एसडीजी इंडेक्स में उत्तर प्रदेश की ऐतिहासिक छलांग
* मुख्यमंत्री योगी ने बताया ‘जनभागीदारी और नीति स्पष्टता’ का परिणाम
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में उत्तर प्रदेश की सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी ) के तहत प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश ने हर क्षेत्र में ठोस प्रगति की है।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2018-19 में एसडीजी इंडेक्स में 42 अंकों के साथ ‘परफॉर्मर’ श्रेणी में रहा उत्तर प्रदेश अब 2023-24 में 67 अंकों के साथ ‘फ्रंट रनर’ बन गया है। राज्य ने 29वें स्थान से छलांग लगाकर 18वें स्थान पर जगह बनाई, जो देश में किसी भी राज्य द्वारा सबसे बड़ी प्रगति है। मुख्यमंत्री ने ‘हर घर जल’, ‘कन्या सुमंगला’, ‘मुख्यमंत्री आरोग्य योजना’, ‘मिशन शक्ति’, ‘ओडीओपी’ और ‘मिशन कायाकल्प’ जैसी योजनाओं को इस उपलब्धि का आधार बताया। उन्होंने कहा कि इन योजनाओं से न सिर्फ आम जन का जीवन बदला, बल्कि सरकारी व्यवस्था में भरोसा भी बढ़ा है।
सीएम योगी ने बेटियों की शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और पोषण स्तर में सुधार को राज्य की प्राथमिकताओं में बताया। उन्होंने निर्देश दिए कि एसडीजी लक्ष्यों को ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचाते हुए मिशन मोड में लागू किया जाए।साथ ही, सभी विभागों को निर्देशित किया गया कि सटीक और समयबद्ध डेटा संकलन सुनिश्चित करें, क्योंकि "डेटा ही नीति निर्माण की नींव है।"
* महिला सशक्तिकरण की दिशा में यूपी का बड़ा कदम
मुख्यमंत्री योगी समक्ष महिला आर्थिक सशक्तिकरण सूचकांक की प्रस्तुति की गई। योजना विभाग और उदयती फाउंडेशन द्वारा तैयार इस सूचकांक का उद्देश्य यह आकलन करना है कि राज्य की योजनाओं से महिलाओं को कितना लाभ मिल रहा है। सीएम योगी ने इसे "नारी गरिमा और आत्मनिर्भरता की दिशा में ऐतिहासिक पहल" बताते हुए निर्देश दिया कि यह सूचकांक मुख्यमंत्री नियंत्रण कक्ष से जोड़ा जाए और नीति निर्धारण में इसका उपयोग किया जाए। इस सूचकांक में प्रदेश के सभी 75 जिलों को उद्यमिता, रोजगार, शिक्षा, आजीविका, सुरक्षा और आवागमन जैसे पाँच बिंदुओं पर आंका गया है। लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे जिलों में अच्छा प्रदर्शन रहा, जबकि श्रावस्ती, महोबा, संभल जैसे जिलों में विशेष प्रयास की जरूरत बताई गई। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ओडीओपी योजना और भर्तियों में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाए। साथ ही, तकनीकी शिक्षा, परिवहन और स्वास्थ्य के क्षेत्र में महिला भागीदारी बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाएं।
Jul 08 2025, 17:40