ऑपरेशन सिंदूर के बाद जैश और हिजबुल मुजाहिदीन ने बदला ठिकाना, खैबरपख्तूनख्वा में शिफ्ट किए बेस
#jemandhizbulmujahideenshiftingbasestokhyberpakhtunkhwafrompok
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों ने अपना बेस बदलना शुरू किया है और वह ज्यादा सुरक्षित जगह की तलाश करते हुए अफगानिस्तान बॉर्डर की तरफ शिफ्ट हो रहे हैं। सैन्य सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और हिजबुल मुजाहिदीन ने अपना मुख्यालय पंजाब के बहावलपुर से शिफ्ट कर खैबर पख्तूनवा कर लिया। अब जैश और हिजबुल की आतंकी गतिविधियों का केंद्र अफगानिस्तान सीमा से सटा यही इलाका होगा।
![]()
जैश ने मसूद इलियास कश्मीरी को खैबर पख्तूनवा का जिम्मा सौंपा है। कश्मीरी जैश का वही कमांडर है, जिसने हाल ही में एक रैली में यह खुलासा किया था कि ऑपरेशन सिंदूर में जैश मुखिया मसूद अजहर के परिजनों के परखच्चे उड़ गए थे। खुफिया सूत्रों ने बताया कि कश्मीरी जैश की हिलाल उल हक ब्रिगेड का इंचार्ज है। फिलहाल उसकी जिम्मेदारी युवाओं को कट्टरपंथी बनाना, भर्ती के लिए रैलियां करना और भारत के खिलाफ सीमापार ऑपरेशन की देखरेख करना है।
आतंकियों की भर्ती के लिए अभियान शुरू
हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक आतंकी केपीके पहुंचते ही रिक्रूटमेंट अभियान चला रहे हैं। यह सबकुछ खुलेआम हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक 14 सितंबर, 2025 को केपीके के मंसेहरा जिले में गढ़ी हबीबुल्लाह में एकदम खुली भर्ती रैली आयोजित की गई। जैश ने यह सब भारत-पाक क्रिकेट मैच से कुछ घंटे पहले किया था। यह कार्यक्रम कथित तौर पर ‘देओबंदी धार्मिक सभा’ के रूप में दिखाया गया था, लेकिन इसका वास्तविक मकसद जैश के प्रशिक्षण केंद्र मरकज शोहदा-ए-इस्लाम के लिए नई भर्ती करना था। इस रैली में जैश के केपीके प्रमुख मसूद इल्यास कश्मीरी भी मौजूद था, जो भारत में मोस्ट वांटेड आतंकवादी है।
एक भर्ती रैली 25 सितंबर को
इंटेलिजेंस इनपुट के मुताबिक मानसेहरा स्थित ट्रेनिंग कैंप पर हाल ही में कंस्ट्रक्शन भी हुआ है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक इसी तरह की एक भर्ती रैली 25 सितंबर को भी प्लान की गई है। इसके लिए केपीके में पर्चे बांटे गए हैं और इन पर्चों में जैश के छद्म नाम अल-मुराबितून का इस्तेमाल किया गया है। डिफेंस सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन ने भी पूर्व पाकिस्तानी कमांडो खालिद खान की अगुवाई में केपीके के लोअर दिर जिले के बंडाई इलाके में अपना नया ट्रेनिंग सेंटर बनाया है। जिसका नाम HM 313 रखा गया है।
खैबरपख्तूनख्वा में ही क्यों हुए शिफ्ट?
एक्सपर्ट के मुताबिक यहां की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि आतंकियों को छिपने की ज्यादा जगह मिलती है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस कदम से आतंकवादी कई फायदे हासिल कर रहे हैं। पहला, वे भारतीय हवाई हमलों से सुरक्षित रह सकते हैं। दूसरा, यहां नई भर्ती और प्रशिक्षण के जरिए अपने नेटवर्क का विस्तार कर सकते हैं। तीसरा, केपीके में उनकी गतिविधियों पर अंतरराष्ट्रीय निगरानी कम होती है, जिससे वे अपनी साजिशों और योजनाओं को आसानी से अंजाम दे सकते हैं। वहीं वह अफगानिस्तान तक पहुंच बढ़ा सकते हैं।
3 hours ago