रांची लाया गया कुख्यात गैंगस्टर मयंक सिंह, अज़रबैजान सरकार के सहयोग से झारखंड प्रत्यर्पण
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झारखंड राज्य के इतिहास में पहली बार किसी कुख्यात अपराधी को विदेश से गिरफ्तार कर वापस लाया गया है। यह कुख्यात अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा है। झारखंड पुलिस के मोस्ट वांटेड अपराधी मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा को आखिरकार अजरबैजान से भारत ले आया गया। पिछले एक साल से मयंक अजरबैजान के बाकू जेल में बन्द था। झारखंड पुलिस के लिए पहला ऐतिहासिक प्रत्यर्पण है। एटीएस की टीम उसे बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लेकर पहुंची, जहां सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
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झारखंड एटीएस के पुलिस अधीक्षक (एसपी) ऋषव कुमार झा के नेतृत्व में एटीएस के दल ने दोनों देशों के बीच प्रत्यर्पण संधि के अनुसार औपचारिकताएं पूरी कीं और फिर सिंह उर्फ सुनील मीणा को वापस लाने के लिए आजरबैजान का दौरा किया। रांची हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद झा ने कहा, झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है। हमें उम्मीद है कि विदेश में मौजूद बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पण या निर्वासन के जरिए वापस लाया जाएगा। उन्होंने कहा, यह एक बड़ी उपलब्धि है और इसका श्रेय हमारे पुलिस महानिदेशक, मुख्यमंत्री और राज्य व केंद्र सरकार के सहयोग को जाता है।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग से है संबंध
एसपी ने बताया कि सिंह झारखंड, राजस्थान और पंजाब समेत अन्य राज्यों में दर्ज 50 से अधिक मामलों में वांछित है। पुलिस के अनुसार कुख्यात मयंक का लॉरेंस बिश्नोई गैंग और झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू गिरोह से भी संबंध हैं। साथ ही राजस्थान में रहने वाले अन्य गैंगस्टरों के साथ संपर्क बनाने में अहम भूमिका निभाता है
गैंगस्टर लॉरेंस के बचपन का दोस्त है मयंक सिंह
मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस विश्नोई के बचपन का दोस्त है। अपराध की दुनिया में लॉरेंस और मयंक ने एक साथ कदम रखा था। अपराध के कई मामलों में मयंक जेल भी जा चुका है। लेकिन पिछले 2 साल वह मलेशिया में बैठकर लारेंस के कहने पर झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर रहे अमन साव के साथ काम कर रहा था। अमन और लॉरेंस के बीच की अहम कड़ी मयंक सिंह ही था। इंटरनेट कॉल के जरिए कारोबारी को धमकी देना मयंक सिंह का प्रमुख काम था।
मयंक के खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया
मयंक सिंह विदेश में बैठकर अपने गिरोह से जुड़े गुरू और अन्य अपराधियों के माध्यम से झारखंड में कई बड़ी आपराधिक वारदात को अंजाम दिलवा रहा था। इन मामलों में हत्या, रंगदारी और फायरिंग के कई गंभीर वारदात शामिल है। पिछले पांच साल तक झारखंड पुलिस को यही पता नहीं था कि मयंक सिंह कौन है। एटीएस की टीम ने अथक प्रयास के बाद यह पता लगाया कि मयंक सिंह असल में सुनील मीणा है जो राजस्थान का रहने वाला है और विदेश में रहकर झारखंड में आपराधिक गतिविधियों का संचालन कर रहा है। जिसके बाद उसके खिलाफ रेड कांर्नर नोटिस जारी किया गया और वह रेड कॉर्नर नोटिस के कारण ही अजरबैजान में पकड़ा गया था। पिछले कई महीनों की मेहनत और कानूनी प्रक्रिया के बाद आखिरकार, झारखंड पुलिस और एटीएस की टीम को बड़ी सफलता मिली है।
Aug 23 2025, 20:10