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सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी के निधन पर उनकी स्मृति में पुलिस मुख्यालय में हुई शोक सभा

लखनऊ । पुलिस मुख्यालय, गोमतीनगर विस्तार, लखनऊ स्थित सभागार में हाकम सिंह (आईपीएस-1969) सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक के 7 मार्च को हुये निधन के परिपेक्ष्य में शोक सभा का आयोजन किया गया। डीजीपी प्रशांत कुमार सहित वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिवंग पुलिस अधिकारी को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी।

969 बैच के "भारतीय पुलिस सेवा" के अधिकारी रहे हाकम सिंह

आईपीएस हाकम सिंह का जन्म 01 नवम्बर, 1945 को लुधियाना (पंजाब) में हुआ था। हाकम सिंह वर्ष-1969 बैच के "भारतीय पुलिस सेवा" के अधिकारी रहे हैं। इमरजेन्सी कमीशन के माध्यम से वह "भारतीय पुलिस सेवा" में चयनित होकर प्रशिक्षण के उपरान्त सहायक पुलिस अधीक्षक, मुरादाबाद के पद पर नियुक्त रहे। वर्ष 1976 में भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ समयमान वेतनमान में प्रोन्नत होने के उपरान्त सेनानायक 15वीं वाहिनी पीएसी आगरा, राज्यपाल के परिसहाय, अपर पुलिस अधीक्षक अलीगढ़, पुलिस अधीक्षक देवरिया, पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) कानपुर, सेनानायक 33वीं वाहिनी पीएसी झांसी, पुलिस अधीक्षक मथुरा, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, जालौन के पदों पर नियुक्त रहे।

इन पदों पर भी रहे तैनात

वर्ष 1986 में 'पुलिस उपमहानिरीक्षक' के पद पर प्रोन्नत होने के उपरान्त पुलिस उपमहानिरीक्षक/उप महासमादेष्टा, होमगार्डस लखनऊ, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी सेक्टर लखनऊ, पुलिस उपमहानिरीक्षक फैजाबाद परिक्षेत्र, पुलिस उपमहानिरीक्षक पीटीसी-तृतीय सीतापुर एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक एटीसी सीतापुर के पद पर नियुक्त रहे। वर्ष 1993 में "पुलिस महानिरीक्षक" के पद पर प्रोन्नत होने के उपरान्त पुलिस महानिरीक्षक / प्रधानाचार्य पीटीसी तृतीय सीतापुर, पुलिस महानिरीक्षक रेलवे इलाहाबाद, पुलिस महानिरीक्षक इलाहाबाद जोन, पुलिस महानिरीक्षक विशेष जाँच लखनऊ, पुलिस महानिरीक्षक शान्ति सुरक्षा बल लखनऊ के पदों पर नियुक्त रहे।

31 अक्टूबर 2005 को हुए थे सेवानिवृत्त

वर्ष 1998 में अपर पुलिस महानिदेशक" के पद पर प्रोन्नत होने के उपरान्त अपर पुलिस महानिदेशक रेडियो मुख्यालय लखनऊ, अपर पुलिस महानिदेशक , अधिशासी निदेशक, पुलिस आवास निगम, उ०प्र० लखनऊ, अपर पुलिस महानिदेशक, मानवाधिकार लखनऊ, अपर पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण मुख्यालय लखनऊ, अपर पुलिस महानिदेशक सीबीसीआईडी मुख्यालय लखनऊ के पदों पर नियुक्त रहे। वर्ष 2002 में "पुलिस महानिदेशक के पद पर प्रोन्नत होने के उपरान्त पुलिस महानिदेशक सीबीसीआईडी लखनऊ, पुलिस महानिदेशक, उ०प्र० एवं पुलिस महानिदेशक, प्रशिक्षण उ०प्र० के पद पर नियुक्त रहे तथा यहीं से अपनी अधिवर्षता आयु पूर्णकर 31 अक्टूबर 2005 को सेवानिवृत्त हुये। हाकम सिंह का 7 मार्च को दुःखद निधन हो गया है।

हामक सिंह अपनी सेवा के दौरान कई पदक किये हासिल

डीजीपी ने कहा कि हाकम सिंह ने सेवाकाल में पूर्ण निष्ठा व लगन से कार्य सम्पादित कर पुलिस विभाग को गौरवान्वित किया है। हाकम सिंह का लगभग 32 वर्षों से अधिक का सेवाकाल उपलब्धियों से भरा रहा है। सेवाकाल के दौरान इन्हें स्वतंत्रता दिवस वर्ष 2003 के अवसर पर "दीर्घ एवं सराहनीय सेवाओं के लिये पुलिस पदक" से सम्मानित किया गया है। हाकम सिंह अपनी उपलब्धियों के लिये सदैव हमारी स्मृति में बने रहेंगे।

सर्राफा व्यापारी की हत्या का खुलासा, तीन गिरफ्तार, मौसेरी बहन से संबंध बनाने का दबाव बनाया तो भाईयों ने उतार दिया मौत के घाट

लखनऊ। यूपी की राजधानी के चौक थानाक्षेत्र से लापता सर्राफा व्यापारी रूप नारायण सोनी की हत्या में सगे भाईयों समेत तीन आरोपितों को दुबग्गा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। ब्याज की रकम वापस न करने पाने पर सर्राफा व्यापारी द्वारा हत्यारोपितियों की मौसेरी बहन से अवैध संबंध बनाने का दबाव डाला गया था जिससे आजिज होकर आरोपितों ने व्यापारी की हत्या की थी।

दो महिला बाल अपचारी को भी सरंक्षण लिया गया

डीसीपी पश्चिम विश्वजीत विश्वकर्मा ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि सर्राफा व्यापारी रूपनारायण सोनी की हत्या में तीन आरोपित पकड़े गये है। इनमें अतरौली निवासी गोलू भाई विनय कुमार उर्फ छोटू और माल थाना क्षेत्र के रहने वाला हंसराज है। इनके पास से पांच किलो सफेद और 143 ग्राम पीली धातू बरामद की है। दो महिला बाल अपचारी को भी सरंक्षण लिया गया है।

ब्याज की रकम वापस न करने पर शारीरिक संबंध बनाने का बना रहा था दवाब

पुछताछ में अभियुक्त भाईयों ने बताया कि सर्राफा व्यापारी की चौक इलाके में पवन ज्वैलर्स नाम से दुकान है। उनकी मौसेरी बहन ने व्यापारी से ब्याज पर रकम लिया था, जिसे समय से वापस नहीं कर पा रही थी। इस पर रूपनारायण उनकी बहन को शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव बना रहा था। उसकी प्रताड़ना से परेशान होकर षडयंत्र के तहत उसकी हत्या कर दी। बाद में चाबी लेकर दुकान से जेवर चुरा लिए।

सर्राफा का शव फेंकने के लिए एंबुलेंस का किया इस्तेमाल

पुलिस ने अभियुक्तों के पास से जेवर और हत्या में इस्तेमाल किया गया ईंट बरामद कर लिया गया है। घटना का खुलासा करने वाली टीम को डीसीपी ने 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। अभियुक्तों ने बताया कि सर्राफा व्यापारी की हत्या करने के बाद शव को एम्बुलेंस में रखकर थाना क्षेत्र मड़ियांव में घैला पुल के पास फेंक दिया। ताकि किसी को पता न चल सके कि हत्या किसने की थी। अभियुक्तों के अपराधिक इतिहास के बारे में पुलिस पता लगा रही है। फिलहाल सभी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया जहां से सभी को जेल भेज दिया गया।

इथेनॉल के उत्पादन में अग्रणी राज्य बना उत्तर प्रदेश

राम आशीष गोस्वामी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का विशेष ध्यान न केवल प्रदेश की स्थित सुधारने बल्कि भविष्य के लिए मजबूत नींव तैयार करने पर भी रहा है। उनके इसी दूरगामी विजन का परिणाम है कि उन्होंने प्रदेश को बायो फ्यूल इथेनॉल के उत्पादन पर विशेष जोर दिया। शासन के 8 वर्षों के शासन काल में प्रदेश इथेनॉल के उत्पादन में देश में अग्रणी राज्य बन चुका है।

-- उत्तर प्रदेश ने इथेनॉल उत्पादन में 2 बिलियन लीटर प्रतिवर्ष की क्षमता विकसित की

वर्तमान यूपी ने इथेनॉल उत्पादन में 2 बिलियन लीटर प्रतिवर्ष की अनुमानित क्षमता विकसित कर ली है। जिसे आगामी वर्षों में 2.5 बिलियन लीटर प्रति वर्ष तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। इसके लिए जहां एक ओर प्रदेश की कई चीनी मिलों में इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि की गई है वहीं दूसरी ओर गोंडा जिले में एशिया का सबसे बड़े इथेनॉल प्लांट का विकास किया गया है। इथेनॉल उत्पादन में बढ़ोत्तरी कर ईबीपी के प्रयोग से 2070 तक प्रदेश को शुद्ध - शून्य उत्सर्जन तक पहुंचाने के साथ एकीकृत गन्ना अर्थव्यवस्था को भी 50 हजार करोड़ तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।

-- इथेनॉल के उत्पादन और ईबीपी के प्रयोग से 2070 तक शुद्ध - शून्य उत्सर्जन का लक्ष्य

इथेनॉल उत्पादन में वृद्धि के साथ जहां एक ओर प्रदेश वर्ष 2070 तक शुद्ध - शून्य उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने में तेजी से बढ़ रहा है। इसके साथ ही सीएम योगी के मार्गदर्शन में बनी बयो फ्यूल-2022 की नीति के तहत प्रदेश में एथनॉल मिश्रित ईबीपी के प्रयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रदेश की गन्ने से बनी इथेनॉल ने एकीकृत गन्ना अर्थव्यवस्था को भी 50 हजार करोड़ रुपए तक पहुंचाया है। इससे न केवल प्रदेश के गन्ना किसानों की आय में उत्तरोत्तर वृद्धि हुई है, साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी वन ट्रिलियन इकॉनमी बनने में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।

महिला की हत्या करने वाले पांच गिरफ्तार, महिला ने ऐसी कहीं बात की मार दी गोली


लखनऊ । राजधानी के साथ सैरपुर में महिला की हुई हत्या का पुलिस ने खुलासा करते हुए पांच शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया है। एक वांछित अभियुक्त अभी भी फरार है। पुलिस ने इनके कब्जे से हत्या में प्रयाग किया गया एक देशी तमंचा 315 बोर भी बरामद किया है। पूछताछ में पता चला कि अभियुक्तों द्वारा एक राय होकर योजनाबद्ध तरीके से हॉस्टल में लड़कों के साथ मारपीट करने व मारपीट करने को रोकने व पुलिस को सूचना देने की बात कहने पर महिला की गोली मारकर हत्या की गयी थी।

22 मार्च को महिला को मारी थी गोली

पुलिस उपायुक्त उत्तरी ने घटना अनावरण करते हुए बताया कि 22 मार्च की रात्रि थाना सैरपुर पुलिस को सूचना मिली कि बृजधाम कालोनी ग्राम अहलादपुर में हास्टल में लड़कों में आपस के विवाद को लेकर एक महिला को गोली मार देने की सूचना पर थाना सैरपुर पुलिस द्वारा मौके पर पुहंचकर गोली लगने से घायल महिला को इलाज के केजीएमयू भेजा गया। जहां पर महिला की मौत हो गई। 23 मार्च को श्यामजी श्रीवास्तव पुत्र स्व. कोशल श्रीवास्तव निवासी बृजधाम कालोनी अहलादपुर द्वारा लिखित तहरीर पर छह अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर घटना के अनावरण के लिए कई टीमें लगाई गई।

पुलिस ने इन अभियुक्तों को किया गिरफ्तार

सर्विलांस और सैरपुर थाने की टीम द्वारा मंगलवार को घटना का पर्दाफाश करते हुए पांच लोगों को रैथा अण्डरपास के पास से गिरफ्तार किया गया है। साथ ही एक वांछित अभियुक्त फरार है। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम कार्तिकेय दीक्षित उर्फ अंगा पुत्र शिव शंकर दीक्षित निवासी फरीदीपुर पक्काबाद थाना ठाकुरगंज, अमन गुप्ता पुत्र संजय गुप्ता निवासी ग्राम गुरनीपुर थाना खुटहन जिला जौनपुर , संदीप सिहं चौहान पुत्र राघवेन्द्र सिहं चौहान निवासी थाना परसपुर जनपद गोण्डा ,मोहित मिश्रा पुत्र नैमिष मिश्रा निवासी अहाता कप्तान हबीबपुर थाना राम कोट जिला सीतापुर , पुनीत मिश्रा पुत्र राजेश मिश्रा निवासी रानीकोठी भटगंज थाना कोतवालीनगर जिला सीतापुर है।

प्लान के तहत हाॅस्टल में मारपीट करने पहुंचे थे अभियुक्त

पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा एक स्वर में बताया कि साहब हम लोग 22 मार्च को समय करीब रात्रि 11.40 बजे रात्रि में अपने मित्र अमन गुप्ता के साथ उसके जुनियर कैफ के किराये के मकान में बने हाल में जाकर पार्टी की तथा वहीं पर शराब पी जहां पर हम लोग अकसर जाते रहते है और अमन गुप्ता व चिंगू उर्फ अजय उर्फ शिवांशु द्वारा बृजधाम कालोनी में स्थित नायक हॉस्टल में रहने वाले अरुन कुमार, अंकित व उसके दोस्त भरत को मारने का प्लान बनाया गया तथा हम लोग अपने अन्य साथी चिंगू उर्फ अजय उर्फ शिवांशु व अन्य दो चिंगू के दोस्त के साथ बृजधाम कालोनी में स्थित नायक हास्टल के पास पहुंचे।

अचानक से हाॅस्टल में घुसकर उनके द्वारा बोला गया हमला

थोड़ी दूर पर अंधेरे मे हम लोगों में से अमन गुप्ता हाथ से नायक हॉस्टल की तरफ इशारा कर वही खड़ा हो गया तथा हम लोग अपने साथी चिंगू उर्फ अजय उर्फ शिवांशु व अन्य दो चिंगू के दोस्त के साथ हास्टल में घुसकर पहले अरुन, अंकित व उनके दोस्त भरत यादव के बारे में जानकारी करते हुए हास्टल में घुसे लेकिन अरुन की जानकारी नही मिल पायी तथा अंकित मिला अंकित को मारने पीटने के बाद हम लोग ऊपर अरुन व भरत को ढूंढते हुए दूसरे मंजिल पर पहुंचे जहाँ एक लड़का मिला जिसके द्वारा विरोध करने पर हम लोग उसे मारे पीटे और मारते हुए सीढी से नीचे ला रहे थे तभी सामने वाले घर की छत पर मौजूद एक महिला व पुरुष द्वारा हमारा विरोध किया गया।

महिला ने पुलिस को सूचना देने की धमकी दी तो मार दिया गोली

महिला ने पुलिस को सूचना देने की धमकी देने लगे तथा झगड़ा रोकने के लिए ईट पत्थर फेंकने लगे जिसके बाद हम लोग हॉस्टल से बारी-बारी से निकल लिये और अंधेरे में जाकर पुनः हम लोगो में से पुनीत मिश्रा तथा चिंगू उर्फ अजय उर्फ शिवांशु मिश्रा अपने पास लिए असलहे से निशाना लगाकर छत पर विरोध कर रही महिला को गोली मार दिया । वहाँ से थोड़ी दूरी से पुनीत मिश्रा से असलहा लेकर कार्तिकेय उर्फ अंगा द्वारा भी एक फायर किया गया जिसके बाद हम लोग मौके से भाग गये थे। जिनकी बारी - बारी से तलाशी ली गयी तो अभियुक्त पुनीत उपरोक्त के पास से एक अवैध देशी तमंचा 315 बोर बरामद हुआ।पांच युवकों को उनके द्वारा किये गये अपराध से अवगत कराते हुए नियमानुसार हिरासत पुलिस लिया गया।

हाथ में तिरंगा लेकर पानी की टंकी पर चढ़ा जूनियर इंजीनियर, मचा हड़कंप, फायर ब्रिगेड की टीम ने सकुशल नीचे उतारा

लखनऊ । राजधानी के चार बाग बस स्टैंड के पास बनी पानी की टंकी पर एक जूनियर इंजीनियर चढ़ गया और बोला यहां से कूदकर वह अपनी जान दे दूंगा। इस दौरान जूनियर इंजीनियर अपने हाथ में एक तिरंगा झंडा भी ले रखा थाा। सूचना पर पुलिस व दमकल विभाग की टीम फौरन मौके पर पहुंच गई ।फायर बिग्रेड की टीम ने पहले नीचे उतरने के लिए समझाया जब नहीं माना तो हाइड्रोलिक प्लेटफार्म की मदद से उसे सकुशल नीचे उतारा। जूनियर इंजीनियर के नीचे उतरने पर पुलिस व फायर बिग्रेड कर्मियों ने राहत की सांस ली।

चार बाग बस स्टैंड के पास बनी टंकी का मामला

फायर स्टेशन हजरतगंज के कंट्रोल रूम को समय 11:03 पर सूचना प्राप्त हुई कि चारबाग बस स्टैंड के पास बनी पानी की टंकी पर एक व्यक्ति चढ़ गया है। इस सूचना पर फायर स्टेशन हजरतगंज से अग्निशमन अधिकारी रामकुमार रावत मय चालक ओंकारनाथ राव हमराह वाहन संख्या यूपी 35 जी 0174 हाइड्रोलिक प्लेटफार्म के मय स्टाफ के घटनास्थल के लिए प्रस्थान हुए। घटनास्थल पर पहुंचकर देखा गया कि चारबाग बस स्टैंड के आगे दुर्गापुरी मेट्रो स्टेशन के मध्य बनी पानी की टंकी के ऊपर एक व्यक्ति चढ़ गया था, जिसे काफी समझाया गया परंतु वह नीचे उतरने को तैयार नहीं था।

फायर ब्रिगेड कर्मियों ने कड़ी मशक्कत के बाद सकुशल नीचे उतारा

अतः हाइड्रोलिक प्लेटफार्म को एक तरफ लगाया जा रहा था, तथा दूसरी तरफ स्टाफ को चढाकर उस व्यक्ति को सकुशल जीने के माध्यम से नीचे उतार लिया गया था । उस व्यक्ति का नाम पूछा गया तो उसने अपना नाम अभय सिंह राजपूत बताया।जो कि पेयजल स्वच्छता नमामि गंगे एवं जलापूर्ति विभाग जल शक्ति उत्तर प्रदेश जनपद मऊ में जूनियर इंजीनियर (सिविल) के पद पर कार्यरत था। जो कि अपनी विभागीय समस्याओं को लेकर पानी की टंकी पर चढ़ गया था। उसे स्थानीय पुलिस को सुपुर्द कर वापस फायर स्टेशन उपस्थित हुए।

बोला- विभाग के अफसर कर रहे परेशान

नीचे उतराने के बाद फायर ब्रिगेड की टीम ने युवक को सकुशल पुलिस को सौंप दिया। पुलिस युवक को थाने लाकर पूछताछ कर रही है। युवक ने बताया कि व जूनियर इंजीनियर है, उसके सीनियर अधिकारी उसे काफी परेशान कर रहे है। इन्हीं अधिकारियों से तंग आकर सुसाइड करने जा रहा था। मौके पर लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई थी। युवक के नीचे उतने के बाद सभी ने ली राहत की सांस। पुलिस ने फाेन करके जूनियर इंजीनियर के परिजनों को सूचित कर दिया है।

लखनऊ में गला काटकर दो युवकों की निर्मम हत्या से हड़कंप, पुलिस जांच में जुटी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के काकोरी इलाके में बीती रात हुई डबल मर्डर की घटना से सनसनी फैल गई है। इस वारदात ने इलाके में हड़कंप मचा दिया है, जहां दो युवकों की गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। पुलिस ने बताया कि दोनों मृतकों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और घटना की गहराई से जांच की जा रही है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार मृतकों में एक की पहचान पंखेड़ा गांव निवासी मनोज के रूप में हुई है, जो आईटीआई का छात्र था। पुलिस ने बताया कि मनोज की हत्या धारदार हथियार से की गई और उसका गला काट दिया गया। वहीं, दूसरे मृतक की पहचान रोहित लोधी के रूप में हुई है, जो रेलवे में काम करता था। दोनों युवकों की हत्या अत्यंत निर्ममता से की गई, जिससे यह मामला और भी चौंकाने वाला बन गया है।

सीसीटीवी फुटेज की जांच जारी

पुलिस ने घटना स्थल के आसपास के सीसीटीवी फुटेज को खंगालना शुरू कर दिया है। अधिकारियों का कहना है कि फुटेज की मदद से आरोपियों का सुराग जल्द मिल सकता है। साथ ही, पुलिस ने यह भी कहा कि वे इलाके में लोगों से जानकारी जुटा रहे हैं, ताकि इस मामले में किसी भी प्रकार की अहम कड़ी प्राप्त की जा सके।

स्थानीय लोग सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे

इस जघन्य अपराध के बाद काकोरी इलाके में स्थानीय लोगों के बीच डर और आक्रोश का माहौल है। लोग पुलिस से आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। वारदात की जानकारी मिलते ही मौके पर पुलिस टीम पहुंच गई थी और मामले की जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे इस मामले को सुलझाने के लिए सभी जरूरी कदम उठा रहे हैं, और जल्द ही आरोपी कानून की गिरफ्त में होंगे।

घटना ने इलाके को दहला दिया

लखनऊ के काकोरी में हुए इस डबल मर्डर ने न सिर्फ शहर को बल्कि पूरे राज्य को हिलाकर रख दिया है। इस वारदात के बाद से स्थानीय समुदाय में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है, और पुलिस प्रशासन पर इस मामले को जल्द सुलझाने का दबाव बढ़ गया है।

प्रदेश के बीस जनपदों में सबसे ज्यादा होने वाले सड़क हादसों पर हुआ मंथन

लखनऊ । यूपी में बीस जनपद ऐसे में जहां पर सड़क दुर्घटना सबसे ज्यादा लोग जान गवां रहे है। इन जनपदों में सडक हादसों को कैसे रोका जाए। इस संबंध में डीजीपी के निर्देश पर पुलिस मुख्यालय में तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। जिसमें बीस जिलों के संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों को बुलाकर होने वाले सड़क हादसों को रोकने को लेकर मंथन किया गया। साथ ही अधिकारियों व कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने का भी काम किया गया।

इन जनपदों में सबसे अधिक हो रहे सड़क हादसे

बता दें कि प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें मृतकों की संख्या में कमी लाये जाने एवं यातायात प्रबन्धन को और अधिक बेहतर करने के लिये यातायात पुलिस तथा सड़क सुरक्षा से जुड़े विभिन्न सरकारी एवं गैर सरकारी संगठन सत्त प्रयासरत है।प्रशिक्षण कार्यशाला में विगत 5 वर्षां में घटित सड़क दुर्घटनाओं एवं उनमें मृतकों की संख्या के आधार पर चिन्हित किये गये शीर्ष 20 जनपदों (लखनऊ, कानपुर नगर, प्रयागराज, आगरा, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, गोरखपुर, बरेली, हरदोई, बुलन्दशहर, अलीगढ़, मथुरा, मेरठ, उन्नाव, सीतापुर, शाहजहॉंपुर, बाराबंकी, फिरोजाबाद, कुशीनगर एवं आजमगढ़) में से प्रत्येक जनपद से एक उपनिरीक्षक यातायात एवं एक उपनिरीक्षक नागरिक पुलिस, पीडब्लूडी से 2, यूपीडा से 1, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से 2 एवं परिवहन विभाग से 5 प्रशिक्षणार्थियों द्वारा प्रतिभाग किया गया।

अन्तराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया की दी गई जानकारी

प्रशिक्षण कार्यशाला में सड़क सुरक्षा से सम्बन्धित एजेन्सियों यथा परिवहन विभाग, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, शिक्षा विभाग, चिकित्सा विभाग, नगर विकास, यूपीडा, उपशा इत्यादि की सड़क दुर्घटना घटित होने पर भूमिकाएँ और ज़िम्मेदारी, सड़क दुर्घटनाओं से सम्बन्धित कानून यथा मोटर वाहन अधिनियम-2019, सेन्ट्रल मोटर व्हीकल रूल्स (सीएमवीआर) व भारतीय न्याय संहिता, दुर्घटनाओं के वैज्ञानिक साक्ष्य संग्रहित करना, दुर्घटना स्थल की नक्शा मौका, सड़क दुर्घटना घटित होने की की स्थिति में सड़क की स्थिति, दुर्घटनाग्रस्त वाहन व आसपास की फोटोग्राफी, राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की प्रक्रिया व उसकी उपयोगिता के बारे में बताया गया।

पहले दिन प्रशिक्षण शिविर में इन बिन्दुओं पर की गई चर्चा

प्रशिक्षण शिविर में विभिन्न देशों द्वारा प्रयोग किये जा रहे रोड साइनेजेज के सम्बन्ध मे विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी साथ ही रोड इन्जीनियरिंग से सम्बन्धित समस्याओं यथा सिग्नलिंग व साइनेजेज का सही ढंग से न लगे होना, वाहन चालकों द्वारा यातायात नियमों का पालन न करना (जेब्रा क्रासिंग का सिग्नल लाईट से आगे होना, ब्लैक स्पॉट, पशुओं का मार्गां पर आ जाना, पैदल यात्रियों का सिग्नल को अनदेखा कर सड़क को क्रास करना, रॉंग साइड ड्राइविंग, नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाने समय मोबाईल का उपयोग करना, ओवरस्पीडिंग करना, अपनी लेन में न चलना, वाहन की निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी बैठाना) के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गयी।

तीसरे दिन यातायात नियन्त्रण के साधनों के प्रति दिया गया प्रशिक्षण

गुरुवार को यातायात नियन्त्रण के साधनों जैसे, रोड साइन, रोड मांर्कंग, ट्रैफिक सिग्नल व इण्डियन रोड काग्रेंस की गाइड लाइन्स, सड़क दुर्घटना की विवचेना करने वाले विवेचकों को यातायात प्रबन्धन के साथ-साथ कानून व्यवस्था व सड़क दुर्घटनाओं की विवेचनाओं में आने वाली समस्याओं के बारे में केस स्टडी के माध्यम से विस्तृत जानकारी, मोटर व्हीकल ड्राइविंग रेगुलेशन-2017 के सभी 42 नियमों का वर्णन एवं फोरेंसिंक साइंस के द्वारा साक्ष्य संकलन में प्रयोग होने वाले उपकरणों एवं संसाधनों एवं स्कूल के बच्चों को लाने व ले जाने वाले एवं अन्य वाहनों की फिटनेस की जॉंच निर्धारित मानकों के अन्तर्गत किये जाने इत्यादि के बारे जानकारी/प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

दूसरे दिन वाहनों लगने वाली बत्ती व हूटर पर हुई चर्चा

शुक्रवार को यातायात नियन्त्रण में (वाहनों में लाल बत्ती, नीली बत्ती, हूटर,सायरन पार्टी झण्डे, हेलमेट सीटबेल्ट न पहनने, मोटर यान अधिनियम-1989 के नियम-100 के अन्तर्गत मोटर वाहनों में ब्लैक फिल्म लगी होने के कारण, व्हील क्लैम्प ब्रेथ एनालाइजर स्पीड रडार विद् प्रिन्टर,स्पीड राडार विद् प्रिन्टर एवं वीडियो कैमरा खतरनाक अन्धे मोड़ एवं दुर्घटना बाहुल्य स्थलो पर लगाये गये संकेतक बोर्डो के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गयी। पैदल यात्रियों का सिग्नल को अनदेखा कर सड़क को क्रास करना, रॉग साइड ड्राइविंग, नशे की हालत में वाहन चलाना, वाहन चलाने समय मोबाईल का उपयोग करना, ओवरस्पीडिंग करना, अपनी लेन मे न चलना, वाहन की निर्धारित क्षमता से अधिक सवारी बैठाना) के सम्बन्ध में विस्तार से चर्चा की गयी।

सड़क चिन्हों , रोड मार्किंग और ट्रैफिक लाइट के बारे में छात्राओं को कराया अवगत

पुलिस उपायुक्त यातायात के निर्देशन में नव युग कन्या महाविद्यालय लखनऊ की छात्र छात्राओं के लिए, NSS कैंप हेतु रामलीला मैदान ऐशबाग़ मे राष्ट्रीय सेवा योजना के 7 दिवसीय शिविर के तीसरे दिन जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में टी एस आई निशातगंज रघुराज सिंह ,यातायात प्रशिक्षण पार्क से मुख्य प्रशिक्षक सुमित मिश्रा उपस्थित हुए।

कार्यक्रम में करीब सौ छात्राओं ने लिया भाग

रघुराज सिंह, का. उमेश यादव और सुमित मिश्रा ने यातायात नियमों की जानकारी देते हुए सड़क चिन्हों, रोड मार्किंग, ट्रैफिक लाइट, वाहन सम्बन्धी दस्तावेजों की जानकारी दी तथा प्राथमिक चिकित्सा, गुड समेरिटन कानून के प्रति जागरूक किया।कार्यक्रम का आयोजन कार्यक्रम अधिकारी डॉ मनीषा,डॉ श्वेता उपाध्याय, डॉ चन्दन मौर्या और डॉ ऐश्वर्या सिंह के निर्देशन में हुआ जिसमें लगभग 100 छात्राओं ने भाग लिया।

स्कूलों में यातायात को लेकर फैलाई जा रही जागरूकता

बता दें कि यातायात विभाग द्वारा लगातार स्कूलों में शिविर लगाकर छात्र-छात्राओं को जागरूक करने का काम किया जा रहा है। चूंकि यातायात नियमों के प्रति जागरूकता न होने के कारण ज्यादातर हादसे हो रहे है। शिविर के दौरान छात्राओं से अपील की गई कि उन्हें यातायात नियमों की जो जानकारी दी गई है। उसे बारे में अपने परिजनों को बताएं ताकि वह भी जागरूक हो सके।

*सिविल अस्पताल की लापरवाही: इमरजेंसी वार्ड के सामने बेहोश पड़ी रही महिला, नहीं मिला इलाज*

लखनऊ। मुख्यमंत्री आवास से मात्र 500 मीटर दूर स्थित श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के स्वास्थ कर्मियों की संवेदनहीनता उस समय देखने को मिली जब हॉस्पिटल के इमरजेंसी वार्ड के सामने घंटों से बेहोश पड़ी महिला जिंदगी मौत से संघर्ष करती रही और गार्ड, वार्डबॉय से लेकर डॉक्टर तक को जानकारी दी गई लेकिन उसे देखने तक कोई नहीं आया।

राजधानी लखनऊ के हजरतगंज जैसे वीवीआईपी इलाके में स्थित सिविल अस्पताल जिसके एक तरफ मुख्यमंत्री का आवास है तो दूसरी तरफ लोकभवन, सचिवालय, विधानसभा आदि है। लेकिन इस हॉस्पिटल के स्वास्थ्य कर्मियों की ऐसी मनमानी है कि मरीजों का कोई पुरसाहाल नहीं है । यहां के सीएमएस की शिथिलता और लापरवाही के चलते सभी स्वास्थ्य कर्मी पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं। शुक्रवार को दिन में लगभग तीन बजे एक महिला रैन बसेरा में बेहोश हो गई जिसे कुछ लोगों ने निकाल कर रेनबसेरा से बाहर कर दिया। बेहोशी की हालत में वह जमीन पर पड़ी रही। इसकी सूचना तत्काल मौके पर तैनात गार्ड को दिया गया, इसके बाद इमरजेंसी में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टर को भी दिया गया लेकिन इन लोगों की जरा सी भी संवेदना नहीं जगी और वह घंटों बेहोशी की हालत में ही पड़ी रही। कई बार कहने के बाद भी उसे भर्ती नहीं किया गया। ऐसे में सवाल उठता है कि धरती के भगवान कहे जाने वाले स्वास्थ कर्मियों की संवेदना आखिर कहां मर गई।

सिविल अस्पताल की लापरवाही का यह कोई पहला मौका नहीं है बल्कि आए दिन ऐसी घटनाएं देखने को मिलती है और इसकी आवाज भी कुछ लोग उठाते हैं लेकिन उन लोगों की आवाज हमेशा नक्कारखाने में तूती की तरह दब कर दम तोड़ देती है जिससे अस्पताल कर्मियों का हौसला बुलंद बना हुआ है। सूत्रों की मानें तो यहां पर तैनात सीएमएस के साथ ही वर्षों से जमे कुछ और डॉक्टरों के संबंध कई बड़े राजनेताओं और अफसरों और दलालों से हैं जिसके चलते ही यहां इन लोगों के ऊपर कोई असर नहीं पड़ता है।

सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह से लापरवाही बरतने पर राजधानी स्थित आलमबाग कोतवाली के सात पुलिस कर्मियों जिस तरह से निलंबित किया है क्या सिविल अस्पताल के ऐसे लापरवाह कर्मियों पर भी कोई कार्रवाई की जाएगी।

मलिहाबाद में महिला की हत्या से खुली सुरक्षा की पोल, आटो में चीखती रही महिला और सोती रही पुलिस

लखनऊ । योगी सरकार बहन-बेटियों की सुरक्षा को लेकर भले ही गंभीर हो लेकिन यूपी पुलिस का रवैया में कोई खास बदलाव नहीं हैं। इसी का परिणाम है कि राजधानी लखनऊ में आज भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है। इसका जीता जागता प्रमाण मलिहाबाद की घटना है। वाराणसी से इन्टरव्यू देकर लखनऊ आलमबाग बस स्टेशन पर उतरी महिला को आटो चालक बैठाया और उसे चिनहट ले जाने के बजाय गुमराह करके मलिहाबाद पहुंचा, जहां पर उसकी हत्या करने के बाद गहने व मोबाइल लेकर फरार हो गया है। आटो चालक महिला को लेकर पांच थाना क्षेत्र को पार कर दिया, महिला अपनी जान व इज्जत बचाने के लिए चीखती और चिल्लाती रही और रात में सड़कों पर गश्त करने वाली पुलिस सोती रही। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राजधानी की पुलिस महिला सुरक्षा को लेकर कितना गंभीर है।

वाराणसी इन्टरव्यूट देकर लखनऊ देर रात लौटीं थी महिला

जानकारी के लिए बता दें कि अयोध्या के रौनाई निवासी 34 वर्षीय महिला बीएड किया था। उसे नौकरी की तलाश थी। इसी के तहत रविवार को इंटरव्यू देने के लिए वाराणसी गई। सोमवार को अपनी सहेली के रूकने के बाद मंगलवार को इंटरव्यू दिया। इसके बाद वह अपने घर अयोध्या जाने के लिए बस अड्डे पर पहुंची। वहां से सीधी बस अयोध्या के लिए न मिलने के कारण अपनी भाई को फोन करके बताया कि वह लखनऊ आ रही है। रात करीब डेढ़ बजे महिला रोडवेज बस से अालमबाग बस अड्डे पर पहुंची। वहां से चिनहट जाने के लिए महिला ने आटो बुक करके अपनी भाभी को काल किया किया आधे घंटे में पहुंच जाएगी।

बात करते-करते बंद हो गई महिला की आवाज

आधा घंटा गुजरने के बाद जब वह घर नहीं पहुंचीं तो उन्होंने रात 2:35 बजे कॉल की। बहन ने बताया कि ऑटो चालक दूसरे रास्ते से जा रहा है। बता रहा है कि मेट्रो का काम चल रहा है। उन्होंने चालक से बहन के फोन से बात की। उसने बताया कि रास्ता खराब है। इसलिए दूसरे रास्ते से आ रहा है। कुछ देर बाद बहन का फोन ऑफ हो गया। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम पर बहन के लापता होने की सूचना दी। इसी बीच पुलिस जब तक उसके पास पहुंची तब तक उसकी मौत हो चुकी थी। महिला का शव मलिहाबाद के मोहम्मद नगर तालुकेदारी बंडा खेड़ा गांव के साधन सहकारी समिति के सामने सौ मीटर दूर आम के बाग में बुधवार की तड़के 3 बजकर 35 मिनट पर मिला।

अनहोनी की आशंका पर महिला ने भाभी को भेजी लोकेशन

अनहोनी का आभास होने पर महिला ने अपने भाई और भाभी को मंगलवार रात ऑटो से गूगल लोकेशन भेजी थी। भाई ने आलमबाग पुलिस को सूचना दी और गूगल लोकेशन भी शेयर की। पीआरवी को भी सूचना दी थी। गूगल लोकेशन मलिहाबाद की थी। आलमबाग कोतवाली के पुलिसकर्मियों ने महिला को तलाशने के बजाय, उसके भाई को मलिहाबाद कोतवाली जाने की सलाह दी थी। परिवारीजनों का आरोप है कि पुलिस तुरंत तलाश करती तो महिला की जान बच सकती थी।क्योंकि महिला ने अपने भाई को लोकेशन 2 बजकर 35 मिनट पर भेजी और महिला का शव पुलिस को बुधवार तड़के तीन बजेकर 35 मिनट पर मिला।

पुलिस नहीं दिखाई गंभीरता

ऐसे में सवाल उठता है कि अगर पुलिस तुरंत सक्रिय होकर चाराे तरफ से लोकेशन के आधार का कांबिंग शुरू कर देती तो आॅटो चालक घटना को अंजाम भी नहीं दे पाया और आसानी से पकड़ा जा सकता था। अब सवाल उठता है कि आटो में बैठने के बाद महिला अपने परिजनों से चालक की बात भी कराई और लोकेशन भी भेज दी। इसके बाद भी आटो चालक और उसके साथियों को तनिक भी खौफ नहीं रहा कि वह पकड़े जा सकते है। ऐसे में सवाल उठता है कि कहीं महिला से किसी की कोई रंजिश तो नहीं थी। पुलिस की जांच इन बिन्दुओं भी चल रही है।

पांच कोतवाली व आठ चौकी चौकी की सीमाओं से होकर गुजरा आटो चालक

पांच कोतवाली और आठ चौकी की सीमाओं से गुजरा लेकिन कहीं पर भी पुलिस ने रात में उसे रोका और टोका तक नहीं। जबकि महिला अपनी जान व इज्जत बचाने की गुहार लगाते हुए रोती व चिल्लाती रही और पुलिस सोती रही। महिला के भाई के फोन करने पर डायल 112 हरकत में जरूर आयी लेकिन वह भी तब पहुंची जब बहुत देर हो चुकी थी। पुलिस पहुंची तो मलिहाबाद के एक बाग में महिला का शव पड़ा हुआ था। कपड़े अस्त- व्यस्त थे और शरीर पर चोट के निशान मिले। महिला के शरीर से गहने व मोबाइल गायब मिले।

दुष्कर्म की जताई जा रही आशंका

डुपट्टे से महिला की गला दबाकर हत्या कर दी गई थी। दुष्कर्म की आंशका जताई जा रही है।जिस ऑटो पर महिला सवार होकर वहां तक पहुंची उसका कोई नंबर नहीं था। सीसीटीवी फुटेज में जो आटो सामने आया है उसमें चालक के अलावा अन्य दो लोग भी बैठे दिखाई दिये। इस प्रकार से कहा जाए तो महिला का किडनैप एक सोची समझी साजिश के तहत किया गया। किडनैप करने वाले अपने मंसूबे में सफल भी रहे क्योंकि रात में गश्त करनी वाली पुलिस सोती रही।

सीसीटीवी में सफेद रंग की आटो कैद, पुलिस जांच में जुटीं

डीसीपी क्राइम व मीडिया सेल प्रभारी कमलेश दीक्षित ने बताया कि सीसीटीवी में एक सफेद रंग की आटो कैद हो गई है। आॅटो के जाने और आने वाले रूट पर लगे करीब तीन से चार सौ सीसीटीवी कैमरों को खंगाला जा रहा है। कई जगह पर आटो कैमरे में कैद हुआ है। आटो जाते समय और आते समय बहुत तेजी में दिखाई दिया। उसकी गिरफ्तारी के लिए तीन जोन की स्पेशल टीम को लगाया गया है। आटो चालक के बारे में अन्य आटो चालकों से पुलिस फुटेज सामने आने के बाद लगातार पूछताछ कर रही है।

सीसीटीवी में आते दिखाई दिया आटो चालक

आटो चालक ने जिस प्रकार से मलिहाबाद जाने के लिए सीधे ने जाकर लिंक रोड का इस्तेमाल किया है। उससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वह घटना स्थल के आसपास का ही होगा। डीसीपी ने बताया कि कसमंडी चौकी से महज पांच सौ मीटर दूरी पर एक अस्पताल है। अस्पताल के सीसीटीवी कैमरे में आटो 2 बजकर सात मिनट पर महिला को ले जाते दिखा और उसके बाद तीन बजकर 24 मिनट पर आते हुए दिखाई दिया। आटो के पीछे के तरफ का परदा फटा हुआ था। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि महिला ने अपने अापको बचाने के लिए संघर्ष किया हो।

इन पुलिस कर्मियों पर गिरी गाज

इस पूरे मामले में प्रारंभिक जांच में सात पुलिसकर्मी दोषी पाये गये। जिसे देखते हुए पुलिस कमिश्नर अमरेंद्र सेगर ने आलमबाग कोतवाली प्रभारी इंस्पेक्टर कपित गौतम, आलमबाग बस स्टैंड चौकी प्रभारी एसआई राम बहादुर, आलमबाग कोतवाली के नाइट अफसर कमरुज्मा, नाइट ड्यूटी पर तैनात हेड कॉन्स्टेबल राजेश कुमार व विजय पाल और मलिहाबाद की पीआरवी-4821 के कमांडर एसआई शिवनंदन सिंह व हेड कॉन्स्टेबल पंकज यादव को सस्पेंड कर दिया है। मॉनिटरिंग सेल के प्रभारी इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र को आलमबाग कोतवाली का नया प्रभारी बनाया गया है। साथ ही चालक होमगार्ड शुकर अली के खिलाफ कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को पत्र लिखा गया है।

घटना के 48 घंटे बाद पुलिस की पकड़ से आटो चालक दूर

ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे लगाए गये है। इसके पीछे यहीं मंशा है कि कोई अपराधी अपराध करके भागकर निकल न पाये। इसके बाद भी अपराधी अपराध करके निकल जा रहे और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लग पा रही है। अब पुलिस की सक्रियता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महिला की हत्या के मामले में आटो चालक सीसीटीवी में कैद हो गया है। इसके बाद भी पुलिस की पकड़ से आटो चालक दूर है। पुलिस इस बारे में कुछ बताने के बजाय सिर्फ दावा कर रही है कि जल्द ही आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस की कई टीम अलग-अलग बिंदुओं पर काम कर रही है।

आटो व ई रिक्शा चालकों का सत्यापन भूली पुलिस

शहर में बढ़ते अपराध को देखते हुए जेसीपी लाॅ एंड आर्डर उपेद्र अग्रवाल ने आटो व ई रिक्शा चालकों के सत्यापन के लिए एक अभियान चलाया था। चूंकि राजधानी में रिक्शा और आटो की भरमार होने से जाम के साथ- साथ कानून व्यवस्था काे भी खतरा उत्पन्न होने लगा। चूंकि कई घटनाओं में देखा गया कि आटो चालक सवारी को बैठाने के बाद उन्हें ही लूट लिया। या फिर अपराध की घटना को कारित करने में इसका इस्तेमाल किया गया। इसी को देखते हुए जेसीपी लॉ ने निर्देश जारी किया कि थानावार आटो व ई रिक्शा चालकों का सत्यापन कराया जाए।

शांति व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न हो गए आटो व ई रिक्शा चालक

ई रिक्शा व आटो चलाने वाले का नाम व उसके मालिक का नाम एक फार्मर पर भरवाकर थाने में जमा कराया जाए। इसका पालन ने करने वाले आटो व ई रिक्शा चालकों व उनके मालिकों पर कार्रवाई की जाए लेकिन यह अभियान जैसे ही कुछ दिन चला वैसे ही उपेंद्र अग्रवाल का तबादला हो गया। उनके जाने के बाद से इस अभियान की तरफ आने वाले अधिकारियों द्वारा ध्यान ही नहीं दिया गया। इसी का परिणाम है कि एक बार भी आटो व ई रिक्शा चालक शहर की कानून व्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न हो गए है।