दयानंद प्रसाद उपजिलाधिकारी विवेक शुक्ला अभिनव पाठक अधिशासी अभियन्ता पीडब्लूडी सुरेन्द्र कुमार अधिशासी अभियंता जल निगम आशुतोष सहित अन्य सम्बंधित विभागो के अधिकारीगण उपस्थित रहे।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।यमुनानगर अन्तर्गत कौंधियारा क्षेत्र के बाल विद्या मंदिर इंटर कालेज करमा में विद्यार्थियों के भीतर वैज्ञानिक दृष्टिकोण नवाचार और रचनात्मक क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं कला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया।प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओ विशेषकर छात्राओं ने विज्ञान व कला से जुड़े आकर्षक और ज्ञानवर्धक मॉडलों के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रभावी प्रदर्शन किया।कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि भारतीय मौसम विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक आकाश मिश्र ने किया।प्रदर्शनी में एआई रोबोट इलेक्ट्रोलिसिस ऑफ वाटर माइक्रोस्कोप सिंधु घाटी सभ्यता भारतीय त्योहार ज्वालामुखी मानव नेत्र जल शुद्धिकरण प्रणाली प्रकाश संश्लेषण सोलर सिस्टम और रक्त परिसंचरण तंत्र जैसे विषयों पर आधारित मॉडल प्रस्तुत किए गए।विद्यार्थियो ने मॉडलों की कार्यप्रणाली और वैज्ञानिक महत्व को सरल भाषा में समझाया जिसे देखकर अतिथि व अभिभावक काफी प्रभावित हुए।निरीक्षण के दौरान मुख्य अतिथि आकाश मिश्र ने कहा कि इस तरह की गतिविधियां बच्चों में वैज्ञानिक सोच जिज्ञासा और नवाचार को बढ़ाती है।मॉडल आधारित शिक्षा से बच्चों की व्यावहारिक समझ मजबूत होती है और उनमें आत्मविश्वास का विकास होता है।इस अवसर पर इंदिरा गांधी इण्टर कॉलेज के प्रधानाचार्य अमित पाण्डेय ने कहा कि आज का युग विज्ञान और तकनीक का युग है तथा भारतीय वैज्ञानिको ने विश्व पटल पर देश का नाम रोशन किया है।विद्यालय की प्रधानाचार्या सबा खान ने कहा कि विज्ञान व कला गतिविधियां बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक है।विद्यालय के प्रबंधक पीके त्रिपाठी ने कहा कि विद्यालय व्यवहारिक और नवाचारी शिक्षा के लिए निरन्तर प्रयासरत है।प्रदर्शनी में शाहिदा किरमानी सुमन विकास यादव सोहा आफरीदा आमिल वसुधा एसके विंद सहित विद्यालय परिवार के सदस्य उपस्थित रहे।
महिला शिक्षिका को सुदूर स्कूल पर संबद्ध करने को लेकर शिक्षिकाओं में आक्रोश
मीरजापुर। पतंजलि युवा भारत एवं विंध्य योग सेवा धाम के संयुक्त तत्वाधान में नगर के कजरहवा पोखरा स्थित सेंट जोसेफ स्कूल में चल रहे तीन दिवसीय निउशुल्क बाल योग संस्कारशाला के समापन अवसर पर राष्ट्रीय योगासन जज योग गुरु योगी ज्वाला सिंह ने बच्चों को प्राणायाम और का विशेष का अभ्यास कराते हुए उनसे होने वाले लाभ के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। योग गुरु ने बच्चों को भस्त्रिका प्राणायाम का अभ्यास कराते हुए कहा इसका अभ्यास करने से मनुष्य के समस्त कफ रोग, सांस रोक, दमा रोग, अस्थमा रोग जैसी समस्याओं का समाधान होता है और साथ ही उनका अतः करण पवित्र होता है। इसके साथ ही उन्होंने बच्चों को कपालभारती, अनुलोम विलोम उज्जाई भ्रामरी एवं उद्दगीत आदि प्राणायाम के साथ विभिन्न योगासनों का अभ्यास कराते हुए उनके लाभ के बारे जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्य महिला केंद्रीय प्रभारी संगीता व्यास ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले तीन दिनों में जो भी योग प्राणायाम आसन और ध्यान का अभ्यास आप सभी को कराया गया आप उसे सभी से अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और अपने जीवन को पूर्ण रूप से स्वस्थ एवं निरोग बनाएं क्योंकि योग ही स्वस्थ जीवन का उपाय है दूसरा कोई नहीं। कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रबंधक रतन जॉनसन ने योग की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहां कि योग ही जीवन का एक आधार है , जो कि मानव को मानवीय गुणों से परिचित कराते हुए उन्हें मनुजता का बोध करा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने योग गुरुओं को अंगवस्त्र भेंट कर उनका स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जिला प्रभारी युवा भारत प्रवीण मौर्या ने अपने कुशल संचालन में कार्यक्रम को भव्य तरीके से सम्पन्न कराया। योग संस्कारशाला कार्यक्रम में किरण पांडे, प्रीति श्रीवास्तव, मुकेश मिश्रा, ममता यादव, डिंपल पाल, प्रीति गुप्ता, प्रिया श्रीवास्तव, सर्वजीत यादव, शबाना अख्तर के साथ साथ बच्चों में प्रतीक्षा, शिवम, दीपांशु, भावना, शालिनी, संस्कृति संस्कार काव्या विधि, प्रियल, शिवांशी, वैष्णवी, राजलक्ष्मी, अदिति, शिवानी, वेद, आर्यन, रितिका संग आदि बच्चों ने समापन सत्र में हिस्सा लिया।
हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र के सांसद मनीष जायसवाल द्वारा शुरू किए गए महत्वाकांक्षी "सांसद तीर्थ दर्शन" महाअभियान के तहत तीर्थयात्रियों का 33 वां जत्था बुधवार को सदर विधानसभा क्षेत्र के सदर प्रखंड के लाखे वार्ड 10 से धूमधाम से रवाना हुआ। इस पुनीत कार्य से सांसद मनीष जायसवाल के प्रयास को जबरदस्त समर्थन मिला और यहां आस्था का विशाल जन सैलाब उमड़ा। लोगों ने बड़े ही उत्साह और उमंग के साथ तीर्थ यात्रियों के रवानगी के अवसर पर उनके साथ कदमताल करते हुए भक्तिभाव से नगर में पदयात्रा निकाला और स्थानीय देवी मंडप में आशीर्वाद लेकर तीर्थ यात्रियों के कुशलता की कामना के साथ उन्हें चार धाम यात्रा के लिए रवाना किया। इस यात्रा को लेकर तीर्थयात्रियों में भी जबरदस्त उत्साह देखा गया।
-यूजीसी के मानक अनुसार ओन्ली पीएचडी अभ्यर्थी को भी साक्षात्कार के लिए अवसर देने की मांग की।
*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*
7 hours ago
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