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राजधानी रांची में सआदत हसन मंटो के प्रसिद्ध नाटक ‘टोबा टेक सिंह’ का मंचन, कलाकारों की जीवंत भूमिका नें दर्शकों को किया मंत्र मुग्ध


झा. डेस्क

सआदत हसन मंटो के प्रसिद्ध कहानी ‘टोबा टेक सिंह’ पर आधारित नाटक का रांची के यूनियन क्लब में मंचन किया गया. इसमें इप्टा के कई कलाकारों ने अपनी दमदार भूमिका से नाटक को जीवंत कर दिया. ये नाटक देश विभाजन के बाद लाहौर के पागलखाने में बंद मानसिक रोगियों पर केंद्रित है. कार्यक्रम की शुरुआत बच्चों के नृत्य से की गयी. इस मौके पर पेंटिंग प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. शहीद-ए-आजम भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के शहादत दिवस 23 मार्च को ‘सरफरोश’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इसमें पेंटिंग प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी.

व्यंग्यात्मक लघु कथा पर आधारित देश के विभाजन के बाद की हैएक पागल खाना की कहानी

सआदत हसन मंटो लिखित प्रसिद्ध नाटक ‘टोबा टेक सिंह’ का निर्देशन भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) रांची जिला सचिव सुमेधा मल्लिक ने किया. यह नाटक एक है जो देश विभाजन के बाद लाहौर के पागलखाने में बंद मानसिक रोगियों की कहानी है, जो ऐसे बेतुके विभाजन पर व्यंग्य करती है. भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद लाहौर के पागलखाने में बंद मानसिक रोगियों की अदला-बदली पर केंद्रित है. कहानी का मुख्य पात्र बिशन सिंह है, जो टोबा टेक सिंह नामक शहर से है और वह पागलखाने में बंद है. भारत और पाकिस्तान की सरकारों ने पागलखाने में बंद मानसिक रोगियों की अदला-बदली करने का फैसला किया, जिसमें बिशन सिंह को भी भारत भेजा जाना था. बिशन सिंह को जब पता चलता है कि उसका शहर टोबा टेक सिंह अब पाकिस्तान में है तो वह जाने से इनकार कर देता है और चिल्लाता है कि ‘टोबा टेक सिंह’ कहां है? भारत में या पाकिस्तान में? मानसिक रोगियों के दिमाग में किस तरह से कौतूहल मचा हुआ था उसे रंगमंच पर उतारने का काम लेखक सआदत हसन मंटो ने किया है.

इन कलाक़ारों नें अपनी जीवंत अभिनय सें किया लोगों को किया प्रभावित

‘टोबा टेक सिंह’ नाटक में डॉक्टर की भूमिका में सुमेधा मलिक, फौजी की भूमिका में प्रशांत, वकील के रोल में पीयूष, प्रोफेसर अंजलि, चना वाला सौरभ, नर्तकी ऐश्वर्या, कवयित्री आस्था, चपरासी रोशन, फजल की भूमिका में विहान शाश्वत और मुलाकाती की भूमिका एगनेटिश ने अदा की.

मौके पर ये थे उपस्थित

इस मौके पर भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) झारखंड के पूर्व कार्य अध्यक्ष श्यामल मलिक, प्रदीप तरफदार, विनय भूषण, श्यामल चक्रवर्ती सोंटा, अधिवक्ता कलाम रशिदी, अजय सिंह, प्रवीण कर्मकार, परवेज कुरैशी सहित एकता के कई कलाकार और पदाधिकारी उपस्थित थे.

म्यांमार की तरह क्या झारखंड में भी भूकंप कर सकता है प्रभावित, जानिये विशेषज्ञों की राय..?

म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के विनाशकारी भूकंप के कारण एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई है। इतनी बड़ी क्षति के कारण भूंकप जोन में रहने वाले लोग परेशान हैं। और पूरी दुनिया भयभीत है.यदि हम लौहनगरी जमशेदपुर की बात करें तो यह भूकंप के जोन दो में है और पूरी तरह सुरक्षित है।

इन शहरों में भूकंप आने की संभावना कम

विशेषज्ञों के अनुसार जोन दो में वह क्षेत्र है जहां भूकंप आने की संभावना कम है। यदि भूकंप आ भी गया तो जान-माल के नुकसान होने की संभावना नहीं के बराबर रहती है।

जमशेदपुर, बैंगलोर, हैदराबाद, विशाखापटनम, नागपुर, रायपुर, ग्वालियर, जयपुर, तिरुचिरापल्ली, मदुरै आदि शहर इस जोन में आते हैं। जमशेदपुर में 20 से अधिक भवन है, जिनको शेषमीक लोड डिजाइन करके बनाया गया है।

झारखंड का पूरा क्षेत्र स्टेबल लैंड क्षेत्र में

अगर जानकार की बात माने तो 

कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, भूगोल विभाग की एचओडी डॉ. सुनीता कुमारी ने बताया कि कोल्हान व झारखंड का पूरा क्षेत्र स्टेबल लैंड क्षेत्र में आता है। साथ ही सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा झारखंड के कुछ भाग को जोन दो व कुछ भाग को जोन तीन में रखा गया है, जहां कोई नुकसान की संभावना नहीं होती है।

जिसे भूगोल में गुंडवाना लैंड में गिना जाता है। यहां कभी भूकंप आता है भी तो नुकसान की संभावना काफी कम होती है। स्थिर लैंड होने की वजह से पूरा झारखंड भूकंप से सुरक्षित माना जाता है।

इस तरह आता है भूकंप

कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, भूगोल विभाग की एचओडी डॉ. सुनीता कुमारी कहती हैं कि हमारी धरती कई सारे टैक्टानिक प्लेटों से बनी है, जिसके नीचे खौलता लावा है।

इसी लावे पर ये टैक्टानिक प्लेट तैरते हैं। तैरते-तैरते ये प्लेट आपस में टकरा जाते हैं और अगर ये टक्कर तेज हुई तो प्लेट टूट जाते हैं या उनमें कुछ बदलाव होता है।

ऐसे में नीचे लावे की तरफ जो एनर्जी बन रही है, उसे बाहर आने का रास्ता मिलने लगता है और ऊर्जा ऊपर की ओर आने लगती है। इस जटिल प्रक्रिया का परिणाम भूकंप आता है।

विभिन्न रिएक्टर स्केल पर भूकंप की स्थिति 2.0 की तीव्रता से कम वाले भूकंपीय झटके, इंसान को महसूस ही नहीं होते।

2.0 से 2.9 तक के झटके, आम तौर पर यह भी महसूस नहीं होते।

3.0 से 3.9 तक के झटके, अक्सर महसूस नहीं होते, लेकिन कभी नुकसान कर देते हैं।

4.0 से 4.9 तक के झटके, थरथराहट महसूस होती है और कई बार नुकसान पहुंचाता है।

5.0 से 5.9 तक के झटके,कमजोर मकानों को नुकसान पहुंचाता है।

6.0 से 6.9 तक के झटके, 160 किलोमीटर के दायरे में काफी घातक साबित हो सकता है।

7.0 से 7.9 तक के झटके, एक बड़े क्षेत्र में भारी तबाही मचा सकता है।

8.0 से 8.9 तक के झटके, सैकड़ों किलोमीटर के क्षेत्र में भीषण तबाही मचा सकता है।

9.0 से 9.9 तक के झटके, हजारों किलोमीटर के क्षेत्र में तबाही मचा सकता है।

जमशेदपुर भूकंप के सुरक्षित जोन में है। इसके बावजूद जमशेदपुर में वैसे ऊंची इमारतें जो 100 फीट से ऊंची बन रही है, सभी में भूकंप रोधी डिजाइन बनाकर ही नक्शा पास होता है। वैसे भवन मालिकों को शेषमीक लोड डिजाइन का नक्शा पास कराना पड़ता है। 

जमशेदपुर में इस तरह के लगभग 20 भवन हैं, जो शेषमीक लोड डिजाइन से नक्शा पास कराकर भवन बनाया है या बन रहा है।

वर्ष 2025 में लगभग 40 हज़ार सरकारी कर्मचारियों की होनी है नियुक्ति, इसमें कई विभाग में अड़चन तो कुछ पर कोर्ट का शिंकजा


प्रतियोगिता परीक्षाओं के माध्यम से वर्ष 2025 में झारखंड सरकार के विभिन्न विभागों में लगभग 40000 पदों पर नियुक्तियां होनी है. दर्जन भर नियुक्ति प्रक्रिया विभिन्न कारणों से लटकी हुई है. इनमें से कुछ नियुक्ति को लेकर परीक्षा हो चुकी है, तो वहीं कुछ में अभी परीक्षा होनी है. 

कई परीक्षाओं का रिजल्ट प्रकाशन की प्रतीक्षा में है. करीब 12 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है. इनके अलावा लाखों अभ्यर्थी परीक्षा आयोजित होने का इंतजार कर रहे हैं, तो कई परीक्षाफल प्रकाशित होने के इंतजार में हैं.

26001 पदों पर शिक्षक के पद पर होना है चयन.

झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए प्रयासरत है. प्रारंभिक विद्यालय प्रशिक्षित सहायक आचार्य संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कार्रवाई चल रही है. इसके माध्यम से 26001 पदों पर नियुक्ति के लिए अभ्यर्थियों का चयन किया जाना है.

सीजीएल के रिजल्ट प्रकाशन पर हाईकोर्ट की रोक बरकरार

2025 पदों पर नियुक्ति के लिए चल रही सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा (सीजीएल)- 2023 के रिजल्ट प्रकाशन पर झारखंड हाइकोर्ट की रोक बरकरार है. हालांकि आयोग के स्तर से सीजीएल परीक्षा-2023 के 2229 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों का सत्यापन कार्य पूरा कर चुका है. 444 महिला पर्यवेक्षिका की नियुक्ति को लेकर महिला पर्यवेक्षिका प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल आंसर कुंजी और रिस्पांस शीट जारी हो चुका है. 

जेएसएससी से मिली जानकारी के अनुसार, झारखंड सरकार के दिशा-निर्देश के आलोक में चल रही प्रतियोगिता परीक्षाओं की प्रक्रिया को जल्द पूरा किया जाना है.

इन नियुक्ति को लेकर होनी है परीक्षा

583 पदों पर नियुक्ति के लिए उत्पाद सिपाही प्रतियोगिता परीक्षा ओएमआर शीट पर ली जायेगी. इस प्रतियोगिता परीक्षा के अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच परीक्षा हो चुकी है. झारखंड पारा मेडिकल संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा होनी है. इसके माध्यम से 2532 पदों पर पारा मेडिकल के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जायेगी. वहीं, 594 पदों पर नियुक्ति के लिए झारखंड स्नातक (तकनीकी/विशष्टि) योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा सीबीटी मोड में ली जायेगी.

आरक्षी के 4919 पदों पर होगी नियुक्ति

झारखंड आरक्षी प्रतियोगिता परीक्षा ओएमआर आधारित ली जायेगी. इस प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से राज्य के जिलों में 4919 आरक्षियों की नियुक्ति की जायेगी. आयोग ने कहा है कि प्रशासी विभाग से शारीरिक दक्षता परीक्षण के बाद इसमें उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की सूची प्राप्त होने पर लिखित परीक्षा का आयोजन किया जायेगा. झारखंड इंटरमीडिएट संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा-2023, झारखंड क्षेत्रीय कार्यकर्ता प्रतियोगिता परीक्षा- 2024, झारखंड सचिवालय आशुलिपिक प्रतियोगिता परीक्षा-2024 की प्रक्रियाओं को आयोग आगे बढ़ा रहा है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 100 महत्वपूर्ण लोगों में 40 वें स्थान पर उन्होंने अरविंद केजरीवाल, जेपी नड्डा समेत कई दिग्गजो को पीछे छोड़ दिया


 मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को साल 2025 में देश के टॉप 50 हस्तियों में शामिल हो गये हैं. उन्हें 100 सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची में जगह दी गयी है. दरअसल अंग्रेजी दैनिक इंडियन एक्सप्रेस ने देश के 100 सबसे शक्तिशाली लोगों की सूची जारी की है. जिसमें सीएम सोरेन 40वें स्थान पर है. हालांकि बीते वर्ष भी वह 100 शक्तिशाली व्यक्तियों की सूची में शामिल थे.

पीएम मोदी पहले स्थान पर

इससे पहले इंडियन एक्सप्रेस की पावर लिस्ट में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 93 वें स्थान पर थे. इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी सूची में पीएम मोदी को पहले स्थान पर रखा है. दूसरे नंबर पर गृह मंत्री अमित शाह, तीसरे पर विदेश मंत्री एस जयशंकर, चौथे पर संघ प्रमुख मोहन भागवत और पांचवें नंबर पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण हैं. 

टॉप नाइन में योगी आदित्यनाथ, राजनाथ सिंह, अश्विनी वैष्णव और राहुल गांधी शामिल हैं.स्पोर्ट्स पर्सनालिटी में रोहित शर्मा पहले स्थान

व्यवसायी मुकेश अंबानी को सूची में 10 वां और गौतम अदाणी को 11वां स्थान दिया गया है. खास बात ये है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस लिस्ट में बीजेपी के राष्ट्रीय जेपी नड्डा और अरविंद केजरीवाल से आगे हो चुके हैं. हालांकि वे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार से पीछे हैं. स्पोर्ट्स पर्सनालिटी में रोहित शर्मा पहले स्थान हैं. वह इस लिस्ट में 48 वें स्थान पर हैं. दक्षिण भारत के फिल्मस्टार थल्लापति विजय सबसे शक्तिशाली एक्टर्स की सूची में नंबर वन पर है.

हाइकोर्ट ने ललन पांडेय की याचिका पर सुनवाई के बाद बोकारो में डीसी द्वारा सील किये गये रिसोर्ट को 24 घंटे में खोलने का दिया निर्देश


रांची : हाइकोर्ट ने ललन पांडेय की याचिका पर सुनवाई के बाद बोकारो में सील किये गये रिसोर्ट को 24 घंटे में खोलने का निर्देश दिया है. न्यायालय ने राज्य सरकार की ओर से इस मामले में शपथ पत्र दायर नहीं करने की वजह से यह आदेश दिया. साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई के लिए पहली मई की तिथि निर्धारित की है. 

उपायुक्त के आदेश के आलोक में नौ जनवरी 2025 को रिसोर्ट सील कर दिया गया था.

ललन पांडेय ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर बोकारो जिला प्रशासन द्वारा रिसोर्ट सील करने की कार्रवाई को चुनौती दी थी.

 याचिका में यह कहा गया था कि ललन पांडेय ने यह जमीन 1983 में खरीदी थी. जमीन पर उसका कब्जा बरकरार है. जमीन पर रिसोर्ट बनाने के लिए नक्शा भी स्वीकृत कराया गया है. लेकिन उपायुक्त ने बिना किसी नोटिस के रिसोर्ट को सील करने का आदेश दिया था. इस आदेश के बद रिसोर्ट सील कर दिया गया.

याचिका में कहा गया था कि उपायुक्त के रिसोर्ट सील करने का अधिकार नहीं है. प्रशासन उसे परेशान कर रहा है. प्रशासन ने पहले जमीन को प्रतिबंधित सूची में डाला. इसके बाद भू-सुधार अधिनियम की धारा 4(h) की कार्रवाई शुरू की. न्यायालय ने याचिका में उठाये गये बिंदुओं पर सरकार को शपथ पत्र दायर कर अपने पक्ष पेश करने का आदेश दिया था.

 लेकिन सरकार की ओर से कोई शपथ पत्र दायर नहीं किया है.

न्यायालय ने शपथ पत्र दायर नहीं करने को गंभीरते से लिया. साथ ही यह भी कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार इस विवाद को आराम से ले रही और अपने वकील को इस मामले में कोई दिशा निर्देश नहीं दे रही है. न्यायालय मे याचिका में वर्णित तथ्यों पर विचार करने के बाद बोकारो उपायुक्त को 24 घंटे के अंदर रिसोर्ट का सील खोलने का आदेश दिया. साथ ही सरकार को इस मामले में अगली सुनवाई तक शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया.

CBSE बोर्ड से बिना मान्यता के 'डमी स्कूलों' में पढ़ने वाले छात्र अब नही दे सकेंगे सीबीएसई की परीक्षा

बोर्ड के अधिकारी ने जांच जे बाद की कार्रवाई,बनाया शख्त नियम

धनबाद :‘डमी स्कूलों’ में पढ़ने वाले 12 वीं के छात्रों को सीबीएसई बोर्ड ने तगड़ा झटका दिया है. अब ऐसे छात्रों को 12वीं बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं मिलेगी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीबीएसई के एक अधिकारी ने कहा कि ‘डमी स्कूलों’ में पढ़ने वाले 12वीं के छात्रों को बोर्ड परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जा सकती.

सीबीएसई ने पिछले साल दिसंबर में दिल्ली, बेंगलुरु, वाराणसी, बिहार, गुजरात और छत्तीसगढ़ के 29 स्कूलों में ‘डमी’ छात्रों के नामांकन की जांच के लिए कई औचक निरीक्षण किए थे. इसके बाद उनपर एक्शन लेते हुए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने डमी एडमिशन को लेकर दिल्ली और राजस्थान के 27 स्कूलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.

क्या होते हैं डमी स्कूल?

दरअसल, इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बहुत से छात्र डमी स्कूलों में दाखिला लेना पसंद करते हैं, ताकि वो सिर्फ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी पर ध्यान केंद्रित कर सकें. वो क्लास में नहीं जाते और सीधे बोर्ड परीक्षा में बैठ जाते हैं. ऐसे छात्रों के लिए क्लास में उपस्थिति जरूरी नहीं होती.

न्यूनतम अटेंडेंस की शर्त पूरी करना जरूरी

अभी पिछले महीने ही शिक्षा मंत्रालय ने ये साफ कर दिया था कि डमी एडमिशन लेने वाले स्कूलों के खिलाफ एक्शन लिया जा रहा है, जो आगे भी जारी रहेगा. सीबीएसई का कहना है कि बोर्ड परीक्षाओं के लिए रेगुलर स्कूल आना और न्यूनतम अटेंडेंस की शर्त पूरी करना जरूरी है.

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक, समय-समय पर स्कूलों को अटेंडेंस संबंधी नियमों का पालन करने के लिए जरूरी दिशा-निर्देश दिए जाते हैं और साथ ही स्कूलों के डेटा का भी विश्लेषण किया जाता है और अगर किसी स्कूल के डेटा में कुछ भी असामान्यता पाई जाती है, तो उसे कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है. फिर सीबीएसई की टीम द्वारा उस स्कूल का निरीक्षण किया जाता है, जिसके आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाती है.

देश में डमी एडमिशन एक बड़ी समस्या है. ये देखने में आता है कि 9वीं से ही छात्र स्कूलों में न जाकर इंजीनियरिंग और मेडिकल की तैयारी के लिए कोचिंग सेंटरों में जाने लगते हैं. सीबीएसई ने इसी समस्या को दूर करने के लिए कड़े कदम उठाने शुरू किए हैं.

वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम कार्यदिवस को लेकर वित्त विभाग ने लिया बड़ा फैसला

31 के बजाय 29 को हीं रहेगा वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन, सरकारी निकासी पर रहेगी सरकार की नजर*

हेमंत सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम कार्यदिवस को लेकर वित्त विभाग ने ये फैसला लिया है, जिसके तहत 31 मार्च के बजाय 29 मार्च को ही वित्तीय वर्ष का अंतिम दिन माना जाएगा, क्योंकि 30 मार्च से 1 अप्रैल तक लगातार छुट्टियां रहेंगी। इसे लेकर वित्त विभाग ने सभी कोषागार और बैंकों को निर्देश जारी कर दिया है।

जारी निर्देश के मुताबिक विशेष व्यवस्था के तहत खोलने के निर्देश दिए हैं ताकि वित्तीय वर्ष के समापन पर होने वाली वित्तीय गतिविधियों में किसी प्रकार की रुकावट न आए।रिज़र्व बैंक के निर्देशानुसार, 29 मार्च को सभी कोषागार, उपकोषागार एवं संबंधित बैंकों की शाखाएं देर रात तक खुली रहेंगी।

सरकारी आदेश के तहत, 29 मार्च को कोषागारों में अपराह्न 3 बजे तक विपत्र प्राप्त किए जाएंगे, जिनका भुगतान रात 10 बजे तक किया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बैंकों और कोषागारों के कामकाज को रात 11 बजे तक जारी रखने की अनुमति दी गई है, ताकि वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले सभी आवश्यक लेन-देन पूरे किए जा सकें।

लगातार छुट्टियों के कारण बदला गया कार्यक्रम 

30 मार्च को रविवार, 31 मार्च को ईद और 1 अप्रैल को सरहुल पर्व होने के कारण सरकारी अवकाश रहेगा। इन लगातार तीन दिनों की छुट्टियों को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने 29 मार्च को ही वित्तीय वर्ष का अंतिम कार्यदिवस घोषित किया है। यह निर्णय सरकारी वित्तीय लेन-देन में किसी भी प्रकार की बाधा को रोकने के लिए लिया गया है।

मार्च लूट रोकने के लिए सरकार की सख्त नजर वित्तीय वर्ष के समापन पर अनावश्यक निकासी और वित्तीय अनियमितताओं को रोकने के लिए सरकार विशेष सतर्कता बरत रही है। वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने स्पष्ट किया है कि ‘मार्च लूट’ जैसी किसी भी स्थिति को रोकने के लिए कड़े प्रबंध किए गए हैं। उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं योजनाओं से राशि निकाली जाएगी जिनका वैध वित्तीय आधार है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी योजना की पीएल (पर्सनल लेजर) खाता में राशि दो लगातार वित्तीय वर्षों से जमा है, तो उसे लेकर कोई आपत्ति नहीं होगी। हालांकि, यदि कोई राशि दो वर्ष से अधिक समय से पीएल खाता में पड़ी है और उसके वैधीकरण के लिए अनुमोदन मांगा जा रहा है, तो इसे स्वीकृति नहीं दी जाएगी। सरकार इस बात को सुनिश्चित कर रही है कि वित्तीय वर्ष के समापन के चार दिनों में किसी भी प्रकार के अनावश्यक खर्च को रोका जाए।

झारखंड के जामताड़ा जिले में अनपढ़ महिलाओं ने रचा इतिहास,मेहनत और संघर्ष के बल पर की 3 एकड़ में सूरजमुखी की खेती


जामताड़ा : झारखंड के जामताड़ा जिले के फतेहपुर प्रखंड के ताकुंडी गांव की कुछ महिलाओं ने कमाल कर दिखाया है। इन महिलाओं ने मिलकर सूरजमुखी की खेती की है। उन्होंने बैंक से लोन लिया और मेहनत से काम करके दिखाया कि कुछ भी मुमकिन है। इन महिलाओं में से ज्यादातर पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन उनके हौसले बुलंद हैं। 

उन्होंने JSLPS की मदद से बीज लेकर 3 एकड़ जमीन पर सूरजमुखी के फूल लगाए। जब सिंचाई की दिक्कत आई, तो उन्होंने खुद कुआं ठीक करके पानी का इंतजाम किया। उनकी इस मेहनत से अच्छी फसल हुई है और वे दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई हैं।

इंसान में लगन हो तो वह कुछ भी कर सकता

ताकुंडी गांव की इन महिलाओं ने साबित कर दिया है कि अगर इंसान में लगन हो तो वह कुछ भी कर सकता है। इन महिलाओं में से अधिकतर 32 से 40 साल की हैं। 

अनीता हेंब्रम नाम की एक महिला दसवीं तक पढ़ी है, जो कि उनमें सबसे अधिक पढ़ी-लिखी है। चार महिलाएं ऐसी हैं जो बिल्कुल भी पढ़ी-लिखी नहीं हैं। कुछ महिलाएं सिर्फ अपना नाम लिख पाती हैं।

बैंक से लोन लेकर खेती

सभी महिलाओं ने मिलकर बैंक से लोन लिया। इस लोन से उन्होंने सूरजमुखी की खेती शुरू की। JSLPS (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी) ने उनकी मदद की। उन्हें 4 किलो सूरजमुखी के बीज मिले। इन बीजों को उन्होंने 3 एकड़ जमीन पर बोया। 

खेती करने में कई मुश्किलें आईं। जब फसल को पानी देने का समय आया, तो गांव के कुछ लोगों ने तालाब से पानी देने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर इन महिलाओं को पानी दे देंगे तो उनके जानवरों के लिए पानी नहीं बचेगा।

रंग लाई मेहनत

इसके बावजूद महिलाओं ने हार नहीं मानी। उन्होंने अपने खेत में एक पुराने कुएं को देखा। वह कुआं टूटा हुआ था। महिलाओं ने खुद मिलकर उस कुएं को ठीक किया। फिर उन्होंने उस कुएं से पानी निकालकर अपनी फसल को सींचा। उनकी मेहनत रंग लाई। सूरजमुखी के फूल खूब खिले। उन्हें अच्छी पैदावार मिली। अपनी फसल को देखकर वे बहुत खुश हुईं। दूसरे के लिए कायम की मिसाल।

इन महिलाओं ने दिखा दिया कि अगर कोई इंसान मेहनत और लगन से काम करे तो वह जरूर सफल होता है। उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि शिक्षा और पैसे की कमी किसी की तरक्की में रुकावट नहीं बन सकती। अगर दिल में कुछ करने की चाह हो तो रास्ते अपने आप खुल जाते हैं। इन महिलाओं दूसरों के लिए एक मिसाल कायम की है।

जमीन विवाद को लेकर की गयी मारपीट में एक युवक की मौत,घटना के बाद लोगों में आक्रोश, किया रोड जाम, गिरफ्तारी के आश्वासन के बाद हटाया जाम

गिरिडीह: जमीन विवाद को लेकर अशोक भदानी ऊर्फ पप्पी राम और उसके पुत्र की बेरहमी से पिटाई की गई. दोनों के सिर पर वार किया गया, जिसमें पप्पी की मौत हो गई. वहीं उसका पुत्र अमोद भदानी जीवन मौत से जूझ रहा है. पप्पी की हत्या के बाद बदडीहा समेत आसपास के इलाके में आक्रोश का माहौल है.

शुक्रवार की देर रात को लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. शव के साथ मृतक के परिजन और ग्रामीण नेशनल हाइवे पर उतर आए. बदडीहा में सड़क जाम कर दिया और मुख्य साजिशकर्ता को गिरफ्तार करने की मांग करने लगे. 

मृतक के बड़े पुत्र सुबोध का कहना है कि उसके पिता मकान बना रहे थे और उसी में पानी डालने गए थे. इसी दौरान कैलाश राम और उनके घरवालों ने सुनियोजित योजना के तहत उसके पिता पर टूट पड़े और बेरहमी से हमला कर दिया. उन्होंने कहा कि पूरी घटना जमीन के पुराने विवाद के कारण घटी है. मेरी और उनकी जमीन अगल-बगल में है, जिस पर कैलाश राम बिना किसी कागजात के कब्जा किए हुए हैं.

सुबोध का कहना है कि इस पूरे मामले का असली साजिशकर्ता शिवकुमार भदानी है, जो अन्य माफियाओं के साथ मिलकर लोगों की जमीन को हड़पने का काम करते हैं. शिवकुमार भदानी, उसके दो बेटे और भतीजे ने मिलकर घटना को अंजाम दिया और खुद फरार हो गए.

इधर, सड़क जाम के दरमियान मौजूद लोग भी काफी आक्रोशित थे. इनका कहना था कि यहां जमीन पर कब्जा की साजिश वर्षो से चलती आ रही है. किसी की जमीन पर बेवजह पहले बाधा डाला जाता है और फिर उसके साथ मारपीट की जाती है. पहले भी यहां भू माफियाओं द्वारा मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया है. लोगों ने कहा कि मुख्य साजिशकर्ता को हर हाल में गिरफ्तार किया जाना चाहिए.

थाना प्रभारी नें कहा दोषी होंगे गिरफ्तार

डुमरी-गिरिडीह पथ को जाम किए जाने की सूचना पर मुफ्फसिल थाना प्रभारी सह इंस्पेक्टर श्याम किशोर महतो मौके पर पहुंचे और मृतक के पुत्र, अन्य परिजनों और गांव के लोगों से बात की. इस दौरान मृतक के पुत्र ने शिवकुमार भदानी, उसके पुत्र और भतीजा को गिरफ्तार करने की मांग रखी.

इंस्पेक्टर सह थाना प्रभारी ने कहा कि शिवकुमार भदानी की खोज की जा रही है. अभी वह फरार है. बाकी तीन अभियुक्त कैलाश राम और उनके दोनों पुत्रों को गिरफ्तार करते हुए न्यायिक हिरासत में केंद्रीय कारा भेज दिया गया है. थाना प्रभारी द्वारा काफी समझाने के बाद लोगों ने सड़क जाम हटा लिया.

नक्सलियों द्वारा नक्सल डंप में छिपाकर रखे गए विस्फोटक को सुरक्षा बलों नें किया बरामद

चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है. टोंटो थाना क्षेत्र के जिमकिकिर गांव के आसपास जंगली पहाड़ी क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा पूर्व से लगाए गए विस्फोटक व अन्य सामग्री को सुरक्षा बलों ने बरामद किया है. नक्सलियों ने सुरक्षा बलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से इन विस्फोटकों को एक पुराने नक्सल डंप में छिपाकर रखा था.

सुरक्षा के मद्देनजर बरामद विस्फोटकों को बम निरोधक दस्ते की मदद से उसी स्थान पर नष्ट कर दिया गया. सुरक्षा बलों ने उस नक्सल डंप को भी ध्वस्त कर दिया. साथ ही अन्य विस्फोटक व दैनिक उपयोग की अन्य सामग्री जब्त कर ली.

पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि प्रतिबंधित भाकपा (माओवादी) नक्सली संगठन के शीर्ष नेता अपने दस्ते के सदस्यों के साथ विध्वंसक गतिविधियों के लिए सारंडा कोल्हान क्षेत्र में भ्रमणशील हैं. इसको लेकर चाईबासा पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखंड जगुआर लगातार अभियान चला रही है. कोल्हान में शीर्ष नक्सली नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ ​​उपटन, जयकांत, रापा मुंडा मौजूद हैं.

एसपी ने बताया कि वर्ष 2022 से लगातार गोईलकेरा थाना अंतर्गत ग्राम कुइड़ा, छोटा कुइड़ा, मरादिरी, मेरालगाड़ा, हाथीबुरू, तिलायबेड़ा बोयपैसांग, कटंबा, बयाहातू, बोरॉय, लेमसाडीह के सीमावर्ती क्षेत्रों में तथा टोंटो पुलिस स्टेशन के अंतर्गत ग्राम हुसिपी, राजाबासा, तुम्बाहाका, रेगड़ा, पाटोरब, गोबुरु, लुईया के सीमावर्ती क्षेत्रों में संयुक्त अभियान चलाया जा रहा है.

इसी क्रम में टोंटो थाना क्षेत्र के जंगल पहाड़ी इलाके में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा (माओवादी) के उग्रवादियों द्वारा हथियार और गोला-बारूद छिपाकर रखे जाने की सूचना मिली थी. जिसके बाद सर्च ऑपरेशन चलाया गया. जहां सुरक्षा बलों ने एक पुराने नक्सली डंप से विस्फोटक और अन्य सामग्री बरामद की. नक्सल विरोधी अभियान अभी भी जारी है.