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कराची-क्वेटा हाईवे पर पाकिस्तान सेना के काफिले पर हमला, 32 जवानों की मौत

#pakistankarachiquettahighwayblast

पाकिस्तान में एक बार फिर सेना पर पर बड़ा अटैक हुआ है। बलूचिस्तान में सेना के काफिले पर हुए हमले में 32 जवानों की मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमला कराची कवेटा राजमार्ग पर स्थित एक खड़ी कार से हुआ। खबरों के अनुसार इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे।

कराची-क्वेटा राजमार्ग पर पास विस्फोटक एक खड़ी कार में लगाया गया था और इसमें सेना के काफिले के गुजरने के दौरान विस्फोट हुआ। खबरों के मुताबिक इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे, जिसमें तीन वाहन सीधे प्रभावित हुए, जिनमें कथित तौर पर सैन्य कर्मियों के परिवारों को ले जा रही एक बस भी शामिल है।

बलोच उग्रवादियों पर हमले का शक

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह एक सुनियोजित आत्मघाती हमला प्रतीत होता है, जिसमें बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी गुटों पर शक गहराता जा रहा है। यह इलाका पहले भी सेना और सुरक्षाबलों के काफिलों पर हमलों का गवाह रहा है।

21 मई को भी हुआ था हमला

बता दें कि कराची-क्वेटा राजमार्ग पर 21 मई को एक और हमला हो चुका है। हमला बलूचिस्तान के पास क्वेटा-कराची हाईवे पर हुआ। यहां बच्चों को ले जा रही आर्मी पब्लिक स्कूल की बस पर आतंकियों ने हमला किया था, इसमें ड्राइवर समेत 5 लोग मारे गए थ। घटना के कारण पाकिस्तान की आम जनता में दहशत का माहौल है।

मुस्लिम मुल्‍क से ओवैसी ने पाक को किया बेनकाब, बोले-पाकिस्तान की वजह से आतंकवाद

#asaduddinowaisirevealpakistanreligionbasedterrorism

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम देश में बैठकर पाकिस्‍तान की पोल खोली है। भारत की मल्‍टी पार्टी डेलिगेशन दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में जाकर आतंकवाद पर पाकिस्‍तान के चेहरे को बेनकाब कर रही है। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाला भारतीय डेलिगेशन बहरीन पहुंचा। जहां प्रतिनिधिमंडल ने भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोल कर रख दी। इस दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है।

कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया-ओवैसी

एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा, इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने कुरान की आयतों को संदर्भ से बाहर जाकर बताया। हमें इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने (पाकिस्‍तान समर्थित आतंकवादी) लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल-औवैसी

ओवैसी ने कहा कि इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराया है। उन्होंने लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

पाकिस्तान ने आतंकी समूहों को बढ़ावा दिया-ओवैसी

ओवैसी ने कहा, हमारी सरकार ने हमें यहां इसलिए भेजा है, ताकि दुनिया को पता चले कि भारत पिछले कई सालों से किस खतरे का सामना कर रहा है। दुर्भाग्य से हमने कई निर्दोष लोगों की जान गंवाई है। यह समस्या पाकिस्तान से ही पैदा हुई है और हमेशा ही होती है। जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता देना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक यह समस्या दूर नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने हर भारतीय की जान की रक्षा के लिए सभी कदम उठाए हैं। इस सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगली बार अगर पाकिस्तान ऐसा दुस्साहस करेगा, तो यह पलटवार उनकी उम्मीद से परे होगा।

पाक को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने की आपील

ओवैसी ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और बहरीन सरकार से पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किया गया है। ओवैसी ने कहा, हमारा देश एकमत है, चाहे हम किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हों। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन जब हमारे देश की अखंडता की बात आती है, तो यह सही समय है कि हमारा पड़ोसी देश समझे कि हम एक हैं। मैं अनुरोध करता हूं और उम्मीद करता हूं कि बहरीन सरकार पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने में हमारी मदद करेगी, क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल उन आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए किया गया है।

जर्मनी से एस जयशंकर की पाक को खुली चेतावनी, कहा-आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे, यूरोपीय देशों से की खास अपील

#jaishankarwarnspakistan

भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूरोप के दौरे पर है। जयशंकर तीन देशों की यात्रा पर हैं। उन्होंने पहले नीदरलैंड और डेनमार्क का दौरा किया। बर्लिन उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव था। बर्लिन में उन्होंने जर्मनी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बर्लिन में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बातचीत के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।

एस जयशंकर ने कहा, यह एक आतंकी हमला था, जो एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि भारत के अन्य हिस्सों को भी निशाना बनाया है। इसका मकसद डर का माहौल बनाना और कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नष्ट करना था। इसका मकसद धार्मिक मतभेद पैदा करना था। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए हम आतंकवाद का जवाब दे रहे थे। जब हमने जवाब दिया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी समझ थी। हमने आतंकी मुख्यालयों और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमारा ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ है। इस मामले में आतंकी पड़ोसी देश से आते हैं, क्योंकि उस देश ने कई सालों से आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।

हम 80 साल से आतंकवाद झेल रहे हैं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 1947 में हमारी आजादी के बाद से ही पाकिस्तान ने कश्मीर में हमारी सीमाओं का उल्लंघन किया है। उसके बाद से आठ दशकों (80 साल) में हमने क्या देखा है? जयशंकर ने कहा कि आप लोग तो अब जागे हैं हम 80 साल से आतंकवाद और पाकिस्तान की हरकतों को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र को जितना कमजोर पश्चिमी देशों ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका को लगातार उजागर किया है और लंबे समय से यह कहा है कि इस्लामाबाद की सत्ता संरचना पर सेना का प्रभुत्व है, जो आतंकवादी समूहों को कश्मीर घाटी, अफगानिस्तान समेत पूरे उपमहाद्वीप में सपोर्ट करता रहा है।

वैश्विक मंच पर भारत अपनी बात बिना हिचक रख रहा-एस जयशंकर

जयशंकर ने वैश्विक गठबंधनों पर भी बात की। उन्होंने भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच बने क्वाड की तारीफ की। उन्होंने इसे एक लचीला और आधुनिक गठबंधन बताया, जो आज के बदलते वैश्विक माहौल में जरूरी है। यह गठबंधन देशों के हितों को ध्यान में रखकर काम करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।

जयशंकर की यह टिप्पणी भारत और यूरोप के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत चाहता है कि यूरोप और अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान की सैन्य नीतियों पर सवाल उठाएं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं। उनकी यह स्पष्ट बातचीत दिखाती है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी बात बिना किसी हिचक के रख रहा है।

पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपकर पहले ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया, यूएन में भारत में पड़ोसी देश को लताड़ा

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अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज एक बार फिर भारत ने पाकिस्‍तान के झूठ की पोल खोली। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए विश्व समुदाय के सामने उसकी दोहरी नीतियों और आतंकपरस्‍त सोच पर हमला बोला। भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी घटनाएं कर सिंधु जल समझौते की भावना का उल्लंघन कर चुका है।

‘सिंधु जल समझौते का उल्लंघन कर रहा पाक’

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक में कहा कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। भारत ने हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। भारतीय प्रतिनिधि पी हरीश ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने अच्छी भावना के साथ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता किया था। समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए पी हरीश ने कहा कि प्रस्तावना में साफ लिखा गया है कि ये समझौता अच्छी भावना और दोस्ती के साथ किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने बीते 65 वर्षों में इस भावना का साफ उल्लंघन किया

‘भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले थोपे’

हरीश ने कहा, भारत ने 65 साल पहले अच्छे विश्वास के साथ सिंधु जल संधि की थी। पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है। 20,000 से ज्यादा भारतीय लोगों की जान चली गई है, हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। भारत ने हमेशा धैर्य और उदारता दिखाई है। पाकिस्तान का राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद नागरिकों के जीवन और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना चाहता है।

‘पाकिस्तान का अड़ियल रवैया’

हरीश ने कहा, इन 65 सालों में बांध के बुनियादी ढांचे के लिए तकनीक बदल गई है ताकि संचालन और पानी के उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित हो सके। कुछ पुराने बांधों में सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। पाकिस्तान ने संधि के तहत अनुमत इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव को लगातार रोका है। 2012 में, आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जिससे हमारी परियोजनाओं और नागरिकों की जान को खतरा बना रहा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि भारत ने पाकिस्तान से पिछले 2 वर्षों में संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए कहा है। लेकिन पाकिस्तान का अड़ियल रवैया इस अभ्यास को करने से रोकता है।

यूएन में पाकिस्तान ने क्या कहा?

दरअसल, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुद्दा संघर्ष में पानी की सुरक्षा था। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौता तोड़ने के लिए बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगाए।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में भी बात की।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

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भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

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चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

इशाक डार ने फिर करायी अपनी किरकिरी, संसद में एयरफोर्स की झूठी तारीफ की पाकिस्तानी अखबार ने खोली पोल

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पाकिस्तान सिर्फ आतंकियो का पनाहगाह ही नहीं है, झूठों का शहंशाह भी है। पाकिस्तान झूठ परोसकर अक्सर अपनी बेइज्जती कराता आया है। एक बार फिर पाकिस्तान ने झूठे दावों से खुद का भाव बढ़ाने की कोशिश की। भारत के साथ संघर्ष पर पड़ोसी देश के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को अपने देश की एयरफोर्स की तारीफ में कसीदे पढ़े। इस दौरान उन्होंने यूके के द डेली टेलीग्राफ के पेज का हवाला दिया। उनके भाषण के कुछ घंटे के बाद ही पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने उनके दावों को पोल खोल कर रख दी।

बड़बोले इशाक डार

भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान के नेता रोज अपने देश की बेइज्जती कराने में जुटे हैं। इस सिलसिले को विदेश मंत्री इशाक डार ने आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब तो विदेशी मीडिया टेलीग्राफ अखबार ने भी पाकिस्तानी एयरफोर्स का लोहा मान लिया है। इशाक डार ने गुरुवार को पाकिस्तानी सीनेट में बताया कि ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने लिखा कि 'पाकिस्तानी वायुसेना, आकाश में निर्विवाद किंग रही।'

उनके इस बयान के बाद संसद में मौजूद सदस्यों ने मेज ठोंककर इसका समर्थन किया। मजेदार बात ये है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जिस रिपोर्ट का हवाला देकर पाकिस्तानी वायु सेना की पीठ थपथपाई है, उन्हीं के देश के अखबार ने इसे झूठा करार दिया है।

अपने ही देश के अखबार ने किया फैक्ट चेक

इस पर पाकिस्तान के एक जाने-माने अखबार डॉन ने ही फैक्ट चेक कर अपने विदेश मंत्री के दावे को खारिज कर दिया। अखबार ने बताया कि इशाक डार ने जिस खबर का जिक्र किया, वह फर्जी है और वह सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी तस्वीर है। पाकिस्तानी अखबार ने वायरल तस्वीर की जांच की तो उसे तस्वीर में कई खामियां नजर आईं। जांच में पता चला कि डेली टेलीग्राफ ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित ही नहीं की।

एआई की मदद से तैयार रिपोर्ट पर उड़े रहे थे डार

सोशल मीडिया पर टेलीग्राफ के बैनर पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना को आसमान का राजा गया है। इसकी शीर्षक है- 'पाकिस्तान एयरफोर्स- द अनडिस्प्यूटेड किंग ऑफ स्काईज।' सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसे टेलीग्राफ के फ्रंट पेज की रिपोर्ट बताया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन ने इसकी पड़ताल की तो इसे झूठा पाया। डॉन की पड़ताल के अनुसार, यह ब्रिटिश अखबार के प्रामाणिक फ्रंट पेज की नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है

भारत ने पाकिस्तान पर दागीं थीं 15 ब्रह्मोस, पड़ोसी देश के 13 में से 11 एयरबेसों को उड़ गए थे “चिथड़े”

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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया हुए सैन्य संघर्ष पर एक नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को टारगेट करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दाग़ी थीं। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई से असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। क्योंकि, इस हमले में पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख एयरबेस तबाह हो गए। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित कुछ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी। इसी के जवाब में भारत ने यह कार्रवाई की।

पहली बार भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया

सूत्रों ने बताया कि इन हमलों में भारत ने अपनी सबसे शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। भारतीय वायुसेना ने करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तानी एयरबेस पर दागीं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और राफेल लड़ाकू विमानों से छोड़ी गई स्कैल्प मिसाइलों ने पाकिस्तान में खूब तबाही मचाई। इन मिसाइलों ने उसकी विमान संचालन नेटवर्क और अन्य क्षमताओं को ध्वस्त कर दिया। अचानक हुए इन हमलों से पाकिस्तान थर्रा गया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किसी सक्रिय संघर्ष में किया। भारत ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत दिखाई।

डमी एयरक्राफ्ट के जरिए कैसे जाल में फंसा पाक

ये भी बताया जा रहा है ब्रह्मोस मिसाइल दागने से पहले वायु सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस की टोह लेने के लिए डमी एयरक्राफ्ट भेजे थे। इनमें कोई पायलट नहीं था। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी रडारों और एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए पहला बिना पायलट वाले विमानों का इस्तेमाल किया। एक बार जब पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस एक्टिव हो गए, तो भारत ने उन्हें हारोप कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरे सिस्टम को डीएक्टिवेट करके तबाह कर दिया। इस कदम के साथ ही ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करके आगे के मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हो गया।

और नुकसान से बचने के लिए हटाए थे अपने विमानों

इन मिसाइलों को ले जाने वाले फाइटर जेट्स ने भारत के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरी। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के सिंध में एक हैंगर समेत महत्वपूर्ण ठिकानों को टारगेट किया। बताया जा रहा है कि इन सटीक हमलों में पाकिस्तान ने अपने कई UAV और एक एयर सर्विलांस प्लेन के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण खो दिए। भारत की ओर से ये हमले इतने जोरदार थे कि पाकिस्तानी वायु सेना को नुकसान के कारण अपने विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।

कराची-क्वेटा हाईवे पर पाकिस्तान सेना के काफिले पर हमला, 32 जवानों की मौत

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पाकिस्तान में एक बार फिर सेना पर पर बड़ा अटैक हुआ है। बलूचिस्तान में सेना के काफिले पर हुए हमले में 32 जवानों की मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमला कराची कवेटा राजमार्ग पर स्थित एक खड़ी कार से हुआ। खबरों के अनुसार इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे।

कराची-क्वेटा राजमार्ग पर पास विस्फोटक एक खड़ी कार में लगाया गया था और इसमें सेना के काफिले के गुजरने के दौरान विस्फोट हुआ। खबरों के मुताबिक इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे, जिसमें तीन वाहन सीधे प्रभावित हुए, जिनमें कथित तौर पर सैन्य कर्मियों के परिवारों को ले जा रही एक बस भी शामिल है।

बलोच उग्रवादियों पर हमले का शक

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह एक सुनियोजित आत्मघाती हमला प्रतीत होता है, जिसमें बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी गुटों पर शक गहराता जा रहा है। यह इलाका पहले भी सेना और सुरक्षाबलों के काफिलों पर हमलों का गवाह रहा है।

21 मई को भी हुआ था हमला

बता दें कि कराची-क्वेटा राजमार्ग पर 21 मई को एक और हमला हो चुका है। हमला बलूचिस्तान के पास क्वेटा-कराची हाईवे पर हुआ। यहां बच्चों को ले जा रही आर्मी पब्लिक स्कूल की बस पर आतंकियों ने हमला किया था, इसमें ड्राइवर समेत 5 लोग मारे गए थ। घटना के कारण पाकिस्तान की आम जनता में दहशत का माहौल है।

मुस्लिम मुल्‍क से ओवैसी ने पाक को किया बेनकाब, बोले-पाकिस्तान की वजह से आतंकवाद

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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम देश में बैठकर पाकिस्‍तान की पोल खोली है। भारत की मल्‍टी पार्टी डेलिगेशन दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में जाकर आतंकवाद पर पाकिस्‍तान के चेहरे को बेनकाब कर रही है। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाला भारतीय डेलिगेशन बहरीन पहुंचा। जहां प्रतिनिधिमंडल ने भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोल कर रख दी। इस दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है।

कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया-ओवैसी

एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा, इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने कुरान की आयतों को संदर्भ से बाहर जाकर बताया। हमें इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने (पाकिस्‍तान समर्थित आतंकवादी) लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल-औवैसी

ओवैसी ने कहा कि इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराया है। उन्होंने लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

पाकिस्तान ने आतंकी समूहों को बढ़ावा दिया-ओवैसी

ओवैसी ने कहा, हमारी सरकार ने हमें यहां इसलिए भेजा है, ताकि दुनिया को पता चले कि भारत पिछले कई सालों से किस खतरे का सामना कर रहा है। दुर्भाग्य से हमने कई निर्दोष लोगों की जान गंवाई है। यह समस्या पाकिस्तान से ही पैदा हुई है और हमेशा ही होती है। जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता देना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक यह समस्या दूर नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने हर भारतीय की जान की रक्षा के लिए सभी कदम उठाए हैं। इस सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगली बार अगर पाकिस्तान ऐसा दुस्साहस करेगा, तो यह पलटवार उनकी उम्मीद से परे होगा।

पाक को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने की आपील

ओवैसी ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और बहरीन सरकार से पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किया गया है। ओवैसी ने कहा, हमारा देश एकमत है, चाहे हम किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हों। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन जब हमारे देश की अखंडता की बात आती है, तो यह सही समय है कि हमारा पड़ोसी देश समझे कि हम एक हैं। मैं अनुरोध करता हूं और उम्मीद करता हूं कि बहरीन सरकार पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने में हमारी मदद करेगी, क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल उन आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए किया गया है।

जर्मनी से एस जयशंकर की पाक को खुली चेतावनी, कहा-आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे, यूरोपीय देशों से की खास अपील

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भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूरोप के दौरे पर है। जयशंकर तीन देशों की यात्रा पर हैं। उन्होंने पहले नीदरलैंड और डेनमार्क का दौरा किया। बर्लिन उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव था। बर्लिन में उन्होंने जर्मनी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बर्लिन में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बातचीत के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।

एस जयशंकर ने कहा, यह एक आतंकी हमला था, जो एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि भारत के अन्य हिस्सों को भी निशाना बनाया है। इसका मकसद डर का माहौल बनाना और कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नष्ट करना था। इसका मकसद धार्मिक मतभेद पैदा करना था। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए हम आतंकवाद का जवाब दे रहे थे। जब हमने जवाब दिया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी समझ थी। हमने आतंकी मुख्यालयों और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमारा ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ है। इस मामले में आतंकी पड़ोसी देश से आते हैं, क्योंकि उस देश ने कई सालों से आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।

हम 80 साल से आतंकवाद झेल रहे हैं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 1947 में हमारी आजादी के बाद से ही पाकिस्तान ने कश्मीर में हमारी सीमाओं का उल्लंघन किया है। उसके बाद से आठ दशकों (80 साल) में हमने क्या देखा है? जयशंकर ने कहा कि आप लोग तो अब जागे हैं हम 80 साल से आतंकवाद और पाकिस्तान की हरकतों को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र को जितना कमजोर पश्चिमी देशों ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका को लगातार उजागर किया है और लंबे समय से यह कहा है कि इस्लामाबाद की सत्ता संरचना पर सेना का प्रभुत्व है, जो आतंकवादी समूहों को कश्मीर घाटी, अफगानिस्तान समेत पूरे उपमहाद्वीप में सपोर्ट करता रहा है।

वैश्विक मंच पर भारत अपनी बात बिना हिचक रख रहा-एस जयशंकर

जयशंकर ने वैश्विक गठबंधनों पर भी बात की। उन्होंने भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच बने क्वाड की तारीफ की। उन्होंने इसे एक लचीला और आधुनिक गठबंधन बताया, जो आज के बदलते वैश्विक माहौल में जरूरी है। यह गठबंधन देशों के हितों को ध्यान में रखकर काम करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।

जयशंकर की यह टिप्पणी भारत और यूरोप के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत चाहता है कि यूरोप और अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान की सैन्य नीतियों पर सवाल उठाएं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं। उनकी यह स्पष्ट बातचीत दिखाती है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी बात बिना किसी हिचक के रख रहा है।

पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपकर पहले ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया, यूएन में भारत में पड़ोसी देश को लताड़ा

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अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज एक बार फिर भारत ने पाकिस्‍तान के झूठ की पोल खोली। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए विश्व समुदाय के सामने उसकी दोहरी नीतियों और आतंकपरस्‍त सोच पर हमला बोला। भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी घटनाएं कर सिंधु जल समझौते की भावना का उल्लंघन कर चुका है।

‘सिंधु जल समझौते का उल्लंघन कर रहा पाक’

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक में कहा कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। भारत ने हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। भारतीय प्रतिनिधि पी हरीश ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने अच्छी भावना के साथ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता किया था। समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए पी हरीश ने कहा कि प्रस्तावना में साफ लिखा गया है कि ये समझौता अच्छी भावना और दोस्ती के साथ किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने बीते 65 वर्षों में इस भावना का साफ उल्लंघन किया

‘भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले थोपे’

हरीश ने कहा, भारत ने 65 साल पहले अच्छे विश्वास के साथ सिंधु जल संधि की थी। पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है। 20,000 से ज्यादा भारतीय लोगों की जान चली गई है, हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। भारत ने हमेशा धैर्य और उदारता दिखाई है। पाकिस्तान का राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद नागरिकों के जीवन और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना चाहता है।

‘पाकिस्तान का अड़ियल रवैया’

हरीश ने कहा, इन 65 सालों में बांध के बुनियादी ढांचे के लिए तकनीक बदल गई है ताकि संचालन और पानी के उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित हो सके। कुछ पुराने बांधों में सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। पाकिस्तान ने संधि के तहत अनुमत इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव को लगातार रोका है। 2012 में, आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जिससे हमारी परियोजनाओं और नागरिकों की जान को खतरा बना रहा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि भारत ने पाकिस्तान से पिछले 2 वर्षों में संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए कहा है। लेकिन पाकिस्तान का अड़ियल रवैया इस अभ्यास को करने से रोकता है।

यूएन में पाकिस्तान ने क्या कहा?

दरअसल, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुद्दा संघर्ष में पानी की सुरक्षा था। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौता तोड़ने के लिए बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगाए।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में भी बात की।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

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भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

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चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

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22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।

Tiranga Yatra Organized in Budhanpur










grand Tiranga Yatra (tricolor march) was organized in the Budhanpur Tehsil area, starting from Radha Krishna Temple in Koilsa. The event was graced by Bhupendra Singh Chaudhary, the State President of the Bharatiya Janata Party (BJP), who led the yatra.

The Tiranga Yatra commenced from the Radha Krishna Temple and concluded at the Shaheed Smarak (Martyrs’ Memorial) in Budhanpur, where floral tributes were paid to the martyrs. Addressing the gathering, Bhupendra Singh Chaudhary said that the successful execution of Operation Sindoor, which struck Pakistan on its own soil, is a matter of immense pride for the nation. He added that the Tiranga Yatra was organized to celebrate this victory and to boost the morale of the armed forces.

Vinod Rajbhar, District President of Lalganj, who presided over the event, encouraged all party workers and stated that whenever the pride and honor of our nation is challenged, our three armed forces give a befitting reply to the enemy.

Former District President Jayanath Singh expressed his pride in being born in a country like India and praised the bravery of Indian soldiers who risk their lives for the safety of the nation.

Budhanpur Nagar Panchayat Chairman's representative, Goodluck Singh, extended his gratitude to all the dignitaries who participated in the event.

Prominent attendees included Suraj Prakash Srivastava, former MP Sangeeta Azad, Ramakant Mishra, Pushkar Mishra, Dheeraj Mishra, Block Pramukh Representative Santosh Yadav, Birendra Singh, Raghvendra Pandey, Dharmanand Pandey, Ashok Mishra, Prem Sagar Pandey, Prem Shankar Pandey, Manoj Kumar Singh, Rammoorat Maurya, Ashutosh Chaubey, Bindu Singh, Raju Rajbhar, Rudra Sharma, Hanumant Prasad Singh, Chandrajeet Tiwari, Harish Tiwari, Jagannath Rajbhar, Neeraj Tiwari, Harshit Singh, Anurag Singh (Block Pramukh of Palhna), Ajay Yadav, Sunil Singh Dabbbu, Deepak Modanwal, Manoj Singh, Pradeep Pandey, and many others.

इशाक डार ने फिर करायी अपनी किरकिरी, संसद में एयरफोर्स की झूठी तारीफ की पाकिस्तानी अखबार ने खोली पोल

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पाकिस्तान सिर्फ आतंकियो का पनाहगाह ही नहीं है, झूठों का शहंशाह भी है। पाकिस्तान झूठ परोसकर अक्सर अपनी बेइज्जती कराता आया है। एक बार फिर पाकिस्तान ने झूठे दावों से खुद का भाव बढ़ाने की कोशिश की। भारत के साथ संघर्ष पर पड़ोसी देश के डिप्टी प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक डार ने गुरुवार को अपने देश की एयरफोर्स की तारीफ में कसीदे पढ़े। इस दौरान उन्होंने यूके के द डेली टेलीग्राफ के पेज का हवाला दिया। उनके भाषण के कुछ घंटे के बाद ही पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने उनके दावों को पोल खोल कर रख दी।

बड़बोले इशाक डार

भारत से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान के नेता रोज अपने देश की बेइज्जती कराने में जुटे हैं। इस सिलसिले को विदेश मंत्री इशाक डार ने आगे बढ़ाते हुए कहा कि अब तो विदेशी मीडिया टेलीग्राफ अखबार ने भी पाकिस्तानी एयरफोर्स का लोहा मान लिया है। इशाक डार ने गुरुवार को पाकिस्तानी सीनेट में बताया कि ब्रिटिश अखबार टेलीग्राफ ने लिखा कि 'पाकिस्तानी वायुसेना, आकाश में निर्विवाद किंग रही।'

उनके इस बयान के बाद संसद में मौजूद सदस्यों ने मेज ठोंककर इसका समर्थन किया। मजेदार बात ये है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने जिस रिपोर्ट का हवाला देकर पाकिस्तानी वायु सेना की पीठ थपथपाई है, उन्हीं के देश के अखबार ने इसे झूठा करार दिया है।

अपने ही देश के अखबार ने किया फैक्ट चेक

इस पर पाकिस्तान के एक जाने-माने अखबार डॉन ने ही फैक्ट चेक कर अपने विदेश मंत्री के दावे को खारिज कर दिया। अखबार ने बताया कि इशाक डार ने जिस खबर का जिक्र किया, वह फर्जी है और वह सिर्फ सोशल मीडिया पर वायरल एक फर्जी तस्वीर है। पाकिस्तानी अखबार ने वायरल तस्वीर की जांच की तो उसे तस्वीर में कई खामियां नजर आईं। जांच में पता चला कि डेली टेलीग्राफ ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित ही नहीं की।

एआई की मदद से तैयार रिपोर्ट पर उड़े रहे थे डार

सोशल मीडिया पर टेलीग्राफ के बैनर पर एक रिपोर्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें पाकिस्तानी वायुसेना को आसमान का राजा गया है। इसकी शीर्षक है- 'पाकिस्तान एयरफोर्स- द अनडिस्प्यूटेड किंग ऑफ स्काईज।' सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए इसे टेलीग्राफ के फ्रंट पेज की रिपोर्ट बताया जा रहा है, लेकिन पाकिस्तानी मीडिया आउटलेट डॉन ने इसकी पड़ताल की तो इसे झूठा पाया। डॉन की पड़ताल के अनुसार, यह ब्रिटिश अखबार के प्रामाणिक फ्रंट पेज की नहीं है। इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से तैयार किया गया है

भारत ने पाकिस्तान पर दागीं थीं 15 ब्रह्मोस, पड़ोसी देश के 13 में से 11 एयरबेसों को उड़ गए थे “चिथड़े”

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भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया हुए सैन्य संघर्ष पर एक नई जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के एयरबेस को टारगेट करने के लिए 15 ब्रह्मोस मिसाइलें दाग़ी थीं। भारतीय वायुसेना की इस कार्रवाई से असीम मुनीर की पाकिस्तानी सेना में हड़कंप मच गया। क्योंकि, इस हमले में पाकिस्तान के 13 में से 11 प्रमुख एयरबेस तबाह हो गए। दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान और पीओके में स्थित कुछ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। जिसके बाद बौखलाए पाकिस्तान ने 7-8 मई की रात को भारत में कई सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइलों से हमला करने की कोशिश की थी। इसी के जवाब में भारत ने यह कार्रवाई की।

पहली बार भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किया

सूत्रों ने बताया कि इन हमलों में भारत ने अपनी सबसे शक्तिशाली ब्रह्मोस मिसाइल का इस्तेमाल किया। भारतीय वायुसेना ने करीब 15 ब्रह्मोस मिसाइलें पाकिस्तानी एयरबेस पर दागीं। ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों और राफेल लड़ाकू विमानों से छोड़ी गई स्कैल्प मिसाइलों ने पाकिस्तान में खूब तबाही मचाई। इन मिसाइलों ने उसकी विमान संचालन नेटवर्क और अन्य क्षमताओं को ध्वस्त कर दिया। अचानक हुए इन हमलों से पाकिस्तान थर्रा गया। ऐसा पहली बार हुआ कि भारत ने ब्रह्मोस मिसाइल का प्रयोग किसी सक्रिय संघर्ष में किया। भारत ने अपनी सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल की ताकत दिखाई।

डमी एयरक्राफ्ट के जरिए कैसे जाल में फंसा पाक

ये भी बताया जा रहा है ब्रह्मोस मिसाइल दागने से पहले वायु सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस की टोह लेने के लिए डमी एयरक्राफ्ट भेजे थे। इनमें कोई पायलट नहीं था। बताया जा रहा है कि भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तानी रडारों और एयर डिफेंस सिस्टम को सक्रिय करने के लिए पहला बिना पायलट वाले विमानों का इस्तेमाल किया। एक बार जब पाकिस्तानी रडार और एयर डिफेंस एक्टिव हो गए, तो भारत ने उन्हें हारोप कामिकेज ड्रोन का इस्तेमाल करके पूरे सिस्टम को डीएक्टिवेट करके तबाह कर दिया। इस कदम के साथ ही ब्रह्मोस और स्कैल्प क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल करके आगे के मिसाइल हमलों का रास्ता साफ हो गया।

और नुकसान से बचने के लिए हटाए थे अपने विमानों

इन मिसाइलों को ले जाने वाले फाइटर जेट्स ने भारत के पश्चिमी और दक्षिण पश्चिमी वायु कमान के विभिन्न ठिकानों से उड़ान भरी। इन हमलों में भारत ने पाकिस्तान के सिंध में एक हैंगर समेत महत्वपूर्ण ठिकानों को टारगेट किया। बताया जा रहा है कि इन सटीक हमलों में पाकिस्तान ने अपने कई UAV और एक एयर सर्विलांस प्लेन के अलावा कई महत्वपूर्ण उपकरण खो दिए। भारत की ओर से ये हमले इतने जोरदार थे कि पाकिस्तानी वायु सेना को नुकसान के कारण अपने विमानों को पीछे के ठिकानों पर ले जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।