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गुडंबा में खुलेआम गुंडागर्दी, महिलाओं-बच्चों पर बांकों से हमला
लखनऊ । राजधानी के गुडंबा थाना क्षेत्र में रविवार को एक परिवार पर दबंगों ने घर में घुसकर ताबड़तोड़ हमला कर दिया। लाठी-डंडों और बांकों से लैस हमलावरों ने महिलाओं और बच्चों को भी नहीं बख्शा। गंभीर रूप से घायल महिला और पुरुष को मरा समझकर आरोपी गले से सोने की चेन लूटकर फरार हो गए। पूरे घटनाक्रम के दौरान पुलिस नदारद रही और अब महज "मामले की जांच जारी है" की औपचारिकता निभा रही है।

दबंगों ने घर में घुसकर किया हमला

स्पोर्ट्स कॉलेज गुडंबा निवासी रेखा यादव ने बताया कि वह रविवार को अपनी बुआ संगीता यादव और अन्य परिजनों के साथ घर के बाहर बैठी थीं। इसी दौरान मोहल्ले के ही राकेश, डॉक्टर संतोष, अजेन्द्र, रामलखन समेत करीब 25-30 लोग पहुंचे और गाली-गलौज शुरू कर दी। विरोध करने पर उन्होंने हमला कर दिया। जब परिवार के लोग जान बचाने को घर में भागे, तो दबंग बांका लेकर अंदर तक घुस आए और 10 वर्षीय शिवा, संगीता और बालक राम पर जानलेवा हमला कर दिया।

पड़ित परिवार ने पुलिस को दी सूचना, मगर अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं

घटना के बाद पीड़ित परिवार ने पुलिस को सूचना दी और तहरीर भी दी, मगर अभी तक कार्रवाई की बजाय सिर्फ "जांच" का हवाला दिया जा रहा है। खुलेआम गुंडई और घर में घुसकर हमला करने जैसी संगीन वारदात के बाद भी अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इलाके में दहशत का माहौल है और स्थानीय लोग पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठा रहे हैं।
बच्ची से हैवानियत के मामले में अभी तक स्कूल प्रबंधक का दर्ज नहीं हो सका बयान
लखनऊ । राजधानी में इंदिरानगर के किड्जी स्कूल की मासूम बच्ची के साथ हुए दुष्कर्म ने जहां पूरे शहर को झकझोर दिया, वहीं पुलिसिया सुस्ती और लापरवाह जांच ने व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर कर दिया है। घटना को चार दिन ज्यादा बीत चुका है, लेकिन न तो स्कूल प्रबंधक का बयान दर्ज किया गया है और न ही घटनास्थल यानी बरामद वैन की फॉरेंसिक जांच हो सकी है। ऐसे में अब सवाल यह उठता है कि जब मामला एक मासूम की अस्मिता से जुड़ा है, तो कार्रवाई इतनी ढीली क्यों?। वहीं छात्रा की मां इंसाफ के लिए दर-दर भटक रही है।

अभी वैन की फॉरेसिंग जांच होनी बाकी

सूत्र बताते हैं कि पुलिस ने एफएसएल को वैन जांच के लिए सूचना जरूर दी है, लेकिन अब तक महज़ "सूचना दी गई" वाली कार्यशैली ही सामने आई है। सोमवार को टीम आने की "संभावना" जताई जा रही है, लेकिन ठोस कदम नदारद हैं।वही स्कूल प्रबंधक संदीप कुमार, जिनके जिम्मे बच्चों की सुरक्षा थी, आज तक न सिर्फ बयान देने से बचते रहे हैं बल्कि पुलिस भी उन्हें पूछताछ के लिए तलब करने में सुस्ती बरत रही है।

पुलिस का कहना- अभी कोई तथ्य उजागर नहीं कर सकता

थाना प्रभारी से जब स्थिति जाननी चाही गई तो उन्होंने विवेचना जारी है, कोई तथ्य उजागर नहीं किया जा सकता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि क्या पुलिस केवल दिखावटी दुष्कर्म आरोपी वैन चालक की गिरफ्तारी करके अपनी ज़िम्मेदारी से मुक्त हो चुकी है?। इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि बच्ची की मां जब शिकायत लेकर स्कूल पहुंचीं, तो आरोपी चालक ने उन्हें धमकाया, और प्रबंधक ने भी चुप रहने के लिए बोला था।

चार साल की बच्ची के साथ 14 जुलाई को हुआ था दुष्कर्म

इंदिरानगर स्थित किड्जी स्कूल के वैन चालक इंदिरानगर लवकुशनगर निवासी मो. आरिफ ने 14 जुलाई को वैन में चार साल की बच्ची से दुष्कर्म किया था। घर पहुंचकर बच्ची ने सारी बात मां को बताई थी। वह शिकायत लेकर स्कूल पहुंची तो चालक मो. आरिफ ने उनको धमकाया। पीड़िता ने प्रबंधक को बताया तो उन्होंने मामले को देखने की बात कही, पर कुछ नहीं किया। 17 जुलाई को बच्ची की मां ने आरोपी वैन चालक व स्कूल प्रबंधक के खिलाफ इंदिरानगर थाने में केस दर्ज कराया था। पुलिस ने चौबीस घंटे के अंदर आरोपी वैन चालक को गिरफ्तार करते हुए घटना में इस्तेमाल की गई वैन बरामद कर ली थी।


जनिये क्या है दुष्कर्म पीड़िता मां की पूरी कहानी

दुष्कर्म पीड़ित बच्ची की मां हरदोई की रहने वाली है। पति की लंबी बीमारी के चलते साल एक साल पहले मौत हो जाने के कारण वह बच्चों को लेकर लखनऊ चली आयी। ताकि बच्चे अच्छी शिक्षा दीक्षा पा सके। इसलिए बेटी का नाम नामी गिरामी स्कूल किड्जी में लिखवाया। बच्चों की पढ़ाई लिखाई का खर्चा महिला के पिता उठा रहे है। महिला ने पुलिस को बताया कि वह पहले स्कूल बेटी को छोड़ने खुद जाती थी। चूंकि पति के मौत के बाद ही उन्हें जुड़वा बच्चे हुए। जिसकी वजह से उनकी देखभाल करने में दिक्कत आ रही थी तो स्कूल की वैन लगवा दी। वैन चलाने वाले का नाम मोहम्म्द आरिफ था।

स्कूल प्रबंधन ने कहा- बदनामी होगी चुप रहो, बच्ची की फीस माफ कर देंगे

महिला ने अपने बयान में पुलिस काे बताया कि 14 जुलाई को जब उनकी बच्ची घर लौटी तो गुमशुम थी। शाम को सोते वक्त अपने प्राइवेट पार्ट की तरफ इशारा करते हुए बताया कि इसमें दर्द हो रहा है। वह तुरंत बच्ची को लेकर चिकित्सक के पास गई तो उन्होंने देखकर बताया कि बच्ची के साथ किसी ने गलत हरकत की है। दूसरे दिन वैन चालक आरिफ बच्ची को लेने पहुंचा तो उससे शिकायत की तो जान से मारने की धमकी देते हुए मुंह बंद रखने को कहा। इसके बाद वह स्कूल प्रबंधक के पास शिकायत करने गई तो वह भी बदनामी बात कहकर चुप रहने को कहा। कहां ड्राइवर को निकाल देंगे और बच्ची की फीस माफ कर देंगे लेकिन घटना के दो दिन बाद भी प्रबंधक ने कुछ नहीं किया।

इस मामले में अभी तक केवल चालक पर ही हो पाई है कार्रवाई

अंत में पीड़ित बच्ची की मां ने बताया कि जब सब तरफ से उसे न्याय की उम्मीद नहीं दिखी तो फिर पुलिस के पास पहुंची। अब जब पुलिस तक पूरा मामला पहुंच गए और पीड़ित बच्ची की मां की तहरीर पर मुकदमा आरोपी चालक आरिफ और प्रबंधक के खिलाफ दर्ज कर लिया गया तो फिर जांच इतनी धीमी क्यों। पुलिस ने चालक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है लेकिन प्रबंधक का अभी तक बयान तक नहीं दर्ज की है। जबकि बच्ची के साथ इस तरह की घटना से हर कोई स्कूली वाहन से अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असुरक्षित महसूस करने लगा है। लोगों को कहना है कि ऐसे मामले को पुलिस को गंभीरता पूर्वक से लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, ताकि इस तरह की घटना की दोबारा से पुनरावृत्ति न हो।
लखनऊ में परिवहन विभाग का सघन चेकिंग अभियान जारी, 770 वाहनों का चालान, 7 वाहन सीज
राजधानी लखनऊ में सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए परिवहन विभाग का सघन प्रवर्तन चेकिंग अभियान लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा।  इस अभियान में लखनऊ संभाग के सभी छह जनपदों के अधिकारी शामिल रहे और कुल 770 वाहनों का चालान किया गया, जबकि सात वाहनों को थाने में निरुद्ध किया गया।

अभियान के दौरान छह जनपदों के नौ पीटीओ रहे मौजूद

परिवहन आयुक्त के निर्देश पर राजधानी लखनऊ में चल रहे सघन प्रवर्तन चेकिंग अभियान के दूसरे दिन अलग-अलग चौक-चौराहों पर आरटीओ, एआरटीओ, पीटीओ और प्रवर्तन सिपाही इन्फोर्समेंट करते दिखायी दिये। दूसरे दिन अभियान में एआरटीओ प्रवर्तन राजीव कुमार बंसल के अलावा लखनऊ संभाग के सभी 6 जनपदों के नौ पीटीओ अफसर भी शामिल रहे।

सात वाहनों को किया सीज

इस दौरान बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने, बिना सीट बेल्ट के चार पहिया वाहन चलाने, बिना ड्राइविंग लाइसेंस व हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के वाहन चलाने, चार पहिया वाहन में ब्लैक फिल्म के प्रयोग आदि अभियोजन के विरुद्ध कार्रवाई की गई। आरटीओ प्रवर्तन प्रभात कुमार पांडेय ने बताया कि अभियान के दूसरे दिन कुल 770 वाहनों का चालान तथा 7 वाहनों को निरुद्ध किया गया। जिसमें हेलमेट से अभियोग में 678 वाहनों के तथा सीट बेल्ट के अभियोग में 92 वाहनों के चालान किए गए। उक्त के अतिरिक्त 7 वाहनों को थाने में निरुद्ध किया गया।

इन स्थानों पर चलाया गया चेकिंग अभियान

अभियान महानगर चौराहा, इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा, घंटाघर / चौक तथा बंगला बाजार, आशियाना क्षेत्र में चलाया गया जिसमें लखनऊ से पीटीओ एसपी देव, मनोज भारद्वाज, आभा त्रिपाठी, अनीता वर्मा, उन्नाव से शैहपर किदवई, रायबरेली से रेहाना बानो, हरदोई से केएन पाण्डेय, लखीमपुर खीरी से डॉ.कौशलेंद्र यादव और सीतापुर से मो. आब्दीन अहमद उपस्थित थे।
संभव’ अभियान की नायिकाएं: पाँच आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को मिला राज्य स्तरीय सम्मान

लखनऊ । उत्तर प्रदेश में महिला कल्याण एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित ‘संभव’ अभियान ने पोषण, मातृ-शिशु स्वास्थ्य और डिजिटल दक्षता के क्षेत्र में नई उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। इस अभियान के तहत वाराणसी, चंदौली, श्रावस्ती, उन्नाव और फर्रुखाबाद की पाँच आँगनबाड़ी कार्यकत्रियों को कैबिनेट मंत्री श्रीमती बेबी रानी मौर्य द्वारा सम्मानित किया गया। ये महिलाएं आज प्रदेश में नारी शक्ति और सेवा भावना की प्रेरणास्रोत बन गई हैं।

वाराणसी की श्रीमती सरिता देवी ने गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान कर उन्हें एनआरसी में भर्ती कराया और स्तनपान व टीकाकरण में अनुकरणीय सुधार लाया। चंदौली की श्रीमती सुजाता कुशवाहा ने बच्चों में केवल स्तनपान को 90% तक पहुँचाया, किशोरियों को एनीमिया से बाहर निकालने में सफल रहीं और पोषण ट्रैकर पर शत-प्रतिशत डेटा दर्ज कर डिजिटल दक्षता सिद्ध की।

श्रावस्ती की श्रीमती पानकली ने सीमित संसाधनों में भी 12 से अधिक कुपोषित बच्चों को पोषण सेवाओं से जोड़ा और किशोरियों में स्वच्छता व पोषण शिक्षा को मजबूती दी। उन्नाव की श्रीमती सजनी अवस्थी ने ई-कवच के माध्यम से 4 बच्चों का जीवन बदला, 5 किशोरियों को एनीमिया से उबारकर फिर से स्कूल जोड़ा, और मातृत्व योजना से 64 महिलाओं को लाभ दिलाया।

फर्रुखाबाद की श्रीमती चन्द्रमुखी ने 3 सैम बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर सुधार सुनिश्चित किया और पोषण ट्रैकर पर 100% ई-केवाईसी पूर्ण किया। उनकी कार्यकुशलता का प्रमाण यह है कि तीन वर्षों से उनके विरुद्ध कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई है।

‘संभव’ अभियान की ये नायिकाएं दिखाती हैं कि सेवा, समर्पण और संवेदनशीलता से किस प्रकार समाज में बदलाव लाया जा सकता है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग ने इनके योगदान को नमन करते हुए विश्वास जताया है कि इन जैसे हजारों कार्यकत्रियाँ प्रदेश को कुपोषणमुक्त और स्वस्थ समाज की ओर अग्रसर करेंगी।
एटीएम बूथ के भीतर व बाहर व्यक्तियों को गुमराह कर एटीएम स्वैप करके उनके खाते से पैसा निकालने वाले गिरोह का सरगना सहित 5 गिरफ्तार

लखनऊ । राजधानी समेत कई राज्यों में सक्रिय एटीएम कार्ड स्वैपिंग गिरोह पर एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। एटीएम बूथों के भीतर और बाहर लोगों को धोखे में डालकर उनका कार्ड बदलकर खातों से पैसे उड़ाने वाले अंतरराज्यीय गैंग के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। गिरोह के सरगना ज्ञानेंद्र शुक्ल समेत गिरफ्तार आरोपियों के पास से 75 एटीएम कार्ड, मोबाइल, नकदी और एक कार बरामद हुई है। ये गैंग यूपी, एमपी, दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में सक्रिय था और अब तक दर्जनों लोगों को ठगी का शिकार बना चुका है।

गिरोह का सरगना है ज्ञानेंद्र शुक्ला

गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम ज्ञानेंद्र शुक्ल पुत्र चन्द्रमणि शुक्ल निवासी ग्राम बड़ापुरवा पोस्ट मोहनगंज थाना कोतवाली देहात प्रतापगढ़ (गिरोह का सरगना),उमेश यादव पुत्र हरिकेश यादव निवासी ग्राम काक्षापुरे बोधराम थाना जेठवारा प्रतापगढ़, रोशन सिंह पुत्र कामबहादुर सिंह निवासी गणेशीपुर थाना हंडिया जिला प्रयागराज, शिवप्रकाश सिंह पुत्र स्व हरिश्चंद्र सिंह निवासी ग्राम गणेशीपुर थाना हंडिया प्रयागराज, विपेंद्र सिंह पुत्र रणविजय सिंह निवासी ग्राम गणेशीपुर थाना हंडिया जिला प्रयागराज  है। इनके कब्जे से 75 एटीएम कार्ड, चार मोबाइल, 5090 रुपये नकद, एक कार बरामद किया गया है।

यूपी के अलावा मध्य प्रदेश, हरियाणा व दिल्ली में भी करते रहे यह कार्य

पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ धर्मेश कुमार शाही ने बताया कि पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि हम लोगों का एक संगठित गिरोह है, जो उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली एनसीआर आदि राज्यों से एटीएम कार्ड बदलकर लोगों के खाते से पैसा निकालने का काम करते है। इस गिरोह द्वारा यह काम काफी समय से किया जा रहा है। गिरोह के सदस्य एटीएम बूथ में घुसकर पैसा निकालने वाले लोगो के पीछे खड़े हो जाते हैं एवं किसी भी तरीके से उनका पिन कोड देख लेते है। जिसके उपरान्त उन्हें धक्का देकर या अन्य किसी बहाने से उनका ध्यान भटकाकर उनका कार्ड बदल देते है और दूसरे एटीएम बूथ में जाकर उनका पूरा पैसा निकाल लेते हैं।गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना गोसाईगंज मुकदमा पंजीकृत कराया गया है। ज्ञानेंद्र शुक्ल पर आठ, उमेश यादव पर 15, विपेंद्र सिंह पर 13, रोशन सिंह पर आठ, शिव प्रकाश सिंह पर दो मुकदमे दर्ज है।
लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में थानाध्यक्षों और इंस्पेक्टरों का तबादला हुआ

राजधानी में कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने और प्रशासनिक कार्यों को बेहतर करने के उद्देश्य से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट में कई थानाध्यक्षों के तबादले किए गए हैं। शनिवार को पुलिस आयुक्त अमरेन्द्र कुमार सेंगर के आदेश पर छह निरीक्षकों और थानाध्यक्षों के कार्यक्षेत्र में बदलाव किया गया।

शिवमंगल को मिली हुसैनगंज थानाध्यक्ष की जिम्मेदारी

जिन थानाध्यक्षों का तबादला किया गया है, उनमें श्रीकान्त राय को पुलिस लाइन से पश्चिमी जोन, अजय नारायण को पुलिस लाइन से पूर्वी जोन, मथुरा राय को पुलिस लाइन से उत्तरी जोन में भेजा गया है।ओमवीर सिंह चौहान को पुलिस लाइन /साइबर थाना से प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज बनाया गया है। वहीं, राम कुमार गुप्ता को हुसैनगंज से महिगवां और शिवमंगल सिंह को महिगवां से हुसैनगंज का प्रभारी निरीक्षक नियुक्त किया गया है।

सबसे संवेदनशील थाने की ओमवीर सिंह को मिली कमान

राजधानी का ठाकुरगंज थाना काफी संवेदनशील माना जाता है। चूंकि यहां पर बहुत घनी आबादी है और अपराध भी ज्यादा होता है। अभी कुछ दिन पहले यहां के थाना प्रभारी को विवादों के चक्कर में ही हटाया गया था। अब यहां की जिम्मेदारी ओमवीर सिंह को सौंपी गई है, जो इनके लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। ठीक इसी प्रकार के हालात हुसैनगंज थाना का है। यह भी संवेदनशील थाना है, यहां पर इसकी जिम्मेदारी शिवमंगल को मिली है।
बिहार चुनाव से पहले बड़ी कार्रवाई, लखनऊ में ट्रक से भारी मात्रा में अवैध विदेशी शराब बरामद

लखनऊ । अवैध शराब तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत आबकारी विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने  बड़ी सफलता हासिल की। लखनऊ के गोसाईगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत कबीरपुर गांव, सुल्तानपुर रोड के पास पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के किनारे एक ट्रक से भारी मात्रा में अवैध विदेशी शराब बरामद की गई। पूछताछ में पता चला कि उक्त शराब को बिहार में होने वाले चुनाव से पहले खपाने के लिए ले जा रहे थे।

ट्रक में छिपाकर ले जा रहे थे  527 पेटी शराब

मुखबिर से मिली सूचना पर कार्रवाई करते हुए टीम ने ट्रक  को रोका, जिसमें 527 पेटी यानी करीब 4691 लीटर गैर-प्रांतीय विदेशी शराब छिपाकर ले जाई जा रही थी। बरामद शराब में इंपीरियल ब्लू, मैकडॉवेल और वुड्समैन जैसे ब्रांड शामिल हैं। शराब को ट्रक के मध्य हिस्से में रखकर ऊपर और पीछे लोहे की पाइपों से ढक दिया गया था ताकि जांच में पकड़ में न आ सके।पूछताछ में सामने आया कि यह ट्रक चंडीगढ़ से लखनऊ होते हुए बिहार जा रहा था। पुलिस ने मौके से दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार आरोपियों के नाम दिनेश कुमार परमार और जगदीश हैं, जो मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के रहने वाले हैं।

बिहार चुनाव को देखते हुए प्रदेशभर में बढ़ा दी गई है सतर्कता

आरोपियों के खिलाफ थाना गोसाईगंज में भारतीय दंड संहिता और आबकारी अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।इस कार्रवाई में आबकारी निरीक्षक विवेक सिंह, गोसाईगंज के उपनिरीक्षक और उनकी टीम मौजूद रही।अधिकारियों का कहना है कि आगामी बिहार चुनाव के मद्देनज़र अवैध शराब की तस्करी रोकने के लिए प्रदेशभर में सतर्कता बढ़ा दी गई है और इस तरह की प्रवर्तन कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी।
लखनऊ में ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन पर चला सख्ती का चाबुक, 579 वाहन चालान
लखनऊ । राजधानी में बिना हेलमेट और सीट बेल्ट के वाहन चलाने वालों की अब खैर नहीं है। चूंकि परिवहन विभाग ने शहर में ट्रैफिक नियमों को लेकर सख्ती दिखाई। हेलमेट न पहनने, सीट बेल्ट न लगाने और अन्य यातायात नियमों के उल्लंघन पर जगह-जगह चेकिंग की गई। इस दौरान जो बिना हेलमेट व सीट बेल्ट के मिले उनके ऊपर कार्रवाई की गई।

चेकिंग अभियान के दौरान तीन बाइकों को किया गया सीज

जीपीओ हजरतगंज चौराहे पर बिना हेलमेट चल रहे एक युवक को रोका गया, जो पेशे से वकील निकला। जांच में पता चला कि उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं है। वहीं, एक लग्जरी कार को फर्जी नंबर प्लेट और काली फिल्म लगे होने पर रोका गया।अभियान लखनऊ मंडल के नौ चौराहों पर चलाया गया जिसमें 579 वाहनों का चालान किया गया। इसमें 452 चालान हेलमेट न पहनने पर, 110 सीट बेल्ट न लगाने पर और 17 चालान अन्य कारणों से किए गए। तीन मोटरसाइकिलों को थाने में सीज भी किया गया।

अभियान के दौरान ये अधिकारी मौके पर रहे मौजूद

अभियान की शुरूआत अपर परिवहन आयुक्त (प्रवर्तन) संजय सिंह की मौजूदगी में शुरू हुआ और इस दौरान दोनों आरटीओ समेत पीटीओ टीम में लखनऊ से एसपी देव, आभा त्रिपाठी, अनीता वर्मा व मनोज यादव, उन्नाव से शैहपर किदवई, रायबरेली से रेहाना बानो, हरदोई से केएन पाण्डेय, लखीमपुर खीरी से डॉ. कौशलेंद्र यादव और सीतापुर से मो. आब्दीन अहमद उपस्थित थे।
भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में महिलाओं से चेन लूटने वाले गिरोह का भंडाफोड़
लखनऊ । थाना मानकनगर पुलिस ने एक शातिर गिरोह का भंडाफोड़ किया, जो ई-रिक्शा व भीड़भाड़ वाले स्थानों पर महिलाओं का ध्यान भटकाकर जेवरात चोरी करता था। टीम ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर चोरी व धोखाधड़ी से जुड़े मामलों का पर्दाफाश किया है। आरोपियों के पास से चोरी की चेन, नकदी और वारदात में प्रयुक्त कार बरामद की गई है।

पुलिस को शव न हो इसलिए स्थान बदल-बदल कर करते थे वारदात

पूछताछ में आरापियों ने बताया कि ये सभी आरोपी मिलकर एक सक्रिय गिरोह की तरह काम करते थे। आमतौर पर भीड़भाड़ वाले बाजारों या सवारी वाहनों में जेवर पहनी महिलाओं को निशाना बनाते थे। रिक्शा या भीड़ में महिलाओं से बातचीत के बहाने उनका ध्यान भटकाते और जेवर चुरा लेते। बाद में यह जेवर किसी अनजान व्यक्ति को बेचकर रुपये आपस में बांट लेते। वारदात के बाद यह लगातार स्थान बदलते रहते जिससे पुलिस को इन्हें ट्रेस करने में कठिनाई होती थी।

तीन जुलाई को एक महिला ने इनके खिलाफ दर्ज कराई थी एफआईआर

3 जुलाई को संगीता देवी नामक महिला ने मानकनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि ई-रिक्शा में बैठने के दौरान कुछ अज्ञात महिलाओं ने उनका ध्यान भटका कर उनकी सोने की चेन चोरी कर ली। मामले की जांच उपनिरीक्षक इन्द्रपाल सिंह फौजदार को सौंपी गई। डीसीपी मध्य के आदेश पर गठित टीम ने सीसीटीवी, सीडीआर और मुखबिरों की मदद से आरोपियों की पहचान की।

आरोपी के कब्जे से चोरी का यह सामान हुआ बरामद

गिरफ्तार आरोपी की पहचान सनोज (20), निवासी बड़हलगंज, गोरखपुर, मन्ती देवी (50), निवासी लखनापुर बंजारा, गोरखपुर, ललिता देवी (32), निवासी  खालिसपुर, आजमगढ़, बिन्दु देवी (41), निवासी  अहमदपुर असना, मऊ, कविता देवी (27), निवासी  लखनागंज बंजारा, गोरखपुर के रूप में हुई। इनके कब्जे से चोरी की गई चेन, धोखाधड़ी से जेवरात बेचने के बाद प्राप्त 6850 रुपये, स्विफ्ट डिजायर कार, जो वारदातों में प्रयुक्त हुई थी बरामद किया गया है।
68वीं यूपी पुलिस तकनीकी प्रतियोगिता संपन्न, मेरठ व लखनऊ जोन ने मारी बाजी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश पुलिस की 68वीं वार्षिक प्रतियोगिता 2025 का शुक्रवार को सफल समापन हो गया। यह प्रतियोगिता 15 से 18 जुलाई के बीच लखनऊ के रिजर्व पुलिस लाइन और सुरक्षा मुख्यालय में आयोजित की गई थी। आयोजन में प्रदेश के 12 जोन की पुलिस टीमों ने भाग लिया।इस प्रतियोगिता में वैज्ञानिक अनुसंधान, फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी, श्वान दल (डॉग स्क्वॉड), कम्प्यूटर व एंटी-सैबोटाज जैसी तकनीकी स्पर्धाएं कराई गईं। मेरठ और लखनऊ जोन ने कई श्रेणियों में बेहतर प्रदर्शन करते हुए पुरस्कार जीते।

मुख्य विजेता रहे

-वैज्ञानिक अनुसंधान: मेरठ जोन (चैंपियन), प्रयागराज जोन (रनर-अप)
-फोटोग्राफी: मेरठ जोन (दोनों टीमों ने प्रथम और द्वितीय स्थान)
-कंप्यूटर: PAC पश्चिमी जोन (चैंपियन), PAC पूर्वी जोन (रनर-अप)
-एंटी-सैबोटाज चेक: लखनऊ जोन (चैंपियन), बरेली जोन (रनर-अप)
-वीडियोग्राफी: मेरठ जोन (चैंपियन), लखनऊ जोन (रनर-अप)
-श्वान दल: लखनऊ जोन (चैंपियन), बरेली जोन (रनर-अप)
-पूरे आयोजन के दौरान किसी तरह की कोई अव्यवस्था नहीं हुई, जिससे कार्यक्रम का सफल संचालन सुनिश्चित हो सका।

समापन समारोह में मौजूद ये अधिकारी

समापन समारोह में अपर पुलिस महानिदेशक सुजीत पाण्डेय, लखनऊ जोन, लखनऊ, संयुक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय कमिश्नरेट लखनऊ अमित वर्मा, डिप्टी डायरेक्टर विधि विज्ञान लखनऊ  जयंती प्रसाद एवं पुलिस उपायुक्त मुख्यालय एवं लाइन्स अनिल कुमार यादव, कमिश्नरेट लखनऊ, अपर पुलिस उपायुक्त लाइन्स लखनऊ राजेश कुमार यादव, सहायक पुलिस आयुक्त लाइन्स लखनऊ ऋषभ रूनवाल, अपर पुलिस उपायुक्त अपराध  आर.वंसथ कुमार, अपर पुलिस उपायुक्त मुख्यालय किरन यादव सहित अन्य गणमान्य अधिकारी और प्रतिभागी उपस्थित रहे। उत्तर प्रदेश पुलिस परिवार की ओर से सभी का हार्दिक अभिनंदन और स्वागत किया गया।

अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन  ने विजेताओं को किया सम्मानित

समारोह में अपर पुलिस महानिदेशक लखनऊ जोन सुजीत पाण्डेय विजेताओं को पुरस्कार व प्रमाण पत्र प्रदान किए और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।  साथ ही कहा कि इस आयोजन का मकसद पुलिस बल में तकनीकी दक्षता, टीमवर्क और वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देना है, जिससे अपराध जांच और कानून-व्यवस्था में सुधार हो सके। यह प्रतियोगिता हर साल यूपी पुलिस के भीतर पेशेवर क्षमताओं को निखारने के उद्देश्य से कराई जाती है।