दलित-पिछड़ों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है सरकार : अखिलेश यादव
"अगर पीडीए ने अपनी कथा कहनी शुरू की, तो प्रभुत्ववादियों का किला ढह जाएगा"
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर दलितों, पिछड़ों और वंचित वर्गों को लगातार अपमानित करने और उनका राजनीतिक शोषण करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि समाज में हो रही घटनाओं का बीजेपी सिर्फ राजनीतिक फायदा उठाती है। सरकार निष्पक्ष रहे तो बहुत से लोगों को न्याय मिल सकता है, लेकिन ये सरकार 'हार्टलेस' है।
अखिलेश यादव ने इटावा के बकेवर में पिछड़ी जाति के कथावाचक पर हमले का ज़िक्र करते हुए कहा कि जब भागवत कथा सब सुन सकते हैं तो सब बोल क्यों नहीं सकते? क्या सिर्फ कुछ प्रभुत्ववादी वर्ग को ही कथा कहने का अधिकार है? उन्होंने कहा कि अगर इन लोगों को पीडीए (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) से इतनी नफरत है, तो वे स्पष्ट करें कि इनका चढ़ावा, दान, दक्षिणा भी स्वीकार नहीं करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ कथावाचकों ने इसे व्यवसाय बना लिया है और जब पीडीए के लोग कथा करने लगते हैं, तो इन्हें सहन नहीं होता। अखिलेश ने व्यंग्य करते हुए कहा कि एक वक्त लोग पीडीए के घर गंगाजल से धुलवाते थे, अब उनके सिर मुंडवा रहे हैं। यह सोच वही है जिसने देश के राष्ट्रपति जैसे सर्वोच्च पद पर बैठे व्यक्ति को भी अपमानित किया।
सपा प्रमुख ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अधिकारी एक-दूसरे से लड़ रहे हैं, कहीं विधायक एसडीएम को पीट रहे हैं, कहीं पुलिसकर्मी गरीबों से पैसे वसूल रहे हैं, और सरकार 'नजर उतार' जैसी बातों में उलझी है। उन्होंने मथुरा-वृंदावन में ज़मीन कब्जे के मामलों में बीजेपी नेताओं की भूमिका पर भी सवाल उठाए।
उन्होंने घोषणा की कि पीड़ित कथावाचकों को समाजवादी पार्टी की ओर से ₹51-₹51 हजार की मदद दी जाएगी। साथ ही, उन्होंने भाजपा को ‘हिस्ट्रीशीटरों की पार्टी’ बताते हुए कहा कि सरकार सिर्फ वर्चस्ववादियों के साथ खड़ी है, लेकिन जिस दिन पीडीए ने अपनी बात कहना शुरू की, उस दिन यह वर्चस्व टूट जाएगा।
Jun 24 2025, 17:01