तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ, अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी नहीं सुनी गुहार
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मुंबई आतंकवादी हमले के आरोपी आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तहव्वुर की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उसने भारत प्रत्यर्पण के फैसले पर रोक लगाने की मांग की थी। राणा ने अपनी अर्जी में कहा था कि पाकिस्तानी मूल का मुस्लिम होने के कारण भारत में उसे यातना दी जाएगी।
तहव्वुर राणा को अमेरिकी सरकार ने भारत को सौंपने का फैसला लिया है। राणा इस फैसले रोक के लिए अदालत से स्टे चाहता था। तहव्वुर राणा ने भारत प्रत्यर्पित किए जाने से बचने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उसने अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि उसके प्रत्यर्पण पर इमरजेंसी स्टे लगा दिया जाए। तहव्वुर ने कहा था कि अगर मुझे भारत प्रत्यर्पित किया गया तो मुझे प्रताड़ित किया जाएगा और मैं वहां ज्यादा दिनों तक जिंदा नहीं रह पाऊंगा।
आतंकवादी तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में अपने बिगड़ते स्वास्थ्य का भी हवाला दिया है। उसने दावा किया है कि उसे कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हैं। उसके पेट में बीमारी है, जिसके फटने का खतरा है। इसके साथ ही उसने बताया है कि उसे पार्किंसंस नाम की बीमारी है, जिसकी वजह से वो चीजों को भूल जाता है। इसके अलावा उसने कहा है कि उसे कुछ ऐसे संकेत मिले हैं, कि उसके मूत्राशय में कैंसर होने का खतरा है। तहव्वुर राणा ने अपनी याचिका में आगे कहा है कि "उसे उस देश में नहीं भेजा जा सकता है, जहां उसे उसकी राष्ट्रीयता, उसके धर्म, उसकी संस्कृति और उसके मूल देश (पाकिस्तान) से दुश्मनी की वजह से उसे निशाना बनाया जाएगा।
राणा की याचिका खारिज होने के बाद अब उसके भारत प्रत्यर्पण का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि अभी उसकी वापसी की तारीख निश्चित नहीं है। उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही वह भारत आ सकता है। भारत सरकार लंबे समय से राणा के प्रत्यर्पण की मांग कर रही थी। भारत आने के बाद उस पर मुकदमा चलाया जाएगा।
अमेरिकी यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता में बोलते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एलान किया था कि मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मेरे प्रशासन ने दुनिया के सबसे बुरे लोगों और मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ताओं में से एक को भारत में न्यायिक प्रक्रिया का सामना करने के लिए प्रत्यर्पित करने को मंजूरी दे दी है। इसलिए भारत वापस जा रहा है।
26 नवंबर 2008 को 10 पाकिस्तानी आतंकियों के एक समूह ने अरब सागर में समुद्री मार्ग के जरिए भारत की वित्तीय राजधानी में घुसने के बाद एक रेलवे स्टेशन, दो होटलों और एक यहूदी केंद्र पर हमला किया था। लगभग 60 घंटे तक चले इस हमले में 166 लोग मारे गए थे, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। हमले के बाद आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ लिया गया था। नवंबर 2012 में अजमल आमिर कसाब को पुणे की यरवदा जेल में फांसी पर लटका दिया गया था।
Mar 07 2025, 11:30