पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ. विनय श्रीवास्तव के द्वारासामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया*
सुल्तानपुर,गोसाईगंज थाना क्षेत्र के गाना मिश्र के पुरवा कटका बाजार के सौरभ मिश्र विनम्र को मानद कुलपति धरा धाम विश्व सद्भाव पीठ के प्रमुख,जगत धर्म चक्रवर्ती,सौहार्द शिरोमणि संत डॉ.सौरभ पांडेय और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ.विनय श्रीवास्तव के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया है। यह आयोजन गोरखपुर स्थित केशव चैरिटेबल के द्वारा कौड़ीराम में आयोजित किया गया। आपको बताते चले सौरभ मिश्रा विनम्र कटका क्लब सामाजिक संस्था के अध्यक्ष है उनके द्वारा यातायात के प्रति जागरूक करना, जिसमें एम्बुलेंस को रास्ता दें जो प्रमुख अभियान में शामिल रहा। पर्यावरण के क्षेत्र में व पशु पक्षियों के प्रति निरंत सेवा करना एक अभियान है। संत डॉ सौरभ पांडेय कहते दुःख होता जब ऐसे युवाओं को जनपद के प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों के द्वारा सम्मानित न किया गया हो जो पूर्व में एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी है। बताते हैं कि एंबुलेंस को रास्ता दें यह एक जनपद का अभियान नहीं होना चाहिए इसे सरकार को अमल में लाना चाहिए और शक्ति के साथ प्रत्येक प्रदेशों और जिले में इसे अभियान में घोषित करना चाहिए। सौरभ मिश्र विनम्र अपना सामाजिक गुरु शिक्षक साहित्यकार सर्वेशकांत वर्मा को बताते हैं। सौरभ की इस उपलब्धि पर संस्था में उत्साह का माहौल है बधाई देने में राजकुमार मिश्रा,क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रतापगढ़ अमरजीत मिश्रा,ऋषभदेव शुक्ला, कवित्री कांति सिंह,सुनीता श्रीवास्तव,डॉ अमित मिश्रा,नफीसा खातून, बृजेंद्र मिश्र, डॉ रविंद्र प्रकाश सिंह,शीतला प्रसाद पांडेय, आदि लोग शामिल हैं।
रामराज विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया
बहसुमा/ मेरठ।कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए चौकी इंचार्ज जगतपाल सिंह के नेतृत्व में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के नियमों की जानकारी दी गई और उनका पालन करने की अपील की गई। चौकी इंचार्ज ने बताया कि कोहरे के समय वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग अवश्य करें तथा आगे-पीछे सुरक्षित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अपनी लेन में ही वाहन चलाएं और अनावश्यक ओवरटेक करने से बचें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन या किसी भी तरह से ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने मोड़ पर वाहन मोड़ते समय इंडिकेटर के प्रयोग पर विशेष जोर दिया और कहा कि कोहरे में इंडिकेटर का सही इस्तेमाल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होता है। कोहरा दृश्यता को काफी कम कर देता है, ऐसे में वाहन चालक पार्किंग लाइट, दोनों इंडिकेटर का उपयोग करते हुए सड़क के किनारे या डिवाइडर पर बने सफेद निशानों पर ध्यान केंद्रित कर सुरक्षित रूप से वाहन चलाएं। चौकी इंचार्ज ने वाहन के शीशे साफ रखने, नींद आने की स्थिति में या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन कर वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि कोहरा अत्यधिक घना हो और वाहन चलाना असुरक्षित प्रतीत हो, तो बेहतर होगा कि सड़क से हटकर किसी सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और कोहरा कम होने का इंतजार करें। अभियान के माध्यम से थाना प्रभारी प्रतिभा सिंह ने प ने आमजन से सावधानी बरतने और सुरक्षित यात्रा करने की अपील की।
स्वत्रंत्रता संग्राम सेनानी के बेटी का 86 साल के उम्र में निधन पिता ने आजादी के लड़ाई में दिया था महत्वपूर्ण योगदान
आजमगढ़ जिले के बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के हिसामुद्दीनपुर गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व अंगद सिंह के बेटी विमला सिंह का निधन 86 साल के उम्र में हो गया बताते चलें कि स्व अंगद सिंह सन 1942 में अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़े जिसमे छोटी सरयू नदी पर पुल अपने साथियों के साथ तोड़ दिया फिर अंग्रेजों ने इन्हें व इनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया।वर्षों तक जेल में रहे।अंग्रेजी सरकार द्वारा दी गई यातनाओ को सहा इनकी मृत्यु 24 दिसंबर 1996 को हुई। विमला सिंह अपने पीछे अपना भरा पूरा संसार छोड़ गई है।इनके मृत्युहोने की सूचना सुनकर क्षेत्र के श्रधंजलि देने पहुंचे शोकाकुल परिवार में अरविंद सिंह, ज्योतिष आचार्य अभिषेक सिंह अंकित ,सत्यम,प्रखर, हरेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह धीरेन्द्र सिंह, अवनीश सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
*सैन्य अफसर बनकर जिले और गांव का नाम किया रोशन*
सुलतानपुर जनपद के लम्भुआ क्षेत्र के भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने पैतृक गांव-मुरारचक पहुंचे वैभव मिश्रा। जहां उनको देखकर पूरा गांव गर्व से एकत्रित हो गया। वही गांव के युवाओं ने जोरदार स्वागत किया और तो और बड़ों ने वैभव को दिल खोलकर आशीर्वाद दिया।**********


दरअसल लम्भुआ थानाक्षेत्र निवासी अभय नारायण मिश्रा के बेटे वैभव ने वर्ष 2024 में उन्होंने कामन रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) पास की थी। केरला के कन्नूर स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में 18 माह तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। वैभव मिश्रा ने राजस्थान के उदयपुर से अपनी पढ़ाई पूरी की और वहीं से बीटेक किया। बेटे की सफलता पर आज माता-पिता गौरवान्वित हैं। उनके दादा प्रजापति मिश्रा का सपना था कि परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में जरूर जाए और जिले और गांव का नाम रोशन करें आज वह उनका सपना पूरा हुआ। वैभव ने सैन्य अफसर बनकर अपने दादा का सपना पूरा कर दिया है।

भीषण ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया आदेश जारी,कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 10 से 3 बजे तक होंगे संचालित*
सुलतानपुर। जनपद में लगातार बढ़ रही शीतलहर, कड़ाके की ठंड एवं घने कोहरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिलाधिकारी कुमार हर्ष के निर्देश एवं मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक के मार्गदर्शन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता ने कक्षा 1 से 8 तक संचालित सभी विद्यालयों के समय में परिवर्तन का आदेश जारी किया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार जनपद सुलतानपुर में संचालित समस्त परिषदीय, मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त एवं अन्य बोर्डों से संबद्ध कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालय अब प्रातः 10:00 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक संचालित किए जाएंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में पड़ रही अत्यधिक ठंड एवं शीतलहर को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के दृष्टिगत लिया गया है। संबंधित सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों में समय परिवर्तन का पालन कराया जाए। वहीं अभिभावकों ने जिला प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे बच्चों के हित में लिया गया सराहनीय कदम बताया है।
झुग्गी-झोपड़ीवासियों के वेरिफिकेशन से मचा हड़कंप

*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*

गोरखपुर। शहर के विभिन्न इलाकों—जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अवैध तरीके से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे इन लोगों के बारे में न तो यह स्पष्ट है कि वे किस जनपद, किस प्रदेश अथवा किस देश के निवासी हैं और न ही अब तक उनका समुचित सत्यापन किया गया है। शासन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वेरिफिकेशन अभियान शुरू होते ही इन झुग्गी-झोपड़ीवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसी क्रम में आज सैकड़ों महिलाएं और पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (डे अफसर) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वे लोग माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, कैंपस रोड के पास प्रत्येक मंगलवार को अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे, लेकिन अब पुलिस द्वारा उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है, जिससे उनमें भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। डीएम कार्यालय में मौजूद ड्यूटी अफसर ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन शहर में अवैध रूप से रह रहे लोगों का सत्यापन कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी व्यक्ति जिस जनपद, प्रदेश या स्थान का निवासी है, उसका वैध साक्ष्य पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद वे नियमानुसार अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी चला सकते हैं और किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने और रेलवे स्टेशन के आसपास वर्षों से बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद अब तक उनका विधिवत सत्यापन नहीं कराया गया। अब जब शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और पहचान व पते की जांच शुरू की गई है, तो स्वाभाविक रूप से इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं। डीएम कार्यालय पहुंचे कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वोटर लिस्ट में भी उनका नाम दर्ज है। किसी ने खुद को गुजरात का निवासी बताया, तो किसी ने मेरठ अथवा अन्य जनपदों का रहने वाला होने की बात कही। अलग-अलग बयानों से प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आखिर इन लोगों ने राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र किस आधार पर और किन प्रक्रियाओं के तहत बनवाए। इसके लिए संबंधित विभागों से रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी बिना कारण परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन शहर की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि शहर में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि स्पष्ट हो। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र लोगों को नियमों के तहत जीवनयापन करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक जांच के नतीजों पर सबकी नजर टिकी है।
काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।
अवैध खनन करने पर पोकलैंड की बरामद


फर्रुखाबाद l जिलाधिकारी के निर्देश पर अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु चेकिंग अभियान के दौरान बुधवार को सुबह थाना अमृतपुर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम आसमपुर खनन पट्टा क्षेत्र पर खनन अधिकारी द्वारा औचक छापेमारी की गई। मौके एक पोकलैंड खनन स्थल खनन करते पाई गई। खनन स्थल ग्राम मांझा की मड़ई ग्राम आसमपुर मे किया जा रहा था जिसकी खनन पट्टे से दुरी लगभग 420m है। पोकलैंड को थाना अमृतपुर की अभिरक्षा मे दिया गया है।
प्रयागराज में संत कवि तिरुवल्लुवर की मूर्ति का ऐतिहासिक अनावरण। काशी–तमिल संगमम के माध्यम से साकार हुई एक भारत–श्रेष्ठ भारत की भावना।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।ऐतिहासिक एवं गौरवपूर्ण क्षण रहा जब प्रयागराज के जंक्शन के सामने चौराहे पर महान सन्त कवि तिरुवल्लुवर की मूर्ति का भव्य अनावरण उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा अपने कर- कमलो से किया गया।यह अनावरण पहली बार प्रयागराज में सम्पन्न हुआ जिसने उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक वैचारिक एवं भाषाई एकता को एक नया आयाम दिया।इस अवसर पर आयोजित काशी–तमिल संगमम कार्यक्रम के अन्तर्गत दक्षिण भारत से पधारे 275 तमिल अतिथि प्रयागराज नगर निगम एवं नगरवासियो द्वारा मिले आत्मीय आतिथ्य और सम्मान से अत्यन्त गदगद एवं भावविभोर नजर आए।अतिथियो ने इसे अपने संत कवि के प्रति प्राप्त ऐतिहासिक सम्मान बताया और प्रयागराज को सदा स्मरणीय बताया।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी के नेतृत्व में प्रयागराज नगर निगम द्वारा आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में प्रयागराज के1,000 से अधिक स्थानीय नागरिको की भी सक्रिय सहभागिता रही। आयोजन के दौरान उत्तर और दक्षिण भारत की भाषाओ संस्कृति एवं परम्पराओ का अनुपम संगम देखने को मिला।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने उद्बोधन में कहा - कि संत कवि तिरुवल्लुवर की शिक्षाएँ मानवता नैतिकता और सामाजिक समरसता की अमूल्य धरोहर है।प्रयागराज जैसी सांस्कृतिक नगरी में उनकी मूर्ति का अनावरण राष्ट्र की एकात्मता को और अधिक मजबूत करेगा।ऐसे आयोजन एक भारत–श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त बनाते है।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा कि प्रयागराज सदैव से ज्ञान आस्था और संस्कृति की भूमि रही है। काशी–तमिल संगमम के माध्यम से तमिल अतिथियो का स्वागत करना नगर निगम प्रयागराज के लिए गौरव का विषय है।संत कवि तिरुवल्लुवर जी की मूर्ति आने वाली पीढ़ियो को नैतिक मूल्यो एवं राष्ट्रीय एकता की प्रेरणा देती रहेगी।कार्यक्रम में विधायकगण पार्षदगण प्रयागराज तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।पूरे आयोजन के दौरान हिन्दी एवं तमिल भाषाओ का भावनात्मक समन्वय देखने को मिला जिसने भाषाई विविधता में एकता का संदेश दिया।संस्कृति भाषा विचार और राष्ट्रबोध का यह ऐतिहासिक संगम प्रयागराज के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में सदैव स्मरणीय रहेगा।इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वी के सिंह विधायक दीपक पटेल गुरु प्रसाद मौर्य विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी जिलाध्यक्ष महानगर संजय गुप्ता गंगापार निर्मला पासवान यमुनापार राजेश शुक्ला क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश चन्द्र गुप्ता प्रयागराज चीफ वार्डन अनिल गुप्ता अन्नू महिला आयोग की सदस्या गीता विश्वकर्मा वरिष्ठ समाजसेवी राम जी केसरवानी नगर निगम कार्यदायी सस्था सीएनडीएस के अधिशासी अभियंता रोहित राणा पार्षद गुण सुनीता दरबारी किरण जयसवाल राजू शुक्ला कुसुम लता गुप्ता नीरज गुप्ता सुनीता चोपड़ा रणविजय सिंह डब्बू मयंक यादव सुरेन्द्र यादव सियाराम मौर्य आशीष गुप्ता अशोक सिंह राकेश बहादुर सिंह लल्ले सिंह गिरी शंकर प्रभाकर वरुण केसरवानी अपूर्वा चन्द्रा गौरव गुप्ता बीरू सोनकर आभा मधुर गिरीजेश मिश्रा राजन शुक्ला विवेक अग्रवाल हरीश केसरवानी अमर सिंह हिमालय सोनकर अरुण चौहान अमित गुप्ता विजय सिंह रोहित विश्वकर्मा मनोज मिश्रा रॉबिन साहू जयवर्धने त्रिपाठी मुकेश जोशी राजेश मिश्रा आदि पार्टी के सैकड़ो कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिकगण उपस्थित रहे।
पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार बने यूपी शिक्षा सेवा चयन आयोग के अध्यक्ष, शिक्षक भर्तियों को मिलेगी रफ्तार

लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्व पुलिस महानिदेशक डॉ. प्रशांत कुमार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का नया अध्यक्ष नियुक्त किया है। आयोग के अध्यक्ष पद पर उनकी तैनाती से प्रदेश में लंबे समय से लंबित शिक्षक भर्ती प्रक्रियाओं को गति मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश त्यागी की ओर से बुधवार को औपचारिक आदेश जारी कर दिया गया। यह आयोग प्रदेश में बेसिक, एडेड माध्यमिक विद्यालयों, एडेड महाविद्यालयों, अल्पसंख्यक शिक्षण संस्थानों और अटल आवासीय विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए गठित किया गया है। नियुक्ति के बाद मीडिया से बातचीत में डॉ. प्रशांत कुमार ने कहा कि आयोग के माध्यम से होने वाली सभी भर्तियों को पूरी पारदर्शिता और मेरिट के आधार पर संपन्न कराना उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए आयोग की कार्यप्रणाली को प्रभावी और समयबद्ध बनाया जाएगा। जिन भर्तियों के अधियाचन आयोग को प्राप्त हो चुके हैं, उनकी चयन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा किया जाएगा। गौरतलब है कि प्रदेश सरकार ने विभिन्न स्तरों पर संचालित एडेड कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने के उद्देश्य से इस नए आयोग का गठन किया था। पांच सितंबर 2024 को गोरखपुर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर कीर्ति पांडेय को आयोग का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया था, लेकिन उन्होंने 22 सितंबर 2025 को व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद आयोग लंबे समय तक अध्यक्षविहीन रहा, जिसके चलते भर्ती प्रक्रियाएं ठप पड़ी रहीं। इस देरी को लेकर अभ्यर्थियों ने कई बार धरना-प्रदर्शन भी किया था। पूर्व डीजीपी डॉ. प्रशांत कुमार का शैक्षणिक और प्रशासनिक अनुभव अत्यंत व्यापक रहा है। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एप्लाइड जियोलॉजी में एमएससी की डिग्री प्राप्त की है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल भी मिला। इसके अतिरिक्त उन्होंने डिजास्टर मैनेजमेंट में एमबीए तथा नेशनल डिफेंस कॉलेज से डिफेंस एंड स्ट्रेटेजिक स्टडीज में एमफिल की पढ़ाई की है। मूल रूप से बिहार निवासी प्रशांत कुमार का चयन 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी के रूप में हुआ था। उन्होंने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर सीआईएसएफ और आईटीबीपी में भी महत्वपूर्ण सेवाएं दी हैं।प्रदेश में 31 जनवरी 2024 से 31 मई 2025 तक डीजीपी पद पर रहते हुए डॉ. प्रशांत कुमार ने पुलिस व्यवस्था में कई नवाचार किए। मेरठ में एडीजी जोन रहते हुए उन्होंने संगठित अपराध के खिलाफ सख्त अभियान चलाया।डीजीपी रहते हुए राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा, महाकुंभ, जी-20 शिखर सम्मेलन जैसे बड़े आयोजनों में प्रभावी पुलिस प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था की सराहना हुई। एडीजी कानून-व्यवस्था और डीजीपी के रूप में कार्यकाल के दौरान उन्होंने माफिया गिरोहों और संगठित अपराधियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कराई। साथ ही महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में त्वरित विवेचना और दोषियों को सजा दिलाने की दिशा में भी ठोस पहल की।उन्हें उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रपति का वीरता पदक सहित कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाजा जा चुका है।डॉ. प्रशांत कुमार की नियुक्ति को प्रशासनिक अनुभव और अनुशासन के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। माना जा रहा है कि उनके नेतृत्व में शिक्षा सेवा चयन आयोग लंबित भर्तियों को शीघ्र पूरा कर प्रदेश के लाखों अभ्यर्थियों को राहत देगा।
वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ. विनय श्रीवास्तव के द्वारासामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया*
सुल्तानपुर,गोसाईगंज थाना क्षेत्र के गाना मिश्र के पुरवा कटका बाजार के सौरभ मिश्र विनम्र को मानद कुलपति धरा धाम विश्व सद्भाव पीठ के प्रमुख,जगत धर्म चक्रवर्ती,सौहार्द शिरोमणि संत डॉ.सौरभ पांडेय और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर डॉ.विनय श्रीवास्तव के द्वारा सामाजिक क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु संत कबीर मानवतावादी सम्मान से सम्मानित किया है। यह आयोजन गोरखपुर स्थित केशव चैरिटेबल के द्वारा कौड़ीराम में आयोजित किया गया। आपको बताते चले सौरभ मिश्रा विनम्र कटका क्लब सामाजिक संस्था के अध्यक्ष है उनके द्वारा यातायात के प्रति जागरूक करना, जिसमें एम्बुलेंस को रास्ता दें जो प्रमुख अभियान में शामिल रहा। पर्यावरण के क्षेत्र में व पशु पक्षियों के प्रति निरंत सेवा करना एक अभियान है। संत डॉ सौरभ पांडेय कहते दुःख होता जब ऐसे युवाओं को जनपद के प्रशासनिक और जनप्रतिनिधियों के द्वारा सम्मानित न किया गया हो जो पूर्व में एशिया बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर भी है। बताते हैं कि एंबुलेंस को रास्ता दें यह एक जनपद का अभियान नहीं होना चाहिए इसे सरकार को अमल में लाना चाहिए और शक्ति के साथ प्रत्येक प्रदेशों और जिले में इसे अभियान में घोषित करना चाहिए। सौरभ मिश्र विनम्र अपना सामाजिक गुरु शिक्षक साहित्यकार सर्वेशकांत वर्मा को बताते हैं। सौरभ की इस उपलब्धि पर संस्था में उत्साह का माहौल है बधाई देने में राजकुमार मिश्रा,क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रतापगढ़ अमरजीत मिश्रा,ऋषभदेव शुक्ला, कवित्री कांति सिंह,सुनीता श्रीवास्तव,डॉ अमित मिश्रा,नफीसा खातून, बृजेंद्र मिश्र, डॉ रविंद्र प्रकाश सिंह,शीतला प्रसाद पांडेय, आदि लोग शामिल हैं।
रामराज विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया
बहसुमा/ मेरठ।कोहरे के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए चौकी इंचार्ज जगतपाल सिंह के नेतृत्व में विशेष जागरूकता अभियान चलाया गया। अभियान के दौरान वाहन चालकों को सुरक्षित ड्राइविंग के नियमों की जानकारी दी गई और उनका पालन करने की अपील की गई। चौकी इंचार्ज ने बताया कि कोहरे के समय वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग अवश्य करें तथा आगे-पीछे सुरक्षित दूरी बनाए रखें। उन्होंने कहा कि अपनी लेन में ही वाहन चलाएं और अनावश्यक ओवरटेक करने से बचें। वाहन चलाते समय मोबाइल फोन या किसी भी तरह से ध्यान भटकाने वाली गतिविधियों से दूरी बनाए रखना बेहद जरूरी है। उन्होंने मोड़ पर वाहन मोड़ते समय इंडिकेटर के प्रयोग पर विशेष जोर दिया और कहा कि कोहरे में इंडिकेटर का सही इस्तेमाल दुर्घटनाओं को रोकने में सहायक होता है। कोहरा दृश्यता को काफी कम कर देता है, ऐसे में वाहन चालक पार्किंग लाइट, दोनों इंडिकेटर का उपयोग करते हुए सड़क के किनारे या डिवाइडर पर बने सफेद निशानों पर ध्यान केंद्रित कर सुरक्षित रूप से वाहन चलाएं। चौकी इंचार्ज ने वाहन के शीशे साफ रखने, नींद आने की स्थिति में या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन कर वाहन न चलाने की सख्त हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि कोहरा अत्यधिक घना हो और वाहन चलाना असुरक्षित प्रतीत हो, तो बेहतर होगा कि सड़क से हटकर किसी सुरक्षित स्थान पर रुक जाएं और कोहरा कम होने का इंतजार करें। अभियान के माध्यम से थाना प्रभारी प्रतिभा सिंह ने प ने आमजन से सावधानी बरतने और सुरक्षित यात्रा करने की अपील की।
स्वत्रंत्रता संग्राम सेनानी के बेटी का 86 साल के उम्र में निधन पिता ने आजादी के लड़ाई में दिया था महत्वपूर्ण योगदान
आजमगढ़ जिले के बूढ़नपुर तहसील क्षेत्र के हिसामुद्दीनपुर गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व अंगद सिंह के बेटी विमला सिंह का निधन 86 साल के उम्र में हो गया बताते चलें कि स्व अंगद सिंह सन 1942 में अंग्रेजों के साथ लड़ाई लड़े जिसमे छोटी सरयू नदी पर पुल अपने साथियों के साथ तोड़ दिया फिर अंग्रेजों ने इन्हें व इनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया।वर्षों तक जेल में रहे।अंग्रेजी सरकार द्वारा दी गई यातनाओ को सहा इनकी मृत्यु 24 दिसंबर 1996 को हुई। विमला सिंह अपने पीछे अपना भरा पूरा संसार छोड़ गई है।इनके मृत्युहोने की सूचना सुनकर क्षेत्र के श्रधंजलि देने पहुंचे शोकाकुल परिवार में अरविंद सिंह, ज्योतिष आचार्य अभिषेक सिंह अंकित ,सत्यम,प्रखर, हरेन्द्र सिंह, रविन्द्र सिंह धीरेन्द्र सिंह, अवनीश सिंह सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
*सैन्य अफसर बनकर जिले और गांव का नाम किया रोशन*
सुलतानपुर जनपद के लम्भुआ क्षेत्र के भारतीय नौसेना में लेफ्टिनेंट बनकर अपने पैतृक गांव-मुरारचक पहुंचे वैभव मिश्रा। जहां उनको देखकर पूरा गांव गर्व से एकत्रित हो गया। वही गांव के युवाओं ने जोरदार स्वागत किया और तो और बड़ों ने वैभव को दिल खोलकर आशीर्वाद दिया।**********


दरअसल लम्भुआ थानाक्षेत्र निवासी अभय नारायण मिश्रा के बेटे वैभव ने वर्ष 2024 में उन्होंने कामन रक्षा सेवा परीक्षा (सीडीएस) पास की थी। केरला के कन्नूर स्थित भारतीय नौसेना अकादमी में 18 माह तक कठोर सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। वैभव मिश्रा ने राजस्थान के उदयपुर से अपनी पढ़ाई पूरी की और वहीं से बीटेक किया। बेटे की सफलता पर आज माता-पिता गौरवान्वित हैं। उनके दादा प्रजापति मिश्रा का सपना था कि परिवार का कोई न कोई सदस्य सेना में जरूर जाए और जिले और गांव का नाम रोशन करें आज वह उनका सपना पूरा हुआ। वैभव ने सैन्य अफसर बनकर अपने दादा का सपना पूरा कर दिया है।

भीषण ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी के निर्देश पर बेसिक शिक्षा अधिकारी ने किया आदेश जारी,कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल 10 से 3 बजे तक होंगे संचालित*
सुलतानपुर। जनपद में लगातार बढ़ रही शीतलहर, कड़ाके की ठंड एवं घने कोहरे को देखते हुए जिला प्रशासन ने स्कूली बच्चों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। जिलाधिकारी कुमार हर्ष के निर्देश एवं मुख्य विकास अधिकारी अंकुर कौशिक के मार्गदर्शन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी उपेंद्र गुप्ता ने कक्षा 1 से 8 तक संचालित सभी विद्यालयों के समय में परिवर्तन का आदेश जारी किया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेश के अनुसार जनपद सुलतानपुर में संचालित समस्त परिषदीय, मान्यता प्राप्त, सहायता प्राप्त एवं अन्य बोर्डों से संबद्ध कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालय अब प्रातः 10:00 बजे से अपराह्न 3:00 बजे तक संचालित किए जाएंगे। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि वर्तमान में पड़ रही अत्यधिक ठंड एवं शीतलहर को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के दृष्टिगत लिया गया है। संबंधित सभी विद्यालयों को निर्देशित किया गया है कि आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करें। जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को भी निर्देश दिए गए हैं कि विद्यालयों में समय परिवर्तन का पालन कराया जाए। वहीं अभिभावकों ने जिला प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हुए इसे बच्चों के हित में लिया गया सराहनीय कदम बताया है।
झुग्गी-झोपड़ीवासियों के वेरिफिकेशन से मचा हड़कंप

*फुटपाथ दुकानदारों ने डीएम कार्यालय पहुंचकर सौंपा ज्ञापन, प्रशासन ने स्पष्ट की स्थिति*

गोरखपुर। शहर के विभिन्न इलाकों—जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने, रेलवे स्टेशन के सामने सहित अन्य प्रमुख स्थानों पर अवैध तरीके से झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे लोगों और फुटपाथ पर दुकान लगाने वालों का मामला एक बार फिर चर्चा में है। वर्षों से इन स्थानों पर रह रहे इन लोगों के बारे में न तो यह स्पष्ट है कि वे किस जनपद, किस प्रदेश अथवा किस देश के निवासी हैं और न ही अब तक उनका समुचित सत्यापन किया गया है। शासन के निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन द्वारा वेरिफिकेशन अभियान शुरू होते ही इन झुग्गी-झोपड़ीवासियों की परेशानियां बढ़ गई हैं। इसी क्रम में आज सैकड़ों महिलाएं और पुरुष जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और डीएम कार्यालय में ड्यूटी पर तैनात अधिकारी (डे अफसर) को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में आरोप लगाया गया कि वे लोग माध्यमिक शिक्षा परिषद क्षेत्रीय कार्यालय, कैंपस रोड के पास प्रत्येक मंगलवार को अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी का इंतजाम करते थे, लेकिन अब पुलिस द्वारा उन्हें वहां से हटाया जा रहा है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि पुलिस यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि उन्हें किस कारण से हटाया जा रहा है, जिससे उनमें भय और असमंजस की स्थिति बनी हुई है। डीएम कार्यालय में मौजूद ड्यूटी अफसर ने इस संबंध में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन शहर में अवैध रूप से रह रहे लोगों का सत्यापन कर रहा है। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि जो भी व्यक्ति जिस जनपद, प्रदेश या स्थान का निवासी है, उसका वैध साक्ष्य पुलिस विभाग को उपलब्ध कराए। वेरिफिकेशन पूरा होने के बाद वे नियमानुसार अपनी दुकान लगाकर रोजी-रोटी चला सकते हैं और किसी को अनावश्यक रूप से परेशान नहीं किया जाएगा। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार, जटाशंकर गुरुद्वारे के सामने और रेलवे स्टेशन के आसपास वर्षों से बड़ी संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ी डालकर रह रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि इतने लंबे समय तक रहने के बावजूद अब तक उनका विधिवत सत्यापन नहीं कराया गया। अब जब शासन के निर्देश पर पुलिस प्रशासन सक्रिय हुआ है और पहचान व पते की जांच शुरू की गई है, तो स्वाभाविक रूप से इन लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जांच के दौरान कुछ ऐसे भी मामले सामने आए हैं, जिनमें झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों ने कथित तौर पर फर्जी तरीके से अपने नाम मतदाता सूची में दर्ज करवा लिए हैं। डीएम कार्यालय पहुंचे कुछ लोगों ने दावा किया कि उनके पास राशन कार्ड है और वोटर लिस्ट में भी उनका नाम दर्ज है। किसी ने खुद को गुजरात का निवासी बताया, तो किसी ने मेरठ अथवा अन्य जनपदों का रहने वाला होने की बात कही। अलग-अलग बयानों से प्रशासन के सामने कई सवाल खड़े हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आखिर इन लोगों ने राशन कार्ड और मतदाता पहचान पत्र किस आधार पर और किन प्रक्रियाओं के तहत बनवाए। इसके लिए संबंधित विभागों से रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं और जरूरत पड़ने पर दस्तावेजों की गहन जांच कराई जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि यदि किसी प्रकार की अनियमितता या फर्जीवाड़ा सामने आता है, तो जिम्मेदारों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। पुलिस और प्रशासन का स्पष्ट कहना है कि किसी को भी बिना कारण परेशान करने का उद्देश्य नहीं है, लेकिन शहर की सुरक्षा, कानून-व्यवस्था और प्रशासनिक पारदर्शिता के लिए यह जरूरी है कि शहर में रह रहे प्रत्येक व्यक्ति की पहचान और पृष्ठभूमि स्पष्ट हो। सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद पात्र लोगों को नियमों के तहत जीवनयापन करने की अनुमति दी जाएगी, जबकि अवैध रूप से रह रहे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल यह मामला गोरखपुर में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासनिक जांच के नतीजों पर सबकी नजर टिकी है।
काकोरी ट्रेन एक्शन नायकों की स्मृति में ‘शहादत से शहादत तक’ तीन दिवसीय आयोजन
गोरखपुर: महुआ डाबर संग्रहालय, बस्ती द्वारा काकोरी ट्रेन एक्शन के महानायक राजेंद्रनाथ लाहिड़ी के बलिदान दिवस से लेकर ठाकुर रोशन सिंह के बलिदान दिवस तक ‘शहादत से शहादत तक’ शीर्षक से तीन दिवसीय कार्यक्रम का शुभारंभ गोरखपुर स्थित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक स्थल से हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन जेलर अरुण कुमार कुशवाहा ने शहीद रामप्रसाद बिस्मिल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर एवं दीप प्रज्वलन कर किया। इसके पश्चात दुर्लभ ऐतिहासिक दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन कराया गया। मुख्य अतिथि अरुण कुमार कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि क्रांतिकारियों का बलिदान केवल इतिहास नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण की प्रेरक शक्ति है, जिसे नई पीढ़ी तक पहुंचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर जेल अधीक्षक दिलीप कुमार पांडे ने काकोरी ट्रेन एक्शन से जुड़े दुर्लभ दस्तावेजों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम में शहर के गणमान्य नागरिकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की तथा चर्चा सत्र में सक्रिय रूप से भाग लिया। नगर निगम कार्यकारिणी सदस्य एवं पार्षद विजेंद्र अग्रही मंगल ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए आमजन से ऐसे आयोजनों से जुड़ने की अपील की। चर्चा सत्र में डॉ. पवन कुमार, ऋषि विश्वकर्मा, हरगोविंद प्रवाह, मारुतिनंदन चतुर्वेदी, सुरेंद्र कुमार, संजू चौधरी, सलमान, विकास निषाद, ध्वज चतुर्वेदी, आकाश विश्वकर्मा, दीपक शर्मा, इमरान खान, अरसद, असलम सहित अनेक लोगों ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन करते हुए संयोजक अविनाश कुमार गुप्ता ने बताया कि 18 और 19 दिसंबर को यह आयोजन काकोरी के नायक ठाकुर रोशन सिंह एवं चंद्रशेखर आज़ाद की स्मृति में प्रयागराज (इलाहाबाद) में आयोजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के स्वर्णिम इतिहास में दर्ज महान क्रांतिवीर रामप्रसाद ‘बिस्मिल’ और उनके साथियों के विचारों, योजनाओं और बलिदान को सही संदर्भ में स्मरण करना अत्यंत आवश्यक है। काकोरी एक्शन और भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन का वास्तविक इतिहास जानना नई पीढ़ी का अधिकार है, ताकि वे समझ सकें कि आज़ादी की नींव कितने अनमोल बलिदानों पर टिकी है। चर्चा सत्र में भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन के विद्वान एवं महुआ डाबर संग्रहालय के महानिदेशक डॉ. शाह आलम राणा ने रामप्रसाद बिस्मिल की वंशावली पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ग्वालियर रियासत अंतर्गत तोमरधार के बरबाई गांव के निवासी रामप्रसाद बिस्मिल के परदादा ठाकुर अमान सिंह तोमर राजपूत थे। उनके दादा ठाकुर नारायण लाल सिंह एवं दादी विचित्रा देवी थीं। पिता ठाकुर मुरलीधर सिंह और चाचा ठाकुर कल्याणमल सिंह थे, जबकि माता का नाम मूलमति देवी था। रामप्रसाद बिस्मिल के पिता मुरलीधर सिंह का विवाह पिनाहट के समीप छदामीपुरा में हुआ था। बिस्मिल जी का ननिहाल पिनाहट के पास जोधपुरा गांव में परिहार ठाकुरों के यहां था। उनके बड़े भाई का जन्म 1896 में हुआ था, जिनका दुर्भाग्यवश निधन हो गया। बिस्मिल जी दो भाइयों और चार बहनों में से थे। मुरलीधर सिंह के दूसरे पुत्र के रूप में रामप्रसाद बिस्मिल का जन्म 11 जून 1897 को उनके ननिहाल में हुआ। कुछ वर्ष बाद वे शाहजहांपुर आ गए। बिस्मिल जी के भाई का नाम रमेश सिंह उर्फ सुशीलचंद्र था। बहनों में शास्त्री देवी, ब्रह्मा देवी और भगवती देवी थीं। शास्त्री देवी का विवाह मैनपुरी के कोसमा क्षेत्र में जादौन ठाकुर परिवार में हुआ था। उनके पति का निधन 1989 में हुआ। शास्त्री देवी के पुत्र हरिश्चंद्र सिंह जादौन का विवाह मैनपुरी के छिरोड़ गांव में हुआ। दूसरी बहन ब्रह्मा देवी का विवाह मैनपुरी जिले के कुचेला गांव में हुआ था। करीब ग्यारह वर्षों तक स्वतंत्रता आंदोलन में अपनी जवानी समर्पित करने वाले क्रांतियोद्धा रामप्रसाद बिस्मिल की धमनियों में चंबल के बांकपन का ज्वार सदा प्रवाहित रहा। आनंद प्रकाश, रुद्रराम, परमहंस, मास्टर, महाशय और महंत उनके छद्म नाम थे। उनके व्यक्तित्व में क्रांतिकारी सेनानायक, लेखक, अनुवादक, शायर, वक्ता और रणनीतिकार जैसे अनेक आयाम समाहित थे। अमर योद्धा बिस्मिल क्रांति की वह ज्वाला थे, जिसने अनगिनत मशालों को प्रज्वलित किया। प्रदर्शनी में महुआ डाबर संग्रहालय में संरक्षित अनेक दुर्लभ दस्तावेज प्रदर्शित किए गए हैं। इनमें सप्लीमेंट्री काकोरी षड्यंत्र केस की जजमेंट फाइल, चीफ कोर्ट ऑफ अवध का निर्णय पत्र, प्रिवी काउंसिल लंदन की अपील फाइल, मिशन स्कूल शाहजहांपुर का छात्र रजिस्टर, फैजाबाद एवं गोंडा कारागार के बंदी विवरण, काकोरी ट्रेन एक्शन से प्राप्त धनराशि का रिकॉर्ड, गिरफ्तारी विवरण, क्रांतिकारियों की हस्तलिखित डायरियां, काकोरी केस की चार्जशीट, खुफिया अधीक्षक की डायरी, मैनपुरी षड्यंत्र केस में जब्त बिस्मिल की उत्तरपुस्तिका, वायसराय को भेजी गई अपीलें, ‘सरफरोशी की तमन्ना’ की मूल प्रति, अशफाक उल्ला खां, बिस्मिल, लाहिड़ी, रोशन सिंह एवं दामोदर स्वरूप के पत्र, विभिन्न अखबारों की ऐतिहासिक रिपोर्टिंग, निशानदेही की तस्वीरें, फांसी के बाद पिता के साथ बिस्मिल का दुर्लभ छायाचित्र, काकोरी क्रांतिकारियों का सामूहिक जेल फोटो, बैरक की तस्वीरें तथा मैनपुरी षड्यंत्र केस की फाइलें शामिल हैं। महुआ डाबर संग्रहालय, जनपद बस्ती में स्थित एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक संग्रहालय है, जो 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महुआ डाबर गांव की भूमिका को समर्पित है। वर्ष 1999 में स्थापित इस संग्रहालय में स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी 200 से अधिक छवियां, लगभग 100 अभिलेखीय कलाकृतियां, सिक्के, पांडुलिपियां एवं ऐतिहासिक दस्तावेज संरक्षित हैं। वर्ष 2010 में लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में हुए उत्खनन में यहां से राख, जली हुई लकड़ियां, मिट्टी के बर्तन और औज़ार प्राप्त हुए, जिससे इस स्थल के ऐतिहासिक महत्व की पुष्टि होती है। उत्तर प्रदेश पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत महुआ डाबर को स्वतंत्रता संग्राम सर्किट में शामिल किया गया है तथा यहां के क्रांतियोद्धाओं को प्रशासन द्वारा शस्त्र सलामी भी दी जाती है। हजारों बलिदानों की साक्षी यह क्रांति भूमि आज ‘आजादी के महातीर्थ’ के रूप में विख्यात है।
अवैध खनन करने पर पोकलैंड की बरामद


फर्रुखाबाद l जिलाधिकारी के निर्देश पर अवैध खनन एवं परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण हेतु चेकिंग अभियान के दौरान बुधवार को सुबह थाना अमृतपुर क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम आसमपुर खनन पट्टा क्षेत्र पर खनन अधिकारी द्वारा औचक छापेमारी की गई। मौके एक पोकलैंड खनन स्थल खनन करते पाई गई। खनन स्थल ग्राम मांझा की मड़ई ग्राम आसमपुर मे किया जा रहा था जिसकी खनन पट्टे से दुरी लगभग 420m है। पोकलैंड को थाना अमृतपुर की अभिरक्षा मे दिया गया है।
प्रयागराज में संत कवि तिरुवल्लुवर की मूर्ति का ऐतिहासिक अनावरण। काशी–तमिल संगमम के माध्यम से साकार हुई एक भारत–श्रेष्ठ भारत की भावना।
संजय द्विवेदी प्रयागराज।ऐतिहासिक एवं गौरवपूर्ण क्षण रहा जब प्रयागराज के जंक्शन के सामने चौराहे पर महान सन्त कवि तिरुवल्लुवर की मूर्ति का भव्य अनावरण उत्तर प्रदेश सरकार के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य द्वारा अपने कर- कमलो से किया गया।यह अनावरण पहली बार प्रयागराज में सम्पन्न हुआ जिसने उत्तर एवं दक्षिण भारत के बीच सांस्कृतिक वैचारिक एवं भाषाई एकता को एक नया आयाम दिया।इस अवसर पर आयोजित काशी–तमिल संगमम कार्यक्रम के अन्तर्गत दक्षिण भारत से पधारे 275 तमिल अतिथि प्रयागराज नगर निगम एवं नगरवासियो द्वारा मिले आत्मीय आतिथ्य और सम्मान से अत्यन्त गदगद एवं भावविभोर नजर आए।अतिथियो ने इसे अपने संत कवि के प्रति प्राप्त ऐतिहासिक सम्मान बताया और प्रयागराज को सदा स्मरणीय बताया।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी के नेतृत्व में प्रयागराज नगर निगम द्वारा आयोजित इस भव्य कार्यक्रम में प्रयागराज के1,000 से अधिक स्थानीय नागरिको की भी सक्रिय सहभागिता रही। आयोजन के दौरान उत्तर और दक्षिण भारत की भाषाओ संस्कृति एवं परम्पराओ का अनुपम संगम देखने को मिला।उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने अपने उद्बोधन में कहा - कि संत कवि तिरुवल्लुवर की शिक्षाएँ मानवता नैतिकता और सामाजिक समरसता की अमूल्य धरोहर है।प्रयागराज जैसी सांस्कृतिक नगरी में उनकी मूर्ति का अनावरण राष्ट्र की एकात्मता को और अधिक मजबूत करेगा।ऐसे आयोजन एक भारत–श्रेष्ठ भारत की भावना को सशक्त बनाते है।महापौर उमेश चन्द्र गणेश केसरवानी ने कहा कि प्रयागराज सदैव से ज्ञान आस्था और संस्कृति की भूमि रही है। काशी–तमिल संगमम के माध्यम से तमिल अतिथियो का स्वागत करना नगर निगम प्रयागराज के लिए गौरव का विषय है।संत कवि तिरुवल्लुवर जी की मूर्ति आने वाली पीढ़ियो को नैतिक मूल्यो एवं राष्ट्रीय एकता की प्रेरणा देती रहेगी।कार्यक्रम में विधायकगण पार्षदगण प्रयागराज तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।पूरे आयोजन के दौरान हिन्दी एवं तमिल भाषाओ का भावनात्मक समन्वय देखने को मिला जिसने भाषाई विविधता में एकता का संदेश दिया।संस्कृति भाषा विचार और राष्ट्रबोध का यह ऐतिहासिक संगम प्रयागराज के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में सदैव स्मरणीय रहेगा।इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ वी के सिंह विधायक दीपक पटेल गुरु प्रसाद मौर्य विधान परिषद सदस्य सुरेन्द्र चौधरी जिलाध्यक्ष महानगर संजय गुप्ता गंगापार निर्मला पासवान यमुनापार राजेश शुक्ला क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अवधेश चन्द्र गुप्ता प्रयागराज चीफ वार्डन अनिल गुप्ता अन्नू महिला आयोग की सदस्या गीता विश्वकर्मा वरिष्ठ समाजसेवी राम जी केसरवानी नगर निगम कार्यदायी सस्था सीएनडीएस के अधिशासी अभियंता रोहित राणा पार्षद गुण सुनीता दरबारी किरण जयसवाल राजू शुक्ला कुसुम लता गुप्ता नीरज गुप्ता सुनीता चोपड़ा रणविजय सिंह डब्बू मयंक यादव सुरेन्द्र यादव सियाराम मौर्य आशीष गुप्ता अशोक सिंह राकेश बहादुर सिंह लल्ले सिंह गिरी शंकर प्रभाकर वरुण केसरवानी अपूर्वा चन्द्रा गौरव गुप्ता बीरू सोनकर आभा मधुर गिरीजेश मिश्रा राजन शुक्ला विवेक अग्रवाल हरीश केसरवानी अमर सिंह हिमालय सोनकर अरुण चौहान अमित गुप्ता विजय सिंह रोहित विश्वकर्मा मनोज मिश्रा रॉबिन साहू जयवर्धने त्रिपाठी मुकेश जोशी राजेश मिश्रा आदि पार्टी के सैकड़ो कार्यकर्ता एवं स्थानीय नागरिकगण उपस्थित रहे।