फर्जी कंपनी वेबसाइट बना रेलवे में भर्ती के नाम पर ठगे 1.84 करोड़

सोनपुर
फर्जी बहाली मामले के दो पीड़ितों ने 26 लोगों से पैसे वसूलने की बात कबूली
रेलवे में फर्जी नौकरी दिलाने के मामले में गुरुवार को चौंकाने वाला मामला सामने आया। फर्जी नौकरी दिलाने के मामले के दो पीड़ितों ने 26 लोगों से लगभग 1.84 करोड़ रुपये वसूल कर इसके सरगना को देने की बात कबूली है। छपरा सीजीएम कोर्ट और सोनपुर जीआरपी के समक्ष फर्जी कम्पनी व वेबसाइट बना कर रेलवे की नौकरी देने वाले इस गिरोह के बारे में यूपी के दोनों पीड़ितों ने कई खुलासे किए हैं।
इस घटनाक्रम के बाद फर्जी नौकरी दिलाने वाले गिरोह का धीरे- धीरे परत दर परत मामला सामने आ रहा है।
क्या है घटनाक्रम
फर्जी आईडी के साथ अवतारनगर स्टेशन पर बुकिंग क्लर्क के रूप में प्रशक्षिण ले रहे तीन लोगों को सबसे पहले पकड़ा गया था। इनसे मिली जानकारी के आधार पर जांच शुरू हुई तो सोनपुर में तैनात एक रसोइये की संलिप्तता का पता चला। इस मामले में संलिप्त सोनपुर के तत्कालीन एडीआरएम के रसोइया को जीआरपी ने गिरफ्तार कर छपरा जेल भेज दिया। इस गिरफ्तारी के बाद रसोइये की निशानदेही पर हाजीपुर में बंद दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया और तब कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आते गए। मोतिहारी में आरपीएफ का फर्जी ट्रेनिंग सेंटर समेत कई कागजात व हथियार बरामद किए गए।
नौकरी दिलाने के नाम पर वसूले गए रूपया कई राज्यों के कंपनियों में जमा कराए थे
इस मामले में यूपी के अंबेदकर नगर के रहने वाले अरविन्द कुमार और वही के कोशांबी के अविनाश कुमार ने बताया कि रेलवे में बुकिंग क्लर्क, टीटीई, ट्रैक मैन, आरपीएफ, एफसीआई आदि विभागों में नौकरी दिलाने के लिए उनलोगों ने अपने 26 रिश्तेदारों, परिचितों और ग्रामीणों से 1.84 करोड़ रुपये वसूल कर हाजीपुर जेल में बंद मुख्य साजिशकर्ता पश्चिम चंपारण के दीपक तिवारी के माध्यम से गुजरात के राजकोट की चैंपियन सॉफ्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता की साई इंटरप्राईजेज कंपनी, मुजफ्फरपुर की ट्रेजरी ऑफिस आरओ की कंपनी में रुपये जमा कराए हैं।
फर्जी ढंग से बहाल कर्मचारियों को वेतन राजेन्द्र तिवारी की कंपनी देती थी
इस कंपनी का प्रॉपराइटर राजेन्द्र तिवारी पहले लिट्टी चोखा की दुकान चलाता था। इन कंपनियों का एकाउंट नंबर दीपक तिवारी ने दिया था। इस कंपनी के माध्यम से ही रेलवे में फर्जी ढंग से बहाल कर्मचारियों को वेतन दिए जाते थे। गुजरात के राजकोट की चैंपियन सॉफ्ट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड का 55 लाख रुपये, कोलकाता की साई इंटरप्राईजेज कंपनी को 05 लाख रुपये, दीपक तिवारी के खाते के 10 लाख रुपये तत्काल फ्रीज किए गए हैं।
विज्ञप्ति भी निकालते थे
रेल डीएसपी ने बताया कि फर्जीवाड़ा करने वालों की सम्पत्ति जब्त करने के लिए पुलिस मुख्यालय को भेजा गया है। फर्जी बहाली की जांच आर्थिक अपराध इकाई ने भी शुरू कर दी है। रेलवे की फर्जी बेवसाइट बना कर विज्ञप्ति निकाली जाती थी।
छात्र नेता का नाम आ चुका है सामने
फर्जी बहाली के मामले में हाजीपुर जेल में बंद दो आरोपितों पूर्वी चंपारण जिले के डुमरिया घाट थाने के सेमुआपुर निवासी दीपक तिवारी और पूर्वी चंपारण जिले के ही कोड़वा थाने के अमवा गांव के रहने वाले सक्षम श्रीवास्तव ने पीड़तों के बयान से पूर्व मोतिहारी के एक राजनीतिक से जुड़े छात्र नेता और आंध्र प्रदेश के मंत्री की एक करीबी महिला के नाम का भी खुलासा किया था।
पकड़े गये आरोपितों के पास से ये सामान मिले थे
पकड़े गए दोनों लोगों के पास से दस्तावेज, डिजिटल साक्ष्य के अलावा एक पिस्टल, दो मैगजीन और 14 कारतूस को भी जब्त किया गया था। मोतिहारी के एक छात्र नेता को नोटिस भेज कर 22 मार्च को जीआरपी थाने पर बुलाया गया है।
Mar 10 2025, 13:20