सीएम योगी ने ‘जनता दर्शन’ में सुनी फरियादियों की समस्याएं, अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने नियमित ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से उनके प्रार्थना पत्र स्वयं प्राप्त किए और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर शिकायत का समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी

जनता दर्शन के दौरान एक पीएसी के सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी। मुख्यमंत्री ने उसका प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारी को सौंपते हुए मामले के उचित व शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों से जुड़े कर्मियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।

धान खरीद में लापरवाही पर सख्त रुख

शाहजहांपुर से आए एक किसान ने धान खरीद केंद्रों पर हो रही लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री से की। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वे क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि धान लेकर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रयागराज के मामलों पर भी संज्ञान

जनता दर्शन में प्रयागराज से भी कई फरियादी अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संबंधित मामलों में प्रयागराज के जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का गहन परीक्षण कर शीघ्र समाधान कराया जाए, ताकि आमजन का सरकार पर विश्वास और मजबूत हो।

“हर जरूरतमंद की सेवा सरकार का लक्ष्य”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जरूरतमंद की सेवा ही सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से ही जनता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। बीते साढ़े आठ वर्षों से जनता की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में आए लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी हर समस्या का उचित और प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बच्चों से मिले मुख्यमंत्री, दिया आशीर्वाद

जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिभावकों के साथ आए बच्चों से भी आत्मीय मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से उनके नाम पूछे, उन्हें चॉकलेट दी और मन लगाकर पढ़ाई करने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद भी दिया।
Mirzapur: बिना विवाह के फर्जी खाते में दिलाये गये हितलाभ योजना का लाभ
भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी कार्रवाई से कतरा रहे हैं अधिकारी

श्रम विभाग मीरजापुर के भ्रष्टाचार की फाईलों पर कब हटेगी धूल की परतें



मीरजापुर। श्रम विभाग मीरजापुर में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला ज़ोर पकड़ा जा रहा है। सोमवार को श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में किए गए लाखों के भ्रष्टाचार घोटाले में संलिप्त अधिकारियों कर्मचारियों एवं बिचौलियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मीरजापुर के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह गहरवार ने जिलाधिकारी पंकज कुमार गंगवार को पत्रक सौंपा है। जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि श्रम विभाग मीरजापुर कार्यालय से कुछ असंगठित गिरोह, बिचौलिए द्वारा अपने निजी लाभ के लिए दुरभिसंधि कर निर्माण श्रमिको, मजदूरों एवं सीधे-साधे लोगों को लुभावना प्रस्ताव देकर अपने जाल में फसातें हैं। फंसाने के बाद उनके बैंक खाते, आधार कार्ड व व्यक्तिगत दस्तावेज लेकर उनका दुरूपयोग करते हुए जान बूझकर कूटरचित दस्तावेज जैसे, बिना शिशु के जन्मे, सरकारी अस्पताल का जन्म प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर नकल तथा बिना प्रसव के ही सरकारी अस्पताल का प्रसव प्रमाण पत्र सहित आंगनबाड़ी कार्य कत्रियों का फर्जी सत्यापन एवं प्रमाण पत्र तैयार कर कराकर निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित, श्रम विभाग की योजनाएं मसलन, मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना तथा पुत्री विवाह अनुदान योजना में लाभ दिलाया गया है, जो बिना श्रम विभाग के जांचकर्ता, सत्यापन अधिकारी से सांठ-गांठ किए संभव प्रतीत नहीं होता।

उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि कार्यालय उप श्रमायुक्त, उप्र, मिर्जापुर क्षेत्र, पिपरी सोनभद्र पंकज सिंह राणा की रिपोर्ट  कार्यालय आदेश पत्र संख्या 992-98 एमआर. पिप भ.नि., (जांच) - 2024 01 मई 2024 संलग्न है, रिपोर्ट के अनुसार 12 आवेदनों की जांच में सभी 12 फर्जी पाये गये जिसमें कूट रचित कागजाज के आधार पर 11 के खाते में फर्जी लाभ लिये दिये गये थे। जांचकर्ता अधिकारी, उप श्रमायुक्त राणा ने भी अपने जांच, आदेश में उक्त लाभार्थियों तथा कूट रचित दस्तावेज तैयार करने वाले अज्ञात के विरूद्ध तत्कालिन भादवि की धारा-120 बी, 192, 197, 420, 464, 467, 468 तथा 471 तथा अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराये जाने का आदेश तत्कालिन सहायक श्रमायुक्त मीरजापुर सुविज्ञ सिंह को दिया था, जो शायद इसलिए नहीं कराया गया कि विभाग के लोग बुरी तरह फंस सकतें हैं।हालांकि इस प्रकरण में आदेश उपरान्त श्रम विभाग मीरजापुर द्वारा 10 खातेदारों के नाम से रूपए. 05'14,416- की वसूली की कार्यवाही की गयी है।

इस प्रकरण में गोपालपुर के ग्राम प्रधान व जांच अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी का भी जिक्र किया गया है। जांच रिपोर्ट में यह अपने आप में स्पष्ट है कि गोपालपुर, विंध्याचल प्रकरण में लाभ गलत तरीके से लिए गये थे जिसमें जांच अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग किया है।

*बिना विवाह के बांट दिया हितलाभ योजना*

उक्त अधिकारी ने अपने स्थलीय जांच में फर्जी आवेदन गीता देवी पत्नी भजन निषाद में जानबुझकर रेनु गुप्ता को भजन निषाद की पुत्री माना और निजी लाभ देखते हुए अपने स्थलीय जांच रिपोर्ट में सत्यापन कर कन्या विवाह सहायता योजना का हितलाम बैंक खाते में भेजने की संस्तुती की, जबकि वास्तव में आवेदक को रेनु नाम की कोई पुत्री है ही नहीं तथा जांच के समय भजन निषाद की सबसे बड़ी पुत्री की आयु लगभग 14 वर्ष थी अर्थात बिना विवाह के फर्जी खाते में हितलाभ दिलाये गये। मज़े कि बात है कि सत्यापन कर्ता, जांच अधिकारी कौशलेन्द्र कुमार सिंह ने ज्यादातर मामले की स्थलीय जांच की है बावजूद इसके लाभ देने की संस्तुति की।

गौरतलब हो कि इस संबंध में श्रम विभाग की सचिव, बोर्ड श्रीमती पूजा यादव उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, लखनऊ ने 10 सितंबर 2025 को मीरजापुर में कार्यरत विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से लाभ लिए जाने सम्बन्धी शिकायती प्रकरणों की जांच के सम्बन्ध में व अन्य में अपर, उप श्रमायुक्त वाराणसी क्षेत्र, धर्मेन्द्र कुमार सिंह के 05 जून 2025 के जांच रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मामले में 9 सदस्यीय टीम गठित की थी।

उक्त जांच रिपोर्ट के अनुसार 105 आवेदनों की जांच की गयी थी जिसमें, 90 आवेदन फर्जी पाये गये, कि रिपोर्ट श्रम आयुक्त उप्र कार्यालय कानपुर को तथा वहीं से यूपीबीओसी बोर्ड को प्रस्तुत की गयी। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि 90 आवेदको के खाते में फर्जी तरीके से हितलाभ की धनराशि भेजे गये हैं।

*फर्जी दस्तावेज लगाकर लिया गया लाभ*

विश्वसनीय जानकारी मिली है कि कुछ को छोड़कर अनेक आवेदनों में बिचौलियों की मदद से कूटरचित दस्तावेज, जिसमें सरकारी अस्पताल का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, फर्जी परिवार रजिस्टर नकल, फर्जी प्रसव प्रमाण पत्र सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा जारी की जाने वाली सत्यापन एवं प्रमाण पत्र आदि भी फर्जी लगाकर मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना का लाभ बैंक खाते में लिया, दिलाया गया है, जो एक संगीन अपराध है। इस प्रकार कूटरचित दस्तावेत के चलते निर्माण श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा संचालित करोड़ो रूपये के बोर्ड के बजट जो श्रमिकों के खुन पसीने के कमाई की है को मिर्जापुर श्रम विभाग द्वारा बंदरबॉट कर दिया गया है जो पात्र निर्माण श्रमिकों के साथ घोर अन्याय है।

  राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मीरजापुर के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह गहरवार ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि श्रम विभाग में कूटरचित सरकारी दस्तावेज का दुरूपयोग कर सरकारी योजना में धनलाभ लेने व दिलाने वाले जैसे गंभीर मामले को देखते हुए सर्व प्रथम प्राथमिकी दर्ज कर मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराकर ज्ञात-अज्ञात अधिकारी, कर्मचारी एवं बिचौलिए व दोषी आवेदको के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध व वैद्यानिक कार्यवाही करने का आदेश देने की महति कृपा करें।
देश के प्रति सरदार पटेल की सेवाएं व योगदान बना चिरस्मरणीय अध्याय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आधुनिक भारत के शिल्पकार और भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को स्मरण किया।
सीएम योगी ने सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरदार पटेल का यशस्वी नेतृत्व देश को और लंबे समय तक मिल सकता था, लेकिन 15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर जवाब दे गया। यह देश का दुर्भाग्य रहा, लेकिन उनकी स्मृतियां, सेवाएं और योगदान आज भी राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भारत उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पी के रूप में सदैव स्मरण करता रहेगा।
किसान परिवार से राष्ट्रनिर्माता बनने तक का सफर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका उद्देश्य केवल आजीविका अर्जित करना या विदेशी हुकूमत की नौकरी करना नहीं था, बल्कि अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को भारत माता की सेवा में समर्पित करना था।
कई बार जेल की यातनाएं सहीं
उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और कई बार जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन कभी भी आंदोलन से विचलित नहीं हुए। आजादी के समय उन्होंने भारत के विभाजन का पुरजोर विरोध किया और राष्ट्रीय एकता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ खड़े रहे।
567 रियासतों का एकीकरण सरदार पटेल की ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती 567 रियासतों को एक सूत्र में पिरोना थी। अंग्रेजों द्वारा लागू की गई ‘टू नेशन थ्योरी’ के तहत देसी रियासतों को यह विकल्प दिया गया था कि वे भारत, पाकिस्तान या स्वतंत्र अस्तित्व चुन सकती हैं। अधिकांश रियासतें भारत में शामिल हो गईं, लेकिन जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल होने को तैयार नहीं थे।

हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया

सरदार पटेल की अद्भुत सूझबूझ और निर्णायक नेतृत्व के कारण रक्तहीन क्रांति के माध्यम से जूनागढ़ और हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया गया। परिणामस्वरूप नवाब और निजाम को देश छोड़कर भागना पड़ा। यह भारत की एकता और अखंडता की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।
कश्मीर मुद्दे पर भी रखा दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर आजादी के समय असमंजस की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों में कश्मीर का विषय था, जिसके कारण यह क्षेत्र लंबे समय तक विवादों में उलझा रहा और देश को उग्रवाद व अलगाववाद का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्होंने लौहपुरुष सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए धारा 370 समाप्त कर ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को मजबूत किया और कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया।
प्रशासनिक ढांचे और सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार में योगदान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार, देश के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और भारतीय प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रहित में लिए गए उनके निर्णय आज भी शासन-प्रशासन के लिए मार्गदर्शक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहपुरुष सरदार पटेल का जीवन हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है और देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा।
कई वरिष्ठ नेता रहे उपस्थित
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
बोरीवली में की गई आर्य समाज की स्थापना
मुंबई । बोरीवली शहर के गोविंद अपार्टमेंट में आर्य समाज की स्थापना स्वामी योगानंद सरस्वती की अध्यक्षता में की गई। पं. विजयपाल शास्त्री आयोजित यज्ञ के ब्रह्मा थे तथा उक्त अवसर पर मुंबई के सभी आर्य समाजों के प्रधान मौजूद थे। आर्य प्रतिनिधि सभा मुंबई के अध्यक्ष हरीश आर्य ने कहा कि आने वाले दिनों में आर्य समाज बोरीवली बहुत तेजी से विकास करेगा। समाज के महामंत्री पं. प्रभारंजन पाठक ने बताया कि बोरीवली में आर्य समाज की स्थापना कोई नई स्थापना नहीं, बल्कि यह महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों का विस्तार है। मुख्य वक्ता डॉ. जितेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि विद्वता को मात्र मंच - माइक तक सीमित नहीं रहना चाहिए, इसे व्यावहारिक धरातल पर उतरना जरूरी है। आर्य समाज वाशी से पधारे विद्वान पं. विजयपाल शास्त्री ने नए आर्यसमाज की स्थापना को जरूरी बताया। इस अवसर पर स्वामी यज्ञ मुनि, पवन अबरोल, अरविंद  पटेल, विश्वभूषण आर्य, स्वामी योगानंद सरस्वती, जया पटेल, अक्षय मानकटाला आदि आर्य विद्वानों ने सभा को संबोधित किया। कवि कल्पेश आर्य की कविता और अभिषेक आर्य के गायन ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। संगठन सूक्त और शांति पाठ से स्थापना दिवस का समापन किया गया।अंत में सभा के प्रधान आनंद अग्रवाल ने आमंत्रित अतिथियों का आभार माना।
गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से भव्य भगवा रैली का आयोजन


बहसुमा।मेरठ।गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आज  14 दिसंबर 2025 को रामराज क्षेत्र में एक विशाल जनरैली का आयोजन किया गया। यह रैली बड़े उत्साह, अनुशासन और सामाजिक समरसता के साथ संपन्न हुई। कार्यक्रम का आयोजन प्रदीप भाई एवं अभी भाई के नेतृत्व में किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों की उल्लेखनीय सहभागिता देखने को मिली।

रैली रामराज से मालीपुर और विभिन्न मार्गो से होती हुई फिटकरी गौशाला तक संपन्न हुई गौ संरक्षण, गौ संवर्धन और गौ माता के सम्मान को लेकर जोरदार नारे लगाए गए। वक्ताओं ने कहा कि गौ माता भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की आधारशिला हैं, अतः उन्हें राष्ट्र माता का सम्मान मिलना चाहिए। इस अवसर पर समाज के लोगों से गौ सेवा और संरक्षण के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया गया।

मुख्य रैली में दक्ष चौधरी, बबलू पंडित, अभिषेक ठाकुर, गौरव सिंह, विशाल राठी, गौरव राजपूत, बिट्टू चौहान, अक्षत चौधरी, अमित चौधरी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। वहीं शक्ति गौ सेवा टीम, रामराज के कार्यकर्ताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।

रैली के दौरान शांति व्यवस्था बनी रही और आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
मदरसा दारुल इरफान में बच्चों को पिलाई गई पोलियो ड्रॉप
जौनपुर। नगर क्षेत्र स्थित मदरसा दारुल इरफान बोदकरपुर में पल्स पोलियो जागरूकता अभियान के तहत बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई गई। साथ ही बच्चों द्वारा रैली निकाल कर लोगों को जागरूक किया गया। रैली मोहल्ला बोदकरपुर से होते हुए रसूलाबाद, ईशापुर आदि चौराहे तक निकाली गयी। कार्यक्रम में मदरसा के प्रधानाचार्य मु. मुर्तजा हसन एवं समस्त स्टाफ मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जौनपुर सदर के डिप्टी सी.एम.ओ. नरेन्द्र सिंह के साथ सीमा गुप्ता (यूनिसेफ बीएमसी) डा. आदित्यनाथ (यूपीएचसी) प्रभारी चिकित्साधिकारी अनुप द्विवेदी आदि मौजूद रहे। इस मौके पर मदरसा के प्रधानाचार्य मु. मुर्तजा हसन ने चिकित्सा टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अल्ताफुर्रहमान, ज़काउल्लाह, शाहीन आरा, हाफिज नुरुलहुदा, अब्दुल्लाह, मो. सरफराज, नाजिया खलीक, परवीन अंसारी, समीउल्लाह फलाही, सिबगतुल्लाह शीबू, मो. अकबर, शमशाद अहमद, परवेज अहमद, अब्दुर्रहीम आदि उपस्थित रहे।
दिल्ली शंखनाद महोत्सव: सामरिक नीति पर मंथन और 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक जवाब देने की मांग

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बोले- विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर; ‘रॉ’ के पूर्व अधिकारी ने देश के भीतर के ‘पाकिस्तान’ पर चिंता जताई

नई दिल्ली: 'सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन' और 'सनातन संस्था' द्वारा आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' में 15 दिसंबर 2025 को भारत की सामरिक नीति और सांस्कृतिक उत्थान पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

1. डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता)

'विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर' विषय पर बोलते हुए डॉ. त्रिवेदी ने वैश्विक स्तर पर सनातन मूल्यों की बढ़ती स्वीकृति पर प्रकाश डाला:

वैश्विक स्वीकृति: उन्होंने कहा कि जो लोग कभी सनातन संस्कृति की आलोचना करते थे, वे आज उसके मूल्यों को अपना रहे हैं (जैसे रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती और चाय-कॉफी के बजाय हर्बल टी)।

योग दिवस और कुंभ: उन्होंने बताया कि 177 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का समर्थन किया और यूरोपीय देशों के लाखों नागरिक अब कुंभ मेले में सम्मिलित होने आते हैं।

स्वाभाविक परिवर्तन: उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परिवर्तन बिना किसी पर आक्रमण किए स्वाभाविक रूप से हो रहा है, जो सनातन संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का द्योतक है।

2. 'रणसंवाद – भारत की सामरिक नीति' सत्र

'रॉ' के पूर्व अधिकारी कर्नल आर.एस.एन. सिंह सहित कई सैन्य विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों पर मंथन किया:

कर्नल आर.एस.एन. सिंह (पूर्व ‘रॉ’ अधिकारी):

आंतरिक सुरक्षा: उन्होंने चिंता जताई कि 'हमारे देश में एक अंदरूनी पाकिस्तान भी मौजूद है।'

वैचारिक युद्ध: उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के विरुद्ध 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन देश के भीतर के पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? उन्होंने 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक उत्तर देने के लिए वैचारिक युद्ध शुरू करने की आवश्यकता बताई।

विंग कमांडर विनायक डावरे:

नैरेटिव की लड़ाई: उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, परंतु हम 'नैरेटिव की लड़ाई' हार गए। उन्होंने भारत को अपनी सफलताओं का सही प्रचार कर देश की छवि मजबूत करने का आह्वान किया।

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) संजय अग्रवाल:

ऐतिहासिक जीत को पहचानें: उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन 1967 के युद्ध में भारत ने चीन को पराजित किया था, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

लक्ष्य निर्धारण: उन्होंने कहा कि भारत अपनी शक्ति को पहचाने, इसके लिए ऐसे महोत्सवों की आवश्यकता है, और देश को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

3. कश्मीरी हिंदू और हिंदूफोबिया पर चिंता

श्री राहुल कौल (अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर):

नरसंहार की उपेक्षा: उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, यह बात सरकारें आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने पर्यटन से आतंकवाद रुकने के भ्रम में न रहने की सलाह दी और 16 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले विशेष अभियान के लिए देश के सभी हिंदुओं के सहयोग की मांग की।

श्री अशोक श्रीवास्तव (संपादक, दूरदर्शन न्यूज़):

हिंदूफोबिया: उन्होंने कहा कि जब कुछ राजनीतिक नेता हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया, एड्स कहते हैं, तब मीडिया चुप रहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस्लामोफोबिया की चर्चा हो रही है, लेकिन वास्तव में हिंदूफोबिया बहुत बड़े स्तर पर है।

रिपोर्ट: उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार भारत में दिसंबर 2025 के पहले 11 दिनों में केवल हिंदू होने के कारण हिंदुओं को परेशान किए जाने की 104 घटनाएँ हुई हैं।

अब सवर्ण समाज संगठित हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण भोपाल आंदोलन है :कविता तिवारी

लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत की राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने समाचार पत्र से बातचीत में I AS संतोष वर्मा के विषय में बात करते हुए कहा कि वह दिन लद गए कोई भी ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी करके निकल जाता था आज ब्राह्मण समाज जाग चुका है सवर्ण समाज के साथ मिलकर अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है अब ब्राह्मण संगठित हो चुका है जिसका जीता जागता हुआ उदाहरण भोपाल आंदोलन है
मध्यप्रदेश सरकार संतोष के लिए जिस प्रकार लीपापोती कर रही है उसका जवाब सरकार को देना ही होगा।
ब्राह्मण समाज इस लीपापोती वाले कार्रवाई से सन्तुष्ट होने वाला नहीं है भोपाल आंदोलन के दौरान ब्राह्मण समाज हो या सवर्ण समाज दोनों मध्यप्रदेश सरकार से असंतुष्ट हो गए हैं क्योंकि लोग शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे थे मगर मध्यप्रदेश सरकार ने धूर्तता दिखाते हुए लाठीचार्ज, वाटरकैनन का इस्तेमाल एवं सामाजिक संगठन के लोगों गिरफ्तार भी किया है जो कि सरासर अनुचित है 
मध्यप्रदेश सरकार की जवाब देना ही होगा। सरकार को संतोष वर्मा को जब जेल नहीं भेजा जाएगा तब चुप बैठने वाला नहीं है। अभी तो अपनी बातें शांतिपूर्वक कहीं गई है किंतु अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो ब्राह्मण समाज, सवर्ण समाज उग्र प्रदर्शन को मजबूर हो जाएगा।
ब्राह्मण समाज को अब पहले जैसा शांत समझने की भूल कतई न करें।
सरकार को भलीभांति विदित होना चाहिए कि ब्राह्मण समाज वह समाज है जिसने हमेशा समाज का नेतृत्व करते हुए सरकार को भी दिशा प्रदान किया है सरकार किसी कि भी सदैव ब्राह्मण समाज ने दिशा प्रदान की है इसलिए ब्राह्मण की को समझे सरकार और जिस तरह अन्य समाज के हित में कार्य कर रही है वैसे ही ब्राह्मण समाज के भी कार्य करे इसी में भलाई है अन्यथा परिणाम भुगतने के तैयार।
बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान, 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली

लखनऊ । बिजली क्षेत्र में निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 के खिलाफ देशव्यापी संयुक्त आंदोलन का ऐलान कर दिया गया है। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPF) के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।

दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी

इस आंदोलन के तहत 18 मार्च 2026 को दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।इस संबंध में 14 दिसंबर  को बी.टी. रणदीवे भवन, नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE), केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिस्सा लिया।

निजीकरण और स्मार्ट मीटरिंग पर गहरी चिंता

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक का मुख्य फोकस बिजली के निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 पर रहा। नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के निजीकरण के लिए बीते एक साल से किए जा रहे प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई।बैठक में यह भी आशंका जताई गई कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में संशोधन से जुड़े बिल पेश कर सकती है, जिसे लेकर संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

सरकार के सामने रखी गई प्रमुख मांगें

बैठक में केंद्र सरकार के समक्ष सर्वसम्मति से कई अहम मांगें रखी गईं, जिनमें—
ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को तत्काल वापस लिया जाए।
परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को तुरंत वापस किया जाए।
देशभर में प्रीपेड स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण में लागू सभी निजीकरण व फ्रैंचाइजी मॉडल (चंडीगढ़, दिल्ली और ओडिशा सहित) समाप्त किए जाएं।
उत्तर प्रदेश में PVVNL और DVVNL के निजीकरण के प्रयासों को तुरंत रोका जाए।
क्रॉस-सब्सिडी और सार्वभौमिक सेवा दायित्व को बनाए रखा जाए तथा किसानों व सभी उपभोक्ता वर्गों के बिजली के अधिकार की रक्षा की जाए।
देशभर में बिजली टैरिफ कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

संशोधन बिल आए तो देशव्यापी विरोध

एनसीसीओईईई, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि परमाणु ऊर्जा से जुड़े संशोधन बिल संसद में पेश किए जाते हैं, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ जनवरी और फरवरी 2026 में पूरे देश में विशाल सम्मेलन और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

हड़ताल की चेतावनी

शैलेंद्र दुबे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन सभी आंदोलनों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश में निजीकरण के प्रयासों को वापस नहीं लेतीं और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को निरस्त नहीं किया जाता, तो बिजली कर्मचारी और इंजीनियर राष्ट्रव्यापी सेक्टरल हड़ताल करने को मजबूर होंगे।

बैठक में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी

बैठक की अध्यक्षता डॉ. दर्शनपाल सिंह, मोहन शर्मा और विद्या सागर गिरी ने की। इसमें एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे, एआईएफओपीडीई के महासचिव अभिमन्यु धनकड़, एआईएफईई के महासचिव मोहन शर्मा, ईईएफआई के महासचिव सुदीप दत्ता सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वहीं, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—एआईटीयूसी, आईएनटीयूसी, सीआईटीयू, एचएमएस, एआईटीयूटीयूसी—और किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच व्यापक एकता स्थापित कर देश में बिजली के अधिकार और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करना बताया गया।
धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर में लगी भीषण आग, कोयले के शोपीस से उठीं लपटें

पार्किंग एरिया में बने कोयले के स्टैचू में लगी आग; घंटों मशक्कत के बाद दमकल ने पाया काबू

धनबाद: धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर के मुख्य द्वार के बाहर पार्किंग एरिया में रेलवे के एक शोपीस (कोयले के स्टैचू) के पास आज अचानक भीषण आग लग गई। इस घटना से मौके पर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि घटना के समय स्टेशन के बाहर काफी भीड़ थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि आग की इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

आग की भयावहता और काबू पाने की चुनौती

स्टैचू में आग: स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने पार्किंग एरिया की तरफ एक कोयले का स्टैचू बनाया गया है, जिसे चारों तरफ ग्रिल से घेराबंदी की गई है। अचानक इसी स्टैचू में आग लग गई, जो इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते आग की लपटें ऊपर उठने लगीं।

मदद और संघर्ष: आग बुझाने के लिए रेलवे कर्मचारी, रेल पुलिस के जवान और पार्किंग एरिया में मौजूद लोग मौके पर पहुंचे। शुरुआती दौर में आग बुझाने के लिए वहां पानी के इंतजाम नहीं थे। लोगों ने स्टेशन गेट के पास रखी बालू से भरी बाल्टी लाकर आग बुझाने की कोशिश की।

काबू: थोड़ी देर बाद दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची और घंटों मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।

आग लगने का कारण

थर्मोकोल का उपयोग: अग्निशमन पदाधिकारी ने प्रारंभिक जांच में बताया कि कोयले की अनुकृति (स्टैचू) बनाने में थर्मोकोल और अन्य ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो आग के संपर्क में आते ही तेजी से धधक उठी।

आशंका: आशंका जताई जा रही है कि सिगरेट या कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ स्टैचू एरिया में फेंक दिया गया होगा, जिससे यह आग लगी।

दमकल कर्मी का बयान: दमकल कर्मी श्रीकांत उपाध्याय ने बताया कि सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन आग कैसे लगी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।

सीएम योगी ने ‘जनता दर्शन’ में सुनी फरियादियों की समस्याएं, अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को अपने नियमित ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम के तहत प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए फरियादियों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से उनके प्रार्थना पत्र स्वयं प्राप्त किए और संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि हर शिकायत का समयबद्ध, निष्पक्ष और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए।

सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी

जनता दर्शन के दौरान एक पीएसी के सिपाही ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी समस्या रखी। मुख्यमंत्री ने उसका प्रार्थना पत्र संबंधित अधिकारी को सौंपते हुए मामले के उचित व शीघ्र निस्तारण का निर्देश दिया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों से जुड़े कर्मियों की समस्याओं का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाना चाहिए।

धान खरीद में लापरवाही पर सख्त रुख

शाहजहांपुर से आए एक किसान ने धान खरीद केंद्रों पर हो रही लापरवाही की शिकायत मुख्यमंत्री से की। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सरकार अन्नदाता किसानों की समृद्धि के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और किसानों को किसी भी स्तर पर परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने शाहजहांपुर के जिलाधिकारी को निर्देशित किया कि वे क्रय केंद्रों का औचक निरीक्षण करें और यह सुनिश्चित करें कि धान लेकर आने वाले किसानों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रयागराज के मामलों पर भी संज्ञान

जनता दर्शन में प्रयागराज से भी कई फरियादी अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे। मुख्यमंत्री ने संबंधित मामलों में प्रयागराज के जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी शिकायतों का गहन परीक्षण कर शीघ्र समाधान कराया जाए, ताकि आमजन का सरकार पर विश्वास और मजबूत हो।

“हर जरूरतमंद की सेवा सरकार का लक्ष्य”

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हर जरूरतमंद की सेवा ही सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले दिन से ही जनता की सेवा, सुरक्षा और सम्मान के लिए समर्पित होकर कार्य कर रही है। बीते साढ़े आठ वर्षों से जनता की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है।मुख्यमंत्री ने जनता दर्शन में आए लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि उनकी हर समस्या का उचित और प्रभावी निस्तारण कराया जाएगा और किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बच्चों से मिले मुख्यमंत्री, दिया आशीर्वाद

जनता दर्शन के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अभिभावकों के साथ आए बच्चों से भी आत्मीय मुलाकात की। उन्होंने बच्चों से उनके नाम पूछे, उन्हें चॉकलेट दी और मन लगाकर पढ़ाई करने की सीख दी। मुख्यमंत्री ने बच्चों को उज्ज्वल भविष्य के लिए आशीर्वाद भी दिया।
Mirzapur: बिना विवाह के फर्जी खाते में दिलाये गये हितलाभ योजना का लाभ
भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद भी कार्रवाई से कतरा रहे हैं अधिकारी

श्रम विभाग मीरजापुर के भ्रष्टाचार की फाईलों पर कब हटेगी धूल की परतें



मीरजापुर। श्रम विभाग मीरजापुर में व्याप्त भ्रष्टाचार का मामला ज़ोर पकड़ा जा रहा है। सोमवार को श्रम विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं में किए गए लाखों के भ्रष्टाचार घोटाले में संलिप्त अधिकारियों कर्मचारियों एवं बिचौलियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की मांग को लेकर श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मीरजापुर के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह गहरवार ने जिलाधिकारी पंकज कुमार गंगवार को पत्रक सौंपा है। जिलाधिकारी को सौंपे गए ज्ञापन में बताया गया है कि श्रम विभाग मीरजापुर कार्यालय से कुछ असंगठित गिरोह, बिचौलिए द्वारा अपने निजी लाभ के लिए दुरभिसंधि कर निर्माण श्रमिको, मजदूरों एवं सीधे-साधे लोगों को लुभावना प्रस्ताव देकर अपने जाल में फसातें हैं। फंसाने के बाद उनके बैंक खाते, आधार कार्ड व व्यक्तिगत दस्तावेज लेकर उनका दुरूपयोग करते हुए जान बूझकर कूटरचित दस्तावेज जैसे, बिना शिशु के जन्मे, सरकारी अस्पताल का जन्म प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर नकल तथा बिना प्रसव के ही सरकारी अस्पताल का प्रसव प्रमाण पत्र सहित आंगनबाड़ी कार्य कत्रियों का फर्जी सत्यापन एवं प्रमाण पत्र तैयार कर कराकर निर्माण श्रमिकों के लिए संचालित, श्रम विभाग की योजनाएं मसलन, मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना तथा पुत्री विवाह अनुदान योजना में लाभ दिलाया गया है, जो बिना श्रम विभाग के जांचकर्ता, सत्यापन अधिकारी से सांठ-गांठ किए संभव प्रतीत नहीं होता।

उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि कार्यालय उप श्रमायुक्त, उप्र, मिर्जापुर क्षेत्र, पिपरी सोनभद्र पंकज सिंह राणा की रिपोर्ट  कार्यालय आदेश पत्र संख्या 992-98 एमआर. पिप भ.नि., (जांच) - 2024 01 मई 2024 संलग्न है, रिपोर्ट के अनुसार 12 आवेदनों की जांच में सभी 12 फर्जी पाये गये जिसमें कूट रचित कागजाज के आधार पर 11 के खाते में फर्जी लाभ लिये दिये गये थे। जांचकर्ता अधिकारी, उप श्रमायुक्त राणा ने भी अपने जांच, आदेश में उक्त लाभार्थियों तथा कूट रचित दस्तावेज तैयार करने वाले अज्ञात के विरूद्ध तत्कालिन भादवि की धारा-120 बी, 192, 197, 420, 464, 467, 468 तथा 471 तथा अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कराये जाने का आदेश तत्कालिन सहायक श्रमायुक्त मीरजापुर सुविज्ञ सिंह को दिया था, जो शायद इसलिए नहीं कराया गया कि विभाग के लोग बुरी तरह फंस सकतें हैं।हालांकि इस प्रकरण में आदेश उपरान्त श्रम विभाग मीरजापुर द्वारा 10 खातेदारों के नाम से रूपए. 05'14,416- की वसूली की कार्यवाही की गयी है।

इस प्रकरण में गोपालपुर के ग्राम प्रधान व जांच अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी का भी जिक्र किया गया है। जांच रिपोर्ट में यह अपने आप में स्पष्ट है कि गोपालपुर, विंध्याचल प्रकरण में लाभ गलत तरीके से लिए गये थे जिसमें जांच अधिकारी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी ने अपने पद का दुरूपयोग किया है।

*बिना विवाह के बांट दिया हितलाभ योजना*

उक्त अधिकारी ने अपने स्थलीय जांच में फर्जी आवेदन गीता देवी पत्नी भजन निषाद में जानबुझकर रेनु गुप्ता को भजन निषाद की पुत्री माना और निजी लाभ देखते हुए अपने स्थलीय जांच रिपोर्ट में सत्यापन कर कन्या विवाह सहायता योजना का हितलाम बैंक खाते में भेजने की संस्तुती की, जबकि वास्तव में आवेदक को रेनु नाम की कोई पुत्री है ही नहीं तथा जांच के समय भजन निषाद की सबसे बड़ी पुत्री की आयु लगभग 14 वर्ष थी अर्थात बिना विवाह के फर्जी खाते में हितलाभ दिलाये गये। मज़े कि बात है कि सत्यापन कर्ता, जांच अधिकारी कौशलेन्द्र कुमार सिंह ने ज्यादातर मामले की स्थलीय जांच की है बावजूद इसके लाभ देने की संस्तुति की।

गौरतलब हो कि इस संबंध में श्रम विभाग की सचिव, बोर्ड श्रीमती पूजा यादव उप्र भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण बोर्ड, लखनऊ ने 10 सितंबर 2025 को मीरजापुर में कार्यरत विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों से मिलीभगत कर कूटरचित दस्तावेज के माध्यम से लाभ लिए जाने सम्बन्धी शिकायती प्रकरणों की जांच के सम्बन्ध में व अन्य में अपर, उप श्रमायुक्त वाराणसी क्षेत्र, धर्मेन्द्र कुमार सिंह के 05 जून 2025 के जांच रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मामले में 9 सदस्यीय टीम गठित की थी।

उक्त जांच रिपोर्ट के अनुसार 105 आवेदनों की जांच की गयी थी जिसमें, 90 आवेदन फर्जी पाये गये, कि रिपोर्ट श्रम आयुक्त उप्र कार्यालय कानपुर को तथा वहीं से यूपीबीओसी बोर्ड को प्रस्तुत की गयी। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से उल्लेखित किया गया है कि 90 आवेदको के खाते में फर्जी तरीके से हितलाभ की धनराशि भेजे गये हैं।

*फर्जी दस्तावेज लगाकर लिया गया लाभ*

विश्वसनीय जानकारी मिली है कि कुछ को छोड़कर अनेक आवेदनों में बिचौलियों की मदद से कूटरचित दस्तावेज, जिसमें सरकारी अस्पताल का फर्जी जन्म प्रमाण पत्र, फर्जी परिवार रजिस्टर नकल, फर्जी प्रसव प्रमाण पत्र सहित आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा जारी की जाने वाली सत्यापन एवं प्रमाण पत्र आदि भी फर्जी लगाकर मातृत्व शिशु एवं बालिका मदद योजना का लाभ बैंक खाते में लिया, दिलाया गया है, जो एक संगीन अपराध है। इस प्रकार कूटरचित दस्तावेत के चलते निर्माण श्रमिकों के लिए सरकार द्वारा संचालित करोड़ो रूपये के बोर्ड के बजट जो श्रमिकों के खुन पसीने के कमाई की है को मिर्जापुर श्रम विभाग द्वारा बंदरबॉट कर दिया गया है जो पात्र निर्माण श्रमिकों के साथ घोर अन्याय है।

  राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मीरजापुर के जिलाध्यक्ष दिलीप सिंह गहरवार ने जिलाधिकारी से मांग किया है कि श्रम विभाग में कूटरचित सरकारी दस्तावेज का दुरूपयोग कर सरकारी योजना में धनलाभ लेने व दिलाने वाले जैसे गंभीर मामले को देखते हुए सर्व प्रथम प्राथमिकी दर्ज कर मामले की मजिस्ट्रियल जांच कराकर ज्ञात-अज्ञात अधिकारी, कर्मचारी एवं बिचौलिए व दोषी आवेदको के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराकर दोषी व्यक्तियों के विरूद्ध व वैद्यानिक कार्यवाही करने का आदेश देने की महति कृपा करें।
देश के प्रति सरदार पटेल की सेवाएं व योगदान बना चिरस्मरणीय अध्याय : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आधुनिक भारत के शिल्पकार और भारत रत्न लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की पुण्यतिथि पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके व्यक्तित्व, कृतित्व और राष्ट्र निर्माण में दिए गए अतुलनीय योगदान को स्मरण किया।
सीएम योगी ने सरदार पटेल की पुण्यतिथि पर दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि सरदार पटेल का यशस्वी नेतृत्व देश को और लंबे समय तक मिल सकता था, लेकिन 15 दिसंबर 1950 को उनका नश्वर शरीर जवाब दे गया। यह देश का दुर्भाग्य रहा, लेकिन उनकी स्मृतियां, सेवाएं और योगदान आज भी राष्ट्र के लिए प्रेरणास्रोत हैं। भारत उन्हें आधुनिक भारत के शिल्पी के रूप में सदैव स्मरण करता रहेगा।
किसान परिवार से राष्ट्रनिर्माता बनने तक का सफर
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के करमसद गांव में एक सामान्य किसान परिवार में हुआ था। कठिन परिश्रम के बल पर उन्होंने उच्च शिक्षा प्राप्त की। उनका उद्देश्य केवल आजीविका अर्जित करना या विदेशी हुकूमत की नौकरी करना नहीं था, बल्कि अपनी प्रतिभा और ऊर्जा को भारत माता की सेवा में समर्पित करना था।
कई बार जेल की यातनाएं सहीं
उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और कई बार जेल की यातनाएं सहीं, लेकिन कभी भी आंदोलन से विचलित नहीं हुए। आजादी के समय उन्होंने भारत के विभाजन का पुरजोर विरोध किया और राष्ट्रीय एकता के लिए दृढ़ संकल्प के साथ खड़े रहे।
567 रियासतों का एकीकरण सरदार पटेल की ऐतिहासिक उपलब्धि
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि आजादी के बाद भारत के सामने सबसे बड़ी चुनौती 567 रियासतों को एक सूत्र में पिरोना थी। अंग्रेजों द्वारा लागू की गई ‘टू नेशन थ्योरी’ के तहत देसी रियासतों को यह विकल्प दिया गया था कि वे भारत, पाकिस्तान या स्वतंत्र अस्तित्व चुन सकती हैं। अधिकांश रियासतें भारत में शामिल हो गईं, लेकिन जूनागढ़ का नवाब और हैदराबाद का निजाम भारत गणराज्य में शामिल होने को तैयार नहीं थे।

हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया

सरदार पटेल की अद्भुत सूझबूझ और निर्णायक नेतृत्व के कारण रक्तहीन क्रांति के माध्यम से जूनागढ़ और हैदराबाद को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाया गया। परिणामस्वरूप नवाब और निजाम को देश छोड़कर भागना पड़ा। यह भारत की एकता और अखंडता की दिशा में ऐतिहासिक कदम था।
कश्मीर मुद्दे पर भी रखा दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर को लेकर आजादी के समय असमंजस की स्थिति बनी रही। उन्होंने कहा कि उस समय पंडित जवाहरलाल नेहरू के हाथों में कश्मीर का विषय था, जिसके कारण यह क्षेत्र लंबे समय तक विवादों में उलझा रहा और देश को उग्रवाद व अलगाववाद का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा कि देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभारी है, जिन्होंने लौहपुरुष सरदार पटेल और डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के सपनों को साकार करते हुए धारा 370 समाप्त कर ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को मजबूत किया और कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाया।
प्रशासनिक ढांचे और सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार में योगदान
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि गृहमंत्री के रूप में सरदार पटेल ने सोमनाथ मंदिर के पुनरुद्धार, देश के प्रशासनिक ढांचे को मजबूत करने और भारतीय प्रशासनिक सेवा को वर्तमान स्वरूप देने में अहम भूमिका निभाई। राष्ट्रहित में लिए गए उनके निर्णय आज भी शासन-प्रशासन के लिए मार्गदर्शक हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लौहपुरुष सरदार पटेल का जीवन हर भारतवासी के लिए प्रेरणा है और देश सदैव उनके प्रति कृतज्ञ रहेगा।
कई वरिष्ठ नेता रहे उपस्थित
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, विधान परिषद सदस्य महेंद्र सिंह, अवनीश सिंह, पवन सिंह चौहान, लालजी प्रसाद निर्मल, विधायक ओपी श्रीवास्तव, आशीष सिंह ‘आशु’, भाजपा महानगर अध्यक्ष आनंद द्विवेदी, सरदार पटेल स्मृति समारोह समिति की अध्यक्ष राजेश्वरी देवी पटेल, महासचिव शशांक वर्मा सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
बोरीवली में की गई आर्य समाज की स्थापना
मुंबई । बोरीवली शहर के गोविंद अपार्टमेंट में आर्य समाज की स्थापना स्वामी योगानंद सरस्वती की अध्यक्षता में की गई। पं. विजयपाल शास्त्री आयोजित यज्ञ के ब्रह्मा थे तथा उक्त अवसर पर मुंबई के सभी आर्य समाजों के प्रधान मौजूद थे। आर्य प्रतिनिधि सभा मुंबई के अध्यक्ष हरीश आर्य ने कहा कि आने वाले दिनों में आर्य समाज बोरीवली बहुत तेजी से विकास करेगा। समाज के महामंत्री पं. प्रभारंजन पाठक ने बताया कि बोरीवली में आर्य समाज की स्थापना कोई नई स्थापना नहीं, बल्कि यह महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों का विस्तार है। मुख्य वक्ता डॉ. जितेन्द्र पाण्डेय ने कहा कि विद्वता को मात्र मंच - माइक तक सीमित नहीं रहना चाहिए, इसे व्यावहारिक धरातल पर उतरना जरूरी है। आर्य समाज वाशी से पधारे विद्वान पं. विजयपाल शास्त्री ने नए आर्यसमाज की स्थापना को जरूरी बताया। इस अवसर पर स्वामी यज्ञ मुनि, पवन अबरोल, अरविंद  पटेल, विश्वभूषण आर्य, स्वामी योगानंद सरस्वती, जया पटेल, अक्षय मानकटाला आदि आर्य विद्वानों ने सभा को संबोधित किया। कवि कल्पेश आर्य की कविता और अभिषेक आर्य के गायन ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। संगठन सूक्त और शांति पाठ से स्थापना दिवस का समापन किया गया।अंत में सभा के प्रधान आनंद अग्रवाल ने आमंत्रित अतिथियों का आभार माना।
गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने के उद्देश्य से भव्य भगवा रैली का आयोजन


बहसुमा।मेरठ।गौ माता को राष्ट्र माता का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर आज  14 दिसंबर 2025 को रामराज क्षेत्र में एक विशाल जनरैली का आयोजन किया गया। यह रैली बड़े उत्साह, अनुशासन और सामाजिक समरसता के साथ संपन्न हुई। कार्यक्रम का आयोजन प्रदीप भाई एवं अभी भाई के नेतृत्व में किया गया, जिसमें समाज के सभी वर्गों की उल्लेखनीय सहभागिता देखने को मिली।

रैली रामराज से मालीपुर और विभिन्न मार्गो से होती हुई फिटकरी गौशाला तक संपन्न हुई गौ संरक्षण, गौ संवर्धन और गौ माता के सम्मान को लेकर जोरदार नारे लगाए गए। वक्ताओं ने कहा कि गौ माता भारतीय संस्कृति और सनातन परंपरा की आधारशिला हैं, अतः उन्हें राष्ट्र माता का सम्मान मिलना चाहिए। इस अवसर पर समाज के लोगों से गौ सेवा और संरक्षण के लिए एकजुट होकर कार्य करने का आह्वान किया गया।

मुख्य रैली में दक्ष चौधरी, बबलू पंडित, अभिषेक ठाकुर, गौरव सिंह, विशाल राठी, गौरव राजपूत, बिट्टू चौहान, अक्षत चौधरी, अमित चौधरी सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। वहीं शक्ति गौ सेवा टीम, रामराज के कार्यकर्ताओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग किया।

रैली के दौरान शांति व्यवस्था बनी रही और आयोजन पूरी तरह शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ।
मदरसा दारुल इरफान में बच्चों को पिलाई गई पोलियो ड्रॉप
जौनपुर। नगर क्षेत्र स्थित मदरसा दारुल इरफान बोदकरपुर में पल्स पोलियो जागरूकता अभियान के तहत बच्चों को पोलियो ड्रॉप पिलाई गई। साथ ही बच्चों द्वारा रैली निकाल कर लोगों को जागरूक किया गया। रैली मोहल्ला बोदकरपुर से होते हुए रसूलाबाद, ईशापुर आदि चौराहे तक निकाली गयी। कार्यक्रम में मदरसा के प्रधानाचार्य मु. मुर्तजा हसन एवं समस्त स्टाफ मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जौनपुर सदर के डिप्टी सी.एम.ओ. नरेन्द्र सिंह के साथ सीमा गुप्ता (यूनिसेफ बीएमसी) डा. आदित्यनाथ (यूपीएचसी) प्रभारी चिकित्साधिकारी अनुप द्विवेदी आदि मौजूद रहे। इस मौके पर मदरसा के प्रधानाचार्य मु. मुर्तजा हसन ने चिकित्सा टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर अल्ताफुर्रहमान, ज़काउल्लाह, शाहीन आरा, हाफिज नुरुलहुदा, अब्दुल्लाह, मो. सरफराज, नाजिया खलीक, परवीन अंसारी, समीउल्लाह फलाही, सिबगतुल्लाह शीबू, मो. अकबर, शमशाद अहमद, परवेज अहमद, अब्दुर्रहीम आदि उपस्थित रहे।
दिल्ली शंखनाद महोत्सव: सामरिक नीति पर मंथन और 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक जवाब देने की मांग

डॉ. सुधांशु त्रिवेदी बोले- विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर; ‘रॉ’ के पूर्व अधिकारी ने देश के भीतर के ‘पाकिस्तान’ पर चिंता जताई

नई दिल्ली: 'सेव कल्चर सेव भारत फाउंडेशन' और 'सनातन संस्था' द्वारा आयोजित 'सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव' में 15 दिसंबर 2025 को भारत की सामरिक नीति और सांस्कृतिक उत्थान पर महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किए गए।

प्रमुख वक्ताओं के विचार

1. डॉ. सुधांशु त्रिवेदी (भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता)

'विश्व सनातन संस्कृति की ओर अग्रसर' विषय पर बोलते हुए डॉ. त्रिवेदी ने वैश्विक स्तर पर सनातन मूल्यों की बढ़ती स्वीकृति पर प्रकाश डाला:

वैश्विक स्वीकृति: उन्होंने कहा कि जो लोग कभी सनातन संस्कृति की आलोचना करते थे, वे आज उसके मूल्यों को अपना रहे हैं (जैसे रासायनिक खेती के बजाय जैविक खेती और चाय-कॉफी के बजाय हर्बल टी)।

योग दिवस और कुंभ: उन्होंने बताया कि 177 देशों ने संयुक्त राष्ट्र में 'अंतरराष्ट्रीय योग दिवस' का समर्थन किया और यूरोपीय देशों के लाखों नागरिक अब कुंभ मेले में सम्मिलित होने आते हैं।

स्वाभाविक परिवर्तन: उन्होंने जोर देकर कहा कि यह परिवर्तन बिना किसी पर आक्रमण किए स्वाभाविक रूप से हो रहा है, जो सनातन संस्कृति की वैश्विक स्वीकृति का द्योतक है।

2. 'रणसंवाद – भारत की सामरिक नीति' सत्र

'रॉ' के पूर्व अधिकारी कर्नल आर.एस.एन. सिंह सहित कई सैन्य विशेषज्ञों ने राष्ट्रीय सुरक्षा की चुनौतियों पर मंथन किया:

कर्नल आर.एस.एन. सिंह (पूर्व ‘रॉ’ अधिकारी):

आंतरिक सुरक्षा: उन्होंने चिंता जताई कि 'हमारे देश में एक अंदरूनी पाकिस्तान भी मौजूद है।'

वैचारिक युद्ध: उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के विरुद्ध 'ऑपरेशन सिंदूर' जैसी कार्रवाई कर सकते हैं, लेकिन देश के भीतर के पाकिस्तान से कैसे निपटेंगे? उन्होंने 'गज़वा-ए-हिंद' को वैचारिक उत्तर देने के लिए वैचारिक युद्ध शुरू करने की आवश्यकता बताई।

विंग कमांडर विनायक डावरे:

नैरेटिव की लड़ाई: उन्होंने कहा कि 1971 के युद्ध में 93,000 पाक सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया, परंतु हम 'नैरेटिव की लड़ाई' हार गए। उन्होंने भारत को अपनी सफलताओं का सही प्रचार कर देश की छवि मजबूत करने का आह्वान किया।

ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) संजय अग्रवाल:

ऐतिहासिक जीत को पहचानें: उन्होंने कहा कि 1962 के युद्ध पर अक्सर चर्चा होती है, लेकिन 1967 के युद्ध में भारत ने चीन को पराजित किया था, यह भी ध्यान में रखा जाना चाहिए।

लक्ष्य निर्धारण: उन्होंने कहा कि भारत अपनी शक्ति को पहचाने, इसके लिए ऐसे महोत्सवों की आवश्यकता है, और देश को अपने लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए।

3. कश्मीरी हिंदू और हिंदूफोबिया पर चिंता

श्री राहुल कौल (अध्यक्ष, यूथ फॉर पनून कश्मीर):

नरसंहार की उपेक्षा: उन्होंने कहा कि कश्मीरी हिंदुओं का नरसंहार हुआ, यह बात सरकारें आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने पर्यटन से आतंकवाद रुकने के भ्रम में न रहने की सलाह दी और 16 जनवरी 2026 से शुरू होने वाले विशेष अभियान के लिए देश के सभी हिंदुओं के सहयोग की मांग की।

श्री अशोक श्रीवास्तव (संपादक, दूरदर्शन न्यूज़):

हिंदूफोबिया: उन्होंने कहा कि जब कुछ राजनीतिक नेता हिंदुत्व को डेंगू, मलेरिया, एड्स कहते हैं, तब मीडिया चुप रहती है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में इस्लामोफोबिया की चर्चा हो रही है, लेकिन वास्तव में हिंदूफोबिया बहुत बड़े स्तर पर है।

रिपोर्ट: उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसके अनुसार भारत में दिसंबर 2025 के पहले 11 दिनों में केवल हिंदू होने के कारण हिंदुओं को परेशान किए जाने की 104 घटनाएँ हुई हैं।

अब सवर्ण समाज संगठित हो गया है जिसका जीता जागता उदाहरण भोपाल आंदोलन है :कविता तिवारी

लखनऊ । राष्ट्रीय सवर्ण आर्मी भारत की राष्ट्रीय प्रचारक कविता तिवारी ने समाचार पत्र से बातचीत में I AS संतोष वर्मा के विषय में बात करते हुए कहा कि वह दिन लद गए कोई भी ब्राह्मण समाज के खिलाफ़ अभद्र टिप्पणी करके निकल जाता था आज ब्राह्मण समाज जाग चुका है सवर्ण समाज के साथ मिलकर अपनी लड़ाई लड़ने में सक्षम है अब ब्राह्मण संगठित हो चुका है जिसका जीता जागता हुआ उदाहरण भोपाल आंदोलन है
मध्यप्रदेश सरकार संतोष के लिए जिस प्रकार लीपापोती कर रही है उसका जवाब सरकार को देना ही होगा।
ब्राह्मण समाज इस लीपापोती वाले कार्रवाई से सन्तुष्ट होने वाला नहीं है भोपाल आंदोलन के दौरान ब्राह्मण समाज हो या सवर्ण समाज दोनों मध्यप्रदेश सरकार से असंतुष्ट हो गए हैं क्योंकि लोग शांति पूर्वक आंदोलन कर रहे थे मगर मध्यप्रदेश सरकार ने धूर्तता दिखाते हुए लाठीचार्ज, वाटरकैनन का इस्तेमाल एवं सामाजिक संगठन के लोगों गिरफ्तार भी किया है जो कि सरासर अनुचित है 
मध्यप्रदेश सरकार की जवाब देना ही होगा। सरकार को संतोष वर्मा को जब जेल नहीं भेजा जाएगा तब चुप बैठने वाला नहीं है। अभी तो अपनी बातें शांतिपूर्वक कहीं गई है किंतु अगर सरकार ने सकारात्मक कदम नहीं उठाए तो ब्राह्मण समाज, सवर्ण समाज उग्र प्रदर्शन को मजबूर हो जाएगा।
ब्राह्मण समाज को अब पहले जैसा शांत समझने की भूल कतई न करें।
सरकार को भलीभांति विदित होना चाहिए कि ब्राह्मण समाज वह समाज है जिसने हमेशा समाज का नेतृत्व करते हुए सरकार को भी दिशा प्रदान किया है सरकार किसी कि भी सदैव ब्राह्मण समाज ने दिशा प्रदान की है इसलिए ब्राह्मण की को समझे सरकार और जिस तरह अन्य समाज के हित में कार्य कर रही है वैसे ही ब्राह्मण समाज के भी कार्य करे इसी में भलाई है अन्यथा परिणाम भुगतने के तैयार।
बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ राष्ट्रव्यापी आंदोलन का ऐलान, 18 मार्च को दिल्ली में विशाल रैली

लखनऊ । बिजली क्षेत्र में निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटर और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 के खिलाफ देशव्यापी संयुक्त आंदोलन का ऐलान कर दिया गया है। ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (AIPF) के नेतृत्व में बिजली कर्मचारी और इंजीनियर अब संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ मिलकर केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में सड़कों पर उतरेंगे।

दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी

इस आंदोलन के तहत 18 मार्च 2026 को दिल्ली में एक विशाल रैली आयोजित की जाएगी।इस संबंध में 14 दिसंबर  को बी.टी. रणदीवे भवन, नई दिल्ली में एक ऐतिहासिक बैठक आयोजित हुई, जिसमें नेशनल कोऑर्डिनेशन कमिटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इम्प्लाइज एंड इंजीनियर्स (NCCOEEE), केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच और संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने हिस्सा लिया।

निजीकरण और स्मार्ट मीटरिंग पर गहरी चिंता

ऑल इंडिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे ने बताया कि बैठक का मुख्य फोकस बिजली के निजीकरण, प्रीपेड स्मार्ट मीटरिंग और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 पर रहा। नेताओं ने उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (PVVNL) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (DVVNL) के निजीकरण के लिए बीते एक साल से किए जा रहे प्रयासों पर गंभीर चिंता जताई।बैठक में यह भी आशंका जताई गई कि केंद्र सरकार संसद के मौजूदा सत्र में परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में संशोधन से जुड़े बिल पेश कर सकती है, जिसे लेकर संगठनों ने कड़ा विरोध दर्ज कराया।

सरकार के सामने रखी गई प्रमुख मांगें

बैठक में केंद्र सरकार के समक्ष सर्वसम्मति से कई अहम मांगें रखी गईं, जिनमें—
ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को तत्काल वापस लिया जाए।
परमाणु ऊर्जा अधिनियम और नागरिक परमाणु क्षति दायित्व अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को तुरंत वापस किया जाए।
देशभर में प्रीपेड स्मार्ट मीटरों की स्थापना पर तत्काल रोक लगाई जाए।
बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण में लागू सभी निजीकरण व फ्रैंचाइजी मॉडल (चंडीगढ़, दिल्ली और ओडिशा सहित) समाप्त किए जाएं।
उत्तर प्रदेश में PVVNL और DVVNL के निजीकरण के प्रयासों को तुरंत रोका जाए।
क्रॉस-सब्सिडी और सार्वभौमिक सेवा दायित्व को बनाए रखा जाए तथा किसानों व सभी उपभोक्ता वर्गों के बिजली के अधिकार की रक्षा की जाए।
देशभर में बिजली टैरिफ कम करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।

संशोधन बिल आए तो देशव्यापी विरोध

एनसीसीओईईई, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि यदि परमाणु ऊर्जा से जुड़े संशोधन बिल संसद में पेश किए जाते हैं, तो देशभर में विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे। इसके साथ ही बिजली निजीकरण और विद्युत संशोधन बिल के खिलाफ जनवरी और फरवरी 2026 में पूरे देश में विशाल सम्मेलन और रैलियां आयोजित की जाएंगी।

हड़ताल की चेतावनी

शैलेंद्र दुबे ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इन सभी आंदोलनों के बावजूद केंद्र और राज्य सरकारें उत्तर प्रदेश में निजीकरण के प्रयासों को वापस नहीं लेतीं और ड्राफ्ट विद्युत (संशोधन) बिल–2025 को निरस्त नहीं किया जाता, तो बिजली कर्मचारी और इंजीनियर राष्ट्रव्यापी सेक्टरल हड़ताल करने को मजबूर होंगे।

बैठक में दिग्गज नेताओं की मौजूदगी

बैठक की अध्यक्षता डॉ. दर्शनपाल सिंह, मोहन शर्मा और विद्या सागर गिरी ने की। इसमें एआईपीईएफ के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे, एआईएफओपीडीई के महासचिव अभिमन्यु धनकड़, एआईएफईई के महासचिव मोहन शर्मा, ईईएफआई के महासचिव सुदीप दत्ता सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। वहीं, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों—एआईटीयूसी, आईएनटीयूसी, सीआईटीयू, एचएमएस, एआईटीयूटीयूसी—और किसान संगठनों के प्रमुख नेताओं ने भी बैठक में भाग लिया।

बैठक का उद्देश्य बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों और उपभोक्ताओं के बीच व्यापक एकता स्थापित कर देश में बिजली के अधिकार और ऊर्जा सुरक्षा की रक्षा करना बताया गया।
धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर में लगी भीषण आग, कोयले के शोपीस से उठीं लपटें

पार्किंग एरिया में बने कोयले के स्टैचू में लगी आग; घंटों मशक्कत के बाद दमकल ने पाया काबू

धनबाद: धनबाद रेलवे स्टेशन परिसर के मुख्य द्वार के बाहर पार्किंग एरिया में रेलवे के एक शोपीस (कोयले के स्टैचू) के पास आज अचानक भीषण आग लग गई। इस घटना से मौके पर मौजूद लोगों के बीच अफरा-तफरी मच गई, क्योंकि घटना के समय स्टेशन के बाहर काफी भीड़ थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि आग की इस घटना में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।

आग की भयावहता और काबू पाने की चुनौती

स्टैचू में आग: स्टेशन के मुख्य द्वार के सामने पार्किंग एरिया की तरफ एक कोयले का स्टैचू बनाया गया है, जिसे चारों तरफ ग्रिल से घेराबंदी की गई है। अचानक इसी स्टैचू में आग लग गई, जो इतनी भयावह थी कि देखते ही देखते आग की लपटें ऊपर उठने लगीं।

मदद और संघर्ष: आग बुझाने के लिए रेलवे कर्मचारी, रेल पुलिस के जवान और पार्किंग एरिया में मौजूद लोग मौके पर पहुंचे। शुरुआती दौर में आग बुझाने के लिए वहां पानी के इंतजाम नहीं थे। लोगों ने स्टेशन गेट के पास रखी बालू से भरी बाल्टी लाकर आग बुझाने की कोशिश की।

काबू: थोड़ी देर बाद दमकल की गाड़ी भी मौके पर पहुंची और घंटों मशक्कत के बाद आग पर पूरी तरह से काबू पा लिया गया।

आग लगने का कारण

थर्मोकोल का उपयोग: अग्निशमन पदाधिकारी ने प्रारंभिक जांच में बताया कि कोयले की अनुकृति (स्टैचू) बनाने में थर्मोकोल और अन्य ज्वलनशील सामग्री का इस्तेमाल किया गया है, जो आग के संपर्क में आते ही तेजी से धधक उठी।

आशंका: आशंका जताई जा रही है कि सिगरेट या कोई अन्य ज्वलनशील पदार्थ स्टैचू एरिया में फेंक दिया गया होगा, जिससे यह आग लगी।

दमकल कर्मी का बयान: दमकल कर्मी श्रीकांत उपाध्याय ने बताया कि सूचना मिलते ही दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया है, लेकिन आग कैसे लगी, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।