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लखनऊ: आचार्य नरेंद्र देव वार्ड में गंदे पानी की सप्लाई से पार्षद और जनता नाराज, जलकल कार्यालय पर धरना

लखनऊ। राजधानी के ठाकुरगंज क्षेत्र स्थित जोन 6 के आचार्य नरेंद्र देव वार्ड में गंदा और बदबूदार पानी मिलने से नाराज़ भाजपा पार्षद मनीष रस्तोगी और स्थानीय निवासियों ने जोन-6 के जलकल कैंप कार्यालय पर धरना दिया। प्रदर्शनकारियों ने इलाके में खराब पड़ी बोरिंग और गंदे पानी की आपूर्ति को लेकर तीखी नाराजगी जताई।

पार्षद मनीष रस्तोगी ने बताया कि वह पहले भी बालागंज स्थित जलकल विभाग कार्यालय में इस गंभीर समस्या की शिकायत कर चुके हैं, लेकिन विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। उन्होंने आरोप लगाया कि जलकल विभाग की लापरवाही और उदासीनता से जनता परेशान है, और विभाग जानबूझकर सरकार को बदनाम करने की साजिश कर रहा है।

क्षेत्रवासियों को भारी परेशानी

धरने में शामिल आचार्य नरेंद्र देव वार्ड के निवासियों ने बताया कि उन्हें कई दिनों से गंदा, बदबूदार और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। वहीं, इलाके में कई हैंडपंप और बोरिंग खराब पड़ी हैं, जिससे पानी की नियमित आपूर्ति बाधित हो रही है।

जलकल विभाग पर सवाल

पार्षद रस्तोगी का कहना है कि उन्होंने विभाग को कई बार लिखित और मौखिक रूप से अवगत कराया, लेकिन न तो कोई मरम्मत कराई गई, न ही जल की गुणवत्ता को लेकर कोई कदम उठाया गया। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि जलकल विभाग ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो आंदोलन को और व्यापक किया जाएगा।

* पार्षद की मांग

धरने के दौरान पार्षद ने स्पष्ट रूप से कहा कि जलकल विभाग को अविलंब: गंदे पानी की आपूर्ति बंद करनी चाहिए। खराब बोरिंग की मरम्मत कर नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करनी चाहिए। क्षेत्र में जल की गुणवत्ता की जांच कर जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।

स्थानीय लोगों ने भी एक सुर में मांग की कि स्वच्छ पेयजल हर नागरिक का अधिकार है और सरकार को इस दिशा में तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए। धरने के चलते जलकल विभाग के अधिकारियों में हलचल मच गई है और उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकलेगा।

योगी सरकार की कैबिनेट बैठक में 10 अहम प्रस्तावों को मंजूरी , कृषि, उद्योग और नागरिक सेवाओं को मिलेगी नई रफ्तार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य कैबिनेट की अहम बैठक संपन्न हुई। बैठक में कुल 10 प्रमुख प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनका उद्देश्य प्रदेश के सामाजिक, आर्थिक और औद्योगिक विकास को गति देना है। इन फैसलों में कृषि, उद्योग, दुग्ध विकास, नगर विकास, पंचायती राज और नागरिक उड्डयन विभाग से जुड़े कई महत्वपूर्ण पहलुओं को शामिल किया गया।

लखनऊ में बनेगा चौधरी चरण सिंह सीड पार्क

कैबिनेट ने कृषि विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए लखनऊ में 130.63 एकड़ भूमि पर 251.70 करोड़ रुपये की लागत से चौधरी चरण सिंह सीड पार्क की स्थापना का निर्णय लिया। यह बीज अनुसंधान और उत्पादन केंद्र किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज उपलब्ध कराने, कृषि उत्पादन में वृद्धि और निर्यात को बढ़ावा देने में सहायक होगा।

‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर सराहना

कैबिनेट ने हाल ही में संपन्न ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता पर सुरक्षा बलों को सम्मानित करते हुए अभिनंदन प्रस्ताव पारित किया। इस ऑपरेशन में भारतीय जवानों ने सीमा पार आतंकी मंसूबों को विफल किया था।

अमृत योजना के तहत निकायों को राहत

नगर विकास विभाग के तहत अमृत योजना के प्रथम चरण में शामिल सात नगरीय निकायों के 90 करोड़ रुपये के अंश को माफ कर दिया गया है। इससे इन क्षेत्रों में शहरी विकास परियोजनाओं को गति मिलेगी।

दुग्ध क्षेत्र को मिलेगा बढ़ावा

दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहन नीति-2022 में संशोधन करते हुए सरकार ने नई दुग्ध प्रसंस्करण इकाइयों को 35% तक पूंजीगत अनुदान देने का निर्णय लिया है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार बढ़ेगा और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा।

उद्योगों को मिली LOC स्वीकृति

उद्योग विभाग ने 5 कंपनियों को LOC (Letter of Comfort) जारी करने की मंजूरी दी है, जिससे राज्य में हजारों करोड़ रुपये का निवेश आएगा। इन कंपनियों में जेके सीमेंट, मून बेवरेजेज, सिल्वर पल्प एंड पेपर, ग्लोबल स्पिल्ट्स और चांदपुर इंटरप्राइजेज शामिल हैं।

पंचायत भवनों को मिलेगा नाम, ग्राम सभा को प्रोत्साहन

पंचायती राज विभाग ने विभिन्न ‘पंचायत उत्सव भवनों’ को नाम देने की प्रक्रिया को स्वीकृति दी है। साथ ही, ग्राम सभा बैठकों के आयोजन पर व्यय हेतु नई प्रोत्साहन नीति को मंजूरी दी गई है, जिससे गांव स्तर पर प्रशासनिक भागीदारी को बल मिलेगा।

नागरिक उड्डयन कर्मियों को मिलेगा सातवां वेतनमान

नागरिक उड्डयन निदेशालय में संविदा पर कार्यरत पायलट, को-पायलट, इंजीनियर व तकनीकी कर्मियों को अब सातवें वेतन आयोग के अनुरूप वेतन मिलेगा। यह निर्णय सेवाओं की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए लिया गया है।

निवेश नीति और तकनीकी शिक्षा में सुधार

कैबिनेट ने इन्वेस्टमेंट प्रमोशन सब्सिडी नीति को पारदर्शी और व्यावहारिक बनाने हेतु संशोधन को मंजूरी दी। इसके अलावा, तकनीकी संस्थानों के आधुनिकीकरण के लिए जल्द ही विस्तृत योजना पेश की जाएगी। इन सभी प्रस्तावों को विकास के नए युग की शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।

उत्तर प्रदेश में 44 सहायक लेखाधिकारियों को मिली पदोन्नति, बने लेखाधिकारी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त विभाग के अंतर्गत कार्यरत 44 सहायक लेखाधिकारियों को लेखाधिकारी पद पर पदोन्नति देकर बड़ी प्रशासनिक राहत दी है। इस महत्वपूर्ण निर्णय से प्रदेश में लेखा प्रणाली के संचालन में न केवल दक्षता बढ़ेगी, बल्कि कर्मचारियों के मनोबल को भी बल मिलेगा।

इस पदोन्नति के आदेश जारी होने के बाद उत्तर प्रदेश लेखा एवं लेखा परीक्षा परिसंघ में खुशी की लहर दौड़ गई है। परिसंघ के अध्यक्ष सुशील कुमार बच्चा ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए शासन का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि लंबे समय से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे कार्मिकों को यह उपलब्धि मिलने से संगठन को नई ऊर्जा मिली है।

अध्यक्ष सुशील कुमार बच्चा ने आगे बताया कि परिसंघ की ओर से शासन से अनुरोध किया गया है कि विभाग में शेष रिक्त पदों के लिए भी जल्द समिति की बैठक बुलाकर पदोन्नति आदेश जारी किए जाएं। इससे न केवल प्रशासनिक कार्यों में गति आएगी, बल्कि योग्य कार्मिकों को समय पर सम्मान भी मिल सकेगा।

पदोन्नति प्राप्त करने वाले अधिकारियों में शरद कुमार शुक्ला, यदुवेश चतुर्वेदी, हरीश कुमार चौधरी, विशाल कुमार साहू, मनोज कुमार श्रीवास्तव और प्रदीप गौतम सहित कई अधिकारियों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे सरकार की सकारात्मक पहल बताया।

उन्होंने कहा कि शासन द्वारा समय-समय पर किए गए ऐसे फैसले कर्मचारियों के मनोबल को बढ़ाने का काम करते हैं और कार्य संस्कृति में सुधार लाते हैं। साथ ही इससे सेवा के प्रति उत्तरदायित्व और कार्यक्षमता में भी इजाफा होता है। पदोन्नति को लेकर विभागीय स्तर पर भी उत्साह का माहौल है।

लखनऊ में बड़ा हादसा: डबल डेकर बस में आग लगने से 2 बच्चों सहित 5 लोग जिंदा जले

 लखनऊ। मोहनलालगंज कोतवाली क्षेत्र के किसान पथ पर आज तड़के करीब 4 - 40 बजे डबल डेकर बस में लगी भीषण आग में दो बच्चों सहित पांच लोग जिंदा जल गए। कई यात्रियों के झुलसने व चोट लगने की खबर है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे का संज्ञान लेते हुए अधिकारियों से तत्काल मौके पर पहुंचने तथा बचे यात्रियों को उनके गतंव्य स्थान‌ पर भिजवाने के निर्देश दिए हैं।

बताया जा रहा है कि बिहार के सीतामढ़ी से मजदूरों व उनके परिवारों को लेकर ये डबल डेकर बस दिल्ली जा रही थी, इसमें करीब 120 यात्री शामिल थे। बस में आग लगने के समय ज्यादातर यात्री सोए हुए थे। यह भी बताया जा रहा है कि बस में आग लगते ही ड्राइवर व कंडक्टर वहां से भाग गए। बचे हुए यात्रियों ने बस की खिड़कियों के शीशे तोड़कर किसी प्रकार अपनी जान बचाई।आधा दर्जन दमकल वाहनों एवं फायरकर्मियो ने घंटो की कड़ी मशक्कत के बाद बुझाई आग, तब तक बस पूरी जलकर राख हो चुकी थी। मृतकों में 2 महिलाएं व 2 बच्चे शामिल हैं।

लखनऊ डीएम विशाख अय्यर की बड़ी कार्रवाई: 19 चौराहों पर छापेमारी, 31 लोगों का किया गया रेस्क्यू

भिक्षावृत्ति में बच्चों और महिलाओं को धकेलने वालों पर सख्त कार्रवाई, कई स्थानों पर दर्ज हुई एफआईआर

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में भिक्षावृत्ति के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। डीएम विशाख जी अय्यर के नेतृत्व में शहर के 19 प्रमुख चौराहों पर एक साथ छापेमारी अभियान चलाया गया। इस दौरान 31 लोगों को रेस्क्यू किया गया और गुडंबा तथा थाना गोल्फ सिटी में एफआईआर दर्ज की गई।

प्रशासन की यह कार्रवाई खासतौर पर उन गिरोहों के खिलाफ थी, जो महिलाओं और बच्चों को भिक्षावृत्ति में झोंकने का काम कर रहे थे। डीएम ने अधिकारियों को ऐसे तत्वों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

ये प्रमुख चौराहे रहे छापेमारी के केंद्र:

चारबाग, हजरतगंज, पॉलिटेक्निक, मुंशी पुलिया, अर्जुनगंज, आलमबाग, गोमतीनगर, व अन्य प्रमुख स्थान। प्रशासन के अनुसार यह अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा ताकि शहर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाया जा सके और बच्चों को इस अपराध के दुष्चक्र से बाहर निकालकर शिक्षा और पुनर्वास की ओर अग्रसर किया जा सके।

* समाज कल्याण विभाग व बाल संरक्षण इकाइयों का सहयोग

इस अभियान में समाज कल्याण विभाग, बाल संरक्षण इकाई, और पुलिस विभाग के अधिकारियों ने संयुक्त रूप से भाग लिया। रेस्क्यू किए गए लोगों को सरकारी शेल्टर होम और पुनर्वास केंद्रों में स्थानांतरित किया गया है।

डीएम विशाख अय्यर ने स्पष्ट किया कि "बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। भिक्षावृत्ति को संगठित अपराध के रूप में देखा जा रहा है और इसके खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाएगी।"

दिव्यांगजनों और पिछड़े वर्गों के लिए योजनाओं में तेजी लाएगी योगी सरकार: नरेंद्र कश्यप

रिक्त पदों पर जल्द होगी नियुक्ति, पेंशन और प्रोत्साहन योजनाओं की सहायता राशि बढ़ाने पर भी विचार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों और पिछड़े वर्गों के सशक्तिकरण के लिए ठोस कदम उठा रही है। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने बुधवार को लखनऊ स्थित अपने कार्यालय में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की और कई अहम निर्देश जारी किए।

बैठक में मंत्री कश्यप ने जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट एवं डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ में रिक्त पदों को शीघ्र भरने के निर्देश देते हुए कहा कि सरकार दिव्यांग विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और आवश्यक सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है। साथ ही, डॉ. शकुंतला मिश्रा विश्वविद्यालय से पिछले पाँच वर्षों का लेखा-जोखा प्रस्तुत करने को भी कहा गया।

दिव्यांग योजनाओं में सुधार और विस्तार की दिशा में निर्देश

मंत्री ने दिव्यांगजनों के लिए संचालित योजनाओं — दिव्यांग पेंशन, शादी प्रोत्साहन योजना और दुकान निर्माण योजना — की समीक्षा करते हुए कहा कि इन योजनाओं की सहायता राशि बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार किया जाए। उन्होंने इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन, जनजागरूकता, और समयबद्ध लाभ वितरण पर विशेष बल दिया।

उन्होंने निर्देश दिया कि विभागीय रिक्तियों की पूर्ति हेतु भेजे गए अधियाचन पत्रों का नियमित फॉलोअप किया जाए ताकि नियुक्तियों में देरी न हो। साथ ही, कार्मिकों की दक्षता बढ़ाने के लिए नियमित विभागीय कार्यशालाएं आयोजित करने के निर्देश भी दिए।

पिछड़ा वर्ग कल्याण पर भी रहेगा विशेष फोकस

बैठक में पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री कश्यप ने कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को इससे जोड़कर उन्हें स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएं।

उन्होंने विभागीय निर्माण कार्यों की प्रगति पर संतोष जताते हुए कहा कि जो परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, उनका त्वरित संचालन शुरू कराया जाए। साथ ही, संस्थाओं के प्रतिनिधियों से नियमित बैठकें कर सुझाव एवं सहयोग प्राप्त करने पर भी जोर दिया।

सभी योजनाएं संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता के साथ संचालित हों

मंत्री नरेंद्र कश्यप ने अंत में अधिकारियों से कहा कि विभाग की सभी योजनाएं संवेदनशीलता, पारदर्शिता और प्रतिबद्धता के साथ लागू की जाएं ताकि दिव्यांगजन और पिछड़े वर्ग के अधिकतम पात्र लाभार्थी योजनाओं का लाभ उठा सकें।

योगी सरकार का बड़ा कदम: पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर बनेंगे 12 ई-वे हब, मिलेंगी एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं

299 करोड़ से पूर्वांचल और 126 करोड़ से बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर ई-वे हब का निर्माण, यात्रियों को मिलेगी विश्वस्तरीय सेवा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश को 'एक्सप्रेसवे प्रदेश' बनाने की दिशा में योगी सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर कुल 12 ई-वे हब विकसित किए जाएंगे, जो यात्रियों को एयरपोर्ट जैसी सुविधाएं प्रदान करेंगे। इन हब्स का निर्माण 425.43 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन को धरातल पर उतारते हुए उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीडा) ने इसके लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया है। यह परियोजना प्रदेश में यात्रा अनुभव को नई ऊंचाई देने के साथ-साथ सड़क यातायात और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

ई-वे हब का ढांचा और लागत विवरण:

पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर 8 ई-वे हब बनेंगे, जिन पर 299.18 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर 4 ई-वे हब के निर्माण में 126.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी।

सुल्तानपुर नोड (पूर्वांचल) पर 40.72 करोड़ और बांदा (बुंदेलखंड) में 30.82 करोड़ रुपये की लागत से ई-वे हब बनेंगे।

एयरपोर्ट जैसी होंगी यात्री सुविधाएं:

यूपीडा द्वारा तैयार कार्ययोजना के अनुसार, ये ई-वे हब वातानुकूलित परिसर, आधुनिक टॉयलेट ब्लॉक्स, सेनिटरी नैपकिन वेंडिंग यूनिट्स, सेंसर आधारित वॉशिंग सिस्टम, नर्सिंग रूम, किड्स फ्रेंडली सुविधाएं और दिव्यांगजनों के लिए विशेष संरचना से युक्त होंगे। यहां यात्रियों को यात्रा के दौरान स्वच्छता, सुरक्षा और सुविधा का उच्चतम स्तर मिलेगा।

निर्माण और तकनीकी विकास कार्यों में भारी निवेश:

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर:

सिविल वर्क: ₹78.77 करोड़, इलेक्ट्रिकल वर्क: ₹11.90 करोड़, एचवीएसी सिस्टम: ₹69.60 लाख, मेंटेनेंस (5 वर्ष): ₹2.28 करोड़, यूपीपीसीएल कार्य: ₹7.70 करोड़।

* पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर:

सिविल वर्क: ₹169.37 करोड़, इलेक्ट्रिकल वर्क: ₹23.81 करोड़, एचवीएसी सिस्टम: ₹1.39 करोड़, मेंटेनेंस (5 वर्ष): ₹4.86 करोड़, यूपीपीसीएल कार्य: ₹49.86 करोड़।

‘उत्तम प्रदेश’ के लिए ‘उत्तम यात्रा अनुभव’

प्रदेश सरकार का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को केवल सड़कों के माध्यम से जोड़ना नहीं, बल्कि विश्वस्तरीय यात्री सुविधाओं के साथ एक संपूर्ण यात्रा अनुभव प्रदान करना है। ई-वे हब परियोजना, राज्य की सांस्कृतिक और औद्योगिक प्रगति में मील का पत्थर साबित होगी।

चरणबद्ध तरीके से बढ़ाई जाए दुग्ध समितियों की संख्या : धर्मपाल सिंह

* पराग ब्रांड को बनाएंगे और मजबूत, मार्केटिंग के लिए पेशेवर रणनीति पर काम शुरू

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने आज विधानसभा स्थित अपने कार्यालय कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि राज्य में दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए दुग्ध समितियों की संख्या में चरणबद्ध रूप से वृद्धि की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि अक्रियाशील समितियों को पुनः सक्रिय किया जाए और पुरानी समितियों को बंद न होने दिया जाए।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पराग ब्रांड के दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों की मार्केटिंग एवं ब्रांडिंग को बेहतर बनाने के लिए विशेषज्ञों का सहयोग लिया जाएगा। किसानों और पशुपालकों को उन्नत तकनीकों और दुग्ध उत्पादन विधियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। साथ ही दुग्ध मूल्य का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के सख्त निर्देश दिए गए।

श्री सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे दुग्ध समितियों का नियमित भ्रमण एवं निरीक्षण करें और व्यवस्थाओं की गुणवत्ता पर नजर रखें। उन्होंने कहा कि समस्याओं का समाधान तत्काल कर शासन को अवगत कराया जाए।

बैठक में प्रमुख सचिव (दुग्ध विकास) के. रविन्द्र नायक ने आश्वासन दिया कि मंत्री द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का अक्षरशः पालन किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को पराग ब्रांड की मार्केटिंग को लेकर और अधिक गंभीरता व तत्परता से कार्य करने को कहा।

बैठक में पीसीडीएफ के प्रबंध निदेशक वैभव श्रीवास्तव, दुग्ध आयुक्त राकेश कुमार मिश्र सहित शासन के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

बरसात से पहले अधूरी परियोजनाएं करें पूरी: जयवीर सिंह

* समीक्षा बैठक में पर्यटन मंत्री का सख्त निर्देश : निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने मंगलवार को गोमतीनगर स्थित पर्यटन भवन में विभागीय अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। बैठक में उन्होंने 2024-25 की स्वीकृत निर्माणाधीन परियोजनाओं की प्रगति की गहन समीक्षा की और निर्देश दिया कि बरसात से पहले सभी अधूरी परियोजनाएं हर हाल में पूरी की जाएं।

जयवीर सिंह ने स्पष्ट कहा कि निर्माण कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि घटिया निर्माण सामग्री के उपयोग या मानकों की अनदेखी पर कार्यदायी संस्था एवं ठेकेदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई और वसूली की जाएगी।

उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि रामलीला मैदानों की चहारदीवारी बरसात से पहले पूरी की जाए ताकि धार्मिक आयोजनों में कोई बाधा न आए। स्मारकों में लाइट एंड साउंड, फर्नीचर, शौचालय जैसी मूलभूत सुविधाएं अनिवार्य रूप से सुनिश्चित की जाएं। निर्माण कार्यों की प्रगति का फील्ड में जाकर निरीक्षण किया जाए और फोटोग्राफी के माध्यम से दस्तावेजीकरण किया जाए। निर्माण ईकोफ्रेंडली और हरियाली युक्त हों- खाली जमीन पर वृक्षारोपण अनिवार्य। डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र, लखनऊ के अधूरे कार्य 31 अक्टूबर तक हर हाल में पूर्ण हों - 6 दिसंबर को मुख्यमंत्री इसका लोकार्पण करेंगे।

प्रमुख परियोजनाएं:

मंत्री ने चित्रकूट, गोरखपुर, मैनपुरी, अमरोहा, रायबरेली, बलिया, कन्नौज, लखनऊ, पीलीभीत सहित 38 प्रमुख परियोजनाओं को तय समयसीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। वित्तीय स्थिति और कार्य प्रगति के बारे में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति, मुकेश कुमार मेश्राम ने बताया: अब तक 1660 परियोजनाएं 14 कार्यदायी संस्थाओं को सौंपी गई हैं। इनमें से 861 पूर्ण, 713 प्रगति पर और 193 अब भी शुरू नहीं हो सकीं। उन्होंने कहा कि 71 निरस्त परियोजनाओं की जगह नए प्रस्ताव 31 मई तक तैयार किए जाएं। सभी अधूरी परियोजनाएं 31 मई तक हर हाल में पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।

उपस्थित अधिकारी:

बैठक में विशेष सचिव रवीन्द्र कुमार-1, एमडी यूपीटीडीसी सान्या छाबड़ा, निदेशक पर्यटन प्रखर मिश्र, अपर निदेशक संस्कृति सृष्टि धवन, वित्त नियंत्रक दिलीप गुप्ता, सलाहकार जेपी सिंह, निदेशक अमित अग्निहोत्री समेत कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उप्र : माध्यमिक स्कूलों में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की होगी भर्ती

* तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार का बड़ा फैसला

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के युवाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने माध्यमिक विद्यालयों में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती का निर्णय लिया है।

प्राप्त विवरण के अनुसार पहले चरण में 5000 कंप्यूटर शिक्षकों की संविदा पर भर्ती की जाएगी। शिक्षा विभाग ने भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है, मंजूरी मिलते ही प्रक्रिया शुरू होगी। इस निर्णय के बाद कक्षा 9 से 12 तक कंप्यूटर साइंस को औपचारिक रूप से पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। यह पहल डिजिटल इंडिया और नई शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप मानी जा रही है।

शासन स्तर पर इस निर्णय को तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में एक नीतिगत परिवर्तन के रूप में देखा जा रहा है, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के विद्यार्थियों को समान रूप से तकनीकी दक्षता प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

शैक्षिक विशेषज्ञों और अभिभावकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है कि इससे विद्यार्थियों को भविष्य की नौकरियों और तकनीकी क्षेत्र में बेहतर अवसर मिल सकेंगे।