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नेपाल में बाढ़: भारी बारिश के कारण 112 लोगों की मौत, 64 लापता

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Picture: S news

नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण देश में बारिश और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिसके कारण रविवार को 112 लोगों की मौत हो गई और 64 लोग लापता बताए गए हैं। नेपाल शुक्रवार से भारी बारिश का सामना कर रहा है, जिसके कारण कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है और नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया है, जिसके कारण अचानक बाढ़ आ गई है। भूस्खलन के कारण कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं या अवरुद्ध हो गई हैं, क्योंकि बागमती जैसी नदियों ने अपने तटबंध तोड़ दिए हैं और जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। भूस्खलन के कारण करीब आठ अलग-अलग सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।

देश के मौसम ब्यूरो ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि 1970 के बाद से देश की राजधानी में यह सबसे अधिक दर्ज की गई बारिश है। शनिवार सुबह तक 24 घंटों में काठमांडू में 240 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी के कुछ हिस्सों में 322 मिमी बारिश दर्ज की गई।

पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने एएफपी को बताया कि बचाव अभियान के आगे बढ़ने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कई लोगों को 'लापता' माना गया है। रविवार सुबह तक, राहत दलों द्वारा 3,300 लोगों को बचाया जा चुका है। 3,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी हेलीकॉप्टर, राफ्ट और मोटरबोट के साथ बचाव प्रयासों में सहायता करने के लिए काम कर रहे हैं।

काठमांडू से आने-जाने वाली घरेलू उड़ानें शुक्रवार से अस्थायी रूप से निलंबित होने के बाद रविवार को फिर से शुरू हो गई हैं, जबकि करीब 150 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।

जलवायु परिवर्तन

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के बढ़ते जोखिम के मुख्य कारणों में से एक जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय जोखिम के अनुकूल न होने को माना जा सकता है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) के जलवायु वैज्ञानिक अरुण भक्त श्रेष्ठ ने कहा कि "अव्यवस्थित विकास" ने भी नेपाल में जोखिम बढ़ा दिया है।

भक्त ने कहा, "मैंने काठमांडू में इस पैमाने पर बाढ़ पहले कभी नहीं देखी।" आईसीआईएमओडी ने सरकार से बुनियादी ढांचे में सुधार करने और भूमिगत वर्षा जल और सीवेज प्रणालियों में निवेश करने का आग्रह किया है। आईसीआईएमओडी के अनुसार, अनियोजित बस्तियों और शहरीकरण के प्रयासों, बाढ़ के मैदानों पर निर्माण, जल प्रतिधारण के लिए क्षेत्रों की कमी और बागमती नदी पर अतिक्रमण के कारण खराब जल निकासी के कारण बाढ़ की स्थिति और भी बदतर हो गई है।

Humanitarian & Social Activist Kamal H. Muhamed adds one more medal to his credentials, wins the 3rd Award in month of September at Kathmandu


Human Rights Activist, Social Worker and Entrepreneur  Kamal H. Muhammad won the International Achievers Award Nepal for Best Social Activist  of the Year 2024.Award was presented by Chief Guest Dr Suhasini Sudan Madame Miss Universe for Humanity ,India in the presence of Shri.Santosh Subedi Chairman NCFC Shri.Amol Ji Bollywood Film Producer  and Shri.Dinesh Khadka Nepal movie actor, few others from film industry personalities and entrepreneurs here at British College Trade Hall  Kathmandu  on 15th September. Ceremonial kick started with Watering Plants initiated as a code of respect on environmental

Kamal H. Muhamed was the only important Awardee invited from India  in addition, the Award Certificates were signed by Honourable Shree Bimal ThakuriJi Minister of Culture Tourism and Finance, Government of Nepal.

On 28th August Kamal H. Muhamed  won Junior Chamber International (JCI) Award  for Humanitarian Puraskaram and the Dada Saheb Phalke International Motivational Award on 24th August for his active efforts in the field of Humanitarian & Social Services .

Shri. Hibi Eden Member of Parliament presented the JCI award was given on the occasion of JCI's 60th anniversary at a ceremony held in Kochi. JCI National President Dr. Rakesh Sharma, Cochin Chapter President Dr. Shabir Iqbal ,Dy Commissioner of Police Kochi Shri Sudarshan IPS and others participated .

Dada Saheb Phalke International Motivation award was given out by Punjabi & Hindi Singer Shri.Baljeet Singh Ji in the presence of Founder & Organiser Shri.A .Bhagat ji in presence of various dignitaries at Mumbai.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS ( Member  United Nations Global Compact) , Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital  Wellmed Trip Mauritius.& Well Wisher of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation)

Kamal H. Muhamed also had written his Autobiography "Daring Prince” ( Truth Revealed). Book was released by his Childhood Classmate Globally fame Spiritual Guide & Philanthropist Dr.Mohanji in the presence of various high profiled dignitaries  on March 23rd 2024 at Adlux Paragon Angamaly Kochi.Muhamed is survived with Wife & 3 Children.

YouTube: Instagram: https://www.instagram.com/kamalonlymerit?igsh=MW52NHI3bXFuZmwxcA==

नेपाल में बड़ा हादसा, यूपी के नंबर की बस नदी में गिरी, 14 की मौत*
#indian_bus_carrying_passengers_plunges_into_river_in_nepal नेपाल में आज यानी शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हो गया। नेपाल के तनहुं जिले में मर्सयांगदी नदी में एक बस गिर गई। बताया गया कि यह बस यूपी नंबर की थी और इसमें 40 यात्री सवार थे। अभी तक 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं।घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। नंबर प्लेट के आधार पर यह बस गोरखपुर की है।गोरखपुर से नेपाल गई बस केसरवानी ट्रेवल्स की है।नेपाली अधिकारी के अनुसार, बस पोखरा से काठमांडू जा रही थी। नेपाल पुलिस ने हादसे को लेकर पुष्टि करते हुए बताया कि 40 लोगों को लेकर जा रही एक भारतीय यात्री बस तनहुन जिले में मर्सयांगदी नदी में गिर गई है। जिला पुलिस ऑफिस तनहुन के डीएसपी दीपकुमार राया ने कहा, “UP FT 7623 नंबर प्लेट वाली बस नदी में गिर गई। अधिकारी के अनुसार, बस पोखरा से राजधानी काठमांडू की ओर जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह हादसा आज शुक्रवार को सुबह करीब 11.30 बजे हुआ। इससे पहले इस साल जुलाई में नेपाल में दो बसों में सवार 65 लोग उफनती त्रिशूली नदी में बह गए थे। तब काठमांडू जाने वाली एंजेल बस और गणपति डीलक्स की बस हादसे का शिकार हुई थीं। बसें काठमांडू से रौतहट के गौर जा रही थीं। घटना क्षेत्र में भारी बारिश के बीच हुई थी।
केपी शर्मा ओली चौथी बार बने प्रधानमंत्री, भारत-नेपाल रिश्तों पर कितना होगा असर

#kpsharmaoliappointednepalpmhowitimpactindiarelations

नेपाल में एक अहम घटनाक्रम में रविवार को केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है। 72 साल के ओली तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष खड्ग प्रसाद (केपी) शर्मा ओली को नेपाल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने रविवार शाम नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार, ओली को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। ओली ने दो दिन पहले सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के समर्थन से बहुमत का दावा पेश किया था।

ओली ने पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' की जगह ली है। प्रचंड शुक्रवार को विश्वास मत हार गए थे। इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार नई सरकार गठित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। राष्ट्रपति राम चंद्र ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनिस्ट (CPN-UML) के नेता केपी शर्मा ओली को नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। 

केपी शर्मा ओली को चीन समर्थक माना जाता है। उनके पहले कार्यकाल में भारत के साथ उनके रिश्ते तल्ख रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और नेपाल के संबंधों पर थोड़ा असर पर सकता है। ओली 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रहे, जिसके दौरान काठमांडू के नयी दिल्ली के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे। इसके बाद ओली पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे। बाद में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के चलते वह 13 मई से 13 जुलाई 2021 तक पद पर बने रहे। अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओली ने भारत पर नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और नयी दिल्ली पर उनकी सरकार को गिराने का आरोप लगाया था। नेपाल के नए संविधान को लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव के कारण 2015 में सीमा नाकाबंदी के दौरान ओली ने भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। 

अने दूसरे कार्यकाल में मई 2020 में ओली की सरकार ने बीजिंग के साथ संबंधों को भी मजबूत किया और एक अपडेटेड मानचित्र प्रकाशित किया जिसमें उत्तराखंड में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के रूप में दावा किया गया था। भारत ने इस दावे को "एकतरफा" बताते हुए खारिज कर दिया था और बाद में दोनों देशों ने बातचीत की थी। इसके बाद हाल ही में नेपाल ने उसी नक्शे को एक नोट में भी डाल दिया, तो इसे लेकर भी भारत में हलचल हुई थी।

क्या भारत के साथ रिश्तों पर पड़ेगा असर?

ऐसे में विशेषज्ञों की माने तो केपी शर्मा ओली के सत्ता में आने के बाद भारत के लिए चुनौती साबित हो सकती है। लेकिन ये गठबंधन (सीपीएन-यूएमएल और नेपाली कांग्रेस) की सरकार होगी। नेपाली कांग्रेस का भारत से अच्छा संबंध है। नेपाली कांग्रेस का ज़ोर कूटनीतिक रास्तों के ज़रिए समस्या का समाधान ढूंढने पर होता है। नेपाली कांग्रेस संतुलित और तटस्थ नज़रिया रखते हुए काम करने को कह सकती है, ऐसे में दोनों के रिश्तों में अधिक बदलाव नहीं आना चाहिए।

भारत-नेपाल एक-दूसरे की जरूरत

माना जाता है कि नेपाल से भारत का रोटी-बेटी का संबंध है। सदियों से नेपाल के साथ भारत का भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध और रहा है। ऐसे में भारत और नेपाल को एक-दूसरे की जरूरत भी हैं। इसकी कई वजहें भी हैः-

1. भारत के साथ नेपाल 1751 किमी बॉर्डर शेयर करता है। भारत के कुल पांच राज्य हैं जो नेपाल की सीमा से लगे हुए हैं। ये राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल हैं।

2. नेपाल के कुल 75 जिलों में से 23 ऐसे जिले हैं जो भारत की सीमा से लगते हैं। बिहार के साथ नेपाल के 12 जिले, उत्तर प्रदेश के साथ 8, पश्चिम बंगाल के साथ 2 जिसमें एक बिहार जिसमें से एक बिहार सीमा के भी साथ साझा करता है। उत्तराखंड के साथ चार जिसमें दो पश्चिम बंगाल, एक सिक्किम और उत्तर प्रदेश के साथ भी लगते हैं। ऐसे में सीमा सुरक्षा को ध्यान रखते हुए नेपाल से दोस्ती भारत की जरूरत है।

3. भारत सरकार के 2019 के एक आंकड़े के मुताबिक, नेपाल के लगभग 60 लाख लोग भारत में रहते हैं और यहीं पर अपनी आजीवका भी चलाते हैं यानी काम करते हैं। एक तरह से देखा जाए तो नेपाल की करीब 20 फीसदी आबादी भारत में रहती है और भारत पर ही उनकी आजीविका निर्भर है।

4. भारत सरकार की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 6 लाख भारत के लोग नेपाल में रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग बिजनेस के उद्देश्य से नेपाल जाते हैं। इसके आलावा सीमा से सटे इलाकों के कई ऐसे लोग भी हैं जो रहते तो भारत में हैं लेकिन उनकी जीविका नेपाल से चलती हैं।

5. सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो भारतीय सेना में भी नेपाल के लोगों की भर्ती होती है। वर्तमान में 32,000 गोरखा सैनिक भारतीय सेना में तैनात हैं। साथ ही करीब 3,000 करोड़ रुपए पेंशन के तौर पर हर साल करीब सवा लाख पूर्व गोरखा सैनिकों को दी जाती है।

6. विदेशों में काम कर रहे नागरिकों में सबसे ज्यादा लोग भारत में ही हैं, क्योंकि दोनों देशों की सीमाएं एक-दूसरे के लिए खुली हुई हैं। जहां किसी तीसरे देश में काम करने के लिए नेपालियों को लेबर परमिट के लिए आवेदन करना पड़ता है, वहीं भारत में काम करने के लिए ऐसे किसी परमिट की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

7. भारत की कई प्राइवेट और सरकारी कंपनियां भी नेपाल में काम करती हैं। एक रिपोर्ट की मानें तो, नेपाल के FDI में 30 फीसदी हिस्सा भारत से आता है।

8.यही नहीं भारत अपने 6 पड़ोसी देश चीन, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के साथ कुल 90 हजार करोड़ रुपए का सीमा व्यापार करता है। भारत जिन 6 पड़ोसी देशों से व्यापार करता है, उनमें नेपाल शीर्ष पर है।

नेपाल में पुष्प कमल दहल की सरकार गिरी, संसद में साबित नहीं कर सके बहुमत

#nepal_pushpa_kamal_dahal_loses_vote_of_confidence 

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को बड़ा झटका लगा है। दहल संसद में विश्वास मत हार गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, सीपीएम-यूएमल ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। 275 सदस्यों वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव (एचओआर) में प्रचंड के विश्वास मत के खिलाफ 194 और समर्थन में 63 वोट पड़े। विश्वास मत हासिल करने के लिए 138 मतों की आवश्वयकता थी। इसके साथ ही के पी शर्मा ओली का नया पीएम बनना लगभग तय हो गया है। 

पुष्प कमल दहल ने पीएम बनने के डेढ़ साल बाद संसद में बहुमत साबित ना कर पाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।नेपाली कांग्रेस के साथ एक नए गठबंधन के गठन के लिए समझौते के बाद सीपीएन-यूएमएल के सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री दहल ने संविधान के अनुच्छेद 100(2) के अनुसार फ्लोर टेस्ट का विकल्प चुना लेकिन वह बहुमत साबित नहीं कर सके। संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी संविधान को कमजोर नहीं करेगी और ना ही दूसरों को ऐसा करने की अनुमति देगी।

दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सीपीएन-यूएमएल गठबंधन द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद प्रचंड को विश्वासमत का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। गठबंधन इस बात पर सहमत हुआ है कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के.पी. ओली नए प्रधानमंत्री होंगे। दहल 25 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद चार फ्लोर टेस्ट का सामना कर चुके थे, जिनमें उनको कामयाबी मिली लेकिन इस दफा यानी पांचवें फ्लोर टेस्ट में वह फेल हो गए।

वर्तमान में नेपाली कांग्रेस के पास सदन में 89 सीटें हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं। उनकी संयुक्त ताकत 167 है जो निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 138 सीटों से कहीं ज़्यादा है। प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के पास 32 सीटें हैं।

प्रचंड के विश्वासमत हसिल नहीं कर पाने के बाद ओली शनिवार को प्रधानमंत्री बन सकते हैं और रविवार को वह पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं। पार्टी सचिवालय में ओली ने कहा कि दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन नेपाल के विकास के लिए जरूरी था।

नेपाल में भूस्खलन के बाद नदी में बह गईं यात्रियों से भरी दो बसें, सात भारतीयों समेत 65 लोग लापता
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नेपाल में आसमान से आफत बर रहा है। खराब मौसम के बीच भारी भूस्खलन की जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आज सुबह मध्य नेपाल में मदन-अश्रित राजमार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण लगभग 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसें त्रिशूली नदी में गिर गईं हैं। इन दो बसों में सवार 65 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसमें सात भारतीय बताए जा रहे हैं। फिलहाल, रेस्क्यू टीम मौके पर है और बचाने की जंग जारी है। बचावकर्मियों ने भूस्खलन के मलबे को हटाना शुरू कर दिया है। नेपाल में चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने एएनआई से कहा कि हम घटना स्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है।' लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश करने के हमारे प्रयासों में बाधा आ रही है। बता दें कि नेपाल में पिछले कई दिनों से भारी बारिश और भूस्खलन जारी है। इसकी चपेट में आकर अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। कई जगह भूस्खलन के चलते राजमार्ग टूट गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में लोगों को आवागमन में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। बारिश अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। नेपाल में जून से ही हो रही मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं बढ़ गई हैं। शुक्रवार सुबह कास्की में लैंडस्लाइड हुई, जिसकी चपेट में आकर दो यात्री बसें त्रिशूली नदी में बह गई। मेडिकलकर्मियों के साथ सेना और पुलिस के जवानों को राहत और बचाव में लगाया गया है। पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने कहा कि यह घटना काठमांडू से 86 किलोमीटर पश्चिम में चितवन जिले में ये दुर्घटना हुई है। उन्होंने बताया कि काठमांडू से गौर जा रही बस में 41 लोग थे और बीरगंज से काठमांडू जा रही बस में 24 लोग थे। त्रिशूली नदी में दोनों बसें गिरी हैं। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ट्वीट किया कि नारायणगढ़-मुग्लिन सड़क खंड पर भूस्खलन में बस के बह जाने से लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की रिपोर्ट और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संपत्तियों के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। मैं गृह प्रशासन सहित सरकार की सभी एजेंसियों को यात्रियों की खोज और प्रभावी बचाव के निर्देश देता हूं।
নেপালের ১০০ টাকার নোট নিয়ে ভারতে তোলপাড় কেন?
#controversy_over_map_of_nepal_new_rs_100_note



এসবি নিউজ ব্যুরো: সম্প্রতি নেপাল সরকার ১০০ টাকার নতুন নোট প্রকাশ করেছে। কিন্তু নোট প্রকাশের পরই আমাদের দেশের কূটনৈতিক মহল প্রতিবাদ করেছে। কারণ নেপাল যে নতুন নোট প্রকাশের ঘোষণা করেছে তাতে একটি মানচিত্র রয়েছে। যেখানে ভারতের ৩ টি এলাকাকে নিজেদের বলে ঘোষণা করা হয়েছে। সেই মানচিত্রে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানির বিতর্কিত এলাকা অন্তর্ভুক্ত করা হয়েছে।
উল্লেখ্য,নেপাল এর আগে কখনও এমন ধৃষ্টতা দেখায়নি ।চীনের পৃষ্ঠপোষকতায় নেপাল এর আগেও ভারতের দিকে তার "দুষ্ট নজর" রেখেছে। যদিও ভারত ইতিমধ্যেই এসব এলাকাকে কৃত্রিমভাবে সম্প্রসারিত বলে অভিহিত করেছে। নেপালের প্রধানমন্ত্রী প্রচণ্ডের নেতৃত্বাধীন নেপাল সরকার ১০০ টাকার নোটটিকে নতুনভাবে ডিজাইন করার এবং এর পটভূমিতে মুদ্রিত পুরানো মানচিত্র পরিবর্তন করার অনুমোদন দিয়েছে। নেপাল থেকে নোটে দেখানো হবে ভারতের এলাকা অবৈধ সিদ্ধান্তের আনুষ্ঠানিক ঘোষণাও দেওয়া হয়েছে। এই নোটগুলিতে, নেপালের নতুন মানচিত্রটি দেখানো হবে, যা এটি 18 জুন, 2020 এ প্রকাশিত হয়েছিল। যার মধ্যে লিপুলেখ, কালাপানি এবং লিম্পিয়াধুরার নাম ছিল। মন্ত্রিসভার সিদ্ধান্তের বিষয়ে তথ্য দিয়ে, নেপাল সরকারের মুখপাত্র এবং তথ্য ও যোগাযোগ মন্ত্রী রেখা শর্মা সংবাদ মাধ্যমকে বলেছেন, "প্রধানমন্ত্রী পুষ্পকমল দাহলের সভাপতিত্বে মন্ত্রী পরিষদের বৈঠকে 'প্রচণ্ড'100 টাকার নোটে নেপালের একটি নতুন মানচিত্র ছাপানোর সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছিল, যাতে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানি দেখানো হবে।” তিনি বলেন, “আমাদের পুরানো 100 টাকার নোট ফুরিয়ে যেতে চলেছে। যেহেতু আগের নকশায় একটি পুরানো মানচিত্র ছিল, আমরা যখন এটি মুদ্রণ করি তখন মনে হয়েছিল যেন আমরা নতুন মানচিত্র সম্পর্কে জানি না।"
*ভারতের প্রতিক্রিয়া*
এই পদক্ষেপের প্রতিক্রিয়ায় ভারতের পররাষ্ট্রমন্ত্রী এস জয়শঙ্কর নেপালের বিতর্কিত ভারতীয় অঞ্চলগুলিকে তার নতুন 100 টাকার নোটে রাখার সিদ্ধান্তের সাথে দ্বিমত প্রকাশ করেছে। তিনি বলেছেন ,এই বিষয়ে ভারতের অবস্থান স্পষ্ট এবং নেপাল তার নিজের ইচ্ছায় পদক্ষেপ নিয়েছে। তিনি আরও উল্লেখ করেছেন যে যদিও উভয় দেশ সীমান্ত ইস্যুতে কথা বলছে, নেপালের পদক্ষেপ মাটিতে কিছু পরিবর্তন করবে না। তিনি বলেন, ওই রিপোর্ট দেখেছি।  আমি মনে করি আমাদের অবস্থান খুবই পরিষ্কার। নেপালের সাথে, আমরা একটি প্রতিষ্ঠিত ফোরামের মাধ্যমে আমাদের সীমান্ত বিষয়গুলি নিয়ে আলোচনা করছিলাম এবং তারপরে তারা একতরফাভাবে সিদ্ধান্ত নিয়েছিল। কিন্তু তাদের পক্ষ থেকে কিছু করে তারা আমাদের মধ্যকার পরিস্থিতি বা বাস্তবতা বদলাতে যাচ্ছে না।
*নেপাল 2020 সালে মানচিত্র আপডেট করেছে*
18 জুন, 2020-এ, নেপাল তার সংবিধান সংশোধন করেছে এবং তিনটি কৌশলগতভাবে গুরুত্বপূর্ণ যুক্ত করেছেলিপুলেখ, কালাপানি ও লিম্পিয়াধুরা এলাকা অন্তর্ভুক্ত করে দেশের রাজনৈতিক মানচিত্র হালনাগাদ করার প্রক্রিয়া সম্পন্ন হয়। এ নিয়ে কড়া প্রতিক্রিয়া জানিয়েছে ভারত। ভারত একে "একতরফা কাজ" বলে বর্ণনা করেছিল, বলেছিল যে "নেপালের আঞ্চলিক দাবির 'কৃত্রিম পরিবর্ধন' টেকসই নয়।"
*আসলে বিতর্ক কোথায়?* ভারতের সঙ্গে নেপালের সীমান্ত ১৮৫০ কিলোমিটার হলেও যে ভূমি নিয়ে বিরোধ রয়েছে তার আয়তন প্রায় ৩০০ বর্গকিলোমিটার।এটা একটা টুকরো। এখানেই লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালা পানির এলাকা রয়েছে যা ভারতের অন্তর্গত কিন্তু নেপালের উপর শকুনের নজর রয়েছে। এর পেছনেও চীনের মস্তিষ্ক রয়েছে বলে জানা গেছে। প্রকৃতপক্ষে, ভারত, নেপাল এবং চীন সীমান্তবর্তী এলাকায় নদী দিয়ে গঠিত একটি উপত্যকা রয়েছে, যা নেপাল ও ভারতে প্রবাহিত মহাকালী নদীর উৎপত্তিস্থল। এই এলাকাকে কালো জলও বলা হয়। লিপুলেখ পাসও এখানে এবং এখান থেকেউত্তর-পশ্চিম দিকে কিছু দূরত্বে আরেকটি গিরিপথ রয়েছে যাকে লিম্পিয়াধুরা বলে।
नेपाल के 100 रुपए के नोट पर भारत में क्यों मचा है “बवाल”?

#controversyovermapofnepalnewrs100note 

नेपाल ने 100 रुपए का नया नोट जारी करने की घोषणा की। पड़ोसी देश की इस घोषणा से भारत “भड़क” गया है। दरअसल, नेपाल ने जिस नए नोट को जारी करने की घोषणा का है, उसमें एक नक्शा शामिल है। जिसमें भारत के तीन इलाकों को अपना बताया गया है। उस नक्शे में लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के विवादास्पद क्षेत्र शामिल हैं। वैसे बता दें कि नेपाल ने पहली बार ऐसी हिमाकत नहीं की है। चीन की छत्रछाया में नेपाल ने भारत पर अपनी “नापाक नजर” पहले भी डाली है। हालांकि, भारत पहले ही इन क्षेत्रों को कृत्रिम रूप से विस्तारित करार दे चुका है। 

बता दें कि प्रधानमंत्री प्रचंड की अगुआई वाली नेपाल की सरकार ने 100 रुपए के नोट को फिर डिजाइन करने और उसके बैकग्राउंड में छपे पुराने मैप को बदलने की मंजूरी दी गई है। नेपाल की ओर से नोट में भारत के इलाके दिखाए जाने वाले अवैध फैसले का औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया है। इन नोट में नेपाल का वो नया नक्शा दिखाया जाएगा, जो उसने 18 जून, 2020 को जारी किया था। जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा के नाम शामिल थे। नेपाल सरकार की प्रवक्ता और सूचना एवं संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, "प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का निर्णय लिया गया, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा।" उन्होंने कहा, "हमारे पास 100 के पुराने नोट खत्म होने वाले हैं. चूंकि पिछले डिज़ाइन में पुराना नक़्शा था, इसलिए जब हमने उसे छापा तो ऐसा लगा जैसे हमें नए नक़्शे के बारे में मालूम नहीं है।"

भारत की प्रतिक्रिया

इस कदम की प्रतिक्रिया में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विवादित भारतीय क्षेत्रों को अपने नए 100 रुपये के नोट पर डालने के नेपाल के फैसले से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस पर भारत की स्थिति स्पष्ट है और नेपाल ने अपनी मर्जी से कार्रवाई की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भले ही दोनों देश सीमा मुद्दों पर बात कर रहे हैं, लेकिन नेपाल की कार्रवाई से जमीनी स्तर पर चीजें नहीं बदलेंगी। उन्होंने कहा, मैंने वह रिपोर्ट देखी। मैंने इसे विस्तार से नहीं देखा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। नेपाल के साथ, हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे थे और फिर उसके बीच में, उन्होंने एकतरफा फैसला किया। लेकिन अपनी तरफ से कुछ करने से वे हमारे बीच की स्थिति या जमीनी हकीकत को बदलने वाले नहीं हैं।

2020 में नेपाल ने अपडेट किया था नक्शा

18 जून 2020 को नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन करके रणनीतिक रूप से महत्वपूर्व तीन क्षेत्रों लिपुलेख, कालापनी और लिंपियाधुरा को शामिल करके देश के राजनीतिक मानचित्र को अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी की थी। इस पर भारत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारत ने इसे "एकतरफा कृत्य" बताते हुए कहा था कि "नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों का 'कृत्रिम विस्तार' अस्थिर है।"

आखिर कहां है विवाद?

वैसे तो भारत के साथ नेपाल की सीमा 1850 किलोमीटर की है, लेकिन जिस जमीन को लेकर विवाद है वो करीब 300 वर्ग किलोमीटर का टुकड़ा है। यहीं पर लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और काला पानी का वो इलाका मौजूद है जो है तो भारत का लेकिन इस पर नेपाल की गिद्ध दृष्टि है. इसके पीछे भी दिमाग चीन का बताया जा रहा है। दरअसल भारत नेपाल और चीन सीमा से लगे इलाके में नदियों से मिलकर बनी एक घाटी है, जो नेपाल और भारत में बहने वाली महाकाली नदी का उद्गम स्थल है। इस इलाके को काला पानी भी कहते हैं। यहीं पर लिपुलेख दर्रा भी है और यहां से उत्तर-पश्चिम की तरफ कुछ दूरी पर एक और दर्रा है, जिसे लिम्पियाधुरा कहते हैं।

About Ayurvedic Gold Medalist Sexologist in India | Dr. Sunil Dubey

About Ayurveda and Sexologist Doctor:

As soon as we hear the name Ayurveda, a picture of the ancient Indian medical system comes to our mind. It is one of the most effective holistic approaches to physical and mental health. Ayurvedic medicine is one of the oldest medical systems in the world and one of the traditional health care systems of India.


India and Nepal are the only two countries in the world which are rich in this natural medicine and treatment. India has always stood at the top position in the world in this Ayurveda manufacturing and treatment. The entire world always relies on this Ayurveda Medicare and its medication.


Today human lifestyle has become fast; most of the people want instant results for their needs. It is a medical service where Ayurveda Medicare has its own importance and it provides permanent solution to any disease. We are discussing over Ayurvedic Sexologist and its importance in the sexual patients' lives.


In India, there are uncountable Ayurvedic sexual healthcare units and doctors are available to the sexual patients. Among all of them, there are only a few numbers of sexologist doctors who are certified, experienced, and genuine in this Ayurveda and Sexology medical science. As you like, so you get. This quotation is really true.


About Ayurvedic Gold Medalist Sexologist in India:

Dr. Sunil Dubey is India’s most reliable and full-time demanding senior and experienced sexologist doctors in Patna. He has been treating and serving all over India sexual patients for a long time. He practices at Dubey Clinic that is established in 1970 in Patna. It is Bihar’s first Ayurveda medical clinic that provides completely Ayurveda Remedies and Medication to both male and female sexual patients.


He has researched on sexual diseases and disorders like Premature Ejaculation, Erectile Dysfunction, Dhat Syndrome, Nocturnal Emission, Low Libido, Sexual Arousal Disorder, Vaginal Dryness, Sexual Pain Disorder, Leucorrhoea, and others. After five years of hard work and research, he discovered the exact remedies and medicine in the profession of Ayurveda medical science for these sexual problems sake.

He has treated more than three lakh sexual patients of India and mostly sexual patients have got the positive result to get rid of their sexual problems. Seeing his popularity and great contribution in the profession of Ayurveda and Medical Science, Research Councils of India has awarded him as a Bharat Gaurav Award in New Delhi. His treatment and medication returned the happiness in lakhs of disappointed sexual patients' lives, that’s why; he was also awarded with Gold Medal in Dubai by the Dubai Government. Most of the sexual patients from Dubai, USA, UK, Neapl, and other countries consult this world famous Ayurvedacharya to get rid of their sexual problems.


Currently Dr. Sunil Dubey is an Ayurvedic Gold Medalist Sexologist in India treating sexual patients from all over the world. The local sexual patients from Bihar contact him over phone and make appointment to visit at Dubey Clinic. The outside sexual patients contact him over phone and get their treatment and medication through online medium like WhatsApp and all media of communications.


Just contact him if you are facing any sexual problem. Dubey Clinic and its Ayurveda Medicare Expert Team will be helping you to get rid of your sexual problems.


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Dubey Clinic

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Helpline No: +91 98350 92586; +91 93340 58336

Venue: Subash Market, near Globe Time Telecom, Dariyapur Gola, Langar Toli, Chauraha, Patna, Bihar 800004

Location: https://maps.app.goo.gl/gA7AQTiNTzscfi2v7

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बिहार इंवेस्टर समिट का आयोजन 13 दिसंबर और 14 दिसंबर को होगा

पटना: बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पोंड्रिक इन्वेस्टर्स मीट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

मुख्य सचिव आमिर सुहानी ने कहा कि बिहार इंवेस्टर समिट का आयोजन किया गया है । ये 13 दिसंबर और 14 दिसंबर को होगा।

 

बिहार इसके लिए कई तैयारियाँ कर चुका है, हम उद्योग जगत की बताना चाहते है कि पिछले 2 वारसो से हम इंवेस्टर मीट करते रहे है। और इस बार ग्लोबल इंवेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है।

वहीं उद्योग विभाग में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हम पिछले 6 महीने में हमने कई राज्यों में इंवेस्टर समिट किए है।

हमने UAE, JAPAN, BANGLADESH जैसे देशों में भी जाके इंवेस्टर समिट किया है

इसमें सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। जो निवेशक आएँगे उनको पटना के आस पास के जगहों को भी घुमाएँगे।

14 दिसंबर को राउंड टेबल समिट होगा और फीड बैक दिया जाएगा। फिर सीएम नीतीश कुमार सेंगर और निवेशक से नीतीश कुमार मुलाक़ात भी करेंगे

फिर सीएम प्रमुख इन्वेस्टर्स को सम्मान भी करेंगे और MOU भी साइन होगा। प्रमुख इन्वेस्टर्स भी हमलोगों से मिलेंगे।

इसके अलावा 16 देशों के बिज़नेस मैन भी आ रहे है,। USA,JAPAN,BANGLADESH,NEPAL,UAE जैसे 16 देसों से बिजनेसमैन भी आ रहे है।

 बिहार में आपार संभावनाएँ है जिससे हम निवेशकों को बता पाएँगे कि बिहार कितना आगे। हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर काफ़ी अच्छा हो गया है। हमारे यहाँ रोड, बिजली भी भरपूर है। हमारे लोग कई राज्यों में जाकर काम करते है अब वो लोग बिहार आएँगे।

MOU की बात की जाए तो क़रीब 5 चरणों में बाटे गए है।क़रीब 240 कंपनी से ज़ायदा MOU साइन होंगे। क़रीब 30 हज़ार करोड़ का MOU साइन होगा

पटना से मनीष

नेपाल में बाढ़: भारी बारिश के कारण 112 लोगों की मौत, 64 लापता

#nepalfloods112dead64missingchancesforincreasing_deaths

Picture: S news

नेपाल में मूसलाधार बारिश के कारण देश में बारिश और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं, जिसके कारण रविवार को 112 लोगों की मौत हो गई और 64 लोग लापता बताए गए हैं। नेपाल शुक्रवार से भारी बारिश का सामना कर रहा है, जिसके कारण कई निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है और नदियों में पानी का स्तर बढ़ गया है, जिसके कारण अचानक बाढ़ आ गई है। भूस्खलन के कारण कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं या अवरुद्ध हो गई हैं, क्योंकि बागमती जैसी नदियों ने अपने तटबंध तोड़ दिए हैं और जल स्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। भूस्खलन के कारण करीब आठ अलग-अलग सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं।

देश के मौसम ब्यूरो ने काठमांडू पोस्ट को बताया कि 1970 के बाद से देश की राजधानी में यह सबसे अधिक दर्ज की गई बारिश है। शनिवार सुबह तक 24 घंटों में काठमांडू में 240 मिमी बारिश दर्ज की गई थी। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, राजधानी के कुछ हिस्सों में 322 मिमी बारिश दर्ज की गई।

पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने एएफपी को बताया कि बचाव अभियान के आगे बढ़ने के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़ने की संभावना है, क्योंकि कई लोगों को 'लापता' माना गया है। रविवार सुबह तक, राहत दलों द्वारा 3,300 लोगों को बचाया जा चुका है। 3,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी हेलीकॉप्टर, राफ्ट और मोटरबोट के साथ बचाव प्रयासों में सहायता करने के लिए काम कर रहे हैं।

काठमांडू से आने-जाने वाली घरेलू उड़ानें शुक्रवार से अस्थायी रूप से निलंबित होने के बाद रविवार को फिर से शुरू हो गई हैं, जबकि करीब 150 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं।

जलवायु परिवर्तन

नेपाल में बाढ़ और भूस्खलन के बढ़ते जोखिम के मुख्य कारणों में से एक जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय जोखिम के अनुकूल न होने को माना जा सकता है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) के जलवायु वैज्ञानिक अरुण भक्त श्रेष्ठ ने कहा कि "अव्यवस्थित विकास" ने भी नेपाल में जोखिम बढ़ा दिया है।

भक्त ने कहा, "मैंने काठमांडू में इस पैमाने पर बाढ़ पहले कभी नहीं देखी।" आईसीआईएमओडी ने सरकार से बुनियादी ढांचे में सुधार करने और भूमिगत वर्षा जल और सीवेज प्रणालियों में निवेश करने का आग्रह किया है। आईसीआईएमओडी के अनुसार, अनियोजित बस्तियों और शहरीकरण के प्रयासों, बाढ़ के मैदानों पर निर्माण, जल प्रतिधारण के लिए क्षेत्रों की कमी और बागमती नदी पर अतिक्रमण के कारण खराब जल निकासी के कारण बाढ़ की स्थिति और भी बदतर हो गई है।

Humanitarian & Social Activist Kamal H. Muhamed adds one more medal to his credentials, wins the 3rd Award in month of September at Kathmandu


Human Rights Activist, Social Worker and Entrepreneur  Kamal H. Muhammad won the International Achievers Award Nepal for Best Social Activist  of the Year 2024.Award was presented by Chief Guest Dr Suhasini Sudan Madame Miss Universe for Humanity ,India in the presence of Shri.Santosh Subedi Chairman NCFC Shri.Amol Ji Bollywood Film Producer  and Shri.Dinesh Khadka Nepal movie actor, few others from film industry personalities and entrepreneurs here at British College Trade Hall  Kathmandu  on 15th September. Ceremonial kick started with Watering Plants initiated as a code of respect on environmental

Kamal H. Muhamed was the only important Awardee invited from India  in addition, the Award Certificates were signed by Honourable Shree Bimal ThakuriJi Minister of Culture Tourism and Finance, Government of Nepal.

On 28th August Kamal H. Muhamed  won Junior Chamber International (JCI) Award  for Humanitarian Puraskaram and the Dada Saheb Phalke International Motivational Award on 24th August for his active efforts in the field of Humanitarian & Social Services .

Shri. Hibi Eden Member of Parliament presented the JCI award was given on the occasion of JCI's 60th anniversary at a ceremony held in Kochi. JCI National President Dr. Rakesh Sharma, Cochin Chapter President Dr. Shabir Iqbal ,Dy Commissioner of Police Kochi Shri Sudarshan IPS and others participated .

Dada Saheb Phalke International Motivation award was given out by Punjabi & Hindi Singer Shri.Baljeet Singh Ji in the presence of Founder & Organiser Shri.A .Bhagat ji in presence of various dignitaries at Mumbai.

Kamal H. Muhamed is associated with AICHLS ( Member  United Nations Global Compact) , Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospital  Wellmed Trip Mauritius.& Well Wisher of Ammucare Charitable Trust.( Mohanji Foundation)

Kamal H. Muhamed also had written his Autobiography "Daring Prince” ( Truth Revealed). Book was released by his Childhood Classmate Globally fame Spiritual Guide & Philanthropist Dr.Mohanji in the presence of various high profiled dignitaries  on March 23rd 2024 at Adlux Paragon Angamaly Kochi.Muhamed is survived with Wife & 3 Children.

YouTube: Instagram: https://www.instagram.com/kamalonlymerit?igsh=MW52NHI3bXFuZmwxcA==

नेपाल में बड़ा हादसा, यूपी के नंबर की बस नदी में गिरी, 14 की मौत*
#indian_bus_carrying_passengers_plunges_into_river_in_nepal नेपाल में आज यानी शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हो गया। नेपाल के तनहुं जिले में मर्सयांगदी नदी में एक बस गिर गई। बताया गया कि यह बस यूपी नंबर की थी और इसमें 40 यात्री सवार थे। अभी तक 14 लोगों के शव बरामद हुए हैं।घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है। नंबर प्लेट के आधार पर यह बस गोरखपुर की है।गोरखपुर से नेपाल गई बस केसरवानी ट्रेवल्स की है।नेपाली अधिकारी के अनुसार, बस पोखरा से काठमांडू जा रही थी। नेपाल पुलिस ने हादसे को लेकर पुष्टि करते हुए बताया कि 40 लोगों को लेकर जा रही एक भारतीय यात्री बस तनहुन जिले में मर्सयांगदी नदी में गिर गई है। जिला पुलिस ऑफिस तनहुन के डीएसपी दीपकुमार राया ने कहा, “UP FT 7623 नंबर प्लेट वाली बस नदी में गिर गई। अधिकारी के अनुसार, बस पोखरा से राजधानी काठमांडू की ओर जा रही थी। बताया जा रहा है कि यह हादसा आज शुक्रवार को सुबह करीब 11.30 बजे हुआ। इससे पहले इस साल जुलाई में नेपाल में दो बसों में सवार 65 लोग उफनती त्रिशूली नदी में बह गए थे। तब काठमांडू जाने वाली एंजेल बस और गणपति डीलक्स की बस हादसे का शिकार हुई थीं। बसें काठमांडू से रौतहट के गौर जा रही थीं। घटना क्षेत्र में भारी बारिश के बीच हुई थी।
केपी शर्मा ओली चौथी बार बने प्रधानमंत्री, भारत-नेपाल रिश्तों पर कितना होगा असर

#kpsharmaoliappointednepalpmhowitimpactindiarelations

नेपाल में एक अहम घटनाक्रम में रविवार को केपी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त कर दिया गया है। 72 साल के ओली तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बने हैं। कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (एकीकृत मार्क्सवादी-लेनिनवादी) यानी सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष खड्ग प्रसाद (केपी) शर्मा ओली को नेपाल के नए प्रधानमंत्री के तौर पर नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ़ से जारी एक बयान में कहा गया है कि राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने रविवार शाम नेपाल के संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार, ओली को प्रधानमंत्री नियुक्त किया। ओली ने दो दिन पहले सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस के समर्थन से बहुमत का दावा पेश किया था।

ओली ने पुष्प कमल दाहाल 'प्रचंड' की जगह ली है। प्रचंड शुक्रवार को विश्वास मत हार गए थे। इसके बाद संविधान के अनुच्छेद 76 (2) के अनुसार नई सरकार गठित करने की प्रक्रिया शुरू हुई। राष्ट्रपति राम चंद्र ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी-एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनिस्ट (CPN-UML) के नेता केपी शर्मा ओली को नेपाल का नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया। 

केपी शर्मा ओली को चीन समर्थक माना जाता है। उनके पहले कार्यकाल में भारत के साथ उनके रिश्ते तल्ख रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि केपी शर्मा ओली के प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत और नेपाल के संबंधों पर थोड़ा असर पर सकता है। ओली 11 अक्टूबर 2015 से तीन अगस्त 2016 तक देश के प्रधानमंत्री रहे, जिसके दौरान काठमांडू के नयी दिल्ली के साथ संबंध तनावपूर्ण रहे। इसके बाद ओली पांच फरवरी 2018 से 13 मई 2021 तक नेपाल के प्रधानमंत्री रहे। बाद में राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी के चलते वह 13 मई से 13 जुलाई 2021 तक पद पर बने रहे। अपने पहले कार्यकाल के दौरान ओली ने भारत पर नेपाल के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने और नयी दिल्ली पर उनकी सरकार को गिराने का आरोप लगाया था। नेपाल के नए संविधान को लेकर सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव के कारण 2015 में सीमा नाकाबंदी के दौरान ओली ने भारत के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया था। 

अने दूसरे कार्यकाल में मई 2020 में ओली की सरकार ने बीजिंग के साथ संबंधों को भी मजबूत किया और एक अपडेटेड मानचित्र प्रकाशित किया जिसमें उत्तराखंड में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल के क्षेत्र के रूप में दावा किया गया था। भारत ने इस दावे को "एकतरफा" बताते हुए खारिज कर दिया था और बाद में दोनों देशों ने बातचीत की थी। इसके बाद हाल ही में नेपाल ने उसी नक्शे को एक नोट में भी डाल दिया, तो इसे लेकर भी भारत में हलचल हुई थी।

क्या भारत के साथ रिश्तों पर पड़ेगा असर?

ऐसे में विशेषज्ञों की माने तो केपी शर्मा ओली के सत्ता में आने के बाद भारत के लिए चुनौती साबित हो सकती है। लेकिन ये गठबंधन (सीपीएन-यूएमएल और नेपाली कांग्रेस) की सरकार होगी। नेपाली कांग्रेस का भारत से अच्छा संबंध है। नेपाली कांग्रेस का ज़ोर कूटनीतिक रास्तों के ज़रिए समस्या का समाधान ढूंढने पर होता है। नेपाली कांग्रेस संतुलित और तटस्थ नज़रिया रखते हुए काम करने को कह सकती है, ऐसे में दोनों के रिश्तों में अधिक बदलाव नहीं आना चाहिए।

भारत-नेपाल एक-दूसरे की जरूरत

माना जाता है कि नेपाल से भारत का रोटी-बेटी का संबंध है। सदियों से नेपाल के साथ भारत का भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आर्थिक संबंध और रहा है। ऐसे में भारत और नेपाल को एक-दूसरे की जरूरत भी हैं। इसकी कई वजहें भी हैः-

1. भारत के साथ नेपाल 1751 किमी बॉर्डर शेयर करता है। भारत के कुल पांच राज्य हैं जो नेपाल की सीमा से लगे हुए हैं। ये राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, सिक्किम और पश्चिम बंगाल हैं।

2. नेपाल के कुल 75 जिलों में से 23 ऐसे जिले हैं जो भारत की सीमा से लगते हैं। बिहार के साथ नेपाल के 12 जिले, उत्तर प्रदेश के साथ 8, पश्चिम बंगाल के साथ 2 जिसमें एक बिहार जिसमें से एक बिहार सीमा के भी साथ साझा करता है। उत्तराखंड के साथ चार जिसमें दो पश्चिम बंगाल, एक सिक्किम और उत्तर प्रदेश के साथ भी लगते हैं। ऐसे में सीमा सुरक्षा को ध्यान रखते हुए नेपाल से दोस्ती भारत की जरूरत है।

3. भारत सरकार के 2019 के एक आंकड़े के मुताबिक, नेपाल के लगभग 60 लाख लोग भारत में रहते हैं और यहीं पर अपनी आजीवका भी चलाते हैं यानी काम करते हैं। एक तरह से देखा जाए तो नेपाल की करीब 20 फीसदी आबादी भारत में रहती है और भारत पर ही उनकी आजीविका निर्भर है।

4. भारत सरकार की 2019 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, करीब 6 लाख भारत के लोग नेपाल में रहते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग बिजनेस के उद्देश्य से नेपाल जाते हैं। इसके आलावा सीमा से सटे इलाकों के कई ऐसे लोग भी हैं जो रहते तो भारत में हैं लेकिन उनकी जीविका नेपाल से चलती हैं।

5. सुरक्षा की दृष्टि से देखें तो भारतीय सेना में भी नेपाल के लोगों की भर्ती होती है। वर्तमान में 32,000 गोरखा सैनिक भारतीय सेना में तैनात हैं। साथ ही करीब 3,000 करोड़ रुपए पेंशन के तौर पर हर साल करीब सवा लाख पूर्व गोरखा सैनिकों को दी जाती है।

6. विदेशों में काम कर रहे नागरिकों में सबसे ज्यादा लोग भारत में ही हैं, क्योंकि दोनों देशों की सीमाएं एक-दूसरे के लिए खुली हुई हैं। जहां किसी तीसरे देश में काम करने के लिए नेपालियों को लेबर परमिट के लिए आवेदन करना पड़ता है, वहीं भारत में काम करने के लिए ऐसे किसी परमिट की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

7. भारत की कई प्राइवेट और सरकारी कंपनियां भी नेपाल में काम करती हैं। एक रिपोर्ट की मानें तो, नेपाल के FDI में 30 फीसदी हिस्सा भारत से आता है।

8.यही नहीं भारत अपने 6 पड़ोसी देश चीन, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और अफगानिस्तान के साथ कुल 90 हजार करोड़ रुपए का सीमा व्यापार करता है। भारत जिन 6 पड़ोसी देशों से व्यापार करता है, उनमें नेपाल शीर्ष पर है।

नेपाल में पुष्प कमल दहल की सरकार गिरी, संसद में साबित नहीं कर सके बहुमत

#nepal_pushpa_kamal_dahal_loses_vote_of_confidence 

नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड को बड़ा झटका लगा है। दहल संसद में विश्वास मत हार गए हैं। इसके साथ ही उन्होंने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है। दरअसल, सीपीएम-यूएमल ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। 275 सदस्यों वाले हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव (एचओआर) में प्रचंड के विश्वास मत के खिलाफ 194 और समर्थन में 63 वोट पड़े। विश्वास मत हासिल करने के लिए 138 मतों की आवश्वयकता थी। इसके साथ ही के पी शर्मा ओली का नया पीएम बनना लगभग तय हो गया है। 

पुष्प कमल दहल ने पीएम बनने के डेढ़ साल बाद संसद में बहुमत साबित ना कर पाने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया।नेपाली कांग्रेस के साथ एक नए गठबंधन के गठन के लिए समझौते के बाद सीपीएन-यूएमएल के सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के बाद प्रधानमंत्री दहल ने संविधान के अनुच्छेद 100(2) के अनुसार फ्लोर टेस्ट का विकल्प चुना लेकिन वह बहुमत साबित नहीं कर सके। संसद में विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी संविधान को कमजोर नहीं करेगी और ना ही दूसरों को ऐसा करने की अनुमति देगी।

दरअसल, पूर्व प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली की अगुवाई वाली सीपीएन-यूएमएल गठबंधन द्वारा सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद प्रचंड को विश्वासमत का सामना करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। गठबंधन इस बात पर सहमत हुआ है कि कम्युनिस्ट पार्टी के नेता के.पी. ओली नए प्रधानमंत्री होंगे। दहल 25 दिसंबर 2022 को प्रधानमंत्री नियुक्त होने के बाद चार फ्लोर टेस्ट का सामना कर चुके थे, जिनमें उनको कामयाबी मिली लेकिन इस दफा यानी पांचवें फ्लोर टेस्ट में वह फेल हो गए।

वर्तमान में नेपाली कांग्रेस के पास सदन में 89 सीटें हैं, जबकि सीपीएन-यूएमएल के पास 78 सीटें हैं। उनकी संयुक्त ताकत 167 है जो निचले सदन में बहुमत के लिए आवश्यक 138 सीटों से कहीं ज़्यादा है। प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओवादी सेंटर) के पास 32 सीटें हैं।

प्रचंड के विश्वासमत हसिल नहीं कर पाने के बाद ओली शनिवार को प्रधानमंत्री बन सकते हैं और रविवार को वह पद और गोपनीयता की शपथ ले सकते हैं। पार्टी सचिवालय में ओली ने कहा कि दो बड़े राजनीतिक दलों के बीच गठबंधन नेपाल के विकास के लिए जरूरी था।

नेपाल में भूस्खलन के बाद नदी में बह गईं यात्रियों से भरी दो बसें, सात भारतीयों समेत 65 लोग लापता
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नेपाल में आसमान से आफत बर रहा है। खराब मौसम के बीच भारी भूस्खलन की जानकारी सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि आज सुबह मध्य नेपाल में मदन-अश्रित राजमार्ग पर भारी भूस्खलन के कारण लगभग 65 यात्रियों को ले जा रही दो बसें त्रिशूली नदी में गिर गईं हैं। इन दो बसों में सवार 65 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसमें सात भारतीय बताए जा रहे हैं। फिलहाल, रेस्क्यू टीम मौके पर है और बचाने की जंग जारी है। बचावकर्मियों ने भूस्खलन के मलबे को हटाना शुरू कर दिया है। नेपाल में चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने एएनआई से कहा कि हम घटना स्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है।' लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश करने के हमारे प्रयासों में बाधा आ रही है। बता दें कि नेपाल में पिछले कई दिनों से भारी बारिश और भूस्खलन जारी है। इसकी चपेट में आकर अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है। कई जगह भूस्खलन के चलते राजमार्ग टूट गए हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। ऐसे में लोगों को आवागमन में बाधा का सामना करना पड़ रहा है। बारिश अभी भी थमने का नाम नहीं ले रही है। नेपाल में जून से ही हो रही मूसलाधार मानसूनी बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ की घटनाएं बढ़ गई हैं। शुक्रवार सुबह कास्की में लैंडस्लाइड हुई, जिसकी चपेट में आकर दो यात्री बसें त्रिशूली नदी में बह गई। मेडिकलकर्मियों के साथ सेना और पुलिस के जवानों को राहत और बचाव में लगाया गया है। पुलिस प्रवक्ता दान बहादुर कार्की ने कहा कि यह घटना काठमांडू से 86 किलोमीटर पश्चिम में चितवन जिले में ये दुर्घटना हुई है। उन्होंने बताया कि काठमांडू से गौर जा रही बस में 41 लोग थे और बीरगंज से काठमांडू जा रही बस में 24 लोग थे। त्रिशूली नदी में दोनों बसें गिरी हैं। इस बीच नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ट्वीट किया कि नारायणगढ़-मुग्लिन सड़क खंड पर भूस्खलन में बस के बह जाने से लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की रिपोर्ट और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संपत्तियों के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। मैं गृह प्रशासन सहित सरकार की सभी एजेंसियों को यात्रियों की खोज और प्रभावी बचाव के निर्देश देता हूं।
নেপালের ১০০ টাকার নোট নিয়ে ভারতে তোলপাড় কেন?
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এসবি নিউজ ব্যুরো: সম্প্রতি নেপাল সরকার ১০০ টাকার নতুন নোট প্রকাশ করেছে। কিন্তু নোট প্রকাশের পরই আমাদের দেশের কূটনৈতিক মহল প্রতিবাদ করেছে। কারণ নেপাল যে নতুন নোট প্রকাশের ঘোষণা করেছে তাতে একটি মানচিত্র রয়েছে। যেখানে ভারতের ৩ টি এলাকাকে নিজেদের বলে ঘোষণা করা হয়েছে। সেই মানচিত্রে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানির বিতর্কিত এলাকা অন্তর্ভুক্ত করা হয়েছে।
উল্লেখ্য,নেপাল এর আগে কখনও এমন ধৃষ্টতা দেখায়নি ।চীনের পৃষ্ঠপোষকতায় নেপাল এর আগেও ভারতের দিকে তার "দুষ্ট নজর" রেখেছে। যদিও ভারত ইতিমধ্যেই এসব এলাকাকে কৃত্রিমভাবে সম্প্রসারিত বলে অভিহিত করেছে। নেপালের প্রধানমন্ত্রী প্রচণ্ডের নেতৃত্বাধীন নেপাল সরকার ১০০ টাকার নোটটিকে নতুনভাবে ডিজাইন করার এবং এর পটভূমিতে মুদ্রিত পুরানো মানচিত্র পরিবর্তন করার অনুমোদন দিয়েছে। নেপাল থেকে নোটে দেখানো হবে ভারতের এলাকা অবৈধ সিদ্ধান্তের আনুষ্ঠানিক ঘোষণাও দেওয়া হয়েছে। এই নোটগুলিতে, নেপালের নতুন মানচিত্রটি দেখানো হবে, যা এটি 18 জুন, 2020 এ প্রকাশিত হয়েছিল। যার মধ্যে লিপুলেখ, কালাপানি এবং লিম্পিয়াধুরার নাম ছিল। মন্ত্রিসভার সিদ্ধান্তের বিষয়ে তথ্য দিয়ে, নেপাল সরকারের মুখপাত্র এবং তথ্য ও যোগাযোগ মন্ত্রী রেখা শর্মা সংবাদ মাধ্যমকে বলেছেন, "প্রধানমন্ত্রী পুষ্পকমল দাহলের সভাপতিত্বে মন্ত্রী পরিষদের বৈঠকে 'প্রচণ্ড'100 টাকার নোটে নেপালের একটি নতুন মানচিত্র ছাপানোর সিদ্ধান্ত নেওয়া হয়েছিল, যাতে লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালাপানি দেখানো হবে।” তিনি বলেন, “আমাদের পুরানো 100 টাকার নোট ফুরিয়ে যেতে চলেছে। যেহেতু আগের নকশায় একটি পুরানো মানচিত্র ছিল, আমরা যখন এটি মুদ্রণ করি তখন মনে হয়েছিল যেন আমরা নতুন মানচিত্র সম্পর্কে জানি না।"
*ভারতের প্রতিক্রিয়া*
এই পদক্ষেপের প্রতিক্রিয়ায় ভারতের পররাষ্ট্রমন্ত্রী এস জয়শঙ্কর নেপালের বিতর্কিত ভারতীয় অঞ্চলগুলিকে তার নতুন 100 টাকার নোটে রাখার সিদ্ধান্তের সাথে দ্বিমত প্রকাশ করেছে। তিনি বলেছেন ,এই বিষয়ে ভারতের অবস্থান স্পষ্ট এবং নেপাল তার নিজের ইচ্ছায় পদক্ষেপ নিয়েছে। তিনি আরও উল্লেখ করেছেন যে যদিও উভয় দেশ সীমান্ত ইস্যুতে কথা বলছে, নেপালের পদক্ষেপ মাটিতে কিছু পরিবর্তন করবে না। তিনি বলেন, ওই রিপোর্ট দেখেছি।  আমি মনে করি আমাদের অবস্থান খুবই পরিষ্কার। নেপালের সাথে, আমরা একটি প্রতিষ্ঠিত ফোরামের মাধ্যমে আমাদের সীমান্ত বিষয়গুলি নিয়ে আলোচনা করছিলাম এবং তারপরে তারা একতরফাভাবে সিদ্ধান্ত নিয়েছিল। কিন্তু তাদের পক্ষ থেকে কিছু করে তারা আমাদের মধ্যকার পরিস্থিতি বা বাস্তবতা বদলাতে যাচ্ছে না।
*নেপাল 2020 সালে মানচিত্র আপডেট করেছে*
18 জুন, 2020-এ, নেপাল তার সংবিধান সংশোধন করেছে এবং তিনটি কৌশলগতভাবে গুরুত্বপূর্ণ যুক্ত করেছেলিপুলেখ, কালাপানি ও লিম্পিয়াধুরা এলাকা অন্তর্ভুক্ত করে দেশের রাজনৈতিক মানচিত্র হালনাগাদ করার প্রক্রিয়া সম্পন্ন হয়। এ নিয়ে কড়া প্রতিক্রিয়া জানিয়েছে ভারত। ভারত একে "একতরফা কাজ" বলে বর্ণনা করেছিল, বলেছিল যে "নেপালের আঞ্চলিক দাবির 'কৃত্রিম পরিবর্ধন' টেকসই নয়।"
*আসলে বিতর্ক কোথায়?* ভারতের সঙ্গে নেপালের সীমান্ত ১৮৫০ কিলোমিটার হলেও যে ভূমি নিয়ে বিরোধ রয়েছে তার আয়তন প্রায় ৩০০ বর্গকিলোমিটার।এটা একটা টুকরো। এখানেই লিপুলেখ, লিম্পিয়াধুরা এবং কালা পানির এলাকা রয়েছে যা ভারতের অন্তর্গত কিন্তু নেপালের উপর শকুনের নজর রয়েছে। এর পেছনেও চীনের মস্তিষ্ক রয়েছে বলে জানা গেছে। প্রকৃতপক্ষে, ভারত, নেপাল এবং চীন সীমান্তবর্তী এলাকায় নদী দিয়ে গঠিত একটি উপত্যকা রয়েছে, যা নেপাল ও ভারতে প্রবাহিত মহাকালী নদীর উৎপত্তিস্থল। এই এলাকাকে কালো জলও বলা হয়। লিপুলেখ পাসও এখানে এবং এখান থেকেউত্তর-পশ্চিম দিকে কিছু দূরত্বে আরেকটি গিরিপথ রয়েছে যাকে লিম্পিয়াধুরা বলে।
नेपाल के 100 रुपए के नोट पर भारत में क्यों मचा है “बवाल”?

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नेपाल ने 100 रुपए का नया नोट जारी करने की घोषणा की। पड़ोसी देश की इस घोषणा से भारत “भड़क” गया है। दरअसल, नेपाल ने जिस नए नोट को जारी करने की घोषणा का है, उसमें एक नक्शा शामिल है। जिसमें भारत के तीन इलाकों को अपना बताया गया है। उस नक्शे में लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी के विवादास्पद क्षेत्र शामिल हैं। वैसे बता दें कि नेपाल ने पहली बार ऐसी हिमाकत नहीं की है। चीन की छत्रछाया में नेपाल ने भारत पर अपनी “नापाक नजर” पहले भी डाली है। हालांकि, भारत पहले ही इन क्षेत्रों को कृत्रिम रूप से विस्तारित करार दे चुका है। 

बता दें कि प्रधानमंत्री प्रचंड की अगुआई वाली नेपाल की सरकार ने 100 रुपए के नोट को फिर डिजाइन करने और उसके बैकग्राउंड में छपे पुराने मैप को बदलने की मंजूरी दी गई है। नेपाल की ओर से नोट में भारत के इलाके दिखाए जाने वाले अवैध फैसले का औपचारिक ऐलान भी कर दिया गया है। इन नोट में नेपाल का वो नया नक्शा दिखाया जाएगा, जो उसने 18 जून, 2020 को जारी किया था। जिसमें लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा के नाम शामिल थे। नेपाल सरकार की प्रवक्ता और सूचना एवं संचार मंत्री रेखा शर्मा ने कैबिनेट फैसले के बारे में जानकारी देते हुए मीडियाकर्मियों को बताया, "प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल 'प्रचंड' की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक में 100 रुपये के नोट में नेपाल का नया नक्शा छापने का निर्णय लिया गया, जिसमें लिपुलेख, लिंपियाधुरा और कालापानी को दर्शाया जाएगा।" उन्होंने कहा, "हमारे पास 100 के पुराने नोट खत्म होने वाले हैं. चूंकि पिछले डिज़ाइन में पुराना नक़्शा था, इसलिए जब हमने उसे छापा तो ऐसा लगा जैसे हमें नए नक़्शे के बारे में मालूम नहीं है।"

भारत की प्रतिक्रिया

इस कदम की प्रतिक्रिया में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विवादित भारतीय क्षेत्रों को अपने नए 100 रुपये के नोट पर डालने के नेपाल के फैसले से असहमति जताई। उन्होंने कहा कि इस पर भारत की स्थिति स्पष्ट है और नेपाल ने अपनी मर्जी से कार्रवाई की। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भले ही दोनों देश सीमा मुद्दों पर बात कर रहे हैं, लेकिन नेपाल की कार्रवाई से जमीनी स्तर पर चीजें नहीं बदलेंगी। उन्होंने कहा, मैंने वह रिपोर्ट देखी। मैंने इसे विस्तार से नहीं देखा है, लेकिन मुझे लगता है कि हमारी स्थिति बहुत स्पष्ट है। नेपाल के साथ, हम एक स्थापित मंच के माध्यम से अपनी सीमा मामलों पर चर्चा कर रहे थे और फिर उसके बीच में, उन्होंने एकतरफा फैसला किया। लेकिन अपनी तरफ से कुछ करने से वे हमारे बीच की स्थिति या जमीनी हकीकत को बदलने वाले नहीं हैं।

2020 में नेपाल ने अपडेट किया था नक्शा

18 जून 2020 को नेपाल ने अपने संविधान में संशोधन करके रणनीतिक रूप से महत्वपूर्व तीन क्षेत्रों लिपुलेख, कालापनी और लिंपियाधुरा को शामिल करके देश के राजनीतिक मानचित्र को अपडेट करने की प्रक्रिया पूरी की थी। इस पर भारत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी। भारत ने इसे "एकतरफा कृत्य" बताते हुए कहा था कि "नेपाल द्वारा क्षेत्रीय दावों का 'कृत्रिम विस्तार' अस्थिर है।"

आखिर कहां है विवाद?

वैसे तो भारत के साथ नेपाल की सीमा 1850 किलोमीटर की है, लेकिन जिस जमीन को लेकर विवाद है वो करीब 300 वर्ग किलोमीटर का टुकड़ा है। यहीं पर लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और काला पानी का वो इलाका मौजूद है जो है तो भारत का लेकिन इस पर नेपाल की गिद्ध दृष्टि है. इसके पीछे भी दिमाग चीन का बताया जा रहा है। दरअसल भारत नेपाल और चीन सीमा से लगे इलाके में नदियों से मिलकर बनी एक घाटी है, जो नेपाल और भारत में बहने वाली महाकाली नदी का उद्गम स्थल है। इस इलाके को काला पानी भी कहते हैं। यहीं पर लिपुलेख दर्रा भी है और यहां से उत्तर-पश्चिम की तरफ कुछ दूरी पर एक और दर्रा है, जिसे लिम्पियाधुरा कहते हैं।

About Ayurvedic Gold Medalist Sexologist in India | Dr. Sunil Dubey

About Ayurveda and Sexologist Doctor:

As soon as we hear the name Ayurveda, a picture of the ancient Indian medical system comes to our mind. It is one of the most effective holistic approaches to physical and mental health. Ayurvedic medicine is one of the oldest medical systems in the world and one of the traditional health care systems of India.


India and Nepal are the only two countries in the world which are rich in this natural medicine and treatment. India has always stood at the top position in the world in this Ayurveda manufacturing and treatment. The entire world always relies on this Ayurveda Medicare and its medication.


Today human lifestyle has become fast; most of the people want instant results for their needs. It is a medical service where Ayurveda Medicare has its own importance and it provides permanent solution to any disease. We are discussing over Ayurvedic Sexologist and its importance in the sexual patients' lives.


In India, there are uncountable Ayurvedic sexual healthcare units and doctors are available to the sexual patients. Among all of them, there are only a few numbers of sexologist doctors who are certified, experienced, and genuine in this Ayurveda and Sexology medical science. As you like, so you get. This quotation is really true.


About Ayurvedic Gold Medalist Sexologist in India:

Dr. Sunil Dubey is India’s most reliable and full-time demanding senior and experienced sexologist doctors in Patna. He has been treating and serving all over India sexual patients for a long time. He practices at Dubey Clinic that is established in 1970 in Patna. It is Bihar’s first Ayurveda medical clinic that provides completely Ayurveda Remedies and Medication to both male and female sexual patients.


He has researched on sexual diseases and disorders like Premature Ejaculation, Erectile Dysfunction, Dhat Syndrome, Nocturnal Emission, Low Libido, Sexual Arousal Disorder, Vaginal Dryness, Sexual Pain Disorder, Leucorrhoea, and others. After five years of hard work and research, he discovered the exact remedies and medicine in the profession of Ayurveda medical science for these sexual problems sake.

He has treated more than three lakh sexual patients of India and mostly sexual patients have got the positive result to get rid of their sexual problems. Seeing his popularity and great contribution in the profession of Ayurveda and Medical Science, Research Councils of India has awarded him as a Bharat Gaurav Award in New Delhi. His treatment and medication returned the happiness in lakhs of disappointed sexual patients' lives, that’s why; he was also awarded with Gold Medal in Dubai by the Dubai Government. Most of the sexual patients from Dubai, USA, UK, Neapl, and other countries consult this world famous Ayurvedacharya to get rid of their sexual problems.


Currently Dr. Sunil Dubey is an Ayurvedic Gold Medalist Sexologist in India treating sexual patients from all over the world. The local sexual patients from Bihar contact him over phone and make appointment to visit at Dubey Clinic. The outside sexual patients contact him over phone and get their treatment and medication through online medium like WhatsApp and all media of communications.


Just contact him if you are facing any sexual problem. Dubey Clinic and its Ayurveda Medicare Expert Team will be helping you to get rid of your sexual problems.


With best wishes:

Dubey Clinic

A Certified Clinic of India

Helpline No: +91 98350 92586; +91 93340 58336

Venue: Subash Market, near Globe Time Telecom, Dariyapur Gola, Langar Toli, Chauraha, Patna, Bihar 800004

Location: https://maps.app.goo.gl/gA7AQTiNTzscfi2v7

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बिहार इंवेस्टर समिट का आयोजन 13 दिसंबर और 14 दिसंबर को होगा

पटना: बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी और उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव संदीप पोंड्रिक इन्वेस्टर्स मीट पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

मुख्य सचिव आमिर सुहानी ने कहा कि बिहार इंवेस्टर समिट का आयोजन किया गया है । ये 13 दिसंबर और 14 दिसंबर को होगा।

 

बिहार इसके लिए कई तैयारियाँ कर चुका है, हम उद्योग जगत की बताना चाहते है कि पिछले 2 वारसो से हम इंवेस्टर मीट करते रहे है। और इस बार ग्लोबल इंवेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है।

वहीं उद्योग विभाग में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि हम पिछले 6 महीने में हमने कई राज्यों में इंवेस्टर समिट किए है।

हमने UAE, JAPAN, BANGLADESH जैसे देशों में भी जाके इंवेस्टर समिट किया है

इसमें सीएम नीतीश कुमार भी मौजूद रहेंगे। जो निवेशक आएँगे उनको पटना के आस पास के जगहों को भी घुमाएँगे।

14 दिसंबर को राउंड टेबल समिट होगा और फीड बैक दिया जाएगा। फिर सीएम नीतीश कुमार सेंगर और निवेशक से नीतीश कुमार मुलाक़ात भी करेंगे

फिर सीएम प्रमुख इन्वेस्टर्स को सम्मान भी करेंगे और MOU भी साइन होगा। प्रमुख इन्वेस्टर्स भी हमलोगों से मिलेंगे।

इसके अलावा 16 देशों के बिज़नेस मैन भी आ रहे है,। USA,JAPAN,BANGLADESH,NEPAL,UAE जैसे 16 देसों से बिजनेसमैन भी आ रहे है।

 बिहार में आपार संभावनाएँ है जिससे हम निवेशकों को बता पाएँगे कि बिहार कितना आगे। हमारा इंफ्रास्ट्रक्चर काफ़ी अच्छा हो गया है। हमारे यहाँ रोड, बिजली भी भरपूर है। हमारे लोग कई राज्यों में जाकर काम करते है अब वो लोग बिहार आएँगे।

MOU की बात की जाए तो क़रीब 5 चरणों में बाटे गए है।क़रीब 240 कंपनी से ज़ायदा MOU साइन होंगे। क़रीब 30 हज़ार करोड़ का MOU साइन होगा

पटना से मनीष