मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज-राजेश तिवारी
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विश्वनाथ प्रताप सिंह, प्रयागराज। मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है यह अभिव्यक्ति स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज मेजा प्रयागराज के ग्राम पंचायत बकचून्दा निवासी राजेश तिवारी ने अपने प्रियजनों के बीच माँ भगवती सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी जंगीगंज भदोही में माँ भगवती सीता मन्दिर द्वार के एकदम सम्मुख कही।खबर का पृष्ठांकन कराते चले कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी माँ भगवती सीता के दर्शन हेतु सीता समाहित स्थल सीतामढ़ी जंगीगंज भदोही पधारे हुए थे।
आपसी सौहार्दपूर्ण साहित्यिक परिचर्चा के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान है क्योंकि संकट के समय ज्ञान ही काम आता है न कि धन-दौलत।यदि कोई मनुष्य जंगल में शेर के बीच घिर गया और ज्ञान के सहारे वृक्ष पर चढ़कर अपने प्राणों की रक्षा कर ली तो क्या ऐसे समय पर किसी व्यक्ति की रक्षा धन-दौलत कर सकती है उत्तर है नही।
इस उदाहरण से साफ स्पष्ट है कि मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान ही है।स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने आगे कहा कि ज्ञान के ही परिकलन एवं चिंतन मंथन से विज्ञान का उदय होता है और विज्ञान के ही देन से आज इन्सान चाँद तक जा पहुँचा है और सभी पहलुओं पर विकास करते हुए निरन्तर आगे ही बढ़ता चला जा रहा है।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी ने आगे अपने व्यक्तव्य में यह भी कहा कि ज्ञान ही विषम परिस्थितियों में मनुष्य की रक्षा करती है,असली ज्ञान सदैव सत्य एवं न्याय के कक्षा में रहती है।इस अवसर पर उपस्थित वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी द्वारा ज्ञान की परिभाषा के वास्तविक स्वरुप का विवरण बहुत ही सुन्दर एवं अकाट्य सत्यमयता की वाणी में वर्णित किया गया है।
वास्तव में मानव जीवन में सबसे अनमोल सम्पत्ति ज्ञान ही है।इस साहित्यिक एवं ज्ञानात्मक वार्ता के दौरान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी वंशज तिवारी के साथ वरिष्ठ समाजसेवी पं० शेषमणि शुक्ला,हिन्दू महासभा महामंत्री राकेश तिवारी,आचार्य प्रकाशानन्द महराज एवं शिक्षाविद जोखू लाल पटेल सहित आस पास बहुत से लोग मौजूद रहे।
Jul 22 2025, 16:48