फेक न्यूज पर एक्शन, शाहजहांपुर से जुड़ी अफवाहों में तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स पर FIR
लखनऊ । यूपी के शाहजहांपुर जिले में आतंकी हमले की अफवाह फैलाने वाले तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स के खिलाफ यूपी पुलिस ने सख्त कार्रवाई की है। डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर भ्रामक व डर फैलाने वाली पोस्ट के आधार पर कोतवाली शाहजहांपुर में तीन अलग-अलग सोशल मीडिया आईडी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वहीं, एक फेक आईडी के जरिए बदायूं सांसद आदित्य यादव के नाम से भी अफवाह फैलाने की पुष्टि हुई है, जिस पर अलग से अभियोग दर्ज किया गया है।
फर्जी आतंकी हमले की खबर से मचा हड़कंप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि वर्तमान राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हालात में भारतीय सेना की कार्रवाई को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। इसी क्रम में यूपी पुलिस मुख्यालय के सोशल मीडिया सेंटर को एक वीडियो प्राप्त हुई, जिसमें फायरिंग व धमाकों की आवाजें थीं और इसे जनपद शाहजहांपुर का बताकर वायरल किया जा रहा था।पुलिस जांच में सामने आया कि शाहजहांपुर में ऐसी कोई घटना घटी ही नहीं थी। तुरंत उत्तर प्रदेश पुलिस के आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट से इस खबर का खंडन (फैक्ट चेक) भी जारी किया गया।
तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स के विरुद्ध केस दर्ज
डीजीपी प्रशांत कुमार के निर्देश पर 11 मई 2025 को कोतवाली शाहजहांपुर में तीन सोशल मीडिया अकाउंट्स के विरुद्ध भ्रामक सूचना प्रसारित करने और शांति भंग करने की कोशिश के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। ये अकाउंट्स हैं:
Parvinda – (Facebook)
Ankit Kumar – (Instagram)
फेक फेसबुक आईडी: "आदित्य भैया सांसद बदायूं" के नाम से संचालित
फर्जी सांसद आईडी पर बदायूं में अलग मुकदमा
"आदित्य भैया सांसद बदायूं" नाम की आईडी को लेकर यह पाया गया कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने सांसद आदित्य यादव के नाम से फर्जी आईडी बनाकर भ्रामक सामग्री प्रसारित की थी। इस संबंध में बदायूं के थाना सिविल लाइंस में एक अलग एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जांच जारी है।
पुलिस की अपील-सोशल मीडिया पर न डाले आपत्तिजनक पोस्ट
उत्तर प्रदेश पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि वे सोशल मीडिया पर किसी भी वीडियो, फोटो या सूचना को पोस्ट करने से पहले उसकी पुष्टि अवश्य करें। ऐसे भ्रामक कंटेंट न केवल जनमानस में भय उत्पन्न करते हैं, बल्कि सेना और पुलिस के मनोबल पर भी असर डालते हैं।यूपी पुलिस के फैक्ट चेक सोशल मीडिया अकाउंट्स के माध्यम से किसी भी जानकारी का सत्यापन कराया जा सकता है। सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ चौबीस घंटे निगरानी की जा रही है। ऐसे में सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी की तो कार्रवाई होना तय।









May 12 2025, 19:12
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