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सरकारी अस्पताल के रिकॉर्ड रूम में लगी आग

जांजगीर-चाम्पा- छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा में सरकारी अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है। जहां रात 3 बजे रिकॉर्ड रूम में देर रात आग लग गई। आग लगने के कारण कमरे से काला धुआं बाहर आने लगा, जिससे अफरा-तफरी मच गई। घटना में कई दस्तावेज जलकर खाक हो गए हैं। फायर ब्रिगेड ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया।

दरअसल, सिविल सर्जन कार्यलय के कक्ष क्रमांक 3 और 4 को रिकॉर्ड रूम में इस्तेमाल किया जा रहा है, जहां कल आग लग गई। कमरे में आग की लपटें देखकर मरीजों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस और दमकल की वाहन मौके पर पहुंची। दमकल कर्मियों ने आग बुझाने के लिए अस्पताल के पीछे शटर को तोड़ कर घुसे। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया गया।

आग लगने का कारण फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाया है। अस्पताल के इलेक्ट्रिशियन का कहना है कि हाल ही में पूरे जिला अस्पताल परिसर में नई वायरिंग की गई है और सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम भी किए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि रिकॉर्ड रूम में आग लगने के बावजूद न तो अस्पताल परिसर की बिजली गुल हुई और न ही कोई सर्किट कटा।

रिकॉर्ड रूम में आग लगने की घटना से प्रबंधन पर कई सवाल उठ रहे हैं। छुट्टी के दिन यहां आम लोगों की आवाजाही नहीं होती। साथ ही परिसर में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं, इसके बावजूद आग का कारण अब तक सामने नहीं आया है। मामले को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की जा रही है।

नहीं रहा नंदनवन की शान ‘नरसिंह’, ढाई महीने की बीमार के बाद हुई मौत…

रायपुर- नंदनवन पक्षी विहार में बीते दस सालों से आकर्षण का केंद्र रहा नरसिंह अब लोगों को नजर नहीं आएगा. नदंनवन के चार तेंदुओं में से एक नरसिंह की ढाई महीनों की बीमारी के बाद मौत हो गई.

जानकारी के अनुसार, ट्यूमर के लगातार बढ़ने के कारण भोजन पानी और दवाओं के सेवन में 16 साल के नरसिंह को अत्यधिक कठिनाई होने लगी थी.

नरसिंह को 2014 में बालोद परिक्षेत्र से रेस्क्यू किया गया था. जंगल सफारी वनमण्डल ने मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि पोस्टमार्टम के बाद नरसिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया. नंदनवन के चारों तेंदुओं को जंगल सफारी शिफ्ट किया जाना था.

भारत माला परियोजना घोटाला : आरोपी एसडीएम-तहसीलदार, आरआई, पटवारी समेत 8 अब तक ईओडब्ल्यू की पकड़ से बाहर, अधर में जांच…

रायपुर- अभनपुर तहसील क्षेत्र के तत्कालीन एसडीएम निर्भय साहू, तहसीलदार शशिकांत कर्रे, राजस्व निरीक्षक रोशनलाल वर्मा, पटवारी दिनेश पटेल के अलावा गोबरानवापारा के तत्कालीन नायब तहसीलदार लखेश्वर प्रसाद किरण, पटवारी नायकबांधा जीतेंद्र लहरे, पटवारी बसंती घृतलहरे, लेखराम पटेल ऐसे नाम हैं, जिनके खिलाफ छत्तीसगढ़ के चर्चित भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाले में ईओडब्ल्यू ने मामला दर्ज किया है. लेकिन इन लोगों के फरार होने की वजह से घोटाले की जांच अटकी हुई है.

इस घोटाले में ईओडब्ल्यू ने अब तक हरमीत सलूजा, उमा तिवारी, केदार तिवारी और विजय जैन को गिरफ्तार किया है. इन चारों को रिमांड पर लेकर ईओडब्ल्यू पूछताछ कर चुकी है. लेकिन ईओडब्ल्यू अब तक घोटाला की जड़ तक पहुंच नहीं पाया है. घोटाला की शुरुआत कैसे और कहां से हुई, यह सबसे बड़ा सवाल है, जिसका खुलासा तभी हो पाएगा, जब सभी फरार निलंबित अधिकारी-कर्मचारी ईओडब्ल्यू की गिरफ्त में आएंगे.

NHAI अफसर भी शंक के दायरे में

इस प्रोजेक्ट का नक्शा एनएचएआई द्वारा तैयार किया गया था. इस नक्शा के आधार पर प्रभावित किसानों की जमीनों का अधिग्रहण कर उन्हें मुआवजा बांटा गया है. इस तरह अधिसूचना जारी होने से पहले अगर प्रोजेक्ट का नक्शा लीक हुआ है, तो यह संभावना जताना भी गलत नहीं होगा कि नक्शा एनएचएआई से लीक हुआ है. सवाल यह है कि नक्शा लीक हुआ है या फिर कराया गया. अगर कराया गया है, तो इस घोटाले में एनएचएआई के कुछ अफसरों के भी शामिल होने की भी संभावना है.

क्या लीक हुआ था नक्शा

जानकार बताते हैं कि भारत माला परियोजना की अधिसूचना जारी होने के बाद बैक डेट पर प्रभावित किसानों की जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़े में बांटकर उनके परिवार के अन्य सदस्यों के नाम पर चढ़ा दिया गया, जिससे जमीन अधिग्रहण के रूप में कई गुना ज्यादा मुआवजा राशि का वितरण किया जा सके. जांच रिपोर्ट में बैक डेट पर किसानों की जमीन को टुकड़ों में बांटने का उल्लेख किया गया है, लेकिन ऐसा भी हो सकता है कि अधिसूचना जारी होने के पहले ही जमीनों का बटांकन कर दिया गया हो. अगर ऐसा हुआ है तो इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि अधिसूचना जारी होने से पहले ही प्रोजेक्ट का नक्शा लीक हुआ होगा, जिसका फायदा निलंबित हुए अधिकारी-कर्मचारियों के साथ भू-माफिया ने उठाया.

किसानों की भी मिलीभगत

भारत माला प्रोजेक्ट घोटाला में अब तक यह बातें सामने आई है कि प्रभावित किसानों की जमीनों को टुकड़ों में बांटकर उन्हें कई गुना अधिक मुआवजा दिलाया गया है. मुआवजा की राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में पहुंची भी है, लेकिन उसके बाद से सभी के खातों के ऊपर के मिले लाखों-करोड़ों रुपए निकाल लिए गए हैं. ये रुपए किसने निकाले, कैसे निकाले, इसकी भी जांच की जा रही है.

14 नए संदिग्धों से होगी पूछताछ

भारतमाला परियोजन में भूअर्जन के नाम पर 48 करोड़ रुपए घोटाला किए जाने के आरोप में ईओडब्ल्यू एसीबी की टीम ने जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया है, उनसे पूछताछ में घोटाले से जुड़े 14 और संदिग्धों के नाम मिले हैं. इनमें जमीन दलाल से लेकर राजस्व विभाग के कर्मचारी और अफसर शामिल हैं. ईओडब्लू, एसीबी इन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए तलब कर सकती है. इन संदिग्धों में ज्यादातर जगदलपुर, गरियाबंद तथा धमतरी जिले के रहवासी हैं.

बढ़ सकती है घोटाले की रकम

भारतमाला परियोजना के लिए भू-अर्जन के नाम पर घोटाले की रकम 48 करोड़ रुपए है. ऐसे में गरियाबंद, जगदलपुर सहित धमतरी में भारतमाला परियोजना के नाम पर घोटाला किया गया होगा तो घोटाले की रकम कई गुना और बढ़ सकती है. ऐसे में जांच का दायरा और बढ़ जाएगा.

एक ही पैटर्न की आशंका

भारतमाला परियोजना के लिए किन इलाकों का भू-अर्जन किया जाना है, इसकी जानकारी लीक होने के बाद जमीन दलाल के साथ जमीन कारोबारी भी सक्रिय हो गए. इसके बाद जमीन दलाल और जमीन कारोबारियों ने राजस्व विभाग के अफसर, पटवारी, आरआई से साठगांठ कर किसानों से कम दर पर जमीन खरीदी और उसे टुकड़ों में बांटकर मोटी कमाई की. रायपुर के बाद जिन और नई जगहों पर किए गए भू-अर्जन में रायपुर पैटर्न में ही गड़बड़ी किए जाने की आशंका है.

ठेका निरस्त होते ही सैंकड़ों स्वास्थ्य मितान हुए बेरोजगार, सरकार से समायोजन की कर रहे मांग



रायपुर-  आयुष्मान भारत योजना में अहम भूमिका निभा चुके छत्तीसगढ़ के सैकड़ों स्वास्थ्य मितान ठेका समाप्त होने के बाद बेरोजगार हो गए हैं. नाराज मितानों ने राज्य सरकार और स्वास्थ्य मंत्री से उन्हें डाटा एंट्री ऑपरेटर के पदों पर समायोजित करने की मांग की है. सुनवाई नहीं होने पर उन्होंने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

स्वास्थ्य मितानों ने बताया कि वे पिछले 10 से 12 वर्षों से थर्ड पार्टी कंपनियों के माध्यम से राज्य के सभी 33 जिलों में आयुष्मान योजना के तहत कार्यरत थे. उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाना, वय वंदन कार्ड प्रोसेस करना, क्लेम वेरिफिकेशन और अपलोडिंग जैसे महत्वपूर्ण कामों में योगदान दिया. लेकिन 30 अप्रैल 2025 को उनका ठेका बिना किसी विस्तार या वैकल्पिक व्यवस्था के समाप्त कर दिया गया.

मितानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ ने आयुष्मान कार्ड जनरेशन में देश के टॉप 5 राज्यों में जगह बनाई है. इसके साथ ही क्लेम प्रोसेसिंग के मामले में भी राज्य ने राष्ट्रीय औसत से दो गुना बेहतर प्रदर्शन कर उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. जिसका बड़ा श्रेय स्वास्थ्य मितानों को जाता है, लेकिन 4-5 महीने तक वेतन नहीं मिला इसके बावजूद सेवा जारी रखा गया.

अब इन कर्मचारियों ने मांग की है कि उन्हें स्टेट हेल्थ एजेंसी के अंतर्गत डाटा एंट्री ऑपरेटर जैसे पदों पर समायोजित किया जाए ताकि योजना की निरंतरता बनी रहे और वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें. उनका कहना है कि अगर अब भी सरकार ध्यान नहीं देती, तो वे ज्ञापन अभियान चलाएंगे और जरूरत पड़ी तो आंदोलन करेंगे, जिसकी पूरी ज़िम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.

सुशासन तिहार में युवा ने मांगी दुल्हन, कहा- तलाकशुदा, विधवा या नहीं तो अनाथ गरीब कन्या ही दिला दो

गरियाबंद- सुशासन तिहार में लोग केवल शासन-प्रशासन से जुड़ी समस्या ही लेकर नहीं आ रहे हैं, बल्कि निहायत व्यक्तिगत समस्या लेकर भी पहुंच जा रहे हैं. जिले के युवा सुशासन तिहार में अपने लिए शासन-प्रशासन से दुल्हन मांग रहे हैं. एक युवा ने तो यहां तक लिख डाला कि मुझे विधवा, तलाकशुदा, या नहीं तो अनाथ गरीब कन्या ही दिला दो.

राजिम नगर पंचायत के ब्रम्हचर्य वार्ड निवासी 36 वर्षीय चंदन साहनी ने शासन-प्रशासन से दुल्हन दिलाने की मांग की है. चंदन ने बताया कि वह अकेला रहता है, जिंदगी गुजारने जीवन संगनी की तलाश में थक चुका था, इसलिए सरकार से उम्मीद कर उसने कन्या की मांग की है.

युवक ने मार्मिक अपील कर आवेदन में लिखा है कि उसे जीवन संगनी चाहिए. विधवा, तलाशशुदा, अनाथ गरीब घर की भी लड़की हो तो वह बिना किसी शर्त जीवन साथी बनाने तैयार है. इसी तरह की मांग फिंगेश्वर ब्लॉक के चैत्रा पंचायत के एक युवक ने भी की है.

महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक पाण्डेय ने बताया कि ऐसे 8 आवेदन मिले हैं. जिनमें कुछ युवकों ने शादी के लिए आर्थिक सहायता की भी मांग की है. सभी को जवाब देकर समय आने पर योजना से जोड़कर उन्हें लाभ दिलाया जाएगा. कन्या की मांग करने वाले को भी विभाग ने उचित समय का इंतजार करने का जवाब देकर निराकरण किया है.

रात 12 के बाद भी हाइपर क्लब में चल रही थी पार्टी, पुलिस ने तत्काल कराया बंद

रायपुर- राजधानी रायपुर के हाइपर क्लब को पुलिस ने देर रात छापा मारकर तत्काल बंद कर दिया। शहर में पब और नाइट क्लब रात 11:30 बजे तक ही संचालित करने के नियम हैं, लेकिन ‘हाइपर क्लब’ में रात 12 बजे के बाद भी गतिविधियां जारी थी। जिसके चलते पुलिस ने क्लब को बंद कराया। मामला तेलीबांधा थाना क्षेत्र का है।

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) ने राजधानी रायपुर में अवैध रूप से संचालित क्लबों के खिलाफ दिए गए पुलिस को ज्ञापन सौंपा था। जिसके बाद पुलिस हरकत में आई और शुक्रवार देर रात ‘हाइपर क्लब’ पर सख्त कार्रवाई करते हुए तत्काल बंद करा दिया।

एनएसयूआई का कहना है कि पुलिस ने रात 12 बजे के बाद भी चालू पाने पर जिस क्लब में कार्रवाई की है, वहां सिर्फ नियमों का उल्लंघन नहीं बल्कि नाबालिग युवाओं को भी प्रवेश दिया जा रहा था। यह बेहद गंभीर और चिंताजनक स्थिति है।

बता दें कि हाइपर क्लब पहले भी विवादों में घिरा रहा है। इस क्लब को लेकर पूर्व में गोली चलने की घटनाएं और नशीले पदार्थों के अवैध उपयोग जैसी गंभीर शिकायतें सामने आ चुकी हैं।

बिलासपुर हाईकोर्ट में पहले की तरह रहेगा ग्रीष्मकालीन अवकाश, वापस लिया गया आदेश

बिलासपुर-  हाईकोर्ट बिलासपुर ने ग्रीष्मकालीन अवकाश की तिथि बढ़ाए जाने के संबंध में जारी आदेश को वापस ले लिया है. अब ग्रीष्मकालीन अवकाश की तिथि पहले की तरह रहेगी. बता दें कि भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के चलते छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में गर्मी छुट्टियां रद्द कर दी गई थी. पहले 12 मई से 6 जून तक समर वेकेशन निर्धारित था, जिसे 2 जून से 28 जून तक कर दिया गया था. यह आदेश चीफ जस्टिस के निर्देश पर रजिस्ट्रार जनरल ने जारी किया था.

 

घुसपैठियों की खैर नहीं : छत्तीसगढ़ में चलेगा विशेष अभियान, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा – प्रत्येक जिले में होगा स्पेशल टास्क फोर्स का गठन

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में बीते दिनों 28 अप्रैल की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य में बंगलादेशी घुसपैठियों, अवैध रूप से निवास कर रहे अप्रवासियों व बिना वैध दस्तावेजों के रहने वाले अनाधिकृत व्यक्तियों की पहचान एवं उन पर प्रभावी कार्रवाई के निर्णय लिए गए थे. इसके लिए प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री एवं गृहमंत्री विजय शर्मा सहित पुलिस विभाग के आला अधिकारी उपस्थित थे।

उपमुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसे तत्व न केवल नागरिक अधिकारों का उल्लंघन करते हैं, बल्कि गंभीर सुरक्षा चुनौतियां भी उत्पन्न करते हैं। इसके रोकथाम के लिए प्रत्येक जिले में स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि अवैध दस्तावेज बनाने वाले एवं बिना वैद्य दस्तावेज वाले व्यक्तियों को लाने में संलग्न अनेक ठेकेदार, टेंट व्यवसायी, गार्डन और कबाड़ी का काम करने वाले लोग छोटा लाभ कमाने के लिए इस कृत्य में जो संलग्न है उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी पत्र में सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे भारत सरकार एवं वरिष्ठ कार्यालयों की ओर से समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों पर कार्रवाई सुनिश्चित करें। निर्देशों के अनुसार राज्य के सभी जिलों में बांग्लादेशी नागरिकों सहित अन्य अवैध अप्रवासियों की पहचान एवं वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित करने “स्पेशल टास्क फोर्स (STF)” का गठन करने को कहा गया है। इन टास्क फोर्स की सहायता से न केवल ऐसे तत्वों की पहचान की जाएगी, बल्कि उन्हें राज्य से निष्कासित करने की प्रक्रिया भी अपनाई जाएगी।

राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी संख्या में ठेकेदारों के माध्यम से बाहर से आए श्रमिक कार्यरत हैं। इनके दस्तावेजों की समुचित जांच एवं सत्यापन नहीं हो पाने के कारण यह आशंका प्रकट की जा रही है कि कई अवैध अप्रवासी भी इन्हीं माध्यमों से राज्य में निवास कर रहे हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ऐसे श्रमिकों का ठेकेदारों के माध्यम से अनिवार्य रूप से सत्यापन कराया जाए। साथ ही फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से पहचान पत्र प्राप्त करने वालों की पहचान कर उनके विरुद्ध विधिसम्मत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त, राशन कार्ड, आधार कार्ड, मतदाता परिचय पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों का त्वरित सत्यापन कराना भी अनिवार्य किया गया है।

जिला स्तर पर संबंधित अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर नियमित रूप से इस संबंध में समीक्षा भी की जाएगी। पत्र के माध्यम से सभी पुलिस अधीक्षकों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने जिलों में आवश्यकतानुसार विशेष अभियान चलाकर कानून सम्मत, वैज्ञानिक एवं प्रभावी तरीकों से अवैध अप्रवासियों की पहचान सुनिश्चित करें तथा भारत सरकार एवं पुलिस मुख्यालय द्वारा जारी निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हुए की गई कार्रवाई की जानकारी समय-समय पर पुलिस मुख्यालय को प्रेषित करें।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव के निरीक्षण में मिली लापरवाही, कुम्हारी नगर पालिका CMO पर गिरी निलंबन की गाज, आदेश जारी

दुर्ग- छत्तीसगढ़ में सुशासन तिहार के दौरान प्रशासनिक निगरानी तेज हो गई है। इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री अरुण साव के 9 मई को कुम्हारी नगर पालिका कार्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री को कार्यालय में अपूर्ण दस्तावेज, रिकॉर्ड संधारण में गड़बड़ी, और कार्यों में गंभीर लापरवाही देखने को मिली। जिसके बाद अब कार्य में लापरवाही के चलते कुम्हारी के मुख्य नगर पालिका अधिकारी (CMO) नेतराम चंद्राकर को निलंबित कर दिया गया है।

बता दें कि निरीक्षण के दौरान प्रधानमंत्री आवास योजना और अमृत मिशन के अंतर्गत चल रहे कार्यों की धीमी प्रगति उपमुख्यमंत्री साव ने स्पष्ट असंतोष जताया था। साथ ही, सुशासन तिहार में आवेदनों के निराकरण की धीमी रफ्तार पर भी कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। निरीक्षण के दौरान निगम कार्यालय में कई अधिकारी और कर्मचारी अनुपस्थित मिले, जिसके चलते उपमुख्यमंत्री ने उनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश भी दिए थे।

उपमुख्यमंत्री की फटकार के बावजूद नेतराम चंद्राकर की जवाबदेही में कमी पाई गई और उनकी भाषा शैली को भी अशोभनीय माना गया। इन्हीं सब कारणों को आधार बनाकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने उन्हें छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के तहत गंभीर कदाचार का दोषी मानते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

देखें आदेश –

नेशनल लोक अदालत : 17 हजार से अधिक मामलों का हुआ निराकरण

मुंगेली- न्यायिक इतिहास में एक और सुनहरा अध्याय जुड़ गया जब वर्ष 2025 की द्वितीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन जिलेभर में सफलता के साथ संपन्न हुआ। जिला न्यायालय, तहसील न्यायालय और राजस्व न्यायालयों में संयुक्त रूप से आयोजित इस विशेष लोक अदालत में न्याय के द्वार आमजन के लिए सहज और सुलभ बने। परिवार न्यायालय में आपसी सहमति से मामले का निपटारा कर एक परिवार को टूटने से बचाया गया। वहीं पति की सड़क दुर्घटना में मौत मामले में पत्नी को 5 साल बाद मुआवजा मिला।

सुबह 10:45 बजे जिला न्यायालय मुंगेली में गिरिजा देवी मेरावी, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने दीप प्रज्वलन कर नेशनल लोक अदालत का विधिवत शुभारंभ किया, जिसमें कुल 17,371 मामलों का समाधान हुआ। 51 लाख से अधिक की राशि पर सहमति इस एक दिवसीय आयोजन में कुल 21,655 प्रकरणों को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया, जिनमें से 17,371 प्रकरणों का आपसी सहमति एवं समझौते के आधार पर समाधान किया गया। इस दौरान 51,13,673 रुपए की अवार्ड राशि तय की गई, जिससे आम नागरिकों को त्वरित और सुलभ न्याय की अनुभूति हुई।

नेशनल लोक अदालत में न्यायालय में लंबित 1,832 प्रकरणों में से 1,438 मामलों का निपटारा किया गया, जिनमें 50,45,772 रुपये की राशि का अवार्ड पारित किया गया। वहीं प्री-लिटिगेशन यानी मुकदमा दायर होने से पहले सुलझाए गए 15,933 मामलों में 67,931 रुपये की राशि का समझौता हुआ। जिला न्यायालय में 6, तहसील न्यायालय लोरमी में 1 और राजस्व न्यायालय में 8 खंडपीठ गठित कर कार्यवाही संचालित की गई।

परिवार न्यायालय में पति-पत्नी के बीच हुई सुलह

नेशनल लोक अदालत का एक संवेदनशील पहलू उस वक्त सामने आया जब न्यायाधीश राजीव कुमार की पीठ ने एक दांपत्य विवाद में पति-पत्नी के बीच सुलह करवाई। काउंसलिंग के माध्यम से दोनों पक्षों को साथ रहने की समझाइश दी गई और आपसी सहमति से मामले का निपटारा कर एक परिवार को टूटने से बचा लिया गया।

5 साल बाद महिला को मिला न्याय

लोक अदालत के दौरान एक भावनात्मक क्षण तब आया जब संगीता सिंह क्षत्रिय नामक महिला को उनके पति की सड़क दुर्घटना से जुड़े 5 साल पुराने मुआवजा मामले में राहत मिली। वर्षों से न्यायालय के चक्कर काट रही संगीता ने आज चैन की सांस ली। मामले का निपटारा स्वयं जिला एवं सत्र न्यायाधीश गिरिजा देवी मेरावी ने कराया और फलदार पौधा भेंट कर संगीता को भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। नेशनल लोक अदालत ने यह सिद्ध कर दिया कि न्याय केवल कठोर कानूनी प्रक्रिया नहीं, बल्कि संवाद, समझौता और सद्भाव से भी हासिल किया जा सकता है।