/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz s:pakistan
अमेरिका जा रहे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, आर्मी डे में शामिल होने का मिला निमंत्रण

#pakistanarmychiefasimmunirusvisit

पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर इस हफ्ते अमेरिका दौरे पर पहुंचेंगे। वे शनिवार यानी 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के जश्न में शामिल होंगे। इस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है। इस मौके पर राजधानी वॉशिंगटन में एक परेड का आयोजन होगा।

अमेरिका ने 14 जून को मनाए जाने वाले यूएस आर्मी डे के जश्‍न में शामिल हाने के लिए पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को न्‍योता भेजा है। जनरल मुनीर जल्‍द ही अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्‍तानी दूतावास का कहना है कि 12 जून को फील्‍ड मार्शल मुनीर अमेरिका पहुंच सकते हैं। इस दौरान अमेरिका के शीर्ष सैन्‍य नेतृत्‍व के साथ जनरल मुनीर की बैठक होने जा रही है।

मुनीर की ट्रंप के साथ भी हो सकती है मुलाकात

अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रहे जल्‍मे खलिलजाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की अमेरिकी नेतृत्‍व के साथ मुलाकात के दौरान आतंकवाद और भारत तथा पाकिस्‍तान में शांति का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। वहीं जनरल मुनीर अमेरिका को दो बड़े ऑफर देने जा रहे हैं। पहला- अमेरिकी राष्‍ट्रपति निक्‍शन के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से पाकिस्‍तान ने चीन के साथ अमेरिका की दोस्‍ती कराई थी, ठीक उसी तरह से अब एक बार फिर से किया जा सकता है। दूसरा- जनरल मुनीर ट्रंप प्रशासन के साथ दोस्‍ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्‍तान की धरती में मौजूद खनिजों के खजाने को सौंप सकते हैं।

अमेरिकी ने पाकिस्तान को बताया मजबूत सहयोगी

मुनीर के दौरे से पहले पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला का कहना है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना इस्लामी स्टेट खुरासान के खतरे से निपटने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बयान मंगलवार को हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की सुनवाई के दौरान दिया।

जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूत सहयोगी बताया। उन्होंने कहा- अमेरिका को पाकिस्तान और भारत दोनों से रिश्ते रखने होंगे। ये बाइनरी स्विच नहीं है कि एक से रिश्ता रखेंगे तो दूसरे से नहीं रख सकते। हमे रिश्तों के फायदों को देखना चाहिए

2023 में यूएस दौरे पर गए थे मुनीर

मुनीर का पहला अमेरिकी दौरा 2023 में हुआ था, तब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, तत्कालीन विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी। उस वक्त भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद का समर्थन और क्रॉस-बॉर्डर हमलों को लेकर हमारी चिंताएं जगजाहिर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से कदम उठाएंगे

जी7 से पहले साइप्रस जाएंगे पीएम मोदी, पाकिस्तान और उसके दोस्त तुर्की को सीधा संदेश

#pmmodivisitcyprusgivediplomaticanswertopakistanallyturkey

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइप्रस और क्रोएशिया के दौरे पर जाने वाले हैं। यह दौरा उनकी कनाडा में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन यात्रा से पहले होगा। वह कनाडा के रास्ते में ही इन दोनों देशों का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री का यह साइप्रस दौरा भारत का तुर्की को जवाब माना जा रहा है। पीएम मोदी को पिछले महीने क्रोएशिया जाना था। इसके साथ वे नीदरलैंड और नॉर्वे भी जाने वाले थे। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यह दौरा रद्द हो गया था।

साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण

जी7 शिखर सम्मेलन कनाडा के अल्बर्टा में 15 से 17 जून को होगा। प्रधानमंत्री इसके आखिरी दिन एक विशेष सत्र में भाग लेंगे। पीएम मोदी जी7 की मीटिंग के लिए कडाना जाने के क्रम में साइप्रस जाएंगे। साथ ही वापसी के क्रम में वह क्रोएशिया का दौरा भी करेंगे। भारत यूरोप में लगातार अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। वह यूरोपीय संघ के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी बातचीत कर रहा है। साइप्रस और क्रोएशिया दोनों ही यूरोपीय संघ के सदस्य हैं। ऐसे में उनकी साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है।

क्यों साइप्रस जा रहे प्रधानमंत्री मोदी?

पीएम मोदी के साइप्रस दौरे के कई कारण हैं। इसके अलावा भारत तुर्की को सा सन्देश देना चाहता है। तुर्की की साइप्रस से बिलकुल नहीं बनती। इसके अलावा साइप्रस ने हमेशा कश्मीर और पाकिस्तान से होने वाले सीमा-पार आतंकवाद पर भारत का समर्थन किया है। साइप्रस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट, न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता और 1998 के परमाणु परीक्षणों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी भारत का साथ दिया है।

साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे, क्रोएशिया जाने वाले पहले पीएम

नरेंद्र मोदी साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। उनसे पहले साल 1983 में इंदिरा गांधी और साल 2002 में अटल बिहारी वाजयपेयी ने साइप्रस का दौरा किया था। वहीं, पीएम मोदी पहली बार क्रोएशिया जाने वाले पहले भारतीय पीएम बनेंगे। एस जयशंकर 2021 में दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बने। जयशंकर के दौरे के बाद भारत और क्रोएशिया ने रक्षा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया, कटरा मे बोले-भारत में दंगा कराने का था इरादा

#pakistancreateriotsinindiapmmodiinkatra

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को इंसानियत और कश्मीरियत पर वार किया गया। पड़ोसी देश का मकसद भारत में दंगे कराना था। कश्मीर के मेहनतकश लोगों की कमाई रोकने का था, इसलिए पाकिस्तान ने टूरिस्टों पर हमला किया।

आतंकियों पर कयामत बरसी थी-पीएम मोदी

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज 6 जून है। संयोग से ठीक एक महीने पहले, आज की ही रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी। अब पाकिस्तान कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा तो उसे अपनी शर्मनाक शिकस्त याद आएगी।

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का जिक्र

पीएम ने पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का भी जिक्र किया। कहा कि वह मेहनत-मजदूरी करके घर चलाता था और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का शिकार बन गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब आतंकवाद को करारा जवाब दे रहे हैं और यह प्रदेश अब आतंक को नहीं, विकास को स्वीकार कर रहा है। कहा कि बीते दशकों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मान लिया था कि हालात कभी नहीं बदलेंगे, लेकिन आज वही लोग उम्मीद, भरोसे और नए सपनों के साथ खड़े हैं। आतंक और अलगाव की राजनीति को पीछे छोड़कर जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ने का संकल्प ले चुका है, और सरकार ने यह बदलाव कर के दिखाया है।

कराची-क्वेटा हाईवे पर पाकिस्तान सेना के काफिले पर हमला, 32 जवानों की मौत

#pakistankarachiquettahighwayblast

पाकिस्तान में एक बार फिर सेना पर पर बड़ा अटैक हुआ है। बलूचिस्तान में सेना के काफिले पर हुए हमले में 32 जवानों की मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमला कराची कवेटा राजमार्ग पर स्थित एक खड़ी कार से हुआ। खबरों के अनुसार इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे।

कराची-क्वेटा राजमार्ग पर पास विस्फोटक एक खड़ी कार में लगाया गया था और इसमें सेना के काफिले के गुजरने के दौरान विस्फोट हुआ। खबरों के मुताबिक इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे, जिसमें तीन वाहन सीधे प्रभावित हुए, जिनमें कथित तौर पर सैन्य कर्मियों के परिवारों को ले जा रही एक बस भी शामिल है।

बलोच उग्रवादियों पर हमले का शक

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह एक सुनियोजित आत्मघाती हमला प्रतीत होता है, जिसमें बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी गुटों पर शक गहराता जा रहा है। यह इलाका पहले भी सेना और सुरक्षाबलों के काफिलों पर हमलों का गवाह रहा है।

21 मई को भी हुआ था हमला

बता दें कि कराची-क्वेटा राजमार्ग पर 21 मई को एक और हमला हो चुका है। हमला बलूचिस्तान के पास क्वेटा-कराची हाईवे पर हुआ। यहां बच्चों को ले जा रही आर्मी पब्लिक स्कूल की बस पर आतंकियों ने हमला किया था, इसमें ड्राइवर समेत 5 लोग मारे गए थ। घटना के कारण पाकिस्तान की आम जनता में दहशत का माहौल है।

मुस्लिम मुल्‍क से ओवैसी ने पाक को किया बेनकाब, बोले-पाकिस्तान की वजह से आतंकवाद

#asaduddinowaisirevealpakistanreligionbasedterrorism

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम देश में बैठकर पाकिस्‍तान की पोल खोली है। भारत की मल्‍टी पार्टी डेलिगेशन दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में जाकर आतंकवाद पर पाकिस्‍तान के चेहरे को बेनकाब कर रही है। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाला भारतीय डेलिगेशन बहरीन पहुंचा। जहां प्रतिनिधिमंडल ने भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोल कर रख दी। इस दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है।

कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया-ओवैसी

एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा, इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने कुरान की आयतों को संदर्भ से बाहर जाकर बताया। हमें इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने (पाकिस्‍तान समर्थित आतंकवादी) लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल-औवैसी

ओवैसी ने कहा कि इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराया है। उन्होंने लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

पाकिस्तान ने आतंकी समूहों को बढ़ावा दिया-ओवैसी

ओवैसी ने कहा, हमारी सरकार ने हमें यहां इसलिए भेजा है, ताकि दुनिया को पता चले कि भारत पिछले कई सालों से किस खतरे का सामना कर रहा है। दुर्भाग्य से हमने कई निर्दोष लोगों की जान गंवाई है। यह समस्या पाकिस्तान से ही पैदा हुई है और हमेशा ही होती है। जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता देना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक यह समस्या दूर नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने हर भारतीय की जान की रक्षा के लिए सभी कदम उठाए हैं। इस सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगली बार अगर पाकिस्तान ऐसा दुस्साहस करेगा, तो यह पलटवार उनकी उम्मीद से परे होगा।

पाक को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने की आपील

ओवैसी ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और बहरीन सरकार से पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किया गया है। ओवैसी ने कहा, हमारा देश एकमत है, चाहे हम किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हों। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन जब हमारे देश की अखंडता की बात आती है, तो यह सही समय है कि हमारा पड़ोसी देश समझे कि हम एक हैं। मैं अनुरोध करता हूं और उम्मीद करता हूं कि बहरीन सरकार पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने में हमारी मदद करेगी, क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल उन आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए किया गया है।

जर्मनी से एस जयशंकर की पाक को खुली चेतावनी, कहा-आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे, यूरोपीय देशों से की खास अपील

#jaishankarwarnspakistan

भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूरोप के दौरे पर है। जयशंकर तीन देशों की यात्रा पर हैं। उन्होंने पहले नीदरलैंड और डेनमार्क का दौरा किया। बर्लिन उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव था। बर्लिन में उन्होंने जर्मनी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बर्लिन में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बातचीत के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।

एस जयशंकर ने कहा, यह एक आतंकी हमला था, जो एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि भारत के अन्य हिस्सों को भी निशाना बनाया है। इसका मकसद डर का माहौल बनाना और कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नष्ट करना था। इसका मकसद धार्मिक मतभेद पैदा करना था। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए हम आतंकवाद का जवाब दे रहे थे। जब हमने जवाब दिया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी समझ थी। हमने आतंकी मुख्यालयों और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमारा ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ है। इस मामले में आतंकी पड़ोसी देश से आते हैं, क्योंकि उस देश ने कई सालों से आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।

हम 80 साल से आतंकवाद झेल रहे हैं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 1947 में हमारी आजादी के बाद से ही पाकिस्तान ने कश्मीर में हमारी सीमाओं का उल्लंघन किया है। उसके बाद से आठ दशकों (80 साल) में हमने क्या देखा है? जयशंकर ने कहा कि आप लोग तो अब जागे हैं हम 80 साल से आतंकवाद और पाकिस्तान की हरकतों को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र को जितना कमजोर पश्चिमी देशों ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका को लगातार उजागर किया है और लंबे समय से यह कहा है कि इस्लामाबाद की सत्ता संरचना पर सेना का प्रभुत्व है, जो आतंकवादी समूहों को कश्मीर घाटी, अफगानिस्तान समेत पूरे उपमहाद्वीप में सपोर्ट करता रहा है।

वैश्विक मंच पर भारत अपनी बात बिना हिचक रख रहा-एस जयशंकर

जयशंकर ने वैश्विक गठबंधनों पर भी बात की। उन्होंने भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच बने क्वाड की तारीफ की। उन्होंने इसे एक लचीला और आधुनिक गठबंधन बताया, जो आज के बदलते वैश्विक माहौल में जरूरी है। यह गठबंधन देशों के हितों को ध्यान में रखकर काम करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।

जयशंकर की यह टिप्पणी भारत और यूरोप के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत चाहता है कि यूरोप और अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान की सैन्य नीतियों पर सवाल उठाएं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं। उनकी यह स्पष्ट बातचीत दिखाती है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी बात बिना किसी हिचक के रख रहा है।

पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपकर पहले ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया, यूएन में भारत में पड़ोसी देश को लताड़ा

#indiaexposespakistanliesatunitednation

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज एक बार फिर भारत ने पाकिस्‍तान के झूठ की पोल खोली। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए विश्व समुदाय के सामने उसकी दोहरी नीतियों और आतंकपरस्‍त सोच पर हमला बोला। भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी घटनाएं कर सिंधु जल समझौते की भावना का उल्लंघन कर चुका है।

‘सिंधु जल समझौते का उल्लंघन कर रहा पाक’

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक में कहा कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। भारत ने हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। भारतीय प्रतिनिधि पी हरीश ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने अच्छी भावना के साथ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता किया था। समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए पी हरीश ने कहा कि प्रस्तावना में साफ लिखा गया है कि ये समझौता अच्छी भावना और दोस्ती के साथ किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने बीते 65 वर्षों में इस भावना का साफ उल्लंघन किया

‘भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले थोपे’

हरीश ने कहा, भारत ने 65 साल पहले अच्छे विश्वास के साथ सिंधु जल संधि की थी। पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है। 20,000 से ज्यादा भारतीय लोगों की जान चली गई है, हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। भारत ने हमेशा धैर्य और उदारता दिखाई है। पाकिस्तान का राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद नागरिकों के जीवन और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना चाहता है।

‘पाकिस्तान का अड़ियल रवैया’

हरीश ने कहा, इन 65 सालों में बांध के बुनियादी ढांचे के लिए तकनीक बदल गई है ताकि संचालन और पानी के उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित हो सके। कुछ पुराने बांधों में सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। पाकिस्तान ने संधि के तहत अनुमत इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव को लगातार रोका है। 2012 में, आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जिससे हमारी परियोजनाओं और नागरिकों की जान को खतरा बना रहा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि भारत ने पाकिस्तान से पिछले 2 वर्षों में संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए कहा है। लेकिन पाकिस्तान का अड़ियल रवैया इस अभ्यास को करने से रोकता है।

यूएन में पाकिस्तान ने क्या कहा?

दरअसल, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुद्दा संघर्ष में पानी की सुरक्षा था। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौता तोड़ने के लिए बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगाए।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में भी बात की।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

#indiadeclarespakistanhighcommissionofficialpersonanongrata_orders 

भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

#chinameditatespakistanortaliban

चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

#whole#pakistan#within#range#of#indias#military#arsenal#says

22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।

अमेरिका जा रहे पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर, आर्मी डे में शामिल होने का मिला निमंत्रण

#pakistanarmychiefasimmunirusvisit

पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर इस हफ्ते अमेरिका दौरे पर पहुंचेंगे। वे शनिवार यानी 14 जून को वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी सेना की 250वीं वर्षगांठ के जश्न में शामिल होंगे। इस दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का 79वां जन्मदिन भी है। इस मौके पर राजधानी वॉशिंगटन में एक परेड का आयोजन होगा।

अमेरिका ने 14 जून को मनाए जाने वाले यूएस आर्मी डे के जश्‍न में शामिल हाने के लिए पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख को न्‍योता भेजा है। जनरल मुनीर जल्‍द ही अमेरिका की यात्रा पर रवाना होने जा रहे हैं। अमेरिका में पाकिस्‍तानी दूतावास का कहना है कि 12 जून को फील्‍ड मार्शल मुनीर अमेरिका पहुंच सकते हैं। इस दौरान अमेरिका के शीर्ष सैन्‍य नेतृत्‍व के साथ जनरल मुनीर की बैठक होने जा रही है।

मुनीर की ट्रंप के साथ भी हो सकती है मुलाकात

अफगानिस्‍तान के लिए अमेरिका के विशेष दूत रहे जल्‍मे खलिलजाद ने खुलासा किया है कि पाकिस्‍तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर की अमेरिकी नेतृत्‍व के साथ मुलाकात के दौरान आतंकवाद और भारत तथा पाकिस्‍तान में शांति का मुद्दा प्रमुखता से उठेगा। वहीं जनरल मुनीर अमेरिका को दो बड़े ऑफर देने जा रहे हैं। पहला- अमेरिकी राष्‍ट्रपति निक्‍शन के कार्यकाल के दौरान जिस तरह से पाकिस्‍तान ने चीन के साथ अमेरिका की दोस्‍ती कराई थी, ठीक उसी तरह से अब एक बार फिर से किया जा सकता है। दूसरा- जनरल मुनीर ट्रंप प्रशासन के साथ दोस्‍ती को मजबूत करने के लिए पाकिस्‍तान की धरती में मौजूद खनिजों के खजाने को सौंप सकते हैं।

अमेरिकी ने पाकिस्तान को बताया मजबूत सहयोगी

मुनीर के दौरे से पहले पाकिस्तान को लेकर अमेरिका के सुर भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। अमेरिका की सेंट्रल कमांड के प्रमुख जनरल माइकल कुरिल्ला का कहना है कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ रिश्ते बनाए रखने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना इस्लामी स्टेट खुरासान के खतरे से निपटने के लिए जरूरी है। उन्होंने यह बयान मंगलवार को हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमेटी की सुनवाई के दौरान दिया।

जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मजबूत सहयोगी बताया। उन्होंने कहा- अमेरिका को पाकिस्तान और भारत दोनों से रिश्ते रखने होंगे। ये बाइनरी स्विच नहीं है कि एक से रिश्ता रखेंगे तो दूसरे से नहीं रख सकते। हमे रिश्तों के फायदों को देखना चाहिए

2023 में यूएस दौरे पर गए थे मुनीर

मुनीर का पहला अमेरिकी दौरा 2023 में हुआ था, तब उन्होंने तत्कालीन अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, तत्कालीन विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से मुलाकात की थी। उस वक्त भारत ने कहा था कि पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद का समर्थन और क्रॉस-बॉर्डर हमलों को लेकर हमारी चिंताएं जगजाहिर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि अन्य देश भी आतंकवाद के खिलाफ गंभीरता से कदम उठाएंगे

जी7 से पहले साइप्रस जाएंगे पीएम मोदी, पाकिस्तान और उसके दोस्त तुर्की को सीधा संदेश

#pmmodivisitcyprusgivediplomaticanswertopakistanallyturkey

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साइप्रस और क्रोएशिया के दौरे पर जाने वाले हैं। यह दौरा उनकी कनाडा में होने वाले G7 शिखर सम्मेलन यात्रा से पहले होगा। वह कनाडा के रास्ते में ही इन दोनों देशों का दौरा करेंगे। प्रधानमंत्री का यह साइप्रस दौरा भारत का तुर्की को जवाब माना जा रहा है। पीएम मोदी को पिछले महीने क्रोएशिया जाना था। इसके साथ वे नीदरलैंड और नॉर्वे भी जाने वाले थे। लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण यह दौरा रद्द हो गया था।

साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा क्यों महत्वपूर्ण

जी7 शिखर सम्मेलन कनाडा के अल्बर्टा में 15 से 17 जून को होगा। प्रधानमंत्री इसके आखिरी दिन एक विशेष सत्र में भाग लेंगे। पीएम मोदी जी7 की मीटिंग के लिए कडाना जाने के क्रम में साइप्रस जाएंगे। साथ ही वापसी के क्रम में वह क्रोएशिया का दौरा भी करेंगे। भारत यूरोप में लगातार अपनी पैठ मजबूत कर रहा है। वह यूरोपीय संघ के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी बातचीत कर रहा है। साइप्रस और क्रोएशिया दोनों ही यूरोपीय संघ के सदस्य हैं। ऐसे में उनकी साइप्रस और क्रोएशिया की यात्रा बहुत ही महत्वपूर्ण है।

क्यों साइप्रस जा रहे प्रधानमंत्री मोदी?

पीएम मोदी के साइप्रस दौरे के कई कारण हैं। इसके अलावा भारत तुर्की को सा सन्देश देना चाहता है। तुर्की की साइप्रस से बिलकुल नहीं बनती। इसके अलावा साइप्रस ने हमेशा कश्मीर और पाकिस्तान से होने वाले सीमा-पार आतंकवाद पर भारत का समर्थन किया है। साइप्रस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट, न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप की सदस्यता और 1998 के परमाणु परीक्षणों जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी भारत का साथ दिया है।

साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे, क्रोएशिया जाने वाले पहले पीएम

नरेंद्र मोदी साइप्रस की यात्रा करने वाले तीसरे भारतीय प्रधानमंत्री होंगे। उनसे पहले साल 1983 में इंदिरा गांधी और साल 2002 में अटल बिहारी वाजयपेयी ने साइप्रस का दौरा किया था। वहीं, पीएम मोदी पहली बार क्रोएशिया जाने वाले पहले भारतीय पीएम बनेंगे। एस जयशंकर 2021 में दक्षिण-पूर्वी यूरोपीय देश का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री बने। जयशंकर के दौरे के बाद भारत और क्रोएशिया ने रक्षा सहयोग के लिए एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी ने पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को दोषी ठहराया, कटरा मे बोले-भारत में दंगा कराने का था इरादा

#pakistancreateriotsinindiapmmodiinkatra

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पहलगाम आतंकी हमले के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां चिनाब नदी पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज राष्ट्र को समर्पित किया। इस मौके पर जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 22 अप्रैल को इंसानियत और कश्मीरियत पर वार किया गया। पड़ोसी देश का मकसद भारत में दंगे कराना था। कश्मीर के मेहनतकश लोगों की कमाई रोकने का था, इसलिए पाकिस्तान ने टूरिस्टों पर हमला किया।

आतंकियों पर कयामत बरसी थी-पीएम मोदी

ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आज 6 जून है। संयोग से ठीक एक महीने पहले, आज की ही रात पाकिस्तान के आतंकियों पर कयामत बरसी थी। अब पाकिस्तान कभी भी ऑपरेशन सिंदूर का नाम सुनेगा तो उसे अपनी शर्मनाक शिकस्त याद आएगी।

पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का जिक्र

पीएम ने पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले आदिल का भी जिक्र किया। कहा कि वह मेहनत-मजदूरी करके घर चलाता था और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकियों का शिकार बन गया। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग अब आतंकवाद को करारा जवाब दे रहे हैं और यह प्रदेश अब आतंक को नहीं, विकास को स्वीकार कर रहा है। कहा कि बीते दशकों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने मान लिया था कि हालात कभी नहीं बदलेंगे, लेकिन आज वही लोग उम्मीद, भरोसे और नए सपनों के साथ खड़े हैं। आतंक और अलगाव की राजनीति को पीछे छोड़कर जम्मू-कश्मीर आगे बढ़ने का संकल्प ले चुका है, और सरकार ने यह बदलाव कर के दिखाया है।

कराची-क्वेटा हाईवे पर पाकिस्तान सेना के काफिले पर हमला, 32 जवानों की मौत

#pakistankarachiquettahighwayblast

पाकिस्तान में एक बार फिर सेना पर पर बड़ा अटैक हुआ है। बलूचिस्तान में सेना के काफिले पर हुए हमले में 32 जवानों की मौत हो गई है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार हमला कराची कवेटा राजमार्ग पर स्थित एक खड़ी कार से हुआ। खबरों के अनुसार इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे।

कराची-क्वेटा राजमार्ग पर पास विस्फोटक एक खड़ी कार में लगाया गया था और इसमें सेना के काफिले के गुजरने के दौरान विस्फोट हुआ। खबरों के मुताबिक इस काफिले में सेना के 8 वाहन शामिल थे, जिसमें तीन वाहन सीधे प्रभावित हुए, जिनमें कथित तौर पर सैन्य कर्मियों के परिवारों को ले जा रही एक बस भी शामिल है।

बलोच उग्रवादियों पर हमले का शक

स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स और सैन्य सूत्रों के अनुसार, यह एक सुनियोजित आत्मघाती हमला प्रतीत होता है, जिसमें बड़ी मात्रा में विस्फोटक का इस्तेमाल किया गया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। अब तक किसी आतंकी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन बलूचिस्तान में सक्रिय अलगाववादी गुटों पर शक गहराता जा रहा है। यह इलाका पहले भी सेना और सुरक्षाबलों के काफिलों पर हमलों का गवाह रहा है।

21 मई को भी हुआ था हमला

बता दें कि कराची-क्वेटा राजमार्ग पर 21 मई को एक और हमला हो चुका है। हमला बलूचिस्तान के पास क्वेटा-कराची हाईवे पर हुआ। यहां बच्चों को ले जा रही आर्मी पब्लिक स्कूल की बस पर आतंकियों ने हमला किया था, इसमें ड्राइवर समेत 5 लोग मारे गए थ। घटना के कारण पाकिस्तान की आम जनता में दहशत का माहौल है।

मुस्लिम मुल्‍क से ओवैसी ने पाक को किया बेनकाब, बोले-पाकिस्तान की वजह से आतंकवाद

#asaduddinowaisirevealpakistanreligionbasedterrorism

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मुस्लिम देश में बैठकर पाकिस्‍तान की पोल खोली है। भारत की मल्‍टी पार्टी डेलिगेशन दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में जाकर आतंकवाद पर पाकिस्‍तान के चेहरे को बेनकाब कर रही है। बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व वाला भारतीय डेलिगेशन बहरीन पहुंचा। जहां प्रतिनिधिमंडल ने भारत का पक्ष रखा और पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की पोल खोल कर रख दी। इस दौरान एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने पाकिस्तान पर जमकर निशाना साधा है।

कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया-ओवैसी

एआईएमआईएम सांसद ओवैसी ने कहा, इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए कुरान की आयतों को तोड़-मरोड़कर पेश किया। उन्होंने कुरान की आयतों को संदर्भ से बाहर जाकर बताया। हमें इसे समाप्त करना होगा। उन्होंने (पाकिस्‍तान समर्थित आतंकवादी) लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल-औवैसी

ओवैसी ने कहा कि इन आतंकवादी संगठनों ने भारत में निर्दोष लोगों की हत्या को उचित ठहराया है। उन्होंने लोगों की हत्या को उचित ठहराने के लिए धर्म का इस्तेमाल किया है। इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है और कुरान ने स्पष्ट रूप से कहा है कि एक निर्दोष व्यक्ति की हत्या पूरी मानव जाति की हत्या के समान है।

पाकिस्तान ने आतंकी समूहों को बढ़ावा दिया-ओवैसी

ओवैसी ने कहा, हमारी सरकार ने हमें यहां इसलिए भेजा है, ताकि दुनिया को पता चले कि भारत पिछले कई सालों से किस खतरे का सामना कर रहा है। दुर्भाग्य से हमने कई निर्दोष लोगों की जान गंवाई है। यह समस्या पाकिस्तान से ही पैदा हुई है और हमेशा ही होती है। जब तक पाकिस्तान इन आतंकवादी समूहों को बढ़ावा देना, सहायता देना और प्रायोजित करना बंद नहीं करता, तब तक यह समस्या दूर नहीं होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमारी सरकार ने हर भारतीय की जान की रक्षा के लिए सभी कदम उठाए हैं। इस सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगली बार अगर पाकिस्तान ऐसा दुस्साहस करेगा, तो यह पलटवार उनकी उम्मीद से परे होगा।

पाक को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने की आपील

ओवैसी ने आतंकवाद के वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया और बहरीन सरकार से पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने के प्रयासों का समर्थन करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह के धन का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों का समर्थन करने के लिए किया गया है। ओवैसी ने कहा, हमारा देश एकमत है, चाहे हम किसी भी राजनीतिक दल से संबंधित हों। हमारे बीच राजनीतिक मतभेद हैं, लेकिन जब हमारे देश की अखंडता की बात आती है, तो यह सही समय है कि हमारा पड़ोसी देश समझे कि हम एक हैं। मैं अनुरोध करता हूं और उम्मीद करता हूं कि बहरीन सरकार पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में वापस लाने में हमारी मदद करेगी, क्योंकि इस पैसे का इस्तेमाल उन आतंकवादियों का समर्थन करने के लिए किया गया है।

जर्मनी से एस जयशंकर की पाक को खुली चेतावनी, कहा-आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे, यूरोपीय देशों से की खास अपील

#jaishankarwarnspakistan

भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूरोप के दौरे पर है। जयशंकर तीन देशों की यात्रा पर हैं। उन्होंने पहले नीदरलैंड और डेनमार्क का दौरा किया। बर्लिन उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव था। बर्लिन में उन्होंने जर्मनी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बर्लिन में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बातचीत के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।

एस जयशंकर ने कहा, यह एक आतंकी हमला था, जो एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि भारत के अन्य हिस्सों को भी निशाना बनाया है। इसका मकसद डर का माहौल बनाना और कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नष्ट करना था। इसका मकसद धार्मिक मतभेद पैदा करना था। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए हम आतंकवाद का जवाब दे रहे थे। जब हमने जवाब दिया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी समझ थी। हमने आतंकी मुख्यालयों और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमारा ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ है। इस मामले में आतंकी पड़ोसी देश से आते हैं, क्योंकि उस देश ने कई सालों से आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।

हम 80 साल से आतंकवाद झेल रहे हैं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 1947 में हमारी आजादी के बाद से ही पाकिस्तान ने कश्मीर में हमारी सीमाओं का उल्लंघन किया है। उसके बाद से आठ दशकों (80 साल) में हमने क्या देखा है? जयशंकर ने कहा कि आप लोग तो अब जागे हैं हम 80 साल से आतंकवाद और पाकिस्तान की हरकतों को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र को जितना कमजोर पश्चिमी देशों ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका को लगातार उजागर किया है और लंबे समय से यह कहा है कि इस्लामाबाद की सत्ता संरचना पर सेना का प्रभुत्व है, जो आतंकवादी समूहों को कश्मीर घाटी, अफगानिस्तान समेत पूरे उपमहाद्वीप में सपोर्ट करता रहा है।

वैश्विक मंच पर भारत अपनी बात बिना हिचक रख रहा-एस जयशंकर

जयशंकर ने वैश्विक गठबंधनों पर भी बात की। उन्होंने भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच बने क्वाड की तारीफ की। उन्होंने इसे एक लचीला और आधुनिक गठबंधन बताया, जो आज के बदलते वैश्विक माहौल में जरूरी है। यह गठबंधन देशों के हितों को ध्यान में रखकर काम करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।

जयशंकर की यह टिप्पणी भारत और यूरोप के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत चाहता है कि यूरोप और अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान की सैन्य नीतियों पर सवाल उठाएं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं। उनकी यह स्पष्ट बातचीत दिखाती है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी बात बिना किसी हिचक के रख रहा है।

पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपकर पहले ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया, यूएन में भारत में पड़ोसी देश को लताड़ा

#indiaexposespakistanliesatunitednation

अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज एक बार फिर भारत ने पाकिस्‍तान के झूठ की पोल खोली। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए विश्व समुदाय के सामने उसकी दोहरी नीतियों और आतंकपरस्‍त सोच पर हमला बोला। भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी घटनाएं कर सिंधु जल समझौते की भावना का उल्लंघन कर चुका है।

‘सिंधु जल समझौते का उल्लंघन कर रहा पाक’

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक में कहा कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। भारत ने हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। भारतीय प्रतिनिधि पी हरीश ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने अच्छी भावना के साथ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता किया था। समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए पी हरीश ने कहा कि प्रस्तावना में साफ लिखा गया है कि ये समझौता अच्छी भावना और दोस्ती के साथ किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने बीते 65 वर्षों में इस भावना का साफ उल्लंघन किया

‘भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले थोपे’

हरीश ने कहा, भारत ने 65 साल पहले अच्छे विश्वास के साथ सिंधु जल संधि की थी। पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है। 20,000 से ज्यादा भारतीय लोगों की जान चली गई है, हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। भारत ने हमेशा धैर्य और उदारता दिखाई है। पाकिस्तान का राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद नागरिकों के जीवन और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना चाहता है।

‘पाकिस्तान का अड़ियल रवैया’

हरीश ने कहा, इन 65 सालों में बांध के बुनियादी ढांचे के लिए तकनीक बदल गई है ताकि संचालन और पानी के उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित हो सके। कुछ पुराने बांधों में सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। पाकिस्तान ने संधि के तहत अनुमत इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव को लगातार रोका है। 2012 में, आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जिससे हमारी परियोजनाओं और नागरिकों की जान को खतरा बना रहा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि भारत ने पाकिस्तान से पिछले 2 वर्षों में संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए कहा है। लेकिन पाकिस्तान का अड़ियल रवैया इस अभ्यास को करने से रोकता है।

यूएन में पाकिस्तान ने क्या कहा?

दरअसल, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुद्दा संघर्ष में पानी की सुरक्षा था। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौता तोड़ने के लिए बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगाए।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में भी बात की।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

#indiadeclarespakistanhighcommissionofficialpersonanongrata_orders 

भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

#chinameditatespakistanortaliban

चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।

पूरा पाकिस्तान भारत की जद में...', सेना के एयर डिफेंस ऑफिसर का दावा

#whole#pakistan#within#range#of#indias#military#arsenal#says

22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 मासूम लोगों की हत्या कर दी गई। पाकिस्तान के आतंकवादी हमले के जवाब में भारत ने उसके ठिकानों को तबाह कर दिया। भारत के इस हमले से बौखलाए पाकिस्न ने सैन्य संघर्ष को बढ़ावा दिया। जिसके जवाब में भारत ने उसके एयरबेस नष्ट कर दिए। सेना के इस शौर्य की पूरा देश सराहना कर रहा है। अब सेना वायु रक्षा महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल सुमेर इवान डी कुन्हा ने सोमवार को देश की सैन्य क्षमताओं पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान की पूरी गहराई में लक्ष्य पर हमला करने की क्षमता है। ऑपरेशन सिंदूर से इतर अगर कहा जाए तो पूरी पाकिस्तान भारत की जद में हैं।

एएनआई के साथ एक पॉडकास्ट में लेफ्टिनेंट जनरल डी'कुन्हा ने कहा, 'पूरा पाकिस्तान जद में है।' उन्होंने कहा कि भले ही वे पाकिस्तानी सेना के जनरल मुख्यालय (जीएचक्यू) को रावलपिंडी से खैबर पख्तूनख्वा (केपीके) जैसे क्षेत्रों में स्थानांतरित कर दें, उन्हें सुरक्षा का भाव तब भी नहीं आएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के पास पाकिस्तान के समूचे क्षेत्र में स्थित टारगेट पर हमला करने की क्षमता है।

‘हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं’

लेफ्टिनेंट जनरल डी’कुन्हा ने कहा, ‘मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि भारत के पास पाकिस्तान से पूरी गहराई तक निपटने के लिए पर्याप्त हथियार हैं इसलिए सबसे बड़े से लेकर सबसे छोटे तक, चाहे वह कहीं भी हो, पूरा पाकिस्तान हमारी सीमा के भीतर है। हम पूरी तरह से सक्षम हैं, चाहे वह हमारी सीमाओं पर हो या गहराई में, हम पूरे पाकिस्तान से मुकाबला कर सकते हैं।’

उन्होंने कहा, ‘जीएचक्यू रावलपिंडी से केपीके या जहां भी वे जाना चाहते हैं, वहां जा सकते हैं, लेकिन वे सभी सीमा के भीतर हैं इसलिए उन्हें वास्तव में एक गहरा गड्ढा ढूंढना होगा।’

लोइटरिंग म्यूनिशन का इस्तेमाल

'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान भारत के जवाबी आक्रामक कार्रवाइयों ने अहम पाकिस्तानी एयरबेसों को सटीकता से निशाना बनाया। इस दौरान लक्ष्यों को निशाना बनाने के लिए लोइटरिंग म्यूनिशन का उपयोग किया गया। लोइटरिंग म्यूनिशन को आत्मघाती या कामीकेज ड्रोन्स भी कहा जाता है। ये अनमैन्ड एरियल हथियार हैं। इनकी खासियत ये है कि ये अपने टारगेट के ऊपर आसमान में मंडराते रहते हैं और कमांड मिलते ही दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देते हैं। ये अपनी सटीकता के लिए जाने जाते हैं।

दरअसल, लंबी दूरी के ड्रोन और गाइडेड युद्ध सामग्री सहित आधुनिक स्वदेशी तकनीक ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

'हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना'

लेफ्टिनेंट जनरल डी कुन्हा ने आगे रेखांकित किया कि सशस्त्र बलों का प्राथमिक कर्तव्य देश की संप्रभुता और उसके लोगों की रक्षा करना है। हमारा काम अपनी संप्रभुता, अपने लोगों की रक्षा करना है। इसलिए, मुझे लगता है कि हम अपनी मातृभूमि को इस हमले से बचाने में सक्षम रहे हैं, जिसका उद्देश्य आबादी वाले केंद्रों और हमारी छावनियों में बहुत सारी समस्याएं पैदा करना था, यह तथ्य कि हमने अपने लोगों को, न केवल अपनी नागरिक आबादी को यह आश्वासन दिया है। हमारे अपने बहुत से जवान, अधिकारी, पत्नियां छावनियों में रह रहे थे। और वे भी इन ड्रोन हमलों के बारे में समान रूप से चिंतित थे। हमने सुनिश्चित किया कि इससे कोई हताहत न हो, मुझे यकीन है कि इससे न केवल सैनिक को गर्व महसूस हुआ, बल्कि इससे परिवारों को भी गर्व महसूस हुआ। अंत में, भारत की आबादी को गर्व महसूस हुआ। मुझे लगता है कि यही बात है।